Indian Girlfriend Threesome sex story – MMF threesome sex story: मेरा नाम रुद्रांश है। बाईस साल का जवान लड़का, दिल्ली में आईटी जॉब करता हूँ, जिम जाता हूँ, बॉडी ठीक-ठाक बनी हुई है, लेकिन दिमाग में हमेशा कुछ न कुछ गंदा चलता रहता है। नेहा से एक डेटिंग ऐप पर मिला था। इक्कीस साल की, दूध जैसी गोरी त्वचा, लंबे काले बाल जो कमर तक लहराते हैं, बड़ी-बड़ी काली आँखें और वो मुस्कान जो देखते ही लंड में आग लगा देती है। पहली मुलाकात में ही हम कॉफी शॉप से उसके फ्लैट पर पहुँच गए थे। उस रात उसने मुझे ऐसा चोदा कि मैं आज भी वो एहसास भूल नहीं पाता – उसकी चूत इतनी टाइट और गर्म थी कि हर धक्के में लगता था जैसे कोई रेशमी गर्माहट मेरे लंड को निचोड़ रही हो, उसकी साँसें मेरी गर्दन पर गर्म हवा की तरह पड़ रही थीं, उसकी नरम जांघें मेरी कमर से लिपटकर मुझे और गहराई में खींच रही थीं। वो भी पूरी रंडी बनकर साथ देती थी, कराहते हुए गंदी बातें करती थी, “रुद्रांश… और जोर से पेल… अपनी रंडी बना ले मुझे…”। हमारी सेक्स लाइफ कमाल की थी – हर वीकेंड नई जगहें, नई पोजीशनें, कभी कार की पिछली सीट पर, कभी होटल के बालकनी में, उसकी चूत की वो मीठी-नमकीन खुशबू जो मुझे हमेशा पागल कर देती थी।
धीरे-धीरे नेहा मेरी दीवानी हो गई, कहती रहती थी कि मेरे बिना नहीं रह सकती। मैं भी उसे खोना नहीं चाहता था – उसका मुलायम शरीर, उसकी गीली चूत, उसकी कराहटें, सब कुछ मुझे बाँधे रखता था। नौ महीने बाद हम ऑफिशियल रिलेशनशिप में आ गए। लेकिन सच ये था कि मैं उसे उतना गहरा प्यार नहीं करता था जितना वो मुझे, मैं उसके साथ खुश था, पर मेरे दिमाग में एक गंदी फैंटसी पनप रही थी – थ्रीसम। मैं उसे दो लंडों के बीच देखना चाहता था, उसकी चीखें सुनना चाहता था, रोहन का मोटा लंड उसकी चूत में धंसता हुआ, नेहा का शरीर पसीने से तर, बस सोचकर ही मैं रात को मुट्ठ मार लेता था।
इंडियन लड़की को ऐसी फैंटसी के लिए मनाना आसान नहीं था। नेहा का बॉडी काउंट सिर्फ दो था – एक पुराना एक्स और मैं। मैंने बहुत धीरे-धीरे शुरूआत की। सेक्स के बाद जब हम नंगे लिपटे रहते थे, उसके स्तनों पर मेरी उँगलियाँ फिरती रहती थीं, मैं थ्रीसम पोर्न वीडियोज दिखाता। पहले वो शॉक हो जाती, आँखें बड़ी करके कहती, “ये क्या पागलपन है रुद्रांश? मैं कभी नहीं कर सकती।” लेकिन मैं उसे लंबे किस देता, उसकी चूत में उँगलियाँ घुमाते हुए कान में फुसफुसाता, “सोच बेबी… एक और लंड तेरी चूत में… मैं तेरे साथ हूँ ना… कितना मजा आएगा, तेरी चूत और भी गीली हो जाएगी।” दो महीने लगे। हर रात मैं उसे उत्तेजित करता, उसकी क्लिट पर जीभ फिराते हुए कहता, “कल्पना कर… कोई और लंड तेरी चूत फाड़ रहा है…”। आखिरकार एक रात, मेरे लंड पर झड़ने के बाद वो मेरे सीने से लिपटकर बोली, “ठीक है… ट्राई करेंगे। लेकिन कोई जाना-पहचाना नहीं, ना मेरा फ्रेंड, ना तेरा।”
मैं खुशी से पागल हो गया। हम उसी ऐप पर कपल प्रोफाइल बनाकर बुल ढूंढने लगे। कई डेट्स हुईं, लेकिन हर बार नेहा शरमा जाती, बातें अटक जातीं, वो उठकर चली जाती। आखिरी डेट से लौटकर वो फ्रस्ट्रेटेड होकर बोली, “बस रुद्रांश… अब मुझे कोई परवाह नहीं कौन आएगा। बस करवा दो ये थ्रीसम, मेरी ये टेंशन खत्म करो।” मैंने उसे गले लगाया, उसके होंठ चूसते हुए मन ही मन मुस्कुराया – अब सही मौका है।
मैंने रोहन को कॉल किया। कॉलेज का पुराना दोस्त, जिम फ्रीक, चौड़ा सीना, मसल्स जो टी-शर्ट फाड़ने को तैयार रहते हैं। नेहा को ऐसे लड़के बहुत पसंद थे, वो कई बार कह चुकी थी। मैंने सब बताया। पहले तो मना किया, “पागल हो गया है भाई?” लेकिन जब मैंने नेहा की बिकिनी और टाइट ड्रेस वाली फोटोज दिखाईं तो तुरंत हाँ कर दी। “कब?” “कल रात से, नेहा के पैरेंट्स किसी रिश्तेदार की शादी में जा रहे हैं, कल सुबह से अगली सुबह तक घर पूरी तरह खाली रहेगा।”
अगली सुबह नेहा के मम्मी-पापा शादी में चले गए थे, सामान पैक करके गाड़ी में बैठते वक्त नेहा को किस करके बोले थे कि रात भर घर पर आराम करना, हम कल सुबह तक वापस आएँगे। जैसे ही उनकी गाड़ी गई, नेहा ने मुझे मैसेज किया – “आ जा जल्दी, घर खाली है।” मैं वोदका, बीयर, व्हिस्की की बोतलें और कुछ स्नैक्स लेकर दोपहर बारह बजे उसके फ्लैट पर पहुँच गया। दरवाजा खोलते ही नेहा ने मुझे जोर से गले लगाया, उसकी आँखों में घबराहट और उत्सुकता दोनों थीं। वो गुलाबी रंग की पतली टॉप पहने थी जिसमें उसके गोल स्तन साफ उभरे हुए थे, काली शॉर्ट्स में उसकी मुलायम जांघें चमक रही थीं, बाल खुल्ले थे और हल्की परफ्यूम की खुशबू आ रही थी। “कौन आने वाला है आज?” उसने पूछा। मैंने मुस्कुराकर कहा, “सरप्राइज है बेबी… पहले रिलैक्स करते हैं, पूरी रात और पूरा कल सुबह तक तो हमारा टाइम है।”
हम सोफे पर बैठ गए, मैंने वोदका के शॉट बनाए, नींबू और बर्फ डाली। वो पहले मना करती रही, लेकिन मैंने उसके गाल सहलाए, उसकी गर्दन पर नरम किस किया और ग्लास उसके होंठों से लगाया। धीरे-धीरे उसने पाँच-छह शॉट पी लिए, उसकी आँखें चमकने लगीं, गाल गुलाबी हो गए, साँसें गर्म और तेज। मैंने उसके बालों में उँगलियाँ फेरीं, उसकी गर्दन पर नाक रगड़ी, उसकी त्वचा की वो मुलायम, हल्की मीठी खुशबू सूँघते हुए फुसफुसाया, “नेहा… तू आज कितनी सेक्सी लग रही है… तेरी चूत सोचकर ही गीली हो रही होगी ना?” वो सिहर उठी, मेरे सीने से लिपट गई, उसके हाथ मेरे लंड पर पहुँच गए, “रुद्रांश… तुम बहुत गंदे हो… पर आज मुझे भी कुछ गंदा करने का मन है।”
हमने लंबे समय तक किस किया, जीभें एक-दूसरे में उलझी हुईं, उसके होंठों का वो नरम, मीठा स्वाद मुझे पागल कर रहा था। मैंने उसका टॉप ऊपर उठाया, ब्रा में कैद उसके गोल, भारी स्तन सहलाए, निप्पल्स पहले से ही कड़े हो चुके थे, ब्रा के कपड़े पर साफ दिख रहे थे। मैंने ब्रा ऊपर सरकाई, एक निप्पल पर सिर्फ़ गर्म साँसें डालीं, बिना छुए, हवा की तरह। नेहा का शरीर काँप उठा, उसकी छाती तेजी से ऊपर-नीचे होने लगी, उसकी साँसों की गर्मी मेरे चेहरे पर पड़ रही थी, “उफ्फ़… रुद्रांश… मत तड़पाओ… चूसो ना…”। कई घंटे ऐसे ही बीते – ड्रिंक्स, हँसी-मजाक, पुरानी यादें, हल्की-हल्की छेड़खानी। वो अब पूरी तरह रिलैक्स थी, मेरी गोद में बैठी थी, मेरे लंड को पैंट के ऊपर से सहला रही थी, उसकी उँगलियाँ गर्म और नरम थीं।

शाम सात बजे के करीब डोरबेल बजी। नेहा चौंकी, उसकी साँसें एक पल को रुक गईं, “कौन?” मैंने मुस्कुराकर कहा, “वही जिसका इंतजार था।” दरवाजा खोला तो रोहन अंदर आया, हाथ में एक बोतल और मुस्कान लिए, टी-शर्ट में उसकी मसल्स उभरी हुईं, उसकी बॉडी से आ रही हल्की परफ्यूम और पसीने की मर्दाना खुशबू कमरे में फैल गई। नेहा उसे देखकर पहले स्तब्ध रह गई, फिर थोड़ा गुस्सा, “रोहन? तुम? रुद्रांश, तूने बिना बताए कॉलेज वाले को बुला लिया?” मैंने हँसकर कहा, “तुझे तो ऐसे वेल-बिल्ट लड़के पसंद हैं ना? अब पूरी रात है, मजा आएगा।” वो शरमाकर सोफे पर सिकुड़ गई, लेकिन ड्रिंक का असर था, उसकी आँखों में एक छुपी हुई चमक साफ दिख रही थी, उसकी जांघें बेचैनी से रगड़ रही थीं।
माहौल शुरू में थोड़ा अजीब था, लेकिन मैंने फिर शॉट सर्व किए, रोहन ने भी पीना शुरू किया। कॉलेज के पुराने किस्से छेड़े, हँसी-मजाक चला। धीरे-धीरे नेहा खुलने लगी, हँसने लगी, उसकी हँसी की वो मधुर आवाज कमरे में गूंज रही थी। मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा, रोहन की तरफ देखकर मुस्कुराया और फिर नेहा को लंबा किस किया – सबके सामने। वो पहले हिचकिचाई, लेकिन फिर जीभ से पूरा जवाब देने लगी, उसके होंठ गर्म और गीले थे। मैंने उसका टॉप उतार दिया, अब वो सिर्फ ब्रा और शॉर्ट्स में थी, उसकी गोरी त्वचा लाइट में चमक रही थी। मैंने ब्रा खोली, उसके गुलाबी निप्पल्स हवा में सख्त होकर खड़े हो गए, जैसे पुकार रहे हों। मैंने अपना मुँह बाएँ स्तन के पास ले जाकर पहले सिर्फ़ गर्म साँसें डालीं, हवा की तरह, फिर जीभ की नोक से हल्का सा छुआ। नेहा का शरीर सिहर उठा, उसकी साँसें तेज हो गईं, “हाय… रुद्रांश… उफ्फ़…”। रोहन को इशारा किया। वो आगे बढ़ा, उसकी मजबूत, गर्म उँगलियाँ नेहा की कमर पर फिरीं, उसकी त्वचा पर हल्की कंपकंपी दौड़ गई। उसने भी वही किया – पहले गर्म साँसें, फिर हल्का लिक। अब दोनों निप्पल्स पर दो अलग-अलग मुँह की गर्मी पड़ रही थी, जीभें घूम रही थीं, चूस रही थीं। नेहा की आँखें बंद हो गईं, मुँह खुला रह गया, हल्की-हल्की कराहटें निकल रही थीं, “हाय… ये क्या हो रहा है… दोनों तरफ… आह्ह… कितना अच्छा लग रहा है…”। उसकी चूत से वो मादक, हल्की मछली जैसी लेकिन मीठी-गीली खुशबू कमरे में फैलने लगी, जो मुझे हमेशा बेहोश कर देती थी। मेरे दिमाग में सिर्फ़ एक विचार था – आज ये रंडी पूरी तरह हमारी होने वाली है।
मैंने उसकी शॉर्ट्स और पैंटी धीरे से नीचे सरकाई, उसकी चिकनी, गीली चूत सामने आ गई, उसकी चमक और गर्मी साफ महसूस हो रही थी। मैंने उसके पैर चौड़े किए, अपनी नाक उसके ऊपर ले गया – वो गर्म, मदहोश करने वाली खुशबू जो मेरे दिमाग को सुन्न कर देती थी। मैंने जीभ बाहर निकाली और सबसे पहले उसकी क्लिटोरिस पर हल्का सा स्पर्श किया, जैसे बर्फ पर गर्म चाय की बूंद। नेहा का पूरा शरीर झटका खाकर ऊपर उछला, उसकी जांघें मेरे कंधों पर सख्त हो गईं, उसकी उँगलियाँ मेरे बालों में कस गईं। “आह्ह… स्सी… रुद्रांश… चाट ना… और जोर से… मत तड़पाओ…” वो अब अपनी चूत मेरे मुँह पर रगड़ रही थी, उसका रस मेरे होंठों पर लग रहा था, स्वाद मीठा-नमकीन। रोहन उसके होंठ चूम रहा था, उसकी जीभ उसके मुँह में घुस रही थी, नेहा अब खुलकर, बेतहाशा जवाब दे रही थी।
फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला, पहले से कड़ा और गर्म। नेहा उसे देखते ही मुंह में ले लिया, पागल की तरह चूसने लगी, “मम्म्म… तेरा लंड सबसे बेस्ट है…”। रोहन ने पैंट उतारी, उसका मोटा, लंबा लंड बाहर आया। नेहा की आँखें फैल गईं, “ये तो… रुद्रांश से भी बड़ा… उफ्फ़… कितना मोटा है…”। मैंने कहा, “चख ले।” वो झिझकी, लेकिन मैंने उसके सिर को पकड़कर धीरे से धकेला। उसने पहले जीभ की नोक से छुआ, फिर मुंह में लिया, “ओह्ह… रोहन… कितना मोटा है… मुँह दर्द कर रहा है… पर स्वाद… मम्म… और गहरा दूँ?” अब वो दोनों लंड बारी-बारी चूस रही थी, उसकी लार टपक रही थी, गले तक ले रही थी, उसकी कराहटें लंड मुंह में होने के बावजूद निकल रही थीं।
मैंने उसे बेड पर लिटाया। रोहन ने कंडोम लगाया और चूत पर लंड रखा। नेहा की साँसें तेज, उसने डरी-डरी लेकिन चाहत भरी आवाज में कहा, “रोहन… धीरे डालना… बहुत मोटा लग रहा है… कहीं फट न जाऊँ… आह्ह… पर डालो ना… रुद्रांश, देखो ना कितना बड़ा है ये…”। रोहन ने धीरे-धीरे सरकाया, नेहा की चूत ने उसे निचोड़ा। वो चीखी, “आआह्ह… मादरचोद… धीरे… पर अच्छा लग रहा है… और अंदर…”। रोहन ने स्पीड बढ़ाई, चप-चप-चप की आवाजें कमरे में गूंजने लगीं, उसके स्तन उछल रहे थे। “हाँ रोहन… ऐसे ही पेल… मेरी चूत फाड़ दो… रुद्रांश, देख ना… तेरी गर्लफ्रेंड तेरे दोस्त से चुद रही है… आह्ह…”। मैं उसके मुंह में लंड दे रहा था। रोहन का लंड देखकर मुझे हल्की जलन हुई, लेकिन नेहा की चीखें और उसकी तड़प सुनकर और ज्यादा मजा आ रहा था।
हमने पोजीशन बदली – मैं चूत में, रोहन मुंह में। फिर डॉगी – रोहन पीछे से जोर-जोर से ठोक रहा था, मैं सामने उसके बाल पकड़कर मुंह में। “रंडी… कितनी टाइट चूत है तेरी,” रोहन कराहते हुए बोला। नेहा और पागल हो गई, “हाँ… मैं तुम्हारी रंडी हूँ… दोनों मिलकर चोदो… फाड़ दो मुझे…”।
आखिर में हमने उसे सैंडविच बनाया। मैं नीचे लेटा, नेहा मेरे लंड पर बैठी, उसकी गर्म, गीली चूत मेरे लंड को पूरी तरह निगल गई। रोहन पीछे से उसकी गांड सहला रहा था, उंगली कर रहा था। नेहा पहले डरी, “नहीं… गांड में नहीं…” लेकिन मैंने उसके होंठ चूसकर, स्तन मसलकर शांत किया। रोहन ने बहुत धीरे, लार लगाकर अपना मोटा लंड गांड पर रखा और सरकाया। नेहा रोते हुए चीखी, “आआह्ह… मर गई… स्सी… बहुत दर्द… पर… रुको मत… दोनों एक साथ… मेरी चूत और गांड जल रही है… हाय… और जोर से… मुझे रंडी बना दो आज…”। हमने स्पीड बढ़ाई, कमरे में सिर्फ चप-चप, नेहा की चीखें और हमारी कराहटें गूंज रही थीं। नेहा का शरीर काँपने लगा, “ओह्ह… फाड़ दो मुझे… दोनों लंड… झड़ने वाली हूँ… आह्ह… स्सी…”। वो झड़ी, उसकी चूत और गांड दोनों सिकुड़कर हमें निचोड़ने लगीं। रोहन पहले झड़ा, फिर मैं। तीनों पसीने से तर-बतर, बेड पर गिर पड़े, साँसें तेज, शरीरों से गर्मी निकल रही थी।
नेहा हमारे बीच लिपटकर, मुस्कुराते हुए बोली, “रुद्रांश… ये मेरी जिंदगी का बेस्ट था… कभी सोचा नहीं था इतना मजा आएगा।” पूरी रात और अगली सुबह तक हमने तीन और राउंड मारे, कभी वो दोनों लंड चूसती, कभी अलग-अलग, कभी एक साथ। सुबह जब रोहन चला गया, हम नंगे लिपटकर सोए। नेहा मेरे सीने पर सिर रखकर फुसफुसाई, “अबकी बार मैं किसी अनजान को चुनूँगी… ताकि और मजा आए।” मैं मुस्कुराया – ये फैंटसी तो बस शुरूआत थी।
कहानी का अगला भाग: दो लंडों से सैंडविच बनी