दीदी की मलाईदार चुत में ऑन्टी का लन्ड

दोस्तों मेरा नाम संजू है। मैं जम्मू में रहता हूँ। मेरे घर मे मैं और मेरी बड़ी बहन रचना और मेरे पिताजी हैं। मेरी माँ का 3 साल पहले देहांत हो गया है। हम कश्मीरी ब्राह्मण हैं। शुरू में हमारा घर गुलमर्ग की वादियों में था। लेकिन कई सालों पहले दंगा फसाद हुआ तो मेरे बाबा और पापा जम्मू में आकर रहने लगे।

मेरी दीदी की उम्र 24 साल है। वह गोरी चिट्टी है बिल्कुल किसी अंग्रेजन की तरह। उसकी आंखें भी नीली है। 32-28-36 की फिगर उसकी किसी काम की देवी की तरह लगती है। वह मॉडर्न हैं उनकी पढ़ाई भी अच्छी हुई है। ऐसे तो वो बहुत संस्कारी और केयरिंग लड़की हैं। माँ के नही रहने के बाद घर की पूरी जिमेवारी वही संभाली हैं। एक तरह से वो मुझे अपने बेटे की तरह पाली हैं।

मेरे पड़ोस में एक अंकल ऑन्टी रहते हैं। ऑन्टी का नाम रेशमा है। वो बारामुला कश्मीर की हैं। वह भी बिल्कुल मख्खन की तरह हैं। उनकी उम्र 32 साल है। उनके हस्बैंड उनसे 15 साल बड़े हैं और पुलिस में अधिकारी हैं लेकिन उनकी नौकरी एक जगह वाली नहीं है। वह घर पर कम ही रहते हैं। वह महीने 2 महीने में घर आते है । रेशमा ऑन्टी अकेले ही रहती हैं। रेशमा ऑन्टी एक अमीर घराने से ताल्लुक रखती हैं। उनका लव मैरिज हुआ है।

दीदी और रेशमा ऑन्टी की लेस्बिसन चुदाई नकली लन्ड से

मेरी दीदी और रेशमा ऑन्टी बहुत अच्छे दोस्त हैं। वे अक्सर मेरे घर मे या ऑन्टी के घर मे समय बिताती हैं। रेशमा ऑन्टी 32 की जरूर हैं लेकिन वह 24, 25 की लगती है। उनके बच्चे नहीं हैं। बच्चे के लिए शायद उनका कहीं से इलाज चल रहा है। तो रेशमा ऑन्टी भी अकेले घर मे बोर होती हैं तो मेरे घर आ जाती हैं और दीदी के साथ समय बिताती हैं।

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एक दिन मैं घर पर ही था। और मेरी रचना दी किचन में थी। दोपहर के करीब 12 बज रहे थे। तभी रेशमा ऑन्टी आई और मैने देखा वो मेरी दीदी को पीछे से पकड़ के चुचियों को मसलने लगी। और होंठो को किस की। मैं हैरान रह गया यह सब देखकर।

तभी दी बोली कि भाई घर मे है देख लेगा। फिर दी बोली कि मैं खाना बनाकर तुम्हारे घर आऊँगी। फिर थोड़ी देर रेशमा ऑन्टी रुकी और फिर दी को किस की और चली गई।

लेकिन मुझे समझ नहीं आया कि ये क्या चक्कर है। मैं हैरान रह गया यह सब देखकर। मेरे दिमाग मे उधेड़बुन चलने लगे कि आखिर ये क्या था। सिर्फ एक मजाक था या कुछ और। मैं इतना भी छोटा नहीं था कि मुझे ये चीजें समझ ना आए। फिर उस दिन से ये जानने की मैं कोशिस करने लगा कि आखिर ये क्या करते हैं। लेकिन जब मैं घर मे होता था तो रेशमा ऑन्टी कम ही मेरे घर आती थी। बल्कि दी फ्री होने के बाद ऑन्टी के घर चली जाती थी और घंटो वहीं रहती थी। एक दिन मैं बुखार का बहाना कर के स्कूल नहीं गया। और दी को बोला कि आप कही मत जाना मुझे अच्छा नही लग रहा है।

और मैं अपने रूम में सो गया। करीब 10 बजे दी रेशमा ऑन्टी को कॉल की की आज संजू घर मे ही है उसकी तबियत ठीक नहीं है तो मैं नही आ पाऊंगी। तो शायद ऑन्टी पूछी की मैं आ जाऊं, तो दी बोली कि हाँ तुम आ जाओ मेरे रूम में मस्ती करेंगे। मैं सारी बातें सुन रहा था। रेशमा ऑन्टी कुछ लाने को बोल रही थी तो दी बोली हां लेते आना। क्योंकि जो मेरे पास है वो तो दो सिरा वाला है। तुम लेते आना। मेरे अंदर की उत्सुकता बढ़ गयी किए क्या लाने की बात कर रही है और कैसा मस्ती करते हैं ये लोग। मेरे अंदर हजार सवाल उमड़ घुमड़ करने लगे। अब मुझे इंतजार नही करते बन रहा था।

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करीब 10 मिनट बाद रेशमा ऑन्टी आयी वो बिल्कुल जालीदार काले रंग की गाउन पहनी हुई थी। फिर दोनों सोफे पर बैठ गए और कुछ बातें किए।

चुकी अभी घर मे बहुत काम था तो दी बोली कि यार इतना जल्दी आ गयी अभी तो मेरा सारा काम पड़ा हुआ है। मैं खाना भी नहीं बनाई हूँ। तो ऑन्टी बोली कि मेरी जान क्यों परेशान होती है पूरा दिन तो पड़ा हुआ है और मैं हूँ ना तेरी धड़कन तेरी रेशमा तुम्हारा सारा काम कर देगी हमदोनों मिलकर सारा काम करेंगे। फिर दी बोली कि कुछ खाओगी? तो ऑन्टी बोली कि मैं तो तुम्हे ही खाऊँगी और दी को पकड़ के होंठो को चूसने लगी। करीब 5 मिनट वे एकदूसरे को किस किए। फिर दी बोली कि थोड़ा सब्र करो पूरा दिन है। तुम बैठो टीवी देखो मैं खाने को कुछ लेकर आती हूँ। मुझे भी भूख लगी है पहले कुछ खाते हैं।

फिर दी उठ के किचन में चली गयी और 10 मिनट बाद सैंडविच और कॉफ़ी लेकर आई। ऑन्टी सैंडविच उठाई और दी को अपने हाथों से खिलाने लगी मैं देखकर समझ गया कि ये बहुत क्लोज हैं। फिर दी उसी सैंडविच को पकड़ी और ऑन्टी को खिलाने लगी। मैं समझ नही पा रहा था कि ये कौन सी मोहब्बत है।

फिर वे अपनी अपनी सैंडविच खाए और कॉफ़ी पिए। बीच बीच मे ऑन्टी मेरी दी को किस कर ले रही थी। और दी कि जांघो को मसल दे रही थी। एक बार तो मैंने देखा ऑन्टी दी के जांघो के बीच अपनी हाथों से रगड़ने लगी। और दी के मुँह से आहहहहहहहहह… सससीईईईईईईसससीईईईईईई.. की आवाजें आई। फिर दी बोली रुको। और उठी और मेरे कमरे की तरफ आने लगी और दरवाजे पर आकर मुझे 2 बार आवाज दी।

लेकिन मैं सोने का नाटक करता रहा। दीदी देखना चाहती थी कि मैं जग तो नहीं रहा हूँ। फिर दी मेरे दरवाजे के पर्दे को पूरा फैला दी जिसे मुझे बाहर का नजारा दिखना बन्द हो गया। और फिर दी चली गयी और रेशमा ऑन्टी के पास जाकर बोली कि संजू नींद से सो रहा है। करीब 5 मिनट मैं इंतजार किया और मेरे से नही रहा गया तो मैं बिस्तर से धीरे से उठा। चुकी हॉल में टीवी चल रही थी तो उनको मेरे उठने का जरा भी एहसास नहीं हुआ। फिर मैं पर्दे को साइड से हल्का सा हटाया और एक आँख से देखने लगा। ऑन्टी और दी एकदूसरे को किस कर रहे थे।

फिर मैंने देखा दी बोली कि सब्र करो। और फिर ऑन्टी दी के दोनों जांघो के बीच मसलने लगी। करीब 5,7 मिनट बाद ऑन्टी बोली अब नही रहा जा रहा।

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तभी रचना दीदी उठी और फिर से मेरे रूम तरफ आने लगी मैं देखा तो झट से बिस्तर पर लेटकर चादर के नीचे मुंह करके सोने का नाटक करने लगा दीदी मुझे आवाज दी मैं कुछ नही बोला तो उन्हें लगा मैं सो रहा हूँ।

फिर वो वापस मुड़ी और रेशमा के पास गई और रेशमा मेरी दी को किस करने लगी। और चुचियों को दबाने लगी। फिर रचना दी रेशमा का हाथ पकड़ी और अपने रूम में ले गई और अंदर से रूम बन्द कर ली मैं फट से उठा और दी के रूम के पास आकर दरवाजे पर कान लगाकर सुनने लगा। रेशमा ऑन्टी कह रही थी, मेरी जान मेरी चुत आज कुछ ज्यादा ही चुदासी हो रहीं है। तो दी बोली साली हरामी तो आज मैं तेरी चुत को फाड़ दूँगी।

मुझे समझ नही आ रहा था कि आखिर दी कैसे चोदेगी ऑन्टी को फिर मैं की होल से देखने लगा ऑन्टी बिल्कुल नंगे थी उनकी चुत पर एक भी बाल नही थे और उनकी चुत का दाना क्लाइटोरिस बाहर निकला हुआ था। और वो दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे। फिर ऑन्टी मेरी दी के कपड़े उतारने लगी एक एक कर सारे कपड़े उतार दी। मेरी दी कि चुत भी बिल्कुल चिकनी थी एक भी बाल नही थे। ऑन्टी मेरी दी कि एक चूची को मुँह में ली और पीने लगी।

दी भी मस्ती में आहहहहहहहहह… उऊँहहहहहहहहह… कर रही थी। फिर ऑन्टी अपना हाथ नीचे ले गयी और दी के चिकनी चुत को रगड़ने लगी। उधर दी भी बिना देरी किये ऑन्टी के बूब्स को मुँह में ले ली और किसी बच्चे की तरह पीने लगी। दी कभी कभी पूरा जीभ निकाल कर कुत्ते की तरह ऑन्टी के निप्पल को चाट रही थी। यह सब देखकर मेरा भी लन्ड पैंट के अंदर सलामी देने लगा।

फिर ऑन्टी दी को बेड पर धक्का देकर गिरा दी और और उनकी चुत पर मुँह रखके चुत चाटने लगी। दी के चुत के क्लाइटोरिस को होंठो से पकड़ी और रबर की तह ऊपर खिंचने लगी। दी के मुँह से

ओहहहहहहह हहहहहहह…… आह हहहहहहहहहहहहह….. मेरी जान चाटो मेरी चुत।… आआआहहहहहहह चाटो जोर से..। ओहहहहहहहहहहहहहह…….. पूरा जीभ मेरी चुत में डाल दो।… आहहहहहहहहहहहहहहह…… बेबी कितना अच्छा चुत चाटती है तू। ……ओहहहहहहह हहहहहहह…… आह हहहहहहहहहहहहह….. बेबी मेरी जान चाटो. आआआहहहहहहह बहुत प्यासी है मेरी चुत।

ओह मेरी धड़कन आआहहहहहहहहहहहहहह…….. जोर जोर से चाटो … आहहहहहहहहहहहहहहह… दी कि चुत बिल्कुल गोरी थी। और उनकी टांगे फैली होने के कारण उनकी गांड़ भी साफ दिख रही थी दी कि गांड़ बिल्कुल बन्द थी। एसनलग रहा था जैसे मोमोज के मोह को बंद किया हुआ हो। ऑन्टी दी कि चुत को लगातार चाटे जा रही थी। और दी चिल्ला रही थी।ओहहहहहहह हहहहहहह…… आह हहहहहहहहहहहहह….. मेरी जान चाटो मेरी चुत।… आआआहहहहहहह चाटो रेशमा चाटो जोर से..। ओहहहहहहहहहहहहहह……..

पूरा जीभ टाइट करके मेरी चुत में डाल दो।… आहहहहहहहहहहहहहहह…… बेबी कितना अच्छा चुत चाटती है तू। … मेरी क्लाइट को चाटो उसे होंठो से पकड़ के ऊपर खींचो…ओहहहहहहह हहहहहहह…… आह हहहहहहहहहहहहह….. बेबी मेरी जान चाटो बेबी चाटो। . आआआहहहहहहह बहुत प्यासी है मेरी चुत। ओह मेरी धड़कन आआहहहहहहहहहहहहहह…….. जोर जोर से चाटो … आहहहहहहहहहहहहहहह… और फिर दी नीचे से कमर तेजी से हिलाने लगी।

मैं कुछ समझ पाता उससे पहले देखा दी कि शरीर अकड़ रही है। और फिर देखते देखते दी कि चुत से पिचकारी की तरह पानी निकलने लगा। यह चुत का रस ऑन्टी के मुँह में भी गया और चेहरे पर भी लग गया। फिर ऑन्टी दी के चुत को चाटने लगी। दी कि चुत पानी की वजह से चमकने लगी थी। फिर दी शांत हो गई।

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रचना दी ने उस काले लन्ड का एक सिरा ऑन्टी की चुत में। और दूसरी अपने चुत में डाल के गांड हिलाने लगी
फिर दी उठी और कवर्ड के पास गई और उसमें से एक सांप की तरह दोनो सिरों पर लन्ड के जैसा बना हुआ काला सा कुछ निकाली। और वो देखते ही रेशमा ऑन्टी खुश हो गई।

फिर रेशमा ऑन्टी कुत्ते की तरह हो गयी और बोली कि मेरी जान रचना अब बिना देर किए मेरी चुत मे लन्ड डाल दो। दी उस काले से चीज पर ढेर सारा थूक लगाई दोनो सिरों पर थूक और लार लगा के पूरा चिकना कर दी। जिससे वह काला नकली लन्ड चमकने लगा। फिर उस काले लन्ड को रेशमा ऑन्टी के चुत में डाल दी। और फिर दी भी ऑन्टी के गांड के तरफ गांड करके कुतिया बन गई और उस काले लन्ड के दूसरे छोर को अपने चुत में डाल ली। और दोनों गांड हिलाने लगे। धीरे धीरे पूरा लन्ड दोनो की चुत में समा गया अब दोनों की गांड़ बिल्कुल सत चुकी थी।

जब दोनों एकसाथ गांड़ पीछे करते तो वह काला लन्ड गायब हो जा रहा था। वह बहुत बड़ा था लेकिन दोनों के चुत में। आसानी से घुस चुका था। और फिर दोनों चिल्लाने लगे कि आआहहहहहहहहहहहहहहहहह…. चोदो। हहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहह….. राज मेरी जान चोदो. आआआहहहहहहह चोदो मेरी चुत। मारो मेरे राजाआआआ हहहहहहहहहहहहह…….. जोर से झटके मारो… आहहहहहहहहहहहहहहह…… मेरी जान कितना अच्छा चुत है तू। ……ये लन्ड हमदोनों की जान है। कस के चोदो।

फैक्स दो चुत … ओहहहहहहह हहहहहहह…… आह हहहहहहहहहहहहह….. ओह मेरी जान चोदो. आआआहहहहहहह चोदो मेरी चुत। मारो मेरे रानी हहहहहहहहहहहहह…….. जोर से झटके मारो… करीब आधा घंटा दोनो वैसे ही चुदते रहे। और फिर और मैडम एकसाथ झड़ गए। दोनो के चुत से रस गिरने लगा। जो टपक रहा था।

फिर दोनों उठे एक दूसरे को किस किए और ऑन्टी बोली कि रचना तू बहुत अच्छी है। हम जीवन भर एक दूसरे के बन के रहेंगे। I LOVE YOU RACHNA. दी भी बोली I LOVE YOU TOO MERI JAAN RESHMAA.

और फिर वे अपने अपने कपड़े पहने और मैं झट से अपने रूम में आकर सो गया।

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