मेरी मामी दिव्या की चुदाई

हेलो दोस्तों, मेरा नाम कुश है और मैं बीरतनगर, नेपाल में रहता हूँ। मेरे घर में मैं, मम्मी और पापा रहते हैं। बचपन से ही मैं पढ़ाई में औसत रहा हूँ। पढ़ाई में एवरेज होने की वजह से घर में कोई मुझे ज्यादा कुछ नहीं कहता, क्योंकि मैं अपना पढ़ाई का टाइम खुद मैनेज कर लेता हूँ। लेकिन एक बात जो मुझे बचपन से दीवाना बनाती थी, वो थी औरतों की नाभि। जी हाँ, मुझे नाभि देखना और उसकी महक लेना हमेशा से पसंद रहा। छोटा था तब मैं जिद्दी भी खूब था। गुस्सा होने पर ना खाना खाता, ना पढ़ाई करता। मम्मी मेरे ऊपर चिल्लाती थीं, पर मैं अपनी मस्ती में मस्त रहता।

जब मेरी समर वेकेशन शुरू हुई, मैं और मम्मी काठमांडू अपने मामा घर चले गए। वहाँ पहले दिन तो सब ठीक रहा, लेकिन दूसरे दिन से मेरी जिद शुरू हो गई। खाना खाने में आनाकानी करने लगा। मम्मी को बहुत गुस्सा आया और वो मेरे ऊपर चिल्लाने लगीं। तभी मेरी मामी दिव्या आईं और मम्मी से पूछने लगीं कि क्या हुआ, क्यों चिल्ला रही हो कुश पर? मम्मी ने सारी बात बताई। मामी ने मम्मी को कहा, “अब तुम इसे मेरे जिम्मे छोड़ दो, मैं इसे ठीक कर दूँगी।” मम्मी ने कहा, “ठीक है,” और वहाँ से चली गईं।

मामी मेरे पास आईं और पूछने लगीं, “कुश, तुम अपनी मम्मी को क्यों परेशान करते हो?” मैंने कोई जवाब नहीं दिया। मैंने उनके हाथ से खाना भी नहीं खाया। तब मामी ने कहा, “अगर तू खाना खाएगा, तो मैं तुझे एक खास चीज दिखाऊँगी।” मैंने पूछा, “क्या दिखाओगी?” मामी बोलीं, “पहले खाना खा, फिर दिखाऊँगी।” मैंने जल्दी-जल्दी खाना खा लिया। फिर मामी मुझे उनके बेडरूम में ले गईं। उस वक्त घर में कोई नहीं था, सब मंदिर गए थे।

मामी बेड पर लेट गईं और अपनी साड़ी का पल्लू हटा दिया। फिर बोलीं, “देख कुश, ये है नाभि।” उन्होंने मेरा हाथ अपने पेट पर रखवाया और कहा, “मेरे पेट को दबा।” मैं उनके नर्म, चिकने पेट को सहलाने लगा। उनकी नाभि गहरी और गोल थी, जैसे कोई खूबसूरत गड्ढा। फिर मामी बोलीं, “अपनी उंगली मेरी नाभि के अंदर डाल।” मैंने वैसा ही किया। फिर उन्होंने कहा, “अब इसे सूँघ।” मैंने उंगली सूँघी तो एक अजीब सी, नशीली खुशबू आई। उस वक्त मुझे कुछ समझ नहीं आया। कुछ दिन बाद स्कूल खुलने की वजह से मैं अपने घर बीरतनगर लौट गया।

जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, वो नाभि वाली बात मेरे दिमाग में बार-बार आने लगी। मैं उस खुशबू को याद करके मुठ मारने लगा। मेरी मामी की उम्र अब 43 साल है, लेकिन उनका फिगर 34-30-36 का है। वो पहले से भी ज्यादा खूबसूरत लगने लगी थीं। ये बात तब की है जब मैं बीबीए फर्स्ट ईयर का एग्जाम देकर फ्री हुआ था। मन नहीं लग रहा था, तो मैं मामा घर चला गया। वहाँ पहुँचते ही मैंने मामा, मामी और नानी को चरण स्पर्श किया। मेरे मामा का बड़ा बिजनेस है, वो ज्यादातर नेपाल के बाहर रहते हैं। नानी बहुत बूढ़ी हो चुकी हैं और मामी का कोई बच्चा नहीं है।

जब मैं वहाँ पहुँचा, मामी ने लाल रंग की साड़ी पहनी थी। कुछ घंटों तक तो मुझे वो पुरानी बात याद नहीं आई। लेकिन जब मामी खाना लेकर ऊपर आईं, मेरा ध्यान उनकी नाभि पर गया। मैं दंग रह गया। मामी ने साड़ी नाभि से 3-4 इंच नीचे पहनी थी। उनकी गहरी, गोल नाभि देखकर मेरा लंड तन गया। मैं तुरंत टॉयलेट गया और मुठ मारकर आया।

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अगले दिन मामा एक हफ्ते के लिए चाइना चले गए। मैंने सोचा, यही मौका है मामी को सेड्यूस करने का। दोपहर में मामी किचन में खाना बना रही थीं। मैं पीछे से गया और उनके गाल खींच दिए। मामी एकदम डर गईं। फिर मैंने पूछा, “मामी, क्या बना रही हो?” वो बोलीं, “तुझे क्या खाना है?” मैंने मस्ती में कहा, “मुझे तो बहुत कुछ खाना है।” मामी मुझे देखने लगीं। मैंने आँख मारकर वहाँ से चला गया। थोड़ी देर बाद फिर किचन में गया। मामी का पेट देखकर मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैं चुपके से गया और उनका पेट पकड़ लिया। मेरी उंगलियाँ उनकी नाभि के पास गईं और मैंने उंगली अंदर डाल दी। मामी एक सेकंड के लिए डर गईं और पेट अंदर खींच लिया। फिर बोलीं, “बदमाश, कितना डराता है! जा, मुझे खाना बनाने दे।” मैं वहाँ से चला गया और लिविंग रूम में जाकर अपनी उंगली सूँघने लगा। वाह, क्या मस्त खुशबू थी! सूँघते-सूंघते मेरा स्पर्म निकल गया। अचानक मामी वहाँ आ गईं और मुझे देखकर बोलीं, “शैतान, क्या कर रहा है?” मैंने कहा, “कुछ नहीं।” लेकिन उन्हें शक हो गया।

उस रात मैं लिविंग रूम में लेटकर सोच रहा था कि मामी को कैसे चोदूँ। उनकी नाभि को इमेजिन करके फिर मुठ मार ली। अगले दिन सुबह उठकर फ्रेश हुआ। नानी की तबीयत ठीक नहीं थी, वो सो रही थीं। मैं किचन में गया, जहाँ मामी मिक्सर ग्राइंडर निकालने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन निकाल नहीं पा रही थीं। मैंने कहा, “मामी, क्या हुआ?” वो बोलीं, “मिक्सर निकाल रही हूँ।” मैंने कहा, “हेल्प चाहिए?” वो बोलीं, “हाँ।” मैंने कहा, “ठीक है, मैं आपको आगे से पकड़ता हूँ, आप मिक्सर निकाल लो।” वो बोलीं, “देखकर, गिराना मत।” मैंने कहा, “नहीं गिराऊँगा।” फिर मैंने मामी को ऊपर उठाया। उनकी नाभि मेरी आँखों के सामने आ गई। उसकी खुशबू मेरे नाक में घुस रही थी। मैंने उन्हें और ऊपर उठाया और उनकी नाभि को सूँघने लगा। फिर अचानक उसे चूम लिया। मामी चिल्लाईं, “कुश, ये क्या कर रहा है? नीचे उतार मुझे!” मैं डर गया और उन्हें नीचे उतार दिया। मामी गुस्सा हो गईं। मैं सॉरी बोलकर गार्डन में चला गया।

कुछ घंटे बाद मामी आईं और बोलीं, “तुम क्या कर रहे हो? मैं तुम्हें ऊपर ढूंढ रही थी। चलो, रेस्टोरेंट जाना है, तैयार हो जाओ।” मैं तैयार होकर उनके रूम में गया। उन्होंने पूछा, “कौन सी साड़ी पहनूँ?” मैंने कुछ नहीं कहा। वो बोलीं, “अभी तक गुस्सा हो?” मैंने कहा, “नहीं।” फिर उन्होंने कहा, “चलो, बताओ कौन सी साड़ी?” मैंने कहा, “हरी वाली।” वो बोलीं, “ठीक है, तुम बाहर वेट करो।” 20 मिनट बाद मामी लिविंग रूम में आईं। मैं उन्हें देखकर दंग रह गया। उन्होंने हरी साड़ी नाभि से बहुत नीचे पहनी थी। उनकी गांड का उभार देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया। मामी ने पूछा, “बताओ, मैं कैसी लग रही हूँ?” मैंने कहा, “सेक्सी लग रही हो।” वो नॉटी स्माइल देकर मेरे साथ रेस्टोरेंट चल दीं।

रेस्टोरेंट में मामी ने पूछा, “क्या खाएगा?” मैंने कहा, “मोमो और पिज्जा मंगवा लेते हैं।” उन्होंने ऑर्डर दिया। ऑर्डर देते वक्त मैं उनकी नाभि और बूब्स को घूर रहा था। अचानक उन्होंने मुझे देख लिया और साड़ी का पल्लू ठीक करने लगीं। खाने के बाद हम कार में लौटे। कार में मामी ने पूछा, “तुम क्या देख रहे थे?” मैंने कहा, “कुछ नहीं।” वो बोलीं, “झूठ मत बोल, सच बता, वरना मैं तुमसे बात नहीं करूँगी।” मैं डरते हुए बोला, “आपकी नाभि देख रहा था।” वो हँसने लगीं और मेरा हाथ पकड़कर अपने पेट पर रख दिया। बोलीं, “चल, अपनी उंगली मेरी नाभि में डाल।” मैं खुश हो गया और जोर-जोर से उनकी नाभि में उंगली करने लगा। उनकी नाभि गहरी थी, और उसकी खुशबू मुझे पागल कर रही थी।

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घर पहुँचते ही मामी कार पार्क करके अपने बेडरूम में चली गईं। मैं नानी से बात करके लिविंग रूम में गया। रात 11 बजे मामी ने मुझे कॉल किया, “मेरे रूम में आ।” मैं उनके रूम में गया। वहाँ देखा कि मामी रात में भी साड़ी में थीं, वो भी नाभि के ऊपर। उन्होंने मुझे पास बुलाया और पूछा, “तुम्हें मुझमें क्या पसंद है?” मैंने कहा, “आपके बाल, आँखें, गाल।” वो बोलीं, “बस?” मैंने कहा, “हाँ।” फिर उन्होंने अपनी साड़ी नाभि से नीचे सरकाई और बोलीं, “ये पसंद नहीं?” मैंने कहा, “मामी, ये तो आपका सबसे खूबसूरत हिस्सा है।” वो बोलीं, “चल, मेरी नाभि को सूँघ और इसमें उंगली कर।”

मैंने टाइम वेस्ट किए बिना उनके पेट को चूमना शुरू किया। उनकी नाभि में जीभ डाल दी। उनकी नाभि इतनी गहरी थी कि मेरी जीभ अंदर तक चली गई। मामी के मुँह से “आह्ह्ह… ऊई माँ… ओह्ह” जैसी आवाजें आने लगीं। वो बोलीं, “और चोद मेरी नाभि को, कुश। मुझे तेरे द्वारा नाभि चुदवाना पसंद है।” मैं 10 मिनट तक उनकी नाभि चाटता रहा। फिर उन्हें बेड पर लिटाया और उनके माथे, गालों पर चूमने लगा। हमने 15 मिनट तक फ्रेंच किस किया। उनकी साँसें गर्म थीं, और उनकी जीभ मेरे मुँह में खेल रही थी। फिर मैं उनके बूब्स से होता हुआ उनकी नाभि तक पहुँचा। मैंने आइसक्रीम निकाली और उनकी नाभि में डालकर चाटने लगा। जैसे ही जीभ अंदर डाली, वो उछल पड़ीं और मेरे बाल पकड़कर अपनी नाभि की ओर दबाने लगीं।

मैंने उनकी साड़ी का पिन खोला, पेटीकोट का नॉट खोल दिया। उनकी जांघें चिकनी और गोरी थीं। मैं उन्हें चाटने लगा। मामी मचलने लगीं। फिर मैंने उनके ब्लाउज के हुक खोले और ब्रा के ऊपर से बूब्स को चूमने और दबाने लगा। उनके मुँह से “आह्ह… ओ माँ…” की आवाजें आ रही थीं। वो बोलीं, “धीरे दबा, दर्द होता है।” मैंने उनकी ब्रा उतार फेंकी और बूब्स को चाटने और काटने लगा। वो बोलीं, “धीरे, कुश! मेरे बूब्स चूसो।” फिर वो बोलीं, “बस बूब्स पर ही चूमेगा या नीचे भी कुछ करेगा?”

ये सुनते ही मैं उनकी नाभि सूँघता हुआ उनकी चूत पर आ गया। उनकी पैंटी उतारी और उनकी चूत को चूमने लगा। फिर जीभ उनकी चूत के छेद में डाल दी। वो “आह्ह… राजा, अच्छे से कर…” बोलने लगीं और मेरे बाल सहलाने लगीं। फिर उन्होंने कहा, “अब तुम भी अपनी जींस उतार दो।” मैंने जींस और अंडरवियर उतार दिया। वो मेरे लंड को देखकर बोलीं, “तेरा तो ठीक साइज का है।” फिर मेरे लंड पर किस किया और उसे हिलाने लगीं। बोलीं, “ड्रॉअर से तुम्हारे मामा का कंडोम ले आ।” मैं कंडोम लेकर आया।

वो बेड पर लेट गईं। मैंने उनकी चूत को चाटा और धीरे-धीरे अपना लंड उनकी चूत में डाला। वो बोलीं, “राजा, दर्द हो रहा है… आह्ह… ऊई माँ… निकाल दो, बहुत दर्द हो रहा है।” मैंने उनके होंठों पर किस करते हुए पूरा लंड अंदर डाल दिया। वो थोड़ा चिल्लाईं, लेकिन फिर राहत की साँस ली। शुरू में मैं धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करता रहा। फिर स्पीड बढ़ाई तो वो “आह्ह… ओ माँ… मर गई…” बोलने लगीं। बोलीं, “प्लीज निकाल दो, मैं मर जाऊँगी।” लेकिन मैं कहाँ सुनने वाला था। कुछ देर बाद उन्हें भी मजा आने लगा और वो अपनी गांड हिलाकर मेरा साथ देने लगीं। मैं उनके बूब्स दबा रहा था और बीच-बीच में उनकी नाभि सूँघ रहा था। इससे उन्हें और मजा आ रहा था।

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वो बोलीं, “ओह्ह… मेरे राजा, अच्छे से चोदो मुझे… दो साल की प्यास बुझा दो… आह्ह… जोर से चोदो…” मैंने उनकी आवाज सुनकर स्पीड और बढ़ा दी। कुछ देर बाद मेरा स्पर्म कंडोम में निकल गया। मैंने वो स्पर्म उनकी नाभि में डाला और उंगली से अंदर तक घुसाया। 5 मिनट तक उनकी नाभि में उंगली करता रहा और सूँघता रहा। फिर एक घंटे बाद मैंने कहा, “मामी, अब गांड का क्या इरादा है?” वो बोलीं, “राजा, बस एक बार तुम्हारे मामा ने चोदा था, उसके बाद कभी नहीं।” मैंने कहा, “मैं चोद देता हूँ।” उनकी गांड दबाते हुए मैंने कहा, “प्लीज, एक बार ट्राई करते हैं।” वो बोलीं, “नहीं, दर्द होगा।” मैंने कहा, “प्लीज, एक बार।”

वो पेट के बल लेट गईं। मैं उनकी गांड पर किस करने लगा। फिर उन्हें डॉगी स्टाइल में आने को कहा। उनकी गांड का छेद बहुत छोटा और टाइट था। जैसे ही मैंने लंड डाला, वो चिल्लाईं, “नहीं… बहुत दर्द हो रहा है… प्लीज मत चोदो।” मैंने उनके बूब्स दबाते हुए धीरे-धीरे लंड अंदर डाला। वो चिल्लाती रहीं, “आह्ह… नहीं… मर गई…” लेकिन मैंने पूरा लंड अंदर डाल दिया। वो बोलीं, “बहुत दर्द हो रहा है, निकाल दो।” मैंने कहा, “इतनी मेहनत से घुसाया है, अब काम भी करने दे।” मैं धीरे-धीरे उनकी गांड मारने लगा। वो अजीब-अजीब आवाजें निकाल रही थीं। फिर बोलीं, “चोद मेरी गांड को… इसे बड़ा कर दो… मुझे अपनी बीवी बना लो… आह्ह… जोर से चोदो…” कुछ देर बाद मेरा स्पर्म निकल गया। मैंने कंडोम डस्टबिन में फेंका और फिर हम फ्रेंच किस करने लगे।

रात में मैंने अपना लंड उनकी चूत में डालकर सो गया और मेरा चेहरा उनकी नाभि के पास रखकर सोया, क्योंकि उनकी नाभि की महक मेरे लंड को खड़ा कर देती थी। सुबह मामी ने मेरा लंड बाहर निकाला और बेडशीट डालकर नहाने चली गईं। मैं 11 बजे उठा। मामी लंच बना रही थीं। मैं पीछे से गया और उनकी नाभि में उंगली डालने लगा। अपना लंड उनकी साड़ी के ऊपर से रगड़ने लगा। मामी कुछ देर बाद बेडरूम में आईं और हम फिर चुदाई शुरू कर दी।

हम पूरे एक हफ्ते तक ऐसे ही चोदते रहे। किसी को कुछ पता नहीं चला। मामी की नाभि, उनकी चूत, उनकी गांड—सब मुझे दीवाना बना रहे थे। हर बार उनकी नाभि की खुशबू मुझे और जोश दिलाती थी। हमने हर पोजीशन ट्राई की—मिशनरी, डॉगी, 69—सब में मजा लिया। मामी भी अब खुलकर मुझसे चुदवाने लगी थीं। वो कहती थीं, “कुश, तूने मेरी प्यास बुझा दी। अब तू मेरा राजा है।”

तो दोस्तों, ये थी मेरी और मेरी मामी दिव्या की चुदाई की कहानी। उम्मीद है, नाभि लवर्स को ये कहानी पसंद आई होगी। बाय फ्रेंड्स, टेक केयर!

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