कुछ देर यूं ही नानुकुर के बाद मैं उन दोनों के लंड पकड़ कर आगे-पीछे करने लगी।
विकास ने मुझे गोदी में उठा लिया।मैं गिरने के डर से उसके गले में बांहें डाल कर लटक गई।
अब विकास का लंड मेरी चूत से गाण्ड तक रगड़ रहा था। विकास ने दोनों हाथों से मुझे उठाया हुआ था।
आकाश ने विकास का लंड मेरी चूत के छेद पर रख दिया।उसका लोहे की रॉड सा लंड मेरी चूत के अन्दर घुस गया।
वो अपने लंड को आगे-पीछे करते हुए झटके मारने लगा।मैं उसके गले में बाँहें डाल कर लंड लेने लगी और उसका साथ देने लगी।
वह बड़बड़ा रहा था- आह्ह.. तेरी चूत बहुत मज़ेदार है।
आकाश मेरी चूचियों को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा.. मुझे और मज़ा आने लगा।
फिर विकास ने मुझे कुतिया की तरह झुका कर चोदा और मेरा पानी निकाल दिया।
अपना गर्म पानी उसने मेरी चूत में छोड़ दिया।
मैं उससे चुदा कर बहुत थक गई थी।
आकाश बोला- जानेमन मेरा भी तो लो।मैंने मना किया.. पर वो नहीं माना।
विकास ने मुझे पकड़ कर अपने ऊपर झुका लिया और आकाश पीछे से मेरी चूत चोदने लगा।
मैं दुबारा झड़ गई।उस दिन उन दोनों से चुदवाने में मज़ा आ गया।
उन दोनों से अपनी चूत चुदवाने का सिलसिला लगभग 6 माह में कई बार चला।
आकाश का लंड पतला था.. पर विकास का लौड़ा बहुत मोटा था, मुझे विकास का लंड लेने में ज्यादा मज़ा आता था।
विकास आकाश दोनों इंटर पास हो गए और स्कूल छोड़ कर कॉलेज में पढ़ने चले गए।