हाँ भाई! पेल जोर से, तेरी दीदी की चूत फाड़ दे

Didi ki chudai sex story- lund me khujli sex story: मेरा नाम मोनू है, मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ और दिल्ली में रहता हूँ, यह स्टोरी बताने में मैंने काफी देर कर दी लेकिन अब लगता है कि आपको बता ही देना चाहिए, मेरी यह स्टोरी पूरी तरह सच्ची है और पढ़ते ही समझ आ जाएगा कि सच है या झूठ। यह उन दिनों की बात है जब मैंने दसवीं क्लास के एग्जाम दे दिए थे और अब फ्री बैठा था, सुबह क्रिकेट खेलकर आता था, दोपहर में टीवी देखता था, सो जाता था, पतंग उड़ाता था और कॉमिक्स पढ़ता था, ऐसे ही मेरे दिन कट रहे थे। मैंने कभी सोचा नहीं था कि सेक्स का मजा कितना अच्छा और प्यारा होता है, एक बार लग जाए तो बस क्या कहने।

एक बार मैं छत पर पतंग उड़ा रहा था तो एक पतंग कटकर पड़ोस के घर में चली गई, वहाँ एक अंकल आंटी रहते थे और उनकी लड़की नेहा थी, मैं उसे दीदी बुलाता था क्योंकि वो मुझसे तीन चार साल बड़ी थी और मुझे राखी भी बांधती थी। पतंग कटकर उनकी छत पर गई और मैं अपनी छत से कूदकर उनकी छत पर पहुँच गया, ऊपर वाला कमरा नेहा दीदी का था, पतंग उनके कमरे के ऊपर थी, मैं वहाँ चढ़कर पतंग निकाल रहा था तो नेहा दीदी भागकर बाहर आई क्योंकि उन्हें खटपट की आवाज आई थी। उन्होंने कहा कि कौन है वहाँ, मैंने बोला दीदी मैं हूँ पतंग लेने आया था, वो बोली ठीक है, फिर मैंने कहा दीदी पानी पीना है तो वो पानी देने लगी और मैं पानी पीकर वहीं रुक गया, इंतजार करने लगा कि शायद कोई और पतंग कटकर आए और फिर घर जाऊँगा।

दीदी को लगा कि मैं चला गया हूँ तो वो चेंज कर रही थी, मैं उनके रूम पर फिर से पानी की बोतल लेने गया तो देखा कि दीदी अपनी ब्रा चेंज कर रही थी और मैंने उनके छोटे छोटे बूब्स देख लिए, वो ब्रा उतारकर बॉडी पर क्रीम लगा रही थी, क्रीम की खुशबू कमरे में फैल रही थी, उनके बूब्स पर हाथ फेरते देख मेरा लंड जीन्स में खड़ा हो गया, वो ब्रा और टॉप पहनकर तैयार हो गई और मैं चुपके से वहाँ से निकल गया। रात हुई तो मेरा दिमाग और खराब हो गया, मुझे बस नेहा दीदी के बूब्स नजर आ रहे थे, मन कर रहा था कि हाथ में लेकर मसल दूँ, अब प्लान बनाने लगा कि पतंगबाजी भाड़ में जाए, बस एक बार नेहा दीदी की चूत मिल जाए लेकिन कैसे, वो मुझे राखी बांधती थी तो सेट कैसे करूँ।

इसे भी पढ़ें  पांच औरतों ने चुदवाया हरिद्वार के धर्मशाला में – Desi Sex Stories

चार पाँच दिन मैंने मुठ मारकर काट लिए लेकिन अब दिन नहीं कट रहे थे, एक दोपहर मैंने उनके रूम पर जाने का प्लान बनाया और जाकर कहा कि दीदी पढ़ने के लिए कुछ कॉमिक्स है क्या, मैं बोर हो रहा हूँ, उन्होंने कॉमिक्स दी और मैं वहीं पढ़ने लगा, रूम में दीदी का सिंगल बेड था। थोड़ी देर बाद मैंने कहा दीदी नींद आ रही है, वो बोली इधर ही सो जा, मैं यही प्लान बनाकर आया था क्योंकि बेड सिंगल था, थोड़ी देर बाद दीदी भी सोने आ गई, वो कट आर्म्स पिंक टॉप और वाइट शॉर्ट्स में थी, उन्हें लगा मैं सो रहा हूँ लेकिन मैं मौके की तलाश में लेटा था। दस मिनट बाद लगा दीदी सो गई तो मैंने करवट बदलकर हाथ उनके ऊपर रख दिया, थोड़ी देर में दीदी मुझसे और चिपक गई, उनकी बॉडी टच हो रही थी, खुशबू से दिमाग खराब हो रहा था, मन कर रहा था अभी सब कर दूँ।

मैंने मुँह उनके पास लिया, गर्म साँसें महसूस हुई, जीभ उनके लिप्स पर लगाई, बड़े सॉफ्ट लिप्स थे, एक किस किया, फिर उंगली टॉप में डाली जहाँ बूब्स शुरू होते हैं, सॉफ्ट पार्ट था, पूरी उंगली डाल दी लेकिन ब्रा आड़े आ रही थी, मैंने ऊपर से बूब्स पकड़कर दबाने लगा, दीदी हिली तो हाथ हटा लिया और चिपककर सो गया। सुबह उठा तो दीदी भी उठने वाली थी, उन्होंने माथे पर किस किया, मुझे अच्छा लगा, मैंने गले लगा लिया और मुँह उनके बूब्स पर था, कहा दीदी मुझे भी किस करने दो, वो बोली कर ले, मैंने गालों पर किया, फिर कहा दीदी और करूँ, वो बोली करो ना, मैंने कहा लिप्स पर, वो सोचकर बोली चलो कर लो। मैंने लिप्स पर किस किया, वो रिएक्ट नहीं की, मैंने कहा दीदी मैंने इतने किए आप नहीं करती, वो बोली अच्छा करती हूँ, मैंने कहा लिप्स पर ही, उन्होंने किया और मैंने पूरा साथ दिया, जीभ अंदर डाली, वो भी चूसने लगी, साँसें तेज हो गई। वो नहाने गई, मैं लेटा रहा, नहाकर आई, गीले बाल मस्त लग रहे थे।

इसे भी पढ़ें  सहेली के बॉयफ्रेंड को अपना चोदू यार बना लिया-1

मैंने कहा दीदी एक प्रॉब्लम है, वो बोली क्या, मैंने कहा शर्म आती है, वो बोली बता ना, मैंने उंगली से लंड की तरफ इशारा किया, दीदी मुझे दर्द और खुजली होती है, वो बोली क्या बात कर रहा है, मैंने कहा प्लीज देख सकती हो, वो बोली ऐसे नहीं पता, मैंने कहा घर पर बताने में शर्म इसलिए आपको बताया, वो मुझे बाथरूम ले गई, कहा दिखाओ, मैंने जीन्स और अंडरवियर उतारकर लंड दिखाया, कहा दीदी यहाँ दर्द होता है पता नहीं क्यों, दीदी ने हाथ में लिया तो खड़ा होने लगा, मैंने कहा खुजली भी होती है, वो बोली यह होता रहता है, मैंने कहा दीदी मुझे आपका नीचे का देखना है, वो बोली पागल है क्या, मैंने कहा प्लीज दिखाओ कैसी होती है, आज तक नहीं देखा, वो मान गई, शॉर्ट्स और पेंटी उतार दी, चूत पर हल्के बाल थे, गुलाबी थी। मैंने कहा दीदी रूम में चलो यहाँ अंधेरा है, रूम में गए, मैं चूत पर हाथ फेर रहा था, उंगली अंदर डाली, दीदी की साँसें तेज हुई, सेक्स चढ़ गया था, मैंने कहा दीदी लंड में खुजली हो रही है, वो बोली दिखा ज़रा, मुँह में लेकर चूसने लगी, जीभ घुमा रही थी, मैंने बाल पकड़े, पाँच मिनट में पानी मुँह में चला गया, वो लेट गई, बोली रात को आना मजे करेंगे।

रात को पढ़ने के बहाने उनके रूम गया, वो बैठी थी, मैंने लॉक लगाया, कहा दीदी मुझे आपको पूरा नंगा देखना है, उन्होंने कपड़े उतार दिए, छोटे बूब्स खड़े थे, मैंने भी कपड़े उतारे, बूब्स से खेलने लगा, निप्पल चूसे, दीदी सिसकारी, “उफ्फ मोनू धीरे” बोली लेकिन हाथ दबा रही थी, मैंने नीचे सरका, पेट चूमा, शॉर्ट्स की इलास्टिक में उंगली डाली, दीदी ने खुद उतार दी, चूत गीली थी, मैंने जीभ लगाई, चाटने लगा, दीदी की कमर उछली, “आआह्ह.. हाँ चाट मोनू” बोली, मैंने उंगली अंदर डाली, आहट भरी। वो मेरा साथ देने लगी, बोली अपना लंड मेरी चूत में डालो, मैंने कहा दीदी कैसे, वो बोली इसमें डालो झटके दो, लेकिन डालते ही झड़ गया, दो तीन दिन ऐसे चला। फिर कहा आज पूरा करेंगे, वो खुश हो गई, मैंने नंगा किया, लंड मुँह में चूसने को कहा, वो चूसी, गले तक लिया, मैंने सिर दबाया।

इसे भी पढ़ें  नौकर के साथ नाजायज़ संबंध बना लिया

देर न करते हुए चूत में लंड डाला लेकिन नहीं घुस रहा था, दीदी बोली जोर से झटका दो अंदर जाएगा, मैंने दम लगाकर झटका दिया, छेद में गया, दीदी चिल्लाई “आआआह्ह.. दर्द हो रहा” लेकिन कमर हिला रही थी, मैंने झटके शुरू किए, चप चप आवाज आने लगी, चूत टाइट थी, गर्म थी, लंड भट्टी में लग रहा था, दीदी बोली “हाँ मोनू थोकना जोर से, तेरी दीदी की चूत फाड़ दे”, मैंने स्पीड बढ़ाई, बूब्स दबाता रहा, दीदी नाखून पीठ पर गाड़ रही थी, पसीना आ रहा था, साँसें मिल रही थीं, थप थप थप की आवाज कमरे में गूँज रही थी, दीदी की चूत से रस बह रहा था, मैंने पैर कंधे पर रखे, गहराई बढ़ी, “उउफ्फ.. आआह्ह.. हाँ ऐसे ही” दीदी चीखी, मैंने बाल खींचे हल्के, वो और जोर से हिली, आखिर में दोनों साथ झड़े, मेरा पानी चूत में गया, दीदी की टाँगें काँप रही थीं।

यही सिलसिला बारहवीं तक चला, फिर उनकी शादी हो गई, अब जब घर आती है मौका मिलता है, मैं चूत लेने नहीं चूकता, वो माल मस्त था, अब बूब्स बड़े हो गए, एक लड़की भी हो गई, रक्षाबंधन पर नहीं आती तो मैं राखी बंधवाने जाता हूँ और काम करके आता हूँ, यह मेरी पहली कहानी थी।

Leave a Comment