मेरे बुली ने मेरी माँ को पटाया और चोदा | maa ki chudai kahani

maa ki chudai kahani, हेलो दोस्तों मेरा नाम है राहुल मैंने आपको लास्ट स्टोरी में बताया था कि कैसे राज वाडिया ने मेरी बहन के साथ संबंध बनाए अब मेरी बहन उसके प्यार में पूरी तरीके से गिरफ्त हो चुकी थी । अपनी आंखों के सामने ही मैंने अपनी बहन की कुंवारी चूत को फडते हुए देखा। हालांकि उस दिन और उसके बाद भी मैं कुछ कर नहीं पाया , अब हालात कुछ ऐसे बने उसी की कहानी मैं आपको आगे बताऊंगा।

तो धीरे-धीरे मेरी बहन दिव्या और राज का प्यार परवान चढ़ा और नौबत शादी तक आ गई । मुझे लगता था कि राज़ मेरी बहन को मना कर देगा और उसका सिर्फ शारीरिक इस्तेमाल कर रहा है । लेकिन ऐसा नहीं हुआ !

राज में शादी के लिए हामी भर दी मेरे पिता और मेरी मां इस रिश्ते से बहुत ज्यादा खुश थे क्योंकि राज छात्र राजनीति में काफी चमकता सितारा था और उसके पिता नेताजी भी थे जिसकी वजह से एक अलग ही रसूख मिला।

जब दिव्या की शादी हो गई तब मुझे ऐसा लगा कि शायद राज इतना भी बुरा नहीं है, हो सकता है कि वह मेरी बहन के प्यार में सच में ही पड़ गया था लेकिन आने वाले समय में जो कुछ हुआ वह बहुत भयानक था।

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तो हुआ यह जब मैं 20 साल का हुआ तब मेरे पिता का ट्रांसफर दूसरे प्रदेश में हो गया था । क्योंकि वहां पर मेरे पिता का सिर्फ टेंपरेरी काम था तो उन्होंने हमे यानी अपनी फैमिली को बाहर ले जाना जरूरी नहीं समझा तो वह अपनी पैकिंग कर के उस प्रदेश में चले गए।  हालांकि वह हमसे मिलने के लिए महीने में एक या दो बार आ जाया करते थे।

मेरी मां सावित्री अब अकेले रहा करती थी । इसलिए राज ने दिव्या को हमारे घर पर भेज दिया था कि वह मां की देखभाल कर सकें । मेरी मां का वर्णन यहां पर कर देता हूं मेरी मां की उम्र करीब 38 साल है बहुत ही कम समय में उनकी शादी हो गई थी।

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जब मेरी मां 15 साल की थी तभी उनके पेट में दिव्या थी।  मेरी मां का फिगर बहुत ही शानदार है उन्होंने अपने आप को बहुत अच्छे से मेंटेन किया हुआ है उनका फिगर 36-32-35 है। मेरी मां का गोरा जिस्म देखकर किसी बुड्ढे के मुरझाए लंड में भी मानो घोड़े की शक्ति आ जाए।

उनके बड़े-बड़े और गोरे उनके चुचे और उनके दाएं चुचे पर उभरा हुआ तिल हूं उनकि खूबसूरती में और चार चांद लगा देता है। अब मैं यह देखता था कि दिव्या के बहाने राज  हमारे घर पर आ जाया करता था और एक एक दो दिन तक रहा करता था । हालांकि इसमें कुछ भी अजीब नहीं है लेकिन एक दिन कुछ ऐसी घटना हुई है जिससे मेरे होश उड़ गए।

उस समय में ग्रेजुएशन में पढ़ता था और रात में पढ़ाई कर रहा था तब मुझे प्यास लगी और मैं किचेन की तरफ पानी लेने के लिए बढ़ा। तब मुझे नीचे मां के कमरे से सिसकारियां लेने की आवाज आ रही थी।

मैं दबे पांव उनके कमरे की तरफ गया और चाभी वाले छेद से अंदर की तरफ देखने लगा। मुझे यह शक था कि शायद राज मेरी मां के ऊपर लाइन मार रहा है और शायद उनको चोदने का प्रयास कर रहा है।

मैं तेल मिला उठा लेकिन जब मैंने अंदर देखा कि मेरी मां अपनी चूत के अंदर खुद ही उंगली कर रही थी और अपने चुचो को मसल रही थी । पहली बार मैंने अपनी मां को नंगा देखा था उनका फिगर तो दीदी से भी अच्छा था ।  उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और वह अपनी कोमल उंगली में से अपनी चूत के फांकों को सहला रही थी और अपने चुत के दाने को भी मसल रही थी।

खैर मेरा लन्ड बहुत तेजी से खड़ा हो गया और मैं मुट्ठ मारने लगा। मैं अपने लंड को बड़ी जोर से हिला रहा था शायद मेरी मां को यह आभास हो गया कि कोई बाहर खड़ा है और वह तुरंत गेट की तरफ भागी और मैं समय रहते ही वहां से निकल कर अपने कमरे में चला गया और मैं अब मां के नंगे बदन को देख कर उनके बारे में सोच सोच कर अपने लंड को हिलाया।

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उस रात करीब मैंने तीन बार खुद को संतुष्ट कर लिया था।

अगले दिन शनिवार था और शनिवार को मेरा कॉलेज बंद रहता था तब मेरी नजर बार-बार मां की तरफ से जा रही थी । मैंने एक चीज और नोटिस किया कि अब राज भी मेरी मां को एक गलत निगाह से देख रहा था और मेरी मां भी उसको बराबर लुक दे रही थी।

हम सब लोग टेबल पर बैठ कर नाश्ता कर रहे थे अब मेरी मां बार-बार आकर राज के सामने झुक कर कभी उसे रोटी देती, कभी उसे पानी देती ,  मगर वह बार-बार झुक कर अपने मोटे मोटे गोरे-गोरे बूब्स को राज को दिखा रही थी । राज की नजर भी अब पूरी तरीके से मेरी मां के बूब्स पर ही टिकी हुई थी।

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खबर राज पूरे समय बस मेरी मां के आगे पीछे ही घूमा करता था और उनसे बहुत हंसी मजाक किया करता था । एक लाज शर्म जो एक सास और जमाई के बीच में होती है उस सीमा को राज लगातार लांघे जा रहा था। मेरा खून अब उबाल ले चुका था।

इसी तरीके से दोपहर का समय बीत गया और  रात आ गई।  रात के समय तो बहुत ही विचित्र घटना घटी मैं और राज अगल-बगल बैठकर खाना खा रहे थे और सामने दिव्या खाना खा रही थी और मेरी मां खाना परोस रही थी मेरी मां बार-बार खाना परोस देते हुए अपने बूब्स राज को दिखा रही थी।  अब मैंने देखा कि राज ने अपने हाथ मेरी मां की गांड पर रख दिए और उनको दबाने लगा।

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मेरी मां की एक सिसकारी निकल गई मां की आवाज सुनकर मुझे खून खौल उठा लेकिन टेबल पर कुछ बात नहीं करना चाहता था । इसलिए उठ कर अपने कमरे में चला गया उसके पीछे पीछे ही राज भी मेरे कमरे में आ गया।

मैंने उसको कहा “मैं देख रहा हूं कि तुम यहां पर क्या कर रहे हो ??? तुम्हें जरा सी भी शर्म नहीं आती !!! वो रिश्ते में तुम्हारी मां लगती है “

तब राज ने पलट कर मुझे कहा “रिश्ते में वह तेरी मां लगती है मेरी नहीं !!
मुझे तेरी मां बहुत पसंद है और मैं उसके साथ भी वही करूंगा जो मैंने तेरी बहन के साथ किया !!! “

अब मैंने उसका कॉलर पकड़ लिया तो राज ने भी पलट कर मुझे एक घूंसा जड़ दिया,  मैं जमीन पर गिर गया था । अब राज ने मुझे कहा कि अगर तू ज्यादा नाटक नौटंकी करेगा , तो तू कहां गायब हो जाएगा तुझे पता भी नहीं चलेगा और तू जानता है कि उसके बाद तेरी मां और बहन का क्या होगा । इससे बेहतर यही है कि तू वही कर जो तूने तेरी बहन के टाइम पर किया था , देख और मजा ले !!! मेरे बीच में मत आना कह कर गया कमरे से बाहर निकल गया।

क्योंकि मैं रहा था खाना नहीं खाया था तो अब रात के 2:00 बजे मुझे बहुत जोर से भूख लगी और मैं अब किचन की तरफ बढ़ने लगा लेकिन एक बार फिर कराहने की आवाज मेरे कानों में गूंजी लेकिन इस बार यह आवाज मां के कमरे से ना आकर मेरी बहन दिव्या के रूम से आ रही थी।

मेरे कदम वहां पर उत्सुकता वश बढ़े चले गए और मैं जैसे ही अपनी बहन के कमरे के पास खड़ा हुआ वहां मैंने देखा कि मेरी मां ने अपनी मेक्सि को अपनी कमर तक उठा रखा है और अपनी चूत में उंगली कर रही है । मुझे देख कर यकीन ही नहीं हुआ कि मेरी इतनी संस्कारी मां अपनी बेटी और दामाद की चुदाई देखकर अपनी चूत में उंगली कर रही हैं।

उनको इस  हालत में देखकर अब मेरा भी लंड बड़ा होने लगा और एक बार फिर से मेरा हाथ अपने लंड की ओर हो गया और मैं उसे हिलाने लगा।  एक तरफ मेरी मां अपनी चूत को तृप्त कर रही थी दूसरी तरफ मैं अपने हाथ से अपने लंड को शांत कर रहा था और तीसरी तरफ तो राज मेरी बहन को कुत्तों की तरह चोद रहा था क्योंकि मेरी बहन की चिल्लाने की आवाज पूरे घर में गूंज रही थी।

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अब कमरे में एकदम खामोशी छा गई और मुझे ऐसा लगता है कि शायद राज ने अपना कार्यक्रम खत्म कर लिया था।   लेकिन अभी भी मेरी मां उनके दरवाजे के बाहर खड़ी होकर न जाने किस के ख्यालों में अपनी चूत में लगातार उंगली दिए ही जा रही थी और उनके मुंह से भी अब सिसकारियां निकल रही थी ।

अब राज कमरे से बाहर आया और मेरी मां को इस हालत में देखा । मेरी मां ने राज को देखा और अपने कपड़ों को ठीक किया और शर्मा कर अपने कमरे में चली गई।

राज भी उन के पीछे पीछे उनके कमरे में चला गया । मां ने  रूम का दरवाजा खुला ही छोड़ा था और राज पीछे पीछे गया।  मैं भी दबे पांव अब मां के कमरे के पास जाने लगा। उन लोगों ने कमरा खुला ही छोड़ा था अब मैंने देखा कि मा बिस्तर पर पड़ी है और राज अपने कपड़े उतार रहा है।

मेरे मन में ख्याल आया कि मैं अभी राज का कत्ल कर दूं लेकिन न जाने क्यों मेरे दिमाग में एक शैतानी ख्याल बनने लगा और  मैं यह खुदसे पूछने लगा की ” क्या मैं अपनी मां को किसी पराए मर्द के साथ चुदते हुआ देखूं ??? ” न जाने क्यों मेरे कदम वहीं पर रुक गए और मैं  उन दोनों को देखता रहा।

अब राज ने अपनी शर्ट उतार दिया था और जो टॉवल उसने पहना था उसे भी उतार दिया था । अब राज पूरे तरीके से नंगा हो चुका था और मेरी माँ बेड पर अपनी मैक्सी के साथ लेटी हुई थी अब राज मेरी मां के ऊपर चढ़ा और उसने एक जोरदार किस दिया।

सासू मां जब आपकी इतनी हसरत थी , तो मुझे बताया क्यों नहीं….. मैं आपके अकेलेपन को दूर कर देता।

मैं तो तुम्हें इतने दिन से ही इसारे दे ही रही हूं , तुमने ही इशारों को लेने इतना देर कर दिया । जब से मैंने तुम्हें देखा है मैं तुम्हारे ऊपर फिदा हो गई थी।

बस लोक लाज के डर से अब तक में शांति थी वरना मैं कब का तुम्हें अपना बना लेती।

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बस इतनी सी बात लो आज मैं तुम्हारे सामने आ गया।

अब मेरी मां ने भी अपनी खड़ी होकर अपने मेक्सि को उतारकर साइड में फेंक दिया । उन्होंने अंदर कुछ नहीं पहना था मेरी मां का बदन का हर हिस्सा जितना अनुपात में होने चाहिए उससे मोटे थे उनके बूब्स एकदम तने हुए थे।

अब राज ने एक बार फिर से मेरी मां को अपने आगोश में लिया और उनके होंठ पर होंठ रखकर मेरी मां का रसपान करने लगा।  मेरी मां भी बराबर राज का साथ दे रही थी और उसे आलिंगन कर रही थी। राज अपने हाथों से मेरी मां के बदन को छूने लगा , मा के बदन की गर्मी को महसूस करने लगा और और अब राज के हाथ चलते चलते मेरी मां के 2 मोठे चुचे पर आकर टिक गए और वह मेरी मां के बूब्स को दबाना चालू किया।

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” आपका फिगर इतना टाइट कैसे है ??? आप अपनी बेटी से भी कमाल लगती हो।”

“क्या करूं “

उसने मेरी मां की एक निप्पल को अपने मुंह में भर लिया और उसे चूसने लगा जैसे कोई बच्चा चूसने से दूध पीता हो वैसे ही।

दामाद जी मैं तो हमेशा से ही अपने फिगर को लेकर बहुत सजग रहती हूं।

यह कह कर अब मेरी मां ने एक बार फिर से राज के गर्दन को चूमना शुरू किया । राज एक बूब मसल रहा था और दूसरे बूब निप्पल को चूस रहा था । वह बारी-बारी से दोनों ही चोचे के साथ ऐसा कर रहा था मे। री मां बहुत गर्म हो गई थी और बेहद मदहोश आवाज़ निकालने लगी।

“अब औरर मत तड़पाओ जमाई राजा ….. तुम्हें पता नहीं है तुमसे मिलने के लिए मैंने कितना समय इंतजार किया , मेरी चूत में बहुत दिनों से कोई लन्ड नहीं गया है , आज की रात तुम मुझे अपनी सास नहीं अपनी पत्नी बनाकर छोड़ना।”

मेरी मां के मुंह से ऐसी अश्लील बातें सुनकर मुझे अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था लेकिन सच बताऊं मुझे मजा बहुत आ रहा था।

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“ऐसे नहीं मेरी डार्लिंग मैं पहले तुम्हारे बदन को चकुंगा और तुम्हें अपने बदन का स्वाद चखा लूंगा उसके बाद हम लोग चुदाई करेंगे “

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मेरी मां अब बेड पर लेट गई और उन्होंने अपनी टांगे मोड़ कर तथा अपनी जांघों को खोलकर राज को उनकी चूत का द्वार दिखाया।

अब राज ने मेरी मां के बदन को चूमता हुआ उनके पेट तक आया और मां की चूत पर अपने हाथ से धीमे-धीमे सहलाने लगा मेरी मां बिस्तर पर ऐसे तड़प रही थी मानो कोई जल बिन मछली। मेरी मां की सांसो में तेजी आ चुकी थी और राज भी शरीर से थोड़ा और नीचे की तरफ आया और उसने मेरी मां की चूत में उंगली डाल दी , साथ ही वह मेरी मां के चुत के ऊपर के हिस्से को अपनी जीभ से टटोलने लगा।

मा के बदन में सिरहन आ गई थी और उसने अपनी टांगो को राज की गर्दन पर लपेट लिया था और अब उसने राज के बालों को अपने उंगलियों के बीच में पकड़ कर अपनी चूत में घुसाने का प्रयास करने लगई।

मेरी मां कभी दाएं कभी बाएं अपने पैरों को हिला रही थी और छटपटा रही थी और कभी कबार तो अपनी चूत उठा कर राज के मुंह में देने का प्रयास भी कर रही थी । लेकिन राज में मेरी मां को बराबर अपने पकड़ में बनाए रखा और उसे हिलने नहीं दिया । थोड़ी देर के बाद मेरी मां की चूत में से गर्म लावा बाहर आ गया जिसे राज राज पूरा चूस गया।

“अब और मत तड़पाओ दामाद जी ……अपनी सासू मां को…. इस प्यारी सासू मां की चूत में लंड डाल भी दो ना।”

“नहीं नहीं मैंने कहा था ना कि पहले दूसरे के जिस्म को चखेंगे,  उसके बाद चुदाई करेंगे मैंने आपके रस पिया….. अब आप भी मेरे लंड को अपने मुंह में लो”

इतना कहने की देर भर थी कि मेरी मां तुरंत उसकी और बढ़ी और धक्का देकर राज को बिस्तर पर पूरी तरीके से गिरा दिया और अब मेरी मां ने राज के लंड को अपने हाथों में पकड़ा।

उन्होंने राज के लन्ड को अपने हाथों पकड़ा और उसे ऊपर नीचे करने लगी।

राज ने  अपना हाथ को मा के सर पर लगाया और धीमे-धीमे मेरे मां के सर को उसके लंड के पास लाने लगा अब मेरी मां ने तुरंत बिना समय गवाएं राज के लन्ड को मुह में भर लिया और उसे चूसने लगी।

मेरी मां ने राज के लंड की खाल को पीछे किया और उसके आगे तने हुए मोटे भाग को अपनी जीभ से चाटना शुरु कर दिया।

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तुमको मालूम है मेरे पति का मैंने आज तक कभी मुंह में नहीं लिया उन्होंने मुझसे कई बार कहा है लेकिन कभी मन नहीं किया….. लेकिन जिंदगी में पहली बार मैं किसी मर्द का लन्ड मुंह में लिख रही हूं और वह भी तुम्हारा।

राज तो अपनी धुन में था और वह मेरी माँ का मजा ले रहा था उसने मेरी मां के सर  को स्थिर किया अब अब राज ने मेरी मां की मुंह को नीचे से लंड उसकी मां मेरी मां के मुंह में डालने लगा और मेरी मां के मुंह को चोदने लगा।

मेरी मां ने करीब 5 मिनट तक राज का लंड चूसा और और अब राज ने अपना लंड मेरी मां के मुंह से निकाल दिया राज का पूरा लंड थूक में सरोवर हो चुका था.

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