Family group sex story – Beti ki tight chut sex story: हाय मेरा नाम मीना है, उम्र अड़तालीस साल, रंग बिल्कुल गोरा, बॉडी गोल मटोल, फिगर चालीस छत्तीस चौवालीस, जो किसी का भी लण्ड खड़ा करने के लिए काफी है, और जब मैं चलती हूँ तो सबकी नजर मेरी गांड पर ही अटक जाती है, मेरे हसबैंड का बिजनेस है और वो सुबह जाते हैं तो रात को ही घर लौटते हैं, कभी कभी तो बाहर ही रहते हैं।
उनका नाम रमेश है, लण्ड का साइज पाँच इंच जो मेरे चूचे से भी पीछे रहता है और गांड से आगे ही नहीं जा पाता, मेरे एक बेटा और बेटी है, बेटा महुल, रंग गोरा, बॉडी एकदम सॉलिड, बेटी माही, रंग मेरी तरह बिल्कुल गोरी, साइज चौंतीस तीस अड़तीस।
कुछ तो मेरी फ्रेंड बोलती थी इसकी गांड तेरे जैसी है तो कुछ बोलती थी ध्यान रखना कहीं माही की कोई गांड ही ना मारता हो, मैं सब मजाक में ले लेती थी। एक दिन रात को मुझे नींद बहुत ज्यादा आ रही थी तो मैं बिना खाना खाए ही सो गई।
करीब ग्यारह तीस बजे मेरी आँख खुली, हसबैंड भी उस रात घर नहीं आए थे, मैं किचन की तरफ गई कि कुछ बनाकर खाऊँ और मैं बच्चों के रूम की तरफ गई तो मुझे कुछ आवाजें आ रही थीं, जब मैं कीहोल से देखी तो मेरे पैरों तले जमीन निकल गई क्योंकि महुल माही को चोद रहा था, पूरे नंगे थे रूम में।
मेरा दिल किया कि क्यों ना इनको सबक सिखाऊँ जाकर क्या कर रहे हो, फिर तभी महुल माही को मीना बोल बोलकर चोद रहा था और ध्यान से देखने पर पता चला वो उसकी गांड को चोद रहा था, माही भी बोल रही थी बेटे और जोर जोर से चोद अपनी माँ को, मैं हैरान थी जैसे मुझे चोद रहा है।
मैं अंदर जाने ही लगी कि उसने अपना लण्ड गांड में से निकाला और मैं देखकर हैरान रह गई करीब दस इंच लम्बा और चार इंच के आसपास मोटा था, वो मुझे किसी गधे का लण्ड लग रहा था, फिर उसने लण्ड सीधा माही के मुँह में दे दिया, वो मेरे से भी अच्छा चूस रही थी पूरी प्रोफेशनल की तरह, ग्ग्ग्ग… ग्ग्ग्ग… गी… गी… गों… गों… की आवाजें आ रही थीं उसके गले से।
मैं शॉक्ड थी कि ये क्या कर रही है, तभी मुझे मेरी फ्रेंड्स की बातें याद आने लगीं कि वो भी यही बोलती थीं, करीब मैं तीस मिनट तक देखती रही और मैं महुल का लण्ड और टाइमिंग और उसके चोदने के स्टाइल पर इम्प्रेस हो गई, जब महुल पानी छोड़ने वाला था।
तो बोला: “मीना मुँह खोल” और माही नीचे बैठकर बोली: “लो बेटा डाल दो मेरे मुँह में सारा पानी”, मुझे बहुत मजा आया ये देखकर, फिर मैं अपने रूम में आ गई और पूरी रात नहीं सो पाई और उस रात मैंने अपने बेटे के लण्ड को फील करके दो बार फिंगरिंग की।
मेरे लिए पहली बार था शादी के बाद फिंगर किया हो नहीं मैं बाहर के लण्ड तो लेती ही रहती थी। नेक्स्ट डे मैं मॉर्निंग खाना बना रही थी, माही मेरे पास आकर काम करने लगी, तभी थोड़ी देर बाद बेटा भी किचन में आ गया और मुझे पीछे से हग करके मॉर्निंग बोला।
मैं उसका लण्ड फील कर रही थी मेरी गांड में, वो माही को इशारे कर रहा था, मैं चोरी चोरी देख रही थी, फिर मेरी चीक्स पर किस करके साइड में आ गया, मुझे पता था अब वो मुझे बेटे वाला फील नहीं कर रहा और मैं डर भी रही थी अगर इनको कुछ बोला तो मुझसे गुस्सा हो जाएंगे, मैं चुप रहने में समझदारी समझी।
तब मैं बोली: “माही तू खाना बना मैं आती हूँ”, फिर माही खाना बनाने लगी, मैं किचन में से बाहर आ गई, मुझे पता था ये फ्री नहीं बैठेंगे, मैं दूसरी तरफ जाकर चुपके से देखने लगी, तभी वो एक दूसरे को लिपकिस करने लगे और बोला: “बता आज कर दी ना किस भी और गांड में लण्ड भी दे दिया, बोल आज देगी अपनी चूत”।
तो माही बोली: “नहीं ऐसे नहीं कपड़ों के बिना डालो फिर चोदने दूँगी नहीं तो तब तक गांड ही मिलेगी”, तभी महुल बोला: “यार फिर आज गांड मिलेगी, माही इस गांड को मारने के लिए पता कितने लोग तरसते हैं तुझे मिल रही है तो नाटक करता है”, फिर वो बूब्स दबाने लगा, उसकी उँगलियाँ माही के निप्पल्स को मसल रही थीं, माही सिसकार रही थी उफ्फ… आह्ह…, फिर उसने माही को नीचे बिठाकर अपना लण्ड उसके मुँह में डाल दिया।
मुझे पता था काम ज्यादा हो जाएगा, मैं तभी अंदर आने लगी, आहट से वो ठीक हुए और माही खाना बनाने लगी और मेरा बेटा अपना लण्ड ठीक करने लगा, वो कौनसा छोटा था जो दिखना नहीं था, मैंने देख तो लिया लेकिन बताया नहीं और फिर वो थोड़ा साइड को होता हुआ बाहर चला गया किचन से, फिर खाना टेबल पर लेकर आए और खाना खाया।
और फिर माही बर्तन उठाने लगी और तेरे इनके पापा भी आ गए, हम टेबल पर बैठे थे, मैंने महुल से बोली: “जाओ पापा को खाना लेकर दो माही की हेल्प करो”, मेरी नजर इन पर ही थी, उसने किचन में जाते ही माही के मुँह में अपना लण्ड डाल दिया और वो चूसने लगी, ग्ग्ग्ग… गों… गों… की गहरी आवाजें।
फिर जल्दी ही वो खाना ले आए, तब तक रमेश भी फ्रेश होकर टेबल पर आ चुके थे, फिर खाना खाया और बोले: “मैं सोने जा रहा हूँ” और फिर वो रूम में चले गए, मैं भी जल्दी से गई और हिडन कैमरा बच्चों के रूम में लगा दिया और वो तब तक किचन में अपना प्रोग्राम कर रहे थे, मैं खुद उनको छोड़कर गई थी।
फिर थोड़ी देर बाद वो बोले: “हम थोड़ा रेस्ट कर लें”, तब करीब बारह के आसपास टाइम हो गया था, मैं भी बोली: “मैं भी सोने जा रही हूँ अगर भूख लगे तो खाना बनाकर खा लेना, मैं शाम को उठूँगी” और रूम जाकर कैमरा जो मेरे लैपटॉप से अटैच था उस पर डाउनलोडिंग लगाकर सेव कर ली फाइल क्योंकि जब रमेश बाहर जाएंगे तभी मैं देख सकती थी, तब तक तो बिल्कुल नहीं।
अब मैं भी अपने बेटे के लण्ड की दीवानी हो गई थी, मैं जानकर कि रमेश सो गए हैं चुपके से उठी और पीछे से बच्चों के रूम में देखने लगी, उनकी पीठ मेरी तरफ थी, वो बिल्कुल मेरे पास ही थे, मैं उनको नहीं दिख सकती थी लेकिन उनको पूरा देख सकती थी।
बेटा माही की चुदाई कर रहा था क्योंकि वो मेरा नाम लेकर चुदाई करते थे इसलिए दूर से दूसरी तरफ जहाँ मैं थी वहीं थे और आज मैं पहली बार माही की गांड और महुल का लण्ड इतने करीब से देख रही थी, वो कंटिन्यू गांड चोद रहा था, थप… थप… चप… चप… की गीली आवाजें, माही कराह रही थी आह्ह… ह्ह्ह… इह्ह…।
फिर अचानक जैसे उसने अपना लण्ड बाहर निकाला तो मैं देखी गांड में करीब तीन फिंगर बिल्कुल आसानी से जा सकती थी, मैं समझ गई मेरी बेटी मेरा रिकॉर्ड तोड़ देगी, मैं उसकी पोजिशन्स और उसके एक्सपीरियंस को देखकर हैरान थी, वो मुझे पता था गांड में एक साथ दो लण्ड ले सकती थी और चूत वर्जिन थी क्योंकि माही की डिमांड थी जब मेरी चुदाई करेगा तब उसको माही की चूत मिलेगी।
जैसे इसकी उम्र में मैं थी बिल्कुल मेरी कॉपी माही थी फर्क सिर्फ इतना था मैं सबसे पहले चूत मरवाती थी फिर गांड और माही सिर्फ अपने भाई से गांड ही मरवाती थी चूत बिल्कुल वर्जिन थी, मैं इनके किसिंग स्टाइल से बहुत इम्प्रेस हुई क्योंकि बहुत जबरदस्त किसिंग करते थे दोनों, जीभें लड़ रही थीं, साँसें तेज।
फिर मैं अपने रूम में आ गई, रमेश भी जाग उठे थे, मैं उनका मूड बनाने लगी क्योंकि चुदाई देखी थी चुदे बिना थोड़ी रह सकती थी लेकिन उसने नहीं चोदा मुझे, मैं फिंगर्स करके अपना पानी निकाली और कब नींद आ गई पता नहीं चला, शाम के छह बजे मैं उठी, रमेश पैकिंग कर रहे थे बोले: “उठ गई”।
मैं उठाने ही वाली थी उनको दिल्ली जाना था तीन दिन के लिए, मैं ओके बोलदी क्योंकि मेरे ऊपर सेक्स का नशा चढ़ा था, फिर उन्होंने मुझे लिप किस की और चले गए लेकिन मैं तो महुल जैसी किस चाहती थी, खैर वो चले गए मैं उनकी वीडियो देखने लगी।
बिल्कुल पोर्नस्टार की तरह कर रहे थे सेक्स, क्या ही बताऊँ आपको मैं उनकी वीडियो देखकर दो बार फिंगर की, उँगलियाँ चूत में अंदर बाहर, आह… ऊई… की सिसकारियाँ। फिर नेक्स्ट डे बहुत बुरा हुआ मेरे साथ कार एक्सीडेंट में मेरे हसबैंड और मेरी सहेली के हसबैंड दोनों की डेथ हो गई, फिर हम सब बहुत टूट गए क्योंकि घर उनके साथ ही चलता था।
सबने बहुत हौंसला दिया लेकिन फिर भी मैं ठीक होते होते दो महीने निकल गए, फिर एक दिन मैं व्हाट्सएप पर स्टेटस पर देखा मेरी फ्रेंड ने दूसरी शादी कर ली वो भी अपने से आधी उम्र के लड़के के साथ, मैं हैरान भी थी और खुश भी थी क्योंकि वो भी बहुत भूखी थी लण्ड की, मैं उसको कॉल की।
मैं: “हाय अनु कैसी हो।”
अनु: “फाइन आप बताओ।”
मैं: “फाइन कांग्रेट्स शादी कर ली तुमने बताया भी नहीं।”
अनु: “थैंक्स जान लेकिन क्या बताती बहुत मुश्किल था मेरा बच्चे तो अब्रॉड में हैं मुझे वो बुलाते नहीं ना कभी आए इंडिया मैं किसके सहारे रहती।”
मैं: “चलो अच्छा है कोई तो ध्यान रखने वाला होना चाहिए।”
अनु: “दिन तो निकल जाता लेकिन रात बहुत मुश्किल होती थी अब लाइसेंस मिल गया दिन को जहाँ मर्जी चुदवाओ रात को हबी है ना चोदने वाला तू भी कोई देख ले।”
मैं: “तू तो पहले ही इतने लण्ड ले चुकी है मैं भी सोचूँ कैसे रह लेगी लण्ड के बिना।”
अनु: “लण्ड की तो कोई कमी नहीं है मुझे बस एक ऐसा हो जो घर में बेफिक्र चोदे बस उसके लिए शादी की।”
मैं: “गुड फिर कैसे रही फर्स्ट नाइट।”
अनु: “क्या बताऊँ तुझे मीना इसका लण्ड आठ इंच का है पूरी हालत खराब कर दी इसने मेरी रात आठ बजे से लेकर सुबह पाँच तक चोदा इतना आज तक किसी ने नहीं चोदा मुझे इसने तो मेरी माँ भी याद दिला दी अगर तू एक बार मुझे चुदते देख लेती तो तू भी चुदे बिना ना रह पाती।”
मैं: “गुड अच्छा है कोई मिला तुझे जो इतना चोद रहा है तुझे नहीं नहीं मेरा अभी दिल नहीं करता चुदवाने का।”
अनु: “तुझे मैं अपनी वीडियो भेजती हूँ देखना।”
वीडियो भेजना हम सब में नॉर्मल बात थी क्योंकि सब देखकर डिलीट कर देते थे।
मैं: “हाँ भेज देखूँ तो सही उस शेर को जिसकी इतनी तारीफ कर रही है तेरी कैसी चुदाई की।”
अनु: “बिल्कुल भेजती हूँ अगर पसंद आई तो तुझे अपने हसबैंड से चुदवाऊँगी।”
मैं: “डन अगर मेरी नजर में फेल हुआ तो मैं जिससे बोलूँगी तुझे उससे चुदवाना होगा।”
अनु: “डन।”
फिर हमारी एक फ्रेंड थी उसकी बात चलने लगी उसका नाम उषा था पैंतालीस साल थी और बॉडी बहुत सुंदर चालीस चौंतीस बयालीस जो भी एक बार देखे देखता ही रह जाता था क्योंकि उषा पहले जिम ट्रेनर थी फिर उसने जॉब छोड़ी लेकिन उसकी बॉडी बहुत खास थी।
हम सबमें उसके बर्थडे को करीब तीन महीने हुए थे बोली उसने बहुत अच्छा प्रोग्राम किया था उसके हसबैंड के नौ साल हो चुके थे तो उसने अपने बेटे से शादी कर ली और उसने ही मुझे मोटिवेट किया था कि मैं भी शादी कर लूँ देख आज सब कुछ।
मैं: “बेटे से चुदवाना तो ठीक है लेकिन शादी करना ठीक रहेगा क्या उसके लिए।”
अनु: “बिल्कुल अब उसकी इतनी अच्छी बॉडी कोई चोदने वाला भी तो होना चाहिए था।”
मैं: “तू चूड़ी क्या उसके बेटे से भी।”
अनु: “हाँ उस दिन भी चूड़ी थी उसके बाद भी दो बार मिली हूँ उसका लण्ड सात इंच का है काफी टेस्टी है वो भी गांड मारने का काफी शौकीन है।”
मैं: “चलो अच्छा है आप सबका।”
अनु: “देख मैं बात करूँ तेरी भी तुझे भी तो इतनी आग थी तू कैसी ठंडी हो गई एकदम से पता है तू हमारे साथ ही दस दस लण्डों से चूड़ी है और आज बिना लण्ड के कैसे रह पाएगी।”
मैं: “क्या करूँ रहना पड़ेगा लेकिन तू पहले अपनी वीडियो भेज फिर बात करते हैं।”
अनु: “ओके मैं भेजती हूँ तू देखकर बता मुझे कैसी बनी है क्योंकि मैंने चोरी बनाई थी।”
मैं: “ओके ठीक है।”
फिर कॉल कट करते ही उसकी वीडियो आ गई सच में उसका बहुत बड़ा लण्ड था मैं तो देखकर ही पागल हो गई फिर वो अनु को ऐसी उठा उठाकर चोद रहा था जैसे वो कोई पाँच दस साल की बच्ची हो और अनु भी पूरे जोश के साथ चुद रही थी आह… ह्हीईई… आअह्ह्ह्ह, मैं देखकर पगला हो रही थी कि इसको भी लण्ड मिल गया अब मैं किसके पास जाऊँ।
उसी टाइम बच्चों के आने की आहट हुई मैं ठीक हो गई और अपनी ब्रा को थोड़ा बाहर निकाल लिया कि महुल देखे और माही को चोड़े मेरा नाम लेकर फिर मैं भी ट्राई करूँ दोनों मेरे पास आकर बैठ गए मैं ऐसे ही मुँह बनाकर लगी और महुल ने मुझे गले लगा लिया।
मैं भी अनजान बनकर अपने बूब्स उसको फुल टच कर रही थी तभी उसका लण्ड भी खड़ा होने लगा मैं सब नोटिस कर रही थी पीछे से माही बोली: “मॉम आप दिल छोटा ना करो हम हैं ना आपके साथ आपको जो चाहिए हम देंगे” बोलकर मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी।
मैं और जोश से महुल को पकड़ ली उसका लण्ड पूरा खड़ा हो चुका था मेरी थाई पर टच हो रहा था तभी माही आगे आई और मेरा फेस पकड़कर अपने फेस के पास ले गई और मेरी गालों पर किस करने लगी बोली: “मॉम मैं हूँ ना महुल है ना और क्या चाहिए आपको” और खुद महुल की गोदी में बैठ गई क्योंकि वो मुझे नहीं दिखाना चाहती थी।
लेकिन मैं सब देख रही थी फिर हम अलग अलग हुए और मैं उठकर फेस वॉश करने गई तब मुझे पता था ये दोनों कुछ ना कुछ करेंगे तो महुल ने माही को उसी टाइम घोड़ी बनाया और उसकी गांड में डालकर आठ दस झटके मारकर रुक गया थप… थप… चपचप… की आवाजें, माही चुपचाप झटके मरवा रही थी उसको बिल्कुल भी शर्म नहीं थी कि मेरी मॉम पास ही है उसने एक बार भी मना नहीं किया, आह… ऊउइ…।
फिर मैं आ गई तो सब ठीक बैठ गए। मैं बोली: “देखो बच्चों अब तुम दोनों भी शादी के लायक हो गए हो हमको कोई शुभ काम करना होगा दोनों में से किसी की शादी करनी होगी” तो दोनों का रिएक्ट देखने लायक था बोले: “नहीं अभी नहीं” मैं बोली: “क्यों अभी क्या है” बोले: “हम सोचकर आपको बताएंगे”।
दो दिन तक मुझे पता था ये दो दिनों में कुछ ना कुछ बोलेंगे तो फिर आगे कुछ देखेंगे। नेक्स्ट डे मैं किचन में थी तभी महुल मेरे पीछे आकर मुझे हग करके अपना लण्ड फील कराया मैं भी आँखें बंद करके फील कर रही थी उसने बॉक्सर ही पहना था उसका लण्ड पूरा तन गया था।
मुझे उसने दो तीन किस कर दी थी लिप्स तक पहुँचने ही वाला था कि मैंने हटा दिया उसको वो कुछ बोल भी नहीं पा रहा था तभी माही आ गई तो महुल चला गया वो मेरी हेल्प करने लगी तभी बोली: “मॉम मैं प्रिपेयर नहीं हूँ अभी मैरिज के लिए”।
मैं बोली: “फिर महुल की कर देते हैं” बोली: “वो भी नहीं है” मैं बोली: “तुझे कैसे पता” बोली: “मुझे महुल ने बताया था” मैं बोली: “कहीं उसको कोई सेक्शुअली प्रॉब्लम तो नहीं” माही: “नहीं नहीं वैसी बात नहीं वो बस अभी नहीं करना चाहता”।
मैं: “अगर तुम दोनों नहीं करना चाहते तो तुम्हारी दोनों की ना कर दूँ एक साथ”।
माही की आँखें फटी की फटी रह गई वो हाँ बोलना चाहती थी लेकिन बोल नहीं पाई फिर करीब दो मिनट बाद बोली: “मॉम वो मेरा ब्रो है कैसे होगी उससे शादी”।
मैं: “देख तेरी फिगर इतनी अच्छी है मैं नहीं चाहती कि कोई तेरा यूज करे और चला जाए और तेरा भाई तेरे लिए सही है बाकी तू बता अगर राजी है तो”।
माही: “मॉम मैं तो तैयार हूँ भैया को पूछना पड़ेगा”।
मैं: “हाँ जा जाकर पूछ आ फिर बता मुझे”।
माही: “मॉम लेकिन मुझे शादी के बारे में कुछ पता भी नहीं है और उसके बाद क्या करूँगी मैं”।
मैं: “तू टेंशन मत ले मैं हूँ ना मैं सब सिखा दूँगी तुझे”।
माही: “ओके मॉम मैं पूछकर आती हूँ” बोलकर भागी गई।
मैं भी चुपके से चली गई वो दोनों लिपकिस कर रहे थे फिर बोले: “मॉम इतनी जल्दी मान गए हमको ट्रस्ट ही नहीं होता” मैं भी बाहर नहीं चुदना चाहती किसी से और महुल बोला: “मैं भी किसी और को नहीं चोदना चाहता तू और मीना दोनों के अलावा”।
माही बोली: “अगर मॉम हमारी शादी करवा देगी तो मैं पक्का उसकी दिलाऊँगी”। फिर वो बाहर आने वाली थी मैं भी भागकर वापिस अपनी जगह पर आ गई वो आते ही मुझे लिपटकर बोली: “मॉम महुल मान गया है कब करनी है बोलो”।
मैं: “इतनी भी क्या जल्दी है पहले मैं चेक करूँगी तेरा भाई तुझे सैटिस्फाई कर सकता है या नहीं”।
माही: “वो कैसे मॉम”।
मैं: “हम कल बाहर जाएंगे एक लड़की को घर भेजेंगे अगर उसको अच्छे से चोद देगा फिर ठीक है अगर नहीं फिर थोड़ा रुककर शादी करेंगे” माही जट से मान गई।
फिर मैं अनु को कॉल की और बोली: “तू कल मेरे घर आ और मेरे से मिल फेकते हैं तेरा हसबैंड अच्छा चोदता है या मेरा बेटा” अनु जट से मान गई। हमने प्लान किया कल दस बजे जाने का फिर मैं पहले ही हिडन कैमरा लगा आई थी मुझे पता था दोनों सच नहीं बताएंगे।
अनु ठीक साढ़े नौ बजकर पचास मिनट तक आ गई हमने अभी पानी ही पिया था कि प्लान के मुताबिक मैं और माही बोले: “हमको जल्दी है तू महुल को भी खाना खिला देना और खुद भी खा लेना” बोलकर हम आ गए मैंने माही का व्हाट्सएप भी स्कैन कर लिया था।
मैं हर तरफ से सुर होना चाहती थी करीब ग्यारह तीस को महुल ने वीडियो भेजी जैसे माही फोन देखने लगी मैं भी अपना फोन पर डाउनलोड कर ली मैं माही से बोली: “क्या तेरा होने वाला पति उसको सैटिस्फाई कर चुका होगा या नहीं”।
माही: “जट से उसको क्या उसकी माँ को भी कर देगा मुझे पता है”।
मैं: “देख माही एक बात पूछूँ”।
माही: “बोलो मॉम”।
मैं: “कभी चूत मरवाई है क्या तुमने”।
माही: “जट से आपकी कसम अभी तक वर्जिन है”।
पता तो मुझे भी था मैं बस कन्फर्म करना चाहती थी उसको भी पता था मैं गांड के बारे में नहीं पूछूँगी और वो मैंने पूछा भी नहीं।
मैं: “तेरी हिप्स बहुत बाहर आ गए बाई ना इसलिए पूछी हूँ”।
माही: “जो तो बस मॉम नेचुरल है मॉम अपने शादी से पहले” इतना बोलकर चुप हो गई।
मैं: “अब तेरे से क्या शरमाना मैं भी बहुत चूड़ी थी शादी से पहले इसलिए तेरी इतनी बाहर को है”।
माही: “सचमें मॉम आप तो फिर बहुत मज्जे लिए हो और अब आप कैसे रहती होगी”।
मैं: “बस तू शादी करके अपना घर बसा मैं इसमें ही खुश रह लूँगी”।
माही: “अगर महुल बोले कि वो आपको”।
मैं गुस्सा दिखाते हुए: “चुप बकवास बंद अगर ऐसे बोली तो तेरी भी कैंसल कर दूँगी”।
वो चुप हो गई मैं बोली: “चल अनु को कॉल करके पूछती हूँ कैसे रहा” मुझे पता था अनु कॉल नहीं उठाएगी फिर मैं माही को बोली: “तू करके देख” माही ने किया लेकिन नहीं उठाया फिर हम थोड़ी शॉपिंग करके दो बजे तक वापिस आ गए हमारे घर आने के बाद जब माही ने और मैंने डोर के पास जाकर देखा।
तो अनु के चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं: “आआआह्ह्ह्ह्ह बीते आआआह्ह्ह्ह आज जिंदगी में पहली बार आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह इतना मज्जा आया है और जोर से महुल मार मुझे मार” हम दोनों बाहर से सुनके ही वापिस आ गए।
और मुझे इतना भरोसा नहीं था कि महुल इतनी जोर से करेगा डाइनिंग टेबल तक उसकी चीख की आवाज आ रही थी थपथप… चपचप… आह ह ह ह ह्हीईई, माही मेरी तरफ देख रही थी मैं बोली: “माही तैयार रहना ऐसे चिल्लाने के लिए महुल ने इस रंडी की इतनी चीखें निकाली हैं तो तू अपना सोच समझ ले”।
माही: “मॉम आप टेंशन मत लो मैं सब करूँगी जो जो आप बोलोगे”।
मैं: “महुल बाद में तेरी गांड भी मारेगा क्या सेहन कर पाएगी उसका अपने पीछे”।
माही शरमाते हुए: “मॉम क्या आप भी ना”।
मैं: “मेरे साथ भी ऐसा हुआ चूत चोदने के बाद हर कोई गांड मारता है अब मुझे तो पता था माही गांड फड़वा चुकी है बस उसको पता ना चले इसलिए”।
माही: “आपने कब पहली बार पीछे लिया था”।
मैं: “जब मैं नाइंथ में थी मेरे क्लासमेट ने किया तब उसका छह इंच का था तब मैं तीन दिन तक चल नहीं पाई थी तेरी दादी को पता चल गया था कि मैंने गांड मरवाई है क्योंकि वो भी बहुत बड़ी चिनाल थी वो तो मेरे सामने ही चुदवाती थी मैं भी उसको देख देखकर सब सीखी”।
माही: “मॉम भैया कब रुकेंगे और आंटी क्यों इतना चिल्ला रही है”।
मैं: “किस्मत वालों को इतना बड़ा लण्ड मिलता है और चिल्लाने से ज्यादा मज्जा आता है” फिर थोड़ी देर बाद वो बाहर आए हमको देखकर बोली: “आप कब आए” मैं बोली: “जब तू चिल्ला रही थी” महुल शर्म से सर नीचे किए हुआ था फिर वो अंदर चला गया।
मैं: “बता अनु मज्जा आया”।
अनु: “क्या लण्ड है इसका जो भी इससे शादी करेगी पक्का किस्मत वाली होगी मेरी गांड फाड़ दी देख मुझसे अच्छे से चला भी नहीं जा रहा तुझे बोलती हूँ तू कर ले शादी अपने बेटे से”।
मैं: “आखिर बेटा किसका है नहीं उसके लिए एक बहुत सुंदर लड़की देखी है अब सब उसका है”।
अनु: “जो तो बहुत अच्छी बात है लेकिन तू एक बार चुदवा के देखना”।
मैं: “खैर जिसकी है वो देखे”।
फिर माही जूस लेकर आई हमने पिया और उसको बोली: “जा अंदर देकर आ महुल को” और वो अंदर चली गई फिर बोली: “तेरा बेटा तुझे चोदना चाहता है मुझे ज्यादा तेरा नाम लेकर चोदा” और बूब्स दिखाने लगी उस पर बहुत निशान थे काटने के बोली: “जो सब तेरे हैं जो मुझे गिफ्ट में मिले”।
मैं बोली: “बता उषा मेरे बेटे से चुदेगी या नहीं” तब अनु बोली: “मैं एक साथ दो दो लण्ड भी गांड में डलवाई चूत में भी दो दो लण्ड डलवाई लेकिन किसी ने ऐसे नहीं चोदा मेरी गांड से पहली बार किसी ने खून निकाला है” मैं बोली: “हाँ मैं भी चुदवाऊँगी और तुम सबको भी चुदवाऊँगी अपने बेटे से” फिर थोड़ी देर बाद वो चली गई।
नेक्स्ट डे मैंने दोनों से बोला: “मैं तुम दोनों की शादी करके फ्री होना चाहती हूँ तो नेक्स्ट मंथ की ग्यारह को तुम्हारी शादी ही उस दिन चौबीस डेट थी” तो दोनों खुश हो गए मैं बोली: “तब तक माही मेरे साथ मेरे रूम में रहेगी” तब दोनों थोड़ा नर्वस हुए लेकिन मेरे आगे कोई नहीं बोल पाया।
महुल बाहर चला गया और मैं पहले हिडन कैमरा लेकर आई फिर माही को बोली: “अपना सब सामान शिफ्ट करो हम शाम तक सारा सामान ले आए इधर” फिर उसकी शादी की शॉपिंग करने लगे मैंने एक नेट की ड्रेस सिलेक्ट की फर्स्ट नाइट के लिए बाकी सब माही की पसंद का था।
हमने पंडित जी को फोन पर बुक किया वो घर आने को तैयार हो गए फिर ऐसे ही दिन निकलते गए शादी का दिन आ गया मैं महुल को भेजी: “पंडित जी को ले आए” क्योंकि प्रोग्राम घर में ही था वो कार से चला गया मैंने माही के लिए जो लहंगा चुना था।
उसमें से अगर कोई मुर्दा भी देखे तो उसका भी खड़ा हो जाए डीप गला आधे से ज्यादा बूब्स बाहर नीचे नाभि नंगी नीचे कुर्ती बहुत टाइट जिसमें फिटिंग का कोई जवाब ही नहीं था जैसे पंडित जी घर आए हमने स्वागत किया सब रस्में की जब दुल्हन को लाने का टाइम हुआ।
तो जैसे मैं माही को लेकर आई पंडित की आँखें भी खुली की खुली रह गई क्योंकि उसकी ड्रेस ही ऐसी थी खैर पंडित जी ने शादी करवा दी फिर जब महुल उनको छोड़ने गया तो मैं माही को अपने रूम में भिजोरकर बोली: “तुम्हारी कल चुदाई होगी आज तू रेस्ट कर” और महुल को बाहर टाइम लग गया और उसको मैं बोली: “महुल तू खुश है ना” महुल: “हाँ माँ बहुत क्यों क्या हुआ”।
मैं: “नहीं तेरे लिए सरप्राइज है तू बस खुलकर करना आज चुप चाप”।
महुल: “ओके मॉम”।
मैं: “माही अभी बच्ची है सो जो भी वो करे तू करने देना और बाकी सब प्यार से करना”।
फिर करीब रात आठ बजे महुल घर आया और मुझसे पूछा: “कहाँ है” मैं बोली: “तू डोर के पास खड़े हो जा मैं भेजती हूँ” और मैं माही को खाना देकर बोली: “खाना खाकर सो जा कल सब होगा तेरे साथ” और मैं पीछे गई और महुल की आँखों पर पट्टी बांधी और उसको अंदर ले गई और उसको नंगा करने लगी, पहले शर्ट उतारी, फिर पैंट, अंडरवियर, उसका लण्ड तना हुआ।
मैं खुद भी नंगी हो गई पहली बार अपने बेटे का लण्ड चूस रही थी बहुत मजा आ रहा था, ग्ग्ग्ग… गों… गोग… की आवाजें मेरे मुँह से, फिर मैं चूत में लण्ड डलवा ली बहुत मजा आया, महुल ने धीरे धीरे घुसाया, चूत गीली थी चपचप… थपथप…, फिर वो मेरी गांड के छेद पर घिसने लगा और एक ही झटके में अंदर डाल दिया मैं ना चाहते हुए भी चीख पड़ी आआआह्ह्ह्ह्ह्ह मर गई तो माही भी भागकर आई और तब तक महुल ने भी अपनी आँखों से पट्टी खोल दी थी।
माही: “मॉम ये सब क्या है”।
मैं: “वही जो तेरा हसबैंड चाहता था”।
माही: “मैं कुछ समझी नहीं”।
मैं: “महुल जो चाहता था कि मुझे चोदे फिर तुम इसको अपनी चूत दोगी मैं सब जानती हूँ”।
तब मैं बोली: “अब ऐसे ही रहेगा जा चोदेगा भी मुझे” फिर महुल मुझे चोदने लगा मैं बोली: “माही जो तेरी हिप्स इतनी क्यों बाहर निकली है मैं सब जानती हूँ चल आजा हमारे साथ जॉइन हो जा” तब माही के मैंने कपड़े उतारने शुरू किए और पूरी नंगी कर दिया।
और मैं उसके लिप्स पर किस करने लगी और मैं बोली: “मुझे तुम्हारी लिप किस बहुत पसंद आई मुझे करो और आज मेरी प्यास बुझा दो” फिर माही मुझे किस करने लगी जीभ अंदर, और महुल मेरी चूत चोदने लगा करीब दस मिनट करने के बाद बोला: “चलो गांड मारता हूँ”।
मैं बोली: “नहीं नहीं आज नहीं तुम्हारा बहुत बड़ा लण्ड गाई और मैं इतना बड़ा नहीं ले सकती” तभी माही बोली: “मॉम लेकर तो देखो बहुत मजा आएगा” मैं बोली: “खटिया तुम तो बस गांड ही मरवाती थी तुमको तो मजा आएगा ही चलो बताओ कबसे चल रहा है आपका”।
माही: “करीब पाँच साल से”।
मैं: “वाह और हमको पता भी नहीं चलने दिया”।
माही: “मॉम अगर बाहर चुदवाती तो कोई भरोसा नहीं था उनका इसलिए घर में ही लण्ड ढूँढ लिया और वो भी इतना अच्छा”।
मैं: “जो तो अच्छी बात है देख तेरे भाई ने तेरी फिगर कितनी जबरदस्त बना दी है थोड़े दिन पहले देख ले अनु का क्या हालत किया वो आज भी याद करती है कि कोई लण्ड मिला बोली तीन दिन तक उसकी गांड में दर्द होती रही और आज मेरी गांड फटेगी देखो मेरे कितने दिन रहेंगे”।
माही: “जब मैं पहली दिन गांड मरवाई तब घर में कोई नहीं था और मैं बैठ नहीं पाई थी जब भी बैठ जाती तब ऐसे लगता जैसे लण्ड अभी भी गांड में है फिर मैं बहुत मुश्किल से रही फिर जब दूसरी बार चूड़ी तब थोड़ा अच्छा लगा फिर जब डेली डेली होने लगा तब ठीक हो गया”।
मैं: “चलो अब बच्चोदी मत करो चोदो मुझे फाड़ो मेरी गांड”।
उसी टाइम महुल ने लण्ड मेरी गांड पर टिका कर एक ही झटके में पूरा डाल दिया आगे से माही मुझे किस कर रही थी मैं इतनी जोर से चिल्लाई कि बता नहीं सकती लेकिन किस के कारण मेरी आवाज दब गई आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मर गई मैं मछली की तरह तिलमिला रही थी लेकिन मुझे ऐसे पकड़ा था कि निकल नहीं सकती थी।
फिर महुल रुक गया करीब दो मिनट तक जब जाकर थोड़ी दर्द कम हुई मैं बोली: “अब करो” तब महुल ने धीरे धीरे से शुरू किया माही बोली: “जानू जो अभी न्यू है धीरे से चोदो इसको लेकिन चोदना ऐसा कि बस तुझसे ही चुदवाए” महुल बोला: “तू देख तो सही जो आज के बाद किसी से नहीं चुदवाएगी मेरे अलावा”।
फिर थोड़े धीरे धीरे झटकों के बाद फुल स्पीड से चोदने लगा थपथप… चपचप… फचफच…, मैं दर्द से कराह रही थी आह्ह… ह्ह्ह… लेकिन कुछ कर भी नहीं सकती थी करीब दस पंद्रह मिनट चोदने के बाद लण्ड निकाला और मैं वही गिर गई तब माही गई बोली: “मुझे चोदो मेरे हबी”।
महुल बोला: “आओ मेरी जान आज तो तेरी चूत चोदूँगा” और माही को मिशनरी पोजिशन में किया और अपने खड़े लण्ड को उसकी चूत पर घिसाया पहले clit पर, फिर lips पर, माही सिसक रही थी ऊई… आह…, और फिर एक ही झटके में डाल दिया और माही इतनी जोर से चिल्लाई कि उसकी आवाज घर से बाहर चली गई होगी आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह चूत फट गई मैं उसके पास गई और बोली: “बता अब चूत फट गई” और हंसने लगी।
तब माही बोली: “जब अपनी फटी थी तब चिलाती थी जब मेरी फटी तो खुश हो रही हो” मैं बोली: “तब तू हंस रही थी अब मैं हो रही हूँ” फिर हम सब हंसने लगे कि इसने हमारी दोनों की फाड़ दी अब समझी मेरे बेटे के लण्ड में कितना दम है और फिर महुल हम दोनों को चोदने लगा।
करीब उस रात हम सुबह चार पाँच बजे तक चुदाई करते रहे इस बीच मैं आठ दस बार झड़ी और फिर इतने थक गए कि हम दो बजे उठे मैं नाइटी पहनकर किचन में गई और खाना बनाने लगी कि तभी महुल भी मेरे पीछे आ गया उसने बॉक्सर ही पहना था मुझे पीछे से पकड़कर नेक पर किस करने लगा, चूसते हुए, दाँत गड़ाते।
मैं भी मदहोश होने लगी थी मेरे बूब्स दबा रहा था निप्पल्स मसलते, और बॉक्सर उतारकर अपना खड़ा लण्ड बाहर निकल लिया और मुझे थोड़ा सा आगे करके एक ही झटके में गांड में दे दिया मैं फिरसे चीख पड़ी आह्ह्ह्ह लेकिन वैसी ही रही फिर महुल मुझे चोदने लगा फच… फच… थप…, तभी माही भी आ गई वो बिल्कुल नंगी थी।
मेरे पास आकर बोली: “लण्ड लेने में शर्म नहीं आती लेकिन नंगे रहने में कैसी शर्म आज से घर में कोई कपड़े नहीं पहनेगा सब नंगे ही रहेंगे” और फिर मुझे तीस मिनट तक अलग अलग स्टाइल में चोदा फिर माही को डाइनिंग टेबल पर ले गया और चोदने लगा।
फिर थोड़ी देर बाद मैं खाना लेकर आई और फिर मुझे भी चोदा फिर हमने नंगे ही खाना खाया फिर रात को मुझे और माही को फिरसे चोदा फिर ऐसे ही हम घर में नंगे ही रहने लगे और जब दिल करता तब चुदवा लेती फिर बीच में कभी कभी अनु भी आ जाती और उषा भी अब आने लगी हमारे घर में ही महुल ने उषा की भी बैंड बजाई थी अब दूसरी तरफ माही प्रेग्नेंट हो गई थी और हम सब चुदाई करने लगे माही हमको देखती थी।
फिर वो एक बहुत सुंदर बेटे को जन्म दी मैं कंटिन्यू चुदवाती रही और आज भी हम घर में नंगे ही रहते हैं जब दिल करता तब चुदाई कर लेते हैं कैसी लगी आपको स्टोरी हमारी और अगर कोई हमसे ग्रुप में सेक्स करना चाहता है तो बतादे फिर हम आपको डिटेल्स भेज देंगे बस वही डीएम करना जिसके लण्ड में दम हो जा जिसकी चूत में फुल आग भरी हो हमारी तरह ओके फ्रेंड्स आपको कैसी लगी स्टोरी हमारी रिप्लाई करना बाय फ्रेंड्स।