Bhai behen sex story – Incest fantasy real sex story – Holiday sex story: छुट्टियाँ चल रही थीं, मैं कॉलेज की छुट्टियों में मम्मी-पापा के घर आई हुई थी। मेरा छोटा भाई आर्यन अब अठारह साल का हो चुका था, अभी भी घर पर रहता था। उसकी गर्लफ्रेंड नेहा लगभग रोज़ आती थी। नेहा और मैं बहुत अच्छी दोस्त बन गई थीं, आर्यन जब बाहर जाता तो भी हम दोनों मेरे कमरे में घंटों गप्पें मारतीं, हँसतीं, कभी पुरानी बातें याद करतीं।
उस दिन आर्यन सुबह कहीं गया था। नेहा आई और हम मेरे बेड पर बैठे थे। मैंने देखा कि वो कुछ परेशान सी लग रही थी, बार-बार बालों में उँगलियाँ फिर रही थी, नज़रें इधर-उधर भटक रही थीं। मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा और धीरे से पूछा, “क्या हुआ नेहा, आज इतनी चुप-चुप क्यों है? कुछ बताना चाहती है ना?”
वो एकदम से रुक गई, मेरी आँखों में देखा और फिर नज़रें झुका लीं। “दीदी… अगर मैं कुछ बताऊँ तो प्रॉमिस करो, किसी को नहीं बताओगी, खासकर आर्यन को।”
मैंने उसका हाथ थामा, “अरे पागल, बोल ना। मैं तेरी सबसे अच्छी दोस्त हूँ यहाँ, कुछ भी हो, मुँह बंद रखूँगी।”
वो गहरी साँस लेकर बोली, “दीदी… आर्यन को इंसेस्ट बहुत पसंद है। वो बेड पर मुझे अक्सर फैमिली मेंबर्स की तरह रोल प्ले करवाता है। और… सबसे ज्यादा तुम्हारा नाम लेता है। कहता है कि तुम्हारी इंस्टाग्राम फोटोज़ देखकर मुठ मारता है। मुझे गिल्टी फील हो रहा था, इसलिए बता रही हूँ।”
मेरा दिल ज़ोर से धड़क गया। बाहर से मैंने शांत रहने की कोशिश की, लेकिन अंदर से कुछ अजीब सी आग लग गई थी। मैंने नेहा से कहा, “अरे नेहा, अगर उन्हें मज़ा आता है तो कोई प्रॉब्लम नहीं। तुम दोनों क्या करते हो, वो तुम्हारा पर्सनल मैटर है। गिल्टी मत फील कर।”
नेहा राहत की साँस लेकर चली गई, लेकिन उस रात मैं सो नहीं पाई। बेड पर लेटे-लेटे बार-बार नेहा की बातें दिमाग में घूम रही थीं। मैंने फोन उठाया, अपनी पुरानी फोटोज़ देखने लगी जिनमें मैं और आर्यन साथ थे। बचपन की तस्वीरें, उसकी बाजू मेरे कंधे पर, उसकी शरारती मुस्कान। मेरी साँसें तेज़ हो गईं। मैंने धीरे से अपनी शॉर्ट्स के अंदर हाथ डाला, पैंटी के ऊपर से चूत सहलाई। गर्मी फैल रही थी। उँगलियाँ पैंटी के अंदर गईं, चूत भीगी हुई थी। मैंने आँखें बंद कीं और पहली बार अपने सगे भाई का नाम लेकर खुद को छुआ, “आर्यन… आह… तू मुझे चोदना चाहता है ना…” उँगलियाँ तेज़ चलीं, मैं काँपकर झड़ गई।
अगले कुछ दिन मैं आर्यन को अलग नज़रों से देखने लगी। वो घर में बिना शर्ट घूमता, उसके चौड़े कंधे, छाती पर हल्के बाल, पेट की मसल्स। मैं जानबूझकर उसके सामने टाइट टॉप पहनती, झुककर कुछ उठाती ताकि मेरी गहरी क्लिवेज दिखे। वो कभी मेरी तरफ देखता और फ़ौरन नज़रें हटा लेता, लेकिन मैंने नोटिस किया कि उसकी पैंट में उभार आ जाता था। मैं भी भीग जाती थी।
एक शाम मम्मी-पापा रिश्तेदार के यहाँ रात भर के लिए गए थे। घर पर सिर्फ मैं और आर्यन। डिनर के बाद हम लिविंग रूम में फिल्म देख रहे थे। रोमांटिक सीन आया तो मैंने अपनी टाँगें उसके ऊपर रख दीं। वो चौंका, लेकिन हटाया नहीं। मैंने धीरे से कहा, “आर्यन, तू बड़ा हो गया है ना… गर्लफ्रेंड भी है। कितना एक्सपीरियंस हो गया?”
वो हल्का सा हँसा, “दीदी, आज क्या बात है? इतनी पर्सनल बातें?”
मैं उसके और करीब सरक गई, मेरी छातियाँ उसके बाजू से दब रही थीं। मैंने अपना हाथ उसकी जाँघ पर रखा और धीरे-धीरे ऊपर सरकाया, “बता ना… नेहा के साथ क्या-क्या करते हो?”
उसकी साँसें तेज़ हो गईं, मैंने महसूस किया कि उसका लंड पैंट में सख्त होकर खड़ा हो रहा था। मैंने कान में फुसफुसाया, “मुझे पता है तेरी फैंटसी क्या है… नेहा ने सब बता दिया।”
उसका चेहरा लाल हो गया, “दीदी… वो… सॉरी… मैं…”
मैंने उसका मुँह अपनी उँगली से बंद किया, “शश्श… मुझे बहुत अच्छा लगा सुनकर। मैं भी अब सोच रही हूँ कि तू मुझे चोदे तो कैसा लगेगा।”
उसकी आँखें हैरानी और चाहत से चमक उठीं। मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। पहले नरम, फिर भूखा चुंबन। हमारी जीभें आपस में लिपट गईं, लार का स्वाद मिल रहा था। मैंने उसकी शर्ट उतारी, उसकी छाती पर किस किया, निप्पल चाटे। वो मेरी टी-शर्ट ऊपर कर रहा था। ब्रा खोलते ही मेरी बड़ी-बड़ी चुचियाँ उछलकर बाहर आईं। उसने दोनों हाथों से दबाया, फिर मुँह में लेकर चूसने लगा। “आह्ह… आर्यन… स्सी… ज़ोर से चूस… अपनी दीदी की चुचियाँ… उफ्फ़… हाय…”
वो पागल होकर चूस रहा था, निप्पल काट रहा था। मैंने उसकी पैंट की ज़िप खोली, अंदर हाथ डाला। उसका मोटा, गर्म लंड मेरे हाथ में धड़क रहा था, टपकता हुआ। मैंने उसे बाहर निकाला, नसें उभरी हुईं, सुपारी लाल। मैं नीचे झुकी और जीभ से चाटा। नमकीन स्वाद। फिर मुँह में लिया। “उम्म्म… भाई… तेरा लौड़ा कितना मोटा है… ग्ग्ग्ग… गी… गी… गों… गों…” मैं गले तक लेने की कोशिश कर रही थी, आँसू आ गए, लेकिन रुक नहीं रही थी।
वो मेरे बाल पकड़कर धीरे-धीरे मुँह चोद रहा था, “आह्ह दीदी… रंडी… कितने साल से सपना था… मेरी दीदी मेरा लंड चूस रही है… स्सी… चूस साली…”
मैंने लंड छोड़ा और उसे बेडरूम में खींचकर ले गई। वहाँ मैंने अपनी पुरानी अलमारी खोली, बचपन की फोटोज़ निकालीं जिनमें हम दोनों साथ थे। मैंने एक फोटो उसके हाथ में दी और बोली, “इसी को देखकर मुठ मारता था ना? अब असली को चोद।”
उसकी आँखें चमक उठीं। उसने मुझे बेड पर धकेला, शॉर्ट्स और पैंटी एक साथ उतार दी। मेरी चूत पूरी तरह भीगी हुई थी, पानी टपक रहा था। वो नीचे झुका और जीभ से चाटने लगा। “ओह्ह्ह… हाय आर्यन… उफ्फ़… चाट… अपनी बहन की बुर चाट… आह इह्ह… ह्हीईई… आअह्ह्ह…” मैं उसके सिर को दबाकर अपनी चूत पर रगड़ रही थी, उसकी नाक मेरी क्लिट से टकरा रही थी। उसकी जीभ अंदर-बाहर हो रही थी, चूत का रस पी रहा था।
फिर मैंने उसे ऊपर खींचा, “अब चोद मुझे… भाई… अपना मोटा लौड़ा मेरी चूत में पेल… जल्दी…”
वो सुपारी पर लंड रखकर धीरे अंदर किया। “आआह्ह्ह… मादरचोद… कितना मोटा है… स्सी… धीरे… आह ह ह ह ह्हीईई…” पूरा अंदर गया। मैंने टाँगें उसकी कमर में लपेट लीं। वो धीरे-धीरे ठोकने लगा, मेरी आँखों में देखते हुए। “दीदी… कितने साल से चाहता था… तेरी चूत कितनी गर्म और टाइट है… आई लव यू…”
मैंने उसकी पीठ पर नाखून गाड़े, “मुझे भी… आह्ह… चोद मादरचोद… अपनी रंडी दीदी को चोद… तेज़… उफ्फ़… ऊउइ… ऊईईई…”
वो स्पीड बढ़ा दी, बेड हिल रहा था, चप-चप-चप की आवाज़ें गूँज रही थीं। मैं झड़ने वाली थी, “आर्यन… मैं आ रही हूँ… आह्ह्ह… स्सी… ज़ोर से…” मेरी चूत ने उसके लंड को कस लिया, मैं काँपकर झड़ गई।
वो नहीं रुका। मुझे घोड़ी बना दिया, पीछे से लंड पेला और मेरी गांड पर ज़ोर-ज़ोर से थप्पड़ मारने लगा। “ले रंडी दीदी… ले… अपनी बहन की बुर फाड़ता हूँ… स्सी… कितनी टाइट है…”
मैं चिल्ला रही थी, “हाँ… मार… चोद… भाई… कुत्ते की तरह चोद मुझे… आह्ह… फिर आ गया… ऊऊ… उईईई…” दूसरी बार झड़ी।
वो भी अब कंट्रोल नहीं कर पा रहा था। “दीदी… अंदर डालूँ…? तेरी चूत में अपना माल…?”
“हाँ… भर दे… अपनी बहन की बुर को अपने वीर्य से भर दे…”
वो ज़ोर-ज़ोर से पेला और गरम-गरम वीर्य मेरी चूत में छोड़ दिया। “आह्ह्ह… ले साली… ले मेरी रंडी दीदी…”
हम दोनों हाँफते हुए लेट गए। वो मेरी छातियों पर सिर रखकर लेटा था। मैं उसके बालों में उँगलियाँ फेर रही थी। “आर्यन… ये मेरी ज़िंदगी का सबसे अच्छा सेक्स था।”
वो मुस्कुराया, “दीदी… सपने में भी नहीं सोचा था कि हकीकत में होगा।”
उस रात हमने तीन बार और चुदाई की। सुबह तक मेरी चूत सूज गई थी, लेकिन दर्द में भी मज़ा था। अब छुट्टियाँ खत्म होने वाली हैं, लेकिन हमने वादा किया कि कॉलेज खुलने के बाद भी मिलते रहेंगे। मेरा भाई अब सिर्फ भाई नहीं, मेरा सबसे गंदा और प्यारा लवर है।