भाई ने अपनी सगी बहन को चोदा।

अपने ही घर में Bhai Ne Apne Xxx Bahan Ko Choda! जब बहन को एक लड़के ने प्रोपोज किया, तो भाई ने उसे मना कर दिया। लेकिन रात को अपनी बहन को छूने लगा।

मेरा नाम अश्विनी है और मेरी उम्र २२ वर्ष है।

मेरा घर सोलापुर के एक छोटे से गाँव में है।

मेरी पिछली कहानी

नाराज़ भाभी को ख़ुश किया।

हमारे घर में चार लोग रहते हैं। मेरे पापा, मम्मी और बड़ा भाई।

मैं खेतों में काम करती हूँ।

मेरी माँ सरकारी में एक छोटी सी नौकरी करती हैं।

आंगनवाड़ी में वे बच्चों को खाना बनाकर खिलाती हैं।

मैं बारामती में एमबीए की पढ़ाई कर रहा हूँ।

यह मेरी और मेरे बड़े भाई की कहानी है, जिसमें मेरे Bhai Ne Apne Xxx Bahan Ko Choda है।

प्रिय, ये कोई कल्पना नहीं है। मैं अपनी घटना बताने जा रही हूँ। मैं चाहती हूँ कि मेरी सच्ची कहानी आपको पसंद आएगी।

मेरी हाइट पांच फुट तीन इंच है। मेरे बूब्स 32D, कमर 30 और गांड 34 इंच की हैं।

जब मैं बाहर जाती हूँ, मैं सबसे अच्छे-अच्छे लोगों का पानी निकाल देती हूँ।

जब मैं कॉलेज के पहले वर्ष में थी, मैं एक लड़के को बहुत पसंद करने लगी थी और वह मुझे भी बहुत पसंद करता था।

हम दोनों पहले से ही दोस्त थे, इसलिए मैंने अपने भाई को बताया कि मुझे एक आदमी ने प्रपोज किया है। मैं क्या करूँ?

भाई ने कहा कि उससे बात नहीं करनी चाहिए, उसे मना करना।

भाई भी बहुत गुस्सा था।

मैं उस लड़के को बहुत पसंद करने लगी थी, इसलिए जब भाई ने मना किया तो मेरा दिल टूट गया।

जब भाई का गुस्सा कुछ शांत हुआ, मैंने पूछा-तुम मना करने के लिए क्यों बोल रहे हो?

तो भाई ने बोला कि क्या आप जानते हैं कि लड़के किसी लड़की को अपनी GF बनाने के बाद उसके साथ क्या करते हैं?

मैं ये सब नहीं जानती था, इसलिए उसने मुझे बताया कि अधिकांश लड़के लौंडिया सैट करने के बाद चोद-चाद कर छोड़ देते हैं।

भाई से ये सब सुनकर मुझे बहुत बुरा लगा।

जब मेरे भाई ने सब कुछ स्पष्ट रूप से बताया, तो मैंने कहा, “ओके, मैं ये सब नहीं करूँगी।”

एक दिन घर में कोई नहीं था।

हमारे माता-पिता चार दिन के लिए एक मित्र की शादी में गए हुए थे।

घर पर मैं और भाई ही थे।

मम्मी-पापा के साथ न रहने के कारण मैं कॉलेज नहीं जा पायी।

साथ ही भाई को घर से बाहर जाना पसंद नहीं है। बस घर पर रहकर पढ़ाई करता है या अपने दोस्तों के साथ बैठकर बातें करता है।

साथ ही, उसे अपने माता-पिता के साथ जाना अच्छा नहीं लगता।

उस दिन मैं सारा दिन कॉलेज में थी और सिर्फ भाई की बातों पर ध्यान देता था।

उसने बताया कि प्रेम में लड़का क्या करता है।

जब मैंने अपनी विश्वसनीय सहेली को यह सब बताया, तो वह कहती थी, “हां, ये सच है।”

अब उसके मुँह से भी सुनने में मुझे आश्चर्य हुआ।

वह भी उसकी प्रेमिका थी, इसलिए उससे पूछा: क्या तुम भी वह सब करती हो?

मेरे पास से उठकर चली गई, बिना कुछ कहे।

वह सब उस दिन कॉलेज में पूरे दिन मेरे मन में चलता रहा।

फिर घर आई और नहाने लगी।

उस दिन मैंने पहली बार अपनी चूत में उंगली डाली।

इसलिए मुझे बहुत मजा आया।

कपड़े बदलने के बाद खाना बनाया।

तब तक भाई घर पर नहीं था; अपने दोस्तों के साथ वह कहीं गया था।

दोस्तों के साथ से वह घर आ गया था।

इसे भी पढ़ें   मेरी दूसरी सुहागरात- 1

बाद में हम दोनों ने खाना खाया और अलग-अलग बातें करने लगे।

उस समय मैंने भाई से पूछा कि क्या आपकी कोई प्रेमिका नहीं है।

नहीं है, भाई ने कहा।

मैंने सवाल उठाया: क्यों नहीं है?

“तुम्हारी तरह कोई नहीं है।”

यह सुनकर मुझे कुछ अजीब लगा।

मैंने भाई से पूछा कि मुझमें क्या है जो आपको और कुछ नहीं पसंद आया?

तब भाई ने कहा कि तुम्हें पाने वाला बहुत खुशकिस्मत होगा।

भाई ने मेरी बहुत तारीफ की, यह सुनकर मुझे खुशी हुई।

हमारा घर दो कमरे से बना है; एक में खाना बनाने की जगह है, और दूसरी में हम सभी सोते हैं। उसमें एक ही बेड है..। मम्मी और पापा उस पर सोते हैं, और मैं और भाई नीचे सोते हैं।

मुझे और मेरे भाई को बेड पर सोने के लिए मीठी बहस हो रही थी क्योंकि मम्मी पापा अब नहीं थे।

भाई ने कहा कि हम दोनों एक साथ बेड पर सोते हैं।

यह कहकर भाई ने बहस समाप्त की, और मुझे भी यह पसंद आया।

जिस तरह मेरी सहेली ने सेक्स के बारे में बताया, वही मेरे मन में चल रहा था।

फिर मैं सो गयी।

रात को मैंने अपने पेट पर कुछ हलचल का अनुभव किया।

तो भाई मेरे पेट पर हाथ फेर रहा था, मैंने थोड़ा आंख खोलकर देखा।

मैं भाई को नहीं रोका क्योंकि मुझे अच्छा लग रहा था।

मैं सोने की कोशिश करती रही।

भाई ने मेरी टी-शर्ट को थोड़ा ऊपर किया और मेरी नाभि को चाटने लगा।

उस समय मेरी हालत बहुत खराब होने लगी।

उसने गुलाबी कलर की ब्रा के ऊपर हाथ रखा और मेरी टी-शर्ट को गले तक लाकर छोड़ दिया।

वह मेरा दूध हल्के से दबाने लगा।

मुझे लगता था कि ये मेरे दूध को मुट्ठी में भर देंगे और मुझे बहुत लज्जत होगी।

किंतु मुझे डर था कि कहीं कुछ गलत न हो जाए।

वह मेरी नाभि चाटने के बाद मेरे बूब्स दबाने लगा।

मुझे अब अच्छा लग रहा था।

थोड़ी देर बाद भाई ने मेरी तरफ देखा और मेरे चेहरे पर एक हल्की मुस्कान देखी।

वह समझ गया कि मैं और जाग रहा हूँ। और सोने का नाटक कर रही हूँ।

मेरी आंखें नीचे थीं।

उसने अचानक मेरे होंठों पर अपने होंठ रखकर किस करना शुरू कर दिया।

मैंने अपने भाई को धक्का दिया क्योंकि मुझे ये कुछ अजीब सा लगा।

मैं अपने भाई को बताया कि हम दोनों भाई बहन हैं और ऐसा कुछ नहीं है।

भाई ने कहा, “जब मैं बूब्स दबा रहा था, तो क्यों नहीं रोका?” क्या आप अब भाई बहन का रिश्ता मानती हैं?

मैंने अपने भाई को कहा कि ऐसा नहीं करना चाहिए।

वह बहुत मिन्नते करने लगा, कहते हुए कि सिर्फ एक बार करेंगे, फिर कभी नहीं करेंगे।

मैंने सोचा कि मुझे भी मज़ा आ रहा था, क्या फर्क पड़ता है कि लौड़ा किसी का हो।

तब भी मैंने कड़क भाव से कहा, “ठीक है बस एक बार… और सिर्फ ऊपर से।” मैं कपड़े नहीं उतारूँगा।

मेरा भाई सहमत था।

भाई ने काम शुरू किया।

उसने मेरे मुँह में अपनी पूरी जीभ ठेल दी और अंदर घुमाने लगा।

मैं बहुत खुश थी।

मैं भी उसके साथ किस करने लगी।

वह नीचे आकर मेरे गले को चाटने लगा और मुझे कुछ मिनट किस किया।

मेरे दोनों बूब्स को ब्रा के ऊपर से अपने हाथों से दबाने लगा।

मेरी सांसें तेज हो गईं।

मैं भी पूरी तरह से उसका समर्थन करने लगी थी।

मुझे लगता था कि ये मुझे पूरी तरह से नंगा करके चोद देगा।

इसे भी पढ़ें   इन होटल के उत्कृष्ट मनोरंजन का आनंद।

वह बार-बार मेरी दोनों जाँघों के बीच में चुभने लगा, जैसे उसका लंड कड़क हो रहा था।

मैं उसे रोकने का प्रयास कर रही थी, लेकिन नहीं कर पा रही थी..। मैं भी अच्छा महसूस कर रही थी।

उसने मेरी टी-शर्ट तुरंत उतारी।

मैं अब ब्रा में थी।

वह कभी मुझे किस करता था, ब्रा के ऊपर से मेरे दूध को मुँह में लेता था, तो कभी नाभि या पेट चाटता था।

फिर उसने मेरी शॉर्ट्स उतारी।

अब मैं सिर्फ गुलाबी ब्रा और नीले रंग की पैंटी में रह गयी थी।

मैं बहुत शर्मिंदा थी।

अब भाई भी अपने कपड़े निकालकर चड्डी में मेरे ऊपर आ गया।

मैं उसे किस करने लगी।

उसने मेरे बूब्स को मुँह में लेते हुए ब्रा भी उतारा।

मैं मानो सातवें आसमान पर गयी थी।

वह मेरे बूब्स को इतना प्यार से पी रहा था कि मैं कुछ कह ही नहीं पायी कि इसे मत करो।

फिर उसने मेरी चूत में उंगली डालकर मेरी पैंटी में हाथ डाला।

मेरे मुँह से तेज हँसी निकल गई।

फिर उसने पैंटी भी निकाल दी और चूत के बालों को बीच से हटा कर छेद को देखने लगा।

उसने कहा कि गुलाबी चूत कभी नहीं देखी।

मुझे उस समय बहुत शर्म आ रही थी।

साथ ही भाई ने अपनी चड्डी निकाली।

जब मैंने भाई का लंड देखा, तो मुझे बहुत डर लगा क्योंकि उसका बहुत बड़ा था।

मैंने अपने जीवन में किसी लड़के का लंड नहीं देखा था।

इतना बड़ा लिंग? मैंने अपने भाई से पूछा।

तो भाई ने कहा, “लिंग नहीं, लंड।”

लंड बोलने पर मुझे शर्म आ रही थी।

भाई ने कहा, “मुँह में लंड लेकर देखो, और अच्छा लगेगा।”

मैंने सीधे नहीं कहा।

उसने न जाने कितना जोर दिया कि आप इसे मुँह में लेके देखो।

मैंने उसे स्पष्ट रूप से मना कर दिया, फिर भी मुँह में लंड नहीं लिया।

उसने भी कुछ नहीं कहा और मुझे चूत में उंगली डालने लगा।

फिर वह मुँह से मेरी चूत चाटने लगा।

भाई ने मेरी चूत चाटकर मुझे जन्नत दिखाई दी।

मैं अपनी आंखें बंद करके आहह, आहह, आहह कर रही थी।

भाई ने मेरी चूत को इतना जलाया कि क्या कहूँ। मैंने पहली बार अपनी चूत चटवाई। मुँह से सिर्फ आहह निकलती थी।

वह जोर से अपनी जीभ अंदर डालने की कोशिश कर रहा था।

फिर मेरी चुत से पानी निकलने लगा, और भाई उसे पी गया।

उसने मेरे होंठों पर फिर से किस किया, जिससे मेरे मुँह में कुछ नमकीन आ गया।

मैं इससे खुश नहीं थी।

मैंने पूछा कि ऐसा क्यों लग रहा था कि वह नमकीन है?

तुम्हारी चूत का पानी है, उसने कहा।

मैंने कुछ नहीं कहा।

भाई ने कहा कि एक तकिया दे दो।

मैंने उसे दी।

उसने कहा कि कमर में दर्द होगा, सहन करो।

मैंने भी कहा: हां, ठीक है।

उसने लंड डालने के लिए मेरे पैरों को फैला दिया।

उसने पहले मुझे किस किया, फिर चूत में अपना लंड डालने लगा।

पहली बार मुझे दर्द हुआ तो उसका लौड़ा मेरी चूत से फिसल गया।

मैं पीछे हटी।

भाई ने फिर से लंड पकड़ा और थोड़ा जोर से धक्का लगाया।

इस बार उसका लंड थोड़ा अंदर गया।

आह, बहुत दर्द हुआ..। मैं मर ही गयी। मेरी सांस अटक गई।

मेरी आंखों से आंसू बहने लगे क्योंकि बहुत दर्द हो रहा था।

मैंने भाई को बताया, “मुझे कुछ नहीं करना, आह, मुझे छोड़ दो।”

लेकिन अब वह कुछ सुनने कहा वाला था।

वह मुझे किस करने लगा और मैं अपने बूब्स दबाने लगी।

इसे भी पढ़ें   भाई मेरी पैंटी में हाथ घुसाने लगा

मैं थोड़ा खुश थी।

उसने एक और धक्का दिया, तो मुझे लगता था कि एक गर्म लोहे का रॉड मेरे अंदर घुस गया है।

अभी भी उसका आधा ही गया था।

फिर उसने किस करते समय पूरा लंड डाल दिया।

मैं बहुत दुखी थी।

भाई इसे देखकर रुक गया।

वह मेरे बूब्स को दबा रहा था और कभी-कभी किस करने लगता था।

मैं उससे बचने का प्रयास कर रही थी।

पर मेरी हर कोशिश असफल रही।

अब अश्विनी को दर्द नहीं होगा, भाई ने कहा।

पर उसे क्या पता था कि मेरा दर्द कितना था?

मेरी बच्चेदानी उसके लंड से टकरा रही थी।

मैं आहहह आहहह कर रही थी।

पर एक बात थी कि कुछ देर बाद मुझे बहुत अच्छा लगने लगा।

मैंने कहा, भाई, थोड़ा धीरे करो, जब उसने गति बढ़ा दी।

भाई बहुत तेजी से अपना लंड मेरी चूत में डाल रहा था।

मैं आहह कर रही थी।

दस मिनट बीत चुके थे जब वह चोदने लगा।

मेरा पानी बहने लगा जब भाई ने मुझे चोदा।

लेकिन भाई का काम नहीं हुआ।

वह लौड़े को तेजी से आगे पीछे कर रहा था।

मैं निढाल होकर उसके लंड को अपनी चूत में घुसता हुआ महसूस कर रही थी।

कुछ समय बाद मैं फिर से गर्म हो गयी।

अब मेरी मदमस्त आवाज भाई को गर्म कर दी।

उसका लंड सगी बहन की चूत में तेज होने लगा।

मैं भी उसका साथ देने लगी, अपनी गांड उठा उठा कर।

भाई ने पूछा कि आपका क्या अनुभव है?

मैंने कहा: यह बहुत अच्छा है! तुम अपनी बहन को चोदो, आह।

तब भाई ने कहा, “बहन, मैं तो चोद बन गया हूँ।” यह सिर्फ शुरूआत है। देखो, मैं तुम्हें भोसड़ा बनाने वाला हूँ।

यह सुनकर मेरा मन और उत्साहित हो गया और मैं और तेज आहहह ओहहह करने लगा।

अब उसका पानी निकलने वाला था, इसलिए वह अश्विनी से जल्दी पूछा, कहां निकाल दूँ?

मैंने कहा, “भाई, आज पहली बार चूत चुदी हुई है।” तो अंदर छोड़ दो।

उसने अपनी चुदाई की गति बढ़ा दी, जिससे उसका रस मेरे अंदर निकलने लगा।

कुछ लावा मेरी चूत में घुस गया।

वह मेरे ऊपर कटी हुई डाल सा गिर गया और सो गया।

साथ ही मैंने उसे अपनी बांहों में कस लिया।

हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे और अपनी सांसों को नियंत्रित करते रहे।

फिर भाई ने मेरी चूत से अपना लंड निकाला और मेरे बगल में लेट गया।

हम दोनों मिलकर प्यार से काम करने लगे।

मैंने उससे पूछा कि क्या आप चुदाई को बहुत बुरा बता रहे थे? यह तो बहुत मनोरंजनपूर्ण था!

हां, मैं तेरी पहली चुदाई करना चाहता था, वह हंस कर बोला।

हम हंसने लगे।

मेरे भाई ने मुझे फिर एक बार चोदा, फिर हम दोनों नंगे ही सो गए।

मुझसे सुबह उठा भी नहीं जा रहा था तो भाई से कहा।

उसने मुझे अपने गोदी में उठाया और बाथरूम में ले गया।

बाद में भाई ने नाश्ता और कुछ दवा लाया और मेरी चूत पर तेल लगाया।

मेरी चूत सहलाते हुए भाई ने कहा कि इससे आराम मिलेगा।

मेरी पहली बार की चुदाई में मेरी पूरी चूत सूज गई।

अब मैं अगली कहानी में बताऊँगी कि भाई ने मेरी गांड मारी और मुझे अपना लंड चटवाया।

मैं अपने भाई की रंडी बन गयी कैसे?

मैं आशा करती हूँ कि आपको यह Bhai Ne Apne Xxx Bahan Ko Choda कहानी पसंद आई होगी।

आप मुझे ईमेल से अवश्य सूचित करें।

Report this post

Leave a Comment