हॉल में मरवाई एक लड़के से अपनी गांड | Hindi Gay Sex Stories

Hindi Gay Sex Stories, में पढ़ें कि मैं पहले स्ट्रेट था। सिनेमाहाल में एक दिन एक लड़का मेरी जांघों पर हाथ फेरने लगा। मैं कामुक हो गया और यौन संबंध बनाया।

प्रिय, यह मेरी पहली यौन कहानी है। मेरा नाम सुरेश है और मेरी उम्र ३२ वर्ष है।
आज से पांच साल पहले मुझे गांड मारने की आदत हो गई।

मैं पहले सामान्य रूप से सेक्स करता था। लड़कियों में मैं बहुत दिलचस्पी रखता था।
जब मैं सिनेमा हॉल में एक बी ग्रेड फिल्म देखने गया, तो मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ कि मुझे विश्वास नहीं हुआ और मैं समलैंगिक संबंधों की आदत डाल दी।

उस दिन सिनेमा हॉल में एक लड़का मेरे बाजू में बैठा था।
फिल्म शुरू होते ही वह मेरी जांघों पर हाथ फेरने लगा, जिससे मैं गर्म हो गया और सेक्स करने लगा।
मुझे पता नहीं था कि उसके हाथ मेरी जांघों से होते हुए मेरे लंड को सहलाने लगे।

Tom Bottom Sex Story

मुझे अब रहा नहीं जा रहा था और मैं बहुत उत्तेजित हो गया था।
मैं खुद को नियंत्रित नहीं कर पा रहा था और मेरा शरीर पूरी तरह से चुदास से भर गया था।

सिनेमा हॉल अंधेरा हो गया; उस लड़के की शक्ल को मैं पूरी तरह से नहीं देख पाया।
अब मैं सेक्स करने की सोच रहा था। वह लड़का भी आगे बढ़ने लगा।

पीछे चलो, उसने अचानक कहा।
इसके बाद वह उठकर चला गया।

उसके पीछे मैं चला गया।

हम दोनों तुरंत एक कोने में खड़े हो गए।
मैं उसे किस करने लगा।

मैंने उसे रोका, लेकिन वह नहीं रुक रहा था।

आप यह Gay Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

यह पहली बार था कि मैं किसी लड़के के साथ ऐसा कर रहा था।
मैं अपनी कार्रवाई को समझ नहीं पा रहा था..। लेकिन मुझे यह सब पसंद आने लगा।

मैं अब उसे नहीं रोका।
उसने अपना अंडरवियर नीचे उतारा और मेरे लंड से खेलने लगा।

वह घुटनों के बल बैठ गया और लॉलीपॉप की तरह मेरे लंड को चूसने लगा।
यह सब बहुत सुंदर लग रहा था। ऐसा लगने लगा कि मैं आसमान में नहीं बल्कि धरती पर उड़ रहा हूँ।

Gay Sex Stories In Hindi

वह बड़ी शिद्दत से मेरा वीर्य चूस रहा था। वह कभी-कभी मेरे टट्टों को मुँह में लेकर चूसता था, तो कभी-कभी पूरे लौड़े को जीभ से चाटता था, जिससे वह खुश हो जाता था।

इसे भी पढ़ें   बहन अपनी चूची पर साबुन मलवाती मुझसे

वास्तव में, ये सब बहुत अच्छे लग रहे थे।
मैं भी अपने लंड से उसके मुँह को अच्छी तरह से चोद रहा था।

उसने गांड मेरी तरफ करके अपना पैंट खोला।
मैं कुछ भी नहीं समझा।

वह धीमी आवाज में बोली, “खड़ा क्यों है चूतिया, डाल ना मेरी गांड में!”
फिर भी मुझे कुछ समझ में नहीं आया।

मेरे लिए यह सब पहली बार था; मैं अभी यह सब करने को तैयार नहीं था।

उसने फिर कहा, “जल्दी से डालो, मेरा मूड बन गया है।”
इसके बाद उसने अपनी गांड थोड़ा और ऊपर की।

फिर कहा, ज़ोर से धक्का दो, अपने हाथ से मेरा लंड अपनी गांड के छेद पर रखकर।
मैं उसके शब्दों का पालन करने लगा।

आप यह Gay Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

जब मैं झटका दिया, मेरा पूरा लंड उसकी सुंदर गांड में घुस गया।

तुरंत अंदर जाओ, उसने धीमे से कहा।
सब कुछ उसे अच्छा लग रहा था।

उसकी गांड की गर्मी भी मेरे लंड को उत्तेजित कर रही थी।
मैं अपनी शर्ट को एक हाथ से ऊपर उठाकर उसकी गांड मारने लगा।

ऐसा करते-करते खेल कुछ ही मिनट में शुरू हो गया।
ताकि वह उठी रहे, मैंने अपनी शर्ट को ऊपर उठाकर कुछ कस दिया।

फिर मैंने दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़ी और गांड मारने लगा।

मैंने लगभग पंद्रह मिनट तक उसकी गांड मारी और अब मेरा लंड छूटने कोप हो गया।
मैं बहुत खुश था।

Xxx Gay Sex Kahani

मैं भूल गया था कि मेरा लंड किसी की चूत या गांड में गया है। मैं सिर्फ धकापेल करता गया और चरम पर पहुंचते ही अपने लंड से पानी छोड़ना शुरू कर दिया।
उस समय मैंने पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया था।

कुछ ही देर में उसकी गांड में पूरा रस भर गया।

इसके बाद वह हुआ..। जो मैंने कभी नहीं सोचा था, वह होने लगा।

उसने मुझे रोका जब मैं अपनी पैंट में अपना लौड़ा डालकर जाने लगा।

आप यह Gay Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

कहां जा रहा है, वह पूछा।
मैंने कहा: “हो तो गया..।” मैं अब जा रहा हूँ। मैं फिल्म देखना चाहता हूँ।

रुक जाओ, अभी कुछ नहीं हुआ, उसने कहा। अब मेरा समय है।

अब वह मेरे मुँह में अपना लंड डालने लगा।
वह चूसने लगी।
मैंने उसे रोका।

इसे भी पढ़ें   एक कपल को होटल में चोदा

उसने कहा कि वह सिर्फ खाली मज़ा लेना जानती है। यह मनोरंजन होगा नहीं क्या?
नहीं, मैं यह सब नहीं करना चाहता था।

उसने कहा कि अगर तुमने ऐसा नहीं किया तो मैं अभी चिल्लाकर सबको बता दूँगा।

मैं डर गया जब उसने धमकाते हुए ये सब कहा।
मेरे पास अब कोई दूसरा विकल्प नहीं था।

डर से मैं जो कहा गया था, करने लगा।
उसने मेरे मुँह में अपना लौड़ा डालकर आगे पीछे करने लगा।
मैं भी नहीं जानता कि मैं किस तरह उसके लिंग को चूसने लगा।

Gay Chudai Ki Kahani

यह देखकर, वह अपने लौड़े से मेरे मुँह को चोदने लगा और आले तक अपना लंड मेरे मुँह में डालने लगा।
उसने एक बार फिर मेरी पैंट खोली और कुछ देर तक मुझसे चुदाई की।

तब तक उसने अपने मुँह से लौड़ा निकालकर मेरी गांड के छेद पर लौड़ा लगाया, जिससे मैं कुछ समझ गया।

मैं उससे भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन उसने अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया।

आप यह Gay Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

मेरी आंखें बह गईं और मुझे बहुत दर्द हुआ।
मैं रोना चाहता था, लेकिन मरदूद ने हाथ का ढक्कन मेरे मुँह पर डाल दिया।

अब मैं बेबसी में गांड मरवा रहा था।
मैं गुस्सा होने लगा और कुछ दर्द हुआ।

उसने अपना हाथ मेरे मुँह से हटा दिया और मेरी कमर को दोनों हाथों से पकड़कर गांड मारने लगा।

दस मिनट तक उसने मेरी गांड को ऐसे ही चोदा।

इस तरह पहली Hindi Gay Sex Stories बार मैंने अपनी गांड चुदाई की। जो मुझे गांड मरवाते समय बहुत अच्छा लगता था, लेकिन बाद में मेरी गांड बहुत दर्द करने लगी, इसलिए मैं इस कार्यक्रम से चिढ़ गया।

शो खत्म होने पर मैं चुपचाप जाकर अपनी सीट पर बैठ गया।

पूरी रात मैं अपने साथ क्या हुआ, उसी पर सोचा।
गाण्ड में दर्द होने पर एन्टीबायोटिक क्रीम लगाकर बर्फ से सिकाई की।

दो पेन किलर की गोली और एक नींद की गोली भी खाई।
दो बजे रात को किसी तरह सो सकती थी।

फिर मैं सुबह उठकर चला नहीं गया।
मैं फ्रेश होने गया था, इसलिए मैं हगा नहीं जा रहा था।

वास्तव में, दोस्तों..। मैं किसी को बता भी नहीं पा रहा था कि मेरे साथ क्या हुआ।

आप यह Gay Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

इसे भी पढ़ें   ममेरी बहन के साथ खुलकर चुदाई की।Antarvasna Married Sister Ki Sexy Kahani

इस चुदाई के बाद मुझे पता चला कि गांड मारना आसान है, लेकिन गांड मारना आसान नहीं है।
सारा दिन उस दिन मैं उस मादरचोद को कोसता रहा और गांड सहलाता रहा।

Hindi Gay Sex Story

मैं घुटनों पर बैठ गई और उसके लौड़े को उसकी पैंट से बाहर निकाल कर चूसने लगी.
बड़ा ही मस्त महसूस हो रहा था.
उसके लौड़े से आने वाली महक मुझे बेहद कामोत्तेजित कर रही थी.

कुछ देर चूसने के बाद मैंने नावेद का बड़ा सा सर कटा लंड अपनी गांड में ले लिया और मैंने अपनी गांड की खुजली मिटवा ली.

वह धकाधक मेरी कमर पकड़कर मेरी गांड मार रहा था।
मेरी गांड की खुजली पूरी तरह से मिट गई। ऐसा लगता था कि बस ये लंड मेरी गांड में घुसते रहे।

नावेद ने कुछ देर बाद अपना रस मेरी गांड में छोड़ दिया।
वह बहुत ऊपर था, इसलिए उसने मुझे गांड मारने के बाद अपनी पैंट पहनी और मुझे थपथपाकर सीट पर वापस आने को कहा।

उसके बाद से, मैंने नावेद से अपनी गांड कई बार मरवाई और उसने मुझे दो और लंड भी दिए।

अब मुझे पता चला कि मैं गे हूँ और लड़कों से प्यार करता हूँ।

अब मैं हर दिन नए लड़कों से गांड मरवाता हूँ और उनके लौड़ों से गांड की खुजली दूर करता हूँ।

आशा करता हूँ की आप सभी को मेरी कहानी हॉल में मरवाई एक लड़के से अपनी गांड | Hindi Gay Sex Stories पसंद आई होगी। इस कहानी को अपने सभी दोस्तों और रिस्तेदारो के सार्थ शेयर करो ताकि वो भी अपनी गांड की खुजली मिटा सके।

और भी पढ़े…

आप यह Gay Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

गबरू जवान ने दिल चुरा लिया मेरा | Jija Sali Sex Stories In Hindi

बड़ी भाभीजी के सामने छोटी भाभीजी को पेला-1 |

Related Posts

Report this post

Leave a Comment