Cousin Sister Xxx Hot Porn Kahani पढ़े। मैने दीदी को बेड पर ले जाकर उनकी पीठ को चूमने लगा। दीदी मछली की तरह चिल्लाने लगी। मैं दीदी को पूरी तरह से नंगी करना चाहता था क्योंकि उसकी ब्रा बीच में आ रही थी। Brother Sister Sex Story
मैंने उनकी ब्रा का हुक खोला। दीदी की सुंदर गोरी पीठ पूरी तरह से नंगी हो गई। मैंने दीदी की पीठ चूम ली। दीदी मेरे गर्म गर्म होंठों से चुम्बन लेने लगी। मैं दीदी की गांड दबाने लगा। दीदी भी खुश होने लगी।
मैंने दीदी की शर्ट को निकालने की कोशिश की, लेकिन वह लेटी हो गई थी। मैंने उनको उठाया और उनकी गर्दन से शर्ट निकालने लगा। शरमा रही थी। दीदी की चूचियों में टंगी हुई ब्रा अब नीचे गिर गई। मेरी आंखों के सामने उभरी उनकी मोटी मोटी चूचियां।
मैंने दीदी की नंगी चूची देखकर दोनों हाथों से उनकी दोनों चूचियों को पकड़ लिया। दीदी की बहुत हल्की और मोटी बॉल्स मेरे हाथ में थीं। मैंने रूई के गोले हाथ में पकड़े हुए महसूस किया।
तब मैंने दीदी के होंठ चूम लिए। दीदी मेरे बालों को सहलाने लगी और मेरे होंठों को चूमने लगी। दीदी की जांघों के बीच मेरा एक हाथ उनकी पजामी पर पहुंच गया।
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मैं दीदी की चूत को एक हाथ से छेड़ रहा था और दूसरे हाथ से उसके बूब्स को सहला रहा था। कपड़े के ऊपर से ही दीदी की चूत फूल रही थी। दीदी की चूत से पानी निकलना शुरू हो गया।
फिर मैं दीदी के बूब्स चूसने लगा। पहले एक चूची को मुंह में भर लिया, फिर हाथ से दूसरी चूची को मसलने लगा। दीदी ने भी अपने चूचों को चुसवाना शुरू कर दिया।

पांच मिनट तक एक चूची चूसने के बाद मैंने अपनी बहन की दूसरी चूची मुंह में भर दी। मेरे मुंह की लार ने पहली चूची का निप्पल पूरी तरह से चिकना कर दिया।
मैं दूसरी चूची को मुंह में लेकर पीने लगा, फिर पहली चूची को हाथ में लेकर दबाने और मसलने लगा। अब दीदी और भी गर्म हो गई। दीदी मेरी पीठ को सहला रही थी। बीच-बीच में दीदी भी मेरे लंड को पकड़ने की कोशिश करने लगी, लेकिन उनका हाथ उस तक नहीं पहुंच पाया।
मेरा लिंग तनाव से दर्द करने लगा। दीदी की रसीली चूचियों को पीना मुझे बहुत अच्छा लगा। दीदी भी उत्तेजित स्वर निकालने लगी।
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अब मैंने दीदी की नाभि को चूमा और उसके पेट को चूमा। वह खुशी से इधर-उधर गर्दन हिलाने लगी। मैंने दीदी की नाभि को पूरी तरह से गर्म कर दिया।
तब मैंने दीदी की पजामी निकाली। दीदी की गोरी जांघें सूख गईं। दीदी की जांघों को मैंने चूमा। उनकी पैंटी गीला धब्बा सा बन गई। दीदी की चूत में से कामरस निकल रहा था।
मैंने उनकी गीले पैंटी को चाट लिया। दीदी की चूत से निकले हुए कामरस का स्वाद मुझे बहुत पसंद आया। दीदी की चूत बहुत गर्म हो गई थी और बहुत सारा पानी निकल रहा था क्योंकि उन्होंने बहुत दिनों से लंड नहीं लगाया था।
मैंने फिर दीदी की पैंटी उतार दी। मैंने दीदी की चूत को देखा जब मैंने उनकी पैंटी उतार दी। उनकी चूत थोड़ी कसी हुई थी, लेकिन फिर भी हल्की लगती थी। उसकी सांवली चूत पर भी बाल थे।
दीदी ने शायद कई दिनों से अपनी चूत को नहीं धोया था। दीदी की चूत बीच से गुलाबी थी। बालों के बीच में एक गुलाबी सी चूत को देखकर मेरा लंड और ज्यादा तनाव में आ गया।
मैं जोर से अपनी बहन की चूत चाटना शुरू कर दिया। उसकी चूत के रस को चाटने में बहुत मज़ा आया। मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदना शुरू किया।
वह बर्दाश्त नहीं कर सकी और मुझे बेड पर अपने नीचे पटक दी। थोड़ी देर के लिए उसने मेरा लंड अपने मुंह में भर लिया, लोअर उतार कर।
मेरी आंखें मजे में बंद हो गईं जब दीदी जोर से मेरे लंड को चूसने लगी। उसने इतनी जोर से लंड चूस लिया कि मैं पागल हो गया। मैं भी बर्दाश्त नहीं कर सकता था।
उसे लंड चूसने की काफी जानकारी थी। अपने लंड में कभी इतनी खुशी और उत्साह नहीं हुआ था। वह कभी-कभी मेरे लंड के टोपे पर अपनी जीभ डालती थी और कभी-कभी पूरे लंड को मुंह में पूरा गले तक उतार कर चूसने लगती थी।
ऐसा लग रहा था कि वह कई दिनों से लंड की प्यासी थी। दीदी को शायद अपनी शादी खत्म होने के बाद से सेक्स करने का मौका नहीं मिला था। वह तलाक के बाद से सेक्स नहीं कर पाई थी।
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मैं जल्दी ही दीदी के मुंह में झड़ गया। मेरे लंड से निकले हुए रस को दीदी अंदर ही गटक गई। मैं शांत हो गया। लेकिन बहन की चूत अभी भी जलती थी।
उसने कहा, “अब मेरा क्या?” क्योंकि वह खुश हो गई थी।
मैंने हांफते हुए कहा कि कुछ देर रुको, मुझे कुछ समय दो।
बाद में वह मेरी बगल में लेट गई। हम दोनों पूरी तरह से नंगे पड़े हुए थे।
दीदी के चूचों को छेड़ते हुए मैंने पूछा-तुम भी जीजा के साथ इतना मज़ा लेते थे?
उसने कहा कि तुम्हारे जीजा का लंड नाम का ही था। उसमें साहस नहीं था। तुम आज मामा बन गया होता अगर उनका लंड तेरा लंड की तरह शक्तिशाली होता।
मैंने पूछा: तो फिर वे खड़े नहीं होते?
वह बोली, “होता था, लेकिन सिर्फ दो धक्कों में।” मैंने बहुत प्रयास किया, लेकिन मैं तीन साल तक प्यासी ही रही। हम दोनों के बीच में शादी के छह महीने के बाद ही मतभेद होना शुरू हो गया था, लेकिन घर की इज्जत की वजह से मैंने शादी को खींचा रखा। मगर तलाक ले लिया जब बर्दाश्त नहीं हुआ।
मैंने दीदी की चूत को सहलाते हुए पूछा, “तो फिर आपने इस बारे में मुझसे पहले बात क्यों नहीं की?”
उसने कहा कि मैं ताऊ से डरती थी और अगर ताऊ को पता चलता तो तुम भी बदनाम हो जाते। मैं जानता था कि तुम मर्द हो गए हो। मैं आगे बढ़ा और तेरे लंड को लोअर में तना हुआ देखा।
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मैंने पूछा कि क्या आपको मेरा लंड इतना अच्छा लगा?
हां, आपका लंड बहुत सुंदर है, उसने कहा। तुम्हारे जीजा का तो आधा भी नहीं था। तुम्हारा लंड हाथ में लेकर मज़ा आता है।
मैंने कहा कि फिर से ले लो।
उसने मेरी ओर देखा और मेरे लंड को मुंह में ले लिया। मेरे लिंग में अभी तक कोई दर्द नहीं था। दीदी ने मेरा वीर्य चूसने लगा। साथ ही मैं कुछ अजीब तरह से खुश हो रहा था।

कुछ ही देर में, दीदी ने फिर से मेरा लंड चूसकर खड़ा कर दिया। अब मैंने दीदी का मुंह लंड पर दबाने लगा और उसके सिर को पकड़ लिया।
आह्ह… ओह्ह… मेरे मुंह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं। दीदी, मैं बहुत प्यार करता हूँ। मैं ओह..। मैं खुश हूँ। चलो, दीदी।
जब मैंने दीदी को पांच या सात मिनट तक लंड चुसवाया, तो उसकी सांस फूलने लगी।
उसने कहा, “बस करो, बेवकूफ, अब मेरी चूत की ओर भी देखो।” बहुत दिनों से इसने लंड नहीं लिया है।
मैंने कहा, “ठीक है दीदी, फिर तैयार हो जाओ।”
मैंने दीदी को बेड पर रखा। टांगों को चौड़ा करके अपने हाथों में थाम लिया, गांड के नीचे तकिया लगाया।
मैंने दीदी की चूत में अपना लंड धीरे-धीरे डालने लगा।
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दीदी कराहने लगी जब लंड का सुपारा चूत में घुसने लगा।
मैंने पूछा: क्या हुआ? दर्द हो रहा है?
हां, दर्द होगा, क्योंकि बहुत दिनों बाद लंड चूत में जा रहा है, लेकिन रुक मत।
मैं भी नहीं रुका और दीदी की चूत में आधा लंड डाल दिया। मेरे कंधों को पकड़कर दीदी मुझसे लिपट गई।
मैंने फिर जोर लगाकर उनको वापस बेड पर लिटाया। उसने जोर से धक्का देकर पूरा लंड बहन की चूत में डाल दिया। मैंने पहले कभी चूत चुदाई नहीं की थी। इसलिए उन्होंने सिर्फ दो धक्कों में पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया।
मेरी पीठ पर दीदी ने मुझे कसकर नोंच लिया। मेरी गर्दन उसने चूम ली।
मैंने पूछा कि क्या सब ठीक है?
हां, उसने कहा, बस एक मिनट रहो, फिर कुछ करो।
मैं चुपचाप रहा। मुझे अपनी चचेरी बहन की चूत में लंड डालना बहुत अच्छा लगता था। चूत चुदाई के समान दुनिया में कोई और आनंद नहीं था।
मैंने दीदी की चूत में लंड डालकर उसके चूचों को पीना शुरू कर दिया। वह उनके होंठों को चूसता या उनकी गर्दन को चूमता। मेरी पूरी सहायता भी दीदी ने दी। हां, अब शुरू करो, वह बोली जब वह नॉर्मल हो गई।
मैंने लंड को बाहर निकालना शुरू किया। दीदी की चिकनी चूत में मेरा लंड घुसने लगा और दोनों को चुदाई का आनंद आने लगा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपनी चचेरी बहन की चूत चोदने में इतना मजा आएगा।
उधर, दीदी को घर में ही लंड मिला। वह भी खुशी-खुशी अपनी चूत चुदवाने लगी। वह मेरी गर्दन पर किस करती या मेरे गालों को काटने लगती।
मैंने दीदी की चूत में लंड लगाना शुरू कर दिया। मेरा साथ दीदी भी दे रही थी। मैं दीदी को चोद रहा था और दीदी मुझे चोद रही थी।
मुझे चचेरी बहन की चूत चुदाई करने में बहुत मजा आया। मैं भी दीदी के बूब्स को बीच-बीच में भींच रहा था। दीदी अचानक खुश हो गई। दीदी की चूत दस मिनट में ही पानी छोड़ दी।
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जब चूत से पानी निकला, पच-पच की आवाज आई। मेरा उत्साह इस आवाज से बढ़ गया। अब मैं अपनी चचेरी बहन की चूत को दोगुनी तेजी से चोदने लगा। फिर मैंने दीदी की टांगों को अपने कंधे पर रख लिया।
ये पोजीशन में पोर्न वीडियो में देखा गया था। मैंने दीदी की चूत में वीर्य डाला। मैं दीदी की टांगों को एक हाथ से उठाकर नीचे से चूत में लंड डाल रहा था।
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दीदी की आंखें बंद हो गईं। वह चुदाई में एकदम मस्त हो गई। मैंने दीदी की चूत को लगभग पंद्रह मिनट तक पेला और फिर झड़ने के करीब पहुंच गया।
मैंने दीदी की चूत में जोर से धक्का दिया। मैं दीदी के ऊपर ही लेट गया। मेरी पीठ प्यार से सहलाने लगी दीदी।

फिर मुझे एक तरफ लिटाकर मेरे होंठ चूसने लगी।
उसने कहा कि तुम्हारे साथ सेक्स करने में मुझे असली आनंद मिलता है। आप मुझे कभी नहीं छोड़ेंगे।
हां दीदी, मैं भी आपको बहुत पसंद करने लगा हूँ, मैंने कहा। मैं तुम्हारे साथ रहना चाहता हूँ। मैं अपनी कज़िन सिस्टर को सेक्स नहीं छोड़ने दूंगा।
तब तक हम दोनों एक दूसरे से लिपट रहे। पहली बार मैंने दीदी की चूत दो बार चोदी। मैं थक गया और फिर सो गया।
जब मैं उठ गया, दीदी मेरे पास नहीं थी। शाम हो गई थी। अब हम दोनों भाई-बहन की तरह नहीं रहते थे। मैं कज़िन सिस्टर के साथ हर अवसर पर सेक्स करता। दीदी भी काफी प्रसन्न होने लगी।
दोस्तो, मेरी Cousin Sister Xxx Hot Porn Kahani आपको कैसी लगी मुझे बताना मत भूलना। मैं नहीं जानता कि मैंने दीदी से सेक्स किया या नहीं। किंतु मैं दीदी से प्यार करने लगा और दीदी भी मुझे चाहने लगी। यदि आप लोगों का इस बारे में क्या विचार है, तो कृपया मुझे कमेंट करके बताएं।
लेखक का इमेल पता नहीं मिल रहा है।
ध्यान ज़रा विषय पर हो, लेकिन लेखक ने समझदारी से और अभिव्यक्ति के साथ इस सेक्स स्टोरी को प्रस्तुत किया है। वे वास्तव में कहानी के माध्यम से संवाद करने में माहिर हैं, जो इसे रोमांचक और गंभीर बनाता है।