दोस्तो, मेरा नाम शुभम है। मैं 25 साल का हूँ, और मेरी बीवी सोनल भी 25 की है। उसका फिगर 34-30-36 का है, गोरी चमड़ी, गदराया बदन, और जब वो साड़ी में अपनी मटकती गान्ड के साथ चलती है, तो किसी का भी लंड सलामी देने लगे। मैं आर्मी में जॉब करता हूँ, इसलिए ज्यादातर बाहर रहता हूँ। सोनल के साथ मेरी शादी को दो साल हो चुके हैं, और हमारी सेक्स लाइफ हमेशा से आग की तरह सुलगती रही है। जब भी मैं छुट्टी पर घर आता, हम दोनों रात-रात भर चुदाई में डूबे रहते। सोनल की चूत इतनी टाइट और रसीली है कि मेरा लंड उसमें समा जाता, और वो चिल्लाती, “शुभम, और जोर से… मेरी चूत फाड़ दो!” उसकी चीखें सुनकर मेरा जोश दोगुना हो जाता, और मैं उसे हचक कर चोदता। उसकी चूचियाँ उछलतीं, और वो मेरे लंड पर झूलती, जैसे कोई जंगली बिल्ली।
एक बार मैं छुट्टी पर घर आया था। रात को हम बेडरूम में नंगे लेटे थे। मैं उसकी चूत में उंगली डालकर उसे गर्म कर रहा था, और वो सिसकारियाँ भर रही थी, “शुभम… आह… और तेज…”। चुदाई के बाद जब हम एक-दूसरे से लिपटकर लेटे थे, सोनल ने अचानक कहा, “शुभम, जब तुम नहीं होते, मैं बहुत बोर हो जाती हूँ। मैं कोई जॉब करना चाहती हूँ।” मुझे लगा कि घर में अकेले रहकर वो उदास हो जाती होगी। मैंने तुरंत हाँ कर दी। उसने कुछ जगहों पर अप्लाई किया, और जल्द ही उसे शहर के एक बड़े मार्ट में जॉब मिल गई। पहले दिन मैं उसे छोड़ने गया। सोनल साड़ी में लिपटी हुई थी, उसकी गोल चूचियाँ और भारी गान्ड साड़ी में और भी उभर रही थीं। लेकिन उसका चेहरा मासूम था, जैसे कोई सीधी-सादी घरेलू लड़की। मुझे यकीन था कि वो कोई गलत काम नहीं करेगी। उसकी जॉब सुबह 8 से शाम 5 बजे तक थी। मेरी छुट्टियाँ चल रही थीं, तो मैं हर शाम उसे लेने जाता। लेकिन जल्द ही मेरी छुट्टियाँ खत्म हो गईं, और मुझे ड्यूटी पर वापस जाना पड़ा।
कुछ महीनों बाद जब मैं लौटा, सोनल ने मुझे अपनी चुदाई की कहानी सुनाई। उसकी जुबानी जो उसने बताया, वो मैं तुम्हें उसी गर्मी और वासना के साथ सुनाता हूँ, जैसी उसने मुझसे बयान की थी।
सोनल ने बताया कि जॉब शुरू करने के कुछ दिन बाद एक आदमी उसकी जिंदगी में आया। उसका नाम राजकुमार था, मार्ट में सेल्समैन था। राजकुमार की बॉडी जॉन अब्राहम जैसी थी—लंबा, चौड़ा सीना, पत्थर जैसी बाजुएँ, और चेहरा ऐसा कि लड़की की चूत गीली हो जाए। वो रोज जिम जाता था, और उसकी टाइट शर्ट में उसकी मसल्स साफ दिखती थीं। शुरू में वो सोनल को गलत नजरों से देखता, जैसे उसकी साड़ी के अंदर उसकी चूचियाँ और गान्ड को भेद रहा हो। सोनल ने पहले उसे इग्नोर किया, अपने काम में ध्यान लगाया। लेकिन राजकुमार की नजरें हर दिन उसकी बॉडी पर चिपकने लगीं। वो जानबूझकर उसके पास से गुजरता, और हल्का-सा मुस्कुराकर उसकी तरफ देखता। सोनल को उसकी ये हरकतें अजीब लगतीं, लेकिन कहीं न कहीं उसे ये ध्यान भी अच्छा लगने लगा था।
एक दिन सोनल ऊँचे रैक पर सामान रख रही थी। उसकी साड़ी का पल्लू सरक गया था, और उसकी क्लीवेज साफ दिख रही थी। तभी उसका पैर टेबल से फिसला, और वो गिरने लगी। राजकुमार तेजी से आया और उसकी कमर पकड़कर उसे बचा लिया। उसकी मजबूत उंगलियाँ सोनल की नरम कमर में धंस गईं, और उसने जानबूझकर उसकी कमर को हल्का-सा दबाया। सोनल का दिल धक-धक करने लगा। उसने शर्माते हुए “थैंक्स” कहा। राजकुमार ने मुस्कुराकर कहा, “अरे, सोनल, कोई बात नहीं। वैसे, तुम हो कौन?” उसने अपना नाम बताया, और यहीं से उनकी बातचीत शुरू हुई। सोनल को उसका कॉन्फिडेंस और मर्दाना अंदाज पसंद आया।
कुछ दिन बाद लंच टाइम में राजकुमार सोनल के पास आकर बैठने लगा। वो हँसी-मजाक करता, कभी उसकी साड़ी की तारीफ करता, तो कभी उसकी मुस्कान पर कमेंट करता। सोनल को उसकी बातें अच्छी लगने लगीं। एक दिन उसने सोनल से उसका फोन माँगा, “बस एक कॉल करनी है।” सोनल ने हिचकते हुए फोन दे दिया। राजकुमार ने उस फोन से अपने नंबर पर कॉल की और नाटक करते हुए किसी से बात करके फोन वापस कर दिया। असल में उसने सोनल का नंबर ले लिया था। उसी रात व्हाट्सएप पर उसका मैसेज आया, “हाय, सोनल, क्या कर रही हो? साड़ी में आज बहुत मस्त लग रही थी।” सोनल ने जवाब दिया, “हटो, गंदी बातें मत करो!” लेकिन उसे उसका ये अंदाज अच्छा लग रहा था।
धीरे-धीरे उनकी चैटिंग बढ़ने लगी। राजकुमार ने कामुक बातें शुरू कर दीं। वो कहता, “सोनल, तुम्हारी गान्ड जब साड़ी में हिलती है, मन करता है बस पकड़ लूँ।” सोनल शरमाती, लेकिन जवाब देती, “हट, बेशर्म! ऐसे मत बोलो।” पर उसे ये सब अच्छा लगने लगा था। जल्द ही उनकी चैटिंग में अश्लील चुटकुले और सेक्सी बातें होने लगीं। एक रात वीडियो कॉल पर राजकुमार ने अपनी शर्ट उतारी और अपनी चौड़ी छाती दिखाई। उसकी सिक्स-पैक ऐब्स देखकर सोनल की साँसें रुक गईं। उसने भी हिम्मत करके अपनी साड़ी का पल्लू सरकाया, जिससे उसकी गहरी क्लीवेज दिखने लगी। राजकुमार की आँखों में वासना चमक उठी, और वो बोला, “सोनल, तुम तो आग हो!” सोनल ने हँसकर जवाब दिया, “तू भी तो कम नहीं, जॉन अब्राहम!”
लेकिन एक बात सोनल को परेशान करती थी। वो राजकुमार का लंड देखना चाहती थी। उसने कई बार वीडियो कॉल पर अपनी चूचियाँ और चूत दिखाई, लेकिन राजकुमार हमेशा सिर्फ अपनी बॉडी दिखाता, अपना लंड नहीं। सोनल मन ही मन सोचती, “क्या ये नामर्द है?” लेकिन उसकी मस्कुलर बॉडी और कॉन्फिडेंस को देखकर उसे यकीन था कि राजकुमार का लंड जरूर जबरदस्त होगा। वो बस शर्म की वजह से कह नहीं पा रही थी, “मुझे तेरा लौड़ा दिखा!”
उनकी नजदीकियाँ अब चरम पर थीं। एक दिन लंच के दौरान राजकुमार ने जानबूझकर चम्मच नीचे गिराया। जब वो चम्मच उठाने झुका, उसने सोनल की जाँघ पर हाथ फेर दिया। उसकी उंगलियाँ सोनल की साड़ी के ऊपर से उसकी जाँघों को सहलाने लगीं। सोनल का बदन सिहर उठा, उसकी चूत में गीलापन छा गया। वो शर्म से लाल हो गई और जल्दी से उठकर दूसरी तरफ चली गई। लेकिन उस दिन के बाद से उन दोनों के बीच वासना की आग और भड़क गई।
कुछ दिन बाद, जब सोनल अकेली थी, राजकुमार ने मौका देखकर उसके बूब्स दबा दिए। उसकी मजबूत हथेलियाँ सोनल की नरम चूचियों को मसलने लगीं। सोनल को शर्म आई, लेकिन उसका बदन गर्म हो रहा था। वो भागकर दूर हो गई, पर अब हर बार जब वो अकेले होते, राजकुमार उसकी चूचियाँ दबाता, कभी उसके होंठ चूम लेता। सोनल भी धीरे-धीरे खुलने लगी। वो उसकी बाँहों में लिपट जाती, और दोनों चूमाचाटी में डूब जाते। एक बार स्टोर रूम में राजकुमार ने सोनल को दीवार से सटाया और उसकी साड़ी ऊपर उठाकर उसकी चूत को सहलाने लगा। सोनल की साँसें तेज हो गईं, और वो सिसकारी, “राज… आह… ये क्या कर रहा है…” राजकुमार ने उसकी गर्दन पर चूमते हुए कहा, “सोनल, तूने मुझे पागल कर दिया है।”
एक सुबह ऑफिस में जब कोई नहीं था, राजकुमार ने सोनल को स्टोर रूम में खींच लिया। वो उसके ऊपर चढ़ गया और उसे दीवार से सटा कर चूमने लगा। उसकी जीभ सोनल के होंठों को चूस रही थी, और उसका एक हाथ सोनल की साड़ी के नीचे उसकी चूत को सहला रहा था। सोनल भी उसका साथ दे रही थी, उसकी साँसें तेज हो रही थीं। दोनों की चुदाई की आग अब बेकाबू हो चुकी थी।
अगले दिन उन्होंने बाहर मिलने का प्लान बनाया। राजकुमार ने सोनल को अपनी बाइक पर बिठाया और एक रेस्टोरेंट ले गया। वहाँ खाना खाने के बाद उसने बाइक एक मेडिकल स्टोर के पास रोकी। उसने एक पैकेट कंडोम और वैसलीन खरीदी। सोनल ने वैसलीन देखकर सोचा, “ये किसलिए?” लेकिन कंडोम देखकर उसकी चूत में हलचल मच गई। उसे समझ आ गया कि आज उसकी चूत की जबरदस्त चुदाई होने वाली है।
राजकुमार ने बाइक एक बड़े होटल के पास रोकी। उसने रूम बुक किया और दोनों को पति-पत्नी बताकर अंदर ले गया। कमरे में पहुँचते ही उसने सोनल को अपनी गोद में उठा लिया और उसे बेड पर लिटा दिया। वो सोनल के होंठों को चूमने लगा, उसकी जीभ सोनल के मुँह में घुसकर नाच रही थी। उसका एक हाथ सोनल की साड़ी के ऊपर से उसकी चूत को सहला रहा था। सोनल की चूत गीली हो चुकी थी, और वो सिसकारियाँ भर रही थी, “आह… राज… और करो…” राजकुमार ने उसकी साड़ी का पल्लू सरकाया और उसकी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही मसलने लगा। सोनल की साँसें तेज हो गईं। उसने जल्दी से सोनल का ब्लाउज और ब्रा उतार दिए। उसकी गोल-मटोल चूचियाँ आजाद होकर उछलने लगीं। राजकुमार ने एक चूची को मुँह में लिया और उसे चूसने लगा, जैसे कोई भूखा बच्चा दूध पी रहा हो। उसका दूसरा हाथ सोनल की दूसरी चूची को मसल रहा था। सोनल की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “आह… राज… कितना मस्त चूस रहे हो…”
उसने सोनल की साड़ी और पेटीकोट भी उतार दिया। अब सोनल सिर्फ पैंटी में थी। वो शर्म से अपनी चूचियाँ और चूत छुपाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन राजकुमार ने उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सूंघा। उसकी गर्म साँसें सोनल की चूत पर लग रही थीं, और सोनल की टाँगें शर्म से सिकुड़ गईं। राजकुमार ने अपनी बनियान और तौलिया उतार दिया। उसका लंड अभी ढीला था, लेकिन उसका साइज देखकर सोनल की आँखें फट गईं। उसने सोनल की पैंटी भी उतार दी और उसकी टाँगें फैलाकर उसकी चूत को चूमने लगा। उसकी जीभ सोनल की चूत की फाँकों को चाट रही थी, और सोनल चुदास से पागल हो रही थी, “आह… राज… मेरी चूत… चाट लो इसे…”
दोनों 69 की पोजीशन में आ गए। राजकुमार सोनल की चूत को चूस रहा था, और सोनल उसका लंड मुँह में लेकर चाट रही थी। जैसे ही उसका लंड खड़ा हुआ, सोनल डर गई। उसका लंड इतना बड़ा और मोटा था कि किसी हब्शी का लौड़ा लग रहा था। सोनल ने घबराते हुए कहा, “राज… ये बहुत बड़ा है… मैं नहीं ले पाऊँगी…” लेकिन राजकुमार ने उसकी बात अनसुनी कर दी। उसने सोनल के पैरों को अपने पैरों से जकड़ लिया और वैसलीन की शीशी निकाली। उसने सोनल की चूत पर ढेर सारी वैसलीन लगाई और अपने लंड पर भी मल दी। सोनल को अब समझ आया कि वैसलीन क्यों ली थी—उसका लंड इतना बड़ा था कि बिना वैसलीन के चूत फट जाती।
राजकुमार ने सोनल के दोनों हाथ पकड़े और उसे चुदाई की पोजीशन में लिटाया। उसने अपने लंड का सुपारा सोनल की चूत पर रगड़ा। सोनल की चूत गीली थी, और वैसलीन की चिकनाहट से उसका सुपारा आसानी से फिसल रहा था। राजकुमार ने सोनल को अपने जिस्म से दबाया और अपना मुँह उसके मुँह पर रख दिया। इससे पहले कि सोनल कुछ समझ पाती, उसने एक जोरदार धक्का मारा। उसका मोटा सुपारा सोनल की चूत में घुस गया। सोनल दर्द से चीख उठी, “आह… राज… निकालो… बहुत दर्द हो रहा है…” लेकिन राजकुमार ने उसकी चीखों को अनसुना कर दिया। उसने दूसरा धक्का मारा, और उसका आधा लंड सोनल की चूत में समा गया। सोनल तड़पने लगी, उसकी आँखों से आँसू निकल आए। उसने तीसरा धक्का मारा, और उसका पूरा लंड सोनल की चूत में जड़ तक पेल दिया। सोनल को चक्कर आने लगे, और वो दर्द से बेहोश हो गई।
कुछ देर बाद जब उसे होश आया, वो तड़प रही थी। राजकुमार ने बिना रुके उसे चोदना शुरू कर दिया। उसका मोटा लंड सोनल की चूत को चीरता हुआ अंदर-बाहर हो रहा था। सोनल चिल्ला रही थी, “राज… आह… रुक जाओ… मेरी चूत फट जाएगी…” लेकिन राजकुमार ने कोई रहम नहीं किया। उसने अपनी रफ्तार बढ़ा दी, और तेज-तेज धक्के मारने लगा। धीरे-धीरे सोनल की चूत उसके लंड के साथ सेट हो गई। दर्द अब मजा में बदलने लगा। सोनल की सिसकारियाँ अब चीखों से कामुक सिसकियों में बदल गईं, “आह… राज… और जोर से… चोदो मुझे…” वो अपनी कमर उठा-उठाकर राजकुमार के धक्कों का जवाब देने लगी।
कुछ ही देर में सोनल झड़ गई। उसकी चूत से रस बहने लगा, और वो थरथराने लगी। राजकुमार ने उसे गोद में उठा लिया और खड़े-खड़े चोदने लगा। उसका लंड सोनल की चूत में गचागच पेल रहा था। सोनल ने उसकी गर्दन पकड़ ली और उसकी छाती पर चूमने लगी। राजकुमार ने उसे फिर से बेड पर लिटाया और अब वो नीचे लेट गया। सोनल ने झट से उसका लंड अपनी चूत में लिया और ऊपर-नीचे होने लगी। वो चिल्ला रही थी, “राज… तेरा लंड… आह… मेरी चूत को भर देता है…” राजकुमार ने भी उसकी गान्ड पकड़कर उसे अपने लंड पर उछालना शुरू कर दिया।
आधे घंटे तक राजकुमार ने सोनल को अलग-अलग पोजीशन में चोदा। कभी वो उसे डॉगी स्टाइल में चोदता, तो कभी उसे अपनी गोद में बिठाकर। आखिर में उसने सोनल को मिशनरी पोजीशन में लिटाया और तेज-तेज धक्के मारने लगा। सोनल फिर से झड़ गई, और इस बार राजकुमार भी झड़ने वाला था। उसने अपना गर्म माल सोनल की चूत में भर दिया और उसके ऊपर ढेर हो गया। सोनल की चूत से उसका माल और खून बह रहा था। उसकी चूत पूरी तरह चुद चुकी थी, और वो संतुष्ट लग रही थी।
तब तक दोपहर के 3 बज चुके थे। दोनों ने कपड़े पहने और घर की ओर निकल गए। सोनल ने मुझे बताया कि इसके बाद जब भी राजकुमार को चुदाई का मन होता, वो उसे होटल या अपने घर ले जाकर चोदता। सोनल को उसका मोटा लंड इतना पसंद आ गया था कि वो भी उससे चुदने को तैयार रहती।