चुदासी चूत में लण्ड का इंजेक्शन

मेरा नाम राज कमल है, मैं लखनऊ में रहता हूँ, पेशे से डाक्टर हूँ, यहीं पर मेरी क्लिनिक है। मेरे साथ एक लेडी डॉक्टर भी बैठती हैं जिनका नाम रूही है। मस्त यौवना है 30-32-30 एकदम गोरी ! हम दोनों एक ही क्लिनिक में एक साथ बैठते हैं। मैं रूही को दिलो-जान से चाहता था और उसकी मस्त जवानी का रस जो उसकी चुदास चूत में था पीना चाहता था मगर डर के मारे कभी हिम्मत नहीं हुई कि उसके मदमस्त शरीर को छू सकूँ।
डरता था कि कहीं बुरा मान गई तो बिजनेस भी हाथ से चला जाएगा और उसकी नज़र में जो मेरी इज़्ज़त है वो भी ख़त्म हो जाएगी।
पर मेरा मन तो हमेशा उसे चोदने का करता था, भला इतनी मस्त माल किसी के पास हो और उसका मन ना करे ये तो हो ही नहीं सकता ना !

चूची में उठा दर्द

जब भी मैं उसे गौर से देखता, मेरा 7 इंच का लंड तुरंत ही खड़ा हो जाता।
मैं अकेले में हमेशा उसको सोच सोच कर मूठ मार लिया करता था।
एक दिन की बात है, हम दोनों क्लिनिक में बैठे थे, अचानक रूही के सीने में दर्द उठा और वो कराहने लगी।
मैंने जब ध्यान दिया तो वो सीना पकड़ कर रोना सा मुँह बनाए हुए थी।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो बोली- कुछ नहीं।
फिर मैंने ज़ोर दिया तो बोली- सीने में दर्द हो रहा है। मैं पास में गया और बोला- मैं कुछ करूँ क्या?
बोली- नहीं, ठीक हो जाएगा।
मैं नहीं माना और उसके पास जाकर खड़ा हो गया। मुझे एहसास हुआ कि दर्द तेज हो रहा है, मैं बोला- इंजेक्शन लगा दूँ?
तो वो बोली- हाँ लगा दीजिए, दर्द बर्दाश्त से बाहर हो रहा है।

मस्त चूतड़

फिर मैं इंजेक्शन भर कर बोला- कहाँ लगा दूँ?
तो वो बोली- हाथ में तो दर्द होगा, कमर में लगा दीजिए !
फिर वो वहीं मरीज वाली मेज पर लेट गई और मैं इंजेक्शन लगाने की तैयारी करने लगा और बोला- कमर ढीला करिए !
उसने तुरंत अपनी सलवार का नाड़ा ढीला करके थोड़ा नीचे खिसका दिया। क्या मस्त चूतड़ थे !
मैंने पहली बार किसी लड़की के इतने चिकने चूतड़ देखे थे।
मैंने थोड़ा और नीचे खिसका दिया उसकी सलवार ! अब तो उसकी पूरे चूतड़ दिखने लगे थे।
उसके मस्त चूतड़ देख कर मेरा लंड उसे सलामी देने लगा।
इंजेक्शन लगाकर उसके चूतड़ सहलाने लगा, इससे शायद उसको गुदगुदी सी हो रही थी, वो बोली- रहने दीजिए !
मैं बोला- थोड़ा मसल दूँगा तो दवा ठीक से अंदर चली जाएगी।
मैं तो उसके कूल्हे सहला कर पूरी तरह से मस्त हो रहा था।
अब रूही का दर्द थोड़ा और तेज होने लगा तो मुझे भी डर सा लगा कि क्या हो गया इसे?

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चूची की मालिश

मैंने आव देखा ना ताव, उसके सीने की मालिश करने लगा। वो भी कुछ नहीं बोली।
मैं मालिश करता जा रहा था तो लगा कि उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो वो बोली- रहने दीजिए !
पर मैं कहाँ मानने वाला था, मैं तो जैसे जन्नत में था !
उसका दर्द कम हुआ तो मैंने देखा कि उसकी चूचियों में कसाव आ रहा है, शायद अब एक मर्द की छुअन से वो भी गर्म हो रही थी। उसने प्यार से मेरी एक चुम्मी ले ली।
अब तो मैं उड़ गया, मैंने भी उसका जवाब दिया चुम्मी से और मेरा हाथ उसकी बड़ी चूच पर था।
मैंने एक चुम्मे के बदले उसके ऊपर चुम्मों की बरसात कर दी अब वो पूरी तरह से मेरी बाँहों में थी।
उसकी आँखें बंद थी और साँसें गर्म थी। अब वो जवानी का भरपूर मज़ा ले रही थी।
मैं उसे चूमे जा रहा था और उसकी चूचियों को मसलता जा रहा था।
अब रूही पूरी तरह से मेरा साथ दे रही थी। मैंने ज़्यादा समय ना लगते हुए तुरन्त रूही की सलवार में हाथ डाल दिया।
वो कुछ नहीं बोली।

चूत की चुदास

अब मेरा हौसला और बढ़ गया और मैं उसकी चिकनी चूत को सहलाने लगा। उसकी चूत पहले से ही गीली हो रही थी और अब तो मेरा भी लंड थोड़ा पानी छोड़ने लगा था। मैंने तुरंत अपने पैंट की चेन खोल कर लंड बाहर कर दिया और रूही का हाथ अपने कड़क लंड पर रख दिया।
पहले तो वो थोड़ा सा कसमसाई, पर मेरा 7 इंच का बड़ा लंड उसने अपनी पूरी मुट्ठी में पकड़ लिया और सहलाने लगी।
मैं भी उसकी चुदास चूत में उंगली किए जा रहा था। उसको बड़ा मज़ा आ रहा था।
थोड़ी देर में उसका शरीर अकड़ने लगा और वो पूरी तरह मेरे शरीर को जकड़ कर झड़ गई। मैंने अब अपना लंड उसे मुँह में लेकर चूसने के लिए बोला तो वो मना करने लगी।
मैंने बोला- बड़ा मज़ा आएगा ! चूसो ना डार्लिंग !
फिर वो मान गई और मेरा लंड अपनी मुँह में लेकर चूसने लगी।

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रूही का मुखमैथुन

‘आहह ओह’ अब तो जैसे मैं स्वर्ग में ही था।
अब मेरे लंड का पानी निकलने वाला था, मैंने अपना सारा माल उसकी मुँह में ही निकाल दिया।
वो भी बड़े मज़े से सारा का सारा माल अंदर गटक गई और मेरे लंड को चाटती रही।
इत्तफाक से कोई मरीज भी नहीं था इसलिए हम पूरी तरह फ्री थे अंदर की केबिन में।
और रूही भी गर्म हो रही थी, अब मैं उसको मेज पर लिटा कर उसके पूरे बदन को चूमने लगा। मैंने उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया था। मैं उसे पागल कुत्ते की तरह चूमते जा रहा था। उसको भी मज़ा आ रहा था। उसके मुँह से निकल रहा था अहह….ओह उह……
मैंने जैसे ही अपना मुँह उसकी चूत पर लाया उसने कस के मेरा सिर दबा दिया।
मैं भी उसकी चुदास चूत चाटने लगा अब वो पूरी तरह से मदमस्त हो चुकी थी और मेरा लण्ड पकड़ कर बोली- कमल,
अब मुझे मत छोड़ो, चोद दो मुझे ! मेरी बुर को फाड़ दो अपनी लंड डालकर ! आहह..आ आ !
इतना कोमल स्पर्श पाकर मेरा लंड फिर से फन उठा कर खड़ा हो गया।

लगाया लण्ड का इंजेक्शन

मैंने अपना लॅंड उसकी चुदास चूत की मुँह पर रख कर ज़ोर से धक्का मारा,
वो एकदम से चिल्ला उठी और बोली- प्लीज़ निकल दो इसे ! बहुत दर्द हो रहा है।
मैंने उसकी चूत की तरफ देखा तो खून निकल रहा था लेकिन मैंने उसे बताया नहीं और धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा और उसे चूमे जा रहा था।
धीरे धीरे वो भी शांत होने लगी और उसे भी मज़ा आने लगा।
थोड़ी देर बाद वो झड़ गई और मैंनें भी अपना सारा माल उसकी बूर में ही निकाल दिया।
अब हम दोनो थोड़ी देर के लिए एक ही साथ लेट गये.
मैंने उसकी चूत का खून रूई से साफ किया और कपड़े पहन कर अपनी अपनी सीट पर बैठ गये।
अब तो रूही की चुदास चूत की चुदाई अक्सर होने लगी।

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