Father in law sex story – Impotent husband sex story – Sasur bahu sex kahani sex story: नामर्द पति सेक्स में कभी संतुष्ट नहीं कर सकता, ना ही वो बच्चे का सुख दे सकता है। ये मेरी कहानी नहीं, ये मेरी ज़िंदगी की कड़वी सच्चाई है। आज मैं आपको अपनी इस सच्चाई से पर्दा उठा रही हूँ। मेरा बच्चा जो अभी हुआ है, वो मेरे ससुर का बच्चा है। कई बार जो गलत लगता है, वो मज़बूरी में उठाया गया कदम होता है। आप किसी को अच्छा या बुरा नहीं कह सकते, वो परिस्थिति होती है, मज़बूरी होती है।
आज आप खुद समझने की कोशिश कीजिये, मेरी गलती है या मेरे ससुर की या मेरे नामर्द पति की। अपनी पूरी बात आपके सामने रख रही हूँ। दोस्तों, एक बात क्लियर कर दूँ, मैं सताई हुई नहीं हूँ। हाँ, ससुर जी ने ऑफर दिया था, लेकिन मैंने उसे एक्सेप्ट किया, तो गलती सिर्फ उनकी नहीं है। किसी की भावनाओं से खेलकर आप किसी को भी चोद सकते हैं, वही मेरे साथ हुआ। आइए, पूरी कहानी जानते हैं।
मेरा नाम मोना है, मैं पच्चीस साल की हूँ। मैं बहुत हॉट और खूबसूरत हूँ, पढ़ी-लिखी हूँ। मेरे पापा रईस खानदान से हैं, उनकी दो शादियाँ हुईं, मैं दूसरी वाली की इकलौती बेटी हूँ। पापा ने अपने दोस्त के बेटे से मेरी शादी करवाई। ससुराल में मेरा पति इकलौता बेटा है, एक बहन है जो अमेरिका में अपने पति के साथ बस गई है। ससुराल वाले बहुत अमीर हैं, सीमेंट की फैक्ट्री, चीनी मिल, पानीपत में कम्बल का कारखाना, सब कुछ है। आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि मैं किस घर से हूँ और ससुराल कैसी है।
शुरू से मैं खर्चीली और घूमने-फिरने वाली लड़की रही हूँ। एंजॉय करना मुझे बहुत पसंद है। ससुराल में आई तो किसी चीज़ की रोक-टोक नहीं हुई, मैं बिंदास रहने लगी। लेकिन एक चीज़ की कमी थी, वो था मेरा पति। मेरा पति मुझे पति का सुख नहीं दे पा रहा था। वो मुझे चोद नहीं पाता था, कारण था उसका कार एक्सीडेंट। उससे उसका दिमाग भी ठीक से काम नहीं करता था, लेकिन बाहर से कोई पकड़ नहीं पाता। मैं भी इसी में फंस गई कि लड़का अमीर है, मैं और मस्ती करूँगी।
लेकिन लंड के बिना क्या मस्ती। उसने आज तक मेरे कपड़े नहीं उतारे। मैं खुद उसके सामने नंगी होकर जाती, लेकिन उसका लंड खड़ा नहीं होता। मैं उसका लंड मुँह में लेती, अपनी चूचियों से रगड़ती, अपना दूध पिलाती, नंगी सोती, नंगी डांस करती, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता। एक दिन मैंने उससे कहा, “जब तुम मुझे चोद नहीं सकते, तो मुझसे शादी क्यों की?” उसने कहा, “तुम 15 हजार करोड़ की मालकिन बनोगी। चाहो तो तलाक़ ले लो और किसी और से चुदवा लो, या मेरे बाप से सेक्स कर लो। है रहोगी, किसी को पता भी नहीं चलेगा।”
उसकी बात मेरे दिमाग में घूम गई। सही कह रहा है ये पागल। ये चोद नहीं सकता, ससुर तो चोद सकता है। अभी माँ बन जाती हूँ, बूढ़ा बाद में मर जाएगा, ये पागल रहेगा, और मैं इतने बड़े साम्राज्य की मालकिन बनूँगी। दूसरे दिन मेरे पति को वेलोर इलाज के लिए जाना था। हमारा घर बहुत बड़ा है, 400 मीटर में बना हुआ। नौकर नीचे सर्वेंट रूम में रहते हैं, ससुर जी पहली मंज़िल पर, मैं सबसे ऊपर।
रात को मैंने दो पैग पी लिए। करीब ग्यारह बज रहे थे। नशा चढ़ गया तो मैं ससुर जी के कमरे में चली गई। वो भी दारू पी रहे थे और टैब चला रहे थे। चुपके से देखा तो वो सेक्स कहानियाँ पढ़ रहे थे। मैं समझ गई कि बूढ़ा भी मजे लेता है। जैसे ही मुझे देखा, बोले, “तुम यहाँ क्या कर रही हो?”
मैं बोली, “आज आपसे बात करने आई हूँ। मैं आपको पोता नहीं दे सकती।”
ससुर जी, “क्यों?”
मैं, “आपका बेटा मुझे चोद नहीं सकता, वो नामर्द है।”
ससुर जी मुस्कुराए और बोले, “तो मैं दे देता हूँ पोता, बहू। तेरी ये जवानी बर्बाद थोड़े ही होने दूँगा।”
उनकी बात सुनकर मुझे खुशी भी हुई और थोड़ा दुख भी। खुशी कि बात बन जाएगी, दुख कि बाप की उम्र के आदमी से चुदवाना पड़ेगा। लेकिन भविष्य सोचकर मैंने मान लिया। मैंने कहा, “तो मेरे कमरे में आ जाइए।”
अपने कमरे में आकर मैंने कपड़े चेंज किए। लाल रंग की साटन नाइटी पहनी, जो हनीमून के लिए खरीदी थी लेकिन कभी काम नहीं आई। आज उसका उद्घाटन होने वाला था। अंदर कुछ नहीं पहना। नाइटी पतली थी, अंदर के अंग साफ दिख रहे थे। बाल खोल दिए, काजल लगाया, लाल लिपस्टिक, और मदहोश करने वाली इत्र छिड़की। मेरा गोरा बदन चमक रहा था। दिल जोर-जोर से धड़क रहा था, चूत में अजीब सी गर्मी महसूस हो रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे आज सच में सुहागरात है।
तभी ससुर जी अंदर आए, दरवाज़ा बंद किया। मेरी नाइटी को ऊपर से नीचे तक निहारते हुए बोले, “वाह बहू, आज तो तू किसी रंडी से कम नहीं लग रही।” उनकी आँखों में वासना साफ दिख रही थी। उन्होंने नाइटी का नाड़ा खींचा और धीरे-धीरे उतार दी। मैं पूरी नंगी उनके सामने खड़ी थी। उन्होंने अपना नाइट गाउन उतारा। उनका बदन अभी भी तंदरुस्त था, उम्र ज्यादा थी लेकिन माल मजबूत था।
कमरे में मोमबत्ती जलाई, ट्यूब लाइट बंद की। माहौल सुहागरात जैसा हो गया। उन्होंने दो हजार की गड्डी निकाली, यानी दो लाख रुपए, मेरे हाथ में रखे और बोले, “ले, हीरे की अंगूठी ले लेना।” मैं खुश हो गई। फिर उन्होंने मेरे जिस्म को टटोलना शुरू किया। उनके रुखे हाथ मेरे मुलायम बदन पर फिसल रहे थे। मेरे होठों को चूसने लगे। पहली बार किसी मर्द ने मेरे जिस्म को छुआ था। मैं बाग़-बाग़ हो गई। अंग-अंग फड़कने लगा।
ससुर जी धीरे-धीरे मेरे बूब्स दबाते हुए होठ चूस रहे थे। मैंने जीभ निकाली और उनके मुँह में दे दी। वो मेरी जीभ चूसने लगे, चपचप की आवाज़ आ रही थी। वो गदगद होकर बोले, “गजब की सेक्सी है तू बहू, आज तो तुझे रानी बना दूँगा।” मैं उनके लंड को पकड़कर बैठ गई। उनका लंड बहुत मोटा और लंबा था, नसें उभरी हुईं। मैंने मुँह में लिया और आइसक्रीम की तरह चूसने लगी, ग्ग्ग्ग… ग्ग्ग्ग… गी… गी… गों… गों… की आवाज़ें आने लगीं।
वो सिसकारियाँ ले रहे थे, “आह्ह्ह बहू, क्या चूस रही है… स्स्सी… मजा आ गया।” फिर उन्होंने मुझे उठाया, बिस्तर पर लिटाया। मेरे दोनों पैर खींचकर अपने पास लाए, फैलाए। जाँघों को सहलाया, फिर जीभ लगाई। मेरी चूत पर हाथ फेरा और चाटने लगे। उनकी गर्म जीभ मेरी चूत पर फिर रही थी, रस निकलने लगा। मैं चूचियाँ दबाते हुए होठ काट रही थी, “आह्ह्ह… ससुर जी… ओह्ह्ह… कितना अच्छा लग रहा है… ह्ह्ह… इह्ह…”
मेरे शरीर में झनझनाहट दौड़ रही थी। मैं जल्दी से चुदना चाहती थी। बोली, “अब दे दो अपना लंड… मेरी प्यासी चूत में डाल दो।” वो खड़े हुए, मेरी दोनों टाँगें कंधों पर रखीं, चूचियाँ दबाईं और जोर से लंड अंदर ठोंक दिया। “आअह्ह्ह्ह… मां… कितना मोटा है…” मैं चीखी। वो अंदर-बाहर करने लगे, चपचप… चपचप… की आवाज़ें गूँज रही थीं।
मैं मजे में पागल हो रही थी, “आह… ह ह ह… और जोर से… ससुर जी… चोदो मुझे… ऊईईई… आह्ह्ह…” वो बोले, “ले रंडी बहू, आज तेरी चूत फाड़ दूँगा… पोता देकर ही मानूँगा।” उस रात उन्होंने मुझे दो घंटे तक चोदा। कभी मिशनरी में, कभी मैं ऊपर आकर खुद हिलाई। मेरे रस से बिस्तर गीला हो गया था।
बाद में मैंने पूछा, “इस उम्र में ऐसे कैसे चोद लेते हो?” वो हँसे, “शिलाजीत खाता हूँ, और चुदाई से पहले एक टैबलेट भी ले लेता हूँ।” फिर बोले, “मेरे पास अठारह साल की तीन लड़कियाँ हैं, एक-एक लाख सैलरी देता हूँ, बदले में चुदाई करता हूँ।” मुझे समझ आ गया, बूढ़ा बड़ा हरामी है, लेकिन मुझे क्या।
उस दिन के बाद वो मुझे दिन में दो बार चोदने लगे। तीन महीने में ही मैं गर्भवती हो गई। फिर एक बेटे को जन्म दिया। मेरा पति भी खुश, मैं भी खुश, ससुर के दोनों उँगलियाँ घी में। जब मैंने लड़का पैदा किया, तो मुझे एक बीएमडब्ल्यू गाड़ी गिफ्ट मिली। अब मजे से ज़िंदगी कट रही है। खाओ, पीयो, मस्ती करो और ससुर से चुदवाओ, यही मेरा रूटीन है।
आप खुद बताइए, मेरी क्या गलती है? मैं गलत कर रही हूँ या मजे ले रही हूँ? आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएँगे।