प्रतिभा भाभीजी की दीदी को बजाया-1 | Bhabhi ki Didi ki xxx Chudai Kahani

Bhabhi ki Didi xxx Chudai Kahani,चूत और लण्ड के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम।मैं रोहित एकबार फिर से आप सबके बीच में एक नई कहानी लेकर हाज़िर हूँ। मैं 22 साल का नौजवान लोंडा हूँ। मेरा लण्ड 7 इंच लंबा है जो किसी भी चूत के पंख फाड़ सकता है। मेरा लण्ड जिस किसी भी चूत में घुसता है तो फिर उसे जमकर बजाता है।

मैं गांव में रहकर पढाई कर रहा था और साथ में चूत का आनंद भी भरपूर ले रहा था। फिर मुझे कोचिंग करने के लिए कोटा आना पड़ा और फिर यहाँ आकर मुझे हमारे दूर के रिश्तेदार के यहाँ रूम मिल गया।

तभी मेरा सेटिंग मकान मालिक की दोनो बहूँओ से हो गया। अब मैं मकान मालिक की दोनो बहुए यानि महिमा भाभीजी और प्रतिभा भाभीजी को जमकर चोद रहा था।

मेरा रूम छत था और मकान मालिक की फैमली नीचे ग्राउंड फ्लोर पर रहती थी। मेरे लंड के फूल मजे हो रहे थे। तभी प्रतिभा भाभी की दीदी भाभी से मिलने के लिए आई। भाभी की दीदी भी उनकी तरह ही एकदम मस्त बिंदास माल है।

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तभी दीदी को देखकर मेरा लंड फडक उठा। गरिमा दीदी एकदम मस्त रसमलाई सी थी। उनके मस्त गुलाबी होंठ, गौरा चिकना जिस्म, बड़े बड़े टाइट बोबे,मदमस्त गांड किसी भी लंड मे आग लगा सकती है।

गरिमा दीदी लगभग 36 साल की है।वो एकदम गौरे चिकने जिस्म की मालकिन है। दीदी के दो बच्चे होने के बावजूद भी दीदी का सेक्सी जिस्म  किसी को भी पागल कर सकता था।। दीदी के बोबो की कसावट उनके ब्लाउज मे से साफ साफ नजर आती है।

प्रतिभा भाभीजी की दीदी को बजाया-1 | Bhabhi ki Didi ki xxx Chudai Kahani

दीदी की चिकनी कमर लगभग 32 साइज की है। दीदी की चिकनी कमर पर उनका गौरा चिकना पेट भाभी को और ज्यादा सेक्सी बनाता है। दीदी की मदमस्त गांड लगभग 34 साइज की है।भाभी की गांड का नज़ारा उनकी साड़ी में से बहुत अच्छी तरह से दिखता है।

खैर अब दीदी आराम करने लगी। अब शाम को भाभी उनकी दीदी को लेकर छत पर आई।अब भाभी उनकी दीदी से मेरी जान पहचान कराने लगी।

अब दीदी से बातचीत का रहा था। मेरा ध्यान दीदी के जिस्म पर टिका हुआ था। मै उनके रसभरे जिस्म को ताड़ रहा था। इधर मेरा लंड फूलकर कुप्पा हो रहा था।

फिर दीदी मुझसे बातचीत करके वापस भाभी के साथ चली गई। अब मैं दीदी के मदमस्त जिस्म को देखकर पूरी रात सो नही पाया। मै दीदी के ख्यालो मे खोटा हुआ पूरी रात लण्ड को मसलता रहा।फिर मौका पाकर मैने महिमा भाभी की चुत मे मेरे लंड की आग बुझाई।

अब अगले दिन शाम को भाभी के साथ उनकी दीदी भी छत पर घूमने आई। अब मैं भी उनके साथ घूमने लग गया। अब मैं धीरे धीरे दीदी के साथ जान पहचान बढ़ा रहा था।

तभी भाभी नीचे चली गई। अब छत पर गरिमा दीदी और हम दोनो ही थे।तभी मैने सोचा यही सही मौका है दीदी को पटानें का। तभी मैं दीदी की तारीफ करने लगा।

“दीदी आप बहुत ही सुंदर हो। एकदम रसमलाई सी।”

तभी दीदी उनकी तारीफ सुनकर मुस्कराने लगी।

“सच मे दीदी आप बहुत ज्यादा सुंदर हो। लगता

ही नही कि आप दो बच्चो की मम्मी हो। अभी तो आप भाभी से भी ज्यादा हॉट लगती हो। “

“अच्छा, अच्छा ठीक है। अब इतनी भी ज्यादा तारीफ मत कर मेरी कि मैं हवा मे उड़ जाऊँ। “

तभी मैने दीदी पर तगडा पंच मारा।

“दीदी मै तो एकदम सच्ची कह रहा हूँ। अब आप चाहो तो मै आपको हवा मे भी उडा सकता हूँ। “

तभी दीदी मेरी बात सुनकर सकपका गई। उनके चेहरे का रंग उड़ चुका था। वो मेरी बात का मतलब साफ साफ समझ रही थी।

तभी मैने मौका देखकर दीदी के हाथ पकड़ लिए। “बोलो दीदी।”

“नही नही मुझे हवा मे नही उड़ना है। मेरी इतनी तारीफ ही काफी है। “

तभी मैने सोचा दीदी को आज मेरे इरादे बता ही देता हूँ। तभी मैने दीदी से कहा “दीदी मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो। आप उपर से लेकर नीचे तक एकदम सेक्सी हो।”

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अब मेरी बात सुनकर दीदी चुप सी हो गई। वो अब चलती हुई फोन देखने लग गई। अब दीदी साफ साफ समझ गई थी कि मैं उनकी लेना चाहता हूँ।

तभी मैने मौका देखकर दीदी की गांड पर हाथ फेर दिया।दीदी ने कुछ नही कहा। दीदी मेरे साथ इधर उधर की बातें का रही थी। अब मै दीदी के सामने ही मेरे लंड को मसलने लगा। दीदी मेरे लंड को ताड़ रही थी। तभी मै दीदी को बिस्तर पर चलने के लिए कहने लगा

” दीदी चलो ना अंदर। “

” नही रोहित मुझे काम् है। मै तो जा रही हूँ। “

फिर दीदी नीचे चली गई।अब मै समझ चुका था कि अगर मौका मिल जाए तो मै दीदी की ले सकता हूं।

अब अगले दिन् मै नीचे ग्राउंड फ्लोर पर चला गया।दीदी सोफे पर बैठकर टीवी देख रही थी। दोनो भाभी भी उनके साथ ही बैठी थी। तभी मैं जाकर दीदी के साथ बैठ गया।

अब मै दीदी को ताड़ रहा था। तभी प्रतिभा भाभीजी तुरंत समझ गई कि मै उनकी दीदी की लेना चाहता हूँ। गरिमा दीदी आराम से मेरे साथ बात कर रही थी। वो अच्छी तरह से जानंती थी कि मैं उनकी लेने की कोशिश का रहा हूं।

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फिर प्रतिभा भाभी काम के बहाने से मुझे उनके कमरे मे ले गई। तभी भाभी मुस्कुराने लगी

“रोहित तू आजकल मेरी दीदी की कुछ ज्यादा ही तारीफ कर रहा है।”

“हाँ यार भाभी। बहुत खूबसूरत है आपकी दीदी। “

” अच्छा! ,हाँ भाभी, मै उनकी खूबसूरती को चखना चाहता हूं।”

“कमीने मेरी दीदी है वो। “

“तो दीदी हुई तो क्या हुआ। है तो वो भी एक चूत ही। उनको को भी तो नया लंड लेने की ज़रूरत है। “

“नहीं यार ये सही नही है। अगर वो बुरा मान गई तो सारा भांडा फुट जाएगा। “

” अरे भाभी भांडा फूटने की नोबत नही आएगी। आप चिंता मत करो। आप तो सिर्फ आपकी दीदी को चुदवाने का इंतज़ाम करवाओ। “

“यार तू मरवायेगा मुझे भी। “

” अरे भाभी,  आप डरो मत। “

” ठीक है मै तुझे दीदी को बजाने का मौका दे देती हूं लेकिन तू दीदी से कोई जोर ज़बर्दस्ती नही करेगा। अगर वो मान जाती है तो तु उनकी ले लेना। “

” हाँ ठीक है भाभी। “

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अब मै सही मौके का इंतज़ार करने लगा। अब दीदी शाम को फिर छत पर आ गई। अब मै फिर से दीदी के साथ लग गया और अब मै दीदी की बहिन के साथ मे ही उनकी जमकर तारीफ करने लगा।

दीदी सिर्फ मुस्कुरा रही थी।अब मुझे दीदी की आँखों मे लंड लेने की चमक साफ साफ नजर आ रही थी। तभी मैने भाभी के सामने ही उनकी गांड पर हाथ फेरने लगा तभी दीदी मेरे हाथ को दूर हटाने लगी।

लेकिन मैं बार बार दीदी की गांड पर हाथ फेर् रहा था। तभी भाभी फोन पर बात करने लग गई।तभी मुझे मौका मिल गया और मैने दीदी की मदमस्त गांड पर चपेड मार दी।

” सिसस्सस् आईईई “

तभी दीदी उछल पड़ी।

“रोहित क्या कर रहा है यार्। प्रतिभा यही है। “

“होने दो दीदी। वो तो फोन पर लगी हुई है।”

तभी मै दीदी के बड़े बड़े टाइट बोबो को दबाने लगा। अहह! बहुत ही मस्त टाइट बोबे थे दीदी के। लेकिन दीदी उनके बोबो को दबाने नही दे रही थी।

” रोहित मरवायेगा क्या यार? ” चुप रहे।

तभी मेरे दिमाग मे खुपिया आईड़ीया आया और मै दीदी का हाथ पकड़कर उन्हे मेरे कमरे मे ले जाने लगा। तभी दीदी की डर के मारे गांड फटने लगी।

“रोहित क्या का रहा है यार्। कोई देख लेगा। “

“कोई नही देखेगा दीदी। “

तभी मैं दीदी को खीचकर मेरे कमरे मे ले आया झट से गेट बंद कर दिया। दीदी बुरी तरह से डर रही थी। तभी मै दीदी पर टूट पड़ा और उनके गुलाबी होंठो को चूसने लगा।

मै दीदी होंठो को कसकर चुस् रहा था। अब मै दीदी की गांड को जोर से मसलने लगा।  अाहह  क्या मस्त सेक्सी चुतड़ थे दीदी के। मज़ा आ गया था यारो। मै दीदी के चुतडो का जमकर मज़ा ले रहा था। दीदी मुझे दूर हटाने की कोशीश कर रही थी लेकिन मैंने दीदी को अच्छी तरह से दबा रखा था।

फिर मैं दीदी के बोबो को मसलते हुए उनकी चूत को छेड़ने की कोशिश करने लगा लेकिन दीदी उनकी चूत को बचाने की पूरी कोशिश कर रही थी।

तभी मैने दीदी की साड़ी के पल्लू को खीच डाला और दीदी के बोबो को बुरी तरह से मसल डाला। अब दीदी दर्द से झल्लाने लगी।

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“आह सिस आईई आईई सिससस”

” ओह्ह् दीदी बहुत ही मस्त बोबे है।  आहा मज़ा आ गया। “

” कमीने आहा धीरे धीरे दबा। आईई सिससस”

मै दीदी के बोबो को मुट्टियो मे भीचकर दबा रहा था। दीदी दर्द से तड़प रही थी। तभी मैने उनके पेटीकोट मे हाथ घुसा दिया और अब मैने दीदी की चूत को भी पकड़ लिया।

अब तो मै दीदी की चूत और बोबो दोनो का मज़ा ले रहा था। दीदी की चूत भट्टी की तरह जल रही थी। इधर मेरा लंड अब दीदी की फाड़ने के लिए कुलबुला रहा था।

दीदी दर्द से तड़प रही थी।

” आह दीदी बहुत ही मस्त माल हो तुम। “

तभी दीदी को भाभी के आने की आहत आई और दीदी ने मुझे जोर का धक्का देकर दूर हटा दिया। अब दीदी ने फटाफट से पल्लू ठीक किया और कमरे से बाहर निकल गई।

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अब मै भी कमरे से बाहर आ गया।भाभी अभी भी फोन पर बात कर रही थी। अब दीदी नॉर्मल होकर फोन चलाने लग गई।

“इतनी भी क्या जल्दी थी दीदी। थोड़ी देर तो और रूकती? “

” अगर और रूकती तो तु पता नही क्या क्या कर देता “

“तो करने देती ना दीदी। वो करने के लिए ही तो मै आपको अंदर लेकर गया  था।”

तभी दीदी चुप हो गई। वो मेरी बात का कोई जवाब नही दे रही थी। फिर भाभी आ गई।अब भाभी दीदी को नीचे चलने के लिए कहने लगी।

“भाभी आप चल जाओ,  दीदी को थोड़ी देर के लिए यही छोड़ जाओ। “

तभी भाभी मुस्कुराने लगी ” अच्छा!  कमीने।

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“हाँ भाभी, मुझे दीदी से बहुत जरूरी काम है। “

दीदी लंड की भूख से मुझे देख रही थी। वो चुप थी।

” जरा बताना तो ऐसा क्या काम है? “

” वो मै आपको नही बता सकता। “

“नही रहने दे तू तो। चलो दीदी। “

तभी भाभी दीदी को उनके साथ ले गई। अब मै लंड मस्लाता ही रह गया। फिर पूरी रात मै लंड पकड़कर सोया। फिर अगले दिन मैंने दीदी को बजाने का प्लान बनाया लेकिन कोई मौका नही मिला।

फिर एक दिन महिमा भाभीजी और उनकी सास के साथ बच्चे किसी प्रोग्राम मे गए हूए थे।घर पर भाभी और उनकी दीदी ही थी। अब मुझे दीदी को बजाने का ये सही मौका लगा।

दीदी भाभी के साथ किचन मे थी। तभी मै किचन मे चला गया और दीदी की गांड पर भाभी के सामने ही हाथ फेरने लगा। दीदी तुरंत समझ गई कि अब मै उनकी लेने की फिराक में हूँ।

तभी दीदी किचन से बाहर आ गई।

“रोहित प्रतिभा के सामने ही यार तू। “

” तो क्या हो गया।भाभी को तो सब पता है। “

“लेकिन यार फिर भी। “

” अरे दीदी अब आप इतना ज्यादा मत सोचो। “

अब मै दीदी का हाथ पकड़कर उन्हे भाभी के बेडरूम मे ले गया। दीदी अभी भी डर रही थी लेकिन आज दीदी की खूबसूरती चखने के लिए मेरा लंड बेकरार हो रहा था।

अब मैंने दीदी को बेड पर पटक दिया और गेट बंद कर मै झट से दीदी के ऊपर चढ़ गया। अब दीदी ने कोई नखरे नही किये और मुझे बाहो मे कस लिया।

अब मैने दीदी के गुलाबी रसीले होंठो पर हमला कर दिया और फिर ताबड़तोड़ तरीके से मैं दीदी के होंठों को चूसने लगा। अब कमरे में पुच्च ऑउच्च पुच्च ऑउच्च पुच्च पुच्च की ज़ोर ज़ोर से आवाज़े गूँजने लगी। मैंने थोड़ी देर में ही दीदी के होंठ चुस डाले।

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अब मैंने फटाफट से दीदी के पल्लु को एक तरफ हटा दिया और दीदी के बोबो को बलाउज के ऊपर से ही दबाने लगा।   मैं ज़ोर ज़ोर से दीदी के बोबो को मसल रहा था।दीदी के टाइट बोबो को मसलने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। दीदी दर्द से तड़प रही थी।

“अहह  उँह आहाहा ओह सिसस्ससस्स आहा”

” आह दीदी बहुत ही बड़े बड़े चुचे है आपके। आहह। “

अब मुझसे रहा नही जा रहा था। मै दीदी के बगीचे के अमरुदो को देखना चाहता था। अब मैं दीदी के बलाउज के हुक खोलने लगा तो भाभी ने फिर से मेरे हाथ पकड़ लिये।

” दीदी ये क्या कर रही हो।  बड़ी मुश्किल से तो मौका। मिला है।”

” यार लेकिन प्रतिभा क्या सोचेगी। “

” आप उनकी चिंता मत करो। “

तभी दीदी चुप हो गई।  अब मैंने फटाफट से दीदी के बलाउज के हुक खोल दिए और फिर दीदी की ब्रा को ऊपर सरका कर दीदी के बोबो को नंगा कर दिया।

दीदी के बोबे नंगे होते ही दीदी शर्म से लाल हो गई।अब उन्होंने आंखे बंद कर ली थी। दीदी के बोबे एकदम चिकने और टाइट नज़र आ रहे थे। दीदी के बोबो को देखते ही मेरे मुँह में पानी आ गया।मैं तो कब से भाभी के बोबो के लिये तड़प रहा था। आज जाकर वो दिन आया था। https://www.antarvasnastory2.in/

अब मै मुट्ठियों में कसकर दीदी के बोबो को दबाने लगा। दीदी के बोबो को मसलने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।अब दीदी  दर्द से कसमसा रही थी।

” उँह आहाहा ओह सिसस्ससस्स आहाहाह ओह धीरे धीरेरोहित।”

दबाने दो दीदी,, आहाहाह बहुत मज़ा आ रहा है। हाय क्या सेक्सी बोबे है।”

मैं तो दीदी के बोबो को नींबू की तरह निचोड़ रहा था। दीदी बहुत बुरी तरह से तड़प रही थी। फिर मेने तुरंत दीदी के बोबो को मुंह में भर लिया और फिर मै दीदी के बोबो को चूसने लगा।

आहा! बहुत ही रसीले बोबे थे दीदी के! मुझे तो दीदी के बोबे चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मै रगड़ रगड़ कर दीदी के बोबे चुस रहा था। दीदी आज उनके खजाने को खुला छोड़ चुकी थी।

“आहाहा ओह सिसस्ससस्स  सिसस्ससस्स। “

” ओह्ह दीदी बहुत ही रसीले बोबे है आपके। आहा।”

दीदी बिलकुल चुप थी।  मैं झटके दे देकर दीदी के बोबो को चुस रहा था। दीदी के बोबो को चूसने में मुझे गज़ब का मज़ा आ रहा था। मै बुरी तरह से दीदी के बोबो की लंका लूट रहा था। फिर मेने बहुत देर तक दीदी के बोबे चूसे।

प्रतिभा भाभीजी की दीदी को बजाया-1 | Bhabhi ki Didi ki xxx Chudai Kahani

अब मै तुरंत दीदी की चूत पर आ गया और

दीदी के पेटिकोट में हाथ डालकर उनकी की चड्डी खोलने लगा। तभी दीदी ने माहौल को समझते हूए गांड उठा दी।अब मैने दीदी की चड्डी खोलकर उनके मुँह पर फेंक दी।

”   ये लो दीदी आपकी चड्डी। “

अब दीदी के पास मेरी बात का कोई जवाब नहीं था। वो अच्छी तरह से समझ चुकी थी कि अब उनकी ठुकाई होनी पक्की है।   तभी मेने दीदी की साड़ी और पेटिकोट को उनके पेट पर सरका दिया। अब मैंने दीदी की टांगे खोल दी। दीदी की टांगे खोलते ही मुझे उनकी की चूत के दर्शन हो गए।

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दीदी की चूत काली घनी झांटो से ढकी हुई थी। बड़ी मुश्किल से दीदी की चूत की फ़ांखे नज़र आ रही थी। दीदी की चूत में उनकी गुलाबी गुलाबी झील नज़र आ रही थी।दीदी की झील में पानी की बुँदे चमक रही थी।

अब मैने पजामा खोल लंड बाहर निकाल लिया।  अब मैं दीदी की चूत के खांचे में लण्ड सेट करने लगा लेकिन दीदी को अभी भी मिर्ची लगी हुई थी। वो बार बार मुझे हिला रही थी। तभी मैने दीदी की चूत में लंड सेटकर।ज़ोरदार शॉट लगाया।

तभी मैने दीदी की चूत मे मेरा लंड पेल दिया। तभी  मेरा मोटा तगड़ा लण्ड एक ही झटके में दीदी की चूत को फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया। तभी इधर दीदी ज़ोर से चीख पड़ी।

”  आईईईई मम्मी,,मर्रर्रर्रर्र गईईईई,,,आईईईईई आईईईईई।”

मेरा भारी भरकम मोटा तगडा लंड दीदी की चूत मे फंस चुका था। अब मैंने लंड बाहर खीचा और फिर से दीदी की चूत मे लंड ठोक दिया। दूसरे शॉट मे ही दीदी बुरी तरह से हिल गई।

” ओह्ह मम्मी,,,, आहह सिसस् ” आईईई बहुत दर्द हो रहा है। ”

अब मैं दीदी की टांगे पकड़ कर उन्हे को झमाझम चोदने लगा। मैं ज़ोर ज़ोर दीदी की चूत में लण्ड पेल रहा था। दीदी दर्द से बुरी तरह से चिल्ला रही थी। मैं दीदी की चूत में लंड।पेलें जा रहा था। दीदी जैसी मस्त माल को चोदने मे मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

“आईईईई आईईईई ओह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह रोहित धीरेरे,,, धीरेरेरे चोद। आह्ह आह्ह आहा”

”  आह्ह चोदने दो दीदी। आज बड़ी मुश्किल से मौका मिला है। “

अब भला दीदी क्या कहती! वो खुद भी कंडिसन  को समझ रही थी। चुदाने के लिए इससे अच्छा मौका उन्हे और कहीं नही मिल सकता था।   मैं ज़ोर ज़ोर से दीदी को बजा रहा था। दीदी को बजाने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरे लंड के झटको से दीदी के  बड़े बड़े बोबे बुरी तरह से उछल रहे थे।

” अहाह ओह्ह आहा उन्ह ओहह मम्मी। “

” आह दीदी बहुत ही मस्त चूत है आपकी आहह बहुत मज़ा आ रहा है। अहाह “

मैं झमाझम दीदी की चूत के धागे खोल रहा था। मेरा मोटा तगड़ा लण्ड दीदी की चूत को लगातार गहरी करता जा रहा था। मेरे लण्ड के हर एक  झटके के साथ अब दीदी की चीखे निकल रही थी। दीदी की गरमा गरम सिस्कारिया मुझे पागल कर रही थी।

“आईईईईई आईईई सिसस्ससस्स आहाहा आह्ह आहाहा आह्ह मर गईईई आहा आह्ह आईईईईई।”

मेरा लण्ड दीदी की चूत के हर एक धागे को उदेड रहा था। मै ज़ोर ज़ोर से गांड हिला हिलाकर दीदी की चूत में लण्ड डाल रहा था। कुछ ही देर में मेरा लण्ड दीदी की हालत खराब कर चुका था। तभी दीदी की चीखे रुक सी गई और फिर दीदी की चूत में भूचाल आ गया।

” आईईईई मम्मी। गईईई मैं तो।”

तभी दीदी की चूत में खलबली मच गई और उनकी चूत से गरमा गरम पानी बाहर बहने लगा। मै दीदी की चूत मे जमकर लंड पेल रहा था। उनकी चूत से पानी निकलता जा रहा था। तभी दीदी बुरी तरह से झड़कर पानी पानी हो चुकी थी। अब मैं दीदी की पानी से भरी हुई चूत में ज़ोरदार धक्के लगाने लगा। अब मेरे लण्ड के तूफान केसाथ ही दीदी का पानी उछल उछल कर बाहर गिरने लगा।

“आहहह आह्ह सिसस्ससस्स उन्ह आहहह आह्ह ओह मम्मि। आह्ह आहहह ओह आहाहाह आहाहाह।”

मैं जमकर दीदी की क्लास ले रहा था। मेरे लण्ड को दीदी की जबरदस्त ठुकाई करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। दीदी बुरी तरह से चुद रही थी। अब दीदी के जिस्म की खुशबु पसीने के साथ बहने लगी थी। मेरे लंड का कहर दीदी की चूत मे लगातार जारी था।

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“आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स उन्ह ओह आह्ह।”

तभी दीदी का फिर से पानी निकल गया। दीदी फिर से पसीने से तर बतर हो चुकी थी। धुआंधार ठुकाई से दीदी बहुत ज्यादा थक चुकी थी। मैने।दीदी को जमकर बजा दिया था।

अब दीदी को उनके जिस्म पर अटके कपड़े भारी लगने लगे थे। तभी मैने दीदी की साड़ी और पेटीकोट को खोल फेंका और उन्हे पूरी नंगी कर दिया। अब नीचे से नंगी होते ही दीदी की मस्त गौरी चिकनी टांगे एकदम चमचमाने लगी।

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