बाप की चुदाई ने निकाली बेटी की चीखे

नमस्कार दोस्तों ,मेरा नाम सौम्य है और मैं 22 साल की लड़की हूँ। अब मैं दिल्ली में रहती हूँ पर जब मेरी मासूमियत ने चुदवाया तब मैं सूरत में रहती थी। अब उम्र बढ़ने साथ साथ मेरा शरीर मम्मी की तरह भारी और भरा भरा होने लगा।

धीरे धीरे 20 साल की उम्र तक मेरे स्तन बड़े हो गए और होते ही गए।जब मैं 22 साल की हुई तो गांड और जांगे भारी होने लगी। जो बच्चे बचपन में एक साथ गली में खेला करते वो |

आज एक दूसरे को कामवासना की नजर से देखा करते। मैं कई बार अपने आप को शीशे में देख सेक्सी हो जाती क्युकी जैसा मैं अपना शरीर चाहती थी मेरा वैसा ही था।

अकेले ही अकेले मैं कमरे में गंदा नाच, अश्लील वीडियो, अपने स्तनों को चूसना, चुत में ऊँगली करने जैसे अलग अलग गन्दी चीजे करने लगी।

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बढ़ता शरीर और बड़े बड़े लटकते स्तन देख कर मेरे पापा भी मुझे अपनी आँखे बड़ी कर के देखते। पापा मुझे किस तरह देखते थे ये तो मुझे तब पता लगा अचानक वो मुझे चोदने पर उत्तर आए।

मैं देखने में काफी भोली भाली और मासूम लड़की थी जो बस दिन रात पढाई और घर का काम करती। मेरा न बॉयफ्रेंड था और न तो किसी तरह की चुत रगड़ने की गन्दी लत।

में एक शाम मैं आराम से अपने फ़ोन में सेक्सी वीडियो देख रही थी जिसमे दो मर्द एक औरत के स्तन दूध चूस रहे थे।मैं भी मन ही मन यही चाहती थी।

दोस्तों जिस लड़की के भी स्तन बड़े होते है वो ऐसा ही कुछ अपने साथ करवाना चाहती है इसलिए अगर आपकी गर्लफ्रेंड है तो उसके स्तन खूब चूसे। वीडियो देखते देखते मेरे दोनों निप्पल खड़े हो गए |

मैं उनपर धीरे धीरे अपनी उंगलिया मारने लगी। मुझे सेक्सी आनंद आने लगा और छूट भी नम हो गए।तभी पापा मेरे कमरे में अपना लिंग हिलाते हुए घुस आए और उन्होंने मुझे दबोच कर मेरा पजामा और कच्छी उतारना शुरू कर दिया।

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मैं डर गई और बोली क्या हुआ पापा !! पापा ने कहा – हुआ कुछ नहीं बेटी तेरे शरीर में गर्मी और गंदा पानी जमा हो गया है जिसे निकलना जरुरी है।मैंने कहा, क्या मतलब मैं कुछ समझी नहीं !!

पापा ने मेरी कोई बात का जवाब नहीं दिया और मेरी टांगो को पीछे से गले लगा कर मेरे चूतड़ों में अपना मुँह घुसाने लगे। मेरी कच्छी नीचे से गीली थी और पापा चुत के रस की सुगंद लेने लगे।

उनकी इस गन्दी हरकत से मुझे भी तगड़ा सेक्स करने की इच्छा होने लगी।पापा ने अपने दोनों हाथो से कच्छी नीचे की और मेरे स्तनों को पकड़ कर मेरी चुत का रस धीरे धीरे चाटना शुरू कर दिया।

पापा की जुबान जैसे ही मेरी चुत पर नाचने लगी मेरा शरीर वही जाम हो गया और मैं सेक्स के शुरुआती पालो का आनंद लेने लगी। इस तरह बाप ने बेटी को चोदना शुरू किया।

पापा मेरी चुत गीली करने लगे ताकि अपना सूखा और राक्षश सा लंड मेरे अंदर डाल साके। इस तरह मुझे मेरी ही जवानी की गर्मी ने मुझे चुदवाया और मैं लंड लेने को मजबूर हो गई।

चुत में होती तेज खुजली के आगे मुझे कुछ नहीं दिखा और पापा तो वैसे ही लंड से सोच रहे थी।जब पापा चुत चाट रहे थे मैंने उनका लंड पकड़ा और उसे हिला हिला कर खड़ा करने लगी।

उनके गोटे मोटे से थे जैसे की कोई छोटा सा गर्म पानी का गुब्बारा हो। देखते ही देखते मेरी सासे तेज चलने लगी तो पापा ने जल्दी से कमरा अंदर से बंद किया और मुझे गले लगा कर मेरी चुत में लंड देकर चोदने लगे।

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हम दोनों एक दूसरे की तरफ मुँह कर के लेटे थे और पापा बेशर्मो की तरह मुझे चोदते हुए मेरी आँखों में देख रहे थे। उन्होंने मेरी टांग ऊपर की तरफ उठा राखी थी और सामने से अपना लंड मेरी चुत में दिए जा रहे थे।

पहला लंड लेते ही मेरे तो आंसू निकलने लगे और मुझे दर्द होने लगा।पापा का लंड चुत की दीवारे चौड़ी करता हुआ अंदर बाहर अंदर बाहर हो रहा था।

पापा की रफ्तार मुझ नहीं गई तो मैं छटपटाने लगी और मुँह से दर्द भरी आवाजे निकालने लगी। मम्मी को पता न लगे इसलिए पापा ने मेरा मुँह अपने हाथ से दबोचा और मुझे चुप करवा दिया।

दूसरे हाथ से मेरी नाजुक छाती को बेरहमी से दबाते हुए मेरी निप्पल खींचते और मरोड़ते रहे। पापा के हाथ, पैर, कमर और सब कुछ बिना रुके बिना थके चल रहा था।

उनका शरीर किसी मशीन की तरह मुझे चोद रहा था। पापा मेरा शरीर चोदे जा रहे थे और मेरा शरीर बेजान होकर उनके काबू में था।कुछ देर के दर्द के बाद मेरी चुत अपना सफ़ेद माल निकालने लगी।

चुत मलाई दार होने के बाद पापा मजा आने लगा दर्द कम होने लगा। ये देख पापा ने मेरे से हाथ हटाया और मेरे हाथो पर एक बार चुम कर मेरे स्तनों को चूसने लगे।

उन्होंने अपने दोनों हाथो से मेरे खरगोश जकड़े और उन्हें जोर जोर से हर जगह चूसने लगे। अब यही तो मैं चाहती थी कामुक होकर बड़े और लाल हो गए। पापा के जबरदस्त होठो की चुसाई से मेरे दोनों थान लाल हो गए।

जैसे जैसे पापा अपनी चरम सीमा तक जाने लगे वैसे वैसे वो पागल होने लगे। चुत का माल तो पहले ही निकल गया था और पापा मलाई वाली चुत को ही बार बार चोदे जा रहे थे।

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उनका ऊपर लिंग और मेरी जाँघे सफ़ेद मलाई से लतपत हो गई।अंत में उन्होंने मेरी कमर को कस कर जकड़ा और मेरी छाती के बीच अपना मुँह दबोच कर जोर जोर से मुझे चोदने लगे।

बिस्तर पर पड़ी रजाई, मेरा फ़ोन, तकिए सब नीचे हिरने लगे और पूरा बेड हिलने लगा।पापा की जबरदस्त चुदाई से बेड अपनी जगह से हिल गया और मेरी आवाज कापने लगी, शरीर टूट गया|

चुत से पानी निकलने लगा, शरीर पसीने से भीग गया आंसू निकलने लगे। ऐसी पहली चुदाई से खुश थी। और पापा का लंड अंत तक काफी सकत और टाइट हो गया जो मेरी चुत को दर्द देने लगा।

एक झटको के साथ साथ पापा ने अंत में अपना लंड अचानक बाहर निकाला और मेरी जांघो के बीच दबा और उसे रगड़ने लगे। पापा का लंड गर्म, मोटा और सख्त था जिसे वो मेरी जांघो के बीच रगड़ रहे थे।

इसी तरह मेरी जाँघे चोदते हुए उनका पानी निकल गया और मेरी जाँघे उनके लंड के माल से सन गई। इसी तरह मेरी मासूमियत ने चुदवाया और हम थक कर वही पड़े रही।

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