जीजाजी और दीदी के साथ मस्ती – 1

Didi Jiju ke sath Threesome Sex Story: दीदी की शादी के बाद मैं उनसे मिलने गया और कुछ दिन तक उनके घर ही रहा। दीदी और जीजू एक दूसरे को काफी प्यार करते थे। फिर एक दिन मैं सुबह उठा और उठकर बाहर आया तो देखा तो दीदी जीजाजी को चाय देने जा रही थी। फिर मैं उन्हे देखने लगा। फिर जीजाजी दीदी को देखकर खड़े हो गए और दीदी को अपनी बाँहों मे ले लिया और फिर दीदी से किस करने लगे। मैं ये सब देखता रहा।

पहले यह कामुकता डॉट कॉम पर प्रकाशित थी, लेकिन जैसा की आप जानते है, हमारी ऑफिसियल साइट अब यह यानि फ्री सेक्स कहानी डॉट इन है इसीलिए अब से सारी कहानियां यही प्रकाशित होंगी।

फिर मैंने देखा के जीजाजी ने दीदी को नंगी कर दिया और दीदी के बदन को सहलाने लगे। दीदी तब सिर्फ पैंटी में थी। फिर कुछ देर चूमचाटी के बाद दीदी वापिस आने लगी और मैं वापिस अपने कमरे मे जाने लगा तो दीदी ने मुझे देख लिया। फिर दीदी मेरे कमरे मे आई और कहने लगी के बदमाश तूने सब देख लिया क्या। फिर ये कहकर दीदी हंसने लगी और फिर मैं भी हंसने लगा।
फिर दीदी ने मुझे कुछ नहीं कहा। फिर एक दिन मैं मार्केट गया था और वापिस आया तो दीदी और जीजाजी हाल मे थे। तब जीजाजी अंडरवियर मे थे और दीदी बिल्कुल नंगी थी। फिर मुझे देखकर जीजाजी तो वहीं बैठे रहे और दीदी अपने हाथों से अपने बूब और चुत छुपाते हुए कमरे मे जाने लगी और जाते जाते मुझसे कहने लगी के समान किचन मे छोड़ दे और मुँह हाथ धोकर आ जा मैं खाना लगा रही हूँ। फिर मैंने वैसे ही किया।

इतने में दीदी एक शॉर्ट ड्रेस पहनकर आ गई और खाना परोसने लगी। फिर जीजाजी ने माहौल को हल्का करने के लिए हंसी मजाक करने लगे। फिर मैंने उनसे कहा के मैं कल जा रहा हूँ। फिर दीदी बोली के क्यों। नहीं जाना है। तू कुछ दिन पहले ही तो आया और इतनी जल्दी चला जाएगा तो मम्मी पापा क्या सोचेंगे। फिर मैं बोला के पर। फिर दीदी बोली के पर वर कुछ नहीं। तू यहीं रहेगा। फिर जीजाजी भी बोले के तुम नहीं जाओगे।

फिर खाने के बाद दीदी मेरे रूम मे आई तो मैं दीदी से बोला के आप दोनों खुलकर रोमांस नहीं कर पा रहे हो। मुझे जाने दो। फिर दीदी कुछ सोचकर बोली के तुमने सब देख तो लिया ही है अगर मैं बिकीनी पहनूँ तो तुम्हें कोई दिक्कत तो नहीं होगी। फिर ये सुनकर मैं दीदी की तरफ देखने लगा और मुस्कुराने लगा। फिर मैं और जीजाजी साथ में बैठकर टीवी देखने लगे और दीदी अपने कमरे मे चली गई। फिर कुछ देर बाद जब दीदी कमरे से निकलकर बाहर आई तो मैं तो देखता ही रह गया। दीदी ने बिकीनी पहन रखी थी और काफी सेक्सी लग रही थी।

हमारे सामने जब दीदी ऐसे बिकीनी मे आई तो जीजाजी तो कुछ समझ ही नहीं पाए। फिर दीदी आकर हमारे बीच बैठ गई और हंसकर कहने लगी के कैसी लग रही हूँ मैं। फिर जीजाजी बोले के तुम्हे शर्म नहीं आती तुम अपने भाई के सामने बिकिनी में आई हो। फिर दीदी जीजाजी से कहने लगी मैंने इससे पहले पूछकर फिर ही पहनी हैं। इसे लग रहा था के इसने आकर हमारा रोमांस खराब कर दिया तो फिर मैं बोली के ऐसा कुछ नहीं है।

फिर दीदी ने जीजाजी का हाथ अपने हाथ में लिया और फिर कहने लगी के बचपन से लेकर आज तक भाई ने मेरा काफी अच्छे से ध्यान रखा है। हम भाई बहन से ज्यादा एक दूसरे के दोस्त रहे है। वैसे भी अब हम तीनों समझदार है। मैं भाई को भी बहुत प्यार करती हूँ। मैं चाहती हूँ के हम तीनों दोस्तों की तरह रहे और खूब मस्ती करें। अब समय बदल चुका है तो अब हमें भी अपने आप में कुछ चेंज करने होंगे। ये सब सुनकर जीजाजी बोले के अगर तुम दोनों को कोई ऐतराज नहीं है तो फिर मुझे भी कोई दिक्कत नहीं है।

जैसा तुम चाहती हो वैसा ही होगा। ये सुनकर दीदी मुस्कुराने लगी और फिर जीजाजी के गले से लग गई। फिर मैं बोला के मुझे भी आप दोनो के साथ रहना अच्छा लगता है। पर मैं नहीं चाहता के आप अपने रोमांस करने का एक पल भी जाया करो। फिर दीदी ने मेरी तरफ मुड़कर कहा के तुमसे किसने कहा के हम अपने रोमांस में कमी आने देंगे। बल्कि अब हम तो और खुलकर रोमांस करेंगे। ये सुनकर हम तीनों हंसने लगे।

तब रात का टाइम था और हम तीनों टीवी देख रहे थे। फिर दीदी ने टीवी बन्द कर दिया और फिर हम तीनों बातें करने लगे। हमने एक दूसरे से काफी बातें की। जिससे माहौल नॉर्मल हो गया। हम तीनों एक दूसरे से मजाक करने लगे। फिर दीदी खड़ी होकर पेशाब करने जाने लगी तो फिर जीजाजी ने दीदी की गांड पर एक थप्पड़ मार दिया। जिससे दीदी की गांड हिलने लगी। फिर दीदी जीजाजी की तरफ देखकर हंसने लगी और फिर पेशाब करने चली गई। फिर दीदी के जाने के बाद मैं और जीजाजी आपस मे बातें करने लगे।

हम दोनो ने टीशर्ट और हाफ पैंट पहन रखी थी। मेरी बॉडी थोड़ी मस्क्युलर टाइप की थी तो जीजाजी ने मुझे अपनी बॉडी दिखाने के लिए कहा तो फिर मैंने टीशर्ट निकाल कर जीजाजी को अपनी बॉडी दिखाने लगा। फिर जीजाजी ने भी अपनी टीशर्ट उतार दी। वो थोड़े फैटी थे तब और उनका पेट भी थोड़ा बढ़ा हुआ था। लेकिन फिर भी फिट लग रहे थे।

फिर मैंने और जीजाजी ने अपनी हाफ पैंट भी उतार दी और फिर हम सिर्फ अंडरवियर में ही रह गए। थोड़ी देर बाद दीदी आई तो दीदी अपनी बिकिनी चेंज करके ब्लैक कलर की बिकिनी पहनकर आई। दीदी को देखकर मैं और जीजाजी देखते ही रह गए। फिर दीदी मेरे पास आकर मेरी कमर में हाथ डालकर खड़ी हो गई और फिर हंसकर बोली के तुम काफी सेक्सी लग रहे हो। फिर मैंने यही बात दीदी को भी बोल दी तो वो हंसने लगी।

फिर दीदी जीजाजी के पास गई तो जीजाजी ने दीदी को अपनी बाहों में ले लिया और फिर उन्होंने दीदी को अपनी गोद मे उठा लिया। तब जीजाजी का लंड भी खड़ा था जो कि उनके अंडरवियर में से साफ दिख रहा था। फिर ये सब देखकर मैंने उन्हें गुड नाईट बोला तो उन्होंने भी गुड़ नाईट बोला और फिर जीजाजी दीदी को लेकर अपने कमरे की तरफ जाने लगे और फिर मैं भी अपने कमरे में आकर लेट गया।

दीदी को देखकर मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं नंगा होकर लेट गया और अपना लंड हिलाने लगा। फिर झड़ने लगा तो मेरा पानी निकलकर बेड पर और फर्श पर गिरने लगा और फिर मैं ऐसे ही सो गया। फिर सुबह जब दीदी मुझे उठाने आई तो मुझे नंगा देखकर हँसने लगी और फिर गेट बंद करके मेरे पास आ गई। गेट बंद होने की आवाज से मेरी नींद खुली तो देखा के सामने दीदी बिकिनी में खड़ी थी।

तब दीदी ने काफी सेक्सी बिकिनी पहन रखी थी। दीदी को देखकर मैं देखता ही रह गया और मुझे ये भी ध्यान नहीं रहा के मैं नंगा हूँ। फिर मैंने निचे।ध्यान दिया तो फिर मैंने एक तकिया लेकर अपना लंड छुपाने लगा। फिर दीदी हंसकर बोली के मैंने सब देख लिया है और बचपन मे तुझे काफी बार नंगा देखा है। ये सुनकर फिर मैंने तकिया हटाकर दीदी की तरफ फेंक दिया और बोला के फिर अब छुपाने की क्या जरूरत है तो।

फिर ये सुनकर हँसने लगी और कमरे में सामान इधर उधर रखने लगी और मैं उठकर पेशाब करने चला गया। फिर पेशाब करके आकर मैं दीदी के सामने खड़ा हो गया तो दीदी मुझे देखने लगी और फिर कपड़े पहनकर बाहर आकर नाश्ता करने के लिए कहा और फिर दीदी चली गई। दीदी के जाने के बाद मैं अंडरवियर और हाफ पैंट पहनकर बाहर आ गया और दीदी और जीजाजी के साथ बैठकर नाश्ता करने लगा।

फिर इसी तरह टाइम निकलने लगा और कुछ दिन बाद ऐसे लगने लगा के जैसे सच में हम एक दूसरे के दोस्त है। फिर एक बार दीदी ने हमें एक दुसरे को नाम लेकर बुलाने के लिए कहा। ताकि अगर हम कहीं जाए तो दूसरे लोगों को ये ना पता चल सकें के हमारा एक दूसरे से क्या रिश्ता है।

हम तीनों एक दूसरे से अब काफी खुल गए थे तो अब हम कोई भी बात कर सकते थे। फिर एक दिन हम यूं ही बैठे थे तो फिर दीदी मुझे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछने लगी तो फिर मैंने कहा के हमारा ब्रेकअप हो गया है अब मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। फिर दीदी ने जीजाजी से पूछा के शादी से पहले आपकी कोई गर्लफ्रेंड रही है। फिर जीजाजी ने पहले तो बिल्कुल मना कर दिया। लेकिन फिर दीदी ने कहा के आप सच बता सकते हो मैं कुछ नहीं कहूँगी। मैं नहीं चाहती के आप मुझसे कोई बात छुपाओ। मैं आप पर कोई बंधन नहीं लगाना चाहती।

दीदी की बात सुनकर जीजाजी ने कहा के पहले एक लड़की थी जिससे मैं प्यार करता था। लेकिन फिर उसकी शादी हो गई तो फिर उसके बाद तुम दूसरी लड़की हो जिससे प्यार हुआ है। वैसे ऑफिस में एक दो से मस्ती की है। फिर ये सुनकर दीदी हँसकर बोली के सिर्फ एक दो से ही। दीदी की बात सुनकर हम सब हंसने लगे। फिर जीजाजी ने दीदी से उनके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा तो फिर दीदी बोली के मेरा तो कोई बॉयफ्रेंड नहीं रहा पर बॉयफ्रेंड बनाने का मन बहुत करता था पर डरती थी।

फिर ऐसे ही हमारे बीच बातें चलती रही। फिर इसके कुछ दिन बाद मैं रात को खाने के बाद दीदी के कमरे में गया तो तब दीदी बिकीनी में थी और बेड पर लेटी हुई थी। फिर मैंने दीदी से जीजाजी के बारे में पूछा तो दीदी बोली के वो काफी देर से बाथरूम में है। पता नहीं क्या कर रहे है। फिर ये सुनकर मैं बाथरूम में गया तो देखा के जीजाजी अपने लंड के बालों की सफाई कर रहे थे। ये देखकर मैं वापिस आने लगा तो फिर जीजाजी ने आवाज देकर मुझे अंदर बुला लिया। फिर मैं अंदर चला गया। तब जीजाजी रेज़र से बाल काट रहे थे और फिर मैं उन्हे देखने लगा।

फिर उन्होंने मुझसे भी बोला के तुम भी साफ कर लो। फिर मैं भी अपने सब कपड़े खोलकर नंगा हो गया और बाल साफ करने लगा। बाल साफ करते करते हम बातें करने लगे और बातों ही बातों में जीजाजी ने मुझसे पूछा के लड़की को सेक्स में और ज्यादा मजा कैसे दे सकते है। फिर मैंने जीजाजी से कहा के ये तो लड़की पर निर्भर करता है के वो कैसे मजा करना चाहती है। फिर जीजाजी बोले के कैसे। फिर मैंने कहा के लड़की की भी कुछ इच्छा होती है। कुछ लड़कियाँ एक से ज्यादा मर्दों के साथ करना पसंद करती है तो कुछ मर्दों के सामने नंगी होकर करना चाहती है तो कुछ को खुले में करने में मजा आता है।

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मेरी बात सुनकर जीजाजी समझ चुके थे। फिर हम दोनों ने जब अपने बाल साफ कर लिए तो फिर हम दोनों एक साथ शॉवर लेने लगे। शॉवर लेटे टाइम हम अपने अपने लंड को सहला रहे थे और बाते कर रहे थे। हम दोनों काफी देर से अंदर थे। तो फिर अचानक दीदी आ गई और हम दोनों को शॉवर के नीचे नहाता देख कर बोली के आज बाथरूम से बाहर आना है या नहीं। फिर जीजाजी बोले के बस आ रहे है। फिर हम दोनों नहाकर और फिर अंडरवियर पहनकर बाहर आए तो देखा के दीदी एक चद्दर लेकर लेटी थी और अपनी चुत में उंगली कर रही थी।

दीदी को ऐसे देखकर जीजाजी तो गरम हो गए और वो दीदी के साथ लेट गए और फिर मैं भी दूसरी तरफ जाकर लेट गया। दीदी चद्दर में नंगी ही थी और वो गरम भी थी। फिर जीजाजी दीदी के बोबे सहलाने लगे। जिससे दीदी और ज्यादा गरम हो गई। फिर जीजाजी ने दीदी से कहा के तुमसे एक बात पूछू तो दीदी बोली के पूछो क्या पूछना है। तब दीदी ने आँखें बंद कर रखी थी और जीजाजी दीदी के बोबो को और चुत को सहला रहे थे।

फिर जीजाजी ने दीदी से पूछा के तुम्हें किस तरह से करने में ज्यादा मजा आता है। तब दीदी थोड़ी थोड़ी सिसकारियाँ लेने लगी थी। फिर दीदी सिसकारियाँ लेते हुए बोली के मुझे बिल्कुल नंगी होकर सेक्स करने में मजा आता है। फिर जीजाजी ने पूछा के और कैसे मजा आता है तो फिर दीदी बोली के मैंने पॉर्न विडिओ में एक औरत को कई मर्दों के साथ एक साथ सेक्स करते देखा है तो मैं भी एक बार वैसे करना चाहती हूँ। फिर तभी अचानक दीदी के उपर से चद्दर हट गई और कमर तक आ गई और मेरे सामने दीदी उपर से नंगी हो गई।

जीजाजी लगातार दीदी की चुत सहलाते जा रहे थे। फिर दीदी बहुत ज्यादा गरम हो गई तो दीदी अपने पैरों को इधर उधर मारने लगी जिससे की बाकी की चद्दर भी हट गई और दीदी अब बिल्कुल नंगी हो गई। फिर जीजाजी दीदी के पूरे बदन को सहलाने लगे। ये देखकर मेरा भी लंड खड़ा हो चुका था। फिर जीजाजी ने भी अपना अंडरवियर खोल दिया तो फिर दीदी जीजाजी का लंड पकड़कर सहलाने लगी। फिर जीजाजी दीदी के ऊपर आकर दीदी की चुदाई करने लगे। इतना सब देखकर मैं भी कहाँ पीछे रहने वाला था। मैंने भी अपना अंडरवियर खोल दिया और अपना लंड सहलाने लगा।

फिर थोड़ी देर बाद जीजाजी ने दीदी को घोड़ी बना लिया और करने लगे। फिर ऐसे ही थोड़ी देर करने के बाद जीजाजी और दीदी झड़ गए तो फिर वो सीधे होकर लेट गए। मैं झड़ा नहीं था तो फिर मैं लगातार अपना लंड सहलाता रहा। दीदी मुझे देखने रही थी तब। फिर मैं झड़ने लगा तो मेरा सारा पानी बेड पर गिरने लगा।

फिर झड़ने के बाद मैंने दीदी की तरफ देखा तो दीदी मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी और फिर अपनी चद्दर ऊपर करके मुझे अपनी चद्दर में बुलाया। फिर मैं दीदी की तरफ खिसक कर दीदी के साथ चद्दर लेकर लेट गया। हम तीनों तब एक ही चद्दर में थे और वो भी नंगे। तब जीजाजी दीदी से पीछे से चिपक कर सो रहे थे और मैं दीदी से चिपका हुआ था। दीदी मेरी तरफ करवट लेकर सोई थी और उनका एक हाथ मेरे ऊपर था और उनके बोबे मेरी बॉडी से लग रहे थे। फिर मैं दीदी की तरफ पीठ करके सो गया तो फिर पीछे से दीदी मुझसे चिपक कर सो गई। मुझे दीदी के साथ ऐसे सोने में काफी मजा आ रहा था।

फिर सुबह जब मुझे जाग आई तो देखा के दीदी मेरा लंड सहला रही थी और दीदी को जीजाजी चोद रहे थे। मैं लेटे लेटे ये सब देखता रहा। फिर जीजाई झड़ गए तो वो साइड में होकर लेट गए और फिर दीदी जोर जोर से मेरा लंड सहलाते हुए बोली के तू झड़ेगा या नहीं। दीदी जीजाजी के सामने ही मेरा लंड सहलाये जा रही थी। फिर आखिरकार थोड़ी देर बाद मैं झड़ गया। फिर दीदी सीधी होकर लेट गई और फिर हम बाते करने लगे। दीदी को जब बिल्कुल भी शर्म नहीं आ रही थी। फिर दीदी ने जीजाजी से कहा के मैं सेक्स के मामले में आपको पूरी आजादी देती हूँ।

ये सुनकर जीजाजी बोले के क्या मतलब। फिर दीदी ने कहा के किसी के साथ कैसे भी सेक्स कर सकते हो। मेरे सामने भी और किसी लड़की से सेक्स कर सकते हो। मैं आपको कुछ नहीं कहूँगी। इससे हमारे रिश्ते पर भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मैं नहीं चाहती के आप घुट घुट कर जीओ। ये सुनकर जीजाजी बोले के यही आजादी मैं तुम्हें भी देता हूँ। सेक्स करने से किसी से प्यार थोड़ी हो जाता है। फिर दीदी बोली के हाँ सही कहा। हम दोनों एक दूसरे से ऐसे ही प्यार करते रहेंगे और साथ में मजे भी लेते रहेंगे। ये बात सुनकर फिर मैं बोला के दीदी आपने ये आपने बिल्कुल सही कहा।

आजकल सबसे ज्यादा शादियाँ इसी वजह से टूट रही है। पति पत्नी एक दूसरे पर शक करने लगते है और फिर उनकी शादी टूट जाती है। फिर दीदी बोली के हाँ सही कहा। इसलिए मैं नहीं चाहती के हमारे बीच कुछ ऐसा हो। अगर हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते है तो फिर चाहे सेक्स किसी से भी करें हम एक दूसरे के बिना नहीं रह पाएंगे। दीदी की ये बात सुनकर जीजाजी दीदी से लिप किस करने लगे और काफी देर तक करते रहे। फिर किस करने के बाद दीदी मेरी तरफ मुड़ी तो मैंने दीदी की गाल पर किस किया और फिर दीदी के गले से लग गया और फिर उन्हे अपनी बाहों में लेकर उन्हे कसकर पकड़ लिया और फिर उन्हे आई लव यू कहा।

फिर दीदी ने भी मुझे आई लव यू कहा। फिर दीदी बोली के तुम कोई गर्लफ्रेंड ढूंढ लो। मुझसे से अब रोज रोज नहीं हिलाया जाएगा इतनी इतनी देर तक। दीदी की ये बात सुनकर हम सब हंसने लगे। फिर मैंने अपना मुँह दीदी के बोबो में डाल दिया और फिर उनके बोबे चूसने लगा और दीदी भी मुझे किसी छोटे बच्चे की तरह अपना दूध पिलाने लगी। फिर जीजाजी भी दीदी के दूसरे बोबे को चूसने लगे।

फिर हम तीनों एक दूसरे से चिपकर कर लेट गए और बातें करने लगे। फिर दीदी मेरे और जीजाजी का लंड सहलाने लगी। फिर मैंने दीदी से बोला के दीदी थोड़ा धीरे हिलाओ। ये सुनकर दीदी मुझसे बोली के तुम मुझे आज से दीदी नहीं बोलोगे। अगर हम कहीं गए हुए हो और वहाँ मैं तुम्हारे साथ बिकीनी में रहूँगी या नंगी ही रहूँगी तो तुम वहाँ दीदी बोलोगे तो लोगों को सुनकर कैसा लगेगा। इसलिए आज से हम सब एक दूसरे को नाम से ही बुलाएंगे ताकि किसी को हमारे बारे में कुछ भी पता ना चल सके और हम एक दूसरे के साथ फ्रेंड की तरह रहते है तो हमारे बीच बस अब दोस्ती के अलावा कोई रिश्ता नहीं है। इस बात से जीजाजी भी सहमत हुए।

उस दिन के बाद से हम एक दूसरे को नाम लेकर बुलाने लगे। दीदी का नाम एकता, जीजाजी का नाम मोहन और मेरा नाम राज है। फिर एकता हमारे लंड हिला रही थी तो फिर मोहन बहुत ज्यादा गरम हो गया तो वो फिर एकता के ऊपर आकर एकता की चुदाई करने लगा और मैं उन्हे देखने लगा। फिर थोड़ी देर देखने के बाद मैं फ्रेश होने चला गया। मुझे टॉइलेट में एकता की सिसकारियों की आवाज सुनाई दे रही थी। जिन्हे सुनकर मेरा लंड बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था। फिर जैसे तैसे मेरा लंड बैठा और फिर जाकर मैंने पेशाब किया।

फिर मैं फ्रेश होकर आया तो देखा के मोहन एकता के ऊपर था और मुझे पीछे से मोहन का लंड एकता की चुत से अंदर बाहर होता हुआ दिखाई दे रहा था। ये देखकर मैं अपना लंड सहलाता हुआ उनके साइड में जाकर लेट गया। फिर मोहन झड़ने वाला हुआ तो एकता मोहन का लंड चूसने लगी और फिर मोहन का सारा पानी पी गई और फिर वो दोनों लेटकर आराम करने लगे। फिर कुछ देर आराम करने के बाद एकता नंगी ही किचन में जाकर नाश्ता तैयार करने लगी और मैं और मोहन बातें करने लगे। अब हमारे बीच कोई शर्म तो रही नहीं थी तो मोहन मेरे साथ एकता के बारे में बाते कर लेते। वो कहते के तुम्हारी बहन बहुत सेक्सी है।

ये बातें सुनकर मुझे भी कुछ खास फर्क नहीं पड़ता था अब। फिर बातें बातें करते मोहन का लंड फिर से खड़ा हो गया और तभी एकता नें हमें नाश्ते के लिए बुलाया। तो हम दोनों बाहर गए और फिर मोहन सीधा किचन में चला गया और एकता को पीछे से पकड़कर चुदाई करने लगा और मैं उन्हे देखकर लंड हिलाने लगा। फिर जब चुदाई करके मेरे पास आने लगे तो तभी मेरे लंड से पानी निकलने लगा। ये देखकर एकता हँसकर बोली के कब तक इस बेचारे को यूं ही मसलता रहेगा। कोई लड़की पटा ले। फिर वो दोनों आकर मेरे पास बैठ गए। फिर मैं बोला के एकता इसका कुछ नाम है।

फिर मोहन एकता की तरफ देखकर बोला के बताओ इसका क्या नाम है तो एकता शर्माकर मुस्कुराने लगी। फिर मैं और मोहन दोनों एकता से लंड शब्द कहलवाने के लिए जोर देने लगे तो एकता ने फिर हँसकर बोल ही दिया के इसका नाम लंड है। फिर मोहन बोला के अब से तुम इसे लंड ही कहोगी। फिर एकता भी बोली के ओके मैं इसे लंड ही कहूँगी। फिर नाश्ते के बाद हम तीनों घर से बाहर नंगे ही आ गए। हमारे घर के नजदीक कोई घर नहीं था और हमारे घर का एरिया भी बड़ा था इस कारण हमें कोई नहीं देख सकता था।

फिर वहाँ हमें फुटबॉल दिखी तो फिर हमने फुटबॉल खेलने का प्लान बनाया। फिर मोहन ने दो पोल लगा दिए और फिर दीदी से बोले के इससे आगे फुटबॉल नहीं जानी चाहिए। तुम्हें फूटबाल इन पोल से आगे जाने से रोकना होगा। अगर फुटबॉल इन पोल से आगे चली गई तो वो एक गोल माना जाएगा और जितने गोल होंगे उतनी बार हम सेक्स करेंगे। ये सुनकर एकता हंसने लगी और तैयार हो गई। फिर मैं और मोहन फुटबॉल लेकर जैसे ही एकता के पास जाते तो एकता भी पूरी कोशिश करती के कोई गोल ना हो। लेकिन वो हमारे सामने कहाँ टिकने वाली थी। इस कारण गोल पर गोल हो रहे थे। एकता नंगी ही थी तो उसके बूब और उसकी गाँड खेलते टाइम काफी हिल रहे थे। जिन्हे देखकर हमारे लंड खड़े हो चुके थे।

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फिर कई बार खेलते खेलते एकता हमारे बीच आ जाती तो कई बार मैं और मोहन एकता को अपनी बाहों मे लेकर ऊपर उठा लेते और फिर गोल कर लेते। इस प्रकार हम काफी देर तक खेलते रहे और हमें काफी पसीना आ गया। फिर हम थक गए तो फिर हम घर के अंदर आ गए और फिर एक साथ ही शॉवर के नीचे नहाने लगे और फिर नहाने के बाद आकर बेड पर लेट गए और आराम करने लगे। दीदी बोली के आज उन्हे काफी मजा आया। फिर मैंने और जीजाजी ने कहा के हमें भी काफी मजा आया। फिर मोहन ने एकता को याद करवाया के फुटबाल खेलने से पहले उन्होंने क्या कहा था। फिर मोहन दीदी के ऊपर चढ़ गया और दीदी की चिकनी चुत में लंड डालकर करने लगा। मैं उन दोनों को देखने लगा और साथ मे अपना लंड धीरे धीरे सहलाने लगा।

मैं एक दम दीदी के पास ही लेटा था तो दीदी ने अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी। उधर दीदी की सिसकारियां पूरे कमरे में गूंज रही थी। फिर मोहन ने दीदी को घोड़ी बना लिया और फिर पीछे से करने लगा और फिर वो झड़ गया। फिर मोहन तो साइड में हो गया और दीदी मेरे ऊपर आ गई। मैं तब काफी गर्म था। मेरा लंड भी किसी लोहे की रॉड की तरह पूरा सख्त था।

फिर दीदी ने अपने हाथों से पकड़कर मेरे लंड को अपनी चुत में डाल लिया और फिर उछलने लगी। फिर मैं भी दीदी की कमर पकड़कर दीदी का साथ देने लगा और दीदी भी सिसकारियां लेने लगी। मोहन हम दोनों को देख रहा था। फिर थोड़ी देर बाद जब मैं झड़ने वाला हुआ तो फिर मैंने दीदी की गाँड को अपने दोनों हाथों से पकड़कर ऊपर कर दिया और लंड बाहर निकाल लिया और फिर झड़ने लगा। झड़ने के बाद वापिस मैंने लंड दीदी की चूत में डाल दिया। फिर दीदी मेरे ऊपर वैसे ही बैठे रही। फिर दीदी ने पूछा के अब ठीक लग रहा है क्या।

फिर मैंने हाँ में सिर हिलाया। फिर दीदी ने मेरे माथे पर किस किया और फिर वो नीचे उतरकर मोहन के साथ चिपक कर लेट गई। फिर मैं भी पीछे से जाकर दीदी से चिपक गया। फिर कुछ देर बाद दीदी ने मेरी तरफ करवट ली और फिर मेरे मुँह को अपने दोनों बोबो के बीच डाल दिया। तब मुझे काफी अच्छा लग रहा था। फिर मैं दीदी के बोबो को चूसने लगा। हमारी चुदाई देखकर मोहन का फिर से खड़ा हो गया तो फिर उसने पीछे से लंड चुत में डालकर करने लगा और आगे से मैं लगातार दीदी के बोबो को चूसे जा रहा था। फिर मोहन दीदी से लिप् किस करने लगा। फिर जब उसने दीदी के होंठ छोड़े तो फिर मैं दीदी से लिप किस करने लगा और काफी देर तक करता ही रहा। मोहन फिर पीछे से जोर जोर से धक्के लगाने लगा और फिर सारा पानी दीदी की चूत में ही छोड़ दिया। फिर मैंने भी दीदी से लिप् किस करना बंद कर दिया।

करने के बाद मोहन बोला के मजा आ गया। मोहन की बात सुनकर दीदी मुस्कुराने लगी। फिर मोहन ने एकता से कहा एक बात पुछु बुरा तो नहीं मानोगी। फिर एकता ने प्यार से कहा के पूछो। फिर मोहन ने कहा के आजकल स्वैपिंग का ट्रेंड चल रहा है। अगर मैं तुम्हे किसी दूसरे मर्द से चुदवाने के लिए कहूँ तो तुम बुरा तो नहीं मानोगी। फिर एकता हंसकर बोली के नहीं। बल्कि मैं तो उससे मजे से चुदवाऊंगी। दीदी की बात सुनकर हम सब हँसने लगे। फिर मैंने दीदी से पूछा के आपने पीछे गाँड में करवा लिया है क्या। फिर दीदी बोली के नहीं। क्यों तू करना चाहता है क्या। फिर मैं बोला के नहीं उस पर तो जीजाजी का हक है पहले।

फिर मोहन बोला के नहीं एकता जिससे करवाना चाहे पीछे से करवा सकती है तो फिर एकता ने मुझसे कहा के मै तुमसे करवाउंगी। लेकिन करवाने से पहले कुछ खा लेते है। भूख बहुत जोरो की लगी है। आज बाहर कहीं चलकर खाकर आते है। फिर जीजाजी बोले के ठीक है तो हो जाओ तैयार। फिर दीदी खड़ी होकर अलमारी से कपड़े निकालने लगी और फिर मैं उठकर अपने कमरे में जाने लगा तो दीदी बोली के कहाँ जा रहा है। तो मैं बोला के कपड़े पहनने जा रहा हूँ। फिर दीदी बोली के तुझे मोहन के शॉर्ट्स निकाल देती हूँ वो पहन लेना। फिर दीदी ने मोहन और मेरे लिए टीशर्ट और हाफ पैंट निकाल दी।

फिर मैं जाकर बेड पर लेट गया और दीदी हमारे सामने नंगी खड़ी खड़ी कपड़े निकाल रही थी। पीछे से दीदी की नंगी गाँड बहुत ही सेक्सी लग रही थी। फिर दीदी ने हमसे पूछा के मैं क्या पहनू। तो मोहन बोला के कुछ भी पहन लो जो तुम्हें अच्छा लगे। फिर दीदी ने एक शॉर्ट ड्रेस पहन ली जो की दीदी के घुटनों तक आ रही थी और नीचे ब्रा पैंटी नहीं पहनी थी। फिर हम दोनों ने भी शॉर्ट्स पहन लिए और फिर हम तीनों कार में बैठकर जाने लगे। फिर हम एक रेस्टोरेंट चले गए और जाते ही खाना ऑर्डर कर दिया। फिर कुछ देर बाद ही खाना आ गया तो हम तीनों खाने पर टूट पड़े और फिर जमकर खाया। खाने के बाद हम तीनों वहीं बैठकर बातें करने लगे।

दीदी ने ब्रा नहीं पहनी थी तो उनके बोबे थोड़े ज्यादा ही दिख रहे थे। दीदी हम दोनों के बीच मे बैठी थी। फिर मोहन ने दीदी की जांघों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और दीदी की ड्रेस को ऊपर खिसका दिया जिससे की दीदी की जांघ नंगी हो गई। मोहन की ये हरकत देखकर दीदी मुस्कुराने लगी और फिर वो भी साथ देने लगी। फिर इतने में वेटर आ गया तो भी वो दोनों लगे रहे और वेटर के सामने ही मोहन दीदी की जांघ पर हाथ फेरता रहा। फिर मैंने वेटर को बिल दिया तो फिर वो चला गया। वेटर के जाने के बाद मुझसे भी नहीं रहा गया तो फिर मैंने भी दीदी की दूसरी जांघ को सहलाना शुरू कर दिया।

फिर दीदी ने हम दोनों के हाथ पकड़ कर बोली के चलो घर चलते है। फिर हम कार में बैठकर घर जाने लगे तो दीदी और मोहन पीछे वाली सीट पर बैठ गए और दोनों लिप किस करने लगे। फिर जब हम घर पहुँचने वाले हुए तो मोहन ने दीदी की ड्रेस उतार कर दीदी को नंगी कर दिया और फिर दीदी के बदन को सहलाने लगे। फिर घर पहुंचते ही दीदी वैसे ही नंगी ही कार से उतरकर घर के अंदर चली गई और मोहन भी दीदी के साथ चले गए। फिर मैं कार खड़ी करके अंदर गया तो देखा के मोहन दीदी को घोड़ी बनाकर चोद रहा था।

फिर मैं भी नंगा हो गया और उन्हे देखने लगा। फिर मेरे मन में दीदी की गाँड मारने का ख्याल आया तो फिर मैं अपने लंड पर तेल लगाने लगा। फिर थोड़ी देर बाद मोहन झड़ गया तो फिर मैं दीदी के पीछे चला गया और दीदी की गाँड पर तेल डालकर अपना लंड दीदी की गाँड में घुसाने लगा। दीदी को दर्द हो रहा था लेकिन मैं नहीं रुका और लंड पूरा अंदर डाल दिया। जिससे दीदी चिल्लाई पर मैं लगातार करता रहा। मोहन भी दीदी की गाँड से मेरा लंड अंदर बाहर होते हुए देखना लगा और साथ में अपना लंड हिलाने लगा। फिर मैं झड़ने लगा तो मैंने सारा पानी दीदी की गाँड में छोड़ दिया।

फिर मैं साइड में हो गया तो फिर मोहन दीदी के पीछे जाकर खड़ा हो गया और दीदी की गाँड मारने लगा। वो काफी देर तक दीदी की गाँड मारता रहा। इस प्रकार कई घंटों तक हम दीदी को चोदते रहे। फिर मोहन झड़ गया तो फिर दीदी सही होकर लेट गई। दीदी अब खुश लग रही थी। फिर कुछ देर बाद जब दीदी पेशाब करने जाने लगी तो उनसे मुश्किल से चला जा रहा था और उनकी गाँड से मेरा और मोहन का पानी निकल रहा था। फिर मैं दीदी को टॉइलेट में लेकर गया और फिर वापिस लेकर आया। फिर मैंने दीदी को दो पेन किलर दे दी जिससे की दीदी का दर्द कुछ कम हो जाए। फिर हम सो गए और फिर हमें रात को ही जाग आई। फिर रात को हम घर की छत पर चले गए और फिर टहलने लगे। फिर दीदी हम दोनों के गले लगकर बोली के मुझे ऐसी ही जिंदगी चाहिए थी।

जहां सिर्फ मजे हो। फिर मैंने और मोहन ने दीदी को अपनी बाहों में ले लिया। तब दीदी का दर्द काफी कम हो चुका था। फिर दीदी हम दोनों के लंड पकड़कर सहलाने लगी थी। हमारे लंड पहले से खड़े थे। फिर मोहन नीचे लेट गया तो दीदी उसका लंड पानी चुत में लेकर बैठ गई और फिर ऊपर नीचे होने लगी। फिर मैं कुछ देर तो उन्हे देखता रहा और फिर मैं दीदी के पीछे गया और दीदी को आगे की और झुका कर दीदी की गाँड में लंड डाल दिया। फिर मैं और मोहन दीदी की चुत और गाँड मारने लगे। जिससे दीदी को इतना मजा आया के पूछो मत। दीदी जोर जोर से सिसकारियाँ लेनें लगी और खूब मजे से चुदवाने लगी।

मैं और मोहन भी दीदी की चुत और गाँड में जोर जोर से धक्के लगाने लगे। फिर हम तीनों एक साथ ही झड़ गए। फिर दीदी बोली के आज तो इतना मजा आया के पूछो मत। फिर दीदी बोली के अब से हम ऐसे ही किया करेंगे एक साथ। हमें तब रात के लगभग 2 बज चुके थे। फिर हम तीनों नीचे आकर सो गए। हम तीनों एक दूसरे से चिपक कर सोते। रात को कई बार मोहन का मूड बन जाता तो वो दीदी के ऊपर दीदी की चुदाई शुरू कर देता। अब हमारे बीच में कुछ भी छुपा हुआ नहीं था। अब हम तीनों सिर्फ दोस्त थे। दोस्ती के अलावा हमारे बीच में कोई रिश्ता नहीं था। या सच कहूँ तो अब हमारे बीच में सिर्फ चुत और लंड का ही रिश्ता था। दीदी का भी मन होता तब वो मुझसे या मोहन से चुदवा लेती। मैं और मोहन भी आपस में खुल गए थे और खूब हंसी मजाक करते थे।

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हम दोनों के दूसरे के लंड को सहलाते और जब हमारा लंड खड़ा होता तो हम एक दूसरे के लंड को लंड से लड़वाते थे। जैसे कोई दो आदमी तलवार लेकर लड़ रहे है। ये देखकर दीदी को भी काफी मजा आता और वो खूब हँसती। एकता को मैं और मोहन मिलकर दिन-रात चोदते। फिर एकता की गाँड में मुझे और मोहन को कुछ खास रुचि नहीं रही तो फिर मैं और मोहन हम दोनों के लंड दीदी की चुत में एक साथ डालकर चुदाई करते। पहले पहले तो दीदी को दर्द हुआ था लेकिन फिर उसे भी मजा आने लगा। हम दोनों के लंड एक साथ लेकर दीदी की चुत काफी चौड़ी हो गई थी। फिर तो एक लंड से दीदी को मजा ही नहीं आता था। इस प्रकार मैं लगभग दो महीने तक दीदी और मोहन के साथ रहा।

फिर एक दिन मम्मी का फोन आया तो मम्मी ने दीदी से कहा के बच्चा कर लो। फिर दीदी हँसकर बोली के अभी तो हमारे खेलने कूदने के दिन है। फिर मम्मी बोली के एक बार बच्चा हो जाए तो फिर जितना चाहे खेलना कूदना। फिर मम्मी की बात मानकर दीदी प्रेग्नेंट हो गई। फिर मैं भी वापिस चला गया और रोज रात को अपना लंड पकड़ कर दीदी को याद करके मूठ मारता। कई बार रात को दीदी और मोहन मुझसे विडिओ काल पर बात करते। वो दोनों नंगे होते और मैं तब दीदी को देखकर मूठ मार लेता। दीदी के पास से आने के बाद मेरा मन किसी भी काम में नहीं लग रहा था। घर पर पापा और मम्मी ही थे। हमारे अलग अलग शहरों में कई कारखाने थे तो पापा तो घर पर कम ही रहते थे। ज्यादातर घर पर मैं और मम्मी ही होते। मेरी मम्मी दिखने में ऐसी है।

एक रात की बात है मैं नंगा ही लेटा था और लंड सहला रहा था। फिर मुझे प्यास लगी तो मैं पानी पीने जाने लगा। फिर मैंने पहले तो कुछ पहनकर जाने का सोचा लेकिन फिर सोचा के घर पर मम्मी के सिवा कोई नहीं है और मम्मी भी अब तक सो गई होगी तो ऐसे ही चलता हूँ। फिर मैं नंगा ही अपना लंड सहलाते सहलाते किचन में गया और फ्रिज खोलकर पानी बोतल निकाली और फिर फ्रिज बंद करके पानी पीने लगा। तभी अचानक वहाँ मम्मी आ गई। किचन में अंधेरा था तो मम्मी को मैं नहीं दिखाई दिया। फिर मम्मी ने किचन की लाइट जलाई तो हम दोनों ही एक दूसरे को देखकर शॉक हो गए। क्योंकि मम्मी ने तब एक मिनी ड्रेस पहन रखी थी वो भी ट्रांसपेरेन्ट और मैं तो नंगा था ही।

साथ में मम्मी किसी से विडिओ कॉल पर बात कर रही थी और वो कोई लड़का था। मम्मी को देखकर मैंने अपना लंड अपने हाथों से छुपा लिया और फिर मम्मी ने भी वो विडिओ कॉल जल्दी से बंद कर दिया और वो लड़का मम्मी को डार्लिंग डार्लिंग कहता रह गया। मम्मी ने तब मकेअप वगैरह कर रखा था और वो बहुत सेक्सी लग रही थी। वो तब काफी घबरा गई थी। फिर मैंने हिम्मत करके मम्मी से पूछा के किससे बात कर रही थी। तो फिर मम्मी कुछ नहीं बोली और वो बुत बनकर खड़ी रही।

मम्मी मुझसे ज्यादा दूर नहीं खड़ी थी और तो मैंने एक कदम आगे बढ़ाकर मम्मी के हाथ से मम्मी का फोन ले लिया और फिर देखना लगा। तब मम्मी कोई चैट एप्प पर किसी से बात कर रही थी। मम्मी वहाँ कई लोगों से बात कर चुकी थी। मैं वहीं खड़ा खड़ा वो चैट पढ़ने लगा। तब मम्मी के चेहरे की हवाइयाँ उड़ी हुई थी। मम्मी को कुछ समझ नहीं आ रहा था के वो क्या बोले। वो तब नीची गर्दन किए खड़ी थी और मुझसे आँखें भी नहीं मिला पा रही थी। उस एप्प पर मम्मी अलग अलग ड्रेस में अपनी काफी फोटो डाल रखी थी। मम्मी भी मेरे पास खड़ी थी तो वो भी देख रही थी के मैं क्या क्या देख रहा हूँ। उनका मुँह तब देखने वाला था।

मम्मी ने तब ट्रांसपरेन्ट मिनी ड्रेस पहन रखी थी। जिसमें से मम्मी का सारा बदन दिख रहा था। लेकिन मम्मी अपने बदन को छुपाने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं कर रही थी। तब मम्मी की हालत काफी खराब थी। फिर मैंने फोन वापिस मम्मी को देने लगा तो मम्मी मुझसे सॉरी कहने लगी और माफी मांगने लगी। वो बोली के बेटा मैं आज से ये सब नहीं करूँगी। वो काफी घबरा गई थी तो उनकी आवाज भी सही ढंग से नहीं निकल पा रही थी। फिर मम्मी अपने हाथों से अपनी ड्रेस निकालने लगी और बोली के मैं आज से ऐसी ड्रेस भी नहीं पहनूँगी। फिर किसी तरह मैंने मम्मी को रोका और फिर मैंने उन्हे पानी डालकर दिया तो फिर वो एक ग्लास पूरा पानी पी गई।

फिर मैंने मम्मी को अपने गले से लगा लिया और मम्मी ने भी मुझे जोरों से पकड़ लिया। मैं मम्मी की पीठ सहलाने लगा। फिर मम्मी थोड़ी शांत हुई तो फिर उन्होंने मुझसे पूछा के तुम्हारे कपड़े कहाँ गए। फिर मैंने कहा के मुझे भी तुम्हारे जैसे मजे करने थे। लेकिन कोई थी नहीं तो बस नंगा ही लेटा था और फिर ऐसे ही पानी पीने आ गया। मम्मी को मैंने कुछ नहीं कहा क्योंकि मम्मी ने भी मुझे कुछ नहीं कहा था। मैं भी एक बार किसी लड़की से फोन पर चैट कर रहा था तो मम्मी ने मुझे पकड़ लिया था। फिर मम्मी ने चैट पढ़कर वापिस फोन मुझे दे दिया और फिर मुसकुराते हुए वहाँ से चली गई। मेरी कई गर्लफ्रेंड रह चुकी है जिनके बारे में मेरी बहन और मम्मी को सब कुछ पता है। मम्मी तब मुझसे चिपक कर खड़ी थी और मेरा लंड खड़ा था।

लेकिन फिर मैंने लंड को नहीं छुपाया। फिर मम्मी मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछने लगी तो मैंने कहा के अभी कोई नहीं है। फिर मैंने मम्मी से उनके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा तो फिर मम्मी बोली के मैं तो बस मजे के लिए उनसे बात कर रही थी। कोई बॉयफ्रेंड नहीं है। मुझे तब कुछ समझ नहीं आ रहा था के मैं क्या करूँ। मम्मी ने भी मेरा खड़ा लंड देख लिया था और मैं तो मम्मी को देख ही रहा था। आग दोनों तरफ लगी थी। अब कहाँ फर्क पड़ने वाला था के सामने वाला कौन है।

फिर मैंने फिर से मम्मी को गले लगा लिया उनकी गर्दन पर किस करने लगा। जिससे वो गरम होने लगी। फिर उन्होंने अपनी गर्दन को पीछे कर लिया। जिससे मैं उनकी पूरी गर्दन पर किस करने लगा। फिर उनके बोबो को चूसने लगा। मुझे समझ आ गया था के मम्मी मुझसे क्या चाहती है। मैं भी पूरा गरम हो चुका था। फिर मैं मम्मी की गाँड पर हाथ फेरने लगा और मम्मी भी मेरी पीठ को सहलाने लगी। फिर मैं मम्मी से लिप किस करने लगा तो फिर मम्मी भी मेरा पूरा साथ देने लगी। फिर उन्होंने के हाथ में मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी। फिर वो शुरू हो गई और मेरी छाती को चूमने लगी और फिर चूमती चूमती नीचे की और जाने लगी।

फिर वो घुटनों के बल बैठ गई और फिर मेरे लंड को एक ही बार में पूरा अंदर ले लिया और चूसने लगी। तब ऐसा लग रहा था के जैसे के कोई पोर्नस्टार मेरा लंड चूस रही हो। मम्मी के होंठों पर लगी लाल लिप्स्टिक बहुत ही सेक्सी लग रही थी। फिर मुझसे भी रहा नहीं गया तो मैंने फिर मम्मी को सामान साइड में करके मम्मी को किचन की सेल्फ पर बैठा लिया और फिर मम्मी की चिकनी चुत चाटने लगा और फिर लंड डालकर करने लगा। जिससे मम्मी को काफी मजा आने लगा और वो मजे से सिसकारियाँ लेने लगी। मैं साथ में मम्मी से लिप किस करने लगा।

इसी बीच मैंने मम्मी की मिनी ड्रेस उतार दी थी। अब मैं मम्मी बिल्कुल नंगी थी। फिर थोड़ी देर बाद जब मैं झड़ने वाला हुआ तो मैं जोर जोर से धक्के लगाने लगा और फिर सारा पानी मम्मी की चुत में ही छोड़ दिया। फिर मम्मी भी शांत हो गई। शायद वो भी झड़ चुकी थी। चुदाई के बाद उनके चेहरे पर अलग ही मुस्कान थी और उन्होंने मेरी गालों पर और माथे पर किस किया।

फिर मैंने लंड बाहर निकाल लिया और फिर हम दोनों मम्मी के कमरे में चले गए। हम जाकर बेड पर लेट गए। मैं फिर से मम्मी का फोन लेकर चैट पढ़ने लगा। जिसमें मम्मी ने काफी गंदी भाषा में चैट कर रखी थी। वो चैट पढ़कर मैं फिर से गरम होने लगा। फिर मैंने मम्मी से कहा के मैं तुम्हारे जैसे बड़ी उम्र की औरत को चोदना चाहता था। फिर ये सुनकर मम्मी बोली के मैं भी तुम जैसे जवान लड़के का लौड़ा लेना चाहती थी। ये कहकर मम्मी ने अपना एक हाथ अपने मुँह पर लगा लिया और फिर हंसने लगी। उन्होंने सोचा के वो ये क्या बोल गई।

फिर मैं मम्मी से बोला के अब छुपाने लायक कुछ नहीं रहा है। आप खुलकर कुछ भी बोल सकती हो। मैं बुरा नहीं मानूँगा। फिर मैं गरम हो गया तो फिर मैंने मम्मी को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। फिर मम्मी बहुत गंदा बोलने लगी और कहने लगी के अपने लौड़े को अंदर तक डाल दे। फिर मैं पहले तो मम्मी की चुत मार रहा था और फिर लंड गाँड में डाला तो लंड आसानी से चला गया। फिर मुझे ये समझते देर नहीं लगी के मम्मी बहुत चालू है जो गाँड भी मरवा चुकी है। लेकिन तब तो मैं कुछ नहीं बोला बस चुदाई करता रहा। फिर इस बार झड़ा तो मैंने सारा पानी गाँड में डाल दिया। फिर हम चिपक कर लेट गए।

कहानी आगे जारी रहेगी। अगले भाग में बताऊँगा के मम्मी ने कितनों से और कैसे कैसे चुदवाया था और जब मैंने मम्मी और मेरी चुदाई की बात बहन को बताई तो फिर उसने क्या कहा। आपका यह कहानी कैसी लगी कृपया कमेन्ट करके बताएं।

जीजाजी और दीदी के साथ मस्ती – 2

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