हाय सिम्मी फिर से… एक माँ बेटे की सेक्स स्टोरी बहुत जबरदस्त थी, मुझे बहुत ज्यादा पसंद आई। अगर आपको भी अच्छी लगे तो रिप्लाई जरूर देना, और अगर आपकी भी कोई स्टोरी है तो मुझे भेजो। तो अब चलते हैं स्टोरी की तरफ।
हाय, मेरा नाम मीना है, उम्र 48 साल, रंग एकदम गोरा, और जिस्म ऐसा कि हर मर्द की नजर ठहर जाए। मेरा फिगर 40-36-44 है, जो किसी का भी लंड तुरंत खड़ा कर दे। जब मैं चलती हूँ, मेरी गाँड की थिरकन पर सबकी आँखें अटक जाती हैं। मेरे हसबैंड रमेश, उम्र 50 साल, का बिजनेस है। वो सुबह घर से निकलते हैं और रात को ही लौटते हैं, कभी-कभी तो बाहर ही रुक जाते हैं। उनका लंड 5 इंच का है, जो मेरी चूत को गर्म करने में नाकाम रहता है, और गाँड तक तो पहुँच ही नहीं पाता। मेरे दो बच्चे हैं—बेटा महुल, 24 साल का, गोरा, बॉडी एकदम सॉलिड, और बेटी माही, 21 साल की, मेरी तरह गोरी, फिगर 34-30-38। उसकी गाँड देखकर लोग कहते हैं, “मीना, ये तो तेरी कॉपी है!” मेरी सहेलियाँ मजाक में कहती थीं, “ध्यान रखना, कहीं कोई माही की गाँड न मार ले!” मैं हँसकर टाल देती थी।
एक रात, करीब 11:30 बजे, नींद खुलने पर मैं किचन में कुछ खाने गई। रमेश उस रात घर नहीं थे। बच्चों के कमरे की तरफ बढ़ी, तभी कुछ अजीब आवाजें सुनाई दीं। मैंने की-होल से झाँका, और मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई। महुल और माही, दोनों पूरी तरह नंगे, एक-दूसरे के जिस्म से चिपके हुए थे। महुल माही को चोद रहा था, और वो भी उसकी गाँड! माही कराह रही थी, “बेटे, और जोर से चोद अपनी माँ को!” मैं हैरान थी—महुल माही को “मीना” कहकर चोद रहा था, जैसे वो मेरी गाँड मार रहा हो। मेरा मन हुआ कि अंदर जाकर दोनों को डाँटू, लेकिन मेरी चूत में आग लग रही थी। तभी महुल ने अपना लंड माही की गाँड से निकाला। मैं देखकर दंग रह गई—10 इंच लंबा, 4 इंच मोटा, किसी गधे के लंड जैसा! उसने वो लंड सीधे माही के मुँह में दे दिया। माही उसे किसी रंडी की तरह चूस रही थी, जीभ से चाट-चाटकर, जैसे कोई लॉलीपॉप हो।
मैं करीब आधा घंटा देखती रही। महुल का चोदने का स्टाइल, उसका लंड, और उसकी टाइमिंग देखकर मैं पागल हो गई। जब उसका पानी निकलने वाला था, उसने कहा, “मीना, मुँह खोल!” माही नीचे बैठ गई और बोली, “लो बेटा, सारा पानी मेरे मुँह में डाल दे!” माही ने सारा माल निगल लिया, और उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी। मैं अपने कमरे में लौट आई, लेकिन नींद गायब थी। उस रात मैंने महुल के लंड को याद करके दो बार उंगलियाँ की, मेरी चूत इतनी गीली थी कि बेडशीट भीग गई। शादी के बाद पहली बार मैंने ऐसा किया, वरना मैं तो बाहर के लंड से अपनी आग बुझाती थी।
अगली सुबह मैं किचन में खाना बना रही थी। माही मेरे पास आई और काम में मदद करने लगी। तभी महुल आया, पीछे से मुझे गले लगाया, और “मॉर्निंग” बोला। उसका लंड मेरी गाँड पर टच हो रहा था, और मैं महसूस कर रही थी कि वो धीरे-धीरे तन रहा है। वो माही को इशारे कर रहा था, और मैं चुपके से सब देख रही थी। फिर उसने मेरे गाल पर चूमा और साइड में खड़ा हो गया। मुझे पता था कि वो अब मुझे माँ की तरह नहीं, बल्कि एक औरत की तरह देख रहा है। मेरे दिल में डर था कि अगर कुछ बोली, तो दोनों गुस्सा हो जाएँगे। मैंने चुप रहना बेहतर समझा।
मैंने माही से कहा, “तू खाना बना, मैं आती हूँ।” माही किचन में रुक गई, और मैं बाहर निकल आई। मुझे यकीन था कि वो दोनों कुछ न कुछ करेंगे। मैंने चुपके से देखा—महुल और माही एक-दूसरे को लिप-किस कर रहे थे, उनकी जीभें एक-दूसरे के मुँह में थीं। महुल बोला, “बता, आज तो kiss भी कर दी, और गाँड में लंड भी दे दिया। अब चूत देगी?” माही ने जवाब दिया, “नहीं, ऐसे नहीं। कपड़ों के बिना डालो, तभी चोदने दूँगी। तब तक सिर्फ गाँड ही मिलेगी।” महुल ने कहा, “तो आज फिर गाँड मारूँ?” माही बोली, “इस गाँड को मारने के लिए कितने लोग तरसते हैं, तुझे मिल रही है, फिर भी नाटक करता है!” महुल ने माही के चूचे दबाने शुरू किए, फिर उसे नीचे बिठाकर अपना लंड उसके मुँह में दे दिया। माही उसे ऐसे चूस रही थी जैसे कोई प्यासी रंडी।
मैं अंदर जाने वाली थी कि मेरी आहट से दोनों अलग हो गए। माही खाना बनाने लगी, और महुल अपना लंड ठीक करके बाहर चला गया। खाना टेबल पर आया, और तभी रमेश घर लौट आए। हम टेबल पर बैठे थे। मैंने महुल से कहा, “जाओ, पापा को खाना लेकर दो, और माही की मदद करो।” मेरी नजर उन पर थी। जैसे ही महुल किचन में गया, उसने माही के मुँह में लंड डाल दिया। माही चूसने लगी, जैसे कोई भूखी शेरनी। फिर जल्दी से खाना लेकर आए। रमेश फ्रेश होकर टेबल पर आए, खाना खाया, और बोले, “मैं सोने जा रहा हूँ।” वो अपने कमरे में चले गए।
मैंने मौका देखकर बच्चों के कमरे में हिडन कैमरा लगा दिया। फिर जानबूझकर कहा, “मैं भी सोने जा रही हूँ। भूख लगे तो खाना बना लेना।” मैं अपने कमरे में गई और कैमरे से लैपटॉप पर रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। मुझे पता था कि रमेश के बाहर जाने पर ही मैं इसे देख पाऊँगी। बाद में मैं चुपके से बच्चों के कमरे के पास गई। उनकी पीठ मेरी तरफ थी, और मैं उन्हें साफ देख सकती थी। महुल माही की गाँड मार रहा था, और मेरा नाम ले रहा था, “मीना, तेरी गाँड कितनी टाइट है!” उसका लंड माही की गाँड में अंदर-बाहर हो रहा था, और उसकी गाँड इतनी खुल चुकी थी कि तीन उंगलियाँ आसानी से जा सकती थीं। मैं समझ गई कि माही मेरे सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी।
मैंने देखा कि माही की चूत अब तक वर्जिन थी। उसकी डिमांड थी कि जब महुल मुझे चोदेगा, तभी वो अपनी चूत देगी। वो मेरी तरह थी—मैं भी अपनी उम्र में पहले चूत मरवाती थी, फिर गाँड। लेकिन माही सिर्फ गाँड मरवाती थी। उनकी लिप-किस देखकर मैं दंग थी—उनके होंठ एक-दूसरे से चिपके थे, जीभें एक-दूसरे के मुँह में, जैसे कोई पॉर्न फिल्म चल रही हो। फिर मैं अपने कमरे में लौट आई। रमेश जाग चुके थे। मैंने उनका मूड बनाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मुझे चोदा नहीं। मैंने उंगलियाँ करके अपनी चूत की आग ठंडी की और सो गई।
शाम 6 बजे मैं उठी। रमेश पैकिंग कर रहे थे। उन्हें दिल्ली जाना था तीन दिन के लिए। उन्होंने मुझे लिप-किस किया और चले गए। मेरे ऊपर सेक्स का नशा चढ़ा था। मैंने महुल और माही की रिकॉर्डिंग देखी। वो किसी पॉर्नस्टार की तरह चुदाई कर रहे थे—महुल का लंड माही की गाँड में बार-बार डूब रहा था, और माही की कराहें कमरे में गूँज रही थीं। मैंने दो बार उंगलियाँ की। अगले दिन एक कार हादसे में रमेश और मेरी सहेली के पति की मौत हो गई। हम सब टूट गए। दो महीने तक मैं सदमे में रही।
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फिर एक दिन मैंने अपनी सहेली अनु का व्हाट्सएप स्टेटस देखा। उसने अपने से आधी उम्र के लड़के से दूसरी शादी कर ली थी। मैंने उसे कॉल किया।
मैं: “हाय अनु, कैसी हो?”
अनु: “फाइन, तू बता।”
मैं: “कॉन्ग्रैट्स, शादी कर ली, बताया भी नहीं!”
अनु: “थैंक्स, लेकिन क्या बताती? मेरे बच्चे विदेश में हैं, मुझे कौन संभालता? अब दिन में जहाँ मन हो चुदवाओ, रात को हसबैंड है चोदने वाला। तू भी कोई देख ले।”
मैं: “तू तो पहले ही इतने लंड ले चुकी है। मैं भी सोच रही हूँ, बिना लंड के कैसे रहूँगी?”
अनु: “लंड की कमी थोड़े है। मैंने शादी इसलिए की, ताकि घर में बेफिक्र चुदाई हो। उसकी पहली रात ने मेरी माँ याद दिला दी। 8 इंच का लंड, रात 8 बजे से सुबह 5 बजे तक चोदा! मेरी गाँड और चूत दोनों की हालत खराब कर दी।”
मैं: “अच्छा है, तुझे ऐसा शेर मिला। मुझे अभी चुदवाने का मन नहीं।”
अनु: “मैं तुझे वीडियो भेजती हूँ, देखना।”
उसने वीडियो भेजी। उसका हसबैंड उसे उठा-उठाकर चोद रहा था, जैसे कोई गुड़िया हो। उसका लंड उसकी चूत में बार-बार घुस रहा था, और अनु की चीखें कमरे में गूँज रही थीं। मैं पागल हो गई। तभी बच्चों के आने की आवाज आई। मैंने जानबूझकर अपनी ब्रा थोड़ी बाहर निकाली, ताकि महुल देखे और माही को मेरा नाम लेकर चोदे। दोनों मेरे पास बैठ गए। मैं उदास सा मुँह बनाकर बैठी थी। महुल ने मुझे गले लगाया। मैं अपने चूचे उसके जिस्म से टच कर रही थी। उसका लंड खड़ा होने लगा, मेरी जाँघ पर रगड़ रहा था। माही ने पीछे से मेरी पीठ सहलाते हुए कहा, “मॉम, दिल छोटा मत करो, हम हैं ना। जो चाहिए, हम देंगे।” फिर वो महुल की गोद में बैठ गई, लेकिन मैं सब देख रही थी।
हम अलग हुए, और मैं फेस वॉश करने चली गई। मुझे पता था कि दोनों कुछ करेंगे। महुल ने माही को डॉगी बनाया और उसकी गाँड में लंड डालकर 8-10 झटके मारे। माही बेशर्मी से झटके ले रही थी, जैसे उसे कोई फर्क न पड़ता हो कि मैं पास हूँ। मैं वापस आई, तो दोनों सामान्य हो गए। मैंने कहा, “देखो बच्चो, तुम दोनों शादी के लायक हो गए हो। कोई शुभ काम करना होगा।” दोनों बोले, “अभी नहीं।” मैंने पूछा, “क्यों?” बोले, “सोचकर बताएँगे।”
दो दिन बाद मैं किचन में थी। महुल पीछे आया, मुझे गले लगाया, और अपना लंड मेरी गाँड पर रगड़ा। उसने सिर्फ बॉक्सर पहना था। उसका लंड पूरी तरह तन गया था, मेरी गाँड के बीच में घुस रहा था। उसने मेरी गर्दन और गाल पर 2-3 चुम्मे लिए, होंठों तक आने ही वाला था कि मैंने उसे हटा दिया। तभी माही आ गई। महुल चला गया, और माही मेरी मदद करने लगी। उसने कहा, “मॉम, मैं शादी के लिए तैयार नहीं हूँ।” मैंने पूछा, “महुल की कर दें?” वो बोली, “वो भी नहीं।” मैंने कहा, “कहीं उसे कोई सेक्सुअल प्रॉब्लम तो नहीं?” माही ने मना किया।
मैंने कहा, “अगर तुम दोनों नहीं चाहते, तो दोनों की शादी एक साथ कर दूँ?” माही की आँखें फट गईं। वो हाँ बोलना चाहती थी, लेकिन चुप रही। फिर बोली, “मॉम, वो मेरा भाई है, कैसे शादी होगी?” मैंने कहा, “तेरी फिगर इतनी मस्त है, मैं नहीं चाहती कि कोई तेरा यूज करे। तेरा भाई तेरे लिए सही है। तू बता, राजी है?” माही बोली, “मैं तो तैयार हूँ, भैया को पूछना होगा।” मैंने कहा, “जा, पूछ आ।”
माही भागकर गई। मैं चुपके से पीछे गई। वो दोनों लिप-किस कर रहे थे, उनकी जीभें एक-दूसरे के मुँह में थीं। महुल बोला, “मॉम इतनी जल्दी मान गईं, विश्वास नहीं होता। मैं बाहर किसी और को नहीं चोदना चाहता, सिर्फ तू और मीना।” माही बोली, “अगर मॉम हमारी शादी करवा देंगी, तो मैं पक्का उनकी चूत दिलाऊँगी।” मैं वापस अपनी जगह आ गई। माही दौड़कर आई और बोली, “मॉम, महुल मान गया है। कब करनी है शादी?” मैंने कहा, “इतनी जल्दी क्या है? पहले मैं चेक करूँगी कि तेरा भाई तुझे संतुष्ट कर सकता है या नहीं।” माही ने पूछा, “वो कैसे?” मैंने कहा, “कल हम बाहर जाएँगे, और एक लड़की को घर भेजेंगे। अगर महुल उसे अच्छे से चोद लेगा, तो ठीक है। वरना शादी रुक जाएगी।” माही तुरंत मान गई।
मैंने अनु को कॉल किया और कहा, “कल 10 बजे मेरे घर आ। देखते हैं, तेरा हसबैंड अच्छा चोदता है या मेरा बेटा।” अनु मान गई। मैंने पहले से हिडन कैमरा लगा लिया था। अगले दिन अनु 9:50 बजे आ गई। मैं और माही बोले, “हमें जल्दी है। तू महुल को खाना खिला देना।” मैंने माही का व्हाट्सएप स्कैन कर लिया था। 11:30 बजे महुल ने वीडियो भेजी। मैंने माही से पूछा, “तेरा होने वाला पति उसे संतुष्ट कर पाया?” माही बोली, “वो तो उसकी माँ को भी चोद देगा!” मैंने पूछा, “माही, कभी चूत मरवाई है?” उसने कहा, “आपकी कसम, अभी तक वर्जिन है।” मुझे पता था, मैं बस कन्फर्म कर रही थी।
हम 2 बजे घर लौटे। दरवाजे के पास से अनु की चीखें सुनाई दीं, “आआह्ह्ह, बेटे, और जोर से मार! आज पहली बार इतना मजा आया! मेरी चूत और गाँड दोनों फाड़ दी!” हम बाहर आ गए। माही मेरी तरफ देख रही थी। मैंने कहा, “माही, तैयार रहना, ऐसी चीखें तुझे भी निकालनी होंगी। इस रंडी की इतनी चीखें निकालीं, तो तेरा क्या हाल होगा!” माही बोली, “मॉम, टेंशन मत लो, मैं सब करूँगी।” मैंने पूछा, “महुल तेरी गाँड मारेगा, सहन कर पाएगी?” माही शरमाते हुए बोली, “मॉम, आप भी ना!” मैंने कहा, “मेरे साथ भी ऐसा हुआ। चूत चोदने के बाद हर कोई गाँड मारता है। मेरी पहली बार 9th क्लास में हुई थी। मेरा क्लासमेट 6 इंच का लंड लेकर मेरी गाँड मारी, मैं तीन दिन तक चल नहीं पाई।”
अनु बाहर आई। मैंने पूछा, “मजा आया?” वो बोली, “क्या लंड है इसका! जो इससे शादी करेगी, वो किश्मत वाली होगी। मेरी गाँड फाड़ दी, चल भी नहीं पा रही। तू अपने बेटे से शादी कर ले!” मैंने कहा, “आखिर बेटा किसका है! लेकिन उसके लिए एक सुंदर लड़की देखी है।” अनु बोली, “तू एक बार चुदवा के देख!” मैंने कहा, “जिसकी है, वो देखे।”
अगले दिन मैंने दोनों से कहा, “मैं तुम्हारी शादी करवाकर फ्री होना चाहती हूँ। अगले महीने की 11 तारीख को शादी है।” दोनों खुश हो गए। मैंने कहा, “तब तक माही मेरे साथ मेरे कमरे में रहेगी।” दोनों घबरा गए, लेकिन कुछ बोले नहीं। मैंने माही को सामान शिफ्ट करने को कहा और शादी की शॉपिंग शुरू की। मैंने माही के लिए फर्स्ट नाइट के लिए एक नेट की ड्रेस चुनी, जो इतनी टाइट थी कि उसके चूचे और गाँड बाहर उभर रहे थे। उसकी नाभि नंगी थी, और गला इतना डीप कि आधे चूचे बाहर झाँक रहे थे।
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शादी का दिन आया। मैंने पंडित को बुलाया। माही का लहंगा इतना सेक्सी था कि पंडित की आँखें फट गईं। शादी हो गई। रात 8 बजे महुल घर लौटा। मैंने माही को खाना खिलाया और कहा, “सो जा, कल चुदाई होगी।” फिर मैंने महुल की आँखों पर पट्टी बाँधी और उसे अपने कमरे में ले गई। मैंने उसे नंगा किया और खुद भी नंगी हो गई। पहली बार अपने बेटे का लंड चूसा। उसका स्वाद मेरी चूत में आग लगा रहा था। मैंने उसका लंड अपनी चूत में लिया, वो धीरे-धीरे अंदर-बाहर कर रहा था, और मेरी चूत गीली होकर चप-चप की आवाजें कर रही थी। फिर वो मेरी गाँड के छेद पर रगड़ने लगा और एक झटके में पूरा लंड डाल दिया। मैं चीख पड़ी, “आआह्ह्ह, महुल, धीरे!” तभी माही भागकर आई। महुल ने पट्टी खोल दी।
माही: “मॉम, ये सब क्या है?”
मैं: “वही जो तेरा हसबैंड चाहता था।”
माही: “मैं समझी नहीं।”
मैं: “महुल मुझे चोदना चाहता था। फिर तू उसे अपनी चूत देगी। मैं सब जानती हूँ।”
मैंने कहा, “अब ऐसे ही रहेगा। मुझे भी चोदेगा।” महुल मेरी चूत चोदने लगा, उसका लंड मेरी चूत की गहराई में जा रहा था। मैंने माही से कहा, “तेरी गाँड इतनी बाहर क्यों निकली है? मैं सब जानती हूँ। आ जा, हमारे साथ जॉइन कर।” मैंने माही के कपड़े उतारे और उसे नंगी कर दिया। मैं उसकी लिप्स पर किस करने लगी। बोली, “तेरी लिप-किस मुझे बहुत पसंद है। मेरी प्यास बुझा दे।” माही मुझे किस करने लगी, उसकी जीभ मेरे मुँह में थी। महुल मेरी चूत चोद रहा था, और मेरी चीखें कमरे में गूँज रही थीं। 10 मिनट बाद उसने कहा, “चलो, अब गाँड मारता हूँ।”
मैंने कहा, “नहीं, तेरा लंड बहुत बड़ा है, मैं नहीं ले सकती।” माही बोली, “मॉम, लेके देखो, बहुत मजा आएगा।” मैंने कहा, “तू तो बस गाँड मरवाती थी, तुझे तो मजा आएगा ही। बता, कब से चल रहा है ये?” माही बोली, “करीब 5 साल से।” मैंने कहा, “वाह, और मुझे पता भी नहीं चला!” माही बोली, “मॉम, बाहर चुदवाती, तो भरोसा नहीं था। इसलिए घर में ही लंड ढूँढ लिया, वो भी इतना मस्त।”
मैंने कहा, “अच्छा है। देख, तेरे भाई ने तेरी फिगर कितनी जबरदस्त बनाई। अनु का हाल देख, उसकी गाँड में तीन दिन तक दर्द रहा। अब मेरी गाँड फटने वाली है।” माही बोली, “पहली बार मैंने गाँड मरवाई, तो बैठ नहीं पाई थी। ऐसा लगता था, लंड अभी भी गाँड में है। दूसरी बार थोड़ा अच्छा लगा, फिर डेली होने पर ठीक हो गया।”
मैंने कहा, “बस, अब बकवास बंद। चोदो मुझे, मेरी गाँड फाड़ दो।” महुल ने लंड मेरी गाँड पर टिकाया और एक झटके में पूरा डाल दिया। माही मुझे किस कर रही थी, मेरी चीख दब गई। मैं मछली की तरह तड़प रही थी, मेरी गाँड में आग लग रही थी। महुल 2 मिनट रुका, फिर धीरे-धीरे चोदने लगा। माही बोली, “जानू, ये नई है, धीरे चोद। लेकिन ऐसा चोद कि बस तुझसे चुदवाए।” महुल बोला, “देख, आज के बाद ये किसी और से नहीं चुदवाएगी।”
15 मिनट बाद उसने लंड निकाला, और मैं गिर गई। माही बोली, “मुझे चोद, मेरे हबी।” महुल ने माही को मिशनरी पोजीशन में लिया, लंड उसकी चूत पर रगड़ा, और एक झटके में डाल दिया। माही इतनी जोर से चीखी, “आआह्ह्ह, भैया, मेरी चूत फट गई!” उसकी आवाज गहर से बाहर चली गई। मैं पास गई और बोली, “बता, चूत फट गई?” हम सब हँसने लगे। मैंने कहा, “समझी, मेरे बेटे के लंड में कितना दम है?”
उस रात हम सुबह 5 बजे तक चुदाई करते रहे। महुल ने हमें अलग-अलग पोजीशन में चोदा—डॉगी, काउगर्ल, 69। मैं 8-10 बार झड़ी, मेरी चूत से रस टपक रहा था। माही की चूत पहली बार फटी, और वो भी 5-6 बार झड़ी। हम इतने थक गए कि दोपहर 2 बजे उठे। मैं नाइटी पहनकर किचन में खाना बनाने गई। महुल पीछे आया, सिर्फ बॉक्सर में। उसने मेरी गर्दन पर चूमा, मेरे चूचे दबाए, और बॉक्सर उतारकर लंड मेरी गाँड में डाल दिया। मैं फिर चीखी, “आह्ह, महुल, धीरे!” माही नंगी आई और बोली, “लंड लेने में शर्म नहीं, लेकिन नंगी रहने में शर्म? आज से घर में कोई कपड़े नहीं पहनेगा।” महुल ने मुझे 30 मिनट तक अलग-अलग स्टाइल में चोदा—कभी मेरी गाँड, कभी मेरी चूत। फिर माही को डाइनिंग टेबल पर ले गया, उसे झुकाकर उसकी गाँड और चूत दोनों चोदी।
हमने नंगे ही खाना खाया। रात को फिर चुदाई हुई। अब हम घर में नंगे रहते हैं। अनु और उषा भी कभी-कभी आती हैं। महुल ने उषा की भी गाँड फाड़ दी, वो तीन दिन तक लंगड़ाती रही। माही प्रेगनेंट हो गई और एक बेटे को जन्म दिया। हम आज भी जब मन हो, चुदाई करते हैं। कभी मैं महुल का लंड चूसती हूँ, कभी माही उसकी सवारी करती है। हमारा घर अब चुदाई का अड्डा बन गया है, जहाँ हर रात नई प्यास बुझती है।
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