राजस्थान के मॉडल लड़के ने गांड मारी

Desi gay love and sex story: मैं, जइन खान उर्फ ज़ैनी, मेरठ का 22 साल का लड़का। रंग गोरा, चेहरा नशीला, आँखें शरारती, और बदन ऐसा कि लोग एक बार देखें तो बस देखते रह जाएँ। कद 5 फीट 8 इंच, छरहरा बदन, पर गांड भरी-भरी, जो लंड की तलाश में हमेशा बेचैन रहती है। मैं गे बॉटम हूँ, और बिस्तर पर ऐसा जादू करता हूँ कि अच्छे-अच्छे मेरे दीवाने हो जाते हैं। मुझे लंड चूसने और गांड मरवाने का गजब का शौक है। ये कहानी मेरे प्यार, मेरे जानू प्रीत की है, जो राजस्थान का मॉडल लड़का है और जिसने मेरी गांड की ऐसी चुदाई की कि मैं आज भी उसकी याद में तड़पता हूँ।

कहानी का पिछला भाग: बस स्टैंड पर मिला हरियाणवी फौजी

प्रीत, 26 साल का जवान, राजस्थान का लड़का, पर मुंबई में रहता है। कद 6 फीट, गठीला बदन, चौड़ा सीना, और चेहरा ऐसा कि लड़कियाँ उस पर मर मिटें। उसकी आँखों में एक मस्ती भरी चमक, और हँसी में वो जादू कि सामने वाला पल में फिदा हो जाए। प्रीत को मॉडलिंग का शौक है, और वो मुंबई में अकेले एक किराए के फ्लैट में रहता है। उसकी छाती पर घने बाल, बाहें मजबूत, और स्टाइल ऐसा कि हर कोई उसका दीवाना। लड़कियाँ तो उस पर फिदा थीं, पर मैं उसका सबसे बड़ा दीवाना था।

हमारी लव स्टोरी फेसबुक से शुरू हुई। उसकी एक तस्वीर देखी, और बस दिल धक से रह गया। बिना मिले, बिना बात किए, मैं उसका दीवाना हो गया। हमारी चैट शुरू हुई, और धीरे-धीरे बातें प्यार में बदल गईं। मैं उसे इतना प्यार करने लगा था कि दिन-रात उसी के खयालों में डूबा रहता। पर प्रीत की एक गर्लफ्रेंड भी थी। जब भी वो उस लड़की की बात करता, मेरा दिल जलन से भर जाता। मैं नहीं चाहता था कि वो उससे मिले, बात करे, या उसे प्यार करे। मैं चाहता था कि प्रीत सिर्फ मेरा हो, पूरी तरह मेरा।

एक दिन मैंने हिम्मत करके प्रीत से कहा, “जानू, मुझे तुम्हारे साथ रहना है।” उसने हँसते हुए कहा, “ठीक सै, ज़ैनी। आ जा मेरे फ्लैट पर, साथ रह लेंगे।” मैं तो जैसे प्यार में पागल हो चुका था। उसी वक्त मैंने तत्काल टिकट बुक किया और मेरठ से मुंबई के लिए निकल पड़ा। मुंबई पहुँचकर मैं प्रीत के फ्लैट पर गया। उसका फ्लैट छोटा-सा, पर साफ-सुथरा था। एक बेडरूम, छोटा-सा लिविंग रूम, और खिड़की से मुंबई की चमकती रातें दिखती थीं। हम दोनों साथ रहने लगे, पर मेरे मन में एक डर था—प्रीत की गर्लफ्रेंड। मैं नहीं चाहता था कि वो उससे फ़ोन पर भी बात करे।

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तीसरे दिन की बात है। शाम को प्रीत ने कुछ ज्यादा ही ड्रिंक कर ली। वो बार से लड़खड़ाता हुआ लौटा, और मैं उसे जैसे-तैसे फ्लैट तक ले आया। उसकी शर्ट के बटन खुले थे, टाई ढीली, और चेहरा लाल। मैंने उसे बेड पर लिटाया। पहले उसके जूते उतारे, फिर मोजे। उसकी टाई निकाली, शर्ट के बटन खोले, और बेल्ट निकाल दी। प्रीत नशे में धुत्त था, पर इतना सेक्सी लग रहा था कि मेरा मन मचलने लगा। मैंने उसका सिर उठाकर तकिए पर रखा। उसकी साँसों में शराब की गंध थी, पर उसकी गर्मी मुझे और करीब खींच रही थी।

मैंने उसकी शर्ट पूरी तरह उतारी। उसकी बनियान निकाली, और उफ्फ… क्या बॉडी थी! चौड़ी छाती पर घने काले बाल, पेट पर हल्की-सी चर्बी, और बाहें ऐसी कि लगे जैसे जिम में घंटों मेहनत करता हो। मैं उसकी बॉडी देखकर पागल हो रहा था। डरते-डरते मैंने उसके सीने पर हाथ फेरा। उसकी त्वचा गर्म थी, और मेरी उंगलियाँ उसके बालों में उलझ रही थीं। तभी प्रीत ने मेरा हाथ पकड़ लिया। “कहाँ जा रिया सै, ज़ैनी?” उसकी आवाज में नशा था, पर एक मस्ती भी। मैंने कहा, “कहीं नहीं, बाबू। मैं यहीं हूँ।”

उसने मेरा हाथ खींचा, और मैं उसके सीने पर गिर पड़ा। उसकी गर्मी मेरे बदन में उतर रही थी। मैंने उठने की कोशिश की, पर प्रीत ने मेरे होंठों को अपने होंठों से चिपका लिया। “आह… स्स्स…” मेरी सिसकारी निकल गई। मैं तो जैसे सपनों में था। प्रीत के होंठ नरम थे, पर उनकी चुम्मी में एक जंगलीपन था। मैंने भी जवाब दिया। उसके होंठों को चूसा, गालों को चाटा, और गले पर जीभ फेरी। “आह… ज़ैनी, मेरी जान…” प्रीत की आवाज में कामुकता थी। वो नशे में था, पर उसका जोश मुझे दीवाना बना रहा था।

प्रीत ने मेरी टी-शर्ट उतारी और मेरी जींस का बटन खोल दिया। मैंने उसकी पैंट नीचे सरकाई। उसका लंड अभी ढीला था, पर मोटा और लंबा। मैंने उसे हाथ में लिया। 7 इंच लंबा, सुपारा गुलाबी, और उसकी गंध में मर्दानगी की महक। “आह… बेबी, चूस ले,” प्रीत ने कहा। मैंने उसका लंड मुँह के पास लाया और जीभ से सुपारे को चाटा। “स्स्स… उह्ह…” प्रीत सिसकार उठा। मैंने धीरे-धीरे लंड मुँह में लिया। उसका स्वाद नमकीन-सा था, और सुपारे पर हल्का-सा पानी चमक रहा था। मैंने जीभ से उसे चाटा, फिर आधा लंड मुँह में लिया। “आह… ज़ैनी, पूरा ले ले, मेरी जान!” प्रीत की आवाज में मस्ती थी।

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मैंने कोशिश की, पर उसका लंड मेरे गले तक गया, और मुझे उलटी-सी महसूस हुई। मैंने लंड बाहर निकाला और फिर से चूसना शुरू किया। कभी सुपारे को जीभ से चाटता, कभी टट्टों को मुँह में भर लेता। प्रीत के लंड के पास के बाल मुझे और उत्तेजित कर रहे थे। मैं उन्हें चूमता, सहलाता। “आह… बेबी, तू तो कमाल सै!” प्रीत मेरे निप्पल दबाते हुए बोला। मैं 15 मिनट तक उसका लंड चूसता रहा। उसकी सिसकारियाँ बढ़ रही थीं। “आह… स्स्स… और चूस, ज़ैनी!”

फिर प्रीत ने मुझे खींचकर बेड पर लिटाया। उसने मेरे होंठों को फिर चूसा, मेरी बगल को चाटा। “आह… प्रीत, बस करो, अब रहा नहीं जाता!” मैंने कहा। वो हँसा और बोला, “ना बेबी, अभी तो बस शुरू हुआ सै। घोड़ी बन जा!” मैंने तुरंत पोजीशन ली। गांड ऊपर की, और सिर बेड पर टिका। प्रीत ने तेल की शीशी उठाई और अपने लंड पर खूब तेल मला। फिर मेरी गांड के छेद पर तेल लगाया। उसकी उंगलियाँ मेरे छेद को सहला रही थीं। “आह… स्स्स…” मैं सिसकार उठा।

प्रीत ने लंड मेरी गांड पर सेट किया और एक हल्का-सा धक्का मारा। दो इंच लंड अंदर गया, और मैं चीख पड़ा, “आह… प्रीत, धीरे!” वो रुका, मेरे गले को चूमा, और बोला, “टेंशन ना ले, मेरी जान। मैं आराम से करूँगा।” उसने फिर तेल लगाया और एक जोरदार धक्का मारा। “आह… ईईई… फाड़ दी!” मेरा दर्द बढ़ गया। उसका पूरा लंड मेरी गांड में था। प्रीत ने मेरे होंठ चूसे, मेरे निप्पल मसले, और धीरे-धीरे झटके शुरू किए। “आह… स्स्स… प्रीत, और करो!” मैंने कहा। दर्द अब मजे में बदल रहा था।

प्रीत ने मुझे 20 मिनट तक घोड़ी बनाकर चोदा। उसकी जाँघें मेरे चूतड़ों से टकरा रही थीं। “पट-पट…” की आवाज कमरे में गूँज रही थी। “आह… ले ज़ैनी, मेरे लंड का मजा ले!” प्रीत गुर्रा रहा था। मैं भी जोश में चिल्ला रहा था, “हाँ जानू, फाड़ दो मेरी गांड! आह… स्स्स…” फिर उसने मुझे सीधा लिटाया, मेरी टाँगें उठाईं, और लंड फिर पेल दिया। “आह… उह्ह… प्रीत, और जोर से!” मैं चिल्ला रहा था। उसने मेरे निप्पल चूसे, मेरे पेट को चाटा, और जोर-जोर से चोदने लगा। “आह… मेरी जान, तू तो कमाल सै!”

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करीब 15 मिनट बाद प्रीत ने मुझे खड़ा किया और दीवार के सहारे टिका दिया। मेरी एक टाँग उठाई और लंड फिर से मेरी गांड में पेल दिया। “आह… स्स्स… प्रीत, फाड़ दो!” मैं चीख रहा था। वो मेरे होंठ चूस रहा था, और उसका लंड मेरी गांड को रगड़ रहा था। “ले बेबी, मेरा लंड ले!” वो गुर्रा रहा था। फिर उसने मुझे गोद में उठाया और बेड पर लिटाकर चोदना शुरू किया। “आह… उह्ह… स्स्स…” मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं।

प्रीत ने आखिरी बार मुझे घोड़ी बनाया और जोर-जोर से चोदा। “आह… ज़ैनी, ले मेरी जान! अब पानी छोड़ता हूँ!” उसने गुर्राते हुए मेरी गांड में गर्म पिचकारी मारी। गर्म रस मेरी गांड में भरा गया, और मैं थककर उसके ऊपर लेट गया। “आह… प्रीत, तुमने तो मेरी जान निकाल दी,” मैंने कहा। वो हँसा और मेरे होंठ चूम लिए।

रात भर चुदाई चलती रही। कभी वो मेरे मुँह में पिचकारी मारता, कभी गांड में। उसका रस मीठा-सा था, और मैं हर बूँद पी जाता। सुबह तक हम दोनों थक गए। अब मुझे प्रीत से और भी ज्यादा प्यार हो गया है, पर वो मुझे इग्नोर करता है। मैं नहीं चाहता कि वो अपनी गर्लफ्रेंड से मिले या उससे शादी करे। मैं चाहता हूँ कि वो सिर्फ मेरा रहे।

दोस्तो, आपको मेरी ये गे लव गांडू स्टोरी कैसी लगी? कमेंट्स में जरूर बताएँ।

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