धुआंधार चुदाई से चुत फट कर फूल गई

Online Pyaar Se Hotel Mein Chudai sex story: मैं पंजाब का रहने वाला हूँ, 20 साल का जवान लड़का, नाम है अमन। चुदाई का ऐसा दीवाना हूँ कि हर मौके पर कुछ नया और रोमांचक करने की सोचता रहता हूँ। मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच है, रंग गोरा, और बॉडी फिट क्योंकि मैं रोज़ जिम जाता हूँ। इस साल मैंने बारहवीं पास की और एक अच्छे कॉलेज में दाखिला लिया, पर लॉकडाउन की वजह से कॉलेज जाना शुरू नहीं कर पाया। सारी क्लासेज़ अब ज़ूम पर ऑनलाइन होने लगी थीं। हमारे बैच में 5 लड़के और 15-20 लड़कियाँ थीं, पर ज़्यादातर लोग वीडियो ऑफ रखकर ही क्लास लेते थे। मैं भी ऐसा ही करता था, लेकिन एक दिन गलती से मेरा वीडियो ऑन रह गया, और यही गलती मेरी ज़िंदगी को एक मस्त मोड़ दे गई।

उसी दिन, क्लास के बाद ज़ूम पर मुझे एक मैसेज आया, “हेलो”। मुझे लगा कोई लड़का मज़ाक कर रहा है, पर फिर सोचा, चलो जवाब दे ही देता हूँ। जवाब देने के बाद बात शुरू हुई, और पता चला कि वो मधवी थी, उसी बैच की एक लड़की। मधवी, 20 साल की, गोरी-चिट्टी, 5 फीट 4 इंच की हाइट, और फिगर ऐसा कि किसी को भी दीवाना बना दे। उसने मुझे बाद में अपनी तस्वीरें भेजीं, और दोस्तों, मैं तो बस देखता रह गया। उसके सुनहरे, कंधों तक लहराते बाल, मध्यम आकार के गोल-मटोल बूब्स, और पतली कमर। उसकी आँखों में एक शरारत थी, और होंठ गुलाबी, जैसे बस चूमने को बुला रहे हों।

हमारी बातें ज़ूम से शुरू होकर व्हाट्सएप तक पहुँच गईं। दिन-रात चैट चलती, सुबह गुड मॉर्निंग से लेकर रात को गुड नाइट तक। धीरे-धीरे बातें प्यार भरी होने लगीं, और फिर मैंने थोड़ा गंदा मज़ाक शुरू किया। वो थोड़ा नखरे करती, पर उसकी हँसी से पता चलता था कि उसे भी मज़ा आ रहा है। एक दिन मैंने हिम्मत करके पूछ लिया, “मधवी, तू इस रिश्ते को लेकर सीरियस है, या बस टाइमपास कर रही है?” उसने मेरा मैसेज देखा, पर जवाब नहीं दिया। मेरी तो धड़कनें तेज़ हो गईं, लगा कि शायद ये लड़की हाथ से निकल गई। लेकिन एक घंटे बाद उसका जवाब आया, “मैं तुम्हें तब से पसंद करती हूँ, जब से तुम्हें ज़ूम पर देखा था।”

ये पढ़कर मैं तो जैसे सातवें आसमान पर था। मैंने तुरंत जवाब दिया, “आई लव यू, मधवी।” उसने भी कहा, “आई लव यू टू, अमन।” बस फिर क्या, मैंने उसे वीडियो कॉल किया। कॉल पिक करते ही वो शरमाने लगी। उसकी गालों पर हल्की-सी लाली, और आँखों में एक नशीली चमक थी। वो गुलाबी टी-शर्ट में थी, और बाल खुले हुए, जो उसे और प्यारी बना रहे थे। हमने घंटों बात की, और मैं बीच-बीच में गंदी बातें करता, जैसे, “मधवी, तुझे देखकर मेरा दिल नहीं, कुछ और ही धड़क रहा है।” वो हँसती और कहती, “अमन, तू भी ना, बहुत बदमाश है।”

हमारी बातें अब रोज़ घंटों चलतीं। मैं उसे चुदाई के लिए मनाने लगा, पर लॉकडाउन की वजह से होटल बंद थे। मधवी का शहर मेरे शहर से बस एक घंटे की दूरी पर था। जैसे ही लॉकडाउन खुला, मैंने तुरंत एक अच्छे होटल में रूम बुक कर लिया। मैंने उससे मज़ाक में पूछा, “कौन सा कंडोम फ्लेवर पसंद है?” वो शरमाते हुए बोली, “स्ट्रॉबेरी।” उसका ये जवाब सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया।

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मैंने अगले दिन की पूरी तैयारी कर ली। अपने लंड के सारे बाल साफ किए, स्ट्रॉबेरी फ्लेवर के कंडोम खरीदे, और एक अच्छा परफ्यूम लगाया। सुबह-सुबह ही होटल पहुँच गया, क्योंकि मुझसे इंतज़ार नहीं हो रहा था। थोड़ी देर बाद मधवी भी आ गई। जैसे ही मैंने दरवाज़ा खोला, उसे देखकर मेरी साँसें रुक गईं। उसने टाइट पिंक ड्रेस पहनी थी, जो उसके बदन से चिपककर उसकी हर कर्व को उभार रही थी। उसके बाल खुले थे, और चेहरे पर हल्का मेकअप, गुलाबी लिपस्टिक, और काजल से सजी आँखें। मैं तो बस उसे देखता रह गया। उसने मुझे हल्का सा हिलाया और बोली, “क्या हुआ, अमन?” मैं होश में आया और उसे अंदर बुलाया।

वो थोड़ा शरमा रही थी, और मैं भी थोड़ा नर्वस था। हम बेड पर बैठे, लेकिन न वो कुछ बोल रही थी, न मैं। कमरे में एक अजीब-सी खामोशी थी, बस हमारी साँसों की आवाज़ सुनाई दे रही थी। फिर मैंने हिम्मत की और उसके पास सरक गया। मैंने उसका हाथ पकड़ा, उसकी उंगलियाँ नरम और ठंडी थीं। मेरे हाथ रखते ही उसका चेहरा लाल हो गया, और उसकी साँसें तेज़ होने लगीं। मैंने उसकी आँखों में देखा, और धीरे-धीरे हम एक-दूसरे के करीब आए। हमारे होंठ मिले, और हमने गहरी, गर्म चुम्बन शुरू की। उसके होंठ मुलायम और रसीले थे, और उसकी साँसों की गर्मी मुझे पागल कर रही थी। हम करीब 15 मिनट तक चूमते रहे, कभी धीरे, कभी जोश में। मेरी जीभ उसके होंठों पर फिसल रही थी, और वो भी मेरे होंठों को चूस रही थी।

चुम्बन के बीच मैंने धीरे से उसकी पिंक ड्रेस के ऊपर से उसकी कमर पर हाथ फेरा। उसकी त्वचा गर्म थी, और वो हल्का सा काँप रही थी। मैंने उसे बाहों में भरा और और गहराई से चूमने लगा। उसने मेरी शर्ट को कसकर पकड़ लिया, जैसे वो मुझे और करीब खींचना चाहती हो। मैंने धीरे से उसकी ड्रेस को ऊपर उठाया और उसकी चिकनी जाँघों पर हाथ फेरा। उसकी साँसें और तेज़ हो गईं, और वो हल्का सा “उम्म…” की आवाज़ करने लगी। मैंने उसकी ड्रेस को पूरी तरह उतार दिया। अब वो सिर्फ़ पिंक ब्रा और पैंटी में थी। उसकी ब्रा में से उसके बूब्स आधे बाहर झाँक रहे थे, और उसकी गुलाबी निप्पल्स ब्रा के ऊपर से हल्के-हल्के दिख रहे थे।

मैंने उसकी ब्रा के हुक खोले, और जैसे ही ब्रा हटी, उसके गोल, मध्यम आकार के बूब्स मेरे सामने थे। उसके निप्पल्स गुलाबी और सख्त हो चुके थे। मैंने धीरे से एक बूब्स को हाथ में लिया और हल्का सा दबाया। वो इतने नरम थे कि मेरे हाथों में जैसे पिघल रहे थे। मैंने अपना मुँह उसके निप्पल्स पर रखा और धीरे-धीरे चूसना शुरू किया। मधवी ने एक लंबी सिसकारी भरी, “आह्ह… अमन…” उसका हाथ मेरे बालों में था, और वो मुझे अपने बूब्स की तरफ़ और दबा रही थी। मैंने एक निप्पल को चूसा, फिर दूसरे को, और बीच-बीच में अपनी जीभ से उसके निप्पल्स के चारों ओर गोल-गोल चक्कर लगाए। उसकी सिसकारियाँ अब और तेज़ हो रही थीं, “उम्म… आह्ह…”

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मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी पैंटी की तरफ़ बढ़ा। मैंने धीरे से उसकी पिंक पैंटी को नीचे खींचा। उसकी चूत मेरे सामने थी, बिल्कुल चिकनी, गुलाबी, और हल्की-सी गीली। उसकी चूत की खुशबू मुझे पागल कर रही थी। मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रखा और धीरे से उसकी क्लिट को चाटना शुरू किया। मधवी के मुँह से एक ज़ोरदार “आह्ह्ह…” निकला, और उसने मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा लिया। मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत की दरार में फेरा, और उसकी क्लिट को हल्के-हल्के चूसा। उसका स्वाद हल्का नमकीन और मीठा था, जैसे शहद में थोड़ा नमक मिला हो। वो अब ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियाँ ले रही थी, “आह्ह… अमन… और कर… उफ्फ…”

मैंने अपनी जीभ को और गहराई तक ले गया, और उसकी चूत को चाटते हुए उसकी क्लिट को हल्का सा काटा। उसका पूरा शरीर काँप उठा, और वो “उम्म… आह्ह…” करती रही। कुछ ही मिनटों में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया, और मैंने उसका सारा रस चाट लिया। उसका स्वाद इतना मादक था कि मैं और पागल हो गया। मैं खड़ा हुआ और अपनी पैंट उतारी। मेरा 6.5 इंच का लंड पूरी तरह तन चुका था, और उसका सुपारा गुलाबी और चमक रहा था। मैंने मधवी का हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रखा। वो थोड़ा शरमाई, पर धीरे-धीरे उसे सहलाने लगी।

मैंने कहा, “चल, अब इसे चूस।” वो बोली, “नहीं, मुझे नहीं आता…” पर मेरे थोड़ा ज़ोर देने पर वो मान गई। उसने मेरे लंड को अपने गुलाबी होंठों के बीच लिया और धीरे-धीरे चूसना शुरू किया। उसकी गर्म साँसें मेरे लंड पर लग रही थीं, और उसकी जीभ मेरे सुपारे पर गोल-गोल घूम रही थी। वो थोड़ा अनाड़ीपन से चूस रही थी, पर उसकी कोशिश मुझे और जोश दिला रही थी। मैंने उसके बाल पकड़े और धीरे-धीरे अपने लंड को उसके मुँह में अंदर-बाहर किया। वो “उम्म… उम्म…” की आवाज़ें निकाल रही थी।

थोड़ी देर बाद मैंने उसे रोका और कहा, “अब तू लेट, अब मैं तेरी चूत की सैर करता हूँ।” वो बेड पर लेट गई और अपनी टाँगें फैला दीं। मैंने स्ट्रॉबेरी कंडोम निकाला, अपने लंड पर चढ़ाया, और उसकी टाँगों के बीच आ गया। मैंने अपने लंड का सुपारा उसकी चूत पर रगड़ा। उसकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा लंड फिसल रहा था। वो सिसकारियाँ ले रही थी, “आह्ह… अमन… डाल दे ना…” मैं उसे तड़पाना चाहता था, तो मैंने और देर की, और अपने लंड को उसकी चूत की दरार पर ऊपर-नीचे रगड़ा।

आखिरकार, मैंने धीरे से अपने लंड को उसकी चूत में डाला। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड मुश्किल से अंदर जा रहा था। मधवी ने दर्द से “आह्ह…” की आवाज़ निकाली और मेरी पीठ पर अपने नाखून गड़ा दिए। मैं रुक गया और उसकी गर्दन पर चूमने लगा। मैंने उसके बूब्स को फिर से चूसा, और उसका ध्यान दर्द से हट गया। पाँच मिनट बाद मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर-बाहर करना शुरू किया। अब वो दर्द की जगह मज़े में सिसकारियाँ ले रही थी, “उम्म… अमन… और कर…”

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मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई, और अब मेरे लंड की हर धक्के के साथ “फच-फच” की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। मधवी की सिसकारियाँ अब चीखों में बदल रही थीं, “आह्ह… अमन… चोद ना… और ज़ोर से…” मैंने उसके बूब्स को कसकर दबाया और और तेज़ी से चोदने लगा। उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी, और हर धक्के के साथ उसका पूरा शरीर हिल रहा था।

करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद मैंने कहा, “चल, अब तू मेरे लंड की सवारी कर।” उसने मुझे धक्का देकर नीचे किया और मेरे ऊपर आ गई। वो मेरे लंड पर बैठ गई और धीरे-धीरे उछलने लगी। उसके बूब्स मेरे सामने हिल रहे थे, और मैंने उन्हें पकड़कर चूसना शुरू किया। वो ज़ोर-ज़ोर से “आह्ह… उम्म…” कर रही थी। मैंने उसकी गांड पर हल्का सा थप्पड़ मारा, जिससे वो और जोश में आ गई और अपनी गांड को हिलाते हुए मेरे लंड पर उछलने लगी।

फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में किया। मैंने उसकी चूत और गांड को चाटा, और उसकी गांड की गुलाबी गुदा को अपनी जीभ से सहलाया। वो “आह्ह… अमन… ये क्या कर रहा है…” कहते हुए सिसकार रही थी। मैंने फिर से अपना लंड उसकी चूत में डाला और ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। “फच-फच” की आवाज़ पूरे कमरे में गूँज रही थी, और मधवी की चीखें मुझे और जोश दे रही थीं।

करीब 25 मिनट की चुदाई के बाद मेरा पानी निकलने वाला था। मैंने स्पीड और तेज़ की, और मधवी भी पूरी तरह मूड में थी। वो अपनी चूत को मेरे लंड पर ज़ोर-ज़ोर से रगड़ रही थी। आखिरकार, हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैंने सारा पानी कंडोम में निकाला, और मधवी मेरे ऊपर ढेर हो गई। हम दोनों की साँसें तेज़ थीं, और हम एक-दूसरे को चूमने लगे।

थोड़ी देर बाद हमने फिर से चुदाई शुरू की। इस बार मैंने बिना कंडोम के चोदा। मैंने उसकी चूत को इतने प्यार से चोदा कि वो बार-बार सिसकारियाँ ले रही थी। आखिर में मैंने अपना पानी उसके मुँह में निकाला, और उसने उसे चाट लिया। हम दोनों थककर बेड पर लेट गए। मधवी की चूत फूल गई थी, और उसे चलने में तकलीफ हो रही थी, पर उसकी आँखों में एक अलग ही संतुष्टि थी। हमने कपड़े पहने और अपने-अपने घर चले गए, लेकिन वो चुदाई का मज़ा हमें हमेशा याद रहेगा।

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