मेरी चुदासी पत्नी नौकर से चुदी, “प्यास बुझा दो, पति आग ठंडी नहीं कर पाते।”

Chudasi patni aur naukar sex story – Cuckold husband sex story: दोस्तों मेरी शादी करीब तीन साल पहले प्रिया से हुई थी, प्रिया की उम्र छब्बीस साल की है और वो एकदम सेक्स बम लगती है, उसकी हाइट पांच फुट छह इंच है और साड़ी में प्रियंका चोपड़ा जैसी दिखती है। प्रिया की आंखों में हमेशा सेक्स की प्यास झलकती रहती है, हम रोज रात को चुदाई करते हैं लेकिन रोज की चुदाई से उसकी चूत पूरी तरह ढीली हो चुकी है, इसलिए अब मेरे लंड से वो पूरा मजा नहीं ले पाती और मेरी चुदाई से संतुष्ट नहीं लगती, पर उसने कभी मुंह से नहीं कहा ना ही कभी इशारा किया, लेकिन मैं समझ गया था कि वो अंदर से सेक्स की आग में जल रही है।

यह बात पिछले महीने की है जब हम गांव गए थे, वहां हमारा एक घर है जिसकी देखभाल बलवंत नाम का नौकर करता है, बलवंत की उम्र पैंतालीस साल के करीब थी, वो पहलवानी शरीर वाला लंबा चौड़ा भारी भरकम आदमी था, जवानी में कुश्ती लड़ता था और आज भी रोज कसरत करता है, सुबह पांच बजे उठता और एक घंटा छत पर ही कसरत करता, वो छत पर बने छोटे कमरे में रहता था।

गर्मियों के दिन थे और हम छत पर सो रहे थे, अचानक सुबह नींद खुली तो देखा बलवंत कमरे के सामने लंगोट में कसरत कर रहा था, बीच बीच में उसकी नजर प्रिया पर जा रही थी, प्रिया के कपड़े नींद में पूरी तरह बिखरे हुए थे, रात की चुदाई के बाद वो ठीक से कपड़े भी नहीं संभाल पाई थी, उसके बड़े बड़े बूब्स आधे से ज्यादा बाहर झांक रहे थे और कमर से गांड तक पूरा नंगा दिख रहा था, उसका खुला बदन किसी को भी खींच लेता।

बलवंत का लंड देखते ही खड़ा हो गया और लंगोट से बाहर लटकने लगा, दस इंच लंबा और पांच इंच मोटा, ऐसा तगड़ा लंड किसी की भी चूत फाड़ सकता था। तभी नजर प्रिया पर पड़ी तो वो चोरी चुपके उस लंड को घूर रही थी और सोने का नाटक कर रही थी, बलवंत की कसरत खत्म हुई और वो कमरे में चला गया।

प्रिया ने उठने का नाटक किया, मुझे जगाया और बोली चलो जी सुबह हो गई नीचे चलते हैं, नीचे जाकर चाय बनाई और किचन में लग गई, थोड़ी देर बाद हल्की बारिश शुरू हुई तो प्रिया कल शाम के सूखते कपड़े उतारने छत पर गई। मेरे दिमाग में प्रिया का लंड घूरना घूमने लगा और पता नहीं क्यों मेरे लंड में भी उत्तेजना हो आई, सोचा प्रिया प्यासी है और बलवंत से अच्छे से चुदवा सकती है, लेकिन बात करने की हिम्मत नहीं हुई क्योंकि वो पतिव्रता और शरमीली थी, अचानक लंड पूरा खड़ा हो गया और बारिश से रोमांटिक मूड बन गया, छत पर गया लेकिन प्रिया कहीं नहीं दिखी।

सोचा शायद बेडरूम में कपड़े रखने गई होगी, बेडरूम की ओर बढ़ा तो बलवंत की उत्तेजित आवाज आई, छत के बाथरूम की तरफ गया तो प्रिया बाहर खड़ी अंदर झांक रही थी, अंदर से बलवंत प्रिया के नाम की मुठ मार रहा था, प्रिया कपड़ों पर से चूत सहला रही थी। मैं नीचे आ गया, थोड़ी देर बाद प्रिया भी आई और बोली बारिश से उत्तेजित हो गई हूं, उस वक्त हम दोनों मूड में थे, उसकी चूत पूरी गीली और फूली हुई थी, जबरदस्त चुदाई की और थक कर सो गए।

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नींद खुली तो प्रिया कहीं नहीं थी, छत पर गया तो प्रिया बाथरूम में नहा रही थी और बलवंत बाहर से झांक कर लंड सहला रहा था, आग दोनों तरफ लग चुकी थी, अचानक प्रिया ने दरवाजा खोला तो बलवंत घबरा कर कमरे में भागा, मैं बेडरूम में आ गया, प्रिया पीछे पीछे आई लेकिन घबराई लग रही थी।

पूछा तो कुछ नहीं बोली, सिर्फ कहा बारिश से बचते सीढ़ियां उतरी इसलिए सांस फूल रही है, लेकिन मैं जानता था झूठ बोल रही है, जल्दी कुछ होने वाला था, मैं दोनों पर नजर रखने लगा।

दिन भर नजरें नहीं मिलीं, रात को बारिश तेज हुई और ड्रिंक का मूड बना, प्रिया को साथ पीने को कहा, वो कभी नहीं पीती लेकिन उस दिन मान गई, शायद हिम्मत जुटा रही थी, मैं ओवर ड्रिंक का नाटक करने लगा, एक पेग के बाद बोली बारिश में भीगना चाहती हूं, मैंने कहा जाओ मुझे ज्यादा हो गई साथ नहीं जा सकता।

जानता था मन में क्या चल रहा है, वो छत पर गई और भीगने लगी, मैं चुपके पीछे गया, पूरी भीग चुकी थी, आंखों में चुदाई का सुरूर था, ड्रिंक असर कर रही थी, कपड़े बदन से चिपक गए थे, बलवंत खिड़की से देख रहा था, फिर दरवाजा खोल बाहर आया, पीछे से प्रिया को बाहों में कस लिया, प्रिया पलटी और लिपट गई।

तेज बारिश में छत पर लेट गए, प्रिया पागलों की तरह किस करने लगी, पंद्रह मिनट तक एक दूसरे के अंग मसलते रहे, फिर बलवंत गोद में उठा कर कमरे ले जाने लगा, प्रिया ने इशारा किया तो नीचे उतार दिया, प्रिया कमरे की तरफ आई, मैं भाग कर नीचे सोने का नाटक करने लगा।

प्रिया मुझे सोता देख वापस गई, पांच मिनट बाद मैं ऊपर गया लेकिन दोनों छत पर नहीं थे, दबे पांव बलवंत के कमरे की खिड़की पर पहुंचा, बलवंत उल्टा बेड पर लेटा था, प्रिया दिख नहीं रही थी, बाथरूम देखने मुड़ा तो प्रिया की हल्की चीख आई, बोली प्लीज बलवंत धीरे मुझे जोर से चुदने की आदत नहीं, बलवंत बोला मैडम तुम्हारा पति ढीला होगा, सेक्स का मजा दर्द में चोदने में है।

खिड़की पर वापस देखा तो प्रिया के पैर दिखे, वो बलवंत के चौड़े बदन में समा गई थी, मछली की तरह तड़प रही थी, बलवंत निप्पल चूस रहा था और काट रहा था, प्रिया सिसकती चीखती, फिर कपड़े उतार दिए, दोनों नंगे बदन मसल रहे थे।

प्रिया बोली आह्ह बलवंत कुछ करो बर्दाश्त नहीं हो रहा प्यास बुझा दो।

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बलवंत बोला पहले रंडी बनाऊंगा फिर चोदूंगा, मेरी शर्तें माननी पड़ेंगी।

प्रिया बोली जो चाहो करो लेकिन प्यास बुझा दो, पति आग ठंडी नहीं कर पाते।

बलवंत बोला उठता हूं तुम मेरा लंड चूसो।

प्रिया बोली छी कोई पेशाब की जगह मुंह में लेता है।

बलवंत सख्ती से बोला जो कहता हूं करो।

बलवंत उठा, उसका विशालकाय लंड साफ दिखा, जानवर जैसा, मेरे से चार गुना बड़ा, प्रिया पर तरस आया कैसे झेलेगी, प्रिया को लंड मुंह में लेना नफरत थी, मेरे समझाने पर भी कभी नहीं लिया, लेकिन आज मजबूरी में कोशिश करने लगी, टोपा इतना मोटा कि मुंह में नहीं घुसा, चाटने लगी।

लंड और फूल गया, बलवंत बाल पकड़ सर दबाने लगा, टोपा और आधा लंड गले तक गया, प्रिया की आंखों में आंसू, लेकिन बलवंत ने रहम नहीं किया, पंद्रह मिनट अंदर बाहर कर मुंह वीर्य से भर दिया, सारा पीने तक लंड अंदर रखा, फिर चाट कर साफ करने को कहा।

बलवंत बोला ठीक से चाटो, वीर्य में दम है, बुजुर्ग कहते हैं वीर्य और झड़ने के बाद का पेशाब पीना जरूरी, औरत निरोगी जवान रहती है, नशा करने वाले का नहीं, संभोग से पहले पेशाब पुरुष को ताकत देता है, औरत का वीर्य लंड मजबूत बनाता है इसलिए बिना संकोच पेशाब पीना चाहिए।

प्रिया बोली तो तुम मेरा पेशाब पियोगे, चेहरा शर्म से लाल।

बलवंत बोला हां, पैंतीस चालीस औरतों को चोद मां बनाया, उनका पेशाब पी कर लंड मजबूत किया।

फिर पैर फैला कर जीभ से चूत चाटने लगा, मैंने कभी नहीं चाटी थी, प्रिया जोश से पागल हो रही थी, तड़प रही थी, शरीर हवा में अकड़ गया, पहली बार इतनी उत्तेजित।

प्रिया बोली आअह उई मां बलवंत मुंह हटाओ उफ्फ मैं गई।

बलवंत चाटता चूसता सारा जूस पी गया, प्रिया एक मिनट तक झड़ती रही, फिर शांत हो गई, बलवंत शेव्ड चूत पर जीभ घुमाता रहा।

प्रिया बोली बलवंत कभी ऐसे नहीं झड़ी, तुमने औरत होने का अहसास दिलाया, हर औरत रंडी की तरह चुदवाना चाहती है, आज से तुम्हारी रंड हूं, लेकिन अब छोड़ो पेशाब जाना है, उसके बाद चूत की प्यास बुझानी है।

बलवंत बोला पेशाब मैं पीऊंगा, धीरे धीरे छोड़ना।

जीभ फिर चाटने लगा, प्रिया शर्म से कोशिश करती रही लेकिन काबू नहीं हुआ, चूत से पानी बहा, बलवंत सारा पी गया, लंड फिर टाइट हो चुका था, अब चुदाई की बारी।

प्रिया जोश में थी, बलवंत पलंग कोने खींचा, ढेर सारा तेल लंड पर लगाया, प्रिया के चेहरे पर उम्मीद और डर।

प्रिया बोली प्लीज धीरे डालना, घोड़े जैसा लंड है दर्द होगा।

बलवंत बोला आज दूसरी सुहागरात, सुहागरात में रहम नहीं होता।

प्रिया बोली जल्दी करो कितना तड़पाओगे, चोदो मुझे रंडी हूं, चूत का भोसड़ा बना दो।

बलवंत टोपा चूत पर घुमाने लगा, चूत बेसब्री से फैल रही थी, दो बार कोशिश की लेकिन नहीं घुसा, प्रिया ने हाथों से फैलाया, बलवंत ने जोरदार धक्का मारा, टोपा अंदर, कमरे में भूचाल, प्रिया सिसकने लगी।

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आआह उफ्फ बाहर निकालो मर गई, बहुत दर्द, अभी निकालो फिर डाल लेना, चूत टोपे से फैल चुकी थी, खून की बूंदें टपक रही थीं, बलवंत ने दबोच रखा, प्रिया सर पटक रो रही थी।

बलवंत होंठ पर होंठ रख बोला सब्र करो ठीक हो जाएगा, तेल और दबाव से लंड फिसल रहा था, प्रिया के चेहरे पर दर्द के साथ कामुकता, ड्रिंक नशा बर्दाश्त करवा रहा था।

धीरे धक्कों से पांच इंच घुसा, चूत झड़ चुकी थी, पंद्रह मिनट ऐसे चोदा, प्रिया बोली फाड़ डालो रंडी की तरह चुदवाना है, रहम नहीं होता।

बलवंत पूरा बाहर निकाल जोर से धक्का, आठ इंच अंदर, पानी और खून की धार, प्रिया चीखी हे भगवान मर गई, घोड़े का लंड गर्भाशय में, दर्द जैसे बच्चा पैदा कर रही हूं।

चूत लंड पर टाइट, अंदर बाहर पर चूत बाहर आ रही थी, दाना गोल हो गया, प्रिया बोली अभी और उह्ह मां बचाओ कितना बाकी, बलवंत बोला बस एक दो धक्के फिर दूसरी दुनिया।

प्रिया बोली नहीं पूरा मत घुसाना भोसड़ा फाड़ चुके हो, लेकिन बलवंत ने दो चार धक्कों में पूरा घुसा दिया, प्रिया बोली रहम करो झेल नहीं पा रही, बच्चा पेट में लात मार रहा लगता है।

बलवंत ने स्पीड बढ़ाई, प्रिया लगातार झड़ रही थी, बिस्तर पर खून पानी का गोला, चार बार झड़ी, बलवंत को पैंतालीस मिनट हो गए, प्रिया मदहोश कमर हिला जवाब दे रही थी, बलवंत गोद में उठा खड़ा हो गया, बारिश शराब मदहोशी, चूत के रस से अंडकोष जांघें भीग चुकीं, तेज ऊपर नीचे कर रहा था।

फिर डॉगी स्टाइल में कहा, प्रिया को पंद्रह मिनट डॉगी में चोदा, मादक चीखें उत्साह बढ़ा रही थीं, लंड निकाला तो चूत खुली हुई गर्भाशय दिख रहा था, जैसे बच्चा पैदा किया हो, भोसड़ा बन चुकी थी, खड़ी नहीं हो पा रही थी।

फिर लेटाया लंड घुसाया, प्रिया बोली बस हो गया जल्दी करो अनगीनत बार झड़ी, अपना वीर्य दो चूत में बच्चा देगा, तुम्हारा बलशाली बच्चा चाहिए।

बलवंत स्पीड बढ़ाई, तेज झटकों से सारा वीर्य चूत में भर दिया, दोनों लिपट कर किस कर रहे थे, प्रिया तृप्त लग रही थी, मैं नीचे आ गया, थोड़ी देर बाद प्रिया लड़खड़ाते कदमों से आई और गिर कर सो गई।

सुबह चुदाई मांगी तो बोली पीरियड आ गए, लेकिन मैं जानता था, चुप रहा, दोपहर पेट दर्द हुआ, डॉक्टर फ्रेंड के पास ले गया, चेकअप में गर्भाशय में सूजन, एक हफ्ते सेक्स न करने की सलाह।

दूसरे दिन प्रिया ने माफी मांगी, बोली पता है सब मालूम है, खिड़की पर देख लिया था, शराब के नशे में हो गया, मैंने समझाया मैं जानता हूं तुम भूखी थी इसलिए ड्रिंक ऑफर किया, यही चाहता था, प्रिया खुश हो कर चूम लिया, हफ्ते बाद तीन बार और बलवंत से चुदी, फिर शहर आ गए, अब जब सेक्स की कमी लगती है गांव घुमा कर लाता हूं, बलवंत से मिल खुश हो कर चूत चुदवा शांत करती है।

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