मनीष और जवान भाभी – Part 2

पिछला भाग : मनीष और जवान भाभी – Part 1

मैंने कहा – अभी तो तुमने कहा था कि अगली बार दिखा दूंगी।

भाभी ने शरमाते हुये कहा – अच्छा बाबा, देख ले लेकिन अगर कही तुझे जोश आ गया तो।

मैंने कहा – मैं भी चोद दूंगा।

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वो बोली – ठीक है, चोद देना।

मैंने भाभी कि चूत पर से कपड़ा हटा दिया। उनकी चूत कि हालत एकदम खराब हो चुकी थी। उनकी चूत का मुँह बहुत ज्यादा चौड़ा हो चुका था और उनकी चूत डबल रोटी कि तरह सूज गयी थी। उनकी चूत से ज्यूस टपक रहा था, जिसमें थोड़ा सा खून भी मिला हुआ था। बेड कि चादर भी उन दोनो के ज्यूस से एकदम खराब हो चुकी थी।

मैं देर तक भाभी कि चूत को देखता रहा तो वो बोली – अब रहने भी दे। कब तक देखेगा।

मैंने कहा – मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।

वो बोली – मेरी जान ही निकल गयी और तुझे अच्छा लग रहा है।

मैंने कहा – मज़ा भी तो आया।

वो बोली – हाँ, ये तो है।

मैंने कहा – फिर देखने दो ना।

वो बोली – ठीक है, जी भर कर देख ले।

मैंने कहा – मुझे भी जोश आ रहा है।

वो बोली – अगर तेरा दिल करता है, तो तू भी अपनी प्यास बुझा ले।

मैंने कहा – तुम्हारी चूत मेरे लण्ड के लायक नहीं है।

वो बोली – क्यों, क्या खराबी है मेरी चूत में?

मैंने कहा – ये तो कुछ ज्यादा ही चौड़ी हो गयी है।

भाभी कुछ नहीं बोली।

लगभग 35 मिनट के बाद शिव फिर आ गया तो मैं बाहर चला आया। इस बार भी भाभी के चीखने कि आवाज़ ज्यादा देर तक नहीं आयी।

इस बार भी शिव 20 मिनट में ही कमरे से बहर आ गया, तो मैं कमरे में चला गया।

इस बार भाभी एकदम नंगी पड़ी थी। उन्होंने अपनी चूत को भी नहीं ढका था।

मैंने पूछा – अब शरम नहीं आ रही है।

वो बोली – अब कहे कि शरम। अब तो तू मेरी चूत को देख ही चुका है।

मैंने कहा – वो तो मैं बरसो से देख रहा हूँ।

मैंने भी कि चूत को देखते हुये कहा – ये तो पहले से भी ज्यादा सूज गयी है।

भाभी ने कहा – आ, बैठ जा मेरे पास।

मैं उनके पास बैठ गया। उन्होंने मेरा हाथ अपने हाथ में ले लिया और कहने लगी। तूने मुझे आज वो मज़ा दिलया है कि मैं सारी जीन्दगी इसे नहीं भुला पाऊँगी। मुझे अब लग रहा है कि मैं भी माँ बन जाउँगी।

मैंने कहा – अब घर चलोगी या और भी चुदवाना है।

वो बोली – अब आज और नहीं।

मैंने कहा – फिर घर चलो।

वो बोली – चल।

भाभी उठने की कोशिश करने लगी तो उनके मुँह चीख निकल गयी।

मैंने पूछा – क्या हुआ?

वो बोली – बहुत दर्द हो रहा है, घर कैसे जाउँगी।

मैंने कहा – फिर क्या करोगी?

वो बोली – थोड़ा गर्म पानी ले आ, मैं अपनी चूत कि सिकाई कर लेती हूँ। इस से दर्द कम हो जयेगा।

मैंने कहा – अभी लाता हूँ।

मैं थोड़ी ही देर मैं गर्म पानी ले कर भाभी के पास आ गया। मैंने कहा – पानी लाया हूँ, सिकाई कर लो। वो सिकाई करने के लिये उठना चाहती थी, लेकिन उठ नहीं पा रही थी। मैंने उनकी इतनी बुरी हालत देखी तो मैंने कहा – कहो तो मैं ही सिकाई कर दूं।

वो बोली – तू मेरी चूत कि सिकाई करेगा।

मैंने कहा – तो क्या हुआ?

भाभी ने शरमाते हुये कहा – ठीक है, तू ही सिकाई कर दे।

मैंने गर्म पानी से भाभी कि चूत कि सिकाई शुरु कर दी। जोश के मारे मेरा लण्ड भी खड़ा हो गया।

भाभी ने मेरा लण्ड देखा तो बोली – तेरा क्यों खड़ा हो गया?

मैंने कहा – चूत पर हाथ लगने से मुझे भी थोड़ा जोश आ गया है।

वो मुसकुरते हुये बोली – गड़बड़ मत करना।

मैंने कहा – होटल का खाना खाने के बाद घर का खाना थोड़े ही अच्छा लगता है। आखिर में घर का खाना ही खाना पड़ेगा।

वो बोली – अगर मेरा मन हुआ तो मैं घर का खाना भी खा लूंगी।

लगभग 20-25 मिनट कि सिकई के बाद मैंने कहा – अब उठ कर देखो, उठ पाती हो या नहीं। भाभी उठने की कोशिश करने लगी, तो उनके मुँह से हल्की सी आह निकल गयी लेकिन वो उठ गयी।

मैंने कहा – अब चलो घर।

वो बोली – थोड़ी सिकई और कर लेने दे। उन्होंने मेरे हाथ से गर्म पानी और कपड़ा ले लिया और अपनी चूत कि सिकई करने लगी। 10-15 मिनट बाद वो बोली – अब घर ले चल मुझे।

भाभी ठीक से चल नहीं पा रही थी। मैं भाभी को सहारा दे कर घर ले आया। अगले 2 दिनो तक भाभी शिव के पास नहीं गयी।

तीसरे दिन भाभी मुझसे कहने लगी, आज रात तेरे भैया से बात हो रही थी। मैंने उनसे बता दिया कि मैंने तेरे एक दोस्त से चुदवाया है। पहले तो वो थोड़ा नाराज़ हुये और फिर कहने लगे कि अगर तुझे चुदवाना ही था, तो क्या राज बुरा था। राज का लण्ड भी तो खूब लम्बा और मोटा है। मैंने उनसे कह दिया कि मुझे राज से चुदवने में शरम आयेगी, तो वो बोले फिर ठीक है तुम्हारी मरजी जीस से भी मन कहे चुदवाओ।

फिर मैंने उनसे कहा कि मैं कल से 10 दिनो के लिये शिव के पास जाउँगी तो वो बोले, चली जाओ। अब तू मुझे शिव के पास पहुचा दे। 10 दिनो के बाद मुझे लेने आ जाना।

मैंने कहा – ठीक है, चलो पहुचा देता हूँ।

मैं भाभी को शिव के घर छोड़ कर आने लगा तो मैंने शिव से कहा – भाभी का ख्याल रखना।

वो बोला – तू चिंता मत कर।

मैंने भाभी से मजाक करते हुये कहा – कम से कम 50 रन जरूर बनाना।

उन्होंने मुसकुरते हुये कहा – मैं 51 रन बना दूंगी, तू चिंता मत कर। समय से मुझे लेने आ जाना।

मैंने कहा – मैं आ जाऊँगा। 10 दिन के बाद मैं भाभी को लेने शिव के घर गया। भाभी मुझे देखकर बहुत खुश हो गयी।

मैंने मुसकुराते हुये पूछा – कितने रन बने?

वो थोड़ा उदास हो कर बोली – तू मुझे घर ले चल, मैं तुझे बाद में बता दूंगी। मैं भाभी को लेकर घर चला आया।

घर पहुचने पर मैंने भाभी से पूछा, अब बताओ कि कितनी बार चुदवाया।

वो बोली – केवल 44 बार लेकिन मैं मा नहीं बन पाऊँगी।

मैंने पूछा – वो क्यों?

वो बोली – शिव कल घर जा रहा है, अब वो यहाँ नहीं आयेगा।

मैंने कहा – इतने दिन तुमने उस से चुदवाया है, अब तो उसका बच्चा भी तुम्हारे पेट में आ भी गया होगा।

वो बोली – मुझे आज सुबह ही महीना आ गया। अगर उसका बच्चा मेरे पेट में आ गया होता तो मुझे महीना थोड़े ही आता।

मैंने कहा – एक पंडित जी हैं, मैं तुम्हे उनके पास ले चलता हूँ।

वो बोली – फिर देर काहे कि, अभी चल।

मैं भाभी को लेकर पंडित के पास आ गया। पंडित ने भाभी कि कुंडली देखी और कहा – कुंडली के हिसाब से तुम्हारी जीन्दगी में 4 मरद आयेंगे। पहले के 3 मरद तुम्हें बच्चा नहीं दे पायेंगे। चौथे मरद से ही तुम्हें बच्चा होगा। तुम्हारी कुंडली से ये भी पता चलता है कि तुम अपने देवर के बच्चे कि मां बनोगि और तुम्हें जुड़वा लड़के पैदा होंगे लेकिन सावधान रहना। जब तक तुम्हारी जीन्दगी में 3 मरद नहीं आ जाते तब तक तुम अपने देवर से बच्चा पैदा करने कि कोशिश मत करना नहीं तो तुम कभी भी माँ नहीं बन पाओगी।

भाभी ने मेरी तरफ़ इशारा करते हुये कहा – लेकिन पंडित जी, मेरा तो एक ही देवर है और वो ये है। जब मेरी शादी हुई थी, तब ये 12 साल का था और मैं 16 साल की। मैंने ही इसे पालपोस कर बड़ा किया है फिर मैं कैसे इससे माँ बनने के बारे में सोच सकती हूँ।

पंडित जी ने कहा – बेटी जरा सोचो। अगर तुम्हारी शादी 24 साल कि उमर में हुयी होति तब ये 20 साल का होता, तब तो तुम इसके बच्चे कि माँ बनने को कोशिश करती या नहीं।

भाभी ने कहा – तब तो मैं जरूर कोशिश करती।

पंडित जी ने कहा – बात तो आखिर वही हुयि, फरक केवल इतना ही है कि तुम्हारी शादी जल्दी हो गयी और उस समय ये छोटा था। अगर तुम माँ बनना चाहती हो, तो तुम्हें इसकी मदद ही लेनी पड़ेगी। तुम्हारी कुण्डली देखने से ये भी पता चलता है कि तुम दोनो में बहुत ही ज्यादा प्रेम होगा। अब तुम ही बताओ कि मैं सही कह रहा हूँ या गलत।

भाभी ने कहा – पंडित जी, आप एकदम सही कह रहे हैं। मैं अपने देवर को बहुत प्यार करती हूँ और वो भी मुझे बहुत प्यार करता है।

भाभी ने मेरी तरफ़ इशारा करते हुये कहा – पंडित जी, मैं इसकी कुण्डली भी लायी हूँ, देख लीजीये। पंडित जी ने बहुत देर तक मेरी कुण्डली देखी और बोले, बेटी, इसकी कुण्डली तो बहुत ही अच्छी है। इस से तो 4 जुड़वा बच्चे पैदा होंगे यानि कि कुल मिला कर 8 बच्चे।

भाभी हसने लगी तो पंडित जी बोले – बेटी, हसो मत, मेरी बात ध्यान से सुनो। एक जुड़वा बच्चा तो इसकी अपनी बीवी से होगा लेकिन एकदम आखिर में। बाकी के 3 जुड़वा बच्चे 3 सगी बहनो से पैदा होगे। एक जुड़वा बच्चा तो तुमसे पैदा होना है। बाकी बचे 2 जुड़वा बच्चे। क्या तुम्हारी कोई सगी बहन भी है?

भाभी ने कहा – मेरी 2 बहने और भी है। एक मुझसे 2 साल बड़ी और एक 2 साल छोटी।

पंडित जी ने कहा- बेटी मेरी बात का बुरा मत मानना। तुम्हारी दोनो बहनो को भी इस से 2 जुड़वां बच्चे पैदा होगे। अगर तुम अपनी दोनो बहनो कि कुण्डली ले आओ, तो मैं एकदम साफ़ साफ़ बता दूंगा।

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भाभी ने कहा – मैं अभी मंगा देती हूँ।

भाभी ने मुझसे कहा – आलमारी में करिश्मा और मोनिका कि कुण्डली रखी है, जा कर ले आ।

थोड़ी ही देर मैं घर से कुण्डली ले आया। पंडित जी ने दोनो कुण्डली देखी और बोले – अब मेरी समझ में सारी बात आ गयी।

भाभी ने कहा – बताये पंडित जी।

पंडित जी कहने लगे – तुम्हारी बड़ी बहन कि जिन्दगी में 2 मरद आयेंगे। पहला तो उसका पति होगा और दूसरा उसका देवर। उसको भी अपने देवर से ही बच्चा पैदा होगा, वो भी जुड़वां। करिश्मा की कुण्डली से ये भी पता चलता है कि उसका कोई सगा देवर नहीं होगा। क्या ये बात सही है?

भाभी ने कहा – एकदम सही है।

पंडित जी ने कहा – फिर तुम्हारे देवर से ही करिश्मा को भी जुड़वां बच्चा पैदा होगा। अब रही मोनिका कि बात। उसकी कुण्डली से भी ठीक यही बात सामने आती है। उसे भी अपने देवर से ही जुड़वां बच्चे पैदा होगे और उसके भी कोई सगा देवर नहीं होगा। क्या मैं सही कह रहा हूँ?

भाभी ने कहा – एकदम सही कह रहे हैं आप।

पंडित जी ने कहा – फिर मोनिका को भी तुम्हारे देवर से ही जुड़वां बच्चा पैदा होगा। लेकिन एक बात मेरी समझ में नहीं आ रही है।

भाभी ने कहा – वो क्या पंडित जी?

पंडित जी ने कहा – मोनिका कि जीन्दगी में कुल 21 मरद आयेगे। पहला मरद तो उसका पति होगा और आखिरी मरद तुम्हारा देवर। लेकिन उसकी जिन्दगी में बाकि के 19 मरद कहाँ से आयेगे ये मैं नहीं बता सकता। खैर छोड़ो जाने दो। भविष्य में क्या होने वाला है, वो तो केवल ईश्वर ही जानता है।

मैं भाभी के साथ घर आ गया।

भाभी ने कहा- तेरे भैया ठीक ही कह रहे थे कि मुझे तुझ से ही चुदवा लेना चाहिये था। मैं तो अब तुझसे ही चुदवा कर बच्चा पैदा करूंगी।

मैंने कहा – वो तो ठीक है भाभी लेकिन अभी तो तुम्हारी जिन्दगी में केवल 2 मरद ही आये हैं, पहले तीसरा तो आ जाने दो।

वो बोली – देखा जायेगा लेकिन अब तो तू खुश हो जा।

मैंने कहा – वो किस लिये?

भाभी ने कहा – तुझे मेरी और मेरी दोनो बहनो कि चुदाई करने का मौका जो मिलने वाला है!

मैंने कहा – आने दो सालियों को, उन्हें भी चोद दूंगा।

भाभी हसने लगी और बोली – तू मेरी बहनो को गाली दे रहा है।

मैंने कहा – मेरी ये जुर्रत कि मैं तुम्हारी बहनो को गाली दूंगा।

भाभी ने कहा – अभी तुमने कहा ना कि आने दो सालियों को उन्हें भी चोद दूंगा।

मैंने कहा – मैंने कोई गलत बात थोड़े ही कही है, आखिर वो दोनो मेरी सालियाँ ही तो हैं।

मेरी बात सुनकर भाभी जोर जोर से हसने लगी।

5 दिन बाद की बात है। भाभी नहा ने के बाद एकदम नंगी ही बेड रूम में आयी और श्रृंगार करने लगी। उन्होंने बहुत प्यारी सी खुशबू भी लगायी।

मैंने कहा – तुम्हारा इरादा तो आज खतरनाक लग रहा है। आज किस का कतल करने का इरादा है।

वो बोली – तेरा।

मैंने कहा – अभी तो 2 ही हुये हैं, तीसरा तो आ जाने दो।

इतना सुनते ही वो मुझसे लिपट कर रोने लगी।

मैंने पूछा – क्या हुआ, रो क्यों रही हो?

वो बोली – मुझे तुझसे बच्चा चाहिये।

मैंने कहा – वो तो ठीक है लेकिन पंडित जी कि बात याद है ना।

वो रोते हुये कहने लगी – मेरी जीन्दगी में तीसरा मरद पहले ही आ चुका है। जब तू मुझे शिव के पास छोड़ कर घर चला आया तो दूसरे दिन उसका एक दोस्त महमूद आ गया था। मैं लाख मना करती रही लेकिन महमूद ने भी मुझे जबरदस्ती चोद दिया। मैं चिल्लाती रही लेकिन उन दोनो ने मेरी एक ना सुनी। उसके बाद मैंने शिव से कहा कि मैं घर जा रही हूँ। शिव ने महमूद को घर भेज दिया। उसके बाद ही मैंने उस से इतने दिनो चुदवया।

भाभी की बात सुनकर मुझे गुस्सा आ गया। मैंने कहा – जब मैं तुम्हें लेने गया था तब ही बताना चाहिये था। मैं शिव कि अच्छी तरह से खबर लेता।

भाभी ने कहा – मैं कोई बखेड़ा नहीं खड़ा करना चाहति थी। अब जो होना था वो तो हो ही चुका है। मुझे माफ़ कर दे। इतना कह कर वो मेरे कनधे पर सिर रख कर रोने लगी। मैंने उन्हें समझा बुझा कर चुप कराया। थोड़ी देर बाद वो नोरमल हो गयी।

मैंने पूछा – मुझे अपनी चूत नहीं दिखाओगी?

वो मुसकुरा कर बोली – सारा का सारा बदन तो तेरे सामने एकदम खुला पड़ा है। आज से मैं खुद को तेरे हवाले कर रही हूँ। अब तू मेरे बदन का जैसे भी चहे इस्तेमाल कर और मुझे माँ बना दे।

मैंने कहा- मैं एक बात कहना चाहता हूँ।

वो बोली – अब क्या है?

मैंने कहा – जब तुम्हारे पेट में बच्चा आ जयेगा, तब तुम नहीं चुदवाओगि। मैं चहता हूँ कि पहले हम दोनो खूब जी भर के जवानी का मज़ा उठा ले। उसके बाद बच्चा पैदा करेंगे।

वो बोली – ये तो बहुत ही अच्छा रहेगा। मैं आज से ही पिल्स लेना शुरु कर दूंगी।

मैंने कहा – फिर मैं कहाँ से शुरु करूं।

वो बोली – जहाँ से तेरा मन कहे।

मैंने कहा – तुमने मेरे लण्ड पर तेल लगा कर बहुत मालिश की है और इसे चूमा भी है। लेकिन आज तक तुमने कभी मेरा लण्ड नहीं चूसा, चूसोगी इसे।

वो बोली – क्यों नहीं चूसुन्गी!

भाभी ने तुरन्त ही मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।

मैंने पूछा – मज़ा आ रहा है?

वो बोली-  बहुत ज्यादा क्यों कि आज तक मैंने किसी का लण्ड नहीं चूसा है और आज पहली बार लण्ड चूस रही हूँ वो भी अपने प्यारे देवर का।

मैंने कहा – मैं तुम्हारी चूत को चाटना चहता हूँ।

वो बोली – तो फिर चाट जल्दी से। आज तक किसी ने मेरी चूत भी नहीं चाटी है।

मैंने कहा – क्या कह रही हो?

वो बोली – एकदम सही कह रही हूँ। आज तक तेरे भैया कभी मेरी चूत ही नहीं चाटी।

मैंने पूछा – और शिव ने?

वो बोली – उसने भी कभी मेरी चूत नहीं चाटी। वो तो लण्ड खड़ा होने के बाद सीधे जुट जाता था और झड़ने के फौरन बाद हट जाता था। उसे केवल मेरी चुदायी करने से मतलब था और वो ज्यादा से ज्यादा 15 मिनट ही चुदायी कर पाता था।

मैं भाभी के उपर 69 कि पोजीशन में हो गया। वो मेरा लण्ड चूसने लगी और मैं उनकी चूत चाटने लगा। मैंने पूछा, ठीक से चाट रहा हूँ ना?

वो बोली – तू तो बहुत ही अच्छी तरह से चाट रहा है। और तेजी से चाट, बहुत मज़ा आ रहा है।

मैंने भाभी कि चूत को और ज्यादा तेजी से चाटना शुरु कर दिया। 2 मिनट में ही भाभी कि चूत से ज्यूस निकल आया तो मैंने कहा – लगता है बहुत जोश में हो।

वो बोली – आज अपने देवर का लण्ड जो अन्दर लेने वाली हूँ।

मैंने कहा – तुम्हारी चूत का ज्यूस चाट लूं।

वो बोली – जैसी तेरी मरजी। मैं भाभी कि चूत का ज्यूस चाटने लगा तो वो सिसकारी लेने लगी।

थोड़ी देर बाद मेरे लण्ड का ज्यूस भी उनके मुँह में निकलने लगा। उन्होंने सारा ज्यूस निगल लिया और बोली – जिन्दगी में आज मुझे पहली बार लण्ड के अमृत का स्वाद चखने को मिला है।

मैंने पूछा – अच्छा लगा?

वो बोली – बहुत ही अच्छा था।

मैंने फिर से भाभी कि चूत को चाटना शुरु कर दिया और वो मेरा लण्ड चूसने लगी। 5 मिनट के बाद ही भाभी फिर से झड़ गयी तो मैंने उनकी चूत का सारा ज्यूस चाट लिया।

वो बोली – आज तक मुझे ऐसा मज़ा कभी नहीं मिला, तू तो एकदम पक्का खिलाड़ी लग रहा है।

मैंने कहा – तुमने ही तो बनाया है।

तभी मुझे बदमाशी सूझी। मैंने अपनी एक अंगुली भाभी की गाण्ड के छेद पर रख दी और कहा – मैं इसका मज़ा भी लेना चाहता हूँ।

वो बोली – फिर तू यहीं से शुरु कर दे। मुझे भी आज तक इसका मज़ा नहीं मिला है।

मैंने कहा – इसका मज़ा भी लूंगा लेकिन बाद में।

वो बोली – अभी क्यों नहीं।

मैंने कहा – पहले तुम्हारी चूत का मज़ा तो ले लूं।

हम दोनो ऐसे ही बातें करते रहे। थोड़ी देर बाद मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया तो भाभी ने कहा – अब बरदाश्त नहीं हो रहा है, शुरु हो जा।

मैंने कहा – मैं नहीं चोदूंगा।

वो बोली – क्यों?

मैंने कहा – तुम ही चोदो।

वो बोली – मैं ही चोद देती हूँ लेकिन चिल्लाना मत।

मैंने कहा – मैं कोई औरत थोड़े ही हूँ कि मुझे दर्द होगा और मैं चिल्लाऊँगा।

वो बोली – मैं अपने देवर को चोदूंगी तो पूरि मस्ती से चोदूंगी। ऐसा धक्का लगाऊँगी कि तुझे तेरी नानी याद आ जायेगी।

मैंने कहा – कसम से, तब तो बहुत मज़ा आयेगा।

इतना कह कर मैं बेड पर लेत गया। भाभी मेरे ऊपर आ गयी। मैं पूछा – किसी को चोदा है कभी?

वो बोली – कभी नहीं लेकिन आज तुझे पहली बार चोदने जा रही हूँ।

मैंने कहा – चोदने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है।

वो बोली – अभी पता चल जायेगा।

भाभी ने मेरा लण्ड अपनी चूत में डाल लिया और जोर जोर के धक्के लगने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, क्यों कि आज पहली बार मेरे लण्ड ने चूत को टच किया था और कोई औरत मुझे चोद रही थी।

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थोड़ी देर बाद भाभी ने कहा – कैसा चोद रही हूँ?

मैंने कहा – बहुत ही अच्छी तरह से।

वो बोली – तू जानता नहीं है कि मैं कितनी सेक्सी हूँ!

मैंने कहा – तुम कब से सेक्सी बन गयी।

वो बोली – जब से मैं तेरे लण्ड की मालिश कर रही हूँ।

मैंने कहा – तो फिर पहले क्यों नहीं चुदवाया।

वो बोली – शरम आती थी।

वो जोर के धक्के लगाती रही और थोड़ी देर बाद ही झड़ गयी।

उसके बाद वो मेरे ऊपर लेट गयी और मेरे होठों को चूमते हुये बोली – देखा मैं तेरी नानी याद करा दी।

मैंने कहा – मुझे तो कुछ भी नहीं हुआ।

वो बोली – मैंने तेरे लण्ड को अपनी चूत के अन्दर डाल के और धक्का लगा लगा के अपनी चूत का पानी निकल दिया।

मैंने कहा – मेरा पानी निकलो तब पता चलेगा।

वो बोली – वो मेरा काम नहीं है। मुझे मज़ा लेना था मैंने ले लिया। तुझे मज़ा लेना है तो मेहनत तो तुझे ही करनी पड़ेगी।

मैंने कहा – वो तो है। अब देखो मैं तुम्हें कैसे तुम्हारी नानी याद दिलाता हूँ।

मैं भाभी के ऊपर आ गया। मैंने उनके पैरो को मोड़ कर उनके कन्धे के पास सटा दिया और दबा कर जोर से पकड़ लिया। वो एकदम दोहरी हो गयी और उनकी चूत एकदम उपर उठ गयी। उसके बाद मैंने उनकी चुदायी शुरु कर दी। मैंने बहुत जोर जोर के धक्के लगने शुरु किये तो भाभी बोली – मेरी सारी हड्डियाँ तोड़ दलेगा क्या!

मैंने कहा- अभी तो ये शुरुआत है। आगे आगे देखो मैं क्या करता हूँ।

मैंने पूरे ताकत से साथ बहुत जोर जोर के धक्के लगते हुये भाभी को चोदना शुरु किया तो वो बोली – उयीईई… मां… तू तो बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा है।

मैंने कहा – अभी तो तुमने मा को ही याद किया है, थोड़ी ही देर में नानी को भी याद करोगी।

वो हंसने लगी।

मैंने पूछा – मज़ा आ रहा है?

वो बोली – बहुत मज़ा आ रहा है। तेरे दोस्त का लण्ड भले ही तुझसे ज्यादा लम्बा और मोटा था लेकिन उसने कभी भी मुझे इतनी अच्छी तरह से नहीं चोदा।

मैंने कहा – मुझसे चुदवाने के बाद तुम उसे भूल जओगी।

वो बोली – मैं तो इतनी देर की चुदायी में ही उसे भूल गयी।

मैं भाभी को पहली पहली बार में ही इतनी अच्छी तरह से चोद देना चाहता था कि वो उन दोनो को एकदम भूल जाये। तभी भाभी के मुँह से जोर जोर कि सिसकरी निकलने लगी, रज्जज्ज… मैं… तो… गयीईईह्ह्ह्ह…… इसके साथ ही भाभी कि चूत से ज्यूस निकलने लगा। उनकी चूत से इस बार बहुत ढेर सारा ज्यूस निकला।

मैं रुका नहीं, मैंने अपनी स्पीड और तेज कर दी। भाभी का सारा बदन पसीने से लथपथ हो गया। मेरा सारा बदन भी पसीने से नहा गया। मेरे चेहरे का पसीना भाभी के चेहरे पर टपा टप गिरने लगा।

मैं जोर जोर के धक्के लगता हुअ भाभी को चोदता रहा। 5 मिन्ट भी नहीं बीते थे कि वो फिर से झड़ गयी और बोली – उस दिन तू कह रहा था ना कि अगर मैं होता तो एक ही बार में पूरा अन्दर घुसा देता।

मैंने कहा – हाँ, कहा तो था।

भाभी ने कहा – आज मैं समझ गयी कि तू एकदम सही कह रहा था।

मुझे भाभी कि चुदायी करते हुये लगभग 10 मिनट और बीते थे कि वो फिर से झड़ गयी। जब उनकी चूत का सारा ज्यूस निकल गया तो मैंने कहा – मैं उस दिन एकदम सही कह रहा था, कहो तो कर के दिखा दूं।

भाभी ने कहा – वो कैसे, तेरा तो पूरा अन्दर घुस ही चुका है।

मैंने कहा – कभी गाण्ड मरवायी है।

वो बोली – कभी नहीं।

मैंने कहा – गाण्ड मरवाने के लिये तैयार हो।

वो बोली – एकदम तैयार हूँ।

मैंने कहा – कहो तो एक ही बार में पूरा का पूरा लण्ड तुम्हारी गाण्ड में घुसा कर दिखा दूं।

वो बोली – दिखा दे।

मैंने कहा – बहुत चिल्लाओगी।

वो बोली – चिल्लाने दे ना।

मैंने कहा – बहुत दर्द होगा।

वो बोली – होने दे ना।

मैंने अपना लण्ड उनकी चूत से बाहर निकाला। मेरा लण्ड भाभी कि चूत के ज्यूस एकदम भीगा हुअ था। मैंने भाभी कि चूत पर से थोड़ा सा ज्यूस उनकी गाण्ड के छेद पर लगा दिया। उसके बाद मैंने अपने लण्ड का सुपाड़ा उनकी गाण्ड के छेद पर रख दिया और कहा – तैयार हो जाओ।

वो बोली – मैं तैयार हूँ।

मैंने एक धक्का मारा तो वो जोर से चीखी। मेरे लण्ड का सुपाड़ा उनकी गाण्ड में घुस गया था। मैंने दूसरा धक्का मारा तो मेरा लण्ड उनकी गाण्ड को चीरता हुआ 3′ तक अन्दर घुस गया। वो जोर जोर से चिल्लाने लगी। मैंने तीसरा धक्का मारा तो उनकी गाण्ड से खून निकल आया और मेरा लण्ड उनकी गाण्ड में 5′ अन्दर घुस गया।

मैं रुका नहीं। मैंने बहुत जोरदर 2 धक्के और लगा दिये तो पूरा का पूरा लण्ड उनकी गाण्ड में समा गया। वो जोर जोर से चिल्ला रही थी और उनकी आंखो से आंसू निकल आये। दर्द के मारे उनका बुरा हाल हो रहा था। मैंने उनकी गाण्ड मारनी शुरु कर दी।

थोड़ी देर तक वो चिल्लाती रही फिर धीरे धीरे शान्त हो गयी। 5 मिनट में ही भाभी को मज़ा भी आने लगा। मैंने पूछा, अब क्या ख्याल है।

वो बोली – तू तो बहुत ही खराब आदमी है।

मैंने कहा – क्यों, मज़ा नहीं आया?

वो बोली – मज़ा तो आया लेकिन दर्द भी तो हुआ।

मैंने कहा – वो तो होना ही था लेकिन जितना होना चाहीये था उतना तो नहीं हुआ होगा।

वो बोली – और जोर जोर से धक्के लगा।

मैंने कहा – वो तो लगाऊँगा ही।

मैंने और ज्यादा जोर जोर के धक्के लगने शुरु कर दिये। थोड़ी ही देर में भाभी एकदम मस्त हो गयी। 10 मिनट तक उनकी गाण्ड मारने के बाद मैंने अपना लण्ड उनकी गाण्ड से निकल कर उनकी चूत में डाल दिया और उनकी चुदायी शुरु कर दी।

5 मिनट में ही भाभी फिर से झड़ गयी और बोली – कितनी बार मेरी चूत का पानी निकलेगा।

मैंने कहा – तुम देखती जाओ।

मैंने उनकी चूत से अपना लण्ड निकल कर उनकी गाण्ड में डाल दिया। 5 मिनट गाण्ड मरने के बाद मैंने फिर से उनकी चुदायी शुरु कर दी। 10 मिनट कि चुदायी में ही वो फिर से झड़ गयी तो मैंने उनकी गाण्ड मारनी शुरु कर दी।

भाभी बोली – लगता है कि तू आज मेरी चूत का भुरता बना देगा।

मैंने कहा – इसी को तो असली चुदायी कहते हैं।

वो बोली – वो तो मैं आज समझ ही गयी क्यों कि तेरा दोस्त ने तो मुझे ज्यादा से ज्यादा 15 मिनट तक ही चोदा था।

मैंने कहा – देखती जाओ, अभी तो मैं बहुत देर तक चोदने वाला हूँ।

5 मिनट तक उनकी गाण्ड मारने के बाद मैंने फिर से उनकी चुदायी शुरु कर दी। 10 मिनट में ही भाभी फिर से झड़ गयी और बोली – अब रहने दे, मैं एकदम थक गयी हूँ।

मैंने पूछा – नानी याद आयी या नहीं।

वो बोली – नानी की बात कर रहा है तू, मुझे तो नानी कि मम्मी भी याद आ गयी, अब रहने दे।

मैंने कहा – अभी मेरे लण्ड का पानी कहाँ निकला है।

वो बोली – फिर जल्दी से निकाल।

मैंने कहा – वो मेरे बस में नहीं है।

वो बोली – फिर किस के बस में है।

मैंने कहा – तुम्हारे।

वो बोली – मैं क्या कर सकती हूँ?

मैंने कहा – तुम भी नीचे से धक्का लगओ।

वो बोली – तूने तो मेरा पैर जोर से पकड़ रखा है। मेरा पैर छोड़ेगा तब ही तो धक्के लगाऊँगी।

मैंने भाभी के पैर छोड़ दिये तो उन्होंने भी अपना चूतड़ उठा उठा कर चुदवाना शुरु कर दिया। मैंने और ज्यादा जोर जोर के धक्के लगने शुरु कर दिये।

10 मिनट की चुदायी के बाद मैं झड़ गया। वो भी मेरे साथ ही साथ फिर से झड़ गयी। मैंने अपना लण्ड उनकी चूत से बहर निकला और हट गया। वो बोली – तेरा लण्ड तो बहुत ही खतरनाक है।

मैंने कहा – तुमने ही तो इसे तेल लगा लगा कर इतना खतरनाक बनया है। मैं तुम्हारी दोनो बहनो को भी ऐसे ही चोदुंगा।

वो बोली – जरूर चोदना लेकिन मुझे आज चुदवाने में जो मज़ा आया है ऐसा मज़ा कभी नहीं आया था। मैं तो आज दोबारा चुदवाने के लायक ही नहीं रही।

मैंने कहा – मैं तो आज कम से कम 2 बार और चोदुंगा।

वो बोली – अच्छा बाबा, चोद लेना। लेकिन तू ये तो बता कि तुझे झड़ने में इतनी देर क्यों लगती है।

मैंने कहा – किसी से कहोगी तो नहीं।

वो बोली – बिल्कुल नहीं।

मैंने कहा – तुम मेरे लण्ड पर तेल लगा कर कितनी देर मालिश करती थी।

वो बोली – 15-20 मिनट।

मैंने कहा – जब मैं तुम्हें चोद रहा था तो 15-20 मिन तक तो मुझे यही लग रहा था कि मेरे लण्ड कि मालिश हो रही है। उसके बाद मुझे धीरे धीरे जोश आना शुरु हुआ। लगभग 15 मिन के बाद मैं पूरे जोश में आ गया। जोश में आने के बाद मैंने 20-25 मिनट तक ही तो तुम्हारी चुदायी की।

वो बोली – अब मैं समझी कि तू इतनी देर तक कैसे चोद पाता है।

मैंने उस दिन भाभी को 2 बार और चोदा। अगले 3 महीने तक मैं भाभी की चुदायी करता रहा और उनकी गाण्ड भी मारता रहा।

एक दिन भाभी बोली – बच्चा नहीं पैदा करना है।

मैंने कहा – करना क्यों नहीं है।

वो बोली – अगर तुझे पूरा मज़ा मिल गया हो तो मैं पिल्स लेना बन्द कर दून।

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मैंने कहा – ठीक है, बन्द कर दो।

भाभी ने पिल्स लेनी बन्द कर दी। लगभग 40 दिन गुजर गये लेकिन उनको महीना नहीं आया। डॉक्टर के पास जाने पर पता चला कि वो माँ बनने वाली है। भाभी बहुत खुश हो गयी।

उन्होंने घर आ कर ये बात भैया को बतायी तो भैया बहुत ही खुश हो गये और बोले – मैं कहता था ना कि राज से काम चला लो, बाहर जाने की कोई जरूरत नहीं है।

भाभी ने कहा – सोरी, मुझे माफ़ कर दो। मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी।

भैया ने कहा – जब बच्चा पैदा हो जायेगा तब ही मैं तुम्हें माफ़ करुंगा।

भाभी ने घर का काम करने के लिये एक नौकरानी रख ली। उसका नाम मधु था और उसकी उमर लगभग 35 साल की थी। मैंने भाभी से कहा – तुमने ये क्या किया! जवान नौकरानी रखती तो मेरा काम भी हो जाता।

भाभी बोली – अब कुछ दिन आराम कर लो वरना सेहत खराब हो जायेगी। समय पूरा हो जाने के बाद भाभी को जुड़वां बच्चे पैदा हुये। उन दोनो कि शकल मेरे जैसी ही थी। भैया बहुत खुश हो गये।

भाभी ने भैया के पैर पकड़ लिये और कहा – अब तो मुझे माफ़ कर दो। भैया ने भाभी के माथे को चूम लिया और कहा – मैंने आज तुम्हारी सारी गलती माफ़ कर दी। अब तो खुश हो जाओ।

भाभी ने कहा – अब तो मैं बहुत खुश हूँ।

भैया ने कहा – एक बात और है।

भाभी ने कहा – कहिये।

भैया ने कहा – जब घर में ही अच्छा खाना मिल रहा हो तो होटल जाने की क्या जरूरत है! समझ रही हो ना मेरी बात।

भाभी ने मेरी तरफ़ देखा और मुसकुराने लगी। मैं शरमा गया। भैया जब कमरे से बाहर जाने लगे तो बड़े प्यार से मेरे गाल पर हलकी सी चपत लगा गये। आज जिन्दगी में पहली बार भैया मेरे साथ प्यार से पेश आये थे।

1 महीने के बाद बच्चे की खुशी में घर पर दावत थी। भाभी की दोनो बहने करिश्मा और मोनिका भी आयी थी। उस दिन तो मेहमानो कि धूम रही। दूसरे दिन करिश्मा और मोनिका को छोड़ कर सारे मेहमान चले गये। दोपहर में हम सब आपस में हंसी मजाक कर रहे थे। तभी भैया बोले, मैं मारकेट जा रहा हूँ, कुछ काम है। शाम तक आ जाऊँगा।

भैया मारकेट चले गये। उनके जाने के बाद मैं भाभी के बगल में बैठ गया। करिश्मा और मोनिका मुझसे हंसी मजाक करने लगी। तभी भाभी उन दोनो को पंडित जी कि कही हुयी बात बताने लगी। मैं तुरन्त उठ कर खड़ा हो गया और भाभी से कहा – तुम लोग बातें करो मैं बाहर जा रहा हूँ। भाभी ने शरारत भरे अन्दाज़ मैं कहा – मेरे प्यारे प्यारे बच्चो के पापा जी, चुपचाप बैठ जाओ, वरना…

मैंने कहा – वरना क्या।

वो बोली – वरना बहुत मारूंगी।

मैंने कहा – एक तरफ़ तो अपने बच्चो का पापा कहती हो और दूसरी तरफ़ मारने की धमकी भी देती हो। ये बहुत गलत बात है।

भाभी ने कहा – मेरी दोनो बात सही है। तू मेरे बच्चो का पापा भी है और मेरा देवर भी। मैं तुझे भाभी के हक से मारूंगी भी। चुपचाप बैठ जा। मैं भाभी के पास बैठ गया।

भाभी ने पंडित जी कि सारी बात करिश्मा और मोनिका को बता दी। उन्होंने शिव और महमूद के बारे में भी उन दोनो को बता दिया। भाभी बोली – लेकिन पंडित जी कि ये बात मेरी समझ में नहीं आयी कि मोनिका की जिन्दगी में 19 मरद और कहाँ से आयेंगे। मुझे तो पंडित जी कि ये बात सही नहीं लगती। तभी मोनिका भाभी से लिपट कर रोने लगी। भाभी ने पूछा – तुझे क्या हुआ? वो रोते हुये कहने लगी कि पंडित जी कि बात एकदम सही है।

6 महीने पहले कि बात है। एक दिन मैं शहर से जा रही थी। रास्ते में अचानक मेरी तबियत खराब हो गयी। अन्धेरा होने लगा तो मैं एकदम परेशान हो गयी। तभी मुझे एक बस आती दिखायी दी। मैंने बस वाले को रुकने का इशारा किया तो बस रुक गयी। मैं बस में चढ गयी। उस बस में फ़ुटबॉल के 16 खिलाड़ी थे। उन खिलाड़ियों के साथ उनका कोच भी था। बुस में एक क्लीनर भी था। वो कुल मिलकर 19 लोग थे। लगभग 30 मिनट के बाद एकदम अन्धेरा हो गया तो उन्होंने एक सुनसान जगह पर बस रोक दी। उसके बाद उन सब ने मेरे साथ एक एक कर के…… इतना कह कर मोनिका जोर जोर से रोने लगी।

करिश्मा और भाभी ने मोनिका को समझा बुझा कर चुप कराया।

उसके बाद हम इधर उधर कि बातें करने लगे। एक घन्टे में मोनिका एकदम नोरमल हो गयी। वो फिर से हंसी मजाक करने लगी। मोनिका और करिश्मा मुझसे पहले से ही एकदम खुल कर बात करती थी और मुझसे छेड़छाड़ करती रहती थी। थोड़ी देर बाद मोनिका मेरी तरफ़ इशारा करते हुये बोली – मेरी जिन्दगी में 20 मरद तो आ गये, आज इसका नम्बर है। मेरी शादी को भी इतने साल गुजर गये लेकिन मैं मां नहीं बन पायी। दीदी, तुम इस से कह दो कि ये मुझे भी मां बना दे।

भाभी ने कहा – तू तो कल घर चली जायेगी। एक दिन में ही ये तुझे कैसे माँ बनायेगा।

मोनिका बोली – फिर मैं एक महीने तक यहीं रुक जाती हूँ। क्यों कि जब मैं यहाँ आयी थी उसके 3 दिन पहले ही मैंने नहाया था और तब से मैं उनके साथ सोयी नहीं।

मैंने मजाक करते हुये कहा – तुम तो बहुत ही गन्दी औरत हो। इतने दिन हो गये और तुमने नहाया ही नहीं। मोनिका ने मेरे गाल जोर से काट लिये और बोली- बुद्धू, मैं रोज रोज नहाने वाली बात थोड़े ही कर रही हूँ। भाभी और करिश्मा हसने लगे।

भाभी ने करिश्मा से पूछा – मां बनने के बारे में तेरा क्या ख्याल है?

करिश्मा बोली – तेरे पति कि तरह से ही मेरे पति का लण्ड भी एकदम छोटा है और वो भी 2 मिनट में ही झड़ जाते हैं। तूने अभी बताया था कि इसका लण्ड बहुत ही लम्बा और मोटा है। अगर मैंने इस से कराया तो मेरे पति को पता चल जायेगा, फिर मैं उन्हें क्या जवाब दूंगी। मुझे तू ऐसे ही रहने दे।

भाभी ने कहा – पंडित जी बात गलत नहीं हो सकती। आज ना सही देर सबेर तू भी इसके बच्चे कि ही माँ बनेगी।

करिश्मा बोली – देखा जायेगा।

मोनिका बोली – दीदी, तुमने बताया था कि ये बहुत ही अच्छी तरह से चोदता है। मैं तो पूरे जोश में आ गयी हूँ और मेरी चूत भी गीली हो चुकी है। इसके पहले कि जीजू बाजार से वापस आ जायेन मैं इसे दूसरे कमरे में ले जाती हूँ और कम से कम एक बार तो मज़ा ले ही लेती हूँ।

मैंने मजाक किया, क्यों, अपनी दीदी के सामने शरम आती है। वो बोली – भला मुझे क्यों शरम आने लगी। अगर तेरे में हिम्मत है तो मुझे चोद कर दिखा दीदी के सामने।

भाभी ने कहा – मोनिका, इसे चैलेन्ज मत कर, ये बहुत ही खराब आदमी है। ये तुझे हमारे सामने भी चोद सकता है।

मोनिका बोली – मैं इसे बरसों से जानती हूँ। इसमें इतनी हिम्मत नहीं है। दीदी, तुम्हें याद है ना जब तुम्हारे कहने पर मैंने एक बार इसके लण्ड पर तेल लगाया था ये कितना शरमा रहा था। ये मुझे तुम सब के सामने नहीं चोद सकता।

मैंने भाभी से कहा – इसे समझा दो, नहीं तो मैं इसे यहीन पर चोद दूनगा।

मोनिका ने मुझे चिधते हुये कहा – रहने दे, रहने दे।

मैंने भाभी से कहा – समझाओ इसे, नहीं तो गड़बड़ हो जायेगी।

मोनिका बोली – क्या गड़बड़ करेगा तू।

मैंने कहा – मैं अभी बताता हूँ इसे।

मैं पहले से ही जोश में आ चुका था और मेरा लण्ड भी खड़ा हो चुका था। मैंने अपनी लुन्गी उतार कर फेक दी और भाभी और करिश्मा के सामने ही मोनिका को पटक दिया। उसके बाद मैंने करिश्मा का पेटीकोट उठा कर एक ही धक्के में अपना पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत में घुसेड़ दिया। करिश्मा शरमा गयी और उसने अपना मुँह दूसरी तरफ़ कर लिया लेकिन भाभी मुझे देखती रही। उन्होंने मुझे इशारा कर दिया कि मैं अपना काम जारी रखूं।

मैंने मोनिका की चुदायी शुरु कर दी। 2 मिनट में ही मोनिका पूरी मस्ती में आ गयी। उसने मुझसे चूतड़ उठा उठा कर चुदवाना शुरु कर दिया। मैंने भी उसे पूरे जोश और ताकत के साथ खूब जोर जोर के धक्के लगाते हुये चोदना शुरु कर दिया।

20-25 मिनट कि चुदायी के बाद मोनिका बोली – ओह राज, तुमने तो मुझे इतनी देर में ही एकदम पागल कर दिया है। मैं 2 बार झड़ भी चुकी हूँ, अब रहने भी दो।

मैंने कहा – मोनिका रानी, ये तो शुरुआत है, अभी तो बहुत देर लगेगी।

भाभी बोली – मैं कह रही थी ना कि इसे चैलेन्ज मत कर लेकिन तू नहीं मानी, अब भुगतो।

दोस्तों, आशा करता हु आपको मेरी स्टोरी सुनके मज़ा आया होगा और लड़को के लंड का पानी निकला गया होगा और लड़कियों की चुत गीली हो गयी होगी।

 

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