ट्रेन में सेक्स किया पहली बार

Train me chudai sex story – Desi aunty ki chudai: मेरा नाम अमिताभ है। मैं रायपुर से हूँ, एक मेडिकल स्टूडेंट, उम्र 21 साल, थोड़ा मस्कुलर बॉडी, मीडियम हाइट, और हाँ, मेरा लंड 5.5 इंच का है। मैं झूठ नहीं बोलूँगा कि 8-10 इंच का है, क्योंकि रियल लाइफ में 5 इंच से ज्यादा का लंड किसी भी औरत के लिए काफ़ी होता है। मुझे हमेशा से आंटियाँ और मॉम्स बहुत पसंद रही हैं। मैं अक्सर ऐसी सेक्स स्टोरीज़ पढ़ता था, जिनमें आंटियों की चुदाई की बात होती थी। ये कहानी मेरी ज़िंदगी की एक सच्ची घटना है, जो पिछले महीने घटी। ये मेरी पहली बार की चुदाई की कहानी है, जो ट्रेन में हुई। तो चलिए, बोर न करते हुए सीधे कहानी पर आता हूँ। Virgin Boy Sex Story – Kuware ldke ne phli baar train me chudai kiya

बात तब की है, जब मैं अपने गाँव वापस जा रहा था। मैंने ट्रेन में लोअर बर्थ बुक की थी। ट्रेन जैसे ही एक स्टेशन पर रुकी, मैंने देखा कि एक परिवार चढ़ा। उसमें एक 18 साल का लड़का था, उसका बाप, और उसकी माँ। मेरा ध्यान तुरंत उसकी माँ पर गया। वो एकदम माल लग रही थी। काली टी-शर्ट, काली जींस, और ठंड की वजह से ऊपर से स्वेटर। उसका फिगर ऐसा था कि कोई भी उसे देखकर पागल हो जाए। गोरा रंग, भरे हुए चूचे, और गोल-मटोल गांड। उसका पति लंबा और मस्कुलर था, जो थोड़ा डराने वाला लग रहा था। ट्रेन चल पड़ी, और मैं सोचने लगा कि अब इस हसीना को और नहीं देख पाऊँगा।

थोड़ी देर बाद मैं सो गया। जब आँख खुली, तो देखा कि वही परिवार मेरी सीट के पास सामान अरेंज कर रहा था। वो सेक्सी आंटी मेरे सामने थी। उसने मुझे देखकर एक हल्की सी स्माइल दी और बोली, “थोड़ा अडजस्ट कर लो, भैया।” मेरे मन में लड्डू फूटने लगे। सामान रखते वक्त उसकी मोटी गांड मेरे सामने थी। उसका बेटा मुझे देख रहा था, लेकिन मेरे दिमाग में बस यही चल रहा था कि आज इसकी माँ को चोदकर ही रहूँगा।

दोपहर में सबने खाना खाया। मैं उसके बेटे से बात करने लगा। पता चला कि वो पंजाबी हैं। फिर आंटी से भी नॉर्मल बातें शुरू हो गईं। उसकी उम्र 32 साल थी, और उसका नाम हरलीन था। वो एक टीचर थी। उसका पति साथ में था, तो मैं कोई गलत कदम नहीं उठाना चाहता था। लेकिन उसका गोरा बदन, टाइट टी-शर्ट में उभरे हुए चूचे, और वो कातिलाना स्माइल मुझे पागल कर रही थी।

रात हो गई। सब सोने की तैयारी करने लगे। हरलीन ने अपना स्वेटर उतारा। अब वो सिर्फ़ काली टी-शर्ट और जींस में थी। उसकी टी-शर्ट में से हल्का सा क्लीवेज दिख रहा था, और उसका गोरा बदन चमक रहा था। मैं उसे घूर रहा था। अचानक उसकी नज़र मुझ पर पड़ी। उसने गुस्से भरी नज़रों से मुझे देखा, जैसे कह रही हो, “क्या घूर रहा है?” मैं थोड़ा डर गया और सोने की कोशिश करने लगा।

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मैं ऊपर वाली बर्थ पर चला गया। वो परिवार भी सोने की तैयारी करने लगा। हरलीन का पति सबसे नीचे वाली सीट पर सोया, ताकि सामान की रखवाली कर सके। उसका बेटा बीच वाली बर्थ पर, और हरलीन मेरे सामने वाली अपर बर्थ पर आ गई। मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैं मन ही मन सोचने लगा कि सामान की रखवाली में इसका पति व्यस्त है, और आज इसकी बीवी मेरे हवाले है।

मैं कंबल के अंदर से हरलीन को देख रहा था। वो मोबाइल चला रही थी। उसका पति सो चुका था। मैंने हिम्मत करके उससे बात शुरू की। वो भी अच्छे से रिस्पॉन्स देने लगी। बात करते-करते उसका क्लीवेज और साफ़ दिखने लगा। मेरा लंड अब पूरी तरह तन गया था। मैंने कंबल के अंदर ही लंड को सहलाना शुरू कर दिया। बातों-बातों में पता चला कि हरलीन एक स्कूल में टीचर है और पंजाब से है। मैं कंबल के अंदर मुठ मार रहा था। अचानक मेरा हाथ ज़ोर से हिल गया, और कंबल थोड़ा हट गया। हरलीन ने मेरा लंड देख लिया। मैंने जल्दी से कंबल ठीक किया। उसने पहले तो नाराज़गी भरी नज़रों से देखा, फिर हल्का सा मुस्कुराने लगी। मैं शर्म से लाल हो गया। थोड़ी देर बाद उसने कहा कि उसे नींद आ रही है और वो सोने लगी।

मैंने राहत की साँस ली। मुझे लगा कि अब मैं आगे बढ़ सकता हूँ। रात को मैं सोया नहीं। करीब 3 बजे, जब सब सो रहे थे, मैंने देखा कि हरलीन की गांड मेरी तरफ़ है। उसकी गोल-मटोल गांड जींस में कसी हुई थी, जो बहुत सेक्सी लग रही थी। मैंने हिम्मत की और धीरे से उसकी गांड पर हाथ फेरना शुरू किया। एक हाथ से मैं उसकी गांड मसल रहा था, और दूसरे से अपना लंड हिला रहा था। हरलीन ने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया, तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई। मैंने धीरे-धीरे उसकी जाँघों पर हाथ फेरना शुरू किया। अचानक उसने पंजाबी में धीमी आवाज़ में कुछ कहा, शायद गाली थी। मुझे समझ नहीं आया, लेकिन मेरा कॉन्फिडेंस और बढ़ गया।

मैंने उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से छूना शुरू किया। उसकी चूत पहले से ही गीली थी। बाहर से ही पता चल रहा था कि उसकी चूत में बाल हैं। मैं 5-10 मिनट तक उसकी चूत को मसलता रहा। फिर मैंने उसकी पैंटी के अंदर हाथ डाला। उसकी चूत से पानी बह रहा था। वो अब हल्की-हल्की सिसकारियाँ लेने लगी थी, “आह्ह्ह… ऊह्ह्ह…” मैं उसे और तड़पाना चाहता था। अचानक मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाल दी। उसकी सिसकारी तेज़ हो गई, और वो थोड़ा उछलने लगी। मैंने चारों तरफ़ देखा, कोई नहीं जागा था। मैंने उसे और तेज़ी से फिंगर करना शुरू किया। 15 मिनट बाद वो झड़ गई। उसका सारा पानी मेरे हाथ पर था। उसकी महक मुझे दीवाना कर रही थी।

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अब हरलीन मेरी तरफ़ मुड़ी और स्माइल दी। धीमी आवाज़ में बोली, “अब मेरी बारी।” मैं समझ गया। मैंने अपनी टाँगें उसकी सीट पर रखीं और लंड उसके सामने कर दिया। जैसे ही उसने मेरा लंड पकड़ा, मैं सातवें आसमान पर था। पहली बार किसी मेच्योर आंटी ने मेरा लंड पकड़ा था। उसने मेरे लंड की नसें देखकर कहा, “तेरा तो काफ़ी तगड़ा है, भैया।” मैंने कहा, “सिर्फ़ तेरे लिए, आंटी।” वो हँस दी। उसने मेरे लंड को ऊपर-नीचे करना शुरू किया। मैंने उसके चूचों को दबाना शुरू किया। फिर मैंने उसकी टी-शर्ट ऊपर की और चूचे बाहर निकाल लिए। उसके लटकते हुए चूचे चूसने में मुझे बहुत मज़ा आया।

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5 मिनट बाद मैंने कहा, “आंटी, अब इसे मुँह में लो, और मत तड़पाओ।” पहले तो उसने नखरे किए, फिर मान गई। उसने मेरे लंड को मुँह में लिया और ब्लोजॉब देना शुरू किया। ब्लोजॉब देते वक्त मेरा प्री-कम निकलने लगा, जिससे “पच-पच” की आवाज़ आने लगी। ट्रेन की आवाज़ की वजह से कोई टेंशन नहीं था। मैंने उसके बाल पकड़े और ज़ोर-ज़ोर से ब्लोजॉब करवाने लगा। वो थोड़ा विरोध कर रही थी, लेकिन मैं रुकने वाला नहीं था। 15 मिनट बाद मेरा सारा माल उसके मुँह में छूट गया। वो सारा कम रुमाल से साफ़ कर दी। हम दोनों एक-दूसरे को देखकर हँस रहे थे। अचानक मेरी नज़र उसके बेटे पर पड़ी। वो मुझे देख रहा था।

मैं थोड़ा डर गया। मैंने इशारों में हरलीन को बताया। उसने कहा, “टेंशन मत ले।” वो नीचे गई और अपने बेटे को सुलाकर वापस आ गई। थोड़ी देर रेस्ट करने के बाद मैं उसकी चूत मारना चाहता था। मैंने कहा, “टॉयलेट चलो।” वो बोली, “नहीं, यहीं तक ठीक है। मैं शादीशुदा हूँ, ये नहीं कर सकती।” मैंने उसका गला पकड़ा और उसकी चूत में उंगली डालकर कहा, “साली, रंडी है तू मेरी। अब तुझे जमकर पेलूँगा।” वो हँसने लगी और शरारती स्माइल देकर बोली, “मेरे जाने के 15 मिनट बाद टॉयलेट आ जाना, ताकि किसी को शक न हो।” वो टॉयलेट चली गई।

15 मिनट बाद मैं टॉयलेट पहुँचा। हरलीन पागलों की तरह मुझे चूमने लगी। वो पूरी तरह वाइल्ड हो चुकी थी। मैंने दरवाज़ा लॉक किया और उसे किस करने लगा। उसके होंठों को मैंने चूस-चूसकर लाल कर दिया। वो मेरी चेस्ट चाटने लगी। उसने मेरी टी-शर्ट उतारी और मेरे ऐब्स को चूमने लगी। मैंने उसके बाल पकड़े और उसकी गर्दन पर किस किया। उसके चूचों को मैंने ज़ोर-ज़ोर से मसला। वो सिसकारियाँ लेने लगी, “आह्ह्ह… ऊह्ह्ह… जानू…” मैंने उसके होंठों को काटा, और वो मज़े लेने लगी।

20 मिनट तक हम ऐसे ही किस करते रहे। फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतारी। उसने लाल रंग की ब्रा पहनी थी। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचों को चाटना शुरू किया। उसकी ब्रा पूरी गीली हो गई। फिर मैंने उसकी ब्रा उतार फेंकी। उसके चूचे लटक रहे थे, जैसे देसी आंटियों के होते हैं। मैं उन्हें मसलने लगा। वो मेरे लंड को बाहर निकालकर हिलाने लगी और सिसकारते हुए बोली, “आई लव यू, जानू।” इससे मुझे और जोश आ गया। मैंने उसकी जींस और पैंटी उतार दी। उसकी चूत से पानी टपक रहा था, और थोड़े बाल भी थे। मैं उसकी चूत को मसलने लगा। वो गिड़गिड़ाने लगी, “प्लीज़, अब चोद दो, सहन नहीं होता।” लेकिन मैं उसे और तड़पाना चाहता था।

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मैंने उसकी बालों वाली चूत में मुँह डाला और चाटना शुरू किया। पहले तो वो बोली, “नहीं, वहाँ गंदा है।” लेकिन 2 मिनट बाद वो शांत हो गई और मेरे बालों में हाथ फेरने लगी। 10 मिनट तक मैं उसकी चूत चाटता रहा। उसका पानी मेरे मुँह पर था। अब मुझसे भी नहीं रहा गया। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और रगड़ने लगा। वो सिसकार रही थी, “आह्ह्ह… ऊह्ह्ह… ज़ोर से…” मैंने उसका मुँह दबाया और बोला, “चुप, साली!” वो बोली, “जल्दी चोद, मादरचोद! मुझे तेरा लंड चाहिए मेरी गर्म चूत में।”

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मैंने उसकी एक टाँग अपने कंधे पर रखी और लंड उसकी चूत में डालने की कोशिश की। उसकी चूत गीली थी, लेकिन टाइट थी। 2-3 कोशिशों के बाद मेरे लंड का सुपाड़ा अंदर गया। वो थोड़ा हिलने लगी। मैंने उसे कसकर पकड़ा और धीरे-धीरे जटके मारने शुरू किए। वो सिसकारियाँ ले रही थी, “आह्ह्ह… ऊह्ह्ह…” मैं उसे किस करने लगा ताकि वो शांत रहे। धीरे-धीरे उसे भी मज़ा आने लगा। वो गालियाँ देने लगी, “साले, मादरचोद, मेरे बेटे के सामने मुझे रंडी बना दिया।” मैंने कहा, “साली, रंडी है तू मेरी। अब तुझे रोज़ चोदूँगा, कुतिया।”

हम दोनों पागलों की तरह किस कर रहे थे। ट्रेन की आवाज़ की वजह से कोई टेंशन नहीं था। मैं उसे जानवरों की तरह पेल रहा था। टॉयलेट में “थप-थप” की आवाज़ गूँज रही थी। 15 मिनट बाद मैंने उसे पलट दिया और पीछे से चोदना शुरू किया। उसकी गांड पर मैं थप्पड़ मार रहा था। वो भी मेरे साथ ताल मिलाकर आगे-पीछे हो रही थी। मैं उसकी पीठ पर किस करने लगा। वो सिसकारते हुए बोली, “आह्ह्ह… जानू, आज से मैं तेरी पत्नी हूँ। मेरा पति सुअर साला मुझे बस चोदकर छोड़ देता है। तूने मुझे बहुत प्यार दिया।”

ये सुनकर मैं और उत्तेजित हो गया। मैंने उसकी चूत में लंड पूरा डाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से पेलने लगा। 10 मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैंने उसकी चूत में सारा माल छोड़ दिया। हम दोनों हाँफ रहे थे और पसीने से तर थे। थोड़ी देर हमने टॉयलेट में ही बात की। उसने मुझे एक किस दी और 5 बजे अपने बेटे के पास चली गई। मैं भी अपनी बर्थ पर आया और सोने लगा। अचानक मेरी नज़र उसके बेटे पर पड़ी। वो मुझे देख रहा था। मुझे लगा कि उसे शक हो गया है।

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