मेरा नाम ध्रुव है, और मेरी उम्र 22 साल है। मैं भागलपुर का रहने वाला हूँ, और मेरा लंड 7.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है। हमारे घर के सामने एक भाभी रहती थीं, जिनका नाम आशा था। उनकी उम्र 32 साल थी, लेकिन वो दिखने में 25-26 साल की जवान लड़की जैसी लगती थीं। उनकी खूबसूरती ऐसी थी कि कोई भी उन्हें देखकर पागल हो जाए। उनका फिगर 34-30-36 का था, और उनके बूब्स और गांड इतने मस्त थे कि मेरा लंड उन्हें देखते ही खड़ा हो जाता था। वो हमेशा ढीले-ढाले कपड़े पहनती थीं, जिससे उनके बूब्स का शेप साफ दिखता था। उनकी चाल, उनकी हंसी, और वो नशीली आंखें—सब कुछ ऐसा था कि मैं दिन-रात उनके बारे में सोचता रहता था। उनके नाम की मुठ मारना मेरी रोज की आदत बन गई थी।
आशा भाभी के पति ज्यादातर समय नौकरी के सिलसिले में बाहर रहते थे। वो 6 महीने में बस एक हफ्ते के लिए घर आते और फिर चले जाते। इस वजह से भाभी को कोई काम हो या कहीं जाना हो, वो मुझसे ही मदद मांगती थीं। मैं भी उनके हर काम में तुरंत हां कर देता था, क्योंकि ये मेरे लिए उनके करीब आने का मौका था। एक दिन, भैया के जाने के बाद, भाभी हमारे घर आईं और मम्मी से बोलीं, “मुझे रात को अकेले सोने में बहुत डर लगता है। क्या आप ध्रुव को मेरे घर रात को सोने के लिए भेज सकती हैं?” मम्मी ने तुरंत हां कर दी और मुझसे कहा कि मैं रात को भाभी के घर चला जाऊं। ये सुनकर मेरे दिल में लड्डू फूटने लगे। मैंने सोचा, आज शायद वो मौका मिलेगा, जिसका मैं इतने दिनों से इंतजार कर रहा था। मैंने तुरंत हां कर दी और मन ही मन खुशी से पागल हो गया।
रात को खाना खाने के बाद मैं भाभी के घर पहुंचा। मैंने दरवाजा खटखटाया, और भाभी ने दरवाजा खोला। उन्हें देखकर मैं एकदम हैरान रह गया। वो काले रंग की ट्रांसपेरेंट नाइटी में थीं, जिसमें से उनका गोरा बदन चमक रहा था। उनके बूब्स नाइटी के ऊपर से बाहर आने को तड़प रहे थे। उनकी नाइटी इतनी पतली थी कि उनके निपल्स का उभार साफ दिख रहा था। मैं तो बस उन्हें देखता ही रह गया। तभी भाभी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और हंसते हुए बोलीं, “क्या हुआ, ध्रुव? किस दुनिया में खो गए? चलो, अंदर आ जाओ, सब कुछ देख लेना!” उनकी इस बात में एक नशीली चालाकी थी, जिससे मेरा दिल और तेजी से धड़कने लगा। मैं उनके पीछे-पीछे अंदर चला गया, और मन ही मन सोचने लगा कि आज रात कुछ तो खास होने वाला है।
हम दोनों ड्रॉइंग रूम में बैठे और टीवी ऑन किया। भाभी को सीरियल बहुत पसंद थे। उन्होंने कहा, “तुझे जो देखना हो, वो लगा ले। मैं तो बस सीरियल्स देखती हूं, वरना तू बोर हो जाएगा। ये ले रिमोट!” मैंने उनके हाथ से रिमोट लिया, और उनका कोमल हाथ छूते ही मेरे बदन में एक करंट सा दौड़ गया। मैंने चैनल बदलते हुए एक मूवी लगाई, जिसमें तभी एक हॉट किसिंग सीन आ गया। मेरे हाथ से रिमोट नीचे गिर गया, और मैं घबरा गया। भाभी ने मेरी तरफ देखा और एक सेक्सी स्माइल दी। बोलीं, “क्या हुआ, ध्रुव? इतना शरमा क्यों रहा है?” उनकी आंखों में शरारत थी, और मुझे लग रहा था कि वो मुझसे कुछ चाहती हैं। मैंने हड़बड़ाते हुए कहा, “नहीं भाभी, आप सीरियल देखो, मैं अपने मोबाइल पर गाने सुनता हूं।” वो बोलीं, “अरे, यहीं बैठकर सुनो ना।” उस वक्त रात के 11:30 बज चुके थे।
तभी भाभी ने कहा, “तुझे कुछ देखना हो तो रिमोट ले ले, वरना टीवी बंद करके सो जाते हैं।” मैंने कहा, “ठीक है, भाभी।” वो उठकर बाथरूम चली गईं। जब वो वापस आईं, तो मैं उन्हें देखकर दंग रह गया। उनकी काली नाइटी में उनका गोरा बदन और भी सेक्सी लग रहा था। नाइटी उनके बदन से चिपकी हुई थी, और उनके बूब्स का हर कर्व साफ दिख रहा था। वो बोलीं, “तुझे फ्रेश होना है तो हो जा।” मैंने कहा, “मैं फ्रेश हूं, भाभी।” ये सुनकर उन्होंने फिर से एक शरारती स्माइल दी और बोलीं, “चलो, फिर सो जाते हैं।”
हम दोनों एक ही बिस्तर पर लेट गए। मुझे नींद कहां आने वाली थी? मैं चुपके-चुपके भाभी को देख रहा था। उनकी सांसें तेज थीं, और मुझे लग रहा था कि वो भी जाग रही हैं। मैंने हिम्मत करके पूछा, “भाभी, आप क्यों जाग रही हैं?” वो मेरी तरफ मुंह करके लेट गईं और बोलीं, “तू क्यों जाग रहा है?” इतना कहकर वो मुझसे एकदम चिपक गईं। उनकी गरम सांसें मेरे चेहरे पर टकरा रही थीं। वो बोलीं, “मुझे बहुत डर लग रहा है, ध्रुव।” मैंने मौका देखकर उन्हें अपनी बाहों में ले लिया और कहा, “मैं हूं ना, भाभी। आपको कुछ नहीं होने दूंगा।” ये सुनते ही भाभी ने मेरे गाल पर एक हल्का सा किस किया और बोलीं, “तू मेरा कितना ख्याल रखता है।” मेरे पूरे शरीर में जैसे बिजली दौड़ गई, और मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया।
मैंने भी हिम्मत करके उनके माथे पर किस किया और कहा, “अब सो जाओ, भाभी।” वो बोलीं, “नहीं, थोड़ी देर बात करते हैं।” फिर वो मुझसे पूछने लगीं, “तू बता, तेरी कितनी गर्लफ्रेंड हैं? और कुछ किया कभी?” मैंने शर्माते हुए कहा, “नहीं, भाभी, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, और मैंने कभी कुछ नहीं किया।” ये सुनकर वो और करीब आ गईं। उनका बदन मेरे बदन से सट रहा था, और उन्होंने मेरे लंड पर हल्के से हाथ रख दिया। बोलीं, “ध्रुव, मैं तुझे बहुत प्यार करना चाहती हूं। क्या तू भी मुझे प्यार करेगा?” मैं कुछ बोल नहीं पाया, बस उनके होंठों पर किस कर दिया। भाभी ने मेरे चेहरे को पकड़ा और एक गहरी फ्रेंच किस शुरू कर दी। उनकी जीभ मेरे मुंह में थी, और हम दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे।
करीब 30 मिनट तक हम दोनों बस चूमते रहे। मैंने उनके गाल, गर्दन, और कानों को चूमा। उनकी सांसें तेज हो रही थीं, और वो हल्के-हल्के सिसकारियां ले रही थीं, “उम्म… ध्रुव… और करो…” मैंने कहा, “भाभी, आप बहुत हॉट हैं।” वो मेरे कपड़े खोलने लगीं, और मैंने उनकी नाइटी के ऊपर से उनके बूब्स को दबाना शुरू किया। उनकी नाइटी इतनी पतली थी कि उनके निपल्स मेरे हाथों में सख्त महसूस हो रहे थे। मैंने उनकी नाइटी को धीरे-धीरे ऊपर उठाया और उनके गोरे, मुलायम बूब्स को देखकर पागल हो गया। मैंने उनके निपल्स को मुंह में लिया और चूसने लगा। भाभी की सिसकारियां तेज हो गईं, “आह्ह… ध्रुव… और चूसो… ओह्ह…”
मैंने उन्हें 69 की पोजीशन में लिया। उनकी चूत पूरी तरह शेव थी, जैसे उन्होंने पहले से ही सब प्लान किया हो। मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू किया। उसका स्वाद नमकीन और नशीला था। मेरी जीभ उनकी चूत के अंदर-बाहर जा रही थी, और वो “आह्ह… ओह्ह… ध्रुव… और करो…” कहकर सिसकार रही थीं। उधर, भाभी मेरे 7.5 इंच के लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थीं। वो मेरे लंड को मुंह में गहरे तक ले रही थीं, और उनकी जीभ मेरे लंड के टॉप पर गोल-गोल घूम रही थी। करीब 25 मिनट तक ये चला। भाभी बोलीं, “चूसो, ध्रुव… और जोर से चूसो… मेरा पानी पी जाओ…” और वो झड़ गईं। उनका गर्म पानी मेरे मुंह में आ गया, और मैंने उसे पूरा चाट लिया।
लेकिन भाभी का जोश कम नहीं हुआ। वो फिर से मेरे लंड को चूसने लगीं। मैं भी उनकी चूत को चाट रहा था। दस मिनट बाद मैंने कहा, “भाभी, मैं झड़ने वाला हूं।” वो और तेजी से मेरे लंड को चूसने लगीं और बोलीं, “मेरे मुंह में डाल दे, ध्रुव…” मैंने उनके मुंह में अपना सारा वीर्य छोड़ दिया, और वो उसे पूरा निगल गईं। फिर वो बोलीं, “ध्रुव, तूने मुझे आज बहुत मजा दिया।” वो फिर से मेरे लंड को चूसने लगीं, और दस मिनट बाद मेरा लंड फिर से तनकर खड़ा हो गया।
मैंने उनकी नाइटी पूरी तरह उतार दी। उनका नंगा बदन देखकर मेरा मन कर रहा था कि मैं उन्हें अभी खा जाऊं। मैं उनके पूरे बदन को चूमने लगा—उनके बूब्स, पेट, जांघें, सब कुछ। मैंने उनके बूब्स को जोर-जोर से दबाया और उनके निपल्स को काटा। भाभी चिल्ला रही थीं, “आह्ह… ध्रुव… और जोर से… ओह्ह…” मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ना शुरू किया। वो बोलीं, “अब और तड़पा मत, ध्रुव… अपनी भाभी को चोद दे… मेरी चूत इतने सालों से प्यासी है… डाल दे इसे अंदर…” मैंने उनका इशारा समझा और अपना लंड उनकी चूत पर रखा। मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा 2 इंच लंड उनकी चूत में चला गया। भाभी चिल्ला उठीं, “आह्ह… धीरे, ध्रुव… दर्द हो रहा है…”
मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और एक और जोरदार धक्का मारा। इस बार मेरा पूरा 7.5 इंच का लंड उनकी चूत में समा गया। भाभी दर्द से कराह उठीं, “उफ्फ… ध्रुव… तेरा लंड बहुत बड़ा है…” वो मेरे होंठों को चूसने लगीं, और मैं उनके बूब्स को दबाते हुए धक्के मारने लगा। “फच… फच…” की आवाज कमरे में गूंज रही थी। भाभी की चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड हर धक्के में और सख्त हो रहा था। कुछ देर बाद उनका दर्द कम हुआ, और वो अपनी गांड उछाल-उछालकर मेरा साथ देने लगीं। वो चिल्ला रही थीं, “आह्ह… चोद, ध्रुव… और जोर से चोद… मेरी चूत फाड़ दे…”
करीब 15 मिनट तक मैंने उन्हें उसी पोजीशन में चोदा। फिर भाभी मेरे ऊपर आ गईं। उन्होंने मेरा लंड अपनी चूत पर सेट किया और धीरे-धीरे नीचे बैठ गईं। “आह्ह…” उनकी सिसकारी निकली, और मेरा लंड उनकी चूत में फिसलता चला गया। वो मेरे लंड पर ऊपर-नीचे होने लगीं, और मैं नीचे से जोर-जोर से धक्के मारने लगा। “फच… फच… फच…” की आवाज के साथ कमरा गूंज रहा था। भाभी की सिसकारियां तेज हो गईं, “ओह्ह… ध्रुव… मैं झड़ रही हूं… आह्ह… और जोर से…” वो झड़ गईं, और उनकी चूत से गर्म पानी मेरे लंड पर बहने लगा।
मैंने उन्हें नीचे लिटाया और फिर से उनके ऊपर चढ़ गया। मैं जोर-जोर से धक्के मारने लगा। भाभी चिल्ला रही थीं, “चोद, ध्रुव… और जोर से… मेरी चूत को फाड़ दे… आह्ह… उफ्फ…” करीब 20 मिनट बाद मैंने कहा, “भाभी, मैं झड़ने वाला हूं।” वो बोलीं, “मेरे मुंह में डाल दे, ध्रुव…” मैंने उनके मुंह में अपना सारा वीर्य छोड़ दिया, और वो उसे चाट गईं। हम दोनों थककर लेट गए, लेकिन भाभी का जोश अभी खत्म नहीं हुआ था।
थोड़ी देर बाद वो बोलीं, “ध्रुव, इस बार मेरी गांड मार…” मैंने उनकी गांड पर ढेर सारा तेल लगाया। उनकी गांड इतनी टाइट थी कि मेरा लंड बार-बार फिसल रहा था। मैंने उनकी कमर पकड़ी और धीरे-धीरे लंड को उनकी गांड में डाला। भाभी चिल्ला उठीं, “आह्ह… धीरे, ध्रुव… बहुत दर्द हो रहा है…” मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। “फच… फच…” की आवाज के साथ मैं उनकी गांड मार रहा था। भाभी की सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं, “आह्ह… और जोर से… मेरी गांड फाड़ दे…” करीब 15 मिनट बाद मैं उनकी गांड में झड़ गया। मैं उनके बूब्स चूसते हुए लेट गया, और हम दोनों थककर एक-दूसरे से लिपट गए।
अगले दिन हमने चार बार और चुदाई की। हर बार भाभी और मैं एक-दूसरे को नए-नए तरीकों से संतुष्ट करते रहे। ये रात मेरी जिंदगी की सबसे हसीन रात थी।
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आखिर पड़ोसी ही पड़ोसी के काम आता है। बहुत अच्छी कहानी