पत्नी ने साली की चूत दिलवाई

नमस्कार फ्रेंड्स,

बात उन दिनों की है जब मेरी साली(saali) लता कुछ दिनों के लिए हमारे पास रहने आई.

जैसे कि आपको मालूम ही है कि मेरी पत्नी और मैं तो आपस में एकदम खुले हैं और हम खुले सेक्स का मज़ा लेना पसंद करते हैं.

मेरी साली(saali) की चुदाई करने के लिए मेरी पत्नी  रूपल ने सब इन्तजाम कर दिया था. मेरी साली(saali) भी इस बार अपनी सहमति से हमारे साथ अपनी जवानी का खेल खेलना चाहती थी.

मेरी पत्नी को एक दिन के लिए बाहर जाना पड़ गया था, क्योंकि मेरी पत्नी का एक एग्जाम रहता था, वो उसे देने के लिए हिमाचल यूनिवर्सिटी में चली गई, उसने(usne) शाम को घर वापिस आना था.

उस दिन मैं और मेरी साली(saali) दोनों अकेले घर पर थे.

मैं अपनी पत्नी को छोड़ने के लिए बस स्टैंड गया, साथ ही साली(saali) भी कार की पिछली सीट पर बैठी थी.

जब मेरी पत्नी को बस स्टैंड पर छोड़ने लगा तो मेरी पत्नी मुस्कुरा कर बोली- अरे मेरी प्यारी बहन का ध्यान रखना, मुझे कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए!

साथ ही आंख मार दी.

मैं भी मुस्कुरा कर बोला- अरे जानेमन, इतनी खूबसूरत साली(saali) है तो ध्यान तो रखना ही पड़ेगा न? ऊपर से शिफारिश भी उसकी(uski) बहन की है, ऐसे में तो जरूर ध्यान रखा जाएगा मेरी जान!

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कह कर हमने उसे बस में बिठाया और हम वापिस आ गये.

वापिस आते समय मैने साली(saali) को अपने साथ वाली सीट पे बिठा लिया था, रास्ते में मैं उस से बातें कर रहा था और अपना एक हाथ उसकी(uski) जांघ पर रखे हुए था.

वो भी शायद मेरे हाथ को वहाँ फील करके मज़ा ले रही थी. वो भी बहुत सेक्सी अंदाज़ में थी, उसे मालूम ही था कि आज उसकी(uski) चुदाई हर हाल में होगी, क्योंकि एक तो मेरी पत्नी ने उसे पहले ही पक्का कर दिया था कि अपनी जवानी का मज़ा ले लेना जीजू से…

दूसरा जब मैं सुबह तयार हो रहा था तो देखा कि मेरी साली(saali) मेरा लैपटॉप खोल कर उसमें से सेक्सी वीडियो देख रही थी और वो करीब आधा घंटा वीडियो देखती रही, इसी लिए शायद वो अब भी हॉट थी.

हम ऐसे ही घर आ गए थे.

घर आते ही मेरी साली(saali) मेरे लिए पानी लाई और मैंने उसे चाय बनाने के लिए कहा.

वो कुछ ही देर में दो कप चाय लेकर बैडरूम में आ गई, जब वो अंदर आई, तो मैं अपने लैपटॉप पर वही सेक्सी वीडियो देख रहा था जो सुबह सुबह साली(saali) देख रही थी.

उसने(usne) चाय साइड टेबल पे रखी, तो मैंने तुरंत वीडियो बंद कर दी, तो लता बोली- जीजू क्या देख रहे थे चोरी चोरी?

मैंने कहा- कुछ नहीं साली(saali) साहिबा, तुम अपना काम करो!

वो बोली- नहीं जीजू, दिखाओ न क्या देख रहे थे?

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मैंने कहा- अरे मेरे काम की कुछ जरूरी फाइल्स हैं.

वो बोली- फिर मुझे दखाने में क्या दिक्कत है, दिखा दो.

मैंने कहा- पहले चाय पी ले, फिर दिखा देता हूँ.

कह कर उसने(usne) मेरी तरफ चाय कि मैंने कप उठाया और एक कप उसने(usne) उठा लिया तभी मैंने लैपटॉप साइड पे कर दिया, लता ने लैपटॉप को पकड़ा और वही वीडियो खोल दी और मेरी तरफ करते हुए कहने लगी- ‘यह देख रहे थे न मेरे चालाक जीजू?

मैंने भी कह दिया- हाँ यही देख रहा था! परन्तु साली(saali) तुझे कहाँ से पता चला कि यह वीडियो फाइल यहाँ पर है?

वो बोली- मुझे रात दीदी ने काफी वीडियो दिखाई थी, मुझे सब पता है आप लैपटॉप में क्या क्या रखते हो.

मैंने कहा- ओके, चल आ जा साली(saali), तुझे आ दिखा ही देता हूँ सब!

कह कर मैंने उसे गोद में उठाया और मेरे शरीर से छूते होते ही लता का रोम रोम कांप उठा, वो सिहर उठी, कसमसा गई.

‘हाय कितनी खूबसूरत है तेरी जवानी!’ कहते हुए मैंने उसकी(uski) कमीज़ के ऊपर से ही उसकी(uski) कठोर चूची पर हाथ रख दिया, वो जोरों से सिहर उठी, उसका रोम रोम मस्ती की आग में जलने लगा.

उसका रोम रोम गुनगुना गया, मैंने उसके(uske) कमीज़ को उसके(uske) गदराये जिस्म से अलग कर दिया, वो कुछ भी बोल नहीं पा रही थी, बस इस सब का मज़ा ले रही थी.

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मैंने भी अपनी पैंट और शर्ट अपने शरीर से अलग कर दी, मेरे अंडरवियर में लंड फुन्कारे मार रहा था, लगता था कि अंडरवियर फाड़

कर बाहर आ जायेगा.

लता की निगाह जब मेरे विशाल लौड़े पे पड़ी तो वो देखती रह गई और बोली- हाय.. जीजू…! तुम्हारा वो तो बहुत बड़ा है…!

मैंने कहा- हाँ डार्लिंग, तैयार तो यह पहले ही हो गया था, जब तुम सुबह सुबह चुदने की तैयारी कर रही थी, मेरा मतलब सेक्सी वीडियो देख रही थी चोरी चोरी!

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तो एक बार तो लता घबरा सी गई जैसे उसकी(uski) कोई चोरी पकड़ी गई हो, फिर बोली- ओह… तो इसका मतलब जीजू चोरी चोरी मेरा पीछा करते हैं.

मैंने कहा- नहीं जानेमन, पीछा नहीं, मैं तो अपनी चीज मेरा मतलब लैपटॉप ढूंढ रहा था, जब नहीं मिला तो देखा वो तेरे हाथ में था, और तू मस्ती से मज़ा ले रही थी. तो मैंने तुझसे माँगना उचित नहीं समझा, कि चलो आज छोटी साली(saali) को मज़ा ले लेने दो.

मैंने अब लता साली(saali) की सलवार भी उतार कर साइड पर रख दी, और साथ ही साथ उसकी(uski) ब्रा की हुक भी खोल दी.

अब साली(saali) की दोनों चूचियाँ छलक कर बाहर आ गईं, जिन्हें देखकर मेरा लंड और भी कड़क हो गया. ‘तुम मेरी बहुत मस्त सेक्सी साली(saali) हो, जानेमन!’ कहते हुए मैंने अपनी साली(saali) की नंगी चूची की गोलाई पर हाथ रख दिया.

लता गुदगुदी से भर उठी, उसका चेहरा सुर्ख लाल हो गया, समूचे बदन में 440 वाल्ट का करंट दैड़ने लगा.

शायद उसे ऐसी स्थिति जीवन में पहली बार ही हो रही थी, जवानी में अभी तक उसने(usne) कभी ऐसी स्थिति का शायद सामना नहीं किया था. इतना वासना का उन्माद पहले कभी नहीं उमड़ा था, रग रग में वासना की लहर दौड़ गई.

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वह शायद अपने होश खो बैठी थी, मैंने उसे गोद में लेकर उसे बेतहाशा चूमना शुरू कर दिया था, मैं उसका अंग अंग चूमे जा रहा था.

उसकी(uski) चूची मेरे मुँह में थी, मैं उसकी(uski) चूचियाँ बदल बदल कर चूस रहा था, जिससे वह और मस्ती में भर गई थी.

मैं उसके(uske) चूतड़ों पर भी हाथ फिरा रहा था, जिससे वह पूरी तरह मस्त हो चुकी थी.

उसको गोद में लेकर मैं उसकी(uski) जवानी का हर अंग चूस लेना चाहता था.

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फिर मैंने उसके(uske) रसीले होंठों को अपने मुंह में ले लिया और उन्हें हर एंगल से चूसने लगा, मैंने उसकी(uski) जीभ को अपने मुंह में ले लिया था, कभी अपनी जीभ उसके(uske) मुंह में डाल देता, कभी उसका ऊपर का होंठ अपने होंठों में लेकर चूसता और कभी उसका नीचे का होंठ अपने होंठों में लेकर चूसता.

इधर नीचे मेरा लंड भी बुरी तरह से अकड़ चुका था, इसकी नसें तक फ़ूल चुकी थीं, परन्तु मैं अपनी साली(saali) लता को अभी और तड़पाना चाहता था, जिससे वो बहुत ज्यादा मज़ा ले सके.

मैंने लता को पीठ के बल लिटा दिया और उसकी(uski) पैंटी में उंगलियाँ फंसा कर उसके(uske) चूतड़ों से सरकाते हुए जाँघों तथा टांगों से निकाल दिया.

अब मेरी साली(saali) मेरे सामने हल्फ नंगी पड़ी थी.

एक बार मुझे उसका हल्फ नंगा जिस्म देखकर मज़ा आया और ऐसा महसूस हुआ जैसे वो कह रही हो ‘जीजू आज लूट लो इस जवानी के मज़े और चोद दो मेरे जिस्म के हर अंग को.’

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मुझे भी उसको ऐसे देखकर आनन्द आ रहा था, मेरा लंड भी बहुत ज्यादा कड़क हो चुका था, मेरे जिस्म में भी वासना की आग दौड़ रही थी.

मुझसे रहा न गया, मैंने उसकी(uski) दोनों टांगों को अलग किया, उसकी(uski) जाँघों के बीच आकर बैठ गया और उसकी(uski) चूत को अपनी आखों के सामने करके उसकी(uski) चूत की दोनों फांकों को अलग किया और देखा कि उसकी(uski) चूत पर एक भी बाल नहीं था, बिल्कुल क्लीन की हुई जवान चूत थी उसकी(uski).

उसके(uske) मम्मे जिनको अभी अभी मैंने चूसा था, मेरी तरफ उछल रहे थे, मानो कह रहे हों कि अब और चूस लो, मेरी साली(saali) बार बार सिसकारियाँ ले रही थी और मज़ा आ रहा था.

वो आँखें बंद किये हुए मेरी तरफ से की जा रही उसके(uske) शरीर के साथ छेड़खानी का मज़ा ले रही थी.

उसकी(uski) चूत पावरोटी की तरह फूली हुई थी, जिसे देखते ही मेरा लंड भी उसका दीवाना हो गया, मैंने साली(saali) की गदराई गांड के नीचे अपने हाथ लगाए और दोनों हाथों से उसकी(uski) गांड को पकड़ कर ऊपर को कर दिया, अब उसकी(uski) चूत मेरे होंठों के बिल्कुल करीब थी.

मैंने थोड़ा नीचे को झुक कर उसकी(uski) चूत को चूम लिया और उसकी(uski) चूत को मैंने जैसे ही किस किया तो लता की हालत देखने लायक थी.

मैंने जैसे ही अपने होंठ उसकी(uski) चूत पर रखे, साली(saali) तड़प कर और ऊपर को हो गई, और वो सिसकारी लेती हुई तड़पने लगी ‘उई आह जीजू उई आया मज़ा आ रहा है… उई आह सी सी सी इसी सी आह आह आह आह आह उई…’

लता के लिए शायद ये सब पहली बार था, मैं उसकी(uski) चूत को जीभ से चाटने लगा, मैं जितना उसकी(uski) चूत को चाट रहा था, वो उतना ही सिहर रही थी और मजेदार सिसकारियाँ ले रही थी.

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मैं ऊपर हाथ से उसके(uske) मम्मे भी सहला रहा था, मसल रहा था.

उसे इतना आनन्द आ रहा था जितना उसने(usne) कल्पना भी नहीं की होगी, वो शायद कुछ बोलना चाह रही थी, परन्तु उसके(uske) पास शब्द नहीं थे और वो बस मजेदार सिसकारियाँ ही भर रही थी ‘उन्ह उन्ह आह आह उन्ह उन्ह आह सी सी सी सी सी सी उई उई आह उई अंह उई सी सी सी सी सी उई उन्ह…’

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उसकी(uski) चूत से नमकीन पानी सा निकलने लगा था, जो सीधा मेरी जीभ पे गिर रहा था, मैंने जैसे ही उसकी(uski) चूत से गिर रहे नमकीन पानी को अपनी जीभ पर महसूस किया तो मैंने अपनी जीभ की गति और तेज कर दी और मैं जीभ उसकी(uski) चूत के अंदर डाल कर उसकी(uski) चूत को स्मूच करता हुआ तेज तेज अपनी जीभ उसकी(uski) चूत में चलाने लगा था.

वो तो जैसे मेरी जीभ पे अपनी चूत थिरका रही थी.

वह गुदगुदी से सरोबार हो उठी, उसका चेहरा लाल सुर्ख हो चुका था, उसकी(uski) शर्म हया सब जा चुकी थी, वो तो जैसे अपनी जवानी को अपने जीजू से कुर्बान कर देना चाहती थी, वो अपनी गांड को जोर जोर से उचका रही थी ताकि उसकी(uski) चूत मेरी जीभ पे बार बार जोर जोर से रगड़ खाए.

जब वो गुदगुदी से सरोबार हो उठी तो मैंने उसकी(uski) चूत से जीभ को बाहर खींच लिया और उसकी(uski) जांघ को अपनी जांघ पर चढ़ा कर लंड के सुपारे को ज्यों ही उसकी(uski) चूत के मुंह पर भिड़ाया तो वह बहुत जोरों से सिसकार उठी, उसे लगा जैसे किसी ने उसकी(uski) चूत के मुंह पर आग का धधकता अंगारा रख दिया हो, वो चिल्लाती हुई छटपटाने लगी और उसने(usne) तीव्र वेग में अपने चूतड़ ऊपर की ओर उछाले और लंड को चूत से बाहर निकालने की एक नाकाम कोशिश की तो मैंने तुरंत उसको अपनी बाहों में भर लिया और उसका गदराया जिस्म अपने पूरी तरह काबू में कर लिया.

मेरी साली(saali) लता का चेहरा पसीने से तर हो चुका था, वह अपने सर को तेज वेग से बैड पर रगड़ने लगी क्योंकि मेरा समूचा लंड उसकी(uski) चूत को फाड़ता हुआ अपनी आखरी मंजिल तक पहुँचने वाला था.

मैंने महसूस किया कि मेरे लंड को कुछ गीला गीला सा लगा, तो मैंने अपना लंड एक बार में पूरा का पूरा बाहर निकाला तो उसकी(uski) चूत से कुछ खून के साथ पानी सा निकल रहा था.

मैंने तुरंत वहाँ से अपने रुमाल से उसका खून साफ़ किया और पानी साफ़ करने के बाद, मैंने दुबारा लंड को उसकी(uski) चूत में एक जोरदार झटके से अंदर दाखिल कर दिया.

मैंने एक और तेज झटका लगया तो मेरा लंड उसकी(uski) चूत की असली मंजिल पर पहुँच कर फिट हो गया. अब मैंने कुछ देर तक अपने लंड को ऐसे ही रखा और लता के जिस्म को हाथों से सहलाने लगा, कभी उसकी(uski) जांघें सहलाता और कभी चूचियाँ… ऐसे करने से लता ने भी कुछ राहत की सांस ली और उसका दर्द कम हो गया.

मैंने उसके(uske) होंठों पे किस करते हुए पूछा- क्यों साली(saali) साहिबा, कैसे लग रहा है आज जीजू की जवानी से खेलना?

वो थोड़ी कसमसाते हुए बोली- उई जीजू, तुमने तो एक बार मेरी जान ही निकाल दी, वैसे अच्छा लग रहा है, बस अब ऐसे ही रखो!

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उसे क्या मालूम था कि अभी तो उसके(uske) मज़े का दौर शुरू हुआ है.

मैं उसकी(uski) एक चूची को अपने मुंह में लेकर आम की तरह चूसने लगा और दूसरी चूची को हाथ उंगली और अंगूठे में लेकर उसे मीन्जने लगा, जिससे मेरी साली(saali) लता को और मज़ा आने लगा.

साथ साथ मैं हल्के हल्के से अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था, जिससे मेरी साली(saali) का दर्द कम हो जाए और वो मज़ा लेने लगे.

अब तक शायद लता का दर्द ख़त्म हो चुका था और उसकी(uski) मजेदार सिसकारियाँ फिर से शुरू हो गई थीं. उसकी(uski) तेज सिसकारियाँ सुन कर मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो वो मुझे कह रही हो ‘अब चोद दो मुझे!’ मैंने उसके(uske) दोनों मम्मों को अपने हाथ से पकड़ा और लंड से एक जोरदार झटका लगया तो उसका रहता दर्द भी जाता लगा, अब तो वो मज़ा ले रही थी, मैं भी उसकी(uski) चूत में लंड बहुत जोर जोर से अंदर बाहर करके उसे जोरदार चुदाई का मज़ा देने लगा था.

वो सिहर उठी थी, उसके(uske) मुंह से तेज तेज सिसकारियाँ निकल रही थी.

मैंने अपनी साली(saali) की जोरदार चुदाई शुरू कर दी थी, मेरी हर ठाप उसकी(uski) चूत में उसकी(uski) बच्चेदानी तक जाती, मेरा लंड उसकी(uski) बच्चेदानी को छू रहा था.

वो भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी ‘उन्ह आह आह सी सी चोद जीजू चोद आह आह उई आह हुई चोद इ अपनी साली(saali) आ आह आह उई उई चोद साली(saali) को आह उई सी सीसी सी सी सी’ करती हुई चुदवा रही थी.

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मैं भी जबरदस्त शाट लगा रहा था, मानो मेरी हर बाल पे छक्का लग रहा था.

मैंने पूछा- क्यों साली(saali) मज़ा आ रहा है न जानेमन?

लता बोली- उई जीजू आह हा बहुत मज़ा आ रहा है… उई आह उई!

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मैंने उसकी(uski) गांड को पकड़ लिया और अब मेरे झटके और तेज हो गए, उसकी(uski) चूत से पानी निकलने लगा, मैंने महसूस किया कि वो झड़ने वाली है तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी(uski) चूत को अपने मुंह में ले लिया.

मैंने जैसे ही अपनी जीभ को उसकी(uski) चूत में डाला तो वो जोर से सिसकारती हुई जबरदस्त अपनी चूत का पानी मेरे मुंह में छोड़ने लगी ‘उ..ई .आ.ह. .आ.ह. .उई. .अ.स.आ.ह ..सी .सी. .सी. .जी.जू. आ.ह ..जी.जू .उ…ई .. उ.ई. चु.द. .ग.ई. आ..ज. .आह.. चु..द .ग.ई.. ..साली(saali).. आ..ह. .आ.ह. .चु.द. ….ग.ई. .आ.प.की. सा.ली. .आ.ह. …उ.ई. .उ.इ.उइ.. .उ.ई. .उ..ई .आ.ह. .आ.ह. .उ.ई. .सी.. ..सी.. ..सी .सी ..सी. .उ.ई…’ उसकी(uski) चूत ने जबरदस्त पानी छोड़ा था और उसकी(uski) पूरी तरह से संतुष्टि हो गई थी.

वो उठ कर बैठ गई और बोली- आह जीजू, मज़ा आ गया आज!

मैंने कहा- साली(saali), अभी मेरा बाकी है!

और मैंने उसे फिर से पकड़ लिया और उसकी(uski) चूत में लौड़ा डाल दिया.

अब मैं तेज गति से उसकी(uski) चूत में लौड़ा दौड़ा रहा था, लता तो झड़ चुकी थी, इस बार तो मैंने अपनी संतुष्टि करनी थी, मेरा पानी भी निकलने वाला ही था.

मैंने लौड़ा उसकी(uski) चूत से निकाला और उसके(uske) मम्मों के पास कर दिया, मैंने लता का हाथ पकड़ा और अपने लौड़े पे धर दिया, वो मेरे लौड़े को सहलाने लगी, और मैंने एक जोरदार मजेदार सिसकारी लेकर अपने लंड का पानी उसके(uske) मम्मों पर छोड़ दिया.

हम दोनों अलग हुए, मैंने रुमाल से अपने लंड को थोडा साफ़ किया और लता ने भी अपनी चूत और मम्मो को साफ़ किया.

वो वाशरूम जाने लगी तो मैं भी साथ ही वाशरूम में घुस गया.

वो बोली- जीजू ये क्या है? मैं नहा लूँ… आप बाद में आना!

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मैंने कहा- जानेमन अब शर्म कैसी, एक साथ ही नहाएँगे ना!

कह कर मैंने अंदर से कुण्डी लगा ली.

वो पेशाब करने लगी थी तो मैंने कहा- जानेमन, आज खड़ी होकर मेर लंड पर पेशाब कर ना!

वो थोड़ी शर्माने लगी.

मैंने कहा- साली(saali), तुझे बेशर्म करने के लिए मुझे तेरी बहन ने बोला है, और आज उसके(uske) आने से पहले पहले तुझे पूरी बेशर्म बनाना है, खड़ी हो जा!

यह सुन कर वो खड़ी हो गई और अपनी चूत को मेरे लंड की तरफ करके कोशिश करने लगी कि पेशाब आ जाये परन्तु पेशाब नहीं आया.

वो बोली- आप भी बड़े बेशर्म हो जीजू, बाहर जाओ आप!

मैंने कहा- अरी साली(saali), बेशर्मी अभी देखी कहाँ है मेरी, इधर देख!

कह कर मैं खड़ा हो गया और अपने शिथिल हुए लंड को उसकी(uski) चूत की तरफ किया और अपने पेशाब की धार उसकी(uski) चूत पर छोड़ दी.

मेरी धार सीधे उसकी(uski) चूत पर पड़ रही थी.

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वो शर्मा गई और बोली- मेरे गंदे जीजू!

मैंने पेशाब कर लिया तो फिर हम साथ में नहाने लगे.

नहाने के बाद बाहर आये, कपड़े पहने तो टाइम देखा, दिन के 12 बजने वाले थे.

हमें पता ही नहीँ चला कि हमें चुदाई करते और मस्ती में कब 3 घंटे निकल गए थे.

फिर हमने एक बार और जबरदस्त सेक्स किया और उससे साली(saali) की रहती शर्म भी दूर हो गई.

रात को मज़े ले लेकर उसकी(uski) बहन को पूरे दिन का कार्यक्रम बतया, वो भी सुन कर मस्त हो गई, फिर रात को हम तीनों ने एक साथ चुदाई की.

हमारा रिश्ता भी मजबूत हो गया, अब जब भी मौका मिलता है तो साली(saali) मुझसे चुदवाने आ जाती है.

फ्रेंड्स, कैसे लगी मेरी कहानी?

मुझे आपकी comments का इतजार रहेगा, आप सभी मेरी कहानियों को इतना प्यार देते हो, इसके लिए आपका धन्यवाद.

 

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