मेरा नाम सुनील हे और मेरी उम्र 24 साल हे. मुझे सेक्स करन बहुत अच्छा लगता हे. घर में हम पांच मेम्बर्स हे. मैं मेरी माँ, मेरे डेड, छोटी बहन और मेरी एक कजिन जिसका नाम वन्दना हे वो भी हमारे घर पर रहती हे. मेरी कजिन पढाई के लिए हमारे शहर में आई थी.
और पापा ने उसे हमारे घर में ही रहने के लिए कहा. उसके डेड पापा को खर्चा देते हे क्यूंकि वो नहीं चाहते की उनकी बेटी हमें बोज लगे. मेरी कजिन कुछ 20 की हे और वो देखने में एकदम मस्त माल लगती हे. और मेरी माँ भी कम सेक्सी नहीं हे दोस्तों. वो उम्र में 40 के करीब होने के बावजूद भी एकदम हॉट लगती हे. और सोसायटी के बहुत सब लौंडे मेरी माँ को लाइन मारते हे और उसके बदन के ऊपर गंदे कमेंट्स पास करते हे. माँ का फिगर 36-29-35 है. मम्मी का नाम तो मैंने आप को बताया ही नहीं! उसका नाम पूजा हे!
एक दिन मेरे पापा किसी बिजनेश डील के लिए कुछ दिनों के लिए शहर से बहार गए हुए थे. मेरी कजिन वन्दना को मैंने पटा लिया था और उसे चोदता था मैं अपने घर में ही. और जब पापा नहीं थे तो डेली मैं उसके साथ सम्भोग करता था. पाप को गए एक हफ्ता सा हुआ और मम्मी लोनली फिल करने लगी थी. और वो वन्दना को अपने पास सोने को बोली. मेरा और वन्दना का चोदने का कार्यक्रम ठप सा हो गया.
मेरे से सब्र नही हुई और मैंने कजिन से पूछा की अब क्या करेंगे यार? पापा नहीं हे और माँ ने सब काम बिगाड़ दिया. वन्दना ने कहा अपनी मम्मी को भी साथ में ले लो ना हमारे! और अगर छोटी बहन बोले तो उसे भी लंड दे दो अपना! मैंने कहा मजाक क्यूँ कर रही हो यार.
वो बोली, तुम सेक्स कहानियां नहीं पढ़ते क्या?
मैंने कहा वो कहानियाँ होती हे ना.
वन्दना बोली, बुध्धू कहानियाना होती हे और हकीकत में भी ऐसा होता हे. गाँव में महेश भाई (उसके बड़े भाई का नाम) भी तो मुझे चोदते हे!
मैंने हंस पड़ा क्यूंकि कजिन ने अपनी एक और चुदाई का इजहार जो किया था. और मुझे ये अच्छा लगा की वो खुद चुदने के लिए उतावली थी. और उसने मुझे प्लान भी बताया. उस दिन से मैं अपनी माँ को अलग नजर से देखने लगा! माँ को नजदीक से देखा तो मैं मान गया की सोसायटी के लौंडे ठीक ही लाइन देते हे इसे. मेरी माँ के नैन नक्श और लटके झटके देख के किसी का भी लंड खड़ा हो जाए ऐसी ही थी वो. मैंने उस शाम को छत पर अपनी कजिन से कहा की माँ बड़ी सेक्सी हे यार.
वो बोली अगर आंटी साथ में आई तो तुम्हे कोई प्रॉब्लम तो नहीं हे ना?
मैंने कहा माँ बड़ी सीधी हे और वो इसके लिए कभी नहीं मानेगी.
तो वन्दना ने कहा वो सब तुम छोड़ दो. पहले इतना बताओ की अगर वो आई तो तुम सेक्स करोगे न साथ में मिल के? मैने कहा क्यूँ नहीं भला, करेंगे ना.
वन्दना ने कहा आंटी को कैसे ले के आना हे वो मेरी टेन्शन हे. और फिर वो हंस के बोली तुम्हारा लंड बड़ा हे सीधी माँ को भी बिगाड़ देगा. और फिर उसने कहा जब चांस मिले तो मम्मी को ये दिखाओ की तुम उसके बदन को लाइक करते हो और बाकी मैं सब देख लुंगी.
मैंने कहा ओके.
फिर मैं मम्मी का ध्यान रक् के बैठने लगा. वो जब नाहा के आती तो मैं उसके बदन को घूरता था. और किचन में वो खाना पका रही हो तो वहां भी घुस जाता था उसे देखने के लिए. मम्मी शोपिंग के लिए कहे तो मैं फट से साथ में चला जाता था. एक दिन शोपिंग में मैंने मम्मी को एकदम टाईट और ऊँची टी-शर्ट दिलवाई. और जब माँ वो ट्राय कर के बहार आई तो उसके पेट को देख के मेरा लंड एकदम कड़ा हो गया.
दुसरे दिन मेरी कजिन वन्दना ने कहा, तुम यहाँ दरवाजे के पास खड़े रहो और मैं आंटी से जो बात करती हूँ वो सुनो.
मम्मी के पास जा के वन्दना बोली, अरे आंटी इतनी अकेली सी और खोई हुई क्यूँ लग रही हो?
माँ ने कहा: अरे बेटा क्या करूँ काम कुछ हे नहीं और तेरे अंकल भी इतने दिनों से हे नहीं तो टाइम ही नहीं जाता हे मेरा तो.
वन्दना: अपनी सहेलियों के पास चली जाया करो ना आंटी.
माँ: अरे बेटा मेरा कोई सहेली या फ्रेंड नहीं हे इस शहर में.
वन्दना: आप का कोलेज के वक्त का कोई फ्रेंड तो होगा न कोई?
माँ: अरे तब की बात और हे, तब तो हम लोगो का बड़ा सा ग्रुप था और बहुत एन्जॉय करते थे हम.
वन्दना: कैसे मजे आंटी? गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड वाले?
माँ ने उसे एक हाथ मारा और बोली, बड़ी बेशर्म हो गई हे तू तो.
वन्दना: अरे आंटी जी अब मेरे से कैसे शर्माना. आप मुझे अपनी सहेली ही समझो न. मुझे तो आप सब कुछ बोल सकती हो.
माँ: चल भाग तू अपने कमरे में एकदम.
वन्दना: आंटी आप को एक फ्रेड चाहिए और मैं वही हूँ आप के लिए. आप मुझे सब बता सकती हो.
माँ: हां वो तो हे. बात शेयर करने से मन हल्का हो जाता हे.
वन्दना: तो फिर बताओ आंटी क्या बात हे आप के मन में?
माँ: ऐसे कुछ खास नहीं, तुम्हारे अंकल नहीं हे इसलिए अकेला अकेला लगता हे.
वन्दना: तो फिर हम दोनों मिल के कर सकते हे ना?
मम्मी: लेकिन वो कैसे मुमकिन हे?
वन्दना स्माइल ददे के बोली: कर लेंगे हम!
माँ: कैसे करेंगे?
वन्दना ने माँ का हाथ पकड लिया और वो उसे अपने लेपटोप के पास ले गई. उसके ऊपर उसने एक गन्दी ब्ल्यू फिल्म लगा दी और माँ को दिखाने लगी. माँ ने अपने हाथ से आँखों को ढंक लिया और बोली, बाप रे इतना गन्दा दिखा रही हे मुझे.
वन्दना बोली: अरे आंटी मेरी इतनी भी भोली ना बन, शादी सुदा हो आप तो सब कुछ किया हुआ हे तुमने तो.
और फिर वन्दना ने माँ के आँखों पर से हाथ हटा के उसे चेयर पर बिठा दिया. पहले माँ ने थोड़े नाटक किये लेकिन फिर वो मजे से बैठ के मेरी कजिन के साथ में पोर्न देखने लगी. और अन्दर चुदाई को देख के माँ भी गरम हो रही थी. वन्दना ने माँ को एनाल सेक्स, डीपी, गेंगबेंग की बहुत सब छोटी बड़ी क्लिप्स दिखाई और उसे एकदम गरम कर दिया. फिर जब माँ ने कहा की मुझे सोना हे. वन्दना ने मेरी छोटी बहन को ऊपर के कमरे में भेज दिया सोने के लिए. और वो खुद माँ को ले के बेडरूम में घुसी. कुछ देर के बाद मेरी कजिन ने मुझे मिस काल दिया तो मैं वहां चला गया. वो मुझे बोली, जा गरम कर दिया हे तेरी माँ को डाल दे अपना लंड.
मैंने कहा यार मुझे डर लग रहा हे.
वो बोली, जा ना पागल.
मैं मम्मी की बगल में जा के लेट गया. उसकी बड़ी गांड मेरी तरफ थी. मैने हिम्मत कर के अपना हाथ माँ की कमर पर रख दिया. माँ ने पूरी ज़िप वाली कमीज पहनी हुई थी. मैंने एक हाथ जिप पर रख के धीरे धीरे उसे निचे कर दिया. पूरी जिप निचे करने के बाद मैंने हाथ को कमीज में डाला और माँ के बूब्स पर अपना हाथ ले गया. मेरा लंड एकदम कडक हो गया था और मैं माँ के बूब्स को मसल रहा था. वन्दना ने सामने से मुझे इशारा किया की आंटी जाग रही हे.
ये जान के मेरी हिम्मत एकदम बढ़ गई. पहले मैं डरते हुए माँ के सेक्सी बदन से खेल रहा था. और अब एकदम बिंदास्त उसके चुन्चो को मसलने लगा था. तभी माँ मेरी तरफ पलट के बोली, कमीज को उतार दो तो सही हाथ लगेगा ना! मैंने फटाक से मा के कमीज को उतार फेंका. और फीर मैंने माँ के होंठो के ऊपर अपने होंठो को लगा दिए. माँ ने भी मेरी किस का जवाब दिया और वो मुझे लिप किस देने लगी. 10-12 मिनिट तक हम दोनों ने ऐसे मस्त किस किया और फिर मैं धीरे से हाथ को निचे माँ की चूत पर ले गया. और इतने में मेरी कजिन भी मेरे पास आ गई. वो माँ के चुन्चो को पकड़ के मसलने लगी. मेरा एक हाथ माँ की चूत पर था और मैंने दुसरे हाथ को वन्दना की चूत पर रख दिया. घर की दोनों चूतें एकदम गरम और पानी वाली हो चुकी थी.
माँ बोली: अच्छा तो ये तुम दोनों का प्लान था मेरे साथ सेक्स करने के लिए.
मैं: हां मम्मी, वन्दना पिछले काफी दिनों से मेरी वाइफ बनी हुई हे और आज उसने आप को मेरी बीवी बना दिया.
फिर मैंने अपनी माँ के गले से उसका मंगलसूत्र निकाला और उसे अपनी कजिन के गले में डाल दिया. फिर से मैंने अपनी मम्मी के होंठो के ऊपर अपने होंठो को लगा के किस दे दी. माँ भी मेरी बीवी बन के चूस रही थी मेरे होंठो को.
मेरी कजिन उतने में खड़ी हुई. उसने अपने सब कपडे खोल दिए. और नंगी मेरे लंड के पास बैठ के उसे चूसने लगी. 12-13 मिनट तक उसने मस्त लंड चूसा. फिर वो मेरी मम्मी की तरफ देख के बोली, आप भी चख लो न इसे.
मम्मी मना कर रही थी. पर मैंने उसके माथे को पकड़ के लंड की तरफ धक्का दे दिया. माँ ने मुहं खोल के लंड को अन्दर ले लिया और चूसने लगी. माँ का मुहं एकदम गरम था, और उसे लंड चूसने का बड़ा अनुभव लग रहा था. उसने कस के लंड को निचे से पकड़ा और जोर जोर से ऊपर के सुपाडे को चूसने लगी.
इतने में मेरी कजिन वन्दना ने मेरी माँ की ब्रा और पेंटी को खोल दिया. माँ की चूत एकदम क्लीन शेव्ड थी, जिसे देख के मेरी अन्तर्वासना और भी जाग गई. मैंने अपनी माँ को लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया. माँ की चूत के ऊपर अपनी जबान लगा के मैंने उसे खूब चाटा. माँ सिसकियाँ ले रही थी. अब मैंने माँ को सीधा कर दिया और उसकी चूत पर लंड लगा दिया. मम्मी को थोडा बूरा लग रहा था इसलिए वो मना कर रही थी. लेकिन वन्दना ने दोनों टांगो को पकड़ के खोला और मुझे बोली, जल्दी से डालो अन्दर इसे! मम्मी को एक धक्का दिया और मेरा लंड आधा उसकी चूत में सरक गया. मम्मी बड़ी जोर जोर से सिसकियाँ लेने लगी और बोली, बेटा जल्दी से अन्दर डाल दे अपने लंड को पूरा के पूरा.
मैंने ऐसा ही किया और पुरे लंड को अन्दर भर के चोदने लगा. वन्दना भी अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी और माँ के बूब्स को हिला रही थी. फिर वो मा के सामने चूत ले गई और चूत चटवाई उसने. फिर मैंने मम्मी को कहा की आप उठो अब मैं वन्दना को लंड दूंगा. वन्दना को घोड़ी बना के मैंने उसको चोदा. और तब माँ खड़ी खड़ी अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी. वन्दना की चुदाई के बाद मैं झड़ गया. फिर हम तीनो नंगे बिस्तर में पड़े रहे. 20 मिनिट के बाद माँ ने लंड को सहला के खड़ा कर दिया. और फिर से लंड जाग उठा. अब की मैंने अपनी कजिन और माँ की गांड भी चोदी.
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