बारिश के दिन दो लड़को से मरवाई गांड | Hindi Hot Xxx Gay Sex Kahani

Hindi Hot Xxx Gay Sex Kahani पढ़े। पार्टी से लौटते समय देर हो गई। घर जाने के लिए कोई रास्ता नहीं था। मैं पैदल चला गया। लेकिन भाग्य कुछ और ही चाहता था। बीच में बारिश शुरू हुई और फिर…!

नमस्कार दोस्तो, मैं फिर से आपका स्वागत करता हूँ, प्रिंस। मैं आपके लिए एक नई कहानी लाया हूँ। मेरी आपबीती आपको बहुत पसंद आएगी, उम्मीद है।

मैं पहले अपने बारे में बताता हूँ। मैं 19 वर्ष का गोरा और नरम लड़का हूँ। यह घटना 25 दिसंबर को हुई, जब मैं क्रिसमस की नाईट पार्टी से लौट रहा था। उस ठंडी रात में मैं थकान से घर जा रहा था।

रात के एक बजे था। मैं कोई बस नहीं पा रहा था। इसलिए मैंने पैदल ही घर जाने का निर्णय लिया। मेरे लिए यह निर्णय बहुत दिलचस्प था। आप Hindi Hot Xxx Gay Sex Kahani पढ़कर अंदाजा लगा सकेंगे।

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मैं भी पार्टी में कुछ शराब पिया था, रात अंधेरी होने के कारण मैं पूरी तरह से अलर्ट होकर चल रहा था। मेरा घर आठ किलोमीटर दूर था। सर्द रात में शराब पीने से मौसम बहुत सुहावना होता था।

हवा भी काफी ठंडी थी। कुछ दूर चला तो हवा तेज हो गई। बादल चांद को घेर रहे थे, जब मैंने आसमान की ओर देखा। शायद बारिश हो गई थी। दो मिनट बाद ही बूंदें गिरनी शुरू हो गईं, जबकि मैंने सोचा था कि बारिश नहीं होगी।

मैं तेजी से चलने लगा, लेकिन बारिश की बूंदें मेरे कदमों के साथ तेज होती चली गईं. जल्द ही भारी बारिश होना शुरू हो गया। दो मिनट में मैं पूरी तरह से गीला हो गया। मैंने सोचा कि ऐसा करने से मैं बीमार हो जाऊंगा।

इतनी तेज बारिश में बाहर तो नहीं रह सकता था, इसलिए मैंने कहीं रुकने का विचार किया। आसपास एक वीरान सिनेमा हॉल था। मैं बिना सोचे समझे उसके अंदर गया।

पिछले चार-पांच सालों से सिनेमा हॉल बंद था। वहाँ कोई नहीं आया। इसलिए मुझे भी थोड़ा डर लगा। उस समय बारिश से बचने के लिए उससे अच्छी जगह कोई नहीं था। मैं अंदर गया।

जब मैं अंदर गया तो देखा कि सब कुछ सुनसान था। खिड़कियों का कांच गिर गया। जो ठंडी हवा को अंदर ले जाता था। कुर्सियां भी टूट गईं। फिर मैं बैठ गया, कुर्सी को स्लाइड करके थोड़ा साफ किया।

मैं भीग गया था, इसलिए ठंड लगी। जैसे ही मैं पॉकेट में हाथ डालने लगा, मैं सिगरेट और लाइटर पर हाथ डालने लगा। मैंने सोचा कि मैं सिगरेट पीता हूँ। ठंड से कुछ राहत मिलेगी। फिर मैंने सोचा कि इस थियेटर में शायद कोई दर्शक नहीं आएगा।

यह सोचकर मैं कुर्सी से फोम निकालकर आग लगाने लगा। सर्दी से कुछ राहत मिली, लेकिन ठंडी हवा अभी भी आ रही थी और बारिश भी नहीं रुकी।

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कुछ देर बाद मुझे कुछ शोर हुआ। मैंने सोचा कि एक अतिरिक्त व्यक्ति आ रहा है। डर लगने लगा कि कहीं चोर नहीं है। डर लगा कि चोर मेरा पर्स, पैसे, फोन और अन्य सामान छीन लेंगे।

मैं चुपचाप वहां बैठा रहा। वहाँ दो लड़के थे। दरवाजे पर खड़े हुए वे दोनों मुझे देख रहे थे। जलती हुई आग को देखकर उन्हें आगे बढ़ना पड़ा। मैंने अपनी सिगरेट छोड़ दी। जब वे आग की रौशनी में मेरे पास आए, मैंने देखा कि वे चोर नहीं लग रहे थे।

मैं भी खड़ा हुआ। दोनों को देखकर लगता था कि वे भी नशे में थे। एक की उम्र २१-२२ के आसपास रही होगी, जबकि दूसरी की उम्र २३-२४ के आसपास रही होगी। दोनों की हाइट लगभग समान थी। दोनों की हाइट 5.8 फीट के आसपास होगी।

जब मेरा ध्यान उनके शरीर की ओर गया, मैं सिर्फ उनको देखता रह गया। दोनों बहुत सुंदर दिख रहे थे। उन्हें देखकर कोई भी उनसे प्यार कर सकता है।

वह मुझे देखकर पूछा: मैं कौन हूँ और यहाँ क्या कर रहे हो?
मैंने कहा कि मेरा नाम प्रिंस है और मैं बारिश से रुक गया था। जब मैं पास की क्रिसमस पार्टी से वापस आ रहा था, तो बारिश होने लगी। इसलिए वह यहीं रुक गया।

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उसने कहा कि हम भी वहीं से आ रहे हैं। रास्ते में कोई बस भी नहीं मिली, इसलिए हम यहां रौशनी देखकर शेल्टर के लिए इस भवन में आ गए। क्या हम दोनों भी यहाँ रुक सकते हैं?

मैंने मुस्कराते हुए कहा, “जैसे आप लोग यहां शेल्टर के लिए आये हैं, मैं भी आया हूँ।”
मेरी बात पर दोनों ने भी मुस्कराया।

ध्यान से देखने पर पता चला कि बारिश ने उनके शरीर को भी भीग दिया था। हम सब आपस में बोलने लगे।
एक ने अपना नाम समीर बताया और दूसरे ने अजीम खान बताया।

तुमने ये आग कैसे जलायी, समीर ने पूछा।
मैंने कहा कि कुर्सी के फोम को निकालकर लाइटर से जलाया जाए।
यह सुनते ही वह पीछे की ओर गया और कुर्सी से फोम निकालकर ले आया। फोम लाकर आग पर डाल दी। इससे आग तेज होने लगी।

तभी अजीम थोड़ा पीछे चला गया। उसने एक तरफ होकर मूतने लगा और अपनी पैंट की जिप खोली। उसका लंड अंधेरे में कुछ स्पष्ट नहीं था। मैंने बहुत प्रयास किया, लेकिन लंड का साइज नहीं पाया। किंतु जहां वह मूत रहा था, काफी झाग बन गए थे। मैं थोड़ा उत्साहित था।

वह स्नान करके पास की चेयर पर बैठ गया। फिर उसने अपनी शर्ट को सहसा खोलना शुरू किया और बिना देखे उसे उतार दिया। उसने शर्ट को पूरी तरह निकालकर आग के पास सुखाने लगा। उसकी शरीर को देखकर मेरे मुंह में पानी आ गया।

अजीम की बॉडी पूरी तरह से सॉलिड लगी। उसके निप्पल्स पूरी तरह से पिंक से ढके हुए थे। चेस्ट के बाल काले रंग के थे। उसने आर्म्पिट के बालों को ट्रिम किया। उसे देखते ही मेरा मन उसकी अंडरआर्म चाटने लगा।

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तब समीर ने अजीम को अपनी शर्ट उतारकर कहा, “ये ले यार, मेरी शर्ट भी सुखा दे, वर्ना मैं बीमार हो जाऊंगा।” उसकी चेस्ट पर बाल नहीं थे, लेकिन समीर की बॉडी भी बहुत सॉलिड थी। उसके बाइसेप्स बहुत मजबूत लगे।

समीर के बाल अंडरआर्म काले थे। दोनों मुझे अच्छे लगे। मैं दोनों को अपना पति बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार था।

बारिश भी हो रही थी और मौसम भी गर्म था। अजीम ने इसी समय अपनी पैंट भी उतार दी। उन्होंने बताया कि उसे सर्दी हो रही है। बारिश में उसकी पैंट भी छिपी हुई थी। वह आग के सामने अपनी पैंट भी सुखाने लगा।

अजीम ने सिर्फ एक ब्रीफ पहना हुआ था। तब समीर ने अजीम को इशारा किया।
तुम बेवकूफ हो रहा है, उसने कहा। ऐसे किसी के सामने पूरा कपड़ा उतार कर बैठा है। ये बेचारा आदमी हमारे बारे में क्या सोचेगा पता नहीं।

समीर के प्रश्न का अजीम ने कोई उत्तर नहीं दिया।
तब मैंने कहा कि कोई बात नहीं, मैं भी लड़का हूँ। इसमें क्या विचार करना चाहिए? वैसे भी, गीले कपड़े पहनने से बीमार होने का डर अधिक होगा। गीली पैंट भी सुखा लो, नहीं तो सर्दी लगेगी। मैं आप दोनों से कोई समस्या नहीं है।

यह सुनते ही समीर ने भी अपनी पैंट उतार दी। अब वे दोनों अंडरवियर में मेरे सामने खड़े होकर अपनी पैंट सुखा रहे थे। उनके आधे से तने हुए लंड भी गीले अंडरवियर में अलग से चमक रहे थे। यह भी पता चला कि दोनों के लंड लगभग समान साइज के होंगे। लेकिन समीर का लंड कुछ अधिक मोटा दिखाई देता था।

अरे प्रिंस, तुम भी अपनी शर्ट और पैंट सुखा लो, कहा समीर। हमने तुम्हारे बारे में कभी नहीं सोचा।
नीचे से मैंने अंडरवियर नहीं पहना था। मैंने बात को टालने की कोशिश की और कहा कि मैं ऐसे ही ठीक हूँ।
लेकिन समीर ने कहा, अरे आदमी, तुम्हें ठंड लगेगी। सुखा दो।

मैंने कहा कि मैं कुछ भी नहीं पहना है।
हम भी तो लड़के हैं, समीर ने कहा। तुम्हारे पास भी वही है। यह शर्मनाक क्यों है?
मैंने भी अपनी शर्ट और पैंट उतार दी और समीर को सुखाने के लिए दे दी।

मैं अब उन दोनों के सामने पूरी तरह से नंगा हो गया था। मेरी नरम शरीर को दोनों देख रहे थे। मेरे पिंक निप्पल्स और गोल गोल गांड को देखकर उन दोनों के लौड़ों में जोश आने लगा।

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मैं डरकर नीचे गिरने लगा जैसे ही बिजली कड़की। लेकिन अजीम नीचे बैठा हुआ था। मैं उसकी गोद में जाकर गिर गया, लेकिन वह मुझे जमीन पर गिरने से बचाया। तब ही तूफान की तरह तेज हवा चलने लगी। उसने हॉल के अंदर पूरी तरह अंधेरा कर दिया और आग को बुझा दिया।

मैं ठंडा था। मैं सिर्फ अजीम की गोद में बैठा था।
तुम मेरी गोद में ही बैठे रहो, उन्होंने कहा। कहीं अंधेरे में गिर जाओगे और चोट लगेगी। हम साथ रहेंगे तो सर्दी कम होगी।
मैं भी चाहता था।

मैं अजीम की गोद में बैठे हुए उसके हाथों में था। अजीम का लंड भी नीचे से मेरी गांड पर था। उसका लंड आधा खड़ा था। धीरे-धीरे उसका लंड पूरा तन गया। वह मेरी शरीर से लगभग चिपका हुआ था।

अब वह मेरे बालों को सहलाने लगी। कभी-कभी वह मेरे बालों को सहलाता था और कभी-कभी गर्दन पर। मैं भी खुश था। मैं उसके कंधे पर सिर रखा। उसने अपने हाथ से मेरा सिर पकड़ा और मेरे लिप्स को किस करने लगा।

मैं भी उसके लिप्स को चूमने लगा। हम लोगों को बहुत मज़ा आ रहा था जब उसने अपने हाथों को मेरी नेक से हटाकर मेरी गोल गोल गांड को दबाने लगा। उसने मेरा हाथ अपने लंड पर रखा और अपनी चड्डी उतार दी।

मैं एक कमसिन युवा का मर्दानगी भरा लंड था। हम ऊपर से स्मूच कर रहे थे। वह मेरी गर्दन को मसला। मैं उसके लिंग को पीछे से आगे कर रहा था। हल्की रोशनी आई और समीर ने हम सब करते हुए देखा।

वह उठकर अपनी अंडरवियर निकाल दी। वह भी पीछे से मुझे किस करने लगा। वह मुझे किस करते हुए अपना लंड भी हिला रहा था।

हमने अपनी जगह बदली और मैं डॉगी की तरह अज़ीम का लंड चूसने लगा। मैं पीछे से समीर के साथ खेल रहा था। वह दाँतों से मेरी गांड को काटता और कभी-कभी जीभ से मेरी गांड के छेद को चाटता, जिससे मेरी आह निकलती।

जैसे मैंने कभी जवान लड़के का लंड नहीं देखा था, मैं अज़ीम का लंड दिल से चूस रहा था। हम सभी ने आह-आह की आवाज़ निकाली। मेरी गांड चुदाई अब होने वाली थी।

दोनों खड़े हो गए। उन्हें एक सुंदर कुर्सी और चेयर दिखाई दी, फिर मुझे डॉगी स्टाइल में बिठा दिया। Azim, जिसका बड़ा लंड था, मेरे पीछे आया।

रॉड जैसे लंड वाला समीर, जिसका लौड़ा भी काफी लम्बा था, मेरे मुँह को चेयर से ऊपर करवा दिया और मुझे रंडी की चूत की तरह पेलने लगा।

उस मादरचोद अजीम ने तुरंत पीछे से एक बड़ा थूक निकाला और उंगली को मेरी गांड में आगे पीछे डालकर थूक अंदर डाला।

उसने पहले एक, फिर दो और फिर तीन उँगलियाँ मेरी गांड में डालकर मेरी गांड को नरम बनाया। तीन उँगलियाँ हटने से मुँह में समीर के ताबड़तोड़ लंड से थोड़ा दर्द हो रहा था। साला कुत्तिया का बच्चा रुकने का नाम भी नहीं लेता था, समीर।

उसके धक्के मेरे मुंह में इतनी तेज थे कि लगता था कि किसी ने उसको बिजली पर चलाया है। उसने इतनी जल्दी मेरे मुँह को कुतिया की चूत बना दिया। उसके लंड को चूसते हुए मेरे लिप्स पूरी तरह से लाल हो गए।

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अब समीर कुछ देर रुका, फिर अज़ीम की ओर बढ़ा और जाकर उसके लंड चूसने लगा। अब अज़ीम मेरी गांड मार रहा था। वह कोशिश कर रहा था कि मेरी गांड का छेद थोड़ा अधिक खुल जाए ताकि मैं चुदाई करते समय कोई तकलीफ न महसूस करूँ।

अजीम के लंड को चूस चूसकर समीर ने थूक से भर दिया। उसने समीर के मुंह से अपना लंड निकाल लिया। जब अज़ीम ने समीर के थूक से सना हुआ लंड मेरी गांड में डाला, तो मैं पूरी तरह खुश हो गया।

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तब समीर फिर आ गया और मुझे चुदाई करने लगा। उसका बड़ा लंड मेरे गले में जाकर धक्का मारता तो मेरी जान निकल जाती। ऐसा कुछ समय तक चलता रहा।

फिर अचानक मेरी आँखों के आगे अंधेरा छा गया, मेरी गांड में अजीब सी जलन होने लगी और मैं कुतिया की तरह तड़पने लगा। अज़ीम ने मेरी गाँड में अपना पूरा हाथ डाल दिया। जो गांड से खून बहाने लगा।

अब वह मेरी गाँड में हाथ से चुदाई कर रहा था। मेरी जान निकलने वाली थी। वह अपने हाथ से मेरी गांड के अंदर की स्किन को चोटी काटता था, ऐसा लगता था कि मेरी गांड फटकर चिथड़े हो जाएंगे।

बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था, लेकिन मनोरंजन भी हुआ। हम सब मदहोश हो गए। जब अज़ीम ने अपना हाथ निकालकर अपना लंड डाला, तो उसे कुछ राहत मिली। फिर वे दोनों बहुत उत्साहित हो गए। जब समीर मेरे मुँह की चुदाई कर रहा था, अज़ीम मेरी गांड को अपने खून से भर रहा था।

अब मेरा रस निकलने वाला है, अजीम ने हाँफते हुए कहा।
आह्ह, मैंने कहा, बस गांड में निकाल दो।

मुझे बहुत राहत मिली जब मेरी गांड में गर्म गर्म लावा की पिचकारी लगने लगी। वह मेरी कमर पर लेट गया और कुत्ते की तरह मुझे काटने लगा, अपना वीर्य पूरा अंदर तक छोड़ते हुए।

वह अपने वीर्य से भरी मेरी गांड में लंड को आगे पीछ करता रहा, जब तक कि पूरा निकल गया नहीं। समीर के लंड का पानी अभी भी नहीं निकला था। अब समीर मेरे पीछे आया और अज़ीम के वीर्य से लथपथ मेरी गांड में अपना लंड डालकर मारने लगा।

तब अज़ीम मेरे सामने आया। जब मैंने उसके बचे हुए वीर्य को साफ कर दिया, समीर प्यासे कुत्ते की तरह मेरी गांड को पीने लगा। जब अज़ीम ने मेरा लंड चूसना शुरू किया, मैं बेहोश हो गया। मैं अब सातवें आसमान पर उड़ रहा था।

पीछे हो रही थी गांड की चुदाई, जिससे समीर का लंड निकल गया। दो युवा आदमी के वीर्य ने मेरी गांड को पूरी तरह भर दिया था। जब अज़ीम मेरा लंड चूस रहा था, सिनेमाघर की दीवारों से आह… आह… की आवाजें निकल रही थीं।

अब उन दोनों ने मुझे उठाकर जमीन पर बिठा दिया। मैंने समीर का लंड चूसकर साफ़ कर दिया, फिर उसके वीर्य को चाटकर उसे अमृत समझा। अब समीर मेरा लंड चूसने लगा, जब अज़ीम ज़मीन पर लेट गया।

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जीम ने कहा, “अपनी गांड मेरे चेहरे पर रख दो।”
मैंने भी इसी तरह किया। Azim मुँह पर मेरी गांड से निकले वीर्य की बूंदें चाटने लगा। इधर, मेरी प्यारी नुन्नू ने भी समीर के मुँह में अपना माल छोड़ दिया, और अज़ीम ने मेरी गांड से सारा वीर्य चाटकर साफ कर दिया।

हम कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे, फिर हर कोई अपने कपड़े पहनने लगा। जब मैंने समय देखा तो लगभग चार बज गए थे। अब बारिश भी कम हो गई थी। शायद होनी को यह सब स्वीकार था।

हम लोगों ने अपने मोबाइल फोन नंबरों को बदलते हुए कहा कि अगर कभी भी गांड में खुजली हो तो हमें याद रखना।
हां ज़रूर, मैंने खुशी से कहा।

मैंने अज़ीम और समीर को एक-एक लिप किस और झप्पी दी, फिर गले मिलाकर घर चला गया।
तो दोस्तो, यह थी मेरी Hindi Hot Xxx Gay Sex Kahani। तुम लोगों को मेरी गांड चुदवाने की यह आपबीती कैसी लगी मुझे बताना। नीचे अपना ई-मेल एड्रेस दिया गया है।

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