भईया के जाने के बाद भाभी की चुदाई | Bhabhi Ki Vasna Chudai Ki Kahani

Bhabhi Ki Vasna Chudai Ki Kahani, जब मेरी मकान मालकिन भाभी ने मुझे लाइन देनी शुरू की, तो मैं बिहारी भाभी की वासना का लाभ उठाया। मैंने भी मौके का फायदा उठाकर उनसे दोस्ती की और उनके साथ काम किया।

अंकुश मेरा नाम है। मेरी हाईट पांच फीट छह इंच है, और मेरा औजार, यानी लौड़ा, छह इंच लंबा और तीन इंच मोटा है।
मैं अधिक नहीं कहना चाहता; किसी ने अभी तक मेरे लन्ड की शिकायत नहीं की है।

यह मेरा पहला लेख है।
मित्रों, कुछ त्रुटि होने पर माफ करना।

तीन साल पहले, मैं अपने गांव से देवरिया शहर में अपने मास्टर की पढ़ाई करने गया था।
मैं पढ़ाई के लिए इस स्थान को चुना क्योंकि यह मेरे गांव से बहुत दूर नहीं था।

मैंने घर में सबको यह बात बताई जब मैं कॉलेज की काउंसलिंग करा ली।
इस बार हमारे पास एक नजदीक कॉलेज था, इससे हर कोई खुश था।

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सब लोगों को घर के नजदीक कॉलेज मिलने की खुशी थी क्योंकि मैं पहले काफी दूर रहकर पढ़ाई करता था।

कुछ दिन बीतने के बाद मैं कमरे की तलाश में निकला।

कॉलेज से एक किलोमीटर की दूरी पर एक कमरा मिला, जिसमें सिर्फ पांच लोग रहते थे; इस कहानी की नायिका शालिनी (बदला हुआ नाम) भाभी, उनका चार साल का बेटा, उनकी बहू, उनका बेटा और अंकल,

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शालिनी भाभी बहुत आकर्षक थी, हालांकि उसका रंग गेहुंआ था।
मुझे बाद में पता चला कि उनका फिगर 34-30-36 था। उनकी हाईट लगभग पांच फीट तीन इंच की थी।

मेरे किसी रिश्तेदार ने मुझे कमरा दिलाया था, इसलिए मुझे उनके परिवार में घुलने में बहुत समय नहीं लगा।
मैं शालिनी भाभी से कम बात करता रहता और बाकी लोग सबसे ज्यादा बात करते रहते हैं।

कुछ दिन ऐसे बीत गए, सब कुछ सामान्य रूप से चला गया।

रात को पढ़ाई करते हुए मुझे भाभी की कमरे से कुछ आवाजें सुनाई दीं।

अंकल और आंटी उस दिन कहीं बाहर गए हुए थे।
घर पर छत पर बने कमरे में मैं था, जिसमें भैया भाभी और उनका चार साल का लड़का नीचे थे।

भाभी भईया को कुछ परेशान कर रहा था।
पर मैं कुछ नहीं बोल पाया और सो गया।

अगले दिन जब मैं कॉलेज के लिए तैयार होकर सीढ़ियों से उतर रहा था, मैंने देखा कि भाभी मुझे ही देख रही थी।
मैंने भाभी को शुभकामना दी और चला गया।

जब मैं कॉलेज से बाहर आया, भईया बरामदे में कुर्सी पर बैठकर मुस्कुरा रहे थे।

मैंने पूछा: भाई, आप बहुत हँस रहे हैं?
भईया, मेरा वीजा प्राप्त हो गया है।

मैं-वाह, भईया, इसके बाद उत्सव होना चाहिए।
मैंने मजाक किया।
ठीक है भईया, तू मेरा भाई है।

मैं ऊपर कमरे में आकर सारे कपड़े निकालकर सो गया।
जब भी मैं कॉलेज से बाहर आता था, मैं पूरे ऊपर के कपड़े निकालकर पंखा चलाकर सो जाता था।

थोड़ी देर बाद मैं उठकर देखा कि भाभी मेरे सामने बैठी हुई है और मुझे देख रही है।

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मैंने पूछा, भाभी, तुम कब आई?
भाभी, मैं सिर्फ अभी आया हूँ। उसने कहा कि आज रात आप हमारे साथ खाओगे।
मैं कहता हूँ, ओके भाभी!

भाभी, मैं चलता हूँ क्योंकि मेरे पास काम है।
मैं-हाँ, भाभी।

मेरा मूड खराब हो गया जब भाभी जा रही थी और उनकी गांड हिलती थी।
जब मैं बाथरूम में गया और मुठ मारी, मेरा लिंग शांत हो गया।

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दो घंटे बाद भाईया ने फोन किया और कहा कि आओ, खाना तैयार है।

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जब सभी खाना खा रहे थे, भाभी मुझे अजीब तरह से देखती थी और मुझे स्माइल देती थी।

मैंने सोचा कि भाभी की चूत की खुजली मिट नहीं रही है, इसलिए आज कल भाभी मुझे अजीब तरह से देखती है।

वह भी बार-बार मेरे सामने अपने साड़ी के पल्लू को सही करती थी।
जब भी उनका पल्लू नीचे आता, उनके 34 साइज के दूध का क्लीवेज दिखाई देता।
मैंने पाया कि बिहारी भाभी की वासना बहुत तीव्र है।

मैंने खाना खत्म करते ही ऊपर कमरे में आकर उनको फिर से याद करके मुठ मारी। मेरा लिंग हिलाता रहा जब तक वह शांत नहीं हुआ।

मैं भाभी को चोदना चाहता था, लेकिन मैं नहीं जानता था कि वह क्या चाहती थी।
लेकिन वह उनसे ज्यादा बात नहीं कर सकता था और उनको चोद भी नहीं सकता था।
मैं हमेशा घर पर रहते थे, इसलिए मेरी भाभी से बात करने में मुश्किल होती थी।

कुछ दिन बीतने के बाद, दो साल के लिए भईया को दुबई जाना पड़ा।

मैं उनके साथ लखनऊ एयरपोर्ट पर उनको छोड़ने निकल गया।

दोनों रातों में हमने ट्रेन ली और समय पर लखनऊ एयरपोर्ट पहुंच गए क्योंकि उनकी अगली सुबह फ्लाइट थी।

जब मैं वहाँ पहुंचा, भैया ने मुझे बताया, “अंकुश, देखो, तू अभी घर में अकेला है, मम्मी पापा और अपनी भाभी का ध्यान रखना।” उन्हें कोई समस्या होने पर मदद करें।
मुझे भईया ने बताया।

मैं कहता हूँ कि आप टेंशन नहीं लेना चाहिए, भैया। मैं नहीं हूँ।

फिर भईया ने हवाई जहाज पकड़ लिया और मैं घर आ गया।

जब वह घर पहुंचा, हर कोई पूछा कि क्या वे सही से बैठ गए थे।
मैंने हाँ कहा।

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मैं आंटी को बताया कि मैं अभी नहीं हूँ, जब मैं उनकी आंखों में आंसू देखा। मैं आप सब का ध्यान रखूंगा, इसलिए टेंशन मत लो।

वास्तव में, भईया पहली बार विदेश में काम करने जा रहे थे।

मैं लखनऊ से भईया को छोड़कर अपने कमरे में सो गया।

मैं कुछ समय बाद सोकर उठा तो भाभी का फोन आया था।

जब मैं फोन वापस लिया, भाभी ने कहा, “थोड़ा नीचे आना।”
मैं ओके कहता हूँ।

भाभी, कल मैं कुछ दिनों के लिए अपने मायके जाना है।
मैं: भाभी, क्या हुआ?
भाभी, मेरे भाई की बीवी एक बच्चे को जन्म दिया है। सब लोग अस्पताल में हैं। कल मुझे जाना होगा।

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मैं-अंकल आंटी, क्या आप जानते हैं?
हाँ, भाभी, मेरे पिता ने फोन करके बताया।
मैं—ठीक है, फिर कल चलेंगे!

तब तक अंकल ने आकर कहा कि इसे कल अपने घर छोड़ देना चाहिए।
मैं: अंकल, कल मेरा कॉलेज है!
अंकल: कॉलेज छोड़ने से पहले छोड़ो। बूढ़ा हो गया हूँ। अगर मैं युवा होता तो तुम्हें क्यों बताता?
मैं—ठीक है, अंकल, मैं चला जाऊंगा।

मैं भी गुस्सा था कि भाभी को अभी जाना चाहिए था क्या?

हम अगले दिन जा रहे थे, रास्ते में भाभी ने मुझसे पूछा, “अंकुश, क्या हुआ? क्या तुम अपने भाभी से गुस्सा हो?
मैं- नहीं, मैं तुम्हें क्यों गुस्सा करूँगा? बात करने का सिर्फ मन नहीं था!

मैं भाभी को उनके घर ले गया और रात में ही उनके कमरे पर पहुंचा।
मेरे आते ही मैं सो गया।

जब मैं सुबह उठ गया, तो मैंने देखा कि भाभी से कई मिस कॉल आए हुए थे।
फोन साइलेंट करके ही मैं सोता हूँ।

मैं उठकर नहाया, ब्रेकफास्ट किया और कॉलेज गया।

दिन में भी भाभी मुझे कई बार फोन की, लेकिन मैंने फोन नहीं उठाया।

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शाम को मैंने भाभी को फोन किया, तो वह गुस्से से बोली, “तुम फोन क्यों नहीं उठा रहे थे?”
मैं पूरी रात सो गया था। अब मैं कॉलेज में था, तो इसे कैसे पूरा करता?

तुम इतना व्यस्त थे कि दो मिनट तक बात नहीं कर सकते थे, भाभी?
मैं—हां, मैं व्यस्त था और कुछ
भाभी—ठीक है। कहो..। मैं इस समय कॉल नहीं करूँगा।
और फोन उठाया।

मैंने एक बार फिर फोन किया और सॉरी कहा।

भाभी, मेरे प्रति आपका गुस्सा क्यों था?
मैं-तुम क्यों नहीं जानते?
भाभी, मुझे पता कैसे चलेगा? अगर बताओगे तो मैं नहीं जानूँगा!
मैं कहता हूँ कि तुम इतनी मूर्ख मत बनो!

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भाभी, क्या बताना चाहते हो?
मैं: आप मुझे किस दृष्टि से देखते थे और बार-बार अपनी साड़ी का पल्लू मेरे सामने गिरा देते थे?
भाभी, मेरी राय क्या है? मैं तुम्हें किस तरह देखता हूँ?

मैं—उस दिन तुम मुझे हवस से देख रहे थे। क्या यह सही है?
भाभी, मैं देखते हुए..। मैं देख रही थी क्योंकि मेरा पति मुझे संतुष्ट नहीं कर पाया था।
मुझे फिर से प्यास बुझा दो, भाभी!

ठीक है, तैयार रहो, भाभी ने हंसते हुए कहा। मैं आकर तुमको खाऊंगा!
मैं देखता हूँ कि कौन खाता है!
भाभी: हाय! रात में मैं बात करता हूँ।
मैंने कहा: ठीक है।

रात में भाभी ने कहा, “हे देवर जी, कैसे हो?”
मैं-ठीक हूँ भाभी, लेकिन आपको अभी देवर की याद क्यों आई?

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भाभी, नहीं तो..। आप पूरी तरह से याद आते हैं! लेकिन यहाँ रिश्तेदार भी हैं, तो क्या करें? तो उन्हें भी देखना होगा।
मैं—ठीक है, भाभी, उनके बारे में सोचो!

भाभी, मैं उनका निरीक्षण क्यों करूँ? मैं तुम्हें देखना चाहता हूँ।
मैं आपको क्यों नहीं देखा?

भाभी, मैंने पागल को देखा है, लेकिन वह तुम्हारा होना चाहिए।
मैं पूछता हूँ कि क्या देखना है, भाभी?

भाभी, अपने पैंट में छिपा हुआ हथियार दिखाओ!
मैं: विडियो कॉल करो।

जब मैंने उन्हें अपना लन्ड दिखाया, जो छह इंच लंबा और तीन इंच मोटा था, तो वे रोने लगे।

मैंने पूछा, भाभी, क्या तुमने ऐसा कुछ नहीं देखा?

भाभी, इतना लंबा और मोटा भी पर्याप्त है। मेरे हसबैंड की तुलना में बहुत मोटा और लंबा है।
मैं: वे कितना बड़े हैं?
भाभी, वे आपसे छोटे और पतले हैं।

मैं पूछता हूँ, भाभी, क्या तुम इसे अपने गुप्तांग में डाल देगी?
भाभी, मैं सिर्फ इसे खाऊंगा। जान अब नहीं रहती..। तुम कल मुझे ले आओ!

मैं—भाभी, मैं आऊंगा..। उससे पहले आज कुछ मज़ा करेंगे?
भाभी, मजे कैसे करेंगे?

मैं, भाभी, आज आपको पूरी तरह से नग्न देखना चाहता हूँ। तुम्हारे गांड और चूत बूब्स दिखाओ!

भाभी ने ब्लाउज खोला।
उन्हें लाल ब्रा पहनी हुई थी।
उनके चूचे इतने सुंदर लग रहे थे..। उम्हाह्ह्ह्ह!

मैंने भाभी से कहा कि मुझे पूरी तरह से नंगी देखना है।
तब भाभी मान गई।

मैं अपने लिंग को हिलाता रहा जब भाभी अपने सारे कपड़े एक-एक करके निकलती गई।

उनके टाइट चूचे इतने सुंदर थे!
यह लगता था कि भाई ने उनको सही तरह से नहीं चूसा था।

उनका चिकना और गेहुंआ शरीर मेरे होश उड़ा रहा था।
मैं अभी जाकर भाभी को चोदना चाहता था।

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जब भाभी ने अपनी पैंटी उतारी, तो उसकी चूत कितनी सुंदर थी!
प्रिय, मैं आपको शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता।

मैंने कहा, भाभी, अपनी चूत को फैलाकर दिखाओ..। उसमें उंगली नहीं करना चाहते? मैं आपकी चूत के रस पीना चाहता हूँ।
भाभी: ओके देवर जी, अपनी छोटी भाभी की चूत देखो!

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मैं-भाभी, एक बार मुझसे सेक्स किया होता..। भाभी, इतनी सुंदर चूत लेकर भाग गई?
राजा, आप टेंशन नहीं लेना चाहिए, भाभी। आपका मोटा काला लन्ड जल्दी ही इस चूत में होगा। अपने देवर से चुदवाने के लिए जल्दी आऊंगा! मैं भी परेशान हूँ, जान। तुम्हारे भाई मुझे संतुष्ट नहीं कर सकते। उस दिन हमारा संघर्ष हुआ।

विडियो कॉलिंग पर हम दोनों ने इसी तरह बात की।
दोनों एक दूसरे को शरीर दिखाते हुए झड़ गए।

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मैं अपने लिंग को हिलाते हुए भाभी का दूध दबाते हुए देख रहा था।
हम खुश होकर एक दूसरे के पानी से निकलकर सो गए।

अगले दिन जब मैं उठा तो मैंने देखा कि भाभी ने अपनी कई न्यूड फोटो पोस्ट की थीं।

उनका शरीर इतना सुंदर था!

ऊपर से मैंने भाभी को बहुत देखा था, लेकिन न्यूड भाभी को देखकर मेरा लिंग खड़ा हो गया।
फिर मैंने भाभी की तस्वीर देखकर खुश होकर कॉलेज चला गया।

जब मैं कॉलेज जा रहा था, सोच रहा था कि आज भाभी को लेने जाना है, तो मेरे मन में उनकी फोटो थी।
मेरे जींस में मेरा लन्ड खड़ा होकर दर्द करने लगा।

जब मैं शाम को कॉलेज से बाहर आया तो अंकल ने कहा कि मैं शालिनी को लेकर आऊँगा क्योंकि वह आने को कह रही थी।

एक घंटे तक साइकिल चलाकर भाभी के घर पहुंचा।
लेकिन भाभी वहां नहीं थी, और सभी मित्र भी चले गए।

दस मिनट के बाद मेरे लिए एक लड़की चाय लेकर आई, जो बहुत सुंदर लग रही थी।
मैं सिर्फ उसकी ओर देख रहा था जब वह चली गई।

किसी ने धीरे से मेरे पीछे से मेरे कान में कहा: क्या देख रहे हो?
पीछे मुड़कर देखा तो भाभी दिखाई दी।
वह मुझे देखकर हंस पड़ी।

मैं आप कहां थे? यह लड़की भी कौन है?
आरती मेरी छोटी बहन है, भाभी।

मैं: ओह।

फिर मैंने कहा, भाभी, जल्दी उठो, चलते हैं!
भाभी ने हंसते हुए पूछा, “तुम्हारा लन्ड मानने में क्यों नहीं आ रहा है?”
मैं: मैं नहीं आ रहा हूँ। मैं बहुत इंतजार कर रहा हूँ, आपको चोदना है!

भाभी, हम आज नहीं जाएंगे; कल सुबह जाएंगे।
मैं: तुम नहीं जानते कि मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ। तो आज मुझे फोन क्यों किया?
भाभी, तुम्हारे साथ खेलने के लिए!

मैं, लेकिन यहाँ कैसे करूँगा?
तुम टेंशन मत लो, भाभी, मैं कुछ कर लूंगी।

अगले भाग में आप पढ़ेंगे कि भाभी ने मुझे अपने ही घर में कैसे मार डाला।

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