अब मैंने कहा कि बॉय फ्रेंड कुछ चाहता है तो वो बोली कि तेरी ही तो हूँ, जो चाहता है ले ले. फिर मैंने उसकी जीन्स नीचे कर दी और उनकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा. मेरे ऐसा करने से वो एकदम मचल सी गईं. अब उनकी सिसकारी बढ़ती जा रही थी. वो लगातार ‘आर्यन, आई लव यू, आई लव यू’ बोल रही थीं…
हेलो दोस्तों, मेरा नाम आर्यन है और अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है. मैं देहरादून के एक कॉलेज में पढ़ता था. वहां मैंने रूम लिया हुआ था. नया नया कॉलेज में आया था तो कोई दोस्त भी नहीं था. अचानक एक दिन पता चला कि दिल्ली की कोई लड़की जो मेरी सीनियर थी. वो मेरे पड़ोस की है. मैं उसे दीदी बोलता था.
फिर मैंने उसे फ़ेसबुक से ढूँढा और कहा कि दीदी मैं नया हूँ यहां तो पढ़ाई में थोड़ी हेल्प कर दीजिए. दोस्तों, वो बहुत सेक्सी थी. उस समय उसकी उम्र यही कोई 21 साल की रही होगी और मैं 19 का था.
कुछ दिन बात चलती रही और फिर धीरे – धीरे हम घुल मिल गये. एक साल बाद पेपर खत्म होने के बाद हम घर आ गये. घर पर हम रोज सुबह से शाम तक साथ रहते थे. मैं मन ही मन उनका दीवाना बन गया.
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उन्हें देखने के बाद मेरा उन्हें चोदने का मन करता था. एक दिन वो नहा के आई तो मैं उन्हें देखता ही रह गया. उनका फिगर 36-27-38 का था. उन्हें देख कर तो मेरा लंड पागल हो गया था. अब मुझे उन्हें चोदने का प्लान बनाना था.
राखी का दिन था. दीदी ने मुझे बुलाया. मैंने देखा कि वो राखी लेकर आ गई थीं. मेरे लंड को जैसे नज़र लग गई. उस दिन मैंने जैसे – तैसे राखी बँधवा ली और फिर सोचा कि अब तो इसे चोद के ही रहूंगा.
हमें रात की ट्रेन से वापस जाना था. हम समय से पहुंच कर ट्रेन में बैठे गए. हम दोनों की सबसे ऊपर वाली सीट थी. इधर मेरे मन में चुदाई की आग जल रही थी. रात के 2 बजे मैंने कहा, “दीदी, मेरी गोद में सिर रख के सो जाओ, बहुत रात हो गई है.” तो वो सो गई.
अब मेरा लंड उनकी सिर के वजन से खड़ा हो गया था. मुझे कुछ सूझ नहीं रहा था, फिर मैंने सोने का नाटक किया और उनके बगल में लेट गया और उनके होंठ पर अपने होंठ रख दिए. थोड़ी देर बाद वो मेरे होंठ को कस के चूसने लगी. हमें एक – दूसरे का स्वाद आने लगा था और अब हम दोनों गरम हो गये थे.
अब मैंने अपनी आंख खोल दी थी. हमने बहुत देर तक एक – दूसरे को चूसा और फिर एक – दूसरे को देखा. तभी दीदी ने एक चादर निकाली और दोनों उसमें आ गये. फिर वो मुझे पकड़ के स्मूच करने लगी. अब मैंने भी उनके बूब्स दबाने चालू कर दिए और वो ‘आह्ह आह’ करने लगी.
फिर मैंने धीरे से उनकी जीन्स में हाथ डाला तो पाया कि वो पूरी गीली हो चुकी हैं. फिर पहले मैंने उनकी जीन्स खोल दी और उसके बाद मैंने अपनी भी खोल दी. मैंने उनसे कहा कि दीदी आप बहुत हॉट हो, मुझे आपका भाई नहीं बनना.
तब वो बोली कि मेरा बॉय फ्रेंड बनेगा? मैंने झट से हां कह दिया. इस पर वो बोलीं कि तो फिर दीदी क्यों बोल राहा है. इतना बोल कर उन्होंने मुझे स्मूच करना शुरू कर दिया.
अब मैंने कहा कि बॉय फ्रेंड कुछ चाहता है तो वो बोली कि तेरी ही तो हूँ, जो चाहता है ले ले. फिर मैंने उसकी जीन्स नीचे कर दी और उनकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा. मेरे ऐसा करने से वो एकदम मचल सी गईं. अब उनकी सिसकारी बढ़ती जा रही थी. वो लगातार ‘आर्यन, आई लव यू, आई लव यू’ बोल रही थीं.
अब मैंने कहा कि मुझ से रहा नहीं ज़ा रहा है, मुझे आपको चोदने का बहुत मन कर रहा है तो वो बोली कि फिर चल टॉयलेट में. अब हम दोनों ट्रेन के टॉयलेट में चले गये. वहां जाते ही उसने मेरी जीन्स उतार दी और लंड चूसने लगी. मैं एक दम जन्नत में था.
वो मुंह में लेकर ज़ोर – ज़ोर से मेरा लंड चूस रही थी. अब मैंने भी उसका मुंह चोदन शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद मैंने उसके मुंह में ही अपना सारा मुठ झाड़ दिया. जिसे वो सारा पी गई.
अब मैंने उसकी जीन्स और पैंटी खोल दी और उसकी चूत चाटने लगा. वो पागल हो गई थी और ‘आआहह आआहह उउउइ हाअययययी आआहह’ की आवाज करने लगी थी. थोड़ी देर बाद वो मेरे मुंह में ही झड़ गई.
अब तक मेरा लंड भी फिर से खड़ा हो गया था. फिर मैंने थूक लगा कर लन्ड चूत में रखा. उसकी चूत गीली होने के कारण लंड फिसल गया और सुपरा अन्दर चला गया. लेकिन अभी भी मेरा 7 इंच लंड बाहर ही था.
अब मैंने उसकी टाँग उठा के ज़ोर से धक्का मारा तो मेरा 4 इंच लंड अंदर चला गया. उन्हें बहुत दर्द हुआ और वो रो पड़ी. अब मैंने ज़्यादा टाइम ना लगते हुए एक जोरदार धक्का और दिया और उसकी चूत फाड़ता हुआ मेरा लंड पूरा अंदर चला गया.
मैंने उससे ज़ोर से पकड़ लिया था और थोड़ी देर तक हम ऐसे ही खड़े रहे. थोड़ी देर बाद मैं धीरे – धीरे लंड ऊपर – नीचे करने लगा. अब उसे भी मज़ा आने लगा था. करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैंने उससे कहा कि तू कुतिया बन जा. वो झट से कुतिया बन गई और फिर मैंने डॉगी स्टाइल में उसे चोदना शुरू किया. अब तो वो भी गांड़ उठा – उठा के चुद रही थी.
माफ करना दोस्तों, मैं कहानी में इतना व्यस्त हो गया कि उसका नाम ही बताना भूल गया था. उसका नाम राशी है. अब राशी बोली, तू तो बहुत बड़ा बहनचोद निकला रे. इस पर मैं बोला, हां दीदी, तुझे तो मैं पहले दिन से ही चोदना चाह रहा था.
अब राशी बोली, मुझे भी तेरा लोड़ा बहुत पसंद है. इस पर मैं बोला, आज से मेरा ये लन्ड तेरा हो गया राशी. इस पर राशी बोली, और ये मेरी चूत तेरी हुई मेरे राजा. अब मैंने स्पीड बहुत तेज कर दी और कुछ देर बाद राशी की चूत में ही झड़ गया.
अब राशी बोली, मेरा राजा भाई खुश हुआ न? इस पर मैं बोला, हां मेरी जान, तेरी चूत मेरे लंड को बहुत प्यारी लगी. आज से तू सिर्फ़ मेरी है. तो राशी बोली, हां मेरी जान, मेरी चूत अब सिर्फ तेरे लंड के नीचे ही रहेगी, पर मॉर्निंग में अपनी दीदी के लिए आई-पिल ले आना भैया. फिर मैंने आई-पिल लाने का प्रॉमिस किया और वापस आकर अपनी सीट पर सो गए.
दोस्तों, इसके बाद देहरादून आकर हमने बहुत चुदाई की. आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, मुझे मेल जरूर करें.
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