पड़ोसन आंटी की फुट फेटिश सेक्स कहानी | Hot Desi Aunty Foot Fetish Sex Kahani

Hot Desi Aunty Foot Fetish Sex Kahani में एक कमसिन लड़के की वासना लड़कियों के पैर देखकर जागती है। उसने अपने खेल में पड़ोसन आंटी को कैसे लिप्त किया और उनके साथ सेक्स किया।

दोस्तो, मैं रैमो हूँ। मेरी उम्र 19 वर्ष है। दिल्ली में रहने वाला हूँ।
मेरे लंड चार इंच मोटे हैं और उनका साइज सात इंच है।

मैं सारा दिन घर पर अकेला रहता था क्योंकि मेरे पापा और मम्मी सुबह ही काम पर निकल जाते हैं।

Hot Desi Aunty Foot Fetish Sex Kahani सिर्फ मेरी है। औरतों के पैर मुझे बहुत पसंद हैं।
मैं आती-जाती हर औरत के पैरों को चोरी-चोरी देखता रहता था और अपने फोन पर उनकी तस्वीरें लेता रहता था।
घर पर अकेला होने के कारण मुठ मारता रहता था और औरतों के पैर देखता रहता था।

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Hot Desi Aunty Xxx Kahani

मुठ मारने से मेरा लंड बहुत मोटा और बड़ा हुआ।

मेरा लंड देखकर कोई भी महिला चुदने को तैयार हो सकती थी, लेकिन मुझे कभी किसी महिला को अपना लंड दिखाने का मौका नहीं मिला।

जब मैं अकेला रहता था, सामने वाली आंटी हर दिन मुझे दोपहर का खाना देने आती थीं और मुझे खिलाने के बाद वापस घर जाती थीं।
एक बार मैंने सोचा कि अपने लंड को आंटी को ही दिखा दूँ।
मैं अपना लंड आंटी को दिखाने के लिए एक तरकीब बनाने लगा।

मेरी आंटी सविता है। वे चालिस साल की बहुत सुंदर महिला हैं।

मैं भी घर पर अकेला हूँ। जब उनके पति काम पर चले गए, तो उनका बेटा बाहर पढ़ने के लिए अपनी दादी के पास रहने लगा।

आंटी का रंग दूध सा सफेद है और उसके चूचों का साइज चालीस इंच है।
उनके कोमल, गुलाबी होंठ फूल की तरह हैं।

मैंने सोचा कि मैं अपना लंड आंटी को दिखाऊँगा ताकि वे मेरे साथ चुदने के लिए उत्साहित हो जाएं।
मैं सारी रात सोचता रहा।

मैंने बहुत सारे विचार प्राप्त किए, जिनमें से एक को फाइनल कर लिया, और दूसरा विचार संग्रहालय में रखा गया।

मैं सिर्फ कल का इंतजार करने लगा।

मम्मी और पापा ने सुबह खाना खाकर तैयार होकर काम पर चले गए।
मैं मुठ मारने लगा और आंटी को याद कर सो गया।

दोपहर को उठा कर मैं आंटी के आने की प्रतीक्षा करने लगा।
मैं हमेशा की तरह हॉल में बैठा था।
मैं आंटी को अपना खड़ा लंड दिखाने के लिए पूरी तरह से तैयार था क्योंकि आंटी हमेशा बिना दरवाजा खटखटाए सीधे अंदर आती थीं।

मैं हॉल में आकर अपना लंड निकालकर मुठ मारने लगा जब आंटी आ गई।
ऐसा दिखाने के लिए मैंने कान में इयरफोन लगा लिए।

मैंने सोचा कि हर बार की तरह, आंटी सीधे अंदर आ गईं।
मैं जानबूझकर उन्हें अनदेखा करता रहा और मुठ मारता रहा।

तुरंत ही आंटी मेरे पास आईं और मुझे मुठ मारते देखा।
वे मुझे फोन कर रहे थे, लेकिन मैं जानबूझकर उनकी आवाज नहीं सुनता था।
जबकि सब कुछ मुझे सुनाई पड़ रहा था।

वे बार-बार बुलाती रहीं, लेकिन मैं चुपचाप रहता था।
मेरा लंड अब छूटने को था।

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आंटी ने सोचा कि मुझे इयरफोन लगा हुआ सुनाई नहीं दे रहा है।
तब आंटी ने इयरफोन मेरे पीछे से उतारे और कहा, “पीछे देखो, कौन है?”

मैं मुठ मारकर पीछे घूमा और आंटी को ड्रामा करते देख दंग हो गया।

आंटी के पैरों पर मेरे लंड से पूरा वीर्य गिर गया।
मुँह खोलकर आंटी ने देखा कि मेरा लंड बहुत बड़ा था।

आंटी के दोनों पैर वीर्य से सन गए जब मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी निकली।
“सॉरी आंटी… सॉरी.” मैंने तेजी से कहा और अपना लंड पैन्ट में डाला।

यह क्या कर रहा था, आंटी ने गुस्से में कहा..। तुमने मेरे पैर पर अपना सारा वीर्य फेंक दिया!
मैंने कहा, “सॉरी, आंटी, मैंने आपको आते हुए नहीं देखा।” और सब आप पर गिरा। माफ करना!

रुक, मैं तुम्हारे साथ क्या किया, तुम्हारे माता-पिता को बता दूंगी, आंटी ने कहा।
डर से मैं आंटी को मनाने लगा।

बहुत कठिन होने पर आंटी ने मान लिया और कहा, “अब तुम सब साफ़ करो… जो तुमने मेरे पैरों पर गिरा दिया है।”
मैंने उत्तर दिया: ठीक है।

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उसने कुर्सी पर बैठ गया।
मैंने कपड़े और पानी लेने चला गया।

जब मैं वापस आया तो मैं नीचे फर्श पर बैठ गया और आंटी से कहा, “आंटी, अपने पैर मेरी तरफ कर दो।”

जब मैंने आंटी के पैर देखा, तो मैं बेहोश हो गया।
उनके पैर बहुत खूबसूरत थे; साथ ही उनके पैरों की त्वचा बहुत नरम थी।

मैं उनके पैर धोने लगा और घूरता रहा।

तुरंत आंटी ने कहा: “घूर क्या रहा है?” मेरे पैरों को फिर से गंदे हो जाएंगे क्या?
नहीं, आंटी, मैंने अभी देखा कि आपके पैर बहुत सुंदर हैं।

ठीक है, आंटी ने कहा, तो फिर गंदा क्यों किया?
मैंने कहा, “सॉरी आंटी, मैं नहीं जानता था कि आपके पैर गंदे नहीं होते।”

फिर क्या करने लायक हैं, आंटी ने पूछा।
तुम्हारे पैर तो चाटने लायक हैं, मैंने उनकी आंखों में झांकते हुए कहा। उन्हें सारा दिन चाटने पर भी उनकी मात्रा कम होती है।
अब आंटी ने शर्माकर कहा, “जल्दी जल्दी साफ करो।” तारीफ न करें!

मैंने आंटी के पैरों को कपड़े से पौंछकर सुखाया।

उस समय मैंने आंटी की ओर देखा।
कहीं और उनका मन था। मैंने उनके पैरों पर तुरंत किस किया।

तुम अभी भी नहीं हटा, आंटी ने कहा जब वे मुझे देखा। मैं तुम्हारी माँ को बताता हूँ।
मैंने कहा, “सॉरी आंटी, फिर से मुझे माफ कर दो।”

“जल्दी से खाना खाओ और मुझे फ्री करो,” वे कहा। मैं घर वापस जाना है।

मैं चुपचाप उठकर भोजन करने लगा और आंटी को चोरी करते हुए देखता रहा।

आंटी अब चली गई।
मैं बहुत खुश था कि आंटी को लंड दिखाने में कामयाब रहा।

अगले मैंने लंड को नए तरीके से दिखाने का विचार किया।
दोपहर को मैं हॉल में बैठकर लंड निकालकर तेल लगाने लगा।

तब आंटी आई।
मैं इसी तरह मालिश करता रहा।

तू आज फिर से वही सब कर रहा है, आंटी ने गुस्से में कहा। क्या आपको शर्म नहीं आती?

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मैं झूठ बोलकर आंटी को अपना लंड दिखाते हुए कहा, “नहीं आंटी, आज मुझे यहाँ चींटी ने काट लिया।” मैं इसे तभी मसाज कर रहा हूँ। चींटी के काटने के बाद से मेरा ये उपकरण खड़ा है।

ठीक है, आंटी ने कहा। देखो, कहां काटा गया है?
मैंने आंटी को अपना लंड दिखाया।

तब मैंने उनकी वासना भरी आंखों को देखते हुए कहा—देखो..। यहाँ काटा गया है।

मेरे लिंग को आंटी देखती रह गई।
फिर वे कहा: “बेटा, तुम बहुत बड़ा हो..।” साथ ही, ये बहुत मोटा भी है!

मैंने कहा कि हर दिन मुठ मारने से इतना मोटा और बड़ा हो गया है।
आंटी ने कुछ नहीं कहा।

मैं फिर से कहा, “आंटी, आज मेरा लौड़ा बैठ ही नहीं रहा।”
अपने लौड़े की मुठ मार लो, आंटी ने नशे की आवाज में कहा।

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मैंने कहा, “कब से मार रहा हूँ?” माल ही नहीं छूटता। हाथ भी दर्द करने लगा है। आंटी, कृपया कुछ करो।
रुकिए, मैं बर्फ लेकर आती हूँ, आंटी ने कहा। वे मल करते हैं।

तब मैं आंटी से बर्फ लेकर अपने लौड़े पर मलने लगा।

मैं जानबूझकर बर्फ को अपने हाथ से छोड़ता रहा और वे मुझे उठाती रहीं।

अंततः आंटी ने कहा: “तू रुक, मैं करता हूँ..।” थक गया होगा!
मैंने कहा, हां आंटी, कृपया ऐसा करो।

बस आंटी मेरे लंड पर बर्फ मलने लगी।

मेरे मन में क्रोध फूटने लगा।
मैंने सोचा कि आज आंटी के पैरों को चोदना ही होगा।

थोड़ी देर बाद आंटी ने पूछा, “अब क्या करें, यह बैठ ही नहीं रहा?”
आंटी का लंड पकड़ने से मेरा लंड और भी तन गया।

मैंने पूछा: क्या कोई काम रह गया?
क्या? आंटी ने पूछा।
मैं आप करेंगे?
क्या? आंटी ने पूछा।

मैंने कहा कि तुम अपने थूक लगाकर देखो!
आंटी ने पूछा, “क्यों? थूक क्या करेगा?”

मैंने कहा कि बैठ जाएगा। कल मैंने आपके पैरों पर वीर्य फेंक दिया था; आज आप उसका बदला थूक लगाकर ले लो।
यह बदला लेने का अच्छा मौका है—आंटी ने हंसते हुए कहा।
मैंने कहा, हां, बदला जल्दी ले लो।

अब आंटी मेरे लंड पर थूकती रही, जिसके कारण मेरा लंड बैठने की जगह और अधिक तन गया।

लौड़े को सहलाते हुए आंटी ने कहा, “मेरे थूक से तो ये और अधिक तन गया है!”

मैंने उत्तर दिया, “हां, मैं हर दिन आपके नाम की मुठ मारता था ना..।” अब जब आपका थूक और आपके हाथ इसे पा चुके हैं, तो भोसड़ी कुछ ज्यादा अकड़ रही है।
क्या वास्तव में? आंटी ने पूछा।
मैंने कहा: हां..। मैं भी आपकी फोटो रखता हूँ। मैंने कल आपके पैरों की एक फोटो खींची थी। सारी रात उसके सामने मुठ मारता रहा।

तुम मेरे पैर इतने पसंद करते हो, आंटी ने पूछा।
मैंने हां कहा।

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अब आंटी ने हंसते हुए अपने पैरों को मेरे मुँह के पास रखा और कहा, “पसंद है तो चाटकर साबित करो?”

मैं पागल की तरह आंटी के पैर चाटने लगा।
मैं आंटी के पैरों को बहुत देर तक चाटने के बाद फुट फेटिश करने में बहुत मज़ा आया।

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हताश स्वर में आंटी ने कहा, “रुक जा..।” अब मैं अपने पैर से तुम्हारे लंड को दबाता हूँ। तुम्हारा लंड कल रात से मेरे पैरों के लिए तरसा जाएगा!
मैंने कहा, “हां, दोस्त, आंटी..।” जल्दी से करें, कृपया।

आंटी मेरे लंड पर अपने पैरों से खेलने लगी।
मैंने कहा, “रुको आंटी, मैं एक मनोहर काम करता हूँ।”

मैंने आंटी के पैरों को बेड पर बाँध दिया।
पैरों के बीच में अपना लंड फंसा कर घिसने लगा।

“वाह,” आंटी ने कहा। मेरे पैरों को तुम चोद रहे हो!
मैंने कहा, “हां, आंटी, आप मेरे लंड पर थूकते रहो।” पैर चुदवाने में आपको और भी मज़ा आएगा।
मैं आंटी के पैरों को चोदते हुए थूकती रही।

दस मिनट बाद, मैं झड़ने वाला था, इसलिए मैंने गति बढ़ा दी और अपने लंड को पैरों से निकालकर आंटी की चप्पल पर वीर्य गिरा दिया।

“मेरे पैर थूक से भर गए हैं,” आंटी ने कहा।
मैंने कहा कि जरा रुको, मैं साफ कर दूंगा।

मैंने आंटी के पैरों से पूरे थूक को चाट लिया।

तुम सिर्फ मेरा थूक चाट गया, उन्होंने कहा।
मैंने कहा, आंटी, आपका थूक और पैर बहुत मीठा है।

ठीक है, मुझे अपना मुँह देना।

जैसे ही मैं आंटी के पास आया, आंटी ने अपना पूरा थूक मेरे मुँह में डालकर मेरे होंठ जोर से चूमा।
वे कहती हैं: ले पी ले..। आप भी क्या याद करेंगे।

उनका सारा थूक मैं पी गया।

बाद में आंटी ने मुझे भोजन खिलाया और मैं फिर से उनके पैरों को चोदता रहा।

बाद में, आंटी और मैं एक दूसरे का थूक किस करते करते रात भर पीते रहे।

अब हम दोनों हर दिन ये सब करते रहेंगे।
मम्मी और पापा के जाने के बाद सुबह होते ही आंटी मेरे पास आ जातीं और हम दोनों दिन भर किस और सेक्स करते रहते।

हर दिन आंटी के पैर दो घंटे चाटता, फिर उनकी चूत चाटता और जमकर चोदता।
हम रात भर किस करते रहे, जब तक मां-बाप घर नहीं आते।

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