विधवा बुआ की बेटी से हुआ प्यार-2। Hot Xxx Bahan Ki Sex Prem Kahani

Hot Xxx Bahan Ki Sex Prem Kahani पढ़ें, मैं अपनी छोटी बहन से प्यार करता था। उसकी शादी भी हुई, लेकिन टूट गई। तो कैसे मैंने अपनी बहन को मेरे साथ शादी करने के लिए मनाया?

कहानी का पहला हिस्सा

विधवा बुआ की बेटी से हुआ प्यार। Desi Bahan KI Sex Prem Kahani

अब तक आपने पढ़ा था कि मैं अपनी बुआ के निधन के बाद उनकी लड़की मणि को अमेरिका लाया था। उधर अपनी प्रेमिकाओं के सामने उसे जलाने लगा। जिससे वह एक दिन परेशान होकर मेरे सामने अपना दुखड़ा रोया।

अब बहन से विवाह की कहानी:

मैंने मणि को माफी मांगी और उसे सारी बात बताई कि मैं उन लड़कियों से सेक्स करके उसे जलन महसूस कराया था।

यह भी बताया कि मैं उसके बारे में क्या सोचा था कि उसके पति ने उसके शरीर को खा लिया है। यही कारण है कि मणि में अब कुंवारी लड़कियां नहीं हैं। अब उसका शरीर किसी रंडी का शरीर से अलग नहीं है।

मैंने मणि को बताया कि मैं उससे बचपन से ही प्यार करता था।

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मेरी बातें सुनकर मंजी जोर से रोने लगी।

क्या तुम मेरे शरीर से प्यार करते थे? वह पूछा।

मैं इसका कोई जवाब नहीं दे सका।

मैं आप और मेरे पति में अब क्या फर्क रह गया?

मैंने मैनी से कहा कि मुझे माफ कर दो। तुमसे प्यार करता हूँ। मैं बहुत बड़ी गलतियाँ की हैं।

भाई, मैं एक शर्त पर माफी चाहती हूँ कि आज के बाद मुझे छोड़कर कहीं नहीं जाओगे। दूसरी लड़कियों से भी नहीं मिलेंगे!

मैंने मणि को बताया कि आज के बाद मैं आपका हूँ। मैं किसी दूसरी लड़की की तरफ भी नहीं देखूँगा। आज से तुम मेरी पूरी संपत्ति हो। आई लव यू मणि.

इसके बाद मैंने मणि को गले से कसकर लगाया।

मणि भी पूरी तरह शांत हो गई।

फिर मैं मणि से थोड़ी देर ऐसे ही गले मिले रहने के बाद कहा, “मैं तुम्हें वह खुशी नहीं दे सकती।” इसलिए तुम किसी सुंदर लड़की से शादी करो और ना ही हमारा यौन संबंध स्वीकार्य है। आखिरकार, हम भाई बहन हैं!

मैंने मणि को बताया कि अगर मैं तुमसे शादी नहीं करूँगा तो मैं तुम्हें छोड़ दूंगा। मैं अब आपसे दूर नहीं रह सकता। फिर आप भी किसी से शादी करनी पड़ेगी। अगर वह तुम्हारे पहले पति की तरह था, तो मैं तुमसे शादी करूँगा।

इतना समझने के बावजूद, मैंने मणि से कहा कि अगर वह मेरी नहीं हुई, तो मैं भी नहीं रहना चाहता।

जब मैं उठकर जाने लगा, मणि ने मेरा हाथ पकड़कर मेरे होंठों पर किस किया।

उसने कहा कि आज तुमने आत्महत्या की बात की तो मैं तुमसे कभी बात नहीं करूंगी। अब तुम्हारी जान पर मेरा अधिकार है।

मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा जब मैंने मणि से ये बात सुनी।

मैंने मणि को पकड़ा और उसके होंठों को अपने होंठों से जोड़ा।

मैं भी पूरी तरह से सहयोग कर रहा था।

मैं मणि की जीभ चूसने लगा और उसका पूरा थूक पी गया।

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फिर मुझे अलग किया और कहा, “मेरा गला सूख जाएगा।” अब बस करो।

वह एक झटके में पूरा गिलास पानी पी गई जब मैंने उसे गिलास दिया।

मैंने मणि को बताया कि मुझे भी प्यास लगी है।

तू अभी भी प्यासा है, मैं शर्माकर हंसी। मैंने पूरा गला चूस लिया!

मैंने कहा कि मुझे अभी भी प्यास लगी है।

उसकी चूचियों पर मेरा ध्यान था।

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ऐसा करते देख मणि का चहरा शर्म से लाल हो गया।

उसने कहा कि जब मैं ठीक हो जाऊँगा, तो ये सब आपका है। तुम भी बीमार हो जाओगे अगर तुम अब मेरे पास आओगे। शादी से पहले ये सब नहीं होते। तुम अब मेरे भाई हो। शादी करके पति बनने पर सब आपका होगा। कुछ दिन इंतजार करो। मैं जल्दी से ठीक हो जाऊँगा, इसलिए आपको कोई शिकायत नहीं करनी होगी।

मणि कुछ दिनों बाद पूरी तरह से स्वस्थ हो गई।

इतने दिनों में मणि ने मुझे सिर्फ किस से मिलने दिया।

अब मेरी प्यास बढ़ी।

मैंने मणि के साथ शादी करने के लिए बहुत जल्दी सब कुछ छोड़ दिया।

मणि शादी के लहंगे में बहुत सुंदर लग रही थी। आज उसके चहरे पर एक अलग ही खुशी का भाव था।

जब मैं बहन से शादी करके उसे घर ले आया, तो मणि अपनी मां को याद करके रोने लगी।

लेकिन मैं उसे अपनी गोद में लेकर सुहागरात के कमरे में ले गया और उसे पलंग पर बिठा दिया।

Mani बिल्कुल चुप थी।

उसने अपनी आंखें बंद कर लीं जब मैंने उसका घूँघट उठाया।

बाद में मैंने उसके बाल खोल दिए और उसके गहने निकाल दिए।

मणि के बाल लंबे और सुगंधित थे।

मैं अब उसके होंठ चूसने लगा।

होंठ चूसते हुए उसके सारे कपड़े बाहर निकाल दिए।

वह पूरी तरह से नंगी थी।

उसने आंखें बंद कर लीं।

मैं भी कपड़े उतार दिया।

मैंने जी भरकर उसकी जीभ और होठ चूसने के बाद उसकी चूची पर मुँह रखा।

उसकी चूचियों को चूसकर और दबाकर लाल कर दिया।

अब मैं और नीचे चला गया, उसकी नाभि पर।

वह अपनी नाभि में थूक डालकर पानी पीने लगा।

उसका शरीर नहीं चल रहा था, हालांकि उसके मुँह से आवाजें निकल रही थीं।

मैंने फिर से उसकी चूत में उंगली डाली।

उसकी चूत बहुत गीली थी।

मैंने अपनी तीन उंगलियों को उसकी चूत पर लगाया।

मेरी तीनों उंगलियां आराम से घुस गईं।

अब मैं जानता हूँ कि मणि के पति ने इसकी चूत में कुछ नहीं छोड़ा था। इसकी चूत भोसड़ा नहीं है।

जब मैं रुक गया, मणि ने आंखें खोलकर पूछा-क्या हुआ? अब मैं सिर्फ आपका हूँ, जो करना है करो।

वह समझ गई जब मैंने उसकी चूत में उंगलियां डालकर निकालीं।

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उसने कहा कि आज से मैं तुमसे प्यार करती हूँ। जो पहले हुआ, इसमें हम दोनों की कोई गलतियों का सामना नहीं है। तुम मेरी सील के अलावा जो कुछ भी कहोगे, मैं वह करूँगा। लेकिन अब मैं पहले की तरह नहीं कर सकती। मैं दूसरों की पत्नियों से प्यार करूंगी, चाहे मुझे अपनी जान देनी पड़े।

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मणि ने इतना बोलते ही रोने लगा।

मैंने उसे चुप कर दिया और उसके होंठों को चूसने लगा।

मणि इस पर मेरा पूरा साथ दे रही थी।

जब मैंने उसे अपना लंड चूसने को कहा, तो वह कुछ नहीं बोला।

मैंने लंड को चुसवाकर उसके मुँह में पानी डाला।

मैं मुँह से अपना वीर्य थूकने लगा।

पर जब मैंने उसे पीने को कहा, तो वह बिना किसी प्रश्न के सारा वीर्य पी गई।

मैं चुपचाप सब कुछ मान रही थी।

मैंने उससे अपना पेशाब पीने को कहा, ताकि मैं जान सकूँ कि वह मेरी कितनी बातें मानती है।

मैं उसके मुँह में नहीं मूता, जब वह अपना मुँह खोलकर बैठ गई।

मेरे मन में एक और विचार आया।

मणि को घोड़ी बनने को कहा।

वह एक घोड़ी बन गई।

उसकी गांड के छेद पर मेरी दृष्टि पड़ी।

उसके पति ने शायद उसकी गांड नहीं चोदी थी।

मैंने उसकी गांड में एक उंगली डाली।

उसके दर्द के बावजूद उसके मुँह से कोई आवाज नहीं निकली।

यह देखकर मुझे लगता था कि इसकी गांड नहीं चुदी है।

मैं अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगा।

उसकी गांड का छेद, जिसे मैंने उंगली निकालकर देखा, हल्का गुलाबी रंग का था और खुल बंद हो रहा था।

उसकी गांड के छेद को देखकर मुझे उसे चाटने का मन हुआ।

मणि तुरंत खड़ी हो गई जैसे ही मैंने उसके चूतड़ों को पकड़कर फैलाया।

मैंने कहा कि मैं तुम्हारी गांड चाटनी और चोदनी चाहता हूँ। घोड़ी बन जाओ।

पर मणि खड़ी रही और अपनी बड़ी आंखों से देखने लगी।

मैंने कहा कि आप सिर्फ मेरी सारी बात मानोगे। क्या हुआ?

Mani धीरे-धीरे बाथरूम में चली गई।

मैं बाहर ही उसे देखने लगा।

थोड़ी देर बाद, मणि घोड़ी की तरह मेरे पास आई और कहा, “अब जो करना है करो।”

मैंने पूछा कि इसमें क्या करने गया था।

उसने कहा कि वह अपने पीछे का हिस्सा अच्छे से साफ करके आई है। अब कोई समस्या नहीं होगी।

वह शायद डेटॉल से गांड का छेद साफ करके आई थी जब मैंने उसकी गांड को सूंघा।

मैं फिर से उसकी गांड का छेद चाटने लगा।

क्या सुंदर गांड थी।

मैंने उसकी गांड को चाटकर उसे पूरी तरह निचोड़ दिया।

मैं उसे सीधा करके उसकी चूत चाटने लगा।

उसकी चूत ढीली थी, लेकिन बहुत रसीली भी थी।

वह मुझे चूत चाटने के बाद मेरा लंड चूसने लगी।

तब मैंने उसे फिर से घोड़ी बनाया और गांड के छेद पर लंड रखकर उसे पेलने लगा।

उसकी गांड में पहले लंड नहीं घुसा था, लेकिन थोड़ी मेहनत के बाद पूरा लंड घुस गया।

वह चीखने लगी और रोने लगी।

लेकिन उसने लंड निकालने की मांग नहीं की।

मैं जोर से धक्के मारकर उसे बाहर निकालने लगा।

मैं पूरे उत्साह से उसकी गांड मारने लगा।

Mani की गांड फट गई।

इसमें से खून भी निकला।

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मैं इतनी तेजी से उसकी गांड को मार रहा था कि उसकी पाद निकलने लगी।

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मैं उस पर दया करने लगा और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया।

उसे कोई परेशानी नहीं हुई क्योंकि उसकी चूत पहले से ही खुली थी।

मैंने थोड़ी देर उसकी चूत चोदने के बाद अपना वीर्य उसकी चूत में डाल दिया।

इस बीच, उसकी चूत से पानी निकल गया।

उसकी जांघों से मेरी चूत निकलकर पलंग पर गिरी।

लंड निकालते ही मणि थक गई।

मैं उसे अपनी बांहों में लेकर उसके होंठ चूसने लगा, और हम दोनों चिपककर सो गए।

मणि सुबह मेरे साथ नहीं थी।

पलंग की चादर पर उसकी गांड का खून था। कुछ वीर्य के दाग भी देखने को मिले।

थोड़ी देर बाद, मणि मुझे चाय देकर बोली- चाय पीकर नहा लो।

लेकिन मैंने कहा, “चाय से पहले मैं तुम्हें गांड मारना चाहता हूँ!”

तो मणि ने क्रोध से पूछा: सुबह कोई ऐसा करता है? नहीं, फिलहाल नहीं। मैंने अभी पॉटी की है। मैं इसे डेटॉल से साफ करना होगा। आप बाद में करेंगे।

मैंने मणि को बताया कि तुमने वादा किया था कि तुम मेरी हर बात मानोगे।

Mani चुप रह गई। मैं अभी साफ करके आती हूं, वह कहती थी।

मैंने कहा कि नहीं, मुझे ऐसे ही चाटना चाहिए।

नहीं, मैंने कहा। आप बीमार होंगे।

मैंने कहा कि मैं बाहर की चाट लेंगे। आदमी क्या करेगा जब मेरी पत्नी ही मेरी बात नहीं मानेगी?

भूलना मत, मैंने कहा। BB से पहले, मैं तुम्हारी दीदी हूँ और तुम्हारी बहन अपने भाई की देखभाल करती है।

यदि आप मेरी परवाह करते हैं, तो मुझे गांड चाटने दो।“

तुम बहुत जिद्दी हो, मैंने कहा। चाट लो। तुम इस गंदी जगह पर मुँह मारने में क्या मज़ा आता है?

उसने इतना कहा और अपनी सलवार और पैंटी नीचे करके घोड़ी बन गई।

उसकी गांड सूजी हुई थी और काफी खून लगा हुआ था क्योंकि उसने रात भर चुदाई की थी।

उसकी गांड को सहलाते हुए मैं अपनी जीभ की नोक से चाटने लगा।

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उसने कहा, “अंदर तक चाटो!”

मैंने उसे कपड़े पहनाकर उसकी गांड में क्रीम लगाकर उससे सॉरी कहा।

वह कुछ ही दिनों में अपनी गांड को सही कर लिया।

अब मैं हर दिन उसकी गांड चाटता हूँ। वह भी मेरी हर बात मानती थी।

यह मेरी Hot Xxx Bahan Ki Sex Prem Kahani थी, दोस्तो।

कृपया अपनी प्रतिक्रिया बताएं।

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