प्यासी शादीशुदा महिला की चुदाई

ये कहानी है मिथुन की, एक ऐसे नौजवान की जो अपने गाँव से सपनों की नगरी मुम्बई में अपने ख्वाब पूरे करने आया था। बचपन से टीवी और अखबारों में मुम्बई की चमक-दमक देखकर उसका दिल मचलता था। वो सोचता, क्या कभी इस महानगरी की सड़कों पर चल पाऊँगा? क्या कभी इन ऊँची इमारतों को करीब से देख पाऊँगा? और जब वो दिन आया, जब उसके पैरों ने मुम्बई की जमीन को छुआ, तो उसका दिल खुशी से झूम उठा। लेकिन ये कहानी सिर्फ उसके सपनों की नहीं, बल्कि एक ऐसी औरत की भी है, जिसने उसकी जिंदगी में आग लगा दी। Shadishuda ki chudai

मिथुन को मुम्बई बुलाया था उसके पुराने दोस्त रामप्रवेश ने, जो यहाँ एक कंपनी में काम करता था। शुरू के दो दिन मिथुन रामप्रवेश के साथ उसके छोटे से कमरे में रहा। दोनों रात भर बातें करते, मुम्बई की जिंदगी, यहाँ की रफ्तार, और काम की तलाश के बारे में। तीसरे दिन रामप्रवेश उसे एक शोरूम पर ले गया, जहाँ टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, पंखे, कूलर जैसी इलेक्ट्रॉनिक चीजें बिकती थीं। शोरूम का मालिक जीतेंद्र, रामप्रवेश का पुराना यार था। Cheating wife

रामप्रवेश ने जीतेंद्र से मिथुन की सिफारिश की। जीतेंद्र ने बताया कि उसे शोरूम के लिए एक भरोसेमंद वर्कर चाहिए, लेकिन ऐसा कोई मिल नहीं रहा। रामप्रवेश ने मिथुन की गारंटी ली और कहा, “ये लड़का मेहनती है, इसे रख लो।” जीतेंद्र मान गया। मिथुन की मासिक तनख्वाह फिक्स हुई, और उसे रहने के लिए शोरूम के पीछे एक छोटा सा कमरा भी मिल गया। अब मिथुन की जिंदगी एक रास्ते पर आ गई थी। सुबह उठता, तैयार होता, शोरूम जाता, और शाम को अपने कमरे में लौट आता।

काम शुरू किए हुए अभी एक हफ्ता ही हुआ था कि एक दिन शोरूम में एक औरत आई। उसका नाम था शर्मीला। उम्र कोई 30-32 साल की होगी। उसने पंजाबी सूट पहना था, बाल खुले थे, काला चश्मा लगाया था, और कंधे पर एक पर्स टांगा था। वो अपनी स्कूटी पर सवार होकर आई थी। उसकी चाल में एक अजीब सा आत्मविश्वास था, जैसे वो हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचना चाहती हो। मिथुन उस वक्त काउंटर पर अकेला था, बिके हुए माल का हिसाब-किताब जोड़ रहा था।

शर्मीला ने आते ही नमस्ते कहा। मिथुन ने भी जवाब में नमस्ते बोला। वो शायद शोरूम की पुरानी ग्राहक थी, क्योंकि उसने सीधे जीतेंद्र के बारे में पूछा। मिथुन ने बताया, “मालिक अभी घर गए हैं, किसी काम से। बस रास्ते में होंगे।” शर्मीला ने कहा कि उसे एक अच्छी क्वालिटी का फ्रिज चाहिए। मिथुन ने उसे कुर्सी पर बिठाया, चाय-पानी का इंतजाम किया, और सैंपल के तौर पर रखे फ्रिज दिखाए।

शर्मीला ने और रंगों में फ्रिज देखने की बात कही। मिथुन ने समझाया, “मैडम, ये सिर्फ सैंपल पीस है। अगर और देखना है तो आपको मेरे साथ गोदाम चलना पड़ेगा।” शर्मीला ने तुरंत हामी भरी, “ठीक है, चलो, शायद वहाँ कोई पसंद आ जाए।” दोनों शोरूम से बाहर निकले। मिथुन ने शोरूम का शीशे वाला गेट बाहर से लॉक किया और बगल वाली दुकान, जो गोदाम था, का शटर खोला।

शर्मीला आगे-आगे चल रही थी। गोदाम में घुसते ही मिथुन ने शटर नीचे कर दिया, जिससे अंदर घना अंधेरा छा गया। लाइट जलाने के लिए मिथुन ने स्विच की ओर हाथ बढ़ाया, लेकिन अंधेरे में उसका हाथ गलती से शर्मीला के सीने पर लग गया। उसका दायाँ मम्मा मिथुन की मुट्ठी में आ गया। वो इतना नरम और भरा हुआ था कि मिथुन के तन-बदन में सिहरन दौड़ गई। उसे मजा तो बहुत आया, लेकिन उसने तुरंत लाइट जलाई और माफी मांगी, “सॉरी मैडम, जानबूझकर नहीं हुआ। अंधेरे की वजह से…” शर्मीला ने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा, “इट्स ओके।” उसकी आवाज में एक अजीब सी शरारत थी।

गोदाम में मिथुन ने शर्मीला को उसका मनपसंद रंग का फ्रिज दिखाया, उसकी खूबियाँ बताईं। शर्मीला को वो पसंद आ गया। उसने वो फ्रिज सिलेक्ट किया और शोरूम में वापस आ गई। वहाँ उसने आधे पैसे जमा किए, बाकी डिलीवरी के बाद देने की बात कही, और अपना घर का पता देकर चली गई।

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अगले दिन मिथुन शोरूम के वाहन में फ्रिज लादकर शर्मीला के घर पहुँचा। जाने से पहले उसने शर्मीला को फोन किया, “मैडम, मैं फ्रिज लेकर निकल रहा हूँ। आप घर पर रहें।” शर्मीला ने जवाब दिया, “मैं बाजार में हूँ, 10 मिनट में पहुँच रही हूँ।” मिथुन जब उसके घर पहुँचा, तो शर्मीला पहले से वहाँ मौजूद थी। उसे देखकर उसने हल्की सी मुस्कान दी और पास आकर बोली, “अकेले क्यों आए? कोई लेबर वाला लड़का साथ ले आते। अब ये भारी फ्रिज हम दोनों कैसे उतारेंगे?”

मिथुन ने कहा, “मैडम, आज लेबर वाले छुट्टी पर हैं। आप आस-पड़ोस से किसी को बुला लें।” शर्मीला ने मना किया, “नहीं, हम यहाँ नए हैं। किसी से जान-पहचान नहीं। चलो, हम दोनों ही उतार लेते हैं।” दोनों ने मिलकर बड़ी सावधानी से फ्रिज वाहन से उतारा और किचन में रखकर चालू किया। फिर शर्मीला ने मिथुन को गेस्ट रूम में ले जाकर कुर्सी पर बैठने का इशारा किया।

शर्मीला ने एक जग पानी फ्रिज में ठंडा होने के लिए रखा और मिथुन के लिए वॉटर कूलर से ठंडा पानी लाई। मिथुन ने पानी पिया। इतने में शर्मीला गैस पर दो कप चाय चढ़ाने गई। चाय बनाकर वो मिथुन के पास बैठ गई और बातें शुरू हो गईं। शर्मीला ने मिथुन से उसके बारे में पूछा। मिथुन ने बताया कि वो गाँव से है, पढ़ाई पूरी की और अब मुम्बई में काम की तलाश में आया है। फिर मिथुन ने शर्मीला से पूछा, “आपके बारे में बताइए?”

शर्मीला ने बताया कि वो अपने पति और तीन साल के बेटे के साथ रहती है। उसका पति एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है, सुबह 8 बजे जाता है और रात 9 बजे के बाद लौटता है। कई बार तो 2-3 दिन घर ही नहीं आता। अभी भी वो एक हफ्ते से घर नहीं आया। मिथुन ने पूछा, “आपका बेटा कहाँ है?” शर्मीला ने पालने की ओर इशारा करते हुए कहा, “वो सो रहा है।”

मिथुन ने शरारत भरे लहजे में पूछा, “मैडम, अकेले घर में आपका दिल कैसे लगता है?” शर्मीला ने ठंडी साँस भरते हुए कहा, “क्या बताऊँ मिथुन जी, कभी मोबाइल, कभी टीवी… बस ऐसे ही वक्त कटता है।” मिथुन ने हँसते हुए पूछा, “टीवी में तो फिल्में, सीरियल आते हैं, लेकिन मोबाइल में क्या?” शर्मीला ने हिचकिचाते हुए कहा, “नेट पर कुछ साइट्स देखती हूँ और…” वो रुक गई।

मिथुन ने जिज्ञासा से पूछा, “और मतलब?” शर्मीला हँस पड़ी, “कुछ नहीं!” मिथुन ने पीछे पड़ते हुए कहा, “बताओ ना, क्या?” शर्मीला ने शर्माते हुए कहा, “मुझे शरम आती है। पहले तुम बताओ, तुम नेट पर क्या करते हो?” मिथुन ने बिंदास बोला, “मैं तो फेसबुक, व्हाट्सएप चलाता हूँ, और हाँ, कभी-कभी सेक्सी कहानियाँ पढ़ता हूँ।”

ये सुनकर शर्मीला की हँसी छूट गई। वो बोली, “सेम टू मी!” मिथुन ने चौंकते हुए पूछा, “मतलब आप भी?” शर्मीला ने तपाक से कहा, “क्यों, सिर्फ मर्दों को ही मजा आता है? हम औरतों की कोई फीलिंग्स नहीं होतीं?” मिथुन ने सफाई दी, “नहीं, मैंने तो ऐसा कुछ नहीं कहा।” शर्मीला ने उदास लहजे में कहा, “सोचो, जिसका पति 2-3 दिन पास न हो, वो अपना मन कैसे बहलाए?”

मिथुन ने शरारत से कहा, “आगे से जब दिल न लगे, मुझे बुला लेना।” शर्मीला ने हँसते हुए पूछा, “वो क्यों?” मिथुन बोला, “आपका दिल बहला दूँगा, थोड़ा हँसी-मजाक करके।” शर्मीला ने चुनौती भरे अंदाज में कहा, “देखो, अपनी बात से मुकरना नहीं।” मिथुन ने तुरंत जवाब दिया, “नहीं मुकरूँगा, बस एक बार मौका तो दो।”

शर्मीला की आँखों में एक चमक थी। वो पहले से ही अकेलेपन और अपनी जिस्मानी भूख से तड़प रही थी। मिथुन की बातें जैसे उसकी आग में पेट्रोल डाल रही थीं। उसने अचानक कहा, “चलो, आज ही तुम्हारी टेस्टिंग कर लेते हैं। देखते हैं, तुम चैलेंज के लायक हो भी या नहीं।” मिथुन ने हँसते हुए कहा, “आजमा के देख लो।”

शर्मीला ने इशारा किया, “मेरे पीछे आओ।” मिथुन उसके पीछे-पीछे चला गया। शर्मीला उसे अपने बेडरूम में ले गई और बोली, “यहाँ बैठो।” फिर वो बाहर गई और मेन गेट को लॉक कर आई। वापस कमरे में आकर उसने शरारती अंदाज में कहा, “हाँ तो, तुम मन बहलाने की बात कर रहे थे? बहलाओ ना, मैं सामने खड़ी हूँ।”

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मिथुन को ऐसा मौका चाहिए था। उसने तुरंत शर्मीला को पकड़ा और दीवार से सटा दिया। उसके होंठों पर अपने होंठ रखकर वो उन्हें चूसने लगा। शर्मीला एकदम से संभल नहीं पाई और फर्श पर गिर पड़ी। मिथुन ने उसे उठाकर बेड पर लिटाया और माफी मांगी, “सॉरी, कहीं चोट तो नहीं लगी?” शर्मीला ने शरारत भरे अंदाज में अपनी चूत पर हाथ रखकर कहा, “हाँ, यहाँ… बहुत जोर से लगी।” दोनों हँस पड़े।

मिथुन ने फिर से उसे चूमना शुरू किया। शर्मीला भी उसका साथ देने लगी। मिथुन ने उसके कपड़ों के ऊपर से ही उसके सुडौल मम्मों को मुट्ठियों में दबाना शुरू किया। शर्मीला ने रुकते हुए कहा, “रुको, पहले कमीज़ उतारने दो।” उसने अपनी कमीज़ और सलवार उतार दी। अंदर उसने न ब्रा पहनी थी, न पैंटी। उसका गोरा, नंगा बदन देखकर मिथुन का लंड तन गया। मिथुन ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए।

वो झुककर शर्मीला के गोरे मम्मों को चूमने लगा। उसके निप्पल्स को मुँह में लेकर चूसने लगा। शर्मीला के मम्मों से दूध की हल्की-हल्की धार निकल रही थी, जिसे मिथुन बड़े मजे से पी रहा था। शर्मीला मस्ती में बोली, “मिथुन, सारा मत पी लेना, मेरे लल्ला के लिए भी छोड़ दो।” वो हँस पड़ी। मिथुन ने दोनों मम्मों को बारी-बारी से सहलाया, चूसा, और दूध पिया। शर्मीला की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “आह्ह… मिथुन… कितना अच्छा लग रहा है।” Dhokhebaz biwi

मिथुन अब नीचे की ओर सरकने लगा। शर्मीला का पेट एकदम चिकना और नाभि गहरी थी। मिथुन ने उसके पेट पर होंठ रखकर चूमा। शर्मीला सिहर उठी, “आह्ह… मिथुन, प्लीज़… बदन में आग लग रही है।” मिथुन ने उसकी शेव की हुई चूत को सूँघा। उसकी खुशबू इतनी मादक थी कि मिथुन का लंड और सख्त हो गया। उसने अपनी उंगली से चूत के होंठों को सहलाया। शर्मीला की चूत टाइट थी, और बीच में उसका क्लिट उभरा हुआ था।

मिथुन ने शर्मीला की चूत पर जीभ रखी और चाटने लगा। शर्मीला जोर से सिसकारी, “आह्ह्ह… मिथुन… चाटो ना… और जोर से!” वो अपने कूल्हे उठा-उठाकर चूत चटवा रही थी। मिथुन ने उसका क्लिट मुँह में लिया और चूसने लगा। शर्मीला की सिसकारियाँ और तेज हो गईं, “सीईईई… उई माँ… मिथुन… मर गई!” वो बेडशीट को नोचने लगी। करीब 5 मिनट बाद शर्मीला की चूत से गर्म, नमकीन पानी निकलने लगा। उसने जोर से “आह्ह्ह्ह…” की आवाज निकाली और झड़ गई। उसका पानी मिथुन के चेहरे पर फैल गया।

शर्मीला ने आँखें खोलीं और मिथुन की ओर देखकर शर्माते हुए कहा, “सॉरी… मेरा चेहरा गीला कर दिया।” उसने अपने दुपट्टे से मिथुन का चेहरा पोंछा और उसे बेड पर लेटने को कहा। मिथुन लेट गया। शर्मीला ने उसका तना हुआ लंड पकड़ा और चूसना शुरू किया। तभी पालने में सोया उसका बेटा रोने लगा। शर्मीला ने सॉरी बोला और उसे चुप कराने चली गई। मिथुन को गुस्सा तो आया, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा।

10 मिनट बाद शर्मीला बच्चे को सुलाकर वापस आई। उसने मिथुन को देखकर कहा, “माफ करना, तुम्हारा मूड खराब हो गया। चलो, मैं फिर से मूड बनाती हूँ।” वो मिथुन के ऊपर चढ़ गई और उसके होंठ चूसने लगी। मिथुन के पूरे बदन में करंट दौड़ गया। शर्मीला ने उसका लंड फिर से पकड़ा और उसकी चमड़ी पीछे खींचकर सुपाड़े को मुँह में लिया। वो उसे चाटने लगी। मिथुन को लग रहा था जैसे वो हवा में तैर रहा हो।

शर्मीला की गर्म जीभ उसके लंड पर जादू कर रही थी। वो बोली, “मिथुन, तेरा लंड कितना मस्त है… एकदम सख्त।” मिथुन ने हँसते हुए कहा, “तेरी चूत भी तो आग है, शर्मीला।” करीब 10 मिनट तक लंड चूसने के बाद शर्मीला उठी और डॉगी स्टाइल में आ गई। उसने मिथुन को इशारा किया। मिथुन ने उसकी गांड देखी। वो इतनी गोरी और नाजुक थी कि मिथुन के मुँह में पानी आ गया।

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उसने शर्मीला की गांड को सहलाया और चूमना शुरू किया। शर्मीला सिसकारी, “आह्ह… मिथुन… क्या कर रहा है?” मिथुन ने उसकी टाँगें चौड़ी कीं और चूत का जायजा लिया। उसने अपने लंड को चूत के मुँह पर रखा और हल्का सा धक्का दिया। पहली बार लंड फिसल गया। मिथुन ने दोबारा सेट किया और इस बार सुपाड़ा चूत में घुस गया। शर्मीला ने हल्की सी “आह…” निकाली। उसकी चूत इतनी गर्म थी कि मिथुन का लंड पिघलने लगा।

मिथुन ने एक और जोरदार धक्का मारा। इस बार लंड जड़ तक चूत में घुस गया। शर्मीला दर्द से कराह उठी, “आह्ह… मिथुन… धीरे…” मिथुन ने उसकी कमर पकड़ी और धक्के मारने लगा। अब लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था। शर्मीला मस्ती में बोली, “चोद ना… और जोर से… मेरी चूत फाड़ दे!” मिथुन ने रफ्तार बढ़ा दी। करीब 10 मिनट बाद वो शर्मीला की चूत में ही झड़ गया।

शर्मीला ने हाँफते हुए कहा, “मेरे पति ने मुझे कभी इस पोज में नहीं चोदा। तूने तो मजा दे दिया।” वो हँसी। दोनों साइड में लेट गए। पसीने से बदन भीग गया था। शर्मीला ने अपने दुपट्टे से मिथुन का बदन पोंछा और फिर से चूमना शुरू किया। मिथुन का लंड फिर से खड़ा हो गया। शर्मीला ने बेड की दराज से वैसलीन निकाली और मिथुन के लंड पर लगाकर मालिश करने लगी। वो बोली, “अब मेरी गांड भी मार ले।”

मिथुन ने पहले कभी गांड नहीं मारी थी। उसे थोड़ा डर लगा, लेकिन उसने हिम्मत जुटाई। उसने शर्मीला को डॉगी स्टाइल में रहने को कहा। उसने वैसलीन लेकर शर्मीला की गांड के छेद पर लगाई और उंगली से अंदर तक चिकना किया। शर्मीला की गांड का छेद बहुत टाइट था। मिथुन ने पूछा, “पहले कभी गांड मरवाई है?” शर्मीला ने कहा, “हाँ, मेरे पति ने दो महीने पहले मारी थी। ये दूसरी बार है।”

मिथुन ने शर्मीला की गांड को चौड़ा किया और अपने लंड पर ढेर सारी वैसलीन लगाई। उसने हल्का सा धक्का मारा। शर्मीला जोर से चीख पड़ी, “आह्ह… मिथुन!” वो घुटनों के बल बेड पर गिर पड़ी। मिथुन ने सॉरी बोला और दोबारा कोशिश की। इस बार लंड का सुपाड़ा गांड में घुस गया। शर्मीला की आँखों में आँसू आ गए। उसने इशारे से रुकने को कहा और तकिए पर सिर रखकर अपनी गांड को दोनों हाथों से खोल लिया।

अब मिथुन ने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। शर्मीला की गांड धीरे-धीरे खुल गई और लंड आसानी से अंदर-बाहर होने लगा। शर्मीला बोली, “हाँ… ऐसे ही… मार मेरी गांड!” मिथुन ने रफ्तार बढ़ाई। करीब 10 मिनट बाद वो शर्मीला की गांड में झड़ गया। दोनों हाँफते हुए बेड पर लेट गए।

आधे घंटे बाद दोनों ने साथ में नहाया। शर्मीला ने खाना बनाया और दोनों ने साथ खाया। जाते वक्त शर्मीला ने बाकी के पैसे दिए और 1000 रुपये अलग से दिए। उसने कहा, “जब भी मन करे, आ जाना।” दोनों ने नंबर एक्सचेंज किए। मिथुन शोरूम वापस आ गया। अगले 6 महीने तक वो मुम्बई में रहा और 10-12 बार शर्मीला के घर जाकर उसे चोदा।

दोस्तों, आपको ये कहानी कैसी लगी? क्या आपने कभी ऐसी औरत से मुलाकात की, जिसने आपकी जिंदगी में आग लगा दी? अपनी राय और अनुभव कमेंट में जरूर बताएँ!

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