जीजा के मोटे लंड ने मस्त पेला मुझे

Jiju Sali Sex Story: हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम पीहू है और मैं मेरठ में रहती हूँ। मेरी उम्र 25 साल है और मैं सधी-सुधी हूँ। मेरे हसबैंड इंजीनियर हैं, और हम दोनों की सेक्स लाइफ भी ठीक-ठाक है। मैं कभी अपने हसबैंड के अलावा किसी और के बारे में नहीं सोचती थी। पर अचानक मेरी लाइफ में कुछ ऐसा हुआ कि अब मेरी सोच बदल गई है। ये कहानी मेरी और मेरे जीजा जी की है। मेरी दीदी और जीजा जी दिल्ली रहते हैं। उनके 2 बच्चे भी हैं।

अब मैं अपने बारे में आपको बताती हूँ। मेरा रंग गोरा और अच्छी हाइट भी है। मेरा फिगर 34-32-38 है और मैं दिखने में काफी सेक्सी हूँ। तो कहानी यहाँ से शुरू होती है, जब मेरे भाई की शादी थी। मेरा मायका पहाड़ों में है, तो वहाँ ठंड भी बहुत होती है।

शादी में हम सब लोग गए थे, लेकिन मेरे हसबैंड किसी ज़रूरी प्रोजेक्ट की वजह से हमारे साथ नहीं गए थे। वो शादी की रात में ही आने वाले थे। दीदी और जीजा जी लोग भी आए थे। मेहंदी की रात में खाना खाकर हम सब लोग मेहंदी लगाने बैठे हुए थे। उस दिन मेरे जीजा जी ने बहुत ड्रिंक कर रखी थी। हम सब रजाई लेकर बैठे हुए थे।

तभी मेरे जीजा जी आकर मेरे बगल में बैठ गए और मेरे से ऐसे ही मज़ाक करने लगे। वैसे मैं आपको एक बात बता दूँ—मेरे जीजा जी मेरे चक्कर में बहुत पहले से ही रहते थे। पर मैं उनको कभी ज़्यादा मौका नहीं देती थी। वो हमेशा मेरी तारीफ़ करते रहते थे।

और मुझे छेड़ने का मौका ढूंढ़ते रहते थे। मेरी शादी से पहले एक बार उन्होंने मेरे बूब्स प्रेस किए थे अचानक पीछे से। पर मैं उनसे छूट कर भाग गई थी। उसके बाद मैंने कभी इस बात पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। पर आज जीजू पिए होने की वजह से ज़्यादा ही चिपक रहे थे, और मेरे हसबैंड के न होने के कारण उनको आज़ादी भी थी।

वो मेरे से ऐसे ही मज़ाक कर रहे थे—’तू आज तो मेरे साथ सोएगी,’ और बार-बार मेरे बदन पर टच कर रहे थे। कभी मेरी कमर पर थपकी, तो मेरे हाथ मेंहदी लगे होने के कारण मैं उनका विरोध भी नहीं कर पा रही थी। अब वो कुछ ज़्यादा ही छेड़खानी करने लगे थे और मुझे अपने साथ सोने के लिए मना रहे थे।

मैंने परेशान होकर कहा—’मैं दीदी को बोल दूँगी, आप यहाँ से चले जाओ!’ क्योंकि अब मैं भी गरम हो रही थी और मेरा खुद पर से कंट्रोल जा रहा था। जब मैंने दीदी को बोलने की धमकी दी, तो उन्होंने अपना हाथ पीछे खींच लिया और वहाँ से उठे और बोले—’मैं तेरी दीदी की परमिशन लेकर आता हूँ,’ और वो चले गए।

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थोड़ी देर बाद मेरी दीदी आई और मुझे साइड में बुलाकर ले गई और मुझसे बोली—’तेरे जीजू कह रहे हैं कि तू उनके साथ सोना चाहती है।’ मैं शॉक रह गई और गुस्से से लाल हो गई। मैंने दीदी से बोला—’मैंने ये कब कहा उनसे? वो खुद ही मुझे छेड़ रहे हैं और साथ सोने को बोल रहे हैं।’ तो दीदी हँस दी और बोली—’मुझे पता है, तेरे जीजू ही तेरे लिए पागल रहते हैं। वो तो कई बार जब मुझे चोदते हैं, तो तेरा ही नाम लेते हैं। और मुझसे रिक्वेस्ट करते हैं कि एक बार तेरी दिला दूँ।’

फिर दीदी मुझसे बोली—’देख, तेरे हसबैंड भी यहाँ नहीं हैं। तू अपने जीजू की इच्छा पूरी कर दे, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।’ मैंने गुस्से से दीदी से कहा—’तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं है?’ तो दीदी रोने लगी—’अगर तू नहीं जाएगी तो वो मुझ पर गुस्सा करेंगे। तू क्या चाहती है कि मैं दुखी रहूँ?’

मैं क्या करती? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। फिर थोड़ी देर सोचकर मैंने दीदी से बोला—’ठीक है, मैं सोऊँगी, पर तुम भी वहीं सोओगी। और मैं ज़्यादा कुछ नहीं करने दूँगी।’ वो बोली—’ठीक है।’ अब दीदी ने एक रूम में हम सबका बिस्तर लगाया। एक कोने में दीदी के दोनों बच्चे सोए, और फिर दीदी, फिर जीजू, और फिर मैं।

दीदी ने नाइटी पहनी हुई थी और मैंने लेगिंग्स और कुर्ती। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। अब दीदी ने जीजू को बोला—’देखो, मैं ले आई तुम्हारी अमानत। अब जी भर के प्यार करो। मेरी तरफ से आज के लिए तुम्हें पूरी छूट है।’ फिर क्या था, जीजू ने मेरी ओर करवट ली और मेरे पूरे बदन पर हाथ फेरने लगे।

मुझे घबराहट हो रही थी और उनका हाथ हटा रही थी। अब जीजू ने मेरे बूब्स प्रेस करने शुरू किए और मुझे किस करने लगे। पहले मेरे माथे पर, फिर मेरी आँखों पर, फिर कान के नीचे गर्दन पर। मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं। अब जीजू ने मुझे अपनी तरफ खींचा और मेरे लिप्स पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगे। मेरा भी खुद ही मुँह खुल गया। अब मैं भी यही चाहती थी कि जीजू मेरी चुदाई करे। मैं अब कंट्रोल नहीं कर पा रही थी।

अब जीजा ने मेरी कुर्ती ऊपर करके उतार दी और ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स दबाने लगे। अब उन्होंने मेरी ब्रा भी उतार दी। मेरे दोनों बूब्स नंगे उनके सामने थे और वो जोर-जोर से उनको दबाने लगे और निपल्स चूसने लगे और काटने लगे। ‘मेरी जान, कब से तुझे नंगा देखने और छोड़ने का मन था। आज मिली हो तुम… आज तो मैं तुझे छोड़-छोड़ के मजे लूँगा!’

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जीजू ने कम से कम 20 मिनट तक मेरे बूब्स दबाए और चूसे। मैं आह-उह की आवाज़ करने लगी। मेरे दोनों बूब्स लाल हो गए। उधर दीदी भी गरम हो रही थी और अपनी नाइटी ऊपर करके अपनी चूत सहला रही थी। अब जीजू ने मेरी लेगिंग्स उतारी और पैंटी भी एक झटके से नीचे कर दी।

अब उनके सामने मेरी नंगी फूली हुई चूत थी, और मुझे बहुत शर्म आ रही थी। मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं। जीजू मेरी चूत को मुट्ठी में भर के मसल रहे थे और मेरे बदन को किस कर रहे थे। मैं आँखें बंद करके मोआन कर रही थी—’ओह ओह… हाँ हाँ… ओह जीजू… आह्ह्ह!’ और उनके बाल सहला रही थी। फिर जीजू ने मेरी चूत में अपनी उंगली डाल दी। मेरी आह निकल गई और मेरे मुँह से आवाज़ें तेज-तेज निकलने लगीं—’आह आह… ओह्ह्ह…’

काफी देर तक उंगली करते रहे। मेरी चूत पूरी गीली हो गई थी। मैं एक बार झड़ भी चुकी थी। तब तक दीदी उठी और जीजू के सारे कपड़े उतार दिए और बोली—’अब चोद भी दो इसे।’ मैंने जीजू के लंड को देखा—बहुत बड़ा था! फिर जीजू ने अपना लंड मेरे हाथ में दिया और मैं उसे सहलाने लगी। फिर जीजू ने मुझे अपने लंड पर किस करने को बोला। मैंने मना किया, तो उन्होंने अपनी तीन उंगलियाँ मेरी चूत में इतने जोर से डालीं कि मैं चीख पड़ी।

दीदी बोली—’जल्दी से कर ले, नहीं तो तेरी खैर नहीं। ये तेरा बुरा हाल कर देंगे।’ मैं डर के मारे जल्दी से उठी और जीजू का लंड चूसने लगी। पहले तो उबकाई आई, पर बाद में थोड़ा अच्छा लगने लगा और मैं मजे से जीजू के लंड को चूसने लगी। और जीजू मेरे बूब्स दबा रहे थे और मेरी गांड पर हाथ घुमा रहे थे।

थोड़ी देर बाद जीजू ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाला और मेरी दोनों टाँगें चौड़ी करके मेरी चूत पर टिकाया। और एक जोर का झटका मारा—आधा लंड अंदर चला गया। मेरी तो आँखें ही बाहर आ गईं। बहुत मोटा था उनका, मुझे दर्द हो रहा था। फिर जीजू रुके और थोड़ी देर बाद एक जोर का झटका और दिया—पूरा लंड मेरी चूत में समा गया। मैं तड़प के रह गई।

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अब जीजू ने मुझे चोदना शुरू किया। धीरे-धीरे मेरा दर्द कम हुआ, तो मैं भी उछलने लगी। अब जीजू मुझे जोर-जोर से चोद रहे थे। मैं जोर-जोर से आह-आह्ह… ओह-ओह की आवाज़ निकाल रही थी और जीजू को कह रही थी—’जीजू और जोर से चोदो प्लीज़… और जोर से!’ और जीजू मुझे फुल स्पीड में चोदे जा रहे थे। उधर दीदी अपनी चूत में उंगली कर रही थी।

15 मिनट छोड़ने के बाद जीजू मेरी चूत में ही झड़ गए। मैंने उनको कहा कि अंदर क्यों डाला, तो बोले “मेरी निशानी है तेरे लिए”। फिर हम दोनों अलग हुए और दीदी जीजू के लंड को साफ़ करके किस करने लगी। और थोड़ी देर बाद जीजू का फिर खड़ा हो गया और उन्होंने दीदी को चोदना शुरू किया। मैं कपड़े पहनने लगी तो जीजू ने रोक दिया, बोले “रानी अभी क्यों पहन रही हो? अभी तो पूरी रात बाकी है!”

फिर दीदी को छोड़ने के बाद जीजू ने दीदी को बोला कि “तू सो जा, आज मैं अपनी जान को पूरा प्यार दूंगा”। फिर जीजा ने मुझे पूरी रात में 5 बार चोदा अलग-अलग स्टाइल में। ऐसी चुदाई मेरी कभी नहीं हुई थी। मेरी चूत फूल गई थी, पर मुझे बहुत मज़ा आया था। आज पहली बार मुझे चुदवाने में इतना मज़ा आया था। Desi Sali ki chudai

उसके बाद दिन में मेरे हसबैंड भी आ गए, तो जीजू को मौका नहीं मिला। फिर सड़ी निपटने के बाद मेरे हसबैंड को जल्दी जाना था। तो जीजू बोले “मैं इसे ले आऊंगा, आप जाओ”। मेरे हसबैंड चले गए, तो अगले 2 दिन जीजू ने जमकर मेरी चूत मारी। और एक दिन दिल्ली ले जाके भी अपने घर पर मेरी खूब चुदाई की। इस एक हफ्ते में जीजू ने मेरी चूत को चौदा कर दिया था। उनको जब मौका मिलता था, मुझे नंगा करके स्टार्ट हो जाते थे। मेरा मन अब हसबैंड के साथ लगता ही नहीं, बस हर बार जीजू का लंड लेने का मन करता है।

 

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