ससुर जी का जवान लंड-8

पिछला भाग: ससुर जी का जवान लंड-7

Sasur bahu sex stories: हाय राम! पिता जी… ये क्या कर रहे हैं? हमारा ब्लाउज क्यों उतार रहे हैं? लेकिन कंचन ने रामलाल से अलग होने की कोई कोशिश नहीं की.

रामलाल – कहो तो बहु तुम्हारे ब्लाउज के ऊपर ही तेल लगा दें? बिना ब्लॉउस उतारे तुम्हारी पीठ की कैसे मालिश होगी?

और इससे पहले कि कंचन कुछ बोलती रामलाल ने एक हाथ से बहु को अपने से चिपका के रखा और दुसरे हाथ को ढीले हुए ब्रा के अंदर डाल कर बहु की बड़ी बड़ी चूचियों को मसलने लगा. कंचन की चूचिओं पे मरद का हाथ लगे दो महीने हो चुके थे. वो तो अब वासना की आग में पागल हुई जा रही थी.

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कंचन – इस्सस….आआआआह. .पिता जी….इस्स्सस्स्स्स. ..आईई.. आए.. छोड़िए ना ..आह…धीरे. ..अब छोड़ दीजिये हमें.. प्लीज. आह इस्स्स्स धीरे.. आ ..क्या कर रहे हैं.

रामलाल – कुछ नहीं बहु तुम तो हमारी छाती पे मालिश कर नहीं सकी, हमने सोचा हम ही अपनी बहु की छाती पे मालिश कर देते हैं.

बातों बातों में रामलाल ने बहु का ब्लाउज और ब्रा उसके बदन से अलग कर दिया. अब बहु के बदन पे सिर्फ एक छोटी सी कच्छी थी. रामलाल ने हाथ नीचे की ओर ले जा के बहु की चूत पे से उसकी कच्छी को साइड में कर दिया. अब रामलाल का लंड बहु की नंगी चूत से रगड़ खा रहा था.

कंचन – इस्सस… हटिये भी पिताजी! आप तो सच मुच बहुत खराब हैं. अपनी जवान बहु को इस तरह कोई नंगी करता है अब हमें कपड़े पहनने दीजिये.

रामलाल – बहु इसे कोई नंगी करना थोड़े ही कहते हैं? तुम्हें किसी मरद ने नंगी करके चोदा जो नहीं है, इसीलिए नंगी होने का मतलब नहीं समझती हो. अभी तो तुम कच्छी पहने हुए हो.

कंचन – हाय राम! तो अभी हमारी कच्छी भी उतारेंगे क्या ?

रामलाल – हाँ बहु!

कंचन – नहीं ना पिताजी…. प्लीज. आप ऐसा क्यों कर रहे हैं?

रामलाल – बहु एक मरद, औरत की कच्छी क्यों उतारता है?

कंचन – जी वो हमारा मतलब है…मममम..

रामलाल – शर्माओ नहीं बताओ तुम्हारा पति तुम्हारी कच्छी क्यों उतारता है?

रामलाल बहु की चूचियाँ मसल रहा था और उसका मोटा लम्बा लंड बहू की चूत की दोनों फांकों के बीच से होता हुआ पीछे की ओर दोनो नितम्बोँ के बीच में से झाँक रहा था. कंचन से अब और सहन नहीं हो रहा था. वो चाहती थी की ससुर जी अब जल्दी से जल्दी अपना गधे जैसा लौड़ा उसकी चूत में पेल दें. लेकिन एक तो औरत जात थी ऊपर से रिश्ता भी कुछ ऐसा था.

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रामलाल – बोलती क्यों नहीं बहु?

कंचन – जी वो तो हमें.. हमारा मतलब है.. वो तो हमें चोदने के लिए हमारी कच्छी उतारते हैं.

कंचन दोनों हाथों से अपना मुँह छुपाते हुए बोली. पहली बार उसने ससुर जी के सामने चोदने जैसे शब्द का इस्तेमाल किया.

रामलाल – लेकिन उस नालायक ने तुम्हें कभी नंगी करके नहीं चोदा ना?

कंचन – नहीं पिताजी! लेकिन ये सब आप क्यों पूछ रहे हैं.?

रामलाल – इसलिए बहु की अब हम तुम्हारी कच्छी उतारके और तुम्हें पूरी तरह नंगी करके चोदेंगे. अब तुम्हें पता चलेगा की जब मरद औरत को नंगी करके चोदता है तो औरत को कितना मज़ा आता है.

कंचन – हाय राम! पिता जी.. हमें चोद के आपको पाप लगेगा.

रामलाल – इस लाजबाब जवानी को चोदने से अगर पाप लगता है तो लगे और बहु अपने जिस्म की आवाज़ सुनो! अपनी चूत की आवाज़ सुनो! बताओ अगर तुम्हारी चूत को इस लंड की ज़रुरत नहीं है तो उसने हमारे लंड को गीला क्यों कर दिया है.? Sasur bahu sex stories

कंचन – आप अपने गधे जैसे उसको हमारे वहां रगड़ेंगे तो हमारी गीली नहीं होगी क्या?

रामलाल – अब इतना गीला कर ही दिया है तो उसे अपनी प्यारी खूबसूरत सी चूत का रूस भी पी लेने दो.

लोहा गरम था. रामलाल ने अब देर करना ठीक नहीं समझा. बस एक बार किसी तरह बहु की चूत में लंड फंसा ले फिर सब ठीक हो जाएगा. उसने एक झटके में बहु की चूत के रस में सनी हुई पैंटी पकड़ के नीचे खिसका दी। अब कंचन बिलकुल नंगी थी. रामलाल ने बहु को अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपने होंठ बहु के रसीले होंठों पे रख दिए. कंचन भी ससुर जी से लिपटी हुई थी. उसकी चूत बुरी तरह गीली थी. चूत के रस में सनी पैंटी उसके पैरों में पड़ी हुई थी. कंचन ने पैरों पे उचक के रामलाल के तने हुए लंड को अपनी टांगों के बीच में इस तरह एडजस्ट किया की वो उसकी चूत पे ठीक से रगर सके. रामलाल बहु की चूत की गर्मी और कंचन ससुर जी के विशाल लंड की गर्मी अपनी चूत पे महसूस कर रही थी. काफी देर बहु के होंठों का रसपान करने के बाद रामलाल कंचन से अलग हो गया और थोड़ी दूर से उसकी मस्त जवानी को निहारने लगा. क्या बला की खूबसूरत थी बहु. गोरी गोरी मांसल चूचियाँ, पतली कमर और उसके नीचे फैले हुए विशाल चूतड़, तराशी हुई मांसल जाँघों के बीच में घने काले बाल. रामलाल ने आज तक किसी औरत की चूत पे इतने घने और लम्बे बाल नहीं देखे थे. ऐसी जवानी देख के रामलाल मदहोश हो गया.

कंचन – उफ़्फ़.. पिता जी अपनी बहु को नंगी करते आपको ज़रा भी शर्म नहीं आई. अब ऐसे घूर घूर के क्या देख रहे हैं?

कंचन शर्मा कर एक हाथ से अपनी चूत और एक हाथ से अपनी चूचिओं को ढकने की नाकाम्याब कोशिश करती हुई बोली.

रामलाल – सच बहु आज तक हमने इतनी मस्त जवानी नहीं देखि. इस बेचारे लंड को निराश न करो थोड़ा सा तो अपनी चूत का रस पिला दो. चलो अगर तम हमें नहीं देना चाहती हो तो कोई बात नहीं हम सिर्फ लंड का सुपाड़ा तुम्हारी चूत में डाल के निकाल लेंगे। बेचारा थोड़ा सा पानी पी लेगा. अब तो ठीक है ना?

कंचन – ठीक है पिताजी. हमें चोदेंगे तो नहीं ना?

कंचन जान बूझके के चोदने जैसे शब्द का इस्तेमाल कर रही थी. उसके मुंह से ये सुन के रामलाल और भी पागल हुआ जा रहा था.

रामलाल – नहीं चोदेंगे बहु. तुम्हारी इज़ाज़त के बिना तुम्हें कैसे चोद सकते हैं.

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ये कहते हुए रामलाल ने नंगी कंचन को अपनी बलिष्ठ बाँहों में उठा लिया और बिस्तर पे पटक दिया. अब वो पागलों की तरह बहु के पूरे बदन को चूमने लगा. फिर उसने बहु की मोटी जांघें फैला दी. बहू की जांघों के बीच का नज़ारा देख के उसका कलेजा मुंह को आ गया. घनी लम्बी झांटों के बीच में से बहु की चूत के खुले हुए होंठ झाँक रहे थे, मानों बरसों से प्यासे हों. नंगी कंचन अपने ससुर के सामने टांगें फैलाये पड़ी हुई थी. शर्म के मारे उसने दोनो हाथों से अपना मुंह ढक लिया.

कंचन – ऐसे क्या देख रहे हैं पिताजी..?

रामलाल – हमें भी तो इस जन्नत का नज़ारा देखने दो बहु. बहु तुमने तो टांगों के बीच में पूरा जंगल उगा रखा है. कभी साफ़ नहीं किया? इतनी खूबसूरत चूत को यूं घने बालों के पीछे क्यों छुपा रखा है?

कंचन – इसलिए की कहीं आपकी नज़र ना लग जाए.

रामलाल – आए हाय बहु! तुम्हारी इसी अदा ने तो हमें मार डाला है.

अब रामलाल से ना रहा गया. उसने बहु की मादक चूत को आगे झुक के चूम लिया. धीरे धीरे वो उसकी चूत चाटने लगा. कंचन के मुंह से अब सिसकारिआं निकल रही थी.

कंचन – इस्सस..अअअअअ. .आअह.. .उफ़्फ़ इस्स्सस्स. .उऊननननननहह. रामलाल की जीभ बहु की चूत के अंदर बाहर हो रही थी. ओहह उफ …आआआह.. ..पिताजी. ..आए..आईईईई.

बहु की चूत बुरी तरह रस छोड़ रही थी. उसकी लम्बि लम्बी झांटें भी भीग गयी थी. बहु वासना की आग में उत्तेजित होक चूतड़ उचका उचका के अपनी चूत ससुर जी के मुंह पर रगड़ रही थी. रामलाल का पूरा मुंह बहु की चूत के रस में सन गया. चूत के बाल रामलाल के मुंह में जा रहे थे. अब बहु को चोदने का टाइम आ गया था. रामलाल ने बहु की टांगें मोड के उसकी छाती से लगा दी. बहु की चूत उभर आयी थी और मुंह फाड़े लंड का इंतज़ार कर रही थी. रामलाल ने अपने फौलादी लंड का सुपाड़ा बहु की खुली हुई चूत के मुंह पे टिका दिया और धीरे धीरे दोनों फांकों के बीच में रगड़ने लगा. कंचन से अब और सहन नहीं हो रहा था.

कंचन – इस्स्सस्स!!! पिताजी क्यों तंग कर रहे हैं? आपका वो तो हमारी उसका रस पीना चाहता है ना. अब डाल भी दीजिये अंदर!!!

कंचन का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा था. जिस लंड के वो रात दिन सपने देखती थी अब उसका मोटा सुपाड़ा कंचन की चूत के दरवाज़े पे दस्तक दे रहा था.

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रामलाल – बहु तुम्हारी चूत तो बिलकुल डबल रोटी की तरह फूली हुई है.

कंचन – आपको अच्छी लगी?

रामलाल – बहुत!

कंचन – तो फिर ले लीजिये ना.. अब डालिये न प्लीज…

कंचन अपने चूतड़ उचका के लंड अपनी चूत में लेने की कोशिश करते हुए बोली.. रामलाल ने लंड के सुपाड़े को बहु की चूत की दोनों फांकों के बीच के कटाव में थोड़ा और रगड़ा और फिर हल्का सा धक्का लगा दिया. चूत इतनी गीली थी की लंड का मोटा सुपाड़ा गुप्प से अंदर घुस गया. Sasur bahu sex stories

कंचन – आईईईई…. ..आआह पिता जी ..आआ…अआप्का तो बहुत ..आआ मोटा है. मैं मर जाउंगी.

रामलाल – कुछ नहीं होगा बहु.

रामलाल ने बहु की चूचियाँ मसलते हुए इस बार एक करारा सा धक्का लगा के एक चौथाई लंड अंदर कर दिया.

उई…माआ. .आअह.. ..आआआआईईईईइइइइइइ. आअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह. .पिताजी आप तो आह… हमें चोद रहे हैं. इस्सस….

रामलाल – अच्छा नहीं लग रहा तो निकाल लें बहु.

कंचन – बहुत अच्छा लग रहा है.. आह.. ..ओहह.. ..आपने तो कहा था की आप चोदेंगे नहीं.

रामलाल – कहाँ चोद रहें हैं बहु? इसे सिर्फ तुम्हारी चूत का रूस पिला दें. बिना चूत में जाए ये रस कैसे पियेगा ?

रामलाल ने लंड को सुपाड़े तक बाहर खींचा और फिर एक जबर्दस्त धक्का लगा दिया. इस बार करीब 8 इंच लंड बहु की चूत में समा गया. कंचन का दर्द के मारे बुरा हाल था.

आहहहहहहहह. ..आआआ. पिताजी आपका तो बहुत लम्बा है आईईइइइइ…. हम नहीं झेल पाएंगे. आए……आह. …अभी और कितना बाकी है आह?

रामलाल – बस बहु अब तो बहुत थोड़ा सा ही बाहर है.

कंचन – जी हमारी तो फट जाएगी.

रामलाल – नहीं फटेगी बहु! तुम तो ऐसे कर रही हो जैसे ज़िन्दगी में पहली बार लंड तुम्हारी चूत में गया हो.

कंचन – जी मरद का तो कई बार गया है..आह आहह! लेकिन गधे का तो आज पहली बार जा रहा है……आआआआह.

रामलाल – बस बहु थोड़ा सा और झेल लो, उसके बाद तो हम निकाल ही लेंगे.

यह कह कर रामलाल ने बहु की चूत के रूस में सना हुआ लंड पूरा बाहर खींच लिया और उसकी मोटी मोटी चूचियाँ पकड़ के एक बहुत ही जोर का धक्का लगा दिया. इस बार रामलाल का 11 इंच का मूसल बहु की चूत को बड़ी बेरहमी से चीरता हुआ पूरा जड़ तक अंदर समां गया. रामलाल के सांड जैसे बड़े बड़े बॉल्स बहु के ऊपर की ओर उठे हुए विशाल चूतड़ों से चिपक गए और गांड के छेड़ में गुदगुदी करने लगे.

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आआआईईईई. …आह. .आअह्ह्ह.. पिताजी. ….. इस्स्सस्सस……मर गयी मैं.. उहह सचमुच फट जाएगी हमारी. प्लीज हमें छोड़ दीजिये. आपका तो किसी गधी के लिये ही ठीक है.

रामलाल – मेरी जान इतना क्यों चिल्ला रही हो? तुम्हारी चूत ने तो हमारा पूरा लंड खा लिया है.

कंचन – जी इतनी बेरहमी से आपने अंदर जो पेल दिया. इस्स्सस्स. …..

रामलाल ने हलके हलके धक्के लगाने शुरू कर दिए. कंचन बिल्कुल मस्त हो गयी थी.

आआअह्ह्ह…. इस्स्सस्स… ओहह्ह्ह्ह आआआ. ..पिताजी. .आह अआप तो हमें सचमुच चोदने लग गए.

रामलाल- कहो तो न चोदें बहु?

कंचन – सच आप बहुत ही खराब हैं! औरत को फुसला के चोदना तो कोई आपसे सीखे. अपना गधे जैसा वो पूरा हमारे अंदर पेल दिया , और अब कह रहे हैं कहो तो न चोदें. इसे चोदना नहीं तो और क्या कहते हैं?

रामलाल – तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा बहु?

रामलाल आधा लंड बाहर निकाल के फिर जड़ तक पेलता हुआ बोला.

कंचन -आईई…इस्सस. .जी बहुत अच्छा लग रहा है. काश आप हमारे ससुर न होते, तो हम आज जी भर के आपसे चुदवाते..

रामलाल – देखो बहु तुम्हें मज़ा आ रहा है और हमने भी ऐसी जवान और खूबसूरत औरत को कभी नहीं चोदा. सिर्फ आज चोद लेने दो.

कंचन – सच आप बहुत चालाक हैं, अभी थोड़ी देर पहले आपने हमें बेटी कहा था और अब अपनी बेटी को ही चोद रहे हैं, बोलिये अब भी हम आपकी बेटी हैं?

रामलाल- हाँ बेटी , तुम अब भी हमारी बेटी हो और हमेशा हमारी बेटी रहोगी. रामलाल एक ज़ोर का धक्का मारता हुआ बोला.

कंचन – आआ आह. .अच्छा जी अपनी बेटी को चोदते हुए आपको ज़रा भी शरम नही आ रही? लेकिन पिताजी आपका बहुत मोटा है. हमारी उसको चौड़ी कर देगा। चौड़ी हो गयी तो इन्हें पता लग जाएगा. हम कहीं के नहीं रहेंगे.

रामलाल – किसको चौड़ी कर देगा बहु?

कंचन – हटिये भी आपको पता तो है. हमारी जिस चीज़ में ये मूसल घुसा हुआ है उसी को तो चौड़ी करेगा ना. कंचन रामलाल के लौड़े को अपनी चुत से दबाती हुई बोली.

रामलाल – कितनी नादान हो बहु , इतनी जल्दी थोड़े ही चौड़ी हो जाती है. अगर हम तुम्हें दो तीन साल चोदें तो शायद चौड़ी हो जाए.

कंचन – फिर ठीक है अब तो आपने चोदना शुरू कर ही दिया है तो आज चोद लीजिये. लेकिन आज के बाद फिर कभी नहीं चोदने देंगे. ये पाप है. इन्होने पूछा चौड़ी कैसे हो गयी तो कह देंगे खेत में जाते वक़्त एक गधे ने हमें ज़बरदस्ती चोद दिया. वैसे ये बात झूट तो है नहीं. इस वक़्त हमें एक गधा ही तो चोद रहा है.

रामलाल – सच बहु तुम बातें बहुत मीठी मीठी करती हो.. आज तो जी भरके चोद लेने दो. ऐसी चूत चोद के तो हम धन्य हो जाएंगे. लेकिन बहु तुम्हें चुदाई सिखाना भी हमारा धर्म है. बोलो सीखेगी न?

रामलाल – जी आप सिखाइये हम ज़रूर सीखेंगे.

रामलाल – देखो बहु चुदवाते वक़्त औरत को कोई शर्म नहीं करनी चाहिए. बस खुल के रंडी की तरह चुदवाओ.

कंचन – हमें क्या पता रंडियाँ कैसे चुदवाती हैं.

रामलाल – बहु रंडियाँ चुदवाते वक़्त कोई शर्म नहीं करती और न ही अपनी जुबां पे काबू रखती हैं. रंडी सिर्फ एक औरत की तरह चुदवाती है मरद से पूरा मज़ा लेती है और मरद को पूरा मज़ा देती है. बोलो बहु चोदें तुम्हें रंडी की तरह? Sasur bahu sex stories

कंचन – अअअअअ…जी चोदिए हमें बिलकुल रंडी बना के चोदिए. ईस्स्सस्स.. .आज ये चूत आपकी है. कंचन ने अब शर्माने का नाटक बन्द कर दिया और बेशर्मी के साथ चोदने की बातें करने लगी.

रामलाल – शाबाश बहु ये हुई न बात आज हम तुम्हारी चूत की प्यास बुझा के ही दम लेंगे. तब तक चोदेंगे जब तक तुम्हारा दिल नहीं भर जाता.

कंचन – जी हम कब मना कर रहे हैं! चोदिए ना. कंचन चूतड़ उचकाती हुई बोली।

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अब रामलाल बहु के नंगे बदन को और मांसल जाँघों को सहलाने लगा. धीरे धीरे कंचन का दर्द दूर होता जा रहा था और उसकी चूत ने फिर से पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. रामलाल बहु के रसीले होंठों को चूसने लगा और धीरे धीरे अपना लंड बहु की चूत के अंदर बाहर करने लगा. कंचन को अब बहुत मज़ा आ रहा था. गधे जैसे लंड से चुदवाने में औरत को कैसा आनंद मिलता है आज उसे पता चला. रामलाल के मोटे लौड़े ने कंचन की चूत बुरी तरह चौड़ी कर रखी थी.

रामलाल- दर्द हो रहा हो तो बाहर निकाल लें बहु?

कंचन – नहीं नहीं पिता जी हमारी चिंता न कीजिये बस हमें इतना चोदिए कि आपके लंड की बरसों की प्यास शांत हो जाए. आपके लंड की प्यास शांत हो जाए तो हमें बहुत ख़ुशी होगी. कंचन चूतड़ उचका के रामलल का लौड़ा गुप्प से अपनी चूत में लेती हुई बोली.

रामलाल ने बहू की टांगों को और चौड़ा किया और हलके हलके धक्के लगाने लगा. वो नहिं चाहता था की उसका मूसल बहु की नाज़ुक चूत को फाड़ दे. एक बार बहु की चूत को उसके लम्बे मोटे लौड़े को झेलने की आदत पड़ जाए फिर तो वो खूब जम के चोदेगा. कंचन ने ससुर जी की कमर में टांगें लपेट ली और अपने पैर की एड़िओं से उनके चूतड़ को धक्का देने लगी. रामलाल समझ गया की बहु की चूत अब चुदाई के लिए पूरी तरह तैयार है. अब उसने बहु की चूचियाँ पकड़ के लंड को सुपाड़े तक बाहर निकाल के जड़ तक अंदर पेलना शुरू कर दिया. बहु की चूत इतनी ज़्यादा गीली थी कि पूरे कमरे में बहु की चूत से फच..फच… फच…फच. …फच. .फच… फच…. फच…. .और मुंह से आआआ….इस्सस. …..आइइइइ..आआह्ह्ह्ह.. .आआआआआ. ….आह्हः.. येस..येस..येस ..येस का मादक संगीत निकल रहा था.

रामलाल – बहु ये फच..फच. की आवाज़ें कहाँ से आ रही हैं? रामलाल बहु को चिढ़ाता हुआ बोला.

कंचन – इस….आआ. .पिताजी ये तो अपने मूसल से पूछिए.

रामलाल – उस बेचारे को क्या पता बहु?

कंचन – उसे नहीं तो किसे पता होगा पिताजी? इस्सस..ज़ालिम कितनी बेरहमी से हमारी चूत को मार रहा है.

रामलाल – तुम्हारी चूत भी तो बहुत ज़ालिम है बहु. कितने दिनों से हमारी नींद हराम कर रखी थी. ऐसी चूत को चोदने में रहम कैसा? सच इसे तो आज हम फाड़ डालेंगे. रामलाल ज़ोर ज़ोर से धक्के मारता हुआ बोला.

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कंचन – हाय पिताजी! हमने कब कहा रहम कीजिये, औरत की चूत के साथ ज़िन्दगी में सिर्फ एक ही बार रहम किया जाता है और वो भी अगर चुत कुंवारी हो. उसके बाद अगर रहम किया तो फिर चूत दूसरा लंड ढ़ूंढने लगती है. औरत की चूत तो बेरहमी से ही चोदी जाती है. अगर हमारी चूत ने आपको इतना तंग किया है तो फाड़ डालिये ना इसे. कौन रोक रहा है?

कंचन तो अब बिलकुल रण्डिओं की तरह बातें कर रही थी और हर धक्के का जबाब अपने चूतड़ ऊपर उचका के दे रही थी. अब तो ससुर और बहु के अंगों का मिलन हवा में हो रहा था. ससुर जी के धक्के से आधा लंड बहु की चूत में जाता और बहु के धक्के से बाकी बचा हुआ लंड जड़ तक बहु की प्यासी चूत में घुस जाता. कंचन ने शर्म हया बिलकुल छोड़ दी थी और खुलके चुदवा रही. थी.

फच.. फच…फच. फच..आए….आआ. ..ईस्सस. ….ऊई मा आ..फच. .फच…

बहु की चूत से इतना रस निकल रहा था की उसकी घनी झांटें भी चूत के रस से चिपचिपा गयी थी. ससुर जी का मूसल जब जड़ तक बहु रानी की चूत में जाता और जब बहु और ससुर की झांटों का मिलन हो जाता तो ससुर जी की झांटें भी बहु की चूत के रस में गीली हो जाती. अब रामलाल पूरा 11 इंच का लंड बाहर निकाल कर जड़ तक बहु की चूत में पेल रहा था. कंचन ने तो सपने में भी नहीं सोचा था की इस उम्र में भी ससुर जी का लंड अपने दोनों बेटों से ज़्यादा तगड़ा और सख्त होगा और उसकी जवान चूत की ये हालत कर देगा. उसकी चूत के चारों तरफ चूत के रस में सनी झांटों का जंगल तो मानो एक दलदल बन गया था. कंचन समझ गयी कि ससुर जी चुदाई की कला में बहुत माहिर थे. हों भी क्यों ना. न जाने कितनी लड़किओं को चोद चुके थे. अब कंचन से रहा नहीं गया और उसने ससुर जी से पूछ ही लिया…

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कंचन – आआह्ह…इस्सस. ..आ…पिता जी सच सच बताइये आज तक आपने कितनी लड़कियों को चोदा है?

रामलाल – क्यों बहु तुम ये क्यों पूछ रही हो? रामलाल बहु के विशाल चूतड़ों को सहलाता हुआ बोला.

कंचन – आप जिस तरह हमें चोद रहे हैं वैसे तो कोई काम कला में माहिर आदमी ही चोद सकता है और अगर आपने ज़िन्दगी में सिर्फ सासु माँ को ही चोदा होता तो आप काम कला में इतने माहिर नहीं हो सकते थे.

रामलाल – क्यों बहुत मज़ा आ रहा है बहु?

कंचन – जी बहुत! आज तक किसी मरद ने हमें ऐसे नहीं चोदा.

रामलाल – कितने मर्दों से चुदवा चुकी हो बहु?

कंचन – धत!! आप तो बड़े वो हैं पिताजी. बताइये ना प्लीज. कितनी औरतों को चोद चुके हैं?

रामलाल बहु के रसीले होंठों को चूमता हुआ बोला.. देखो बहु तुम्हारी सासु माँ तो देती नहीं थी. हमारी जवानी भी वैसे ही बर्बाद हो रही थी जैसे तुम्हारी जवानी बर्बाद हो रही है. हमें लाचार होकर अपने बदन की प्यास बुझाने के लिए खेतों में काम करने वाली औरतों का सहारा लेना पड़ा. Sasur bahu sex stories

कंचन – हां…..तो आपने खेतों में काम करने वाली औरतों को चोदा? कितनों को चोदा? कंचन ज़ोर से चूतड़ उचका के ससुर जी का लंड अपनी चुत में पेलते हुए बोली.

रामलाल – ये ही कोई बीस औरतों को.

कंचन – हाय राम बीस को! उनमे से कुंवारी कितनी थी?

रामलाल – बहु लड़की कुंवारी हो तो इसका मतलब ये नहीं की उसकी चूत भी कुंवारी है.

कंचन – जी हमारा मतलब है उनमे से कितनों की चूत कुंवारी थी.

रामलाल – तीन की.

कंचन – सच उनकी तो फाड़ ही डाली होगी आपके इस मूसल ने.

रामलाल – नहीं बहु ऐसा नहीं है! तुम्हारी सासु माँ की जो हालत हुई थी उसके बाद से हम बहुत संभल गए थे. लेकिन फिर भी बहुत खून खराबा हो गया था. बेचारी थी भी 17 या 18 साल की. इतना ध्यान से चोदने के बाद भी तीनों ही बेहोश हो गयी थी.

कंचन – उसके बाद से तो उन्होंने आपसे कभी नहीं चुदवाई होगी.

रामलाल – नहीं बहु उनमें से एक तो ऐसी थी जिसे हमने अगले चार साल तक खूब चोदा.

कंचन – कौन थी वो पिताजी? कंचन जानते हुए भी अनजान बन रही थी.

रामलाल – देखो बहु ये राज़ हम आज सिर्फ तुमही को बता रहे हैं, वो हमारी साली यानि तुम्हारी सासु माँ की सगी बहन थी.

कंचन – हाय राम! पिताजी आपने अपनी साली तक को नहीं छोड़ा! चार साल में तो चौड़ी हो गयी होगी उसकी चूत?

कंचन अपनी चूत से रामलाल का लंड दबाते हुए बोली.

रामलाल – उसे तो सिर्फ चार साल चोदा था बहु लेकिन अगर तुम चाहोगी तो हम तुम्हें ज़िन्दगी भर चोद सकते हैं. अपनी जवानी बर्बाद न करो!

कंचन – बर्बाद क्यों होगी हमारी जवानी? अब आपके हवाले जो कर दी है. ज़िन्दगी भर चोद के तो आप का ये गधे जैसा मूसल हमारी चूत को कुंवा बना देगा. कंचन बेशर्मी से चूतड़ उचकाती हुई बोली.

ससुर जी को बहु को चोदते अब करीब एक घंटा हो चला था. कंचन के पसीने छूट गए थे लेकिन रामलाल झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था . अचानक रामलाल बहु की चूत से लंड बाहर निकालता हुआ बोला..

रामलाल – बहु अब हम तुम्हें एक दूसरी मुद्रा में चोदेंगे.

कंचन – वो कैसे पिताजी?

कंचन रामलाल के मोठे काले चूत के रस में चमकते हुए लंड का भयंकर रूप देख के काँप उठी. तुमने कुत्ते और कुतिया को तो चुदाई करते देखा है?

कंचन- जी..

रामलाल – बस कुतिया बन जाओ. हम तुम्हारी चूत कुत्ते की तरह पीछे से चोदेंगे.

कंचन – हाय राम! पिता जी…! अपनी बहु को पहले रंडी और अब कुतिया भी बना डाला.

रामलाल – कभी कुतिया बन के चुदवाई हो बहु?

कंचन – इन्होने तो हमें औरत की तरह भी नहीं चोदा कुतिया बनाना तो दूर की बात है. लेकिन आज हम आपकी कुतिया ज़रूर बनेंगे.

ससुर बहू की चुदाई कहानी

ये कह कर कंचन कुतिया बन गयी. उसने अपनी छाती बिस्तर पे टिका दी और घुटनों के बल हो कर टांगें चौड़ी कर ली और बड़े ही मादक ढंग से अपने विशाल चूतड़ों को ऊपर की और उचका दिया. इस मुद्रा में बहु के विशाल चूतड़ और मांसल जांघों के बीच में से घनी झांटों के बीच बहु की फूली हुई चूत साफ़ नज़र आ रही थी. रामलाल के मोटे लंड की चुदाई के कारण चूत का मुंह खुल गया था और वह सूजी हुई सी लूग रही थी. बहु के गोरे गोरे मोटे मोटे चूतड़ औरउनके बीच से झांकता गुलाबी छेद देख कर तो रामलाल के मुंह में पानी आ गया. रामलाल से न रहा गया. उसने अपने मूसल का सुपाड़ा बहू की चूत के खुले हुए मुंह पे टिका दिया और एक ज़बरदस्त धक्का लगा दिया. चूत इतनी गीली थी की एक ही धक्के में 11 इंच लम्बा लंड जड़ तक बहु की चूत में समां गया.

कंचन – आआआआहहहहह. ऊईईईईईईईईईईई माँआआआआआआआआ…. हाय राम..पिता जी…. मार डाला. ईस्स्सस्स्स्स…. …..कुत्ते भी इतने ही बेरहम होते हैं क्या?

रामलाल – हाँ मेरी जान तभी तो कुतिया को मज़ा आता है.

रामलाल ने अब बहु के चूतड़ पकड़ के ज़ोर ज़ोर से धक्के मारना शुरू कर दिया था. बहु भी चूतड़ उचका उचका के ससुरजी के धक्कों का जबाब दे रही थी. इस मुद्रा में बहु के मुंह और चूत दोनों ही और भी ज़्यादा आवाज़ कर रहे थे. बहु अपने चूतड़ पीछे की और उचका उचका के ससुर जी के लंड का स्वागत कर रही थी. बहु की चूत का रस अब रामलाल के सांड की तरह लटकते बॉल्स को पूरी तरह गीला कर चुका था. कंचन अब तक दो बार झड़ चुकी थी लेकिन रामलाल झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. कंचन ने अपने चूतड़ ज़ोर से पीछे की ओर उचका के रामलाल का मूसल जड़ तक अपनी चूत में पेलते हुए पूछा… Sasur bahu sex stories

कंचन – पिताजी आप हमें कुतिया बना के चोद रहे हैं कहीं चुदाई के बाद कुत्ते की तरह आपका लंड हमारी चूत में तो नहीं फंसा रह जाएगा.?

रामलाल – फंसा रह भी गया तो क्या हो जाएगा बहु?

कंचन – हमें तो कुछ नहीं पिताजी लेकिन जब सासु माँ शाम को वापस आके आपको हमारे ऊपर कुत्ते की तरह चढ़ा हुआ देखेंगी और आपका मूसल हमारी चूत में फंसा हुआ देखेंगी तो आपके पास क्या जवाब होगा?

रामलाल – कह देंगे की एक कुत्ता तुम्हारी बहु को चोदने की कोशिश कर रहा था. इससे पहले की वो तुम्हारी बहु की चूत में अपना लंड पेलता कुत्ते से बचाने के लिए हमें अपना लंड बहु की चूत में पेलना पड़ा. आखिर जो कुछ किया बहु को बचाने के लिए ही तो किया.

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कंचन – अच्छा जी और अगर वो पूछें की बहु नंगी कैसे हो गयी तो?

रामलाल – तो क्या! कह देंगे बहु नहाने जा रही थी की एक बहुत बड़ा कुत्ता बहु को नंगी देख के खिड़की से कूद के अंदर आ गया और उसे गिरा के उसके ऊपर चढ़ कर चोदने की कोशिश करने लगा.

कंचन – और वो पूछें की आपको अपना लंड हमारी चूत में पेलने की क्या जरूरत थी तो ?

रामलाल – अरे भाई ये तो बहुत सिंपल बात है. अगर बहु की चूत में लंड पेल के हमने बहु का छेद बन्द न किया होता तो वो कुत्ता उस छेद मेंअपना लंड पेल देता. हमने तो सिर्फ अपने घर की इज़्ज़त बचा ली.

कंचन – हाय आपके पास तो सब चीज़ों का जबाब है. कंचन अपने चूतड़ उचका के रामलाल का पूरा लंड अपनी चूत में लेती हुई बोली.

अब रामलाल ने कंचन के चूतड़ पकड़ के ज़ोर ज़ोर से धक्के मारना शुरू कर दिया. उसने बहु के गोरे गोरे चूतड़ों को दोनों हाथों में पकड़के फैला दिया था ताकि उनके बीच में गुलाबी रंग के छोटे से छेद के दर्शन कर सके. आखिर बहु के इन विशाल चूतड़ों ने ही तो उसकी नींद हराम कर रखी थी. बहु का गुलाबी छेद देख कर उसके मुंह में पानी आ रहा था. उसका मन कर रहा था की नीचे झुक के उस गुलाबी छेद को चूम ले.

रामलाल जानता था की यहां बहु की गाँड मारना खतरे से खाली नहीं था. बहु का चिल्लाना सुन के पूरा मुहल्ला जमा हो सकता था. अगर उसका मूसल नहीं झेल पायी और बेहोश हो गयी तब तो और भी मुसीबत हो जाएगी. लेकिन उसने सोच लिया था की वो बहु को खेतों में ले जा के उसकी गांड ज़रूर मारेगा. उधर कंचन बड़ी अच्छी तरह समझ रही थी की जिस तरह ससुर जी ने उसके चूतड़ों को फैला रखा था उन्हें उसकी गांड के दर्शन हो रहे होंगे. उसके सेक्सी चूतड़ों को देख के मरद के दिल में क्या होता है वो भी वो अच्छी तरह जानती थी.

वो मन ही मन सोच रही थी कि ससुर जी कभी न कभी तो उसकी गांड ज़रूर मारेंगे. इतना मोटा और लम्बा मूसल तो उसकी गांड फाड़ ही डालेगा. रामलाल से अब और नहीं रहा गया. उसने अपना 11 इंच का लंड बहु की चूत से बाहर खींच लिया और नीचे झुक के अपना मुंह बहु के फैले हुए विशाल चूतड़ों के बीच में दे दिया. रामलाल पागलों की तरह बहु की गांड के गुलाबी छेद को चाटने लगा और अपनी जीभ कभी कभी छेद के अंदर घुसेड़ देता.

कंचन – इस्सस…..आआआ. …आआअह्ह्ह्ह. ….इस्सससससससस!!! पिता जी ये आप क्या कर रहे हैं? वहां तो गन्दा होता है.

रामलाल – चुदाई के खेल में कुछ गन्दा नहीं होता! तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा बहु?

कंचन – जी अच्छा तो बहुत लग रहा है लेकिन….

रामलाल – लेकिन क्या मज़ा तो आ रहा है न? सच तुम्हारी गांड बहुत ही स्वदिष्ट है.

कंचन – हटिये भी पिताजी , वो कैसे स्वादिष्ट हो सकती है? वहां से तो…..

रामलाल – हमें पता है बहु वहां से तुम क्या करती हो. आज तक इस छेद से तुमने सिर्फ बाहर निकालने का काम किया है कुछ अंदर नहीं लिया.

कंचन – हाय राम!! उस छेड़ से अंदर क्या लिया जाता है?

रामलाल – बहु जब ये लंड तुम्हारे पीछे वाले छेद में जाएगा तब देखना कितना मज़ा आएगा.

कंचन – हाय राम!!! पीछे वाले छेद में भी लंड डाला जाता है ?कंचन बनती हुई बोली.

रामलाल – हाँ बहु औरत के तीन छेद होते हैं और तीनों ही चोदे जाते हैं. औरत की सिर्फ चूत ही नहीं गांड भी मारी जाती है. औरत को मरद का लंड भी चूसना चाहिए. जिस औरत के तीनों छेदों में मरद का लंड न गया हो वो अपनी जवानी का सिर्फ आधा ही मज़ा ले पाती है.

कंचन – बाप रे!! ये गधे जैसा लंड उस छोटे से छेद में कैसे जा सकता है? सच ये तो हमारे छेद को फाड़ ही डालेगा. न बाबा न हमें नहीं लेना ऐसा मज़ा.

रामलाल – अरे बहु इतना घबराती क्यों हो? हम तो सिर्फ तुम्हारे इस गुलाबी छेद को प्यार कर रहे हैं तुम्हारी गांड तो नहीं मार रहे.

कंचन – जी बहुत मज़ा आ रहा है. आईईई. जीभ अंदर डाल दिजिये प्लीज….

रामलाल बड़ी तेज़ी से अपनी जीभ बहु की गांड के अंदर बाहर कर रहा था और उस गुलाबी छेद के चारों ओर चाट रहा था. कंचन अब और नहीं सह पायी और एक बार फिर झड़ गयी.

कंचन – पिता जी हम तो अब तक तीन बार झड़ चुके हैं और आप हैं कि झड़ने का नाम ही नहीं ले रहे. अब प्लीज हमें चोदिए और हमारी प्यासी चूत को अपने वीर्य से भर दीजिये.

रामलाल – ठीक है बहु जैसा तुम चाहो. आज पहले तुम्हारी प्यासी चूत को तृप्त कर दें. बाद में तो तुम्हें काम कला के कई गुर सिखाने हैं.

कंचन – ठीक है गुरु जी अब तो प्लीज हमारी चूत चोदिए और इसकी बरसो की प्यास बुझा दीजिये. हम कहीं भाग तो रहे नहीं , रोज़ आपसे चुदाई के नए नए तरीके सीखेंगे.

ससुर बहू सेक्स स्टोरी

रामलाल ने बहु की गांड में से अपनी जीभ निकाली और फिर से अपने लंड का सुपाड़ा कुतिया बनी बहु की फूली हुई चूत पे टिका दिया और एक ही धक्के में फच की आवाज़ के साथ जड़ तक पेल दिया. अब रामलाल बहु के दोनों चूतड़ों को पकड़ के ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा. करीब बीस मिनट तक बहु की चूत की अपने मूसल से कुटाई करने के बाद बरसों से अपने बॉल्स में एकट्ठा किया हुआ वीर्य बहकी चूत में उंडेल दिया. बहु को तो जैसे नशा सा आ रहा था. उसकी चूत ससुर जी के गरम गरम वीर्य से लबालब भरी गयी थी और अब तो वीर्य चूत में से निकल कर बिस्तर पे भी टपक रहा था. रामलाल ने बहु की चूत में से अपना मूसल बाहर खींचा और बहु के बगल में लेट गया. बहु भी निढाल हो के बिस्तर पे लुढ़क गयी थी. तीन घंटे से चल रही इस भयंकर चुदाई से उसके अंग अंग में मीठा मीठा दर्द हो रहा था. रामलाल ने बहु से पूछा… Sasur bahu sex stories

रामलाल – बहु कुछ शान्ति मिली?

कंचन – जी आज तो तृप्त हो गयी.

रामलाल – चलो उठो तुम्हारी सासु माँ के आने का टाइम हो रहा है. नहा धो लो कहीं उन्हें शक न हो जाए.

कंचन – जी ठीक है.

कंचन बिस्तर से उठी और गिरते गिरते बची. वीर्य उसकी चूत से निकाल के जांघों पे बह रहा था. उसकी टांगें कांप रही थी. रामलाल ने जल्दी से उठ के बहु को सहारा दिया. बहु तो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी. रामलाल बहु को लेके बाथरूम में गया और उसे स्टूल पे बैठा दिया. उसके बाद उसने बहु की टांगें फैला दी और पानी से चूत की सफाई करने लगा. बहु की घनी झांटें वीर्य मे सनी हुई थी. कंचन को अपनी सुहाग रात याद आ गयी जब इसी तरहउसके पति ने उसकी चूत की सफाई की थी. आज वही काम ससुर जी कर रहे थे. फरक सिर्फ इतना था की सुहाग रात को उसकी कुंवारी चूत की दुर्दशा हुई थी और आज ससुर जी के मूसल ने उसकी कई बार चुदी हुई चूत की भी वैसी ही दुर्दशा कर दी जैसी सुहाग रात को हुई थी. चूत साफ़ करने के बाद ससुरजी ने कंचन के ऊपर पानी डालके उसे नहलाना शुरू कर दिया. ठंडा ठंडा पानी पड़ने से कंचन के शरीर में जान आई. कंचन ने भी ससुर जी के लंड को पानी से साफ किया जो उसकी चूत के रस में बुरी तरह सना हुआ था. इस तरह बहु और ससुर ने एक दुसरे को नहलाया. रामलाल ने उसके बाद कंचन को कहा…

रामलाल – बहु जाओ सासु माँ के आने से पहले थोड़ा आराम कर लो.

कंचन – ठीक है पिता जी.

कंचन अपने कमरे में चली गयी. बिस्तर में लेटते ही उसकी आँख लग गयी. तीन घंटे की चुदाई से वो बहुत थक गयी थी. सासु माँ के आने से पहले वो करीब एक घंटा घोड़े बेचके सोई.

समाप्त!

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