अनचुदी बहु की प्यास जेठ जी ने बुझाई

मैं शीला अमरोहा की रहने वाली हूँ। मेरी शादी एक बहुत ही अच्छे घर में हो गयी। पर जब मैं रात को बिना कपड़ों के अपने पति के सामने चुदवाने गयी तो ना जाने क्यों उन्होंने दूसरी तरह अपना मुँह कर लिया। Nayi Dulhan Sex Kahani

“क्या हुआ जी???….आपने दूसरी तरफ मुँह क्यों कर लिया???” मैंने अपने पतिदेव से पूछा.

“वो…वो…वो मैंने आज तक किसी लड़की को नंगा बिना कपड़ों के देखा नही है ना” मेरे पति बोले और कांपने लगे.

ये सुनकर मैं हा हा करके हँसने लगी। “आप भी कैसी बात करते है जी, यहाँ तो लड़के शादी होने से पहले ही कितनी लकड़ियों को चोद लेते है और आप मुझसे दूर भाग रहे है!! आज हमारी सुहागरात है, मेरे पास आईये !! मुझे प्यार करिए!!” मैंने बड़ी नजाकत से अपने पति से कहा।

दोस्तों, मैं पूरी तरह से नंगी थी, चुदवाने के लिए मैं पूरी तरफ से तैयार थी। पर मेरे पति तो भोलू राम निकले। वो तो मुझसे डर रहे थे जैसे मुझे छूते ही उनको करेंट लग जाएगा। मैं जबरदस्ती पति के पास चली गयी और मैंने अपनी दोनों सफ़ेद नंगी बाहों से पति को पीछे से पकड़ लिया।

“मुझसे दूर रहो!! …मुझे मत छुओ!! मुझे जवान लड़कियों से बहुत डर लगता है…दूर रहो मुझसे!!” पति बोले.

दोस्तों, जब मैं उसने जबरदस्ती चिपकने लगी तो वो कमरे से बाहर चले गये और छत पर भाग गये। उनका वेट करते करते मैं सो गयी। मैंने कितने सपने देखे थे की मेरा पति सुहागरात पर मुझे खूब चोदेगा, खूब मजा देगा। पर मेरा पति एक नंबर का गांडू निकला। वो तो नंगी लड़कियों को देखकर कांपने लग जाता है। फिर वो मुझे कैसे चोदेगा।

दोस्तों ऐसी ही रोज नाटक होता रहा। जैसे ही मैं कपड़े निकालकर नंगी होती, पति ना जाने क्यों डर जाते और उपर छत पर भाग जाते। इस तरह पूरा १ महीना बीत गया। ३० दिन में एक बार भी मेरे पति ने मुझको नही चोदा। एक दिन रात के १२ बजे मैं अपने कमरे की लाईट खोलकर रो रही थी। मेरे जेठ वहाँ से गुजरे तो मेरी रोने की आवाज सुनी। उन्होंने मेरे दरवाजे पर दस्तक दी।

“बहू!! क्या बात है?? क्यों रो रही हो?? मेरे छोटे भाई ने कुछ कहा??…कुछ किया क्या????’ जेठ जी बोले.

“जेठ जी!! इसी बात का रोना है की ये रात में कुछ नही करते है। १ महीना से जादा का वक़्त हो गया है। इन्होने मुझे चोदा भी नही। हर औरत सुहागरात पर पति से प्यार करना चाहती है, उससे जी भरके चुदवाना चाहती है, पर इन्होने मेरे साथ इन ३० दिनों में कुछ नही किया!!” मैं रो रोकर जेठ जी को अपनी तकलीफ बताई।

“बहुरानी!! क्या मेरा भाई तुमको पसंद नही करता है?? क्या दिक्कत क्या है आखिर???” जेठ ने पूछा.

“जेठ जी! जैसे ही मैं अपने कपड़े ब्रा और पेंटी उतार कर नंगी होकर इनके पास जाती हूँ, ये बार बार कहते है की इनको नंगी जवान लड़कियों से बहुत डर लगता है। फिर ना जाने क्यों ये मुझसे डरने लग जाते है, और मुझे नही चोदते है। और छत पर भाग जाते है” मैंने जेठ को सब बताया.

दोस्तों, अगले दिन मेरे जेठ मेरे पति को डॉक्टर के पास ले गये। उसने बताया की अगर बचपन में मेरे पति की कोई माल बन जाती और अगर ये उसको चोद लेते तो ये सेक्स से नही डरते। पर ३४ साल तक बिना चुदाई के रहने के कारण मेरे पति अब सेक्स के नाम से ही डरने लगे है। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पर पढ़ रहे है.

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इनको जेनोफोबिया नामक मानसिक बीमारी हो गयी है। डॉक्टर ने बताया। दोस्तों, ये सुनकर मैं बहुत रोई की अब मेरा क्या होगा। अब इस ससुराल में मुझे कौन चोदेगा। कौन मेरी गुलाबी मखमली चूत में लंड देगा। मेरे जेठ ने पति को एक सेंटर पर भरती करवा दिया जिससे उनके मन से सेक्स का डर का भूत निकल जाए।

मेरे पति अब ३ महीने के लिए उस सेंटर में भरती हो गये थे। एक रात ११ बजे मेरे जेठ मेरा हाल चाल लेने मेरे कमरे में आये। मैं उस समय बहुत बहुत डिप्रेस थी। क्यूंकि आज ४ महीने मेरी शादी के हो चुके थे। किसी ने मुझे नही चोदा था। इसलिए मैं नहाने चली गयी थी। मेरे कमरे का दरवाजा मुझसे खुला छुट गया था।

“छोटी बहू!! कहाँ हो???’ जेठ जी ने आवाज लगाई।

मैं तो नहा रही थी इसलिए मैं सुन नही पायी। धीरे धीरे जेठ अंदर बाथरूम की तरफ चले आये। बाथरूम की खिड़की मैंने खुली छोड़ रखी थी क्यूंकि गर्मी के मौसम में अंदर बहुत गर्मी हो जाती है। मैं पूरी तरह से नंगी थी और बाथरूम में खड़े होकर शावर के ठंडे पानी से मैं नहा रही थी।

दोस्तों, मुझे पता ही न चला कब मेरे जेठ जी बाथरूम के बाहर आकर खड़े हो गये और मुझे नंगे नंगे नहाते देखने लगे। बड़ी देर मैं साबुन अपनी चूत, टांगो और सफ़ेद गोरी गोरी मस्त जांघो पर मलती रही। मेरे जेठ मुझे ताड़ ताडकर खूब मजे लेटे रहे।

फिर मैंने नहाने के बाद शावर बंद कर दिया और मखमली तौलिया से मैं अपना अनचुदा जिस्म पोछने लग गयी। अपनी बालसफा चूत को मैं अच्छी तरह से सफ़ेद तौलिया से रगड़ रगडकर पोछ रही थी। फिर मुझे अपनी ब्रा और पेंटी पहननी थी इसलिए मैं बाथरूम से बाहर निकली।

सामने जेठ जी खड़े होकर मेरे नंगे जिस्म को ताड़ रहे थे। मैं इतनी तेजी में बाहर निकली की उनको देख नही पायी। मैं अपने जेठ जी से टकरा गयी। और मेरा पैर फिसल गया क्यूंकि मेरा पैर गीला था। मैं जमींन पर गिरने ही वाली थी की मेरे जेठ ने मुझे पकड़ लिया और बाहों में भर लिया।

वो ऐसा एक्सीडेंट था की सब कुछ बहुत जल्दी में हुआ था। कई मिनटों तक मैं और मेरे जेठ मुझे बाहों में भरकर थामे रहे और उन्होंने मुझे नही गिरने दिया। दोस्तों, हम दोनों के बीच में उस वक़्त ना जाने क्या हो गया था की मेरे जेठ ने मुझे बाहों में भर लिया और यहाँ वहां चूमने लगे।

मुझे बहुत सुकून मिला था। मैं पूरी तरफ से नंगी थी। मेरे नंगे बदन से हमाम साबुन की भीनी भीनी मधहोश कर देने वाली खुसबू आ रही थी। मेरे जेठ जी मुझको यहाँ वहां चूमने लगे। मुझे अच्छा लग रहा था इसलिए मैंने उनको नही रोका। फिर दोस्तों, खड़े खड़े ही मेरे जेठ मेरे भीगे जिस्म से छेड़खानी करने लगे। हाथ से मेरे दूध दबाने लगे। मुझे बहुत सुकून मिला। 

आह आऊ आऊ उई उई माँ माँ ओह्ह्ह माँ… मैं इस तरह की कामुक आवाज निकालने लगी। मेरे जेठ मेरे पके पके आम जैसे मम्मो को जोर जोर से दबाने लगे। मेरा मर्द तो नंगी लड़कियों को देखकर भागता पर मेरे मेरे जेठ ऐसे नही थे। वो बहुत चोदू आदमी थी। कई औरतों को वो चोद चुके थे।

कुछ लोग तो ये भी कहते थे की शादी से पहले उन्होंने अपनी मम्मी को ३ ४ बार चोद लिया था उसके बाद उनकी मम्मी बहुत डर गयी थी और फटाफट उनकी शादी कर दी गयी थी। मेरे जेठ जोर जोर से मेरे दूध मजे लेकर दबाने लगे। फिर कुछ देर बाद वो खड़े खड़े ही मेरी मस्त मस्त चुच्ची पीने लगे। मुझे बहुत अच्छा लगा दोस्तों।

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“जेठ जी !! आपकी बहू कबसे अनचुदी है !! आज मेरी दोनों छातियाँ पी लीजिये और मुझे मेरे ही कमरे में ले चलकर चोद लीजिये!!” मैंने कह दिया.

उसके बाद जेठ ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मेरे बेडरूम में ले गये। उन्होंने मुझे बेड पर फेंक दिया। अपना भी मेरे पास आ गये और मेरे दूध पीने लगे। मेरे बाल बहुत लम्बे और घने थे। अभी अभी नहाने के कारण मेरे बाल भीगे हुए थे इसलिए मैं इस वक़्त बहुत सेक्सी और बहुत चुदासी लग रही थी।

जेठ ने अपना पजामा कुरता निकाल दिया और कच्छा भी निकाल दिया। वो अब मेरे सामने पूरी तरह नंगे थे। जेठ मेरे भीगे बाहों से खेल रहे थे, और मेरे पके पके आम पी रहे थे। फिर उन्होंने मेरे दोनों ३६” के मम्मो के बीच में अपना मोटा लंड किसी सैंडविच की तरह लगा दिया और दोनों चुच्ची को पकड़कर मेरे बूब्स जेठ जी चोदने लगे।

मैं आह आह आह आहा हूँ उनहूँ उंहू!! करनी लगी। जेठ जी मेरे पेट पर नंगे सवार थे। उनकी आँखों और दिल में सिर्फ और सिर्फ वासना हावी थी। मैं अच्छी तरह से जानती थी की वो मुझे नोचना चोदना और खाना चाहते है।

“चोद डालो जेठ जी!! अपनी अनचुदी बहु के रसीले स्तनों को आज आप चोद डालो!! आपका छोटा भाई तो महा गांडू था। बेटीचोद!! मुझे वो एक बार भी चोद नही पाया, इसलिए आज रात के लिए आप मेरे पति बन जाओ और अपनी दासी की चुदास आज पूरी कर दो!!” मैंने कहा.

उसके बाद जेठ जी बहुत जोश में आ गये। मेरे पेट पर बैठकर मेरे रसीले तने स्तन चोदने लगे। मेरे दूध बहुत मुलायम और नर्म थे। मौका मिलते ही जेठ जी मेरे आमो को पल्ल पल्ल हाथ से दबा देते थे जैसे उसका जूस निकाल रहे हो।

उन्होंने कम से कम आधे घंटे मेरे नुकीले और बेहद कसे स्तन अपने मोटे १०” लंड से चोदे फिर अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया। मुझे अपना मोटा लंड चुसाने लगे। मैं भी कबसे लंड की प्यासी थी इसलिए मैं भी जेठ का लंड मजे से चूसने लगी।

“चूस रंडी!! चूस!! आज रात भर मैं तुमको चोदूंगा और तेरी सारी सिकायत दूर कर दूंगा!!” मेरे जेठ बोले.

तो मैं किसी असली रंडी की तरह मैं उनका लंड अपने हाथ में लेकर फेटने लगी। और मुँह में भरके मजे से चूसने लगी। ऐसा लग रहा था की आज रात ही मेरी सुहागरात मन रही हो। मैंने मुँह में अंदर तक उनका लौड़ा लेकर चूस रही थी और खूब मजे मार रही थी।

मैंने जल्दी जल्दी अपना मुँह और होठ उनके लौड़े पर उपर नीचे चलाती थी। फिर मेरे जेठ मेरा मुँह चोदने लग गये। कुछ देर बाद वो मेरी चूत पर आ गये और मेरी चूत पीने लगे। मैं अभी नहाकर निकली थी। मैंने अच्छी तरह से चूत पर साबुन मल मलकर नहाया था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पर पढ़ रहे है.

इसलिए मित्रो मेरी चूत बिलकुल शीशे की तरफ साफ़ थी और किसी कोहिनूर हीरे की तरह चमक रही थी। मेरी चूत बहुत खूबसूरत थी दोस्तों। हमाम साबुन की भीनी भीनी महक मेरी चूत से अभी भी आ रही थी। जेठ जी अपनी जीभ लगाकर मेरी बुर का स्वाद पता करने लग गये. हमाम साबुन की भीनी भीनी महक मेरी चूत से अभी भी आ रही थी।

जेठ जी अपनी जीभ डालकर मेरी बुर का स्वाद पता करने लगे। उनको मेरी चूत बहुत ही नमकीन और चीनी की तरह मीठी लगी। उसके बाद तो जेठ दे दनादन मेरी बुर में जीभ लगाकर पीने लगे। मैं आह आह आहा ऊँ ऊँ उंहू उंहू करने लगी। जेठ किसी पेंटर की तरह अपनी लम्बी जीभ को मेरी चूत पर यहाँ वहां घुमा रहे थे। मुझे तो जैसे आज जन्नत मिली जा रही थी।

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“पी लो जेठ जी!! अपनी बहु की रसीली चूत को मजे लेकर चाट लो आज!!” मैंने कहने लगी।

उनके बाद तो वो मुझसे और जादा खुल गये और अपनी बीबी की तरह मेरी बुर पीने लगे। फिर उन्होंने मेरी चूत किसी सीपी की तरह दोनों हाथ के अंगूठे से खोलकर देखी।

“ये क्या बहू!! तुम तो कुवारी हो, क्या शादी से पहले तुम्हारा कोई यार नही था??? किसी से भी चुदवा लेती बहू???’ जेठ बोली.

“जेठ जी!! सायद मेरी किस्मत में आप से ही चुदवाना लिखा था। मैं कई लड़कों से चुदवाने की कोशिश की पर कामयाब नही हो पायी। इसलिए अब आप ही मेरा कल्याण करो और मेरी दहकती चूत में लंड दे दो!!” मैंने जेठ जी से कहा.

उसके बाद जेठ ने अपना मूसल जैसा मोटा लंड मेरे भोसड़े पर रख दिया और एक धक्का पेल के मारा। पहले प्रयास में ही मेरी चूत की सिटी खुल गयी, मेरी बुर की सील टूट गयी। मैंने नीचे देखा जेठ का ताकतवर लंड मेरी चूत की गहराई नाप रहा था। मुझे दर्द भी हो रहा था। जेठ अपने मूसल जैसे लंड को अंदर बाहर करने लगे। अपनी कमर चलाकर मुझे चोदने लगे।

दर्द के कारण मैंने उनको कसके पकड़ लिया था। मैंने उनके सीने से लिपट गयी थी। जेठ हच्च हच्च करके मुझे खाने लगे। मुझे चूत में बड़ा मीठा मीठा लग रहा था। आज शादी के ५ महीने बाद पहली बार मैं चुद रही थी और वो भी अपने जेठ से। कुछ देर बाद वो मुझे धकाधक पेलने लगे। इनती जोर जोर से शॉट मारने लगी की मेरी मासूम चूत की धज्जियाँ उड़ने लगी।

“चोद डाली अपनी इस रंडी को जेठ जी!!….चोद डालो आज इस छिनाल को!!” मैं किसी बेहया औरत की तरह चिल्लाने लगी।

जेठ जी मेरी पलंगतोड़ चुदाई करने लगे। मुझे अजीब सा नशा चढ़ने लगा। जैसे हजारों चीटे मुझे काट रहे हो। जेठ के लंड पर मेरा बदन जैसे थिरकने लगा और डांस करने लगा। जेठ इतनी जोर जोर से मेरी रसीली बुर में धक्के मारने लगे की मेरा पलंग हिलने लगा। जैसे कोई भूकंप आ गया हो। जिस बेड पर मैं जेठ जी से चुदवा रही थी वो चूं चूं की आवाज करने लगा। फिर जेठ ने मुझे कलेजे से चिपका लिया और कुछ देर में हजारों बार मेरी चूत में लौड़ा अंदर बाहर कर दिया बड़ी तेजी से। जैसे वो कोई मशीन हो।

कुछ देर बाद जेठ की मीठी मीठी पिचकारी मैंने अपनी चूत के अंदर महसूस की। हम दोनों जेठ और बहु पसीने में भीग गये थे। दोस्तों, आज मैं चुद चुकी थी और अपने जेठ के साथ अपनी सुहागरात मना चुकी थी। उसके बाद मैंने उसने प्यार करने लगी थी और उनके होठ पीने लगी थी। उस रात मैंने जेठ को बाहर निकलने ही नही दिया। सुबह ६ बजे तक उन्होंने मुझे ६ बार चोदा खाया। अब मेरे पति पूरी तरह से ठीक हो चुके है। उनका इलाज पूरा हो चूका है। अब वो मुझे रात में पेलते है। पर मैं अपने जेठ से भी फस चुकी हूँ और छुप छुपकर उसने ठुकवा लेती हूँ।

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