नमस्कार दोस्तों, मैं हूँ आपका दोस्त मुकेश। जैसा कि आपने मेरी पिछली कहानी (भोली बेटी चुदक्कड़ निकली) को बहुत प्यार दिया, उसी वादे के मुताबिक मैं अपनी बेटी पायल की चुदाई के और किस्से आपके साथ साझा करने जा रहा हूँ। मैं वादा करता हूँ कि ये कहानी पूरी लंबाई में होगी, बिना किसी कटौती के, और सेक्स हिस्सों को और विस्तृत, मसालेदार और आकर्षक बनाऊँगा। कथानक को और मजबूत करने के लिए मैंने और विवरण जोड़े हैं, ताकि ये वास्तविक और आपके वयस्क कॉमिक स्टाइल में फिट हो। किरदारों के नाम और शीर्षक वही रहेंगे, और कोई साइट का नाम या अनावश्यक शब्द शामिल नहीं होंगे। तो चलिए, शुरू करते हैं।
उस दिन की बात है जब मैंने पायल को हमारे मोहल्ले के बदमाश, नशेड़ी और आवारा लड़के राजू के साथ चुदाई करते देखा था। राजू नशे में धुत्त था, और उसने पायल की तीन बार जमकर चुदाई की। तीसरी बार तो मैं भी खुद को रोक नहीं पाया और उनकी चुदाई देखते हुए मैंने अपने लंड को हाथ से शांत किया। उस दिन का मंजर मेरे दिमाग में ऐसा बसा कि मैं उसे भूल ही नहीं पाया।
उसके बाद पायल बहुत चालाक हो गई थी। जब भी मेरा ड्यूटी से लौटने का समय होता, वो करीब आधे घंटे पहले राजू को घर से रवाना कर देती थी। उसने कमरे को इस तरह साफ कर दिया कि मुझे कोई शक न हो। बेड की चादर तो ऐसी थी कि कोई भी देखकर बता सकता था कि उस पर घमासान चुदाई हुई है। चादर पर गीले धब्बे, उलझे हुए निशान—सब कुछ चीख-चीखकर बता रहा था। लेकिन पायल ने चादर बदल दी, और सारे सबूत मिटा दिए।
ठीक आधे घंटे बाद मैंने चुपके से घर के पीछे से आकर मेन डोर बेल बजाई। पायल ने एक मिनट के अंदर ही दरवाजा खोल दिया। जैसे ही मैंने उसका चेहरा देखा, मुझे उसके चेहरे पर एक अलग ही रौनक और संतुष्टि दिखी। उसने पिंक कुर्ती और सफेद सलवार पहनी थी। उसकी छोटी-छोटी चूचियाँ कुर्ती के ऊपर से साफ दिख रही थीं, और उसके निप्पल अभी भी खड़े थे। शायद उसने ब्रा नहीं पहनी थी। उसकी चूचियों की उभरी हुई शक्ल मेरे दिल में आग लगा रही थी।
पायल ने मुस्कुराते हुए कहा, “पापा, आप आ गए!”
मैंने जवाब दिया, “हाँ बेटी, और बताओ, आज तुम्हारा दिन कॉलेज में कैसा रहा? आज तुम्हारा बर्थडे जो है!” मैं घर के अंदर जाता हुआ बोला।
पायल ने चहकते हुए कहा, “बहुत अच्छा पापा! आज कॉलेज में बहुत मजा आया। अपने दोस्तों के साथ हमने खूब एंजॉय किया।”
मैंने मन ही मन सोचा, “कमिनी, तुझे आज कैसा मजा आया, मैं अच्छी तरह जानता हूँ।”
मैंने हँसते हुए कहा, “ये तो बहुत अच्छी बात है। चलो बेटी, आज हम बाहर खाना खाने चलते हैं!”
पायल की आँखें चमक उठीं, “सच पापा?”
मैंने कहा, “हाँ, आज मेरी प्यारी बेटी का बर्थडे जो है!”
मेरी बात सुनकर पायल मेरे गले से लग गई। उसका गर्म शरीर मेरे शरीर से टकराया, और मुझे एक अजीब सा नशा चढ़ गया। मैंने कहा, “चल, अब अच्छे से कपड़े पहन, हम चलते हैं बाहर खाने।” पायल ने मुझे और जोर से बाहों में जकड़ लिया। उसकी खड़ी चूचियों के निप्पल मेरे सीने से टकराए, और मैं तो जैसे मदहोश हो गया। उसने मुझसे अलग होते हुए कहा, “थैंक्यू पापा!”
पायल तैयार होने चली गई। उसने एक टाइट, सेक्सी ड्रेस पहनी—लाल रंग की डीप नेक टॉप और काली जींस, जिसमें उसका फिगर और उभरकर सामने आ रहा था। हम दोनों डिनर के लिए बाहर गए। रेस्तरां में वो बार-बार मेरे करीब आती, मेरे कंधे से टकराती, और मैं उसकी गर्मी का मजा ले रहा था। उसकी हर हरकत मेरे अंदर आग भड़का रही थी। रात को घर लौटने के बाद मैंने पायल के नाम फिर से मुठ मारी, और अपने लंड को शांत किया।
उस दिन के बाद मेरे अंदर एक अजीब सी बेचैनी घर कर गई। मैं पायल के जिस्म को फिर से देखना चाहता था, उसकी नंगी चूचियों, उसकी चिकनी चूत को। लेकिन मुझे कोई मौका नहीं मिल रहा था। मैंने एक-दो बार बाथरूम में झाँकने की कोशिश की, जब वो नहा रही होती थी, लेकिन हर बार नाकाम रहा। मैंने कई बार ऑफिस से जल्दी घर आकर उस पर नजर रखी, लेकिन वो मौका, जो मुझे उसके बर्थडे पर मिला था, दोबारा नहीं मिला।
लगभग एक महीना बीत गया। मैंने उम्मीद छोड़ दी थी और अपने काम में व्यस्त हो गया। लेकिन एक दिन, जब मैं ऑफिस जाने के लिए तैयार होकर अपने कमरे से निकला, तो मुझे पायल के कमरे से कुछ फुसफुसाहट सुनाई दी। वो किसी से फोन पर बात कर रही थी।
पायल बोली, “हाँ, मैं आ जाऊँगी बाबा। तुम अब ज्यादा बात मत करो, पापा अभी घर पर ही हैं। मैं थोड़ी देर में तुम्हें वहीँ मिलती हूँ।”
ये सुनकर मैं समझ गया कि पायल आज कॉलेज नहीं जाने वाली। उसका कोई और ही प्लान है। मैं मन ही मन मुस्कुराया और दबे पाँव घर से बाहर निकल गया। मैंने बाइक स्टार्ट की और निकलने से पहले जोर से रेस दी, ताकि पायल को लगे कि मैं घर से चला गया हूँ। घर से निकलते ही मैंने ऑफिस फोन किया और कह दिया कि मुझे आज एक जरूरी काम आ गया है, मैं नहीं आ पाऊँगा।
घर से थोड़ी दूर एक चौराहे पर मैं रुक गया। हमारे घर से कहीं भी जाना हो, उस चौराहे से गुजरना जरूरी था। लेकिन समस्या ये थी कि पायल ऑटो में जाने वाली थी, और मुझे हर ऑटो पर नजर रखनी थी। अगर वो मेरी नजरों से बचकर निकल गई, तो मुझे नहीं पता था कि वो कहाँ जा रही है। मैंने बाइक साइड में लगाई और हर ऑटो को गौर से देखने लगा। रेड लाइट पर मुझे हर ऑटो में झाँकने का पूरा मौका मिल रहा था, लेकिन ग्रीन लाइट पर मुश्किल हो रही थी।
लगभग 20 मिनट बाद मेरी किस्मत चमक गई। मैंने पायल को एक ऑटो में बैठे देख लिया। मैंने उसकी नजर से बचते हुए बाइक उस ऑटो के पीछे लगा दी। कुछ ही मिनट बाद ऑटो एक बड़े मॉल के सामने रुक गया। मैं समझ गया कि पायल यहाँ किसी से मिलने आई है। जब तक वो ऑटो वाले को पैसे दे रही थी, मैंने फटाफट मॉल में घुसकर बाइक पार्किंग में लगा दी। मैं जानता था कि ये मॉल बहुत बड़ा है, और मैं किसी भी हाल में पायल को अपनी नजरों से ओझल नहीं होने देना चाहता। मैं कामयाब रहा और उसके पीछे-पीछे मॉल में पहुँच गया।
अंदर जाकर पायल ने किसी को फोन किया और वहीं खड़ी इंतजार करने लगी। मुझे लगा कि उसने शायद राजू को ही फोन किया होगा। लेकिन मैं गलत था। अगले ही पल उसके पास एक लड़का आया, जिसे मैंने पहले कभी नहीं देखा था। वो हमारे मोहल्ले का नहीं था। शायद वो उसके कॉलेज का दोस्त होगा। वो लड़का लंबा, गोरा, और अच्छी बॉडी वाला था। उसने नीली शर्ट और काली जींस पहनी थी।
कुछ देर बात करने के बाद उस लड़के ने पायल का हाथ पकड़ा और उसे लेकर मॉल में इधर-उधर घूमने लगा। वो दोनों एक-दो दुकानों में गए, लेकिन मुझे नहीं लगा कि उन्होंने कोई शॉपिंग की। फिर अचानक वो दोनों सिनेमा टिकट काउंटर के पास गए। लड़के ने टिकट लिए, और वो दोनों अंदर चले गए। मैंने शीशे से देखा कि वो स्क्रीन 2 में घुसे। मैंने भी बिना देर किए उसी स्क्रीन की टिकट ली, लेकिन फिल्म शुरू होने के 15 मिनट बाद अंदर गया, ताकि पायल मुझे रोशनी में न देख ले।
वो एक कार्टून फिल्म थी, इसलिए हॉल में ज्यादातर बच्चे थे, शायद स्कूल की तरफ से आए हुए। मैंने सबसे पीछे की पंक्ति की टिकट ली थी। मैं वहाँ जाकर बैठ गया और इधर-उधर नजरें घुमाने लगा। काफी देर नजर घुमाने के बाद मुझे पायल दिख गई। वो और वो लड़का आखिरी पंक्ति से एक पंक्ति नीचे, कोने में बैठे थे। मैं बीच में बैठा था। कार्टून फिल्म होने की वजह से बच्चे आगे बैठे थे, और पीछे सिर्फ 1-2 कपल्स थे। आखिरी पंक्ति में मैं अकेला था। फिल्म चल रही थी, लेकिन मेरा सारा ध्यान पायल और उस लड़के पर था।
लगभग 20 मिनट बाद वही हुआ, जो मैं देखना चाहता था। पायल और वो लड़का एक-दूसरे को चूमने लगे। अंधेरे में मुझे साफ नहीं दिख रहा था, लेकिन उस लड़के ने पायल को अपनी तरफ खींचा और वो दोनों चूमने में मस्त हो गए। हॉल में बैठे बाकी कपल्स भी अपनी मस्ती में लगे थे। मैं भी उत्तेजित हो गया और पैंट के ऊपर से अपने लंड को रगड़ने लगा। लेकिन तभी मैंने पायल की तरफ फिर से देखा, और मेरे होश उड़ गए।
अब वो दोनों चूम नहीं रहे थे। पायल का सिर उस लड़के की गोद में था, और वो लगातार ऊपर-नीचे हो रहा था। मुझे समझते देर न लगी कि पायल उसका लंड चूस रही है। ये सिलसिला कुछ मिनट तक चला। तभी इंटरवल हो गया। मैं फटाक से छिप गया, ताकि पायल मुझे रोशनी में न देख ले। वो दोनों अपनी मस्ती में बहार निकल गए।
मुझे शक हुआ कि वो कुछ और करने वाले हैं। मैं भी भागकर बाहर आया। मेरा शक सही था—वो दोनों सिनेमा हॉल से निकलकर बाहर की ओर जा रहे थे। मैं उनके पीछे-पीछे चल पड़ा। वो पार्किंग में पहुँचे। उस लड़के ने अपनी बाइक स्टार्ट की, और पायल उसके पीछे बैठ गई। मैंने भी फटाफट अपनी बाइक निकाली और उनका पीछा किया।
हम लोग काफी दूर निकल गए, लगभग चंडीगढ़ से बाहर। तभी उस लड़के ने बाइक एक पार्क के पास रोकी। वो दोनों आगे बढ़े, और पायल उसके पीछे-पीछे। वहाँ एक सरकारी टॉयलेट था, जिसके पीछे वो चले गए। मैंने अपनी बाइक साइड में लगाई और 5 मिनट इंतजार करने के बाद उसी तरफ गया। वहाँ पीछे जंगल जैसा था, ढेर सारी झाड़ियाँ थीं। टॉयलेट के पीछे एक पुराना, टूटा-फूटा कमरा था, शायद पुराना टॉयलेट ही होगा।
मैं नजदीक गया तो मुझे उनकी बातें सुनाई दीं। मैंने चुपके से एक पुरानी दीवार के पीछे से झाँका। वहाँ पायल और वो लड़का थे। लड़के की पैंट और अंडरवियर उसके घुटनों तक नीचे थी, और पायल अपने घुटनों पर बैठकर उसके लंड को मुँह में लेकर चूस रही थी। वो लड़का मस्ती में सिसकारियाँ ले रहा था, “आह… मेरी जान पायल, ऐसे ही चूस मेरे लंड को… आह… मजा आ रहा है!”
उसने पायल का सिर अपने हाथों में पकड़ा और तेजी से अपना लंड उसके मुँह में अंदर-बाहर करने लगा। पायल भी पूरे जोश में थी। उसका लंड करीब 8 इंच का था, और पायल उसे आधे से ज्यादा मुँह में लेकर चूस रही थी। कुछ देर बाद उसने पायल के मुँह से लंड निकाला और उसके होंठ चूसने लगा। पायल भी उसका साथ दे रही थी, और एक हाथ से उसके लंड को मसल रही थी।
लड़के ने कहा, “कितने दिन हो गए तेरी टाइट चूत चोदे हुए। आज अच्छे से तस्सली करूँगा—अपनी भी और तेरी भी!”
पायल ने उसे रोका, जब उसने उसकी कमीज उतारने की कोशिश की। वो बोली, “नहीं, यहाँ नहीं। कोई आ गया तो पंगा हो जाएगा।”
लड़का बोला, “कोई नहीं आएगा यहाँ। पिछली बार आया था क्या कोई?”
पायल ने नखरे किए, “नहीं, मुझे डर लगता है। मैंने कहा था ना, कहीं और चलो।”
लड़के ने मनुहार की, “चल, कमीज तो ऊपर कर। तेरी नंगी चूचियाँ देखे हुए बड़े दिन हो गए। प्लीज, इनका रसपान तो करवा दे, जान!” वो पायल की चूचियाँ कमीज के ऊपर से मसल रहा था।
पायल ने आँखों से इशारा किया, और लड़के ने फटाक से उसकी कमीज उसकी चूचियों के ऊपर तक उठा दी। वो नीचे झुका और एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा, दूसरी को हाथ से मसलने लगा। वो कभी पायल के होंठ चूसता, कभी उसकी चूचियाँ, और कभी सलवार के ऊपर से उसकी चूत रगड़ देता। पायल की हालत देखकर मैं समझ गया कि वो अब पूरी तरह गर्म हो चुकी है। वो उस लड़के के काबू में थी।
लड़के ने पायल के कान के पास जाकर कहा, “चल, अब तेरी चूत की ठकाई करता हूँ, मेरी जान। बोल, खाएगी तेरी चूत मेरा लंड?”
पायल ने सिसकते हुए जवाब दिया, “आह… मेरे राजा, मेरी चूत का पानी आज अच्छे से निकालो। कितने दिन से तड़प रही हूँ। मेरी चूत तो कब से तुम्हारे नागराज के इंतजार में बैठी है!”
लड़के ने पायल की सलवार का नाड़ा खोला, और सलवार उसके पैरों में जा गिरी। उसने पायल की पैंटी भी उतार फेंकी। उसने पायल को घास पर लिटा दिया और अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर सेट किया। उसका लंड लंबा और मोटा था। उसने एक जोरदार धक्का मारा। पहली बार में लंड थोड़ा ही अंदर गया, और पायल के मुँह से चीख निकल गई, “आह… प्लीज, धीरे… अम्म!”
लड़के ने लंड बाहर निकाला, अपने हाथ में थूक लगाया, और लंड पर मला। फिर उसने दोबारा धक्का मारा। इस बार आधा लंड पायल की चूत में समा गया। पायल ने फिर से सिसकारी भरी, “आह…” लेकिन इस बार उसकी आवाज में मस्ती थी। लड़के ने मौका देखते ही एक और धक्का मारा, और उसका पूरा लंड पायल की चूत में जड़ तक उतर गया। वो तेजी से अंदर-बाहर करने लगा। पायल की चूत की गर्मी और टाइटनेस उसे पागल कर रही थी।
पायल सिसकार रही थी, “आह… अम्म… ऐसे ही मोहित… ऐसे ही… आह!”
मैंने समझा कि उस लड़के का नाम मोहित है।
मोहित बोला, “सी… मेरी रानी, तेरी चूत को मैं आज अच्छे से चोदूँगा। इसकी खुजली मिटाऊँगा!”
पायल ने जवाब दिया, “हाँ, अच्छे से मिटाओ मेरी चूत की खुजली। ये साली मुझे बहुत तंग करती है!”
मोहित हँसा, “अच्छा, तो ये मेरी पायल रानी को तंग करती है? ले, अब देख इसकी धुनाई कैसे करता हूँ!”
उसने अपने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी। पच-पच की आवाजें मेरे कानों तक आ रही थीं। वो अपना लंड पूरी तरह बाहर निकालता और अपने पूरे वजन के साथ थप्प की आवाज के साथ पायल की चूत में पेल देता। हर धक्के के साथ पायल का पूरा शरीर थरथराने लगता था। वो चिल्ला रही थी, “आह… मोहित, ऐसे ही करो… मेरी इस शरारती चूत की पिटाई करो… आह… चोदो इसे!”
मोहित को और जोश आ गया। वो और तेजी से पायल की चुदाई करने लगा। मैं साफ देख सकता था कि जब उसका लंड चूत के अंदर जाता और बाहर आता, तो पायल की चूत का थोड़ा मांस भी बाहर खिंचता। अगले धक्के के साथ वो फिर अंदर चला जाता। पायल की सिसकारियाँ तेज हो गईं, “आह… ऐसे ही… मैं झड़ने वाली हूँ मोहित… आह… रुकना नहीं… आह… मजा आ रहा है!”
मोहित बोला, “बेटीचोद, जब तक तू रुकने को नहीं बोलेगी, तब तक तेरी चूत की ठुकाई करूँगा!”
पायल चीखी, “आह… मोहित… सी… मैं गई!” और वो झड़ गई। लेकिन मोहित रुका नहीं। वो उसी रफ्तार से चोदता रहा। कुछ पल बाद पायल थोड़ा ढीली पड़ने लगी, शायद झड़ने की वजह से। मोहित ने उसकी हालत भाँप ली। उसने अपना लंड पायल की चूत से निकाला। पायल ने उसे मुस्कुराकर देखा, लेकिन अगले ही पल मोहित ने उसे हैरान कर दिया। उसने पायल को उल्टा कर घोड़ी बना दिया।
सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि पायल कुछ समझ ही नहीं पाई। मोहित ने उसे घुटनों के बल कुतिया की तरह सेट किया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेल दिया। उसने पायल के दोनों हाथ पकड़कर पीछे की ओर खींच लिए। अब पायल का शरीर हवा में था, और मोहित पीछे से पूरी रफ्तार में उसे चोद रहा था। पायल थोड़ा थरथराई, लेकिन अब वो पूरी तरह मोहित के काबू में थी।
पायल चिल्लाई, “आह… प्लीज छोड़ दो… दर्द हो रहा है!”
मोहित बोला, “साली कुतिया, तूने तो मजा ले लिया। मेरे मजा का क्या होगा? तू ही बोल रही थी ना, मेरी चूत की पिटाई करो। अब देख, कैसे पीटता हूँ तेरी चूत को!”
उसने पायल की गांड पर 3-4 जोरदार तमाचे मारे। तड़ाक-तड़ाक की आवाज गूँज उठी।
पायल कराह रही थी, “आह… मोहित… मेरी चूत में दर्द हो रहा है… आह!”
मोहित बोला, “मेरी जान, दर्द के बाद ही तो मजा आएगा… आह!”
5 मिनट बाद पायल फिर से मस्ती में आ गई। वो मोहित का साथ दे रही थी, अपनी गांड को उसके लंड पर मार रही थी। मोहित भी मगन हो गया और तेजी से पायल की चूत ठोकने लगा। पायल चिल्ला रही थी, “आह… मोहित, ऐसे ही… ठोक दो मेरी चूत को… आह… और तेज… चोदो मुझे!”
मोहित बोला, “मेरी रंडी बनेगी तू, साली… आह… सी… रोज ऐसे ही चुड़ेगी मुझसे?”
पायल ने जवाब दिया, “बनूँगी क्या, मैं तो हूँ ही तुम्हारी रंडी… आह… मेरी चूत में बहुत मजा आ रहा है!”
मोहित ने 15 मिनट तक पायल की चुदाई की। पायल इस दौरान तीन बार और झड़ गई। उसकी सिसकारियाँ, उसकी चूत से टपकता पानी—सब कुछ मेरे सामने था। मैं छिपकर ये सब देख रहा था, और मेरा लंड पैंट में तंबू बना रहा था। तभी मोहित की सिसकारियाँ भी तेज हो गईं। वो लंबे-लंबे धक्के मारने लगा।
मोहित बोला, “आह… जान, मैं झड़ने वाला हूँ… आह!”
पायल ने कहा, “मेरी चूत में निकाल दो अपनी मलाई, मेरे राजा। बुझा दो मेरी चूत की प्यास!”
अगले 2-3 धक्कों में मोहित पायल की चूत में झड़ गया। उसका गर्म माल पायल की चूत से मिलकर टपकने लगा। चुदाई के बाद दोनों 2-3 मिनट तक हाँफते रहे। फिर जैसे ही उन्हें होश आया, उन्होंने जल्दी-जल्दी कपड़े पहनने शुरू कर दिए। उन्हें डर था कि कहीं कोई आ न जाए। मैं समझ गया कि वो अब यहाँ से निकलने वाले हैं। मैं फटाक से वहाँ से निकला और अपनी बाइक लेकर थोड़ी दूर जाकर छिप गया।
5 मिनट बाद वो दोनों बाइक पर निकल गए। मैंने उनका पीछा किया। वो दोनों बस इधर-उधर घूमते रहे, और फिर कॉलेज के समय से पहले मोहित ने पायल को हमारे घर के पास छोड़ दिया। मैं भी रोज की तरह घर पहुँचा। घर आते ही मैंने सारी बातें याद कीं और मुठ मारकर अपने लंड को शांत किया। उस दिन का मंजर मेरे दिमाग में बार-बार घूम रहा था—पायल की चूत, मोहित का लंड, उनकी चुदाई की आवाजें। मैं सोच रहा था कि पायल कितनी चुदक्कड़ हो गई है।
दोस्तों, ये थी मेरी पायल की चुदाई की कहानी। मैंने और भी कई बार उसकी चुदाई देखी है, और वो किस्से भी आपके साथ साझा करूँगा। लेकिन उसके लिए मुझे आपका प्यार चाहिए।