मैं वान्या, उम्र 22 साल, कद 5 फीट 7 इंच, गोरा रंग, काले बाल, और भूरी आँखें। मेरा फिगर 34D-28-36 है, मेरे बूब्स गोल और भरे हुए हैं, और मेरी गांड मोटी और टाइट है, जो चलते वक्त लचकती है। मेरी होंठ गुलाबी और रसीले हैं, और मेरी मुस्कान में एक छुपा हुआ नखरा है। मैं एक कॉलेज स्टूडेंट हूँ, लेकिन अब मैंने अपने सेक्सी जिस्म का सौदा शुरू कर दिया है। ये मेरी पहली जिस्मफरोशी की कहानी है, जिसमें मुझे चुदाई का मज़ा भी मिला और ढेर सारे पैसे भी।
जाह्नवी, मेरी दोस्त, 24 साल की है, मेरा ही कद, गोरा रंग, काले बाल, और काली आँखें। उसका फिगर 34D-30-36 है, बूब्स बड़े और गोल, गांड भारी और चिकनी। उसके होंठ पतले लेकिन कामुक हैं, और उसकी हंसी में एक रंडीपन झलकता है। जाह्नवी के दादा, जिन्हें मैं अब अंकल कहती हूँ, 60 साल के हैं, गठीले बदन वाले, सफेद बाल, और चाल में अभी भी रौब। मिस्टर अग्रवाल और मिस्टर सक्सेना, दोनों 45-50 साल के, 6 फीट लंबे, सुडौल जिस्म, और चेहरों पर बिजनेसमैनों की चालाकी। दोनों के लंड 7 इंच लंबे, मोटे, और सख्त, जो चुदाई में जान डाल देते हैं।
पिछली बार मैंने अंकल की नौकरी बचाने के लिए एक बूढ़े के साथ चुदाई की थी। उसने मेरे साथ नंगी तस्वीरें खींची थीं और चुदाई की मूवी बनाई थी। उसने वादा किया था कि वो दोबारा नहीं मिलेगा। लेकिन 15 दिन बाद जाह्नवी मुझसे मिली और बोली, “वान्या, दादा कॉलेज गेट पर तुझसे मिलना चाहते हैं।” मैं हैरान थी, सोच रही थी कि अब क्या चाहिए। मैंने मन में ठान लिया कि अगर वो फिर चुदाई की बात करेगा, तो मैं मना कर दूँगी।
मैं गेट पर पहुँची, जहाँ अंकल अपनी काली SUV में खड़े थे। मैंने पूछा, “क्या बात है, अंकल?” उन्होंने कहा, “यहाँ नहीं, पास के कॉफी हाउस में चल।” हम कॉफी हाउस में टेबल पर बैठे। कॉफी मँगवाने के बाद अंकल ने बात शुरू की। “वान्या, तुम जानती हो मैं बिजनेसमैन हूँ। हमें बड़े-बड़े अधिकारियों को खुश करना पड़ता है। कल हमारी कंपनी में दो लोग आ रहे हैं, और उनकी डिमांड लड़की है। एक लड़की तो जाह्नवी है, लेकिन दूसरी के लिए मैं तुझे ऑफर दे रहा हूँ। जितने पैसे बोलोगी, मिलेंगे। मैंने कई लड़कियों की तस्वीरें दिखाईं, लेकिन उन्हें कोई पसंद नहीं आई। फिर तुम्हारी तस्वीर देखी, और वो तुझ पर फिदा हो गए।”
मैंने सोचा, ये फिर वही चुदाई की बात कर रहा है। मैंने पीछा छुड़ाने के लिए कहा, “अंकल, अगर 40,000 दोगे, तो सोचूँगी।” मुझे लगा वो मना कर देगा, लेकिन उसने तुरंत कहा, “50,000 दूँगा।” इतने पैसे का लालच मेरे दिल में समा गया। चुदाई का मज़ा भी मिलेगा, और 50,000 रुपये भी। मैंने हाँ बोल दी। अंकल ने कहा, “कल वैसी ही तैयार होना, जैसी उस दिन थी।” उन्होंने मुझे 5,000 रुपये दिए, ताकि मैं अच्छे से तैयार हो सकूँ। “पूरी रात रुकना होगा,” उन्होंने कहा। मैंने जवाब दिया, “रात नहीं रुक सकती, घरवालों को क्या बोलूँगी?” अंकल ने कहा, “ये मुझ पर छोड़ दो। कल मैं तुझे तेरे गाँव के बस स्टॉप से ले लूँगा।”
शाम को जाह्नवी का फोन आया। उसने मेरे पापा से कहा कि उसके घर पूजा है, और वो चाहती है कि मैं रात रुक जाऊँ। पापा ने हाँ कह दी। मैं अगले दिन का बेसब्री से इंतज़ार करने लगी, क्योंकि कल मुझे अपने जिस्म की पहली कमाई करनी थी और असली रंडी बनना था।
अगले दिन मैं कॉलेज के लिए निकली। कॉलेज गेट पर अंकल की गाड़ी मेरा इंतज़ार कर रही थी। मैं अपनी टाइट जीन्स और लाल टॉप में थी, जिसके नीचे काली ब्रा की स्ट्रैप्स हल्के से झलक रही थीं। मैं गाड़ी में बैठी, और हम शहर की तरफ चल पड़े। रास्ते में अंकल ने कहा, “वान्या, मेरा लंड चूस दे।” मैं रात से ही गर्म थी, तो मैंने हाँ बोल दी। अंकल ने गाड़ी एक सुनसान नहर के किनारे जंगल जैसी जगह पर रोकी। मैंने अपनी सीट बेल्ट खोली, और अंकल की ज़िप खोलकर उनका 6 इंच का लंड बाहर निकाला। वो पहले से ही तन रहा था। मैंने उसे मुँह में लिया, जीभ से चाटा, और धीरे-धीरे चूसने लगी। “आहह… वान्या… और ज़ोर से,” अंकल ने सिसकारी भरी। मैंने गति बढ़ाई, और कुछ ही मिनटों में उनका गर्म वीर्य मेरे मुँह में छूट गया। मैंने गाड़ी में पड़े टॉवेल से मुँह साफ किया।
अंकल ने मुझे ब्यूटी पार्लर छोड़ा, जहाँ मैंने मेकअप करवाया—लाल लिपस्टिक, स्मोकी आईशैडो, और बालों को खुला छोड़ा। तैयार होने के बाद अंकल मुझे अपनी फैक्ट्री ले गए। वहाँ जाह्नवी पहले से मौजूद थी, एक काले टॉप और मिनी स्कर्ट में, जिसमें उसकी जांघें चमक रही थीं। अंकल ने हमें कपड़े दिए। जाह्नवी ने नीली ब्रा-पैंटी, लाल स्कर्ट, नीली बॉडी-फिट शर्ट, और लाल हाई-हील सैंडल पहने। मैंने लाल ब्रा-पैंटी, सफेद स्कर्ट, हरी बॉडी-फिट शर्ट, और सफेद हाई-हील सैंडल चुने। कपड़े इतने टाइट थे कि मेरे बूब्स और गांड उभरकर सामने आ रहे थे।
हम तीनों ने दारू और सिगरेट पीना शुरू किया। जाह्नवी ने मुझे एक ड्रग्स की गोली दी, बोली, “ये ले, चुदाई में जोश दोगुना हो जाएगा।” मैंने गोली खा ली, और कुछ ही देर में मेरे जिस्म में गर्मी सी दौड़ने लगी। मेरी चूत में खुजली होने लगी, और मैं बेचैन हो उठी। जाह्नवी ने भी गोली खाई थी, और उसकी आँखों में वही चुदास दिख रही थी।
शाम 6 बजे एक गाड़ी आई। अंकल ने हमें बगल के रूम में भेज दिया और खुद चले गए। रूम में दो डबल बेड, एक सोफा सेट, दो टेबल, और एक टीवी थी। मैं और जाह्नवी सोफे पर बैठकर इंतज़ार करने लगीं। ड्रग्स और दारू की वजह से मेरी चूत में आग भड़क रही थी, और जाह्नवी भी अपनी जांघें रगड़ रही थी। तभी दो मर्द रूम में दाखिल हुए—मिस्टर अग्रवाल और मिस्टर सक्सेना। दोनों सूट में थे, लंबे, स्मार्ट, और चेहरों पर रौब।
हमने सेक्सी स्माइल के साथ उनका स्वागत किया। मैंने मिस्टर अग्रवाल को और जाह्नवी ने मिस्टर सक्सेना को फ्लाइंग किस दी। उन्होंने भी मुस्कुराकर जवाब दिया और हमारे सामने सोफे पर बैठ गए। मैंने शराब की बोतल टेबल पर रखी, गिलासों में दारू डाली, और अपनी जीभ से गिलास के किनारे चाटकर उन्हें पिलाई। “आह, कितनी गर्म लड़की है तू,” मिस्टर अग्रवाल ने मेरी कमर पर हाथ फेरते हुए कहा। हमने बादाम अपने दांतों में दबाए और उनके होंठों के पास ले गए। उन्होंने बादाम पकड़ने की कोशिश की, लेकिन मैंने और जाह्नवी ने कसकर पकड़ रखा। बादाम टूट गया, और मैंने बचा हुआ टुकड़ा मिस्टर अग्रवाल के मुँह में डाल दिया, अपने होंठ उनके होंठों से सटाकर। “उम्म… ये तो मज़ा आ गया,” उन्होंने कहा, और मेरे होंठ चूसने लगे।
जाह्नवी ने भी मिस्टर सक्सेना के साथ यही किया। फिर हमने जगह बदली। मैं अब मिस्टर सक्सेना के पास थी, और जाह्नवी मिस्टर अग्रवाल के पास। हमने फिर दारू पिलाई और बादाम खिलाए। दोनों ने अपने सूट उतारे, अब सिर्फ़ अंडरवियर में थे। उनके लंड अंडरवियर में तनकर उभर रहे थे। “गोद में आओ,” मिस्टर अग्रवाल ने कहा। मैं उनकी गोद में बैठ गई, और जाह्नवी मिस्टर सक्सेना की गोद में। उनका मोटा लंड मेरी गांड में चुभ रहा था। “आह… कितना सख्त है,” मैंने धीरे से कहा, और अपनी गांड को उनके लंड पर रगड़ा।
मिस्टर सक्सेना ने कहा, “बादाम तो खा लिया, अब बादाम वाली खीर भी खिला दो।” मैं और जाह्नवी समझ गईं। हमने अपनी शर्ट के बटन खोले। मिस्टर अग्रवाल ने मेरी ब्रा को नीचे खींचकर मेरे 34D बूब्स बाहर निकाले और चूसने लगे। “आह… और ज़ोर से चूसो,” मैंने सिसकारी भरी। मिस्टर सक्सेना ने जाह्नवी के बूब्स चूसने शुरू किए। मैंने कहा, “पहले होंठों का शरबत तो पी लो।” मिस्टर अग्रवाल मेरे पीछे आ गए और मेरी गांड पर अपना लंड रगड़ते हुए जाह्नवी के होंठ चूसने लगे। मिस्टर सक्सेना जाह्नवी की गांड पर लंड रगड़ते हुए मेरे होंठ चूसने लगे। “उम्म… कितने रसीले होंठ हैं,” मिस्टर सक्सेना ने मेरे होंठ काटते हुए कहा।
हम दोनों ने एक-दूसरे को कसकर पकड़ा, हमारे बूब्स आपस में दब गए। मैं और जाह्नवी उनके होंठ चूस रहे थे, उनकी जीभ हमारे मुँह में थी, और हम उनका रस निचोड़ रहे थे। “आह… वान्या, तू तो रंडी बनने के लिए ही पैदा हुई है,” मिस्टर अग्रवाल ने मेरी गांड पर थप्पड़ मारते हुए कहा। माहौल गर्म हो रहा था। हमने फिर जगह बदली। अब मिस्टर अग्रवाल का लंड मेरी गांड पर था, और मिस्टर सक्सेना के होंठ मेरे होंठों पर। जाह्नवी की गांड पर मिस्टर सक्सेना का लंड था, और मिस्टर अग्रवाल उसके होंठ चूस रहे थे।
मिस्टर सक्सेना ने मेरे और जाह्नवी के होंठ आपस में सटा दिए। जाह्नवी ने मेरे होंठ चूमने शुरू किए। पहले मुझे अजीब लगा, क्योंकि ये पहली बार था कि कोई लड़की मेरे होंठ चूस रही थी। लेकिन जल्दी ही मज़ा आने लगा। “उम्म… जाह्नवी, तू तो मुझसे भी चुदक्कड़ है,” मैंने हँसते हुए कहा। उन्होंने हमारी स्कर्ट और पैंटी उतार दीं। मेरी मोटी गांड और जाह्नवी की चिकनी गांड अब नंगी थी। मिस्टर अग्रवाल ने मेरी गांड को चूमा और हल्के से काटा। “आह… धीरे,” मैंने सिसकारी भरी। मिस्टर सक्सेना ने जाह्नवी की गांड पर वही किया। फिर दोनों ने अपनी दो-दो उंगलियाँ हमारी चूत में डाल दीं। “आहह… ओहह…” मेरे और जाह्नवी के मुँह से सिसकारी निकली।
वो हमारी चूत में उंगलियाँ अंदर-बाहर करने लगे। मेरी चूत गीली हो चुकी थी, और हर धक्के के साथ “चप… चप…” की आवाज़ आ रही थी। “कितनी टाइट चूत है तेरी, वान्या,” मिस्टर अग्रवाल ने कहा। वो सोफे पर बैठ गए और हमें अपने पास बुलाया। मैं मिस्टर अग्रवाल के सामने खड़ी हुई, और जाह्नवी मिस्टर सक्सेना के सामने। उन्होंने हमारे बूब्स पकड़ लिए और ज़ोर से मसलने लगे। मेरे निप्पल्स को वो उंगलियों और अंगूठे से दबा रहे थे। “आह… और ज़ोर से… मेरे बूब्स को चूसो,” मैंने मिस्टर अग्रवाल से कहा। वो मेरे निप्पल्स को मुँह में लेकर चूसने लगे, जीभ से सहलाते हुए। जाह्नवी भी मिस्टर सक्सेना के साथ वही मज़ा ले रही थी।
हमने उनके सिर को अपने बूब्स पर दबाया और होंठ काटने लगे। फिर उन्होंने हमारी जगह बदली। अब मिस्टर सक्सेना मेरे बूब्स चूस रहे थे, और मिस्टर अग्रवाल जाह्नवी के। “आह… कितना मज़ा दे रहे हो,” जाह्नवी ने सिसकारी भरी। वो हमारे पेट पर जीभ फेरने लगे, नाभि में जीभ डालकर चाटने लगे। मेरे चिकने पेट पर मिस्टर सक्सेना के दांत हल्के से गड़े, और मैं सिहर उठी।
उन्होंने हमें बेड पर लिटाया, मेरे और जाह्नवी के सिर एक-दूसरे के पैरों की तरफ। मिस्टर अग्रवाल जाह्नवी के सिर की तरफ थे, और मिस्टर सक्सेना मेरे। मिस्टर अग्रवाल ने अपना 7 इंच का लंड जाह्नवी के होंठों पर रखा और उसकी चूत पर मुँह लगा दिया। मिस्टर सक्सेना ने मेरा मुँह अपने लंड पर रखा और जाह्नवी की चूत चाटने लगे। “आह… कितना सख्त लंड है,” मैंने मिस्टर सक्सेना का लंड चूसते हुए कहा। मैं उनके लंड को जीभ से चाट रही थी, और मिस्टर अग्रवाल मेरी चूत में जीभ डालकर चाट रहे थे। “उम्म… वान्या, तेरी चूत का स्वाद गज़ब है,” मिस्टर अग्रवाल ने कहा।
“गप… गप…” की आवाज़ से रूम गूंज रहा था। हम अपनी गांड हिलाकर चूत उनके मुँह पर रगड़ रहे थे। फिर उन्होंने जगह बदली। अब मिस्टर अग्रवाल का लंड मेरे मुँह में था, और मिस्टर सक्सेना का जाह्नवी के मुँह में। “आह… और ज़ोर से चूस, वान्या,” मिस्टर अग्रवाल ने मेरे बाल पकड़कर कहा। मैंने उनके लंड को गले तक लिया, और मेरी चूत में मिस्टर सक्सेना की जीभ अंदर-बाहर हो रही थी। “ओहह… सक्सेना जी, मेरी चूत को चाट डालो,” मैंने सिसकारी भरी।
मिस्टर सक्सेना ने जाह्नवी को टेबल पर लिटाया, उसकी टांगें खोलीं, और अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया। “आहह… कितना मोटा है… धीरे डालो,” जाह्नवी ने चिल्लाते हुए कहा। उसका मुँह टेबल से नीचे लटक रहा था। मिस्टर अग्रवाल ने मुझे घुटनों के बल टेबल पर बैठाया, मेरी चूत जाह्नवी के मुँह के पास। मिस्टर सक्सेना ने मेरा सिर पकड़कर झुकाया, और मेरा मुँह जाह्नवी की चूत के ऊपर आ गया, जहाँ उनका लंड अंदर-बाहर हो रहा था। “आह… वान्या, मेरी चूत चाट,” जाह्नवी ने कहा। मैंने उसकी चूत चाटना शुरू किया, और मिस्टर अग्रवाल ने पीछे से मेरी चूत में अपना मोटा लंड पेल दिया।
“फच… फच…” की आवाज़ से रूम गूंज उठा। “आह… अग्रवाल जी, मेरी चूत फाड़ डालो,” मैंने चिल्लाते हुए कहा। मैं जाह्नवी की चूत चाट रही थी, और उसका रस मेरे मुँह में आ रहा था। मिस्टर सक्सेना का लंड जाह्नवी की चूत में धक्के मार रहा था, और मैं उनके लंड को भी जीभ से चाट रही थी। “उम्म… कितना मज़ा है,” मिस्टर सक्सेना ने कहा। फिर उन्होंने जगह बदली। मिस्टर अग्रवाल ने मेरे मुँह में अपना लंड डाला, जो जाह्नवी की चूत के रस से सना था। “चाट कर साफ कर, वान्या,” उन्होंने कहा। मैंने उनका लंड चूसा, और मिस्टर सक्सेना ने जाह्नवी के मुँह में अपना लंड डाला।
हमने उनके लंड चाटकर साफ किए, और फिर उन्होंने दोबारा हमारी चूत में लंड पेल दिए। “आह… और ज़ोर से चोदो,” जाह्नवी ने चिल्लाया। मैं और जाह्नवी एक-दूसरे के बूब्स सटाकर खड़ी हुईं। मिस्टर अग्रवाल मेरे पीछे और मिस्टर सक्सेना जाह्नवी के पीछे। उन्होंने हमारी गांड के छेद पर हेयर जेल लगाया। मिस्टर अग्रवाल ने मेरी मोटी गांड की फांकें खोलकर अपना लंड मेरे छेद पर टिकाया। “आह… धीरे डालो, पहली बार है,” मैंने कहा, थोड़ा डरते हुए। लेकिन ड्रग्स की वजह से मेरी चुदास हावी थी। उन्होंने धीरे से लंड मेरी गांड में डाला। “आहह… ओहह…” मेरे मुँह से चीख निकली। मिस्टर सक्सेना ने जाह्नवी की गांड में लंड पेला, और उसने भी सिसकारी भरी, “आह… सक्सेना जी, मेरी गांड फट जाएगी।”
मिस्टर अग्रवाल मेरे कंधे के ऊपर से जाह्नवी के होंठ चूस रहे थे, और मेरी गांड में धक्के मार रहे थे। “फट… फट…” की आवाज़ से रूम गूंज रहा था। मिस्टर सक्सेना मेरे होंठ चूसते हुए जाह्नवी की गांड चोद रहे थे। “आह… कितनी टाइट गांड है, वान्या,” मिस्टर अग्रवाल ने कहा। मैं और जाह्नवी उनकी चुदाई में गांड हिलाकर साथ दे रही थीं। फिर उन्होंने हमें घुमाया। अब मिस्टर सक्सेना मेरी गांड चोद रहे थे, और मिस्टर अग्रवाल जाह्नवी की। “आह… और ज़ोर से पेलो,” मैंने चिल्लाया।
उन्होंने हमें टेबल पर आमने-सामने झुकाया, हमारे होंठ आपस में सट गए। मिस्टर अग्रवाल ने मेरी चूत में और मिस्टर सक्सेना ने जाह्नवी की चूत में लंड पेल दिया। “फच… फच…” की आवाज़ तेज हो गई। “आह… मेरी चूत को चोद डालो,” मैंने मिस्टर अग्रवाल से कहा। हम एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे, और हमारे बूब्स हवा में लहरा रहे थे। मैंने जाह्नवी के बूब्स पकड़े और निप्पल्स मसलने लगी। “आह… वान्या, और ज़ोर से,” जाह्नवी ने कहा। हम दोनों गांड हिलाकर चुदाई में साथ दे रहे थे।
फिर उन्होंने जगह बदली। अब मिस्टर सक्सेना मेरी चूत में और मिस्टर अग्रवाल जाह्नवी की चूत में लंड पेल रहे थे। “आह… सक्सेना जी, मेरी चूत का भोसड़ा बना दो,” मैंने चिल्लाया। हमने एक-दूसरे के निप्पल्स खींचे, और चुदाई की रफ्तार बढ़ गई। “फच… फच…” की आवाज़ से रूम गर्म हो गया। उन्होंने हमें घुटनों के बल टेबल पर बैठाया और पीछे से हमारी गांड में लंड डाल दिया। “आहह… ओहह…” मैं और जाह्नवी चिल्ला उठीं। “कितनी मस्त गांड है, वान्या,” मिस्टर सक्सेना ने मेरी गांड पर थप्पड़ मारते हुए कहा। वो ताबड़तोड़ धक्के मार रहे थे, और हम मस्ती में चीख रहे थे। “आह… और ज़ोर से चोदो… मेरी गांड फाड़ दो,” मैंने कहा।
उन्होंने सोफे पर बैठकर हमें गोद में बुलाया। मैं मिस्टर सक्सेना की गोद में और जाह्नवी मिस्टर अग्रवाल की गोद में बैठी। मैंने अपनी चूत उनके लंड पर टिकाई और ज़ोर से नीचे धकेल दी। “आहह…” मिस्टर सक्सेना के मुँह से सिसकारी निकली। मैं उनके बूब्स उनके चेहरे पर रगड़ते हुए उछलने लगी। “आह… वान्या, तू तो जन्नत की सैर करा रही है,” उन्होंने कहा। जाह्नवी भी मिस्टर अग्रवाल के लंड पर उछल रही थी। “फच… फच…” की आवाज़ के साथ हमारी सिसकारियाँ गूंज रही थीं। “आह… ओहह… और ज़ोर से,” हम दोनों चिल्ला रहे थे।
हमने चूत से लंड निकाला और घूम गईं। अब हमारी गांड उनके लंड पर थी। मैंने अपनी गांड नीचे धकेली, और मिस्टर सक्सेना का लंड मेरी गांड में समा गया। “आह… कितना मोटा है,” मैंने सिसकारी भरी। हम तेज़ी से गांड ऊपर-नीचे करने लगे, और हमारे बूब्स उछल रहे थे। मैंने अपने बूब्स पकड़े, और जाह्नवी ने भी। फिर हमने जगह बदली। अब मैं मिस्टर अग्रवाल की गोद में थी, और जाह्नवी मिस्टर सक्सेना की। “आह… अग्रवाल जी, मेरी गांड को चोद डालो,” मैंने कहा।
वो बेड पर एक-दूसरे की तरफ मुँह करके लेट गए। मैं मिस्टर अग्रवाल के सामने और जाह्नवी मिस्टर सक्सेना के सामने लेटी। उन्होंने हमारी गांड की फांकें खोलकर लंड डाल दिया। “आह… धीरे… मेरी गांड फट जाएगी,” मैंने कहा, लेकिन मज़ा ले रही थी। वो हमारे बूब्स पकड़कर गांड चोदने लगे, और पीछे से गर्दन चूमने लगे। “आह… वान्या, तेरी गांड तो मक्खन जैसी है,” मिस्टर अग्रवाल ने कहा। मैं और जाह्नवी एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे।
फिर उन्होंने हमें घुमाया। अब मिस्टर सक्सेना मेरी गांड चोद रहे थे, और मिस्टर अग्रवाल जाह्नवी की। “आह… और ज़ोर से पेलो,” जाह्नवी ने चिल्लाया। हमने अपने होंठ उनके होंठों पर रखे और एक टांग उठाई। उन्होंने हमारी चूत में लंड डाल दिया। “फच… फच…” की आवाज़ तेज हो गई। “आह… सक्सेना जी, मेरी चूत का भोसड़ा बना दो,” मैंने कहा। हमारी चूत और गांड आपस में टकरा रही थी, जिससे मज़ा दोगुना हो रहा था।
उन्होंने दो टेबल आमने-सामने लगाए। हमें पीठ के बल लिटाकर टांगें ऊपर कीं। वो हमारी टांगों के बीच लेट गए और लंड हमारी चूत में पेल दिया। “आह… कितना गहरा जा रहा है,” मैंने चिल्लाया। मैंने अपनी टांगें मिस्टर सक्सेना की कमर पर लपेट दीं। वो हमें धड़ल्ले से चोद रहे थे, और हम चीख रहे थे, “आह… ओहह… और ज़ोर से!” लंड हमारी चूत की गहराई में जा रहा था, और मज़ा सातवें आसमान पर था।
अंत में उन्होंने हमें फर्श पर बैठाया और लंड हमारे हाथों में दे दिए। मैंने मिस्टर अग्रवाल का लंड हिलाया, और जाह्नवी ने मिस्टर सक्सेना का। कुछ देर बाद मिस्टर अग्रवाल का वीर्य मेरे बूब्स पर गिरा। मैंने उनका लंड मुँह में लेकर चाट लिया। मिस्टर सक्सेना का लंड अभी तना था। जाह्नवी ने उसे चूसा, और मैंने उनके अंडकोष मुँह में लिए। फिर मैंने उनका लंड चूसा, और जाह्नवी ने अंडकोष चाटे। “आह… वान्या, तू तो रंडी नंबर वन है,” मिस्टर सक्सेना ने कहा। उनका वीर्य मेरे मुँह में छूटा। जाह्नवी ने मेरे मुँह में जीभ डालकर वीर्य चाटा, और मैंने आधा वीर्य उसके मुँह में डाला। उसने निगल लिया, और मैंने बाकी निगल लिया। जाह्नवी ने मेरे बूब्स से मिस्टर अग्रवाल का वीर्य चाटा और मुझे खिलाया।
उस रात हमने तीन बार चुदाई की। सुबह वो लोग चले गए, और मैं और जाह्नवी वहीं सो गए। शाम को जाह्नवी और अंकल मुझे घर छोड़ने गए। रास्ते में जाह्नवी ने मेरे कहने पर अंकल का लंड चूसा। मैंने जाह्नवी से कहा कि वो अपने दादा की प्यास बुझाए। उसने कहा, “अगर तू भी मेरे साथ मिलकर दादा से चुदे, तो मैं तैयार हूँ।” मैंने मुस्कुराकर जवाब नहीं दिया। मुझे वादे के मुताबिक 50,000 रुपये मिले, और अंकल ने बताया कि हमारी वजह से 50 लाख का काम हुआ।
आपको मेरी ये चुदाई की कहानी कैसी लगी? क्या आपने कभी ऐसा अनुभव किया? अपने विचार कमेंट में बताइए।
Terms related to this story: Desi Call Girl Sex, Chudai Kahani, Sexy Badan, Randi Story, Hinglish Sex Story, Indian Sex Story, Call Girl Experience, Erotic Tale, Adult Fiction, Desi Erotica