दोस्तों ने बहनों को स्वैप करके खूब चोदा

Dost ki behan chodi sex story – Horny sister sex story – Sisters swap sex story: यह उस वक्त की बात है जब मैं 20 साल का था, कॉलेज में छुट्टियां चल रही थीं, इसलिए पूरा दिन घर पर ही बीतता था, घर पर सिर्फ मैं, मेरी छोटी बहन अनुराधा और मॉम-डैड थे, मेरा एक खास दोस्त था विनय, मैं उसके साथ फिल्में देखता और गेम खेलता, इसी तरह समय पास हो रहा था।

एक बार हम दोनों पार्क में अकेले बैठे थे, मैंने उससे कहा, यार आजकल बहुत बोरियत हो रही है, समय ही नहीं कटता, वह मेरी बात सुनकर बोला, तू दिन भर क्या करता रहता है, मैंने कहा, करना क्या यार, टीवी देखना, मैगजीन पढ़ना और तेरे साथ घूमना बस, वह बोला, यही सब मैं भी करता हूं, पर बोरियत दूर करने का एक बहुत अच्छा तरीका है मेरे पास, जिससे मैं अपनी बोरियत मिटाता हूं, मुझे तो इन छुट्टियों में बहुत मजा आ रहा है।

मैंने पूछा, यार तू क्या करता है, वह बोला, अरे कुछ नहीं बस मजा लेता हूं, मैंने कहा, किसका मजा, वह हंसकर बोला, यार तू गधा है, मैं एक खूबसूरत लड़की का मजा लेता हूं, उसकी चुचियों का, उसकी चूत का मजा, मैं उसकी बात सुनकर हैरान हो गया, बोला, यार तू सच में मजा ले रहा है, कौन है वह, मेरा भी काम बनवा दे यार।

वह बोला, यार मैं उसके साथ तेरा काम नहीं बनवा सकता, तू खुद कोई लड़की फंसा ले या पैसे खर्च कर, मैंने कहा, पर यार मैं कैसे फंसाऊं कोई लड़की, और तू जानता है हमारे पास इतने पैसे कहां, यार तू अपनी वाली के साथ मेरा भी काम बना दे ना, वह बोला, नहीं यार ये नहीं हो सकता, मैंने पूछा, अरे कौन है वह कि तू मेरा काम नहीं बनवा सकता।

वह बोला, अगर तू वादा करे कि किसी को नहीं बताएगा तो मैं तुझे बता सकता हूं, मैंने कहा, मैं वादा करता हूं, वह बोला, देख यार किसी को बताना मत, जैसे तुम और तुम्हारी बहन अकेले रहते हो वैसे ही मेरी भी सिर्फ एक छोटी बहन है प्रियंका, बस यार हम दोनों भाई-बहन एक-दूसरे की बोरियत मिटाते हैं, मैं हैरान होकर बोला, कैसे।

वह बोला, अरे कैसे क्या, हम दोनों रात भर खूब मजा लेते हैं, तू चाहे तो तू भी अपनी बोरियत मिटा सकता है, मैंने पूछा, कैसे, वह बोला, तेरी भी तो छोटी बहन है, तू उसके साथ मजा लेकर अपनी बोरियत दूर कर, मुझे उसकी बात सुनकर बुरा नहीं लगा, मैं कुछ सोचने लगा तो वह बोला, क्या सोच रहा है यार, मैंने कहा, यही कि तू अपनी बहन के साथ, वह बोला, इसमें क्या हुआ, कोई नुकसान नहीं है, सोच अगर मेरी बहन घर से बाहर किसी से चुदवा लेती तो मेरी कितनी बदनामी होती, घर पर मुझसे चुदवाने में उसकी बदनामी भी नहीं होती और जब चाहे मजा लेती है, तू भी अपनी बहन को मजा दे दे वरना वह बाहर किसी से चुद गई तो तू किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगा।

मैं चुप रहा तो वह बोला, तुझे एक राज की बात बताऊं, मैंने कहा, क्या, वह बोला, यही कि अगर तू अपनी बहन को नहीं चोदेगा तो कोई और चोदेगा, अगर बुरा न मानो तो एक बात बताऊं, मैंने कहा, नहीं मानूंगा बताओ, वह बोला, जब मैं तुझे बुलाने तेरे घर जाता हूं तो कभी-कभी तेरी बहन अनुराधा दरवाजा खोलती है, मैंने एक-दो बार तेरी बहन की चुचियों को टच किया था पर उसने जरा भी बुरा नहीं माना, यार बुरा न मान पर आज जब तुझे बुलाने गया था तब भी तेरी बहन ने ही दरवाजा खोला था, आज मैंने उसकी पूरी चूची पकड़कर दबाया था, तेरी बहन की चुचियां तो मेरी बहन प्रियंका की चुचियों से भी ज्यादा टाइट हैं, तुझे अपनी बहन के साथ बहुत मजा मिलेगा।

उसके मुंह से अपनी बहन के बारे में ऐसा सुनकर बुरा नहीं लगा, मुझे चुप देख वह बोला, यार बुरा न मान पर सभी लड़कियां चुदवाना चाहती हैं और तेरी बहन भी खूबसूरत और जवान है, उसका मन भी करता होगा वरना वह मुझसे अपनी चुचियां कभी नहीं दबवाती, तू अपनी बहन को चोद, मैंने कहा, पर यार ये कैसे होगा, वह बोला, तूने कभी किसी को चोदा है या नहीं, मैंने कहा, नहीं यार कभी नहीं, वह बोला, तब तू कुछ नहीं कर पाएगा और उसे डरा भी देगा, मैंने कहा, यार तू ही कुछ कर ना।

वह बोला, अच्छा एक काम करते हैं, मैं एक बार तेरी बहन को चोदकर उसे चुदवाना सिखा दूं और तू मेरी बहन को चोदकर चोदना सीख ले, मैंने कहा, हां यार ये ठीक रहेगा, वह बोला, तू ठीक कहता है, ऐसा करते हैं, पहले तू मेरे घर आ जा और मेरी बहन को चोदकर सीख ले, फिर मैं तेरी बहन को चोदकर उसे सिखा दूंगा, फिर हम लोगों का अगले दिन शाम चार बजे का प्रोग्राम बना।

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घर आया तो मुझे आज अपनी बहन अनुराधा बहुत प्यारी लग रही थी, मैं उसे कनखियों से देख रहा था, रात भर अपनी बहन की चुदाई की कल्पना करता रहा, अगले दिन सोकर उठा और कल की बात सोचता रहा, किसी तरह शाम के चार बजे हुए और मैं विनय के घर पहुंच गया, बेल बजाई तो विनय ने दरवाजा खोला और मुझे देखकर खुश होता बोला, अरे आओ यार मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था, मैं उसके साथ घर के अंदर गया और उसके रूम में सोफे पर बैठ गया।

वह थोड़ी देर मेरे साथ बैठा बातें करता रहा, मैं उसकी खूबसूरत बहन प्रियंका के बारे में सोच रहा था, उसने वहीं से अपनी बहन प्रियंका को आवाज देकर चाय लाने को कहा, दस मिनट बाद उसकी खूबसूरत बहन एक ट्रे में चाय और बिस्किट्स लेकर आई, वह गुलाबी रंग का सलवार कुर्ता पहने थी जिसमें वह बहुत खूबसूरत लग रही थी, उसने ट्रे टेबल पर रखी और चाय कप में निकाली फिर चली गई, मैं उसे ही देख रहा था, वह एकदम नॉर्मल थी, हम दोनों ने चाय पी, अब तक साढ़े चार बज गए थे, चाय पीने के बाद विनय ट्रे लेकर बाहर चला गया।

मैं वहीं बैठा रहा, तीन-चार मिनट बाद कमरे के बाहर से दोनों के हंसने की आवाज आई तो मैं दरवाजे की तरफ देखने लगा, तभी वह दोनों अंदर आए, अब मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा, विनय सिर्फ लुंगी में था और उसकी बहन प्रियंका ब्लैक टाइट शर्ट और ब्लैक मिनी स्कर्ट पहने थी, शर्ट इतनी टाइट थी कि उसकी दोनों बड़ी-बड़ी चुचियां शर्ट फटने को तैयार थीं, विनय अपनी बहन के बगल से हाथ डाले उसकी दोनों चुचियों को अपने हाथ से पकड़े उसे धक्का देता अंदर ला रहा था और वह खिलखिलाकर हंस रही थी, तभी उसने मुझे देखा तो चुप हो गई और मुझे देखती मुस्कुराने लगी।

वह मुझे जानती थी, मैं भी दोनों को देख रहा था, वह दोनों पास आए और मेरे वाले सोफे पर ही बैठ गए, प्रियंका बीच में बैठी थी, उसने एक पल मुझे देखा फिर अपने भाई की तरफ मुड़ गई और फिर खिलखिलाने लगी, विनय भी हंसते हुए उसकी चुचियों को टच कर रहा था, दोनों को अपने सामने ऐसा करते देख मैं हक्का-बक्का था, तभी प्रियंका हंसते हुए बोली, ओह भैया जाओ तुम बहुत मजाक करते हो, वह दोनों आपस में इसी तरह की हरकतें दो-तीन मिनट करते रहे फिर प्रियंका ने अपनी हंसी रोककर कहा, आह भैया अब तीन-चार दिन आराम रहेगा, मम्मी-पापा तो चार दिन बाद आएंगे, भैया।

विनय बोला, क्या है, वह बोली, ये आपके दोस्त तो बहुत डर रहे हैं, ये इतना डर क्यों रहे हैं, विनय बोला, क्या पता तुम ही पूछ लो, वह मेरी तरफ मुड़ी और मेरे कंधे पर हाथ रख बोली, आप घबरा क्यों रहे हैं, मैंने हकलाते हुए कहा, जी नहीं नहीं मैं तो, वह फिर खिलखिलाकर हंसने लगी, मैं उसकी उठती-बैठती चुचियों को देखने लगा, मन किया कि पकड़ लूं पर डर गया, वह कुछ देर हंसती रही फिर मेरे दोनों हाथों को पकड़ मेरी आंखों में देखती बोली, आप मेरे भैया के सबसे अच्छे दोस्त हैं, भैया आपकी बहुत तारीफ करते हैं, कहते थे कि मेरा दोस्त बेचारा लल्लू है, कभी किसी लड़की को टच नहीं किया, कोई बात नहीं लो मेरी टच कर लो।

और इतना कहकर उसने मेरे दोनों हाथ अपनी चुचियों पर रख दिए, उसकी चुचियों पर हाथ रखते ही मेरी धड़कन तेज हो गई, मेरा गला सूख गया, मैं चुपचाप हाथ रखे रहा तो वह फिर खिलखिलाकर हंसने लगी, हंसते-हंसते बोली, भैया आप सच कहते थे कि आपका दोस्त लल्लू है, लो अब हाथ में दे दिया तब भी चुप बैठा है कुछ करता ही नहीं, उसकी बात सुनकर हिम्मत करके मैंने धीरे से उसकी चुचियों को दबाया तो मजा सा भर गया, फिर दो-तीन बार दोनों को दबाया तो वह अपने हाथ से अपनी शर्ट के बटन खोलने लगी, शर्ट खुलते ही उसकी दोनों खूबसूरत कसी हुई चुचियां नंगी हो गईं, वह शर्ट के नीचे कुछ भी नहीं पहने थी।

मैं उसकी चुचियों को देखने लगा तो उसका भाई और मेरा दोस्त विनय आगे आकर दोनों चुचियों को पकड़ मसलते हुए बोला, लो यार अब तुम चुप बैठे हो और फिर कहोगे कि बोर होते रहते हो, लो करो जो मन में आए, मैं तो अपनी बहन की चुचियों को चूस-चूसकर पीता हूं, इतना कहकर वह मेरे सामने अपनी बहन की एक चूची को अपने मुंह में लेकर पीने लगा तो प्रियंका ने मुझे दूसरी वाली को पीने का इशारा किया, मैं भी झुककर उसकी दूसरी चूची को पीने लगा, वह एक को अपने भाई के मुंह में दे दूसरी चूची को अपने भाई के दोस्त के मुंह में देकर चुसवाकर मजा ले रही थी, आह्ह प्रियंका ह्ह्ह कितना अच्छा लग रहा है, मैं उसकी चूची को चूसते हुए सोच रहा था कि सच ये तो बहुत मजा देने वाली चीज है।

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दो-तीन मिनट बाद विनय अलग हुआ और मुझे कुछ देर अपनी बहन की चूची पीते देखने के बाद बोला, चल प्रियंका बेड पर चलते हैं, वह बोली, चलो भैया, वह उठी और अपने भाई के बेड पर आकर लेट गई, हम दोनों भी उसके पास आए तो विनय ने प्रियंका का स्कर्ट खींचकर उतार दिया, वह नीचे ब्लैक पैंटी पहने थी जिसमें से उसकी चूत उभरी हुई थी, मैं उसे देखने लगा तो वह बोली, उम्म क्या देख रहे हैं आप, क्या कभी देखी नहीं किसी की, मैंने कहा, नहीं, वह बोली, इतने बड़े हो गए और किसी की नहीं देखी, अपनी बहन अनुराधा की भी नहीं, मैंने कहा, हाय नहीं।

वह बोली, ओह कैसे भाई हो, मेरे भैया तो मुझे एक साल से चोद रहे हैं और एक तुम हो कि अपनी बहन की चूत भी नहीं देखी, हाय आपके ऊपर बहुत तरस आ रहा है, अनुराधा बहुत खूबसूरत है उसकी तो मुझसे भी अच्छी होगी, वह खुलकर बिना शरम के बोल रही थी, उसका बड़ा भाई चुपचाप उसकी चुचियों को चूस और मसल रहा था, उसे जैसे मतलब ही नहीं था कि उसकी बहन मुझसे क्या बात कर रही है, वह मेरे गाल पर हाथ फेर बोली, आप मेरे भाई के सबसे अच्छे दोस्त हैं इसलिए मैं आपको अपनी दिखाऊंगी, लीजिए पैंटी हटाकर देख लीजिए मेरी चूत।

उसकी बात सुनकर मैं खुश हो गया, कांपते हाथों से उसकी काली पैंटी को एक तरफ किया तो उसकी चिकनी बिना बाल वाली गोरी-गोरी चूत मेरी आंखों के सामने चमकने लगी, मैं ललचाई नजरों से देखने लगा तो वह बोली, लो मजा जैसे चाहो लो, मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा तो मेरा लंड झटके खाने लगा, दो-तीन बार हाथ फिराने के बाद उसकी चूत की दोनों फांकों को खोलकर अंदर का गुलाबी छेद देखा तो मुंह में पानी आ गया, वह बोली, चाटकर देखो मजा आ जाएगा, मैं कई स्टोरीज में पढ़ चुका था कि चूत चाटने में बहुत मजा मिलता है इसलिए उसकी बात सुनकर चाटने को तैयार हुआ, विनय उसकी चुचियों में खोया हुआ था।

मैंने उसकी पैंटी को एकदम अलग कर दिया और अपनी जीभ उसकी चूत पर रख दी, चूत की सोंधी खुशबू से नाक मस्त हो गई, पूरी चूत पर ऊपर से नीचे तक जीभ चलाकर चाटने लगा, सच लड़की में बहुत मजा भरा होता है, विनय सच कह रहा था कि वह कभी बोर नहीं होता, अभी तीन-चार मिनट ही चाटा था कि वह अपने पैरों से धक्का देकर मुझे अपनी चूत से अलग कर बोली, हटो दूर, तुमको तो कुछ भी नहीं आता, मैं हैरान होकर अलग हुआ तो विनय भी उसकी चुचियों से मुंह हटा बोला, क्या हुआ प्रियंका।

वह बोली, ओह भैया आपके दोस्त तो बिल्कुल बुद्धू हैं, इनको तो लड़की को मजा देना आता ही नहीं, ना तो ये चुचियों को ही चूसना जानते हैं और ना ही चूत को चाटना, इतनी देर से चाट रहे हैं पर जरा भी मजा नहीं आया, जाओ मैं नहीं चटवाऊंगी इनसे, मैंने घबराकर अपने दोस्त को देखा तो वह अपनी बहन से बोला, अरे मेरी प्यारी बहन इसे मैं सिखा दूंगा, इसे सिखाने के लिए ही तो यहां लाया हूं वरना ये अपनी बहन को मजा न दे पाता, आज सीखकर जाएगा तो कल अपनी बहन को सिखाने लाएगा फिर ये भी हमारी तरह घर पर खेलेगा।

इतना कहकर वह अपनी बहन की चूत के पास आया और बोला, देखो मैं चाट रहा हूं फिर ऐसे ही तुम चाटना, उसने एक हाथ से प्रियंका की चूत की दोनों फांकें खोलीं और अपनी जीभ को चूत में अंदर-बाहर करते चूस-चूसकर चाटने लगा, कुछ देर में ही प्रियंका हाय हाय करने लगी, आह्ह भैया ह्ह्ह ऐसे ही ओह्ह, वह अलग होता बोला, लो अब तुम इसी तरह चाटो, फिर मैंने भी उसी तरह उसकी चूत में अपनी जीभ पेल-पेलकर चाटना शुरू किया तो थोड़ी देर में ही प्रियंका सिसकियां लेने लगी, अब वह अपनी गांड को तेजी से ऊपर उछाल रही थी और बुदबुदा रही थी, हां हाय ऐसे ही चाटो और चाटो मेरा निकलने वाला है, ऊउइ प्रियंका ऊईई ह्ह्ह।

तीन-चार मिनट चाटा था कि उसकी चूत ने मेरे मुंह पर अपना नमकीन पानी फेंकना शुरू कर दिया, जीभ में नमकीन स्वाद लगा तो मैं और तेजी से चाटने लगा, एक मिनट बाद वह ठंडी पड़ गई तो मैं अलग हुआ, विनय अपनी बहन की हालत देख बोला, प्रियंका क्या हुआ मेरी जान, वह बोली, ओह भैया मजा आ गया, ये तो एक बार में ही सीख गए, ओह भैया अब जरा इनका दिखाइए तो देखें कैसा है इनका, उसकी बात सुनकर विनय बोला, यार अब तू भी कपड़े अलग कर नंगा हो जा और अपना लंड दिखा मेरी बहन को।

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मैं हिचकिचाया तो वह बोली, ओह भैया ये तो शरमाते हैं, चलो कोई बात नहीं आप ही आओ, उसकी बात सुनकर मैंने जल्दी से अपने कपड़े अलग कर दिए तो वह मेरे लंड को देखकर खुश होते बोली, उउम हाय देखने में तो साइज बड़ा लग रहा है, देखें चोदने में कैसा है, वह आगे आई और मेरे लंड को पकड़ लिया, पहली बार किसी लड़की ने लंड को टच किया था, लंड तेजी से झटके लेने लगा तो उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और खुद मेरी कमर के पास बैठ गई और फिर मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चाटने लगी, ग्ग्ग्ग प्रियंका गी गी गों गोग, मैं उसकी इस हरकत पर मर मिटा, मैं लंड चटवाने के अनोखे मजे को ले रहा था, विनय अब पीछे से अपनी बहन की चूत चाट रहा था।

कुछ देर तक चाटने के बाद वह बोली, ओह भैया अब चुदवा दो अपने दोस्त के प्यारे लंड से, इतना कहकर वह चित होकर लेट गई तो विनय बोला, देखो मैं जैसे बताऊं वैसे ही तुम डालना, फिर वह अपनी बहन के ऊपर आया और अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया फिर दोनों चुचियों को अपनी मुट्ठी में भर लंड को दबाने लगा, लंड धीरे-धीरे अंदर घुसने लगा, जरा सी देर में पूरा चला गया तो वह दोनों चुचियों को दबाते धक्के लगाने लगा, आह्ह प्रियंका इह्ह ओह्ह ह्ह्ह।

दो मिनट बाद अपना लंड बाहर कर बोला, लो आओ अब तुम चोदो, उसके बताए तरीके से मैंने लंड को उसकी बहन की चूत में डाला, मेरा लंड कुछ कसा-कसा गया था, वह मेरे लंड को अपनी चूत में लेने के बाद बोली, भैया इनका तो आपसे ज्यादा लंबा और मोटा है, हल्का-हल्का दर्द हो रहा है जबकि आपका घुसता है तो जरा भी पता नहीं चलता, भैया अब आप इनको रोज लाइएगा, विनय बोला, ठीक है मेरी जान, मेरा छोटा है इसलिए इसकी बहन में कसा जाएगा, अब तू चुदवा ले मेरे दोस्त के मोटे लंबे और ताजे लंड से।

फिर मैंने अपने दोस्त की बहन की चुदाई शुरू कर दी, वह आह्ह ऊओह हाय हाय करने लगी, आह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह प्रियंका ऊउइ ऊईई, दो-तीन मिनट तक विनय अपनी बहन की चुदती चूत को देखता रहा फिर उठकर उसके मुंह के पास गया और अपना लंड उसके मुंह में घुसेड़ दिया तो वह अपने भाई के लंड को चूसने चाटने लगी, ग्ग्ग्ग गी गी गों गोग, दो मिनट बाद विनय का झड़ने लगा, वह अपने लंड का पानी उसकी चुचियों पर गिरा रहा था, मैं अभी चोद रहा था, विनय झड़कर सुस्त होकर उसके बगल में लेट गया।

दस मिनट की चुदाई के बाद मैं हाय हाय करते बोला, ओह प्रियंका मेरा भी अब झड़ने वाला है, मेरी बात सुनकर वह जल्दी से उठी और अपनी चूत से मेरा लंड बाहर निकाल उसे अपने मुंह में लेती बोली, झरो मेरे मुंह में हाय तुम्हारे पहले पानी को पीना है मुझे, अगले ही पल तेज शॉट के साथ मैं झड़ने लगा, मेरे लंड का गाढ़ा पानी उसके मुंह में गिरने लगा जिसे वह पीती गई, झड़ने के बाद उसने लंड को फिर मुंह में ले लिया और चाटकर साफ किया, विनय पास में लेटा हम दोनों को देख रहा था।

झड़ने के बाद हम लोग बेड पर ही लेटकर सुस्ताने लगे, पंद्रह मिनट बाद हम लोगों ने अपने कपड़े पहने और प्रियंका बाहर चली गई, पांच मिनट बाद वह तीन गिलास दूध लेकर वापस आई, दूध पीते हुए वह मुझसे बोली, आप तो बहुत अच्छे चुदक्कड़ हैं, आपसे आपकी बहन बहुत खुश रहेगी, आप रोज आइएगा, भैया न हों तो भी, मैंने कहा, हां मेरी जान अब तो तुम्हारे बिन रहा नहीं जाएगा, वह बोली, आप अब अपनी बहन को भी चोदिएगा, कभी कुछ किया है अनुराधा के साथ, मैंने कहा, नहीं, वह बोली, ओह तो आप कैसे करिएगा, खैर कोई बात नहीं मेरे भैया आपकी बहन को पटाकर चोदेंगे फिर आप भी उसको चोदिएगा, फिर मैं अपनी बहन को अपने दोस्त को देने का वादा कर अपने घर वापस आया, अब मैं बहुत खुश था, पहली बार किसी लड़की को चोदा था वह भी इतनी खूबसूरत और जवान कि क्या बताएं।

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