दोस्तों, मेरा नाम मुकेश है। मैं चंडीगढ़ में रहता हूँ और मेरी उम्र 41 साल है। पिछले 20 साल से मैं एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर रहा हूँ। मेरे घर में सिर्फ मैं और मेरी बेटी पायल हैं। मेरी बीवी का देहांत सात साल पहले हो गया था, जब पायल अभी छोटी थी। ये कहानी जो मैं आपको सुनाने जा रहा हूँ, बिल्कुल सच्ची है, बस गोपनीयता के लिए मैंने नाम बदल दिए हैं। ये मेरी जिंदगी का वो पल है, जिसने मेरे दिल और जिस्म को हिला कर रख दिया।
पायल और मेरा रिश्ता हमेशा से बहुत गहरा रहा है। मैं उसका जितना ख्याल रखता हूँ, वो भी मेरी हर जरूरत का ध्यान रखती है। वो मेरे लिए खाना बनाती है, घर संभालती है, और मेरे सुख-दुख में हमेशा साथ देती है। मेरी जिंदगी की दिनचर्या सादी है—सुबह 8 बजे घर से निकलता हूँ, शाम 6 बजे लौटता हूँ। पूरा दिन ऑफिस में बीतता है। प्राइवेट कंपनी में काम करने की वजह से रविवार की छुट्टी भी मुश्किल से मिलती है। पायल पिछले साल कॉलेज में दाखिल हुई थी। वो अब बी.ए. सेकेंड ईयर में है और पढ़ाई में बहुत तेज है। उसकी मेहनत और होशियारी देखकर मुझे गर्व होता है।
लेकिन मेरी जिंदगी में एक कमी थी—एक औरत की। बीवी के जाने के बाद मैंने दूसरी शादी नहीं की। पायल मेरी हर जरूरत का ख्याल रखती है, लेकिन एक मर्द की वो खास जरूरत—सेक्स—वो तो पूरी नहीं कर सकती। इस आग को बुझाने के लिए मैं ऑफिस में एक औरत के साथ अफेयर चलाता हूँ। वो शादीशुदा है, मुझसे 8 साल छोटी, और हमारा रिश्ता सिर्फ जिस्मानी है। कभी होटल में, कभी ऑफिस के स्टोर रूम में, हम चुपके से चुदाई कर लेते हैं। उसकी टाइट चूत और गर्म साँसें मेरी हवस को कुछ देर के लिए शांत कर देती हैं, लेकिन मन पूरी तरह तृप्त नहीं होता।
अब मैं आपको उस दिन की बात बताता हूँ, जब मेरी दुनिया उलट-पुलट हो गई। बात कुछ महीने पहले की है, जब पायल का 18वाँ जन्मदिन था। वो सुबह 2 बजे 18 साल की हो गई थी। अपनी बेटी को इतना बड़ा होता देख मैं सुबह-सुबह भावुक हो गया। मेरे चेहरे की उदासी देखकर पायल तुरंत समझ गई कि मैं क्यों परेशान हूँ। उसने मेरी उदासी को पल में छू मंतर कर दिया। उसने मेरे लिए गरमागरम चाय बनाई, मेरे साथ ढेर सारी बातें की, और मेरा मूड ठीक कर दिया। वो मेरे सामने बैठी थी, उसकी टाइट टी-शर्ट में उसके छोटे-छोटे चूचे उभर रहे थे, और उसकी मुस्कान मेरे दिल को छू रही थी। मैं मन ही मन खुश भी था और दुखी भी। खुश इसलिए कि मेरी बेटी इतनी समझदार थी, और दुखी इसलिए कि वो जितनी बड़ी होती जा रही थी, उतना ही वो मुझसे दूर जाने का वक्त करीब आ रहा था। उसने मेरा खाना पैक किया, और मैं ऑफिस के लिए निकल गया।
उस दिन मेरा ऑफिस जाने का बिल्कुल मन नहीं था। मैं बस पायल के साथ वक्त बिताना चाहता था, उसकी हँसी सुनना चाहता था। लेकिन मजबूरी थी। ऑफिस पहुँचकर मैंने लंच शुरू ही किया था कि मेरे दिमाग में एक ख्याल आया। मैंने सोचा, पायल कुछ घंटों में कॉलेज से घर लौटेगी, क्यों न मैं उसके लिए घर पर कोई सरप्राइज प्लान करूँ? वो कितना खुश होगी! बस, मैंने तुरंत हाफ-डे की छुट्टी ली। रास्ते में मैंने मार्केट से घर सजाने का सामान खरीदा—बलून, एक चॉकलेट केक, और पायल के लिए एक गिफ्ट। मैं खुशी-खुशी घर की ओर चल पड़ा।
जब मैं अपनी गली में पहुँचा, तो देखा कि वहाँ कुछ मजदूर सड़क की खुदाई कर रहे थे। मैं बाइक पर था, तो मैंने सोचा दूसरी तरफ से चक्कर काट लेता हूँ। लेकिन तभी मेरा एक पड़ोसी वहाँ से गुजरा। उसने बताया कि दूसरी तरफ भी रास्ता बंद है। मैंने उससे थोड़ी देर बात की, फिर उसकी सलाह पर बाइक को पास में ही कुछ दूसरी बाइकों के साथ पार्क किया और पैदल घर की ओर बढ़ा। घर का गेट खुला हुआ था। मुझे लगा शायद पायल कॉलेज से जल्दी लौट आई है। मैं थोड़ा उदास हुआ, क्योंकि मेरा सरप्राइज अब वैसा नहीं रह गया। फिर भी, मैं चुपके से अंदर गया।
अंदर आते ही मुझे घर के पीछे की तरफ से कुछ अजीब सी आवाजें सुनाई दीं। मैंने ध्यान से सुना, तो पाया कि आवाजें घर के पीछे पायल के कमरे की खिड़की से आ रही थीं। मैं चुपके से पीछे की ओर गया। खिड़की खुली थी, और अंदर से एक जोरदार आवाज गूँजी, “साली, बहनचोद, ले मेरा लंड!” ये किसी लड़के की आवाज थी। मेरा दिल धक् से रह गया। मैं तेजी से खिड़की के पास पहुँचा और अंदर झाँका। जो मैंने देखा, उसने मेरे पैरों तले जमीन खिसका दी।
पायल के कमरे में एक लड़का, पूरी तरह नंगा, बेड पर पायल के ऊपर चढ़ा हुआ था। वो जोर-जोर से धक्के मार रहा था और उसकी चुदाई कर रहा था। वो गंदी-गंदी बातें कर रहा था, “साली कुतिया, तेरी चूत इतनी टाइट है… मारने का मजा ही अलग है… आह्ह!” मैंने उस लड़के को गौर से देखा, और मेरा खून खौल उठा। वो कोई और नहीं, बल्कि हमारे मोहल्ले का बदनाम लड़का राजू था। राजू एक नंबर का नशेड़ी, बदमाश, और चोर था। उसे देखकर मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर था। मैंने पास पड़ी एक लोहे की रॉड उठा ली और गुस्से में अंदर घुसकर उसकी जान लेने को तैयार था।
लेकिन तभी पायल की आवाज ने मुझे ठिठका दिया। वो सिसकारते हुए चिल्ला रही थी, “आह्ह… मेरे राजा… तेरा लंड तो जन्नत है… चोद मेरी चूत को… फाड़ दे इसे… आह्ह… मेरे बर्थडे को यादगार बना दे!” मैंने फिर से खिड़की से झाँका। राजू ने पायल को कुतिया की तरह घोड़ी बनाया हुआ था। पायल अपने घुटनों और कोहनियों के बल थी, जिससे उसकी चूत ऊपर की ओर उभरी हुई थी। उसका सिर बेडशीट से सटा हुआ था। राजू अपने पैरों के बल झुका हुआ था और पूरे जोश के साथ पायल की चुदाई कर रहा था। उसकी पीठ मेरी तरफ थी, इसलिए मुझे उसका मोटा, 8 इंच का लंड पायल की गीली चूत में अंदर-बाहर होता साफ दिख रहा था। हर धक्के के साथ पायल की चूत से चप-चप की आवाज आ रही थी। उसकी चूत इतनी गीली थी कि राजू का लंड आसानी से जड़ तक उतर रहा था।
पायल, जिसे मैं अपनी भोली-भाली बेटी समझता था, वो राजू के हर धक्के के साथ सिसकारियाँ ले रही थी। वो मजे में थी, और उसकी आवाजों में कोई शर्मिंदगी नहीं थी। वो चिल्ला रही थी, “आह्ह… और जोर से… मेरी चूत को रगड़ दे… उफ्फ… तेरा लंड कितना मोटा है!” मैं ये सब देखकर सुन्न हो गया। मेरा दिमाग समझ नहीं पा रहा था कि मेरी बेटी, जो मेरे लिए इतनी मासूम थी, ये सब कैसे कर सकती है। मेरा लंड मेरी पैंट में सख्त हो गया था। मैंने अपनी पैंट की जिप खोली और अपना लंड बाहर निकाला। पायल की चुदाई देखते हुए मैं मुठ मारने लगा। मेरा लंड इतना गर्म और सख्त था कि हर झटके के साथ मेरे शरीर में करंट सा दौड़ रहा था। मैंने सोचा, “ये मेरी बेटी है, लेकिन साली कितनी चुदक्कड़ है… उसकी चूत को देखकर मेरा लंड पागल हो रहा है!”
राजू गुस्से में बोला, “बहनचोद रंडी, उस दिन तू उस भड़वे सुनील के साथ सिनेमा हॉल में क्या कर रही थी? साली, उसका लंड चूस रही थी ना?” पायल ने सिसकारी के साथ जवाब दिया, “आह्ह… हाँ, मेरे राजा… उसका लंड चख रही थी… तू तो मेरी प्यास रोज बुझाता नहीं… तो सोचा, क्यों न सुनील को भी आजमा लूँ… आह्ह… लेकिन तेरा लंड उससे कहीं बेहतर है!” ये सुनकर राजू का गुस्सा और भड़क गया। उसने पायल की गांड पर जोर से चार-पाँच थप्पड़ मारे, जिससे उसकी गोरी गांड लाल हो गई। वो चिल्लाया, “अच्छा, तो साली कुतिया, तू मुझे कम समझती है? ले, बहनचोद, ले… तेरी चूत फाड़ दूँगा!”
पायल चिल्लाई, “आह्ह… हाँ, फाड़ दे… मेरी चूत तेरी है… आह्ह… मैं झड़ने वाली हूँ… और जोर से चोद!” राजू ने अपनी रफ्तार और तेज कर दी। वो अपना पूरा लंड बाहर निकालता और एक ही धक्के में जड़ तक पेल देता। हर धक्के के साथ पायल सिसकारी लेती, “आह्ह… उफ्फ… मेरे राजा!” उसकी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं, और उसकी चूत से रस टपक रहा था। मैं पायल की चूत और राजू के लंड को देखकर और तेजी से मुठ मारने लगा। मेरा लंड फटने को तैयार था। मैं सोच रहा था, “साली, कितनी गर्म है तू… तेरी चूत का रस देखकर मेरा लंड पागल हो गया!” आखिरकार, पायल जोर से चिल्लाई, “आह्ह… मैं गई… चोद मेरी चूत… आह्ह!” और वो झड़ गई। उसकी चूत से इतना पानी निकला कि बेडशीट गीली हो गई। मेरे लंड से भी वीर्य की पिचकारी निकली, और मैंने उसे पास की झाड़ियों में छोड़ दिया।
राजू ने अपना लंड पायल की चूत से बाहर निकाला और सिसकारने लगा। पायल तुरंत उठी और उसने राजू का लंड अपने मुँह में ले लिया। अब मुझे राजू का लंड साफ दिखा। वो 8 इंच लंबा और इतना मोटा था कि पायल का मुँह पूरा खुल गया। लेकिन उसने उसे पूरा अपने गले तक उतार लिया। राजू ने पायल का सिर पकड़ा और उसके मुँह को चोदने लगा। वो सिसकारियाँ भर रहा था, “आह्ह… ले रंडी… चूस मेरा लंड… पूरा गले में ले!” पायल एक पॉर्नस्टार की तरह उसका लंड चूस रही थी। वो अपने होंठों से लंड को चाट रही थी, और उसकी जीभ लंड के सिरे पर घूम रही थी। मैं फिर से मुठ मारने लगा। पायल का लंड चूसना देखकर मेरा लंड फिर से सख्त हो गया था। मैं सोच रहा था, “साली, तू तो किसी रंडी से कम नहीं… तेरा मुँह कितना गर्म है!” दो-तीन मिनट बाद राजू जोर-जोर से आहें भरने लगा। उसने अपना लंड पायल के मुँह से निकाला और पिच्छ-पिच्छ करके 7-8 पिचकारियाँ पायल के चेहरे पर मार दीं। उसका गाढ़ा, गर्म वीर्य पायल के पूरे चेहरे पर फैल गया। कुछ बूँदें उसके होंठों से टपककर उसकी छोटी-छोटी चूचियों पर गिरीं। मेरे लंड से फिर से वीर्य निकला, और मैंने उसे झाड़ियों में छोड़ दिया।
पायल ने उसके वीर्य को अपने चेहरे पर हाथों से मला, उसे चाटा, और अपने होंठों से स्मैक की आवाज निकालते हुए उसका मजा लिया। वो एक चुदक्कड़ रंडी की तरह उसका स्वाद ले रही थी। वो बोली, “आह्ह… राजू, तेरा माल कितना गर्म है… मेरे मुँह में इसका स्वाद जन्नत है!” राजू निढाल होकर बेड पर गिर गया, लेकिन पायल की आग अभी बुझी नहीं थी। उसने अपनी उंगलियाँ अपनी चूत में डालीं और खुद को रगड़ना शुरू किया, “आह्ह… राजू, तूने तो मुझे पागल कर दिया… मेरी चूत अभी भी भूखी है!”
मैं ये सब देखकर कशमकश में था। मेरा दिमाग सुन्न था, लेकिन मेरा लंड मेरी पैंट में तंबू बना रहा था। मैं उस दिन शाम तक वहीं छिपकर सब देखता रहा। उस दौरान राजू ने पायल को दो बार और चोदा।
पहली बार उसने उसे मिशनरी पोजीशन में चोदा। पायल की टाँगें हवा में थीं, और राजू उसके ऊपर चढ़कर जोर-जोर से धक्के मार रहा था। पायल की सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं, “आह्ह… मेरे राजा… फाड़ दे मेरी चूत… और गहरा पेल… उफ्फ!” उसकी चूचियाँ हर धक्के के साथ उछल रही थीं। राजू उसकी चूचियों को मसल रहा था, और उसके निप्पल्स को चूस रहा था। पायल की चूत इतनी गीली थी कि हर धक्के के साथ चप-चप की आवाज आ रही थी। वो बार-बार झड़ रही थी, और उसकी चूत का पानी बेड पर फैल रहा था। मैं फिर से मुठ मारने लगा। पायल की चूत और राजू का लंड देखकर मेरा लंड फटने को तैयार था। मैं सोच रहा था, “साली, तेरी चूत कितनी रसीली है… इसे देखकर मेरा लंड बेकाबू हो रहा है!” राजू ने आखिरकार उसकी चूत में ही झड़ दिया, और उसका गर्म वीर्य पायल की चूत से बाहर टपकने लगा। मेरे लंड से भी वीर्य निकला, और मैंने उसे झाड़ियों में छोड़ दिया।
दूसरी बार राजू ने उसे बेड के किनारे लिटाया और उसकी टाँगें अपने कंधों पर रखीं। उसने पायल की चूत में अपना लंड इतनी तेजी से पेला कि पायल चीखने लगी, “आह्ह… धीरे… मेरी चूत फट जाएगी… उफ्फ… लेकिन मत रुक… चोद मुझे!” राजू ने उसकी गांड पर थप्पड़ मारते हुए कहा, “साली, तेरी चूत तो किसी रंडी से कम नहीं… ले मेरा लंड!” पायल की चीखें इतनी तेज थीं कि मुझे डर था कि पड़ोसी सुन लेंगे। लेकिन कॉलेज का समय होने की वजह से शायद आसपास कोई नहीं था। इस बार राजू ने पायल की गांड में उंगली डाल दी, और पायल पागलों की तरह सिसकारने लगी, “आह्ह… मेरी गांड भी चोद दे… उफ्फ… मुझे पूरा तोड़ दे!” राजू ने उसकी गांड में दो उंगलियाँ डालकर रगड़ा, और फिर अपना लंड उसकी चूत में पेलते हुए झड़ गया। मैं उनकी चुदाई देखते हुए फिर से मुठ मारने लगा। पायल की गांड और चूत देखकर मेरा लंड बार-बार सख्त हो रहा था। मैं सोच रहा था, “साली, तेरी गांड कितनी टाइट है… इसे चोदने का मजा ही अलग होगा!” मेरे लंड से फिर से वीर्य निकला, और मैंने उसे झाड़ियों में छोड़ दिया।
मैं समझ गया कि मेरी बेटी, जिसे मैं भोली समझता था, अब एक चुदक्कड़ रंडी बन चुकी है। वो न सिर्फ राजू के साथ थी, बल्कि सुनील जैसे दूसरे लड़कों के लंड भी चख चुकी थी। उसकी बातों से साफ था कि वो अपनी हवस को बुझाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
इसके बाद मैंने कई बार पायल की चुदाई देखी। कभी राजू के साथ, कभी सुनील के साथ, और कभी किसी अनजान लड़के के साथ। वो अपने कमरे में लड़कों को बुलाती, और उनकी चुदाई की आवाजें पूरे घर में गूँजतीं। मैं चुपके से खिड़की से सब देखता, और मेरी हवस भी जागने लगी। मेरी सोच पायल के बारे में बदलने लगी। मैं उसे अब सिर्फ अपनी बेटी के रूप में नहीं देख पाता था। मेरे मन में उसके लिए एक गंदी, हवसी नजर जागने लगी थी। मैं जानता था कि ये गलत है, लेकिन उसकी चुदक्कड़ हरकतें मेरे लंड को बेकाबू कर रही थीं। मैंने कभी उस दिशा में कदम नहीं बढ़ाया, लेकिन मेरे मन में एक आग सुलग रही थी, जो मुझे हर रात परेशान करती थी।
कहानी का अगला भाग: मेरी चुदक्कड़ पायल बिटिया
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