ठरकी पापा की ख़ूबसूरत बेटी कहानी का पिछला भाग: ठरकी पापा की ख़ूबसूरत बेटी – १
अब आगे ……..
आपने दिन भर जो मेरी सेवा की है उसके साथ साथ हरकतें भी की हैं लेकिन मैं अंजान बनी रही लेकिन सही बात तो ये है कि मैं तो इंतेजार कर रही थी कि रात जल्दी से हो और आप मेरी तमन्ना को पूरी करें मैने उससे कहा अनु मेरी जान ले मैं तेरी तमन्ना आज पूरी कर दूँगा चद्दर की चिंता मत कर थोड़ा बहुत ब्लड निकलने दे धूल जाएगी.वो फिर बोली पापा प्लीज़ थोड़ा आराम से करना.मैने उसकी बात सुन तो ली लेकिन मुझे पता था कि उसको कष्ट तो होगा ही क्यूंकी अभी तक वो अन्छुइ और अन्चुदि है.
मैने फिर से उसके लिप्स को अपने लिप्स से लॉक कर दिया और उसकी चूत के उपर अपने लंड का सुपाडा रख दिया और एक ज़ोर का झटका लगाया और एक ही बार में लंड को उसकी चूत की जड़ तक पहुँचा दिया.वो तड़पने लगी लेकिन मैने उसके मूह को नही छोड़ा और जकड़कर उसको पकड़ लिया.उसके मूह से हुउन्ण हूम की आवाज़ें आ रही थी उसने मूह को छुड़ा ही लिया और रोते रोते हकलाते हुए बोली पापा निकालो इसको बहुत दर्द हो रहा है मैं मर जाउन्गि. आआअप बहुत गगगंदे हो मैने बोला था बोला था कि आराम से करना लेकिन आप माने नहीं.वो पसीने पसीने हो गयी थी निकालो ना .
इस पर मैं बोला अनु अब रहने दो मैं ऐसे ही रहूँगा और धीरे धीरे हरकत करूँगा.इस पर वो बोली आपका कोई विस्वास नही है आप फिर भी नही मानोगे निकालो इसे
मैने कहा तुम्हारी कसम अनु अब आराम से करूँगा तो वो शांत हो गयी.अब मैं धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूत पर आगे पीछे करता रहा और उसको भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी.मैं पहली बार में जल्दी ही झड गया,लेकिन नयी चूत के बारे मे सोचकर मेरा लंड जल्दी से खड़ा हो गया और फिर से शुरू हो गया अब अनु से मैने बोला कैसा लग रहा है जान.वो झैन्प गयी क्यूंकी मैने पहली बार उसको जान बोला था,वो बोली अच्छा लग रहा है पापा अब चाहे जितना ज़ोर से करो.
मैं उससे बोला तुम भी मुझको नाम लेकर बुलाओ या जान बोलो.तो वो बोली मुझसे नही होगा.थोड़ी देर बाद मैने स्पीड बढ़ा दी.उसने मुझे जकड़कर पकड़ रखा था वो शायद झड़ने वाली थी,थोड़ी देर बाद उसकी पकड़ ढीली पड़ गयी शायद वो झड चुकी थी और मैं भी झड गया.हम दोनो ऐसे ही कुछ देर तक पड़े रहे और जब मैने उसे उठाया तो देखा बिस्तर पर काफ़ी खून पड़ा था साथ में हम दोनो का माल भी था.
ये देखकर अनु बोली देखा आपने कितना खून निकाल दिया,मुझे मेरी सहेलियों ने बताया था कि पहली बार मे ब्लड निकलता है और पेन भी होता है.मैने उसको बोला तो फिर मुझको गंदा क्यूँ बोल रही थी तो वो बोली आराम से करते तो दर्द कम होता,लेकींन आप को तो बिल्कुल सब्र ही नही था. अब मैने कहा चलो अब दूसरी तरफ से ट्राइ करते हैं तो वो बोली नही जी मैं पीछे से नही दूँगी आपको.मैने कहा क्यूँ तो वो बोली मुझे बताया गया है कि पीछे से बहुत ही ज़यादा दर्द होता है और बाद में भी बहुत दिन तक तकलीफ़ होती है,और पीछे से मज़ा भी नही आता.इस पर मैं बोला नही अनु किसी ने ग़लत बताया है,तो वो बोली कि जो भी हो नही का मतलब नही,और अब सो जाओ.
मैने कहा चलो एक बार ऑर आगे से तो वो बोली कल करना अब मुझे नींद आ रही है.मैं समझ गया कि इसके नखरे जब पहले दिन ही इतने हैं कि ना तो पीछे से दे रही है ऑर ना ही इसने मेरा लंड मूह में लिया तो ये ज़यादा दिन तक मुझको देगी नही.मेरा फ़ैसला ठीक ही है जो मैने इसकी रेकॉर्डिंग करा ली डिंपल से.
मैं तुरंत बाहर गया और देखा डिंपल वही खड़ी थी मैने उसको एक किस की ऑर बोला डार्लिंग अब हमारा रास्ता भी सॉफ हो जाएगा अब हम दोनो कुछ दिन बाद अनु के सामने खुल कर मज़ा लेंगे.मैने उसे बोला इस रेकॉर्डिंग को कल मेरे कंप्यूटर में सेव कर देना और इसके बारे में किसी को भी खबर नही होनी चाहिए.वो बोली जानेमन बेफिकर रहो,और मैने उसे जल्दी से घर से बाहर निकालकर गेट बंद कर दिया.
जब मैं रूम में पहुँचा तो देखा अनु अपनी चूत को एक कपड़े से पोंच्छ रही थी,मैने उसके हाथ से कपड़ा लिया और उसकी छोटे छोटे बालों वाली चूत को धीरे धीरे से पोन्छने लगा.वो ये देखकर मुस्कुरा गयी और बोली एक बात तो है आप बहुत रोमॅंटिक/सेक्सी तो हो ही लेकिन केरिंग भी हो अपनी बेटी का कितना ख़याल है आपको काम पूरा होने के बाद भी मेरी परवाह है आपको.यही मुख्य कारण है कि मैने दिन भर देखा कि आप मेरी कितनी केर कर रहे हो क्या मैं आपकी एक ज़रूरत पूरी नही कर सकती.और मैने आपके साथ सेक्स करने का फ़ैसला लिया.अब तो आप खुश हो ना.मैने उसको बोला अनु खुश तो हूँ लेकिन एक बार से काम नही चलेगा आज तो मैं तुम्हें पूरी रातभर जगाना चाहता हूँ.तो वो बोली तो दिन मैं क्या करोगे दिन भी तो अपना है चलो एक बार और करते हैं बाकी दिन में.और मैने उसे फिर से लिटा दिया इस बार मैने उसको काफ़ी देर तक रगड़ा उसकी चूत छिल गयी थी वो बोली पापा आज मार ही डालोगे क्या तो मैं बोला नही अनु और थोड़ी देर बस अभी ख़तम करता हूँ और एक बार फिर मैने उसकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया और हम बिना अपने चूत लंड को सॉफ किए ऐसे ही एक दूसरे से लिपट कर सो गये.
सुबह हम करीब 09.00 बजे तक सोते रहे. घर पर एक डोर बेल बजी तो मैं,अनु जल्दी से उठे,कपड़े पहने और डोर खोला तो देखा कि एक दूध वाला खड़ा है जो कि डिंपल के घर पर दूध देता है और उसके संबंध डिंपल के साथ हैं इस बात की चर्चा कॉलोनी वाले करते हैं ऐसा भी मुझे मेरी बेटी ने पिछली रात बताया था.वो हमारे घर तो दूध नही देता था पर वो आज हमारे घर क्यूँ आया है,मुझे बड़ा ही आस्चर्य हुआ.गेट खोलते ही वो बोला अंकल जी नमस्ते कैसे हैं.मैने कहा ठीक हैं,
मैने उससे पूछा बोलो भाई कैसे आना हुआ.उसने बोला अंकल दूध चाहिए क्या.तो मैं बोला नही.तो वो बोला कोई बात नही अंकल पैसा मत देना.मैं उसकी बात को सुनकर एकदम ठगा सा रह गया और बोला क्यूँ आजकल समाजसेवा कर रहे हो क्या.तो वो बोला नही अंकल जी सेवा तो आप कर रहे हैं और एक पेनड्राइव दिखाते हुए बोला आप आजकल जो सेवा अपनी बेटी की कर रही हो वो इसमें है मेरी जान डिंपल ने दी है अरे अंकल थोड़ा सेवा हमे भी करने दो आपको तो बुढ़ापा आ गया है आप मेरी भैंस का दूध पिओ और मैं आपकी बिटिया का पीता हूँ ओर पैसा भी मत देना आपको जितना पीना हो पिओ और मुझे आपकी बछड़ी का पीने दो मेरा चेहरा लाल हो गया और बोला हरामजादे ज़यादा मूह मत खोल तू मुझे ब्लॅकमेल कर रहा है.तो वो बोला ब्लॅकमेल नही कर रहा हूँ पैसा तो नही माँग रहा हूँ सिर्फ़ सेवा चाहिए अंकल जी आपकी बिटिया की मैं उससे बोला तुम्हें पैसे चाहिए तो वो बोलो मेरी बेटी तुम्हारे लिए तैयार नही होगी तो वो बोला ये तो आपका काम है कि आप उसको कैसे मनाते हो मुझे पैसे नही आपकी लौंडिया का दूध पीना है अंकल जी तो मैं बोला अभी तुम जाओ यहाँ से.
तो वो फिर बोला तो मैं कब आऊ अंकल जी इस पर मैं बोला मुझसे फोन पर बात करना फिर मैं बताता हूँ और वो मेरा फोन नंबर लेकर चला गया. दोस्तो इसीलिए किसी गयानी ने कहा है….
बिना बिचारे जो करे फिर पीछे पछताय .
काम बिगाड़े आपनो जाग को देत हंसाय
इसके बाद मैं जब वापस कमरे मैं पहुँचा तो डिंपल बोली पापा वो दूध वाला क्यूँ आया था,मैने बोला कि वो दूध की बात कर रहा था.तो वो बोली पापा इससे दूध मत लेना इसकी नियत ठीक नही है.इसका चक्कर कई औरतों के साथ चल रहा है,आपकी वो डिंपल आंटी के साथ भी.
मैं बोला लेकिन अनु बेटा वो बहुत ज़िद कर रहा था दूध के लिए कि अच्छा दूध दूँगा तो मैने उससे 01 लीटर के लिए बोल दिया है,आज शाम से ले लेंगे,हमे क्या करना है हमें तो दूध से मतलब.वो बोली पापा ठीक है लेकिन ये बहुत बदतमीज़ है,जब कभी भी ये मुझे रास्ते में मिलता है तो बहुत घूर घूर कर देखता है.इस पर मैं अनुष्का को लिप किस करते हुए बोला कि मेरी अनुष्का है ही इतनी खूबसूरत कि किसी की भी नज़र रुक जाए.इस पर वो मुस्कुरा दी.
इसके बाद मैने सोचा कि अनुष्का को विनोद(दूधवाला) के लिए कैसे तैयार करूँ,मैने एक प्लान सोचा कि रात को जब वो दूध देने आएगा तो मैं उसके लिए गेट खुला छोड़ दूँगा और उस समय मैं अनुष्का को चोद रहा हुंगा.बस अनुष्का को तैयार होना ही पड़ेगा.मैने विनोद को अपना प्लान बता दिया और प्लान के मुताबिक वो ठीक 0800 बजे मेरे घर आ गया.मैं और अनुष्का उस समय बिल्कुल नंगे थे और अनुष्का मेरे उपर थी मैं लेटा हुआ था.अनुष्का का मूह गेट की तरफ ही था.जैसे ही अनुष्का ने उसे देखा अनुष्का रोंगटे खड़े हो गये.
विनोद के मूह पर एक अजीब सी मुश्कुराहट थी,विनोद जान बूझकर बोला अच्छा तो ये काम चल रहा है अंकल जी.इसलिए सुबह दूध के लिए मना कर रहे थे अपनी ही बेटी का दूध पी रहे हो तो तुम्हें दूध की क्या ज़रूरत.कॉलोनी वालों को बुलाता हूँ आपकी करतूत,मेरी अफवाह तो ऐसे ही उड़ा रखी है कॉलोनी में
.इस पर मैं बोला नही भाई ऐसा मत करना हम तुम्हारे सामने हाथ जोड़ते हैं.तो वो बोला नही अंकल जी कॉलोनी वालों को तो पता चले कि यहाँ क्या क्या होता है.इस पर मैं फिर बोला प्लीज़ रहने दो भाई.मैने अनुष्का को इशारा किया कि वो भी उससे रिक्वेस्ट करे.अनुष्का उसके थोड़ा नज़दीक पहुँचकर बोली भैया प्लीज़ मान जाओ हम से ग़लती हो गयी.इस पर वो बोला नही बिल्कुल नही.मैं उसके पैर पड़ गया और अनुष्का को भी इशारा किया.हम दोनो ही उसके पैरों पर पड़ गये.
अब उसने मेरी बेटी को उठाते हुए बोला की ठीक है अगर तुम कहती हो तो मान जाउन्गा लेकिन एक बार मुझे भी चाहिए.इस पर अनुष्का के मूह से बहुत गुस्से में निकला हरगिज़ नही,बिल्कुल नही.मैने भी विनोद से बोला तुम्हें पैसा चाहिए तो बोलो.वो बोला मुझे पैसा नही चाहिए मुझे अगर तुम्हारी बेटी नही देना चाहती तो मैं बाहर से कॉलोनी वालों को बुलाता हूँ और बाहर गेट की तरफ बढ़ने लगा.मैने उसे रोका और बोला रूको एक मिनिट और अनुष्का से बोला बेटी इसको एक बार देदे नहीं तो हमारी बहुत बदनामी होगी,रिश्तेदारों को भी पता चलेगा,प्लीज़ मान जाओ.उसकी आँखें नम हो गयी और बोली ठीक है,पापा लेकिन सिर्फ़ एक बार.
विनोद बहुत खुश हुआ और मुझसे बोला अंकल जी जाओ आप जब तक दूध गरम करके लाओ 3 ग्लास.मेरी किचन उस रूम के पास ही है वहाँ से उस रूम का सब कुछ दिखता और सुनाई देता है मैने अंडरवेर पहना और जैसे ही मैं किचन मे गया मैने देखा विनोद बेड पर लेटा है और अनुष्का उसके पास बैठी है ,विनोद ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और अपना 4इंच मोटा और 8 इंच लंबा लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया.उसका लंड मेरे लंड से काफ़ी बड़ा और तंदुरुस्त था.उसने अनुष्का को उसे अपने मूह में लेने का इशारा किया.तो वो बोली प्लीज़ मुझे उल्टी हो जाएगी.विनोद बोला लॉलिपोप समझ कर लेलो,बोलते बोलते विनोद ने उसके सर को सहारा देकर अपना लंड उसके मूह में दे दिया.
अनुष्का धीरे धीरे उसे चूसने लगी और विनोद उसके बूब्स को दबाने लगा,वो उससे लंड को चुस्वाता रहा.उसने मुझे आवाज़ लगाई अंकल जी दूध गरम हुआ तो ले आओ थोड़ा गुनगुना ही लाना,शुगर डालकर. दूध गरम हो चुका था,मैं चीनी डालकर 3 ग्लास मे ले गया.विनोद ने एक ग्लास उठाया और अनुष्का की तरफ बढ़ाया उसने गुस्से से मूह सिकोड लिया और बोली नही चाहिए.इस पर विनोद बोला अंकल जी आप ही समझाओ.मैं बोला पी ले बेटी.तो अनुष्का ने ग्लास को पकड़ने के लिए हाथ बढ़ाया मगर विनोद बोला नही मैं ही पिला देता हूँ.और जैसे ही अनुष्का ने एक घूंठ पिया उसी ग्लास से एक घूंठ उसने पिया.फिर एक घूंठ अनुष्का को और एक घूंठ विनोद.मेरे पास अब भी दो ग्लास थे विनोद बोला अंकल जी आप भी पिलाओ ऐसे ही मैने भी अनुष्का को अपना झूठा दूध पिलाया.
वो मेरे ग्लास वाला दूध आराम से पी रही थी.जब दोनो ग्लास ख़तम हो गये तो उसने तीसरा (3र्ड ) ग्लास अनुष्का के हाथ में पकड़ा दिया और उससे बोला इस ग्लास को हम दोनो को पिलाओ.उसने ऐसा ही किया लेकिन अनुस्का का प्यार मेरी तरफ अलग ही था दूध पिलाने में.
विनोद बोला अंकल जी अपनी बेटी को समझाओ कि मेरे साथ भी आप जैसे ही बिहेव करे,अगर सब कुछ प्यार से होगा तो बड़ा मज़ा आएगा इसको भी और मुझे भी और ज़बरदस्ती से तो मज़ा भी नही आएगा और दर्द भी होगा.अगर ये चाहे तो आप भी यहाँ रह सकते हो सिर्फ़ एक शर्त पर कि ये मेरा साथ ऐसे ही दे जैसे आपके साथ कर रही थी.इस पर मुझसे पहले ही अनुष्का बोल पड़ी पापा आप भी यही रहो.विनोद बोला ठीक है आप भी अपने कपड़े उतार लो और मैं भी नंगा हो गया.
इस समय अनुष्का बेड पर बीच मे थी और एक तरफ मैं और एक तरफ विनोद उसने लंड को फिर से चूसने का इसरा किया.अनुष्का अब एक बार विनोद के लंड को चुस्ती और एक बार मेरे लंड को.करीब 05 मिनिट के बाद विनोद ने उसको बिस्तर पर लिटा दिया एक बूब्स पर वो मूह मारने लगा और दूसरी पर मुझे लगने का इशारा किया.इस क्रिया से अनुष्का के मूह से आवाज़ें निकलने लगी उसको अलग अलग बूब्स के चूसने से शायद काफ़ी मज़ा आ रहा था.मैने अपना एक हाथ उसकी चूत पर लगाया तो महसूस किया कि उसकी चूत काफ़ी पानी छोड़ रही है,यानी कि उसको खूब मज़ा आ रहा है.विनोद थोड़ी देर बाद ही उसकी दोनो जांघों के बीच में पहुँच गया और उसकी चूत को चूसने लगा,अब मैं उसके बूब्स पर और विनोद उसकी चूत पर था.अनुष्का अपने शरीर को बुरी तरह से नागिन की तरह बाल खा रही थी,इससे लगता था कि उसको काफ़ी मज़ा आ रहा है
विनोद भी ये समझ चुका था.वो उठा और अनुष्का से बोला क्यूँ जानेमन मज़ा आ रहा है.अकेले पापा से चुदने में मज़ा है या दोनो से.वो चुप ही रही और लंबी लंबी साँसे लेती रही.विनोद फिर बोला एक बात बताओ तो सही अगर सही बता दोगि तो हम और प्रयास करके तुमको खूब मज़ा देंगे,मैं फिर बोला अच्छा लगा हां या ना कुछ तो बोलो.अनुष्का धीरे से बोली हां.वो फिर बोला अच्छा या बहुत अच्छा.वो इस पर मुस्कुरा दी तो विनोद बोला मैं समझ गया लेकिन तुम साथ दोगि तो तुम्हें बहुत मज़ा आएगा.बोलो दोगि साथ.चाहिए खूब मज़ा,अनुष्का ने हां में सिर हिला दिया.
अब मैने और विनोद दोनो ने ही अनुष्का को एक आदमी बूब्स पर और एक आदमी चूत पर अदला बदली करके लगे रहे चूस्ते और चाटते रहे.विनोद बोला अंकल जी कोई क्रीम है तो ले आओ.मैने बोला लाता हूँ.मैं जैसे ही उठा तो अनुष्का ने पहली बार विनोद से बात करते हुए पूछा,क्रीम किस लिए,इस पर विनोद बोला लाने तो दो तब बताउन्गा.मैं तो समझ गया था कि इसका प्लान पीछे से गान्ड मारने का है.
जैसे ही मैं वापिस आया मैने देखा उसने अनुष्का की दोनो टाँगें उपर की हुई हैं और अपना लंड डालने वाला है.उसने जैसे ही अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर रखा अनुष्का बोली प्लीज़ धीरे से करना तुम्हारा काफ़ी बड़ा है.इस पर वो बोला तुम्हारे पापा से भी बड़ा.तो वो फिर मुस्कुरा गयी. विनोद बोला ओके जान धीरे ही करूँगा.और उसने वास्तव में आराम से ही किया और अनुष्का से बीच बीच मे पूछता भी रहा कि कोई तकलीफ़ हो तो बता देना.अनुष्का को सुरू में थोड़ा सा दर्द हुआ मगर वो उसका लंड भी झेल गयी,थोड़ी देर बाद जब वो झड़ने वाला था तो उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और खुद बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया और अनुष्का से अपने उपर आने को बोला.अनुष्का उसके उपर सवार हो गयी.
अनुष्का अब विनोद के उपर घुड़ सवारी कर रही थी.विनोद ने अनुष्का को विनोद ने मेरी तरफ इशारा किया कि अंकल जी थोड़ा क्रीम लगाओ पीछे आप तो आकर खड़े हो गये.ये सुनकर अनुष्का रुक गयी और बोली नही पीछे से नही.इस पर विनोद बोला अच्छा ये बताओ मैने तुम्हें दर्द होने दिया,बोलो.अनुष्का बोली नही,फिर विश्वास करो तुम्हें बहुत मज़ा आएगा,तुम्हें तकलीफ़ ना हो इसलिए तो ये क्रीम मगाई है.
वो बोली प्लीज़ पीछे से रहने दो, तुम्हारा बहुत मोटा है,मुझे दर्द होगा ये पीछे से अंदर नही जाएगा तुम्हारा तो सुरू सुरू में आगे से भी हल्का हल्का दर्द कर रहा.विनोद बोला,क्यूँ जब अंकल जी आगे से लेते हैं तो दर्द नही होता.अनुष्का बोली पापा के उससे दर्द नही होता,उनका तुम्हारे से कम मोटा है.विनोद ने उसे मनाने; के लिए तरीका अपनाया ओर बोला अच्छा अगर ऐसा है तो अपने पापा से ही करा लो.वो बोली ठीक है.और विनोद ने उसे अपने उपर बैठी हालत में ही लिटा लिया और अपने दोनो हाथों से उसके दोनो चुतड़ों को पकड़ कर उसकी गान्ड को खोल दिया.विनोद मुझसे बोला लो अंकल जी लगाओ कीम और छेद को नरम करो आपकी लड़की को तो आपका ही लंड पसंद है.
मैं धीरे धीरे उसकी गान्ड पर राउंड राउंड करके क्रीम लगाने लगा.और करीब 15 मिनिट तक उसकी गान्ड में विनोद के बताए अनुसार क्रीम लगाई(विनोद से उस दिन मैने गान्ड के छेद को लंड के लिए तैयार करने का तरीका सीखा वो इस खेल का पुराना खिलाड़ी था) पहले एक उंगली और बाद में दो उंगलियों से भी क्रीम लगाई.जब उसकी गान्ड के छेद में दो उंगली जाने लगी तो मुझे विस्वास हो गया कि अब अनुष्का थोड़ा बहुत दर्द झेलकर मेरा लंड ले ही लेगी.
विनोद बोला अंकल जी अब सुरू भी करो और मैने जैसे ही अनुष्का की गान्ड पर लंड रखा वो बोली पापा आराम से करना.मेरे बोलने से पहले ही विनोद बोला क्यूँ जानेमन अपने पापा पर भी भरोसा नही.तो वो बोली पापा ने पहले भी बहुत दर्द कराया था इसलिए बोल रही हूँ.इस पर विनोद बोला तो मैं करूँ.अनुष्का बोली नही तुम तो बिल्कुल नही मरना है क्या मुझे तुम्हारा तो बहुत मोटा है.और तभी मैं बोला ठीक है बेटी में आराम से करूँगा.लेकिन मैने जैसे ही उसकी गान्ड के छेद पर लंड को रखकर जैसे ही थोड़ा अंदर किया वो चिल्लाई आआआआआआआअ और विनोद की पकड़ से छुटकर उठने की कोशिस करने लगी.विनोद बोला अंकल जी आराम से करो आपकी ही बेटी है.
अनुष्का भी बोली पापा आप बहुत ज़ोर से लगाते हो धीरे से करो.मैने सोचा कि इससे आराम से कैसे होगा.मैं बोला ठीक है.मैने दुबारा से उसके छेद पर लंड रखा.इस बार विनोद ने मेरी तरफ़ आँख मार्कर इशारा किया.मैं समझ गया कि वो बोल रहा है कि झटके से डाल दो.मैने वैसा ही किया निशाना लगाया और एक दम सारा लंड अंदर.अनुष्का काँप गयी और चिल्लाने लगी आआआआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई.मुझे छोड़ूऊऊऊऊऊऊ,विनोद बोला अंकल थोड़ा धीरे करो इतनी ज़ोर से करोगे तो लगेगी ही.अनुष्का बोली पापा आप बहुत बुरे हो,आप से तो ये अच्छा है कम से कम इतनी ज़ोर से तो नही करता पहले भी आपने ऐसा ही किया था.इस पर मैं बोला बेटा पहली बार में थोड़ा दर्द होता ही है,अब आराम से करूँगा.
और धीरे धीरे शुरू हो गया.इस तरह से मैने उसको पीछे से चोदा और विनोद भी आगे से लगा रहा.इसके बाद मैं और विनोद दोनो ही झाड़ गये.और अनुष्का से अलग होकर बेड पर पड़ गये.अनुष्का बीच में और हम दोनो उसके लेफ्ट राइट मे.विनोद ने अनुष्का को फिर से अपनी तरफ घुमा लिया और अपने से चिपका लिया.अनुष्का को भी उससे चिपकने मे अब कोई संकोच नही हो रहा था.
विनोद ने उसके कान में कुछ कहा.तो वो बोली नही तुम्हारा नही झेल पाउन्गि.अब मुझमें ताक़त नही रही.मैं समझ गया कि वो अनुष्का की गान्ड की बात कर रहा है.विनोद उससे बहुत रिक्वेस्ट कर रहा था,विनोद बोला मुझ पर भरोसा करो कल आ जाना.मैं दे दूँगी.प्लीज़ आज रहने दो.विनोद पता नही कैसे उसकी बात मान गया और बोला, ओके जान जैसी तुम्हारी मर्ज़ी.और वो बोला ठीक है 11बज गये हैं.जब तुम दोगि ही नही तो फिर मैं चलता हूँ यहाँ रुकने का क्या फ़ायदा.और फिर वो चला गया.
उसके जाने के बाद मैने गेट बंद किया और अनुष्का के पास आकर बोला.बेटी कैसी है.अनुष्का मुझसे गुस्सा थी बोली आपको मेरी चिंता कहाँ आप इतनी ज़ोर से करते हो,कितनी ज़ोर से लगाई है,अभी तक दर्द हो रहा है आपसे तो वो दूधवाला अच्छा है ना तो दर्द दिया और देखो मेरी बात मानकर चला भी गया.मुझे मेरी बेटी ने चुप कर दिया था वो किसी हद तक ठीक ही कह रही थी.अनुष्का फिर बोली देखना कल वो कितने प्यार से करेगा और दर्द भी नही देगा.
अगले दिन विनोद फिर आया और पूरी रात रुका.उसने मेरी बेटी को जमकर चोदा आगे और पीछे दोनो तरफ से.वो सेक्स का माहिर खिलाड़ी था,उसने मज़ा भी लिया और अनुष्का को दर्द भी नही होने दिया.अनुष्का ने मुझे उसके सामने ही बोला पापा इसे कहते हैं सेक्स और सेक्स का मज़ा.आपकी तरह नही.मुझे बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई क्यूंकी ये बात उसने उस दूधवाले विनोद के सामने बोली थी और ये सुनकर विनोद को शायद बहुत गर्व हुआ था.
मेरी बीवी दिव्या ँका मुझको 3 दिन बाद फोन आया मैं उस समय अनुष्का के साथ सेक्स ही कर रहा था.मेरी बीवी बोली पापा, मम्मी और एक हफ्ते रुकने के लिए बोल रहे हैं क्या रुक जाउ.तो मैने कहा कोई परेशानी नही है अनुष्का के होते कोई परेशानी नही है वो पूरा ख़याल रख रही है.सब कुछ टाइम टाइम से सब दे देती है.फोन काटने के बाद अनुष्का ने पूछा कि पापा क्या क्या टाइम से देती हूँ तो मैं बोला आदमी को जिस्म की भूख सबसे ज़्यादा होती है वो तो तुम अपनी माँ से भी ज़यादा पूरी कर रही हो.अनुष्का मुस्करा दी.
जब तक मेरी बीवी दिव्या मायके से वापिस नही आई, विनोद और मैं अनुष्का को जमकर चोद्ते रहे.इसके बाद जब मेरी बीवी वापस आई तो उसने जब उस दूध वाले को घर में दूध देते देखा तो काफ़ी गुस्सा हुई उसको उसके कॅरक्टर के बारे में पता था मेरी बीवी उसका दूध बंद करने को बोली लेकिन अनुष्का के कहने पर कि माँ ये अच्छा दूध लाता है.हमें तो दूध से मतलब ऐसा कहा तो मेरी बीवी ने उसकी बात मान ली.
इसके बाद विनोद और मुझे अनुष्का को चोदने का मौका नही मिल पा रहा था.मेरी बीवी दिव्या दिन में घर से बाहर कहीं नही जाती थी और रात को मैं अपनी बीवी के साथ और अनुष्का अपनी बहन के साथ सोती थी.
इसके बाद विनोद ने मेरी मदद से मेरी बड़ी बेटी प्रियंका जोकि अनुष्का से थोड़ी कम खूबसूरत थी ,को भी फसाया ताकि अनुष्का को चोद सके.क्या हुआ नेक्स्ट स्टोरी लास्ट पार्ट में लिखूंगा.ओके बाइ रेस्पॉन्स ज़रूर देना.