मम्मी और चाची दोनों की एक साथ चुदाई | Family Group Sex Story मैंने! चाची एक दिन नहा रही थीं तब गलती से मैंने उनको देख लिया. उनका सेक्सी शरीर देख मैं सोचने लगा कि चाची को लौड़े के नीचे कैसे लाऊं.
दोस्तो, मेरा नाम रवि है. मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र अभी 19 साल है. हमारा घर एक संयुक्त परिवार है और मैं अपनी मम्मी चाची आदि सभी के साथ रहता हूँ. एक दिन की बात है जब मेरी मम्मी किसी काम से बाहर गई थीं. उस दिन रविवार था, मेरी कोचिंग क्लास भी बन्द थी. तब घर पर मैं और मेरी चाची थीं.
मेरी चाची एक बड़ी गांड वाली और बड़ी बड़ी चूचियों वाली एक मादक महिला हैं. मैंने अपनी चाची को चोदने का कभी नहीं सोचा था लेकिन जब मेरी चाची एक दिन नहा रही थीं तब गलती से मैंने उनको देख लिया था. उस वक्त मेरी आंखें फटी की फटी रह गई थीं. वो अपनी बड़ी बड़ी चूचियों पर साबुन मल मल कर लगा रही थीं.
उस समय वो अपना पेटीकोट पहनी हुई थीं और अपना ब्लाउज उतारी हुई थीं. तभी मैं वहां से अपने रूम में चला गया और चाची के नाम की मुठ मारने लगा.
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मैं लंड हिलाते समय सोच रहा था कि मैं अपनी चाची के साथ सेक्स कैसे करूँ? वही सोच आज फिर से मेरे दिमाग में घूमने लगी थी कि चाची को लौड़े के नीचे कैसे लाऊं. तभी मैं उनकी पायल की आवाज सुनाई दी और मैं बाहर आ गया. मैंने देखा कि चाची रसोई की तरफ जा रही थीं. मैं भी रसोई में चला गया.

मैंने चाची से कहा- चाची आपने अपनी पैंटी को अभी सूखने डाला था ना … और मैंने आपकी पैंटी पर उजला उजला सा कुछ लगा देखा था. वो क्या था? मेरी चाची मुझे डांटती हुई बोलीं- शर्म कर जरा … अब तू अपनी चाची से ये सब भी पूछेगा क्या? मैं उन्हें देख कर मुस्कुराने लगा. मेरी चाची वहां से हंसती हुई चली गईं. शाम को चाचा को बाहर जाना था तो वो निकल गए. उनको दो तीन दिन के लिए बाहर का काम था. उनके जाने के बाद चाची बाथरूम में जाकर अपनी चूत में उंगली कर रही थीं और दरवाजा अन्दर से बन्द की हुई थीं.
मुझे पेशाब लग रही थी, तो मैं भी बाथरूम की ओर गया. मैंने बाहर से ही सुना कि बाथरूम से चाची की कामुक आवाजें निकल रही थीं ‘आह आह ऊँह …’ मैंने आवाज देकर चाची से कहा- चाची, आपको कुछ हो गया है क्या? चाची कुछ भरी हुई आवाज में बोलीं- नहीं नहीं, मैं ठीक हूँ. मैं- ओके चाची, आप जल्दी निकल आओ.
मुझे जोर की पेशाब आई है. चाची- अच्छा ठीक है, मैं निकल रही हूं. मैं- ठीक है, पर आप जरा जल्दी निकलो. चाची अपने कपड़े ठीक करती हुई बाहर निकलीं तो मुझे उनके चेहरे पर कुछ ऐसी थकान सी दिखी, जैसे वो अपनी चूत में उंगली करके झड़ कर आई हों.
फिर मैं अन्दर जाकर पेशाब करने लगा. मैंने देखा कि अन्दर कुछ पानी की तरह लिसलिसा सा गिरा हुआ था. मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया और सुसू करके बाहर आ गया. अब मैं चाची के कमरे में गया तो मैंने देखा कि मेरी चाची कमरे में फिर से वही सब कर रही थीं. मैं देखता रहा और चुपचाप अपना पैंट उतार कर सीधे अन्दर घुस गया.
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चाची मुझे देख कर सोने का नाटक करने लगी थीं. मैंने चाची से कहा- चाची, मुझे डर लग रहा है. मैं आपके पास सो जाता हूँ. चाची ने मुझसे कहा- हां ठीक है, सो जा! मैं चाची के साथ सोने का नाटक कर रहा था. चाची ने रात में मैक्सी पहनी हुई थी और मैं सिर्फ अपनी जांघिया में था. उस वक्त रात के 11:00 बज चुके थे.
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चाची सो गई थीं और मुझे नींद नहीं आ रही थी. जब चाची गहरी नींद में सो रही थीं, तभी मुझे चुदास ने घेर लिया. मैं नींद का नाटक करते हुए अपनी चाची की चूचियों पर हाथ रखकर धीरे धीरे सहलाने लगा. उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मैं उनकी एक चूची को दबाने लगा. मुझे डर लग रहा था कि कहीं चाची उठ ना जाएं. मगर यह लौड़े की हिमाकत थी, वो मेरा हौसला और ज्यादा बढ़ा रहा था.
मैंने चाची की नाइटी को ऊपर किया और उनकी संगमरमर सी चिकनी जांघ पर हाथ रखकर सहलाने लगा था. उस समय मेरा लंड एकदम कड़क था और अपनी पूरी औकात में आकर ज्यादा बड़ा हो गया था. मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरी जांघिया फटने वाली है.
उसी वक़्त चाची उठ गईं और वे मुझसे बोलीं- तू ये क्या कर रहा है … अपने चाची को चोदने की फिराक में है. चल जा यहां से … और अपने कमरे में जाकर सो जा. मैंने चाची से माफी मांगी और कहा- वो गलती से नींद में हो गया चाची. लेकिन चाची नहीं मान रही थीं. तभी मेरी चाची का ध्यान मेरे लंड पर चला गया. वे हंस कर बोलीं- साले झूठे, ये तेरा नींद में इतना बड़ा हो गया.

चल आ जा बेटा तू भी क्या याद करेगा. आज अपना लौड़ा निकाल और मुझे चोद दे … मुझे भी आज तेरे लंड से चुदने का मन है. चाची के मुँह से इतनी साफ साफ चुदाई की बात सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई. मैंने एक झटके में अपना जांघिया को नीचे करके निकाल दिया और चाची के ऊपर चढ़ गया.
वो भी मेरे हाथों से अपनी मादक जवानी को मसलवाने को राजी हो गई थीं. चाची के साथ सेक्स की शुरुआत करते हुए मैंने उनको सीधा किया और उनके होंठों को चूसने लगा. चाची भी मेरा साथ दे रही थीं. कुछ देर यूं ही अपने भतीजे की कोरी जवानी से लबरेज होंठों का रस चूसने के बाद चाची ने मुझे अपने ऊपर से हटाया और बोलीं- बड़ी चुल्ल है तुझे!
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मेरे होंठों का क्यों कचूमर बना रहा है. तुझे चूसने का इतना ही ज्यादा शौक है, तो नीचे आ जा … और मेरी चूत चूस! मुझे उनकी बात से होश आया कि चाची की चूत और चूचियां भी चूसने वाली चीज हैं. अब मैंने उनकी मैक्सी को हटाया और उनकी ब्रा का हुक खोल कर उनकी चूचियों को पीने लगा.
मेरी चाची जोर जोर से कहने लगीं- आह आह … साले क्या मस्त चूसता है … आह अब पहले मुझे चोद दे … ये सब बाद में चूस लेना. मैंने उनकी पैटी को हटाया और उसे उतार कर चाची की चूत को देखा. उनकी हल्की हल्की झांटों से चूत रो रही थी. उसके आंसुओं से झांट के बाल गीले हुए पड़े थे.
चूत का दाना फाँकों से बाहर झांक कर मानो मुझे जीभ चिढ़ा रहा था. मैंने एक पल को चूत को निहारा और नाक लगा कर चूत से आने वाली भीनी भीनी सुगंध को अपने नथुनों में भरने लगा. आह क्या मस्त महक आ रही थी. अगले ही पल मैंने उनकी चूत के दाने को अपनी जीभ से कुरेद दिया.
चाची एकदम से सिहर उठीं और उनकी टांगें खुद ब खुद फैलने लगीं. मैं उनकी चूत को जीभ से चाटने लगा. मेरी चाची का हाथ मेरे सर पर जम गया था और वे मादक आवाजें निकाल रही थीं. कुछ ही देर में मुझे चाची की चूत की नमकीन मलाई बड़ी ही स्वादिष्ट लगने लगी और मेरी जीभ किसी कुत्ते की मानिंद चूत पर चलने ल
चाची कसमसाती हुई आधी उठ कर बैठ गईं और मेरे सर को अपनी चूत में लगभग घुसेड़ती हुई बोलीं- आंह … क्या कर रहा है भोसड़ी के … जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में पेल दे मादरचोद … आह मुझे चोद दे कमीने … साले बड़ी आग लगी है.
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मैंने उनको धक्का देकर वापस बेड पर लिटा दिया और उनकी दोनों जांघों को फैला कर अपना लंड उनकी चूत पर लगा दिया. अभी मैं लौड़े को चूत की फाँक में रगड़ ही रहा था कि चाची ने अपनी गांड उठा कर लंड के सुपारे को अपनी चूत से चूम लिया. सुपारे ने चूत में घुस कर उन्हें मजा दे दिया था.
मुझे भी अपने सुपारे से चूत की गर्मी का अहसास हुआ और मैं धीरे धीरे उनकी चूत में लंड पेलने लगा. मगर मुझे अन्दर लौड़ा पेलने में सफलता नहीं मिली. उनकी बुर काफी टाइट थी. इसी कारण मेरा लंड उनकी बुर में से यानि उनकी चूत में से निकल गया. एक पल बाद मैंने फिर से प्रयास किया और इस बार मेरे लंड का सुपारा दुबारा से चूत के अन्दर घुस गया.
इस बार पूरा सुपारा घुस गया था … तो चाची की आवाज निकल आई- उई मां … मैं तो मर गई … आह! तभी मैंने दूसरा धक्का भी लगा दिया. अब मैं जोर जोर से धक्के लगाने लगा और चाची अपनी वासना से भरी आवाजें निकालने लगीं ‘आह … फ़क मी फ़क मी.’ इस तरह से दस मिनट तक खेल चला. फिर मैंने चाची से कहा- चाची मेरा रस झड़ने वाला है.
वो बोलीं- मेरी चूत में ही टपका दे. मैंने अपना सारा माल उनकी बुर में ही छोड़ दिया. उसी के साथ चाची भी झड़ गई थीं. हम दोनों एक साथ झड़ गए थे. निढाल होकर हम वैसे ही नंगे सो गए.
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बाद में मेरी अचानक से नींद टूटी तो मैंने देखा कि मेरा लंड मेरी चाची चूस रही हैं. मैंने फिर से उनको ऊपर किया और कहा- चाची, मैंने आपकी बुर का स्वाद ले लिया. अब मुझे आपकी गांड चोदनी है. कुछ देर बाद चाची गांड मरवाने रेडी हो गईं. अब मैंने अपनी चाची की गांड में लंड पेल दिया और खूब धक्का दिए.

ऐसे में मैंने उनको रात भर चोदा. अब मुझे जब भी अपनी चाची को चोदने का मन होता है, मैं उनके पास चल जाता हूँ और हम दोनों चुदाई करते हैं. ऐसे में एक दिन जब अपनी चाची की चुदायी कर रहा था, तभी मेरी मम्मी मुझे अपनी चाची के साथ सेक्स करते हुए देख लिया. मेरी मम्मी भी जोश में आ गईं. उन्होंने भी अपनी साड़ी ब्लाउज पेटीकोट को उतार कर मेरे सामने खड़ी हो गईं.
मेरे तो होश ही उड़ गए. मम्मी ने पिंक कलर की ब्रा पहनी हुई थी. मैं उनकी तरफ वासना से देख ही रहा था कि उन्होंने किस रांड की तरह मुझे देखा और अपना पेटीकोट उतार दिया. आपको अपनी मम्मी के बारे में बताना मैं ही भूल गया था.मेरी मम्मी मेरी चाची से भी हॉट हैं.
जब मेरी मम्मी ब्रा और पैंटी में आ गई तो मैंने तुरंत अपनी चाची की गांड में से लंड निकाला और मम्मी को लंड दिखाने लगा मम्मी बिस्तर के करीब आ गईं और मेरे लौड़े को पकड़ कर सहलाने लगीं. मैंने मम्मी को बिस्तर पर खींचा और उनकी ब्रा और पैंटी को हटा दिया. मैं मम्मी के मम्मों को दांत से काटने लगा और मम्मी की बुर को चूसने लगा.
चाची कहने लगीं- साले, तू तो चाची चोद की जगह पक्का मादरचोद बन गया. मेरी मम्मी हंसने लगीं. फिर मैंने अपनी चाची को अपने नीचे लिटाया और मम्मी को चाची के ऊपर रखकर इंग्लिश स्टाइल में मम्मी की बुर में जैसे ही लंड घुसेड़ा, मम्मी की तो चीख ही निकल गई. फिर मैं मम्मी की गांड में लंड घुसाने लगा और उनकी चूत व गांड में बार बार लंड को घुसाता निकालता रहा.
मम्मी चीखने लगीं- साले, आज तू मेरी गांड फाड़ कर ही दम लेगा. तुमको इतना अनुभव कहां से आया? तभी नीचे से चाची लंड में जीभ लगाती हुई बोलीं- ये मुझे हर रोज़ चोदता है दीदी. हम तीनों चुदायी करने लगे थे. कुछ देर बाद मम्मी ने कहा- मैं झड़ गई हूँ … अब तू चाची को चोद ले. मम्मी अलग हो गईं.
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उसके बाद मेरा लंड चाची की चूत गांड में चलने लगा. उस दिन मैंने उन दोनों देवरानी जेठानी को चोद चोद कर संतुष्ट कर दिया था. अब मेरी घर में ही मौज थी; मुझे दो चूत के छेद और दो गांड के छेद मिल गए थे, जिन्हें चोदकर मैं खूब मजा लेता हूँ.
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