दोनों बहनों को रात भर चोदा अंकल ने

Dono Behno ko uncle ne choda sex story: मेरा नाम राखी है, 22 साल की हूँ, और मेरी छोटी बहन दीप्ति 21 की है। मैं गोरी, लंबे काले बालों वाली, भरी हुई चूचियां (34C), पतली कमर और चिकनी टांगों वाली लड़की हूँ। लोग कहते हैं मेरी आँखें ऐसी हैं कि किसी को भी बेकरार कर दें। दीप्ति थोड़ी गोल-मटोल है, दूध-सी गोरी, और उसकी भारी गांड चलते वक्त ऐसी ठुमकती है कि कोई भी पलटकर देख ले। उसका चेहरा गोल, होंठ गुलाबी, और मुस्कान में शरारत भरी है। हम दोनों बहनें कॉलेज में पढ़ती हैं, लेकिन जवानी की इस उम्र में हमारी जिस्म की आग भी कम नहीं। आज मैं आपको अपनी और दीप्ति की एक ऐसी रात की कहानी सुनाने जा रही हूँ, जिसने हमारी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया।

हमारे पड़ोस में राजेश अंकल रहते हैं। उम्र 35 साल, लंबे-गठीले, छाती पर हल्के-हल्के बाल, और चेहरे पर ऐसी मुस्कान जो बड़ों को भरोसा और जवानों को बेचैनी दे दे। वो पापा के पुराने दोस्त हैं, और मम्मी को भी बहुत पसंद हैं। मम्मी हमेशा कहती हैं, “राजेश जैसा इंसान मिलना मुश्किल है – भरोसेमंद, हंसमुख, और हर वक्त मदद को तैयार।” लेकिन उस रात हमें पता चला कि ऐसा भरोसेमंद इंसान जवानी की आग में कितना जंगली हो सकता है। उनकी पत्नी शालिनी आंटी, 30 साल की, स्लिम और इतनी हॉट कि देखकर लगता है अभी-अभी शादी हुई हो। उनकी शादी को दो साल ही हुए हैं, और अभी बच्चा नहीं है, तो वो हमेशा नई दुल्हन सी लगती हैं। मैं कई बार सोचती थी कि उन्हें आंटी की जगह भाभी कहूँ, लेकिन पुराना रिश्ता होने की वजह से हम अंकल-आंटी ही बुलाते थे।

बात उस दिन की है जब शाम 6 बजे नानी के घर से फोन आया कि उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई है। मम्मी-पापा बिना देर किए उनके लिए निकल गए। हम दोनों बहनें घर पर अकेली थीं। मम्मी ने सख्ती से कहा, “राखी, दीप्ति, तुम दोनों आज रात अकेले मत रहना। राजेश अंकल के घर चली जाओ। वो और शालिनी तुम्हारा ख्याल रखेंगे।” हमने हामी भरी। वैसे भी, अंकल का घर हमारे लिए दूसरा घर जैसा था। मैंने एक टाइट ब्लैक टी-शर्ट और नीली स्कर्ट पहनी, जिसमें मेरी टांगें और कर्व्स साफ दिख रहे थे। दीप्ति ने पिंक टी-शर्ट और ब्लैक लेगिंग्स पहनी थी, जो उसकी भारी गांड को और उभार रही थी।

शाम 8 बजे हम अंकल के घर पहुँचे। शालिनी आंटी ने हमें गले लगाया। उनकी लाल साड़ी में वो इतनी हॉट लग रही थीं कि मैंने दीप्ति को कोहनी मारी और इशारे में कहा, “देख, कितनी सेक्सी हैं।” आंटी ने हँसकर हमें खाना परोसा। अंकल अपनी वही चिर-परिचित मुस्कान के साथ बोले, “आओ बेटा, अपना घर समझो।” हमने खाना खाया, थोड़ी देर गप्पें मारीं। अंकल ने अपनी व्हाइट शर्ट और ब्लैक पैंट में इतने हैंडसम लग रहे थे कि मैं बार-बार उनकी तरफ देख रही थी। लेकिन तभी आंटी का फोन बजा। उनकी मल्टीनेशनल कंपनी से कॉल था कि रात को यूएसए के क्लाइंट्स के साथ जरूरी मीटिंग है। आंटी ने थोड़ा मुँह बनाया, लेकिन फिर लाल साड़ी में तैयार होकर 9 बजे ऑफिस के लिए निकल गईं। अब घर में सिर्फ मैं, दीप्ति और अंकल थे।

खाना खाने के बाद हम तीनों ड्राइंग रूम में बैठे। दीप्ति को जल्दी नींद आ गई, शायद कॉलेज की थकान थी। वो उस कमरे में चली गई जो अंकल ने हमें सोने के लिए दिया था। मैं और अंकल नेटफ्लिक्स पर एक सीरीज देखने लगे। सीरीज में कुछ हॉट सीन आ रहे थे – एक लड़की अपने बॉयफ्रेंड के साथ बेड पर थी, और उनके कपड़े धीरे-धीरे उतर रहे थे। माहौल में गर्मी घुलने लगी। मैंने नोटिस किया कि अंकल बार-बार मेरी तरफ देख रहे थे। उनकी नजर मेरे टाइट ब्लैक टी-शर्ट पर थी, जिसमें मेरी चूचियां साफ उभरी हुई थीं। मेरे गुलाबी निप्पल्स टी-शर्ट के ऊपर से हल्के-हल्के दिख रहे थे। मैंने जानबूझकर अपनी नीली स्कर्ट को थोड़ा ऊपर खिसकाया, ताकि मेरी गोरी जांघें दिखें। सच कहूँ, मुझे वो हल्का-सा नशा अच्छा लग रहा था।

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रात के 11 बजे अंकल ने पूछा, “राखी, बियर पीती हो?” मैंने हँसते हुए कहा, “नहीं अंकल, बस एक बार दोस्त की बर्थडे पार्टी में ट्राई की थी।” उन्होंने अपनी भारी आवाज में कहा, “तो फिर व्हिस्की पी लो, मजा आएगा।” मैं चुप रही, लेकिन मेरी चुप्पी में हाँ थी। मैंने पहले भी दोस्तों के साथ ड्रिंक की थी, और वो हल्का-सा नशा, वो बेफिक्री मुझे बहुत पसंद थी। अंकल ने दो ग्लास में व्हिस्की डाली, बर्फ डाली, और हम दोनों ने पीना शुरू किया। व्हिस्की की गर्मी मेरे गले से उतरकर मेरे जिस्म में फैलने लगी। अंकल मेरे और करीब आ गए। उनकी बातों में अब वो भारीपन था, जो मर्दों की आवाज में तब आता है जब वो किसी लड़की को चाहने लगते हैं।

“राखी, तुम बहुत खूबसूरत हो,” अंकल ने धीमी आवाज में कहा, उनका हाथ मेरी जांघ पर रखा हुआ था। मैंने शरमाते हुए कहा, “अंकल, आप भी तो कम नहीं।” उनकी उंगलियाँ मेरी स्कर्ट के नीचे फिसल रही थीं, और मेरी साँसें तेज हो रही थीं। अचानक उन्होंने पूछा, “राखी, क्या तुम आज मेरे साथ सो सकती हो?” मैं चौंकी, लेकिन व्हिस्की का नशा और उनकी गर्म नजरें मुझे पिघला रही थीं। मैंने धीरे से कहा, “सोने का मतलब?” वो हँसे और बोले, “बस, एक-दूसरे के करीब… थोड़ा प्यार, थोड़ा मजा।” मेरे दिल में पहले से ही अंकल के लिए कुछ-कुछ था। मैंने हल्का-सा सिर हिलाया।

अंकल ने मुझे अपनी मजबूत बाहों में खींच लिया। उनकी साँसें मेरे गालों को छू रही थीं। उन्होंने मेरे होंठों को चूमना शुरू किया। उनकी जीभ मेरे गुलाबी होंठों से खेल रही थी, और मैं भी उनके होंठों को चूसने लगी। “उम्म… अंकल…” मैंने सिसकारी ली। उनकी उंगलियाँ मेरे लंबे बालों में उलझीं, फिर मेरी गर्दन पर फिसलने लगीं। मैंने धीरे-धीरे अपनी ब्लैक टी-शर्ट उतारी। मेरी काली ब्रा में कैद चूचियां उनके सामने थीं, मेरे गुलाबी निप्पल्स ब्रा के ऊपर से हल्के-हल्के दिख रहे थे। अंकल ने अपनी व्हाइट शर्ट उतारी, और उनका नंगा सीना देखकर मेरी साँसें रुक गईं। उनकी छाती पर हल्के-हल्के काले बाल थे, और उनकी मांसपेशियाँ ऐसी थीं कि किसी को भी ललचा दें।

“राखी, तेरी चूचियां कितनी मस्त हैं,” अंकल ने कहा और मेरी ब्रा के ऊपर से उन्हें सहलाने लगे। उनकी उंगलियाँ मेरे निप्पल्स को रगड़ रही थीं, और मैं सिसकार उठी, “आह्ह… अंकल… और करो…” मैंने उनकी ब्लैक पैंट का बटन खोला। उनका 7 इंच का मोटा लंड बाहर आया, जिसका सुपारा गुलाबी और चमकदार था। मैंने उसे हाथ में लिया, उसकी गर्मी ने मेरी चूत में आग लगा दी। “अंकल, ये तो बहुत बड़ा है,” मैंने शरारत से कहा। वो हँसे और बोले, “ये तेरी चूत के लिए ही बना है, राखी।”

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उन्होंने मुझे सोफे पर लिटाया और मेरी नीली स्कर्ट उतार दी। मेरी काली पैंटी पहले से ही गीली थी। अंकल ने पैंटी के ऊपर से मेरी चूत को सहलाया, और मैं चिल्ला उठी, “आह्ह… अंकल… छूओ ना…” उन्होंने मेरी पैंटी धीरे-धीरे नीचे खिसकाई। मेरी चिकनी चूत, जिसका दाना गुलाबी और उभरा हुआ था, उनके सामने थी। “क्या मस्त बुर है तेरी, राखी,” अंकल ने कहा और अपनी जीभ मेरी चूत पर फेर दी। वो मेरे दाने को चूस रहे थे, उनकी जीभ मेरी चूत के अंदर तक जा रही थी। “उम्म… आह्ह… अंकल… और चूसो… ओह्ह…” मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। उनकी उंगलियाँ मेरी चूत के होंठों को खोल रही थीं, और मैं पागल हो रही थी।

करीब 15 मिनट तक वो मेरी चूत चाटते रहे। फिर उन्होंने अपना लंड मेरी चूत के मुँह पर रखा। “राखी, तैयार हो?” मैंने नशे में डूबी आवाज में कहा, “हाँ अंकल, डाल दो… मेरी चूत तुम्हारी है।” उन्होंने धीरे से लंड अंदर धकेला। उनका मोटा लंड मेरी टाइट चूत में फंस रहा था। “आह्ह… अंकल… दर्द हो रहा है…” मैंने कराहा। वो रुके, मेरी चूचियों को दबाया, मेरे गुलाबी निप्पल्स को चूसा, और फिर धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगे। “थप… थप… थप…” की आवाज कमरे में गूँजने लगी। मैं चिल्ला रही थी, “आह्ह… और जोर से… चोदो मुझे अंकल… मेरी चूत फाड़ दो…”

उन्होंने मुझे कुतिया की तरह घुमाया और पीछे से मेरी चूत में लंड पेल दिया। “राखी, तेरी गांड कितनी रसीली है,” वो बोले और मेरी गांड पर एक चपत लगाई। “आह्ह… हाँ अंकल… मारो… और चोदो…” मैं पागल हो रही थी। उनकी हर धक्के के साथ मेरी चूचियां हिल रही थीं। फिर उन्होंने मुझे अपनी गोद में बिठाया, मेरा चेहरा उनकी तरफ था। मैं उनके लंड पर उछल रही थी, और वो मेरी चूचियों को मसल रहे थे। “आह्ह… राखी, तेरी चूत कितनी टाइट है… उफ्फ…” अंकल कराह रहे थे। करीब 25 मिनट तक वो मुझे अलग-अलग पोज में चोदते रहे – कभी मेरी टांगें कंधे पर रखकर, कभी मुझे दीवार के सहारे खड़ा करके। आखिरकार, मैं झड़ गई, मेरी चूत से पानी बहने लगा। अंकल भी झड़ने वाले थे। “राखी, कहाँ निकालूँ?” मैंने कहा, “मेरे मुँह में…” उन्होंने अपना लंड मेरे मुँह में डाला, और गर्म-गर्म माल मेरे गले में उतर गया।

हम दोनों निढाल होकर सोफे पर गिर पड़े। थोड़ी देर बाद अंकल बाथरूम गए। मैं भी पीछे-पीछे गई, ये देखने कि वो कहाँ हैं। लेकिन जो मैंने देखा, उसने मुझे हैरान कर दिया। दीप्ति उस कमरे में सो रही थी, लेकिन उसकी हालत देखकर लग रहा था कि वो कोई गर्म सपना देख रही थी। उसकी पिंक टी-शर्ट ऊपर थी, उसकी 36D चूचियां बाहर निकली हुई थीं, जिनके गुलाबी निप्पल्स सख्त हो चुके थे। उसकी ब्लैक लेगिंग्स नीचे खिसकी थी, और पैंटी का नाड़ा खुला हुआ था। पास में उसका मोबाइल पड़ा था, जिसमें कोई सेक्स कहानी खुली थी।

अंकल ने ये देखा और खुद को रोक नहीं पाए। वो दीप्ति के बगल में लेट गए और उसकी चूचियों को धीरे-धीरे सहलाने लगे। मैं चुपके से देख रही थी। अंकल ने दीप्ति की पैंटी नीचे खिसकाई और उसकी चूत पर उंगलियाँ फिराने लगे। दीप्ति की चूत गुलाबी और हल्की गीली थी। “उम्म…” दीप्ति नींद में सिसकारी, लेकिन आँखें नहीं खोलीं। अंकल ने अपना लंड निकाला और दीप्ति की चूत के छेद पर रगड़ने लगे, उसका गुलाबी सुपारा दीप्ति की चूत को छू रहा था। तभी दीप्ति की आँखें खुल गईं।

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“अंकल, ये क्या कर रहे हो?” दीप्ति घबराकर बोली। अंकल ने शांत स्वर में कहा, “दीप्ति, मुझे पता है तू सेक्स कहानियाँ पढ़ती है। तेरी चूचियां बाहर थीं, तेरा नाड़ा खुला था। मैं खुद को रोक नहीं पाया।” मैं अंदर आई और हँसते हुए बोली, “दीप्ति, अंकल ने मुझे अभी चोदा है, और इतना मजा आया कि तू भी ट्राई कर।” दीप्ति पहले तो झिझकी, लेकिन फिर शरारत से बोली, “राखी, तू अपने कमरे में जा। अब मेरी बारी है।”

मैं बाहर चली गई, लेकिन थोड़ी देर बाद दीप्ति की सिसकारियाँ सुनाई दीं। “आह्ह… अंकल… और जोर से… मेरी चूत फाड़ दो…” मैं चुपके से कमरे के पास गई। दीप्ति कुतिया बनकर चुदवा रही थी। उसकी भारी गांड हवा में थी, और अंकल पीछे से जोर-जोर से धक्के मार रहे थे। “थप… थप… थप…” की आवाज कमरे में गूँज रही थी। “अंकल, मेरी चूचियां मसलो… मेरी गांड में उंगली डालो…” दीप्ति चिल्ला रही थी। अंकल ने उसकी एक चूची को जोर से दबाया और दूसरी उंगली उसकी गांड में डाल दी। दीप्ति की सिसकारियाँ और तेज हो गईं, “आह्ह… ओह्ह… और जोर से… मेरी बुर को चोद डालो…”

अंकल ने दीप्ति को बेड पर लिटाया और उसकी टांगें अपने कंधों पर रखीं। उनका लंड दीप्ति की चूत में गहराई तक जा रहा था। दीप्ति अपनी गांड उछाल-उछालकर चुदवा रही थी, उसकी भारी गांड हर धक्के के साथ थरथरा रही थी। “उम्म… अंकल… तेरा लंड मेरी चूत को फाड़ रहा है… और पेलो…” दीप्ति की आवाज में मस्ती थी। अंकल ने उसे गोद में बिठाया, और दीप्ति उनके लंड पर नाच रही थी। करीब 30 मिनट तक वो दीप्ति को अलग-अलग पोज में चोदते रहे – कभी कुतिया बनाकर, कभी खड़े-खड़े। आखिरकार, दीप्ति झड़ गई, उसकी चूत से पानी बह रहा था। अंकल ने अपना माल उसकी चूचियों पर निकाल दिया, जो उसके गुलाबी निप्पल्स पर चमक रहा था।

रात के 2 बजे थे। हम दोनों बहनें एक ही कमरे में आ गईं। अंकल बीच में लेटे, और हम दोनों उनकी बगल में। पूरी रात वो कभी मेरी चूचियां दबाते, कभी दीप्ति की गांड सहलाते। “आह्ह… अंकल…” हम दोनों सिसकारते रहे। उनकी उंगलियाँ कभी मेरी चूत में, कभी दीप्ति की गांड में थीं। सुबह तक हमारी चूत और गांड में उनकी उंगलियों का जादू चलता रहा। अब जब भी मौका मिलता है, हम दोनों अंकल के पास चली जाती हैं। उनकी चुदाई की आग हमारी जिस्म की गर्मी को शांत करती है।

आपको हमारी कहानी कैसी लगी? क्या आप भी ऐसी चुदाई का मजा लेना चाहेंगे?

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