भांजी की रसीली चुत और गांड मजे से लुटा

मैं शुरू से ही बहुत ठरकी आदमी था। जब बात चूत मारने की आती थी, तो मैं खून के रिश्ते-नाते भी भूल जाता था। अपनी दो छोटी बहनों, जया और माला, को मैं चुपके-चुपके, घरवालों की नजरों से बचाकर, अपने घर में ही चोद लेता था। मैं २८ साल का हो चुका था, लेकिन नौकरी न होने की वजह से मेरी शादी नहीं हो पा रही थी। Juicy pussy chudai

शादी हो या न हो, मेरा लंड तो रोज खड़ा होता था। मैं हमेशा चूत की तलाश में रहता था। क्या मैं सारी जिंदगी मुठ मारता रहता? इसलिए मैं अपनी सगी बहनों को चोद लिया करता था। कुछ दिन बाद रक्षाबंधन का त्योहार आने वाला था। मेरी दीदी का फोन आगरा से आया।

“सोहन, तुम ही घर आ जाना… मैं नहीं आ पाऊंगी। तुम्हारे जीजाजी कुछ दिनों के लिए ऑफिस के काम से बाहर जा रहे हैं,” दीदी ने कहा।

“ठीक है, दी,” मैंने प्यार से कहा, जैसा कि मैं हमेशा उन्हें बुलाता था। “मैं रक्षाबंधन में आ जाऊंगा।”

कुछ दिनों बाद मैं कानपुर से ट्रेन पकड़कर उज्जैन पहुंच गया। वहां मेरी मुलाकात अपनी भतीजी दीपा से हुई। जैसे ही मैं घर में घुसा, दीपा दौड़कर मेरे गले लग गई। “मामाजी… आ गए!” वो चिल्लाकर बोली और मेरे सीने से चिपक गई।

“अरे, मेरी भांजी तो कितनी बड़ी हो गई है!” मैंने हैरानी से कहा।

दोस्तों, दीपा पहले १०-१२ साल की बच्ची थी, लेकिन अब तो उसका कायाकल्प हो गया था। उसका जिस्म पूरी तरह भर गया था। १९ साल की उम्र में वो एकदम जवान, कड़क माल लग रही थी, जैसे डिग्री कॉलेज की हॉट लड़कियां। मैं अपनी भांजी को आंखें फाड़कर देख रहा था। जब वो मेरे गले लगी, तो उसके ३४ इंच के दूध मेरे सीने में गड़ने लगे। मेरा लंड तुरंत टाइट होने लगा।

कोई आश्चर्य नहीं था कि दीपा अब चोदने-खाने लायक माल हो गई थी। रक्षाबंधन का त्योहार अच्छे से बीत गया। दीदी खाना बनाकर जल्दी सो जाती थीं, और दीपा मेरे ही कमरे में रहती। मेरा मन उसे चोदने को बेकरार था। एक दिन मैंने उसका मोबाइल चेक किया, तो उसके बॉयफ्रेंड के साथ कई फोटो मिले। मैंने उसे पास बुलाया।

“क्या है, मामाजी?” वो हंसकर बोली।

“भांजी, ये सब क्या है?” मैंने उसे बॉयफ्रेंड की फोटो दिखाते हुए पूछा।

आप यह Mama Bhanji Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

“मामा… वो… वो…” दीपा के होंठ सिल गए।

“तेरे बॉयफ्रेंड ने तुझे चोदा भी है क्या?” मैंने सीधे पूछ लिया।

“नहीं… अभी तो हमारा नया-नया प्यार है!” वो शरमाते हुए बोली।

मेरा दिमाग कपटी कंस मामा की तरह चलने लगा। इसका मतलब दीपा अभी कुंवारी थी। मेरा लंड ये सोचकर और सख्त हो गया। मैंने नाटक शुरू किया।

“मैं जा रहा हूं… तेरी मम्मी को ये फोटो दिखाने!” मैंने बनावटी गुस्से में कहा।

“नहीं, मामा जी, नहीं! आपको मेरी 、म! आप जो कहेंगे, मैं करूंगी, लेकिन मम्मी को ये फोटो मत दिखाओ!” दीपा घबराकर बोली।

“भांजी… बुर देगी?” मैंने प्रेम चोपड़ा के अंदाज में होंठ घुमाते हुए कहा।

वो मुझे नफरत भरी नजरों से देखने लगी। शायद उसके दिल में मेरे लिए जो प्यार था, वो खत्म हो चुका था। वो चुपचाप खड़ी रही, कुछ बोल नहीं पा रही थी। उसका चेहरा लाल हो गया, आंखों में डर और गुस्सा साफ दिख रहा था।

“ठीक है, दूंगी… लेकिन प्लीज मम्मी को ये फोटो मत दिखाना, मामा जी!” आखिरकार उसने हार मानते हुए कहा।

मेरी दीदी अपने कमरे में गहरी नींद में थीं। मैंने दीपा को अपने कमरे में बुलाया और दरवाजा बंद कर लिया। उसने लाल टॉप और सफेद लोअर्स पहन रखे थे। मैंने उसे अपने बिस्तर पर बुलाया और अपनी बाहों में भर लिया। “वाह… मेरी किस्मत तो तेज है जो मैं राखी बंधवाने आगरा आ गया,” मैंने मन में सोचा।

आप यह Mama Bhanji Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

अब जी भरकर अपनी भांजी को चोद-चोदकर इसका यौवन रस लूटूंगा। मैंने दीपा को बाहों में कस लिया और उसके नए-नए जवान हुए होंठों को चूमने लगा। उफ्फ… दीपा कितनी मस्त माल लग रही थी। उसके होंठ जैसे शराब के प्याले थे। मैं उसके मुंह पर मुंह रखकर उसके लब चूसने लगा। मेरे अंदर का जानवर जाग चुका था।

इसे भी पढ़ें   मौसेरी बहन की करी ज़ोरदार चुदाई | Xxx Hot Cousin Sex Kahani

“मामा… ये गलत है… अगर मम्मी को पता चल गया तो?” दीपा ने हिचकते हुए कहा, उसकी आवाज में डर था।

“अरे, भांजी, कुछ नहीं होगा। तू बस मजे ले, मम्मी को कुछ नहीं पता चलेगा,” मैंने उसे तसल्ली दी।

मैं २८ साल का मर्द था, और वो १९ साल की कच्ची कली। आज इसकी चूत को अपने लौड़े से रगड़कर चोदूंगा, मैंने मन में ठान लिया। मैंने दीपा का लाल टॉप और लोअर उतार दिया। वो काली ब्रा और पैंटी में थी। उसका जिस्म महक रहा था, जैसे कोई ताजा फूल। वो अब बच्ची नहीं थी; १९ साल की जवान लौंडिया थी, चुदवाने को तैयार।

उसकी छाती ३४ इंच की थी, और उसके मम्मे मुझे ललचा रहे थे। उसका जिस्म कैटरीना कैफ जितना मस्त था, सर से पांव तक भरा हुआ। मैंने अपनी टी-शर्ट, जींस और अंडरवियर उतार फेंके। दीपा के ऊपर लेट गया और उसके होंठ पीने लगा। वो भी जवान थी, उसे भी मजा आ रहा था, लेकिन उसकी आंखों में अब भी हल्का डर था।

“मामाजी… धीरे… मुझे डर लग रहा है,” उसने सिसकते हुए कहा।

“अरे, मेरी रानी, डरने की कोई बात नहीं। मामा तुझे सिर्फ प्यार देगा,” मैंने उसे पुचकारा।

मैंने उसके मम्मों पर हाथ रखा और तेज-तेज उसके होंठ चूसने लगा। धीरे-धीरे हमारा तालमेल बैठ गया। दीपा अब खुलकर मेरे होंठ चूस रही थी। हमने एक-दूसरे के मुंह में जीभ डाल दी और मजे से चूसने लगे। वो धीरे-धीरे खुल रही थी, लेकिन उसकी शर्म और हिचक अभी भी बाकी थी। कई मिनटों तक हमारा गरमागरम चुम्मा चलता रहा।

दीपा ने खुद अपनी ब्रा के हुक खोले और उसे उतार फेंका। उफ्फ… उसके सफेद, भरे हुए मम्मे मेरे सामने थे, जैसे ताजे आम। “मेरी भांजी इतनी गजब की माल हो गई,” मैंने सोचा। मैंने अपने दोनों पंजे उसके मम्मों पर रखे और जोर-जोर से दबाने लगा। मैंने ५-६ लौंडियां चोदी थीं, लेकिन दीपा सबसे मस्त थी।

“मामाजी… धीरे… दुखता है,” उसने सिसकते हुए कहा।

आप यह Mama Bhanji Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

“बस, भांजी… थोड़ा और, फिर तुझे मजा आएगा,” मैंने कहा।

मैं उसके मम्मों को कस-कसकर दबाने लगा। उसके चुच्चे इतने खूबसूरत थे कि मेरा मन कर रहा था कि चोदूं न, बस इन्हें ताड़ता रहूं। “हायईई… ऊउउह… आआहह…” दीपा कसमसाने लगी। उसकी सिसकियां सुनकर मेरा लौड़ा और सख्त हो गया। मैंने लेटकर उसके स्तनों को चूसना शुरू किया।

उफ… मैं कितना किस्मत वाला था कि १९ साल की कुंवारी लौंडिया मुझे चोदने को मिल रही थी। मैंने दीपा का बायां मम्मा मुंह में लिया और चूसने लगा। कितने मीठे और नरम थे उसकी छातियां। आज इसे अपने १२ इंच के मोटे लंड से चोदकर इसका यौवन रस लूटूंगा, मैंने सोचा।

“आआआह्ह्ह… ईईई… ओह्ह्ह… अई… मम्मी…” दीपा चिल्ला रही थी। वो कसक रही थी, लेकिन उसकी सिसकियों से साफ था कि उसे भी मजा मिल रहा था। मैंने उसके बाएं मम्मे को पूरा मुंह में भरा और चूसने लगा। इतने रसीले मम्मे मैंने पहले कभी नहीं चूसे थे। फिर मैंने दायां मम्मा चूसना शुरू किया। कुछ देर बाद दीपा ने खुद अपनी काली पैंटी उतार दी।

“भांजी… आ, मेरा लौड़ा चूस!” मैंने कहा और बिस्तर पर लेट गया।

“मामाजी… मुझे ये गंदा लगता है,” उसने हिचकते हुए कहा।

“अरे, भांजी, शुरू में सब यही कहती हैं, लेकिन बाद में मजा आता है। चल, आजमा के देख,” मैंने उसे ललकारा।

बेमन से दीपा मेरे ऊपर झुकी और मेरा १२ इंच का लौड़ा हाथ में लेकर फटकने लगी। मुझे खुशी थी कि उसकी कुंवारी चूत की सील मैं तोड़ूंगा। उसने बड़ा मुंह बनाकर मेरा लौड़ा अपने मुंह में लिया और चूसने लगी। मैंने उसके मम्मों को दबाना शुरू किया और उसकी निपल्स को उंगलियों से मसलने लगा। धीरे-धीरे उसे जोश चढ़ रहा था।

“हां, भांजी… ऐसे ही चूस… और जोर से!” मैंने कहा।

कुछ देर बाद उसे लंड चूसने में मजा आने लगा। वो दिल लगाकर चूस रही थी। मेरा लौड़ा अब पूरी तरह सख्त हो गया था। उसके रसीले होंठ मेरे लौड़े पर ऊपर-नीचे दौड़ रहे थे। मैं जवानी का मजा ले रहा था। दीपा ने करीब ४० मिनट तक मेरा लंड चूसा और हाथ से फटका। फिर मैं उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूत पर मुंह रख दिया।

इसे भी पढ़ें   ऑफिस के बॉस ने माँ को पेल दिया-2। Hot Mom Office Sex Stories

आप यह Mama Bhanji Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

दीपा की चूत बिल्कुल कुंवारी और साफ थी। उसने अपनी झांटें अच्छे से सजाई थीं। मुझे झांटों वाली चूत चोदना पसंद नहीं। मैं देर तक उसकी चूत का दीदार करता रहा। मेरे जीजा ने दीदी को चोदकर दीपा को पैदा किया, और आज वो मेरे लौड़े से चुदने जा रही थी। मैंने उसकी चूत के दाने को चूसना शुरू किया।

“…मम्मी… मम्मी… सी सी सी… हा हा हा… ऊँ… ऊँ… उनहूं…” दीपा सिसकने लगी।

मैं उसकी चूत के दाने को खा जाना चाहता था। फिर मैं नीचे गया और उसकी फुद्दी के होंठ चूसने लगा। “…उई… उई… माँ… ओह्ह्ह… अहह्ह्ह…” दीपा अपनी गांड उठाने लगी। उसकी चूत गीली हो चुकी थी, और मैंने उसका रस चाट लिया। अचानक उसका शरीर अकड़ गया, और वो जोर से सिसकने लगी। “…आआआह… मामा… कुछ हो रहा है…!” उसकी चूत से पानी की पिचकारी छूटी, और वो स्क्विर्ट कर गई। मैंने उसका सारा रस पी लिया।

“वाह, भांजी… तू तो माल है!” मैंने हंसते हुए कहा।

“मामाजी… ये क्या था… मुझे तो शर्मिंदगी हो रही है,” उसने शरमाते हुए कहा।

“अरे, ये तो मजा है… अब असली खेल शुरू होगा,” मैंने कहा।

“भांजी… अब तैयार हो जा… मामा तेरी चूत की सील तोड़ेगा,” मैंने कहा।

“मामाजी… धीरे… मुझे डर लग रहा है। और… प्रोटेक्शन?” उसने घबराते हुए पूछा।

“अरे, भांजी, टेंशन मत ले। मेरे पास कंडोम है,” मैंने कहा और बटुए से कंडोम निकाला। मैंने उसे दिखाया ताकि वो निश्चिंत हो जाए।

मैंने कंडोम पहना और अपना मोटा १२ इंच का लौड़ा उसकी चूत के दरवाजे पर रखा। मैंने धीरे से धक्का मारा। पहली कोशिश में ३ इंच अंदर घुस गया। “आऊ… आऊ… हमम्म… अहह्ह्ह… सी सी सी…” दीपा जोर से चिल्लाने लगी। उसकी चीख से डर था कि दीदी जाग जाएंगी। मैंने तुरंत उसका मुंह अपने हाथ से बंद कर दिया। “श्श्श… चुप, भांजी… मम्मी जाग जाएगी!” मैंने फुसफुसाते हुए कहा।

आप यह Mama Bhanji Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

वो दर्द से तड़प रही थी, उसकी आंखों में आंसू आ गए। मैंने कुछ देर के लिए रुका और उसका मुंह धीरे से छोड़ा। “मामाजी… निकालो… बहुत दुख रहा है!” वो रोने लगी।

“बस, भांजी… थोड़ा बर्दाश्त कर… अब मजा आएगा,” मैंने उसे पुचकारा।

२ मिनट बाद मैंने फिर धक्का मारा, और मेरा लंड १२ इंच अंदर चला गया। “…मामा… ऊ… ऊ… अहह्ह्ह… सी सी सी… हा हा हा…” दीपा फिर चिल्लाई, लेकिन इस बार मैंने उसका मुंह तकिए से दबा दिया, सिर्फ कुछ सेकंड के लिए, ताकि उसकी आवाज बाहर न जाए। मैंने देखा कि उसकी चूत से हल्का खून निकल रहा था। वो दर्द से तड़प रही थी। मैंने उसके होंठ चूसना शुरू किया ताकि उसका ध्यान बंटे।

“मामाजी… धीरे… पहली बार है,” उसने सिसकते हुए कहा।

“हां, मेरी रानी… अब आराम से चोदूंगा,” मैंने कहा।

८-१० मिनट बाद उसका दर्द कम हुआ। मैंने धीरे-धीरे कमर हिलानी शुरू की। उसकी सिसकियां अब मजे में बदल रही थीं। “ऊ… ऊ… आह…” वो आवाजें निकाल रही थी। मैंने उसे तेज-तेज पेलना शुरू किया। दीपा ने अपनी जांघें मोड़कर घुटने ऊपर उठाए। मैंने उसकी कमर पकड़कर उसे ठोंकना शुरू किया।

“…उई… ऊ… आआआ… सी सी सी… ऊँ… ऊँ…” दीपा की आवाजें तेज हो रही थीं।

“हां, भांजी… ले मेरा लौड़ा… तेरी चूत को आज मजा दूंगा!” मैंने चुदासी में कहा।

मैंने उसकी कमर कसकर पकड़ी और उसे सम्भोग का पूरा मजा दे रहा था। उसकी चूत अब खुल गई थी, और मेरा लौड़ा आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था। मैंने उसे मिशनरी पोजीशन में चोदा, फिर उसे घुमाकर डॉगी स्टाइल में किया। उसकी गोल गांड मेरे सामने थी, और मैंने उसके कूल्हों को पकड़कर जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए।

“हां, भांजी… तेरी गांड कितनी मस्त है… ले मेरा लौड़ा… तेरी चूत को रगड़-रगड़कर चोदूंगा!” मैंने चुदासी में कहा।

आप यह Mama Bhanji Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

“मामा… आह… हां… चोदो… मेरी चूत को फाड़ दो!” दीपा भी चुदासी होकर चिल्लाई।

“बता, भांजी… तेरा क्रश कौन है? किसके लंड का सपना देखती है?” मैंने डॉगी स्टाइल में धक्के मारते हुए पूछा।

“मामा… ऊ… ऊ… मेरे कॉलेज का एक लड़का… राहुल… उसकी बॉडी… आह… बहुत मस्त है,” उसने सिसकते हुए कहा।

इसे भी पढ़ें   बॉयफ्रेंड ने चूत की सील तुड़वाने का ईनाम दिया

“और? कोई गंदा सीक्रेट बता… तू पोर्न देखती है ना? किस तरह की?” मैंने और जोश में आकर पूछा।

“हां… मामा… मैं… आह… इन्सेस्ट पोर्न देखती हूं… मामा-भांजी वाली… और ग्रुप सेक्स… ऊ… मुझे वो बहुत गर्म करता है…!” उसने शरमाते हुए, लेकिन चुदासी में खुलकर कहा।

“वाह, मेरी रंडी भांजी… अगर मैं तेरे लिए ग्रुप सेक्स का जुगाड़ करूं, तो चुदेगी क्या?” मैंने तेज धक्के मारते हुए पूछा।

“हां… मामा… आह… अगर तुम जुगाड़ करो… तो मैं… ऊ… सबके लंड लूंगी…!” उसने चुदासी में चिल्लाते हुए कहा।

“किस-किस से चुदवाएगी, बता? तेरी चूत को कितने लंड चाहिए?” मैंने और जोर से उसकी चूत में धक्के मारते हुए पूछा।

“मामा… ऊ… मैं… राहुल और उसके दोस्तों से… और… उनके बड़े भाइयों से… आह… सबके लंड एक साथ… मेरी चूत और गांड में…!” दीपा ने गंदे राज खोलते हुए कहा।

“हां, मेरी चुदक्कड़ भांजी… तू तो पूरी रंडी है… तेरी चूत को तो मैं और मेरे दोस्त मिलकर फाड़ेंगे!” मैंने चिल्लाते हुए कहा।

आप यह Mama Bhanji Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

उसी वक्त दीपा का शरीर अकड़ गया। “…आआआह… मामा… फिर से…!” उसकी चूत से फिर पानी की धार छूटी, और वो स्क्विर्ट कर गई। बिस्तर गीला हो गया। मैंने उसके कूल्हों को और कसकर पकड़ा और तेज-तेज धक्के मारने लगा।

मैंने उसे कुतिया बनाकर उसकी चूत में तेज-तेज धक्के मारे। उसके मम्मे जोर-जोर से हिल रहे थे। फिर मैंने उसे अपनी गोद में बिठाया और लंड उसकी चूत में डालकर ऊपर-नीचे करने लगा। “…आआआ… अई… ईईई… मामा… फक माय पुसी… हार्ड!” वो चिल्लाई।

“हां, मेरी रानी… ले मेरा लौड़ा… तेरी चूत फाड़ दूंगा!” मैंने जवाब दिया।

उसकी सिसकियां मुझे पागल कर रही थीं। मैंने उसे रिवर्स काउगर्ल पोजीशन में भी चोदा। उसकी पतली कमर मेरे हाथों में थी। सच में, ऐसी कच्ची कली को चोदने का मौका कम ही मिलता है। मैं तेज-तेज धक्के मार रहा था। एक बार फिर दीपा का शरीर अकड़ गया। “…आआआह… मामा… फिर…!” वो तीसरी बार स्क्विर्ट कर गई, और उसकी चूत का पानी मेरे लंड पर बहने लगा।

“वाह, भांजी… तू तो कमाल है!” मैंने हंसते हुए कहा।

मैंने उसे फिर मिशनरी में लिटाया और तेज-तेज धक्के मारे। “…आआआह्ह्ह… अई… मर गई… मामा जी!” वो चिल्लाई। इसी बीच मैं झड़ गया, लेकिन कंडोम की वजह से सब सुरक्षित रहा। मैं दीपा पर गिर गया और उसके होंठ चूसने लगा।

“भांजी… कैसी लगी मामा की ठुकाई?” मैंने हांफते हुए पूछा।

“मस्त… बहुत मस्त!” वो शरमाते हुए बोली।

हम दोनों पसीने से तर थे। आधे घंटे बाद मेरा मन उसकी गांड मारने का हुआ। “भांजी… अब तेरी गांड की बारी,” मैंने कहा।

“मामाजी… गांड में? वो तो बहुत दुखेगा!” उसने डरते हुए कहा।

आप यह Mama Bhanji Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

“अरे, डर मत… मैं ल्यूब इस्तेमाल करूंगा, और धीरे-धीरे करूंगा,” मैंने उसे समझाया।

मैंने ल्यूब्रिकेंट लिया और अपने लंड पर लगाया। उसे कुतिया बनाया और धीरे-धीरे उसकी गांड में लंड डाला। “…आआह… मम्मी… धीरे…!” वो चिल्लाई। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारे। सवा घंटे तक मैंने उसकी गांड मारी, और उसका छेद बड़ा हो गया। उसे ६ दिन तक मैंने अलग-अलग पोजीशन में चोदा और फिर इलाहाबाद लौट आया।

१ हफ्ते बाद उसका फोन आया। “मामाजी… मेरा पेट तो नहीं बढ़ेगा न? तुमने तो कंडोम यूज किया था न?” उसने डरते हुए पूछा।

“हां, भांजी, टेंशन मत ले। मैंने कंडोम यूज किया था। तू बिल्कुल सेफ है,” मैंने उसे आश्वासन दिया।

दोस्तों, आपको मेरी भांजी की चुदाई की ये कहानी कैसी लगी? अपनी राय जरूर बताएं!

Related Posts

Report this post

1 thought on “भांजी की रसीली चुत और गांड मजे से लुटा”

Leave a Comment