Female Teacher and Student dirty sex story: मेरा नाम ब्लेंडर सेक्टर है (बिलकुल असली नहीं है नाम) परंतु घटना शत प्रतिशत असली है। मैं गुजरात में वडोदरा शहर में रहता हूँ वैसे हूँ मैं उत्तर प्रदेश से, मेरा शरीर एक दम देखने लायक़ है,रंग एक दम साफ़ है, लंबाई 5’8” है और मेरे हथियार के बारे जानना हो तो सादर आमंत्रण दे ।
यह कहानी तब की है जब मैं अपने बारहवीं कक्षा में था , मेरे स्कूल में एन्युअल फंक्शन की तैयारी चल रही थी। मेरा पूरे स्कूल में अच्छा नाम था और पढ़ने में भी बहुत तेज़ था।
सारी मैडम और लड़कियाँ मुझसे हमेशा प्रसन्न रहती थी। तो एनुअल फंक्शन में मुझे और मेरी क्लासमेट को एंकरिंग करनी थी उसके लिए इंचार्ज के तौर पर सुधा मैडम का नाम था । सुधा मैडम के बारे में बताऊ तो दोस्तों उनकी उम्र 35-40 के बीच में थी और शादीशुदा थी , शायद अपने पति से अलग रहती थी , एकदम गदराया हुआ बदन मांस से भरा हुआ , चाहे कोई भी ड्रेस या सारी पहने तो उनके चूचो का साइज कोई भी अंदाज़ा लगा सकता था ।
गाँड़ भी एक दम बराबर साइज में थी , देखकर मन करता था कि अभी उनके बड़े बड़े दूध पकड़के घट कर जाऊँ । मुझसे पता नहीं क्यों उनका अलग ही लगाव था , पूरे स्कूल में मुझे चिढ़ाते थे उनके नाम से। मेरी क्लासमेट प्रीति जो की हरियाणा से थी दोस्तों तो वो भी एक नंबर की माल थी , एक दम टाइट टाइट चूचे, मस्त गाँड, एक दम दूध जैसी गोरी चिट्टी, कुछ सर भी उस परलाइन मारते थे। मतलब इन दोनों को आप देखलो तो लण्ड अपने आप सलामी दे दे।
इन दोनों का स्वभाव मेरे लिये हमेशा सराहनीय था, भले ही स्कूल की माल थी पर दबदबा तो अपना भी था।
एंकरिंग की तैयारी के लिये मैडम ने हमे अपने घर आने को कहा शाम में , प्रीति कही ना कही मुझे पसंद करती थी इसलिए उसने ख़ुद से रिक्वेस्ट करके मेरे साथ परफॉर्म करना चाहा था ।
रास्ते में मैं प्रीति को लेने गया, उसको देखकर मेरा रोम रोम खड़ा हो गया , एक लाल टाईट टीशर्ट जिसमे से उसका पूरा दूध का फ़ार्म अपना एरिया झलका रहा था, मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उसे बोलही दिया की तुझे देखके मेरे अंदर दूध की कमी महसूस हो रही है। यह सुनकर वो शर्मा के स्माइल देने लगी। मैंने कहा हस मत वरना आज ही डेरी का उद्घाटन कर दूँगा, तो बोली है इतनी हिम्मत तुझमें , तो दोस्तों ये सुनकर मैं काफ़ी सोच में पड़ गया कि क्या था यह ।
हम दोनों घर पहुँचे उनके । प्रीति को देखके मेरा दिमाग़ ऐसे ही झल्लाया हुआ था गेट खुलते ही मेडम को देखकर और पागल हो गया मैं ।
उन्होंने एक सफ़ेद रंग की साड़ी पहनी थी जिसमे से उनके पूरे चूचे और ब्रा साफ़ दिख रही थी , उनको देखकर मैं थोड़ा रुक गया, प्रीति ने मुझे ज़ोर से खींचा और अंदर ले आयी । मैडम मेरा रिएक्शन देखकर लाल हो चुकी थी । हमने अपना एंकरिंग का काम चालू किया कुछ देर बाद जब ख़त्म होने पर आया तो मैडम ने कहा मैं कुछ बना कर लाती हूँ तुम्हारे लिए । मैडम किचन में गई, उनका किचन थोड़ा अंदर तरफ़ था, मैं और प्रीति स्क्रिटप देखने लगे ।
प्रीति मेरे सामने बैठी थी, और वो स्क्रिप्ट पढ़ने के लिए जैसे ही थोड़ी झुकी मेरे सामने उसके विशाल चूचो का दृश्य आ गया । प्रीति ये जानती थी कि मैं कहा देख रहा हूँ। पर उसने अपने आपको सीधा नहीं किया।
मुझसे रहा नहीं गया तो मैं अंदर चुपके से गया देखने की मैडम क्या कर रही है और वापस आकर प्रीति के बग़ल में बैठा, उसने पूछा क्या हुआ ? मैंने कहा हुआ नहीं पर अब होगा, इतना बोलकर मैंने प्रीति का मुँह पकड़ा और उसके होंठों को अपने होंठों में समा लिया।
कुछ सेकिंड उसने कुछ नहीं किया, उसके बाद मुझे ज़ोर से झटका दिया , और बोली क्या कर रहा है तू? हम दोनों कहा है जानता है ना? मैंने कहा अभी चुप रह बस, और फिर उसको चूमने लगा । अब वो मेरा साथ देने लगी । मैंने जल्दी से उसके दोनों चूचो को अपने हाथ में भरा और मुँह टीशर्ट के ऊपर से ही घुमाने लगा ।
प्रीति एक दम कामुक हो गई थी, उसकी आँखें एक दम ऊपर की ओर जा रही थी। मैंने उसके चूचो को एक दम कसके दबाने और रगड़ने लगा।दोनों को एक साथ इतनी तेज़ दबाया की प्रीति की aaaaahhhhh निकल गई। वो सिसकारियाँ भर रही थी aaaaaaahhhh uuuuhhhhh aaahhh aaannnhhh। जैसे ही मैंने नीचे से उसके टीशर्ट में हाथ डाला और ब्रा पर रखा था वैसे ही अंदर से मैडम के बुलाने की आवाज़ आयी।
हम दोनों थम गये एक दम। प्रीति डर गई और अपने आपको सही करने लगी और मुझे थप्पड़ मारा और कहा जा जल्दी वरना आ जाएगी यहाँ। मैंने उसे एक एक चुम्मा दिया और उसके दूध का एक लंबा चूसन लेकर आंदर गया।
अन्दर जब मैं गया तो दोस्तों मैडम का हावभाव देखकर मैं समझ गया कि मैडम ने शायद हमे चुंबन करते देख लिया था। मैं चाहता भी था कि अपना यह रूप उनके सामने दिखा सकू।
मैंने पूछा क्या हुआ मैडम? मैडम कुछ बोली नहीं। मैंने फिर पूछा कुछ काम था क्या मैडम? मैडम ने पूछा क्या कर रहे थे दोनों? मैं ठंडा पड़ गया। मैं चाहता भी था कि मैडम ऐसी कुछ बात मुझसे करे, मैंने कहा मैडम आज प्रीति को देखकर मुझसे रहा नहीं गया, उसकी छाती बहुत पसंद है मुझे। ये सुनकर सुधा मैडम ने मुझे एक झापड़ धरा। मैं सहम सा गया। मैं मैम को देखने लगा लाल होकर। सुधा की आंखे कुछ कहना चाहती थी मुझसे, मैंने सुधा को अपनी ओर कमर से पकड़ के चिपकाकर जोर जोर उन्हें चूमने लगा।
सुधा जैसे पहले से ही इसके लिए तैयार थी, बिना रोके उन्होंने मेरे सर के बाल पकड़े और तेजी से चुंबन करने लगी। मैंने सुधा के ब्लाउज पर हाथ रखकर जोर से उनके चूचो को मसला तो उनकी बहुत तेज से आआआहहहह निकल आयी। सुधा सिसकारिया आआआहहह आआहह हहुहुहुह इश्श्इश्श लेते मुझे कसके चूम रही थी। सुधा को मैं एक दम भूखे भेड़िये की तरह चूम और चूस रहा रहा। मेरे दोनों हाथ उनके चूचो को कसके के मसल रहे थे।
सुधा सिसकारियाँ भरने लगी आह उह आइआह्ह्ह्ह आहआहआहआह । सुधा और मैं एक दम गरम हो चुके थे। मैं सुधा की चूचियों को छोड़ने का नाम नहीं ले रहा था। सुधा में सर पीछे करके मेरे मुँह को अपने ब्लाउज में भड़के मसलने लगी। मैं सातवें आसमान पर था।
उसकी सिसकारियाँ इतनी तेज़ थी कि प्रीति किचन में आ गई और हमे देखकर स्तब्ध रह गई। सुधा ने मुझे छोड़ा मगर मैं प्रीति को देखकर भी सुधा के चूचो से हाथ नहीं हटाया और उसके सामने भी मसलेपड़ा था। सुधा के एक थप्पड़ जड़ा मुझे हल्के हाथ से। मैंने उसको देखकर इशारा किया अंदर चलने का और अपना हाथ सुधा के चूचो से हटाकर प्रीति के चूचो पर रखकर उसे अंदर वाले कमरे में ले गया ।
सुधा पूरे घर को कवर करने लगी और लाइट और खिड़की बंद करने लगी। रूम में मैं प्रीति की टीशर्ट उतार चुका था और उसकी ब्रा खींचके निकाल दी, ये सब इतनी जल्द हुआ कि प्रीति कुछ समझ नहीं पायी और मुझे फिर एक पीछे धकेला। मैंने कहा प्रीति आज हमे एक दूसरे का साथ देना है, इतने में सुधा अंदर आयी और मैंने कहा हम सब एक दूसरे को कई देर से देख चुके है , अब सारी चीज़ भूलकर बस आनंद लेने में फोकस करो। सुधा ने प्रीति को अपनी तरफ़ खींचा और उसके चूचो को स्पर्श करके उसे गरम करने लगी और कहा कि ये बात हमारे तीन के बीच में रहनी चाहिए हमेशा।
मैंने कहा माँ चुदाये सब और प्रीति से कहा मेरे कपड़े उतारो और सुधा की साड़ी मैं उतारने लगा। सुधा का ब्लाउज मैंने फाड़ दिया और ब्रा को खींच के फ़ेक दिया । सुधा के बड़े बड़े चूचे मेरे सामने झूलने लगे और मैं पगलो की तरह उसे चूसने लगा । सुधा मेरे सर को अपने चूचो में दबाए पड़ी थी । प्रीति ने मेरे सारे कपड़े उतारके मुझे अंडरवियर में ला दिया था। सुधा अपना पीटीकोट उतारने लगी, तब तक मैंने प्रीति को झपटे से अपनी तरफ़ खींचा और चूचो पर हाथ रखकर उसके होंठोंको चूसने लगा। प्रीति के मैंने सारे कपड़े उतारके उसे नंगा कर दिया था।
और उधर सुधा ख़ुद पूरी नंगी हो चुकी थी और मैं भी अंडरवियर में था। प्रीति का एक हाथ मैं अपने लण्ड से पकड़ा दिया और प्रीति उसे अंडरवियर के अंदर से ही मसलने लगी । मैंने प्रीति को blowjob देने के लिए कहा तो माना कर दिया उसने । सुधा हँसने लगी और ख़ुद आगे आकर मेरी अंडरवियर उतारी और नीचे बैठकर मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी । लंड को देखकर सुधा काफ़ी खुश हुई थी और थूक लगाकर किसी प्रोफेसॉनल की तरह चूसना चालू कर दिया था ।
सुधा ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और लण्ड चूसने लगी और प्रीति से कहा कि वो मेरे मुँह पर बैठकर चूत चटवाए मुझसे। प्रीति मेरे मुँह पर बैठ गई, प्रीति की चूत एक लाल टाइट थी , लग रहा था जैसे रोज़ साफ़ करती है। दोस्तों मैं भी उस टाइम बारहवीं में ही था तो ज़्यादा तैयार नहीं हुआ था तो जैसेही प्रीति ने अपनी चूत मेरे मुँह पर रखा, मैं पागल कुत्तो की तरह उसे चाटने लगा।
अपनी जीभ उसके अंदर डालने लगा, प्रीति बहुत ज़ोर ज़ोर से आँहें भरने लगी aaahhhh aaaahhhhh uuuuuhhhhhh iiiiissshhhhh aaaaaahhhhh पूरा कमरा उसकी आँहो से गूंज रहा था । प्रीति अपनी चूत मुझसे चटवाते हुए अपने चूचो को ज़ोर ज़ोर से मसल रही थी ।
सुधा मेरे लंड पर थूक लगाकर खूब मज़े से चूस रही थी जैसे कितने सालों से प्यासी बैठी हो । अपने चूचो के बीच में मेरे लंड को लगाकर मसलने लगी , दोस्तों जैसे जैसे मेरे लंड सुपारा ऊपर नीचे होता मेरी ख़ुद की आँहें निकल रही थी । सुधा के लंड चुसाई करते करते प्रीति मेरे मुँह में अपनी चूत चटवाते हुए झड़ गयी, मैं सब पी गया मुझे खट्टा सा लगा था । प्रीति बग़ल में लेट कर लंबी लंबी साँसे लेने लगी ।
मैं उठा और सुधा के मुँह में अपना लंड घुसा कर आगे पीछे करने लगा । मेरा लंड पूरा लाल हो चुका था उस समय, सुधा के थूक से एक दम लाल और गीला। मैं सुधा के सर को टाइट से पकड़के अपने लंड को उसके गले तक पहुँच दिया था और और पूरा अंदर डालके मैं उसके मुँह में झड़ गया। सुधा ने बड़े चाव से पूरा रस पी लिया ।
अब मैं सुधा को बेड पर लिटाकर प्रीति के बग़ल मैं दोनों पर नंगा ही लेट गया। मेरी और प्रीति की साँसे भर रही थी पर सुधा के हिसाब से तो अभी शुरू हुआ था । हमे देखकर सुधा हँसने लगी । लेटेलेटे हम तीनों ने एक दूसरे को ज़ोर ज़ोर से चूमना शुरू किया। फिर सुधा ने मुझे अपनी चूत चाटने के लिए नीचे किया और प्रीति की चूत को अपने मुँह पर लगाकर चाटने लगी। मैं सुधा की चूत चाटने लगा। सुधा ने भी पूरा मैदान साफ़ कर रखा था।
मैं बड़े मज़े से उनकी चूत में उँगली डालकर चूस रहा था। फिर मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने सुधा को बिना बताए अपना लंड उनकी चूत में घुसा दिया। मेरे लिये नया था दोस्तों तो बिना रुके एक बार में मैंने पूरा लंड घुसा दिया। सुधा काँप गई, प्रीति को उन्होंने से बग़ल में झटक दिया और पूरी ऐंठ गई। उन्होंने प्रीति को 69 पोजीशन में करके प्रीति की चूत चाटने लगी और अपनी भी चूत मुझसे चुदवाने के साथ साथ प्रीति से चटवा रही थी । प्रीति कभी मेरे लंड पर अपनी जीभ फेरती और कभी सुधा की चूत में घुसाती।
क़रीब 15 min सुधा की चुदाई करने के बाद उनके अंदर ही झड़ गया। सुधा ने ज़ोर से आँहें भरी और प्रीति एक बार फिर सुधा के मुँह में झड़ गयी।
हम तीनों फिर लेट गये और साँसे भरने लगे ज़ोर ज़ोर से।
फिर कुछ देर बाद मैंने प्रीति की चूत चोदना शुरू किया । इस बार प्रीति के ऊपर सुधा अपनी गाँड़ मेरी तरफ़ करके लेट गई । सुधा प्रीति को चूम रही थी और उसके चूचो को चूस रही थी। मैंने जैसे ही प्रीति की चूत में अपना लंड डाला प्रीति काँप गई और सुधा को कसके जकड़ लिया। मैं प्रीति को जानवरों की तरह चोदना चालू किया। प्रीति ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी , जब ज़्यादा दिक़्क़त होती तो लंड अपना सुधा की गाँड़ में डाल देता।
एक साथ मैं दोनों को चोद रहा था । दोस्तों आपको लगता होगा कि बारहवीं का विद्यार्थी ऐसा कैसे कर सकता है पर पता नहीं उस दिन मेरे अंदर ऊर्जा कैसे aa गई थी । दोनों की चुदाई करते करते क़रीब 13-14min बाद मैं सुधा की गाँड़ में फिरसे झड़ गया। प्रीति की चूत से भी खून आने लगा पर मैं झड़ के सुधा पर लेट गया। कुछ देर बाद हम उठे और तीनों नहाने गये। वहाँ मैंने दोनों को फिरसे एक बार चोदा। फिर उस दिन के बाद हम हर तीन या चार दिन में तीनों साथ चुदाई करते या तो मैं और सुधा अकेले ही ।
मेरी बारहणवी के बाद सुधा का ट्रांसफ़र हो गया था लखनऊ और मैं वहाँ भी उनके साथ सेक्स करने जा चुका हूँ ।
तबसे आज तक सुधा मैं और प्रीति एक ट्रायंगल जैसे हो चुके है ।
दोस्तों कैसी लगी मेरी कहानी, मेरी पहली कहानी । आगे मैं बताऊँगा की कैसे मैंने एक अपनी कहानी की प्रयागराज की पाठिका को उसके घर जाकर चोदाथा।
जो भी अकेली भाभी या महिला मेरे परफॉरमेंस से खुश हो प्लीज़ मुझे blinderspector@gmail.com पर मेल करे मैं ज़रूर आपसे जुड़ूँगा।