सगी मां के साथ मेरा पहला यौन संबंध। Apni Maa Ki Chudai Kahani

मैं Apni Maa Ki Chudai Kahani करना चाहता था, लेकिन पापा एक दुर्घटना में मर गया। मुझे घर की सारी जिम्मेदारी लेनी पड़ी। मेरा सपना था कि मैं अपनी माँ के बदन से मज़ा लेता था, लेकिन क्या हुआ?

नमस्कार, मैं पवन औरंगाबाद से आपके लिए एक बार फिर अपनी कहानी लाया हूँ।

मेरी पिछली कहानी

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मैंने उनकी चुदाई देखने की बहुत कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुआ। बाद में हम एक और घर में शिफ्ट हो गए। वहां जाने के बाद भी मुझे मौका नहीं मिला, इसलिए मैंने एक उपाय खोजा।

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Maa Ki Chudai Kahani Hindi Me

मैंने अपने घर के सभी खिड़की और दरवाजे पर छेद कर दिए। मैंने एक दिन दोपहर को अपनी मां और पापा को चुदाई करते हुए देखा। उस दिन से मैं अपनी मां को वैसे ही चुदाई करने के सपने देखने लगा।

मेरे पिता का एक्ससीडेंट होने के कारण वह दिन-प्रतिदिन कमजोर होते गए। सिर पर चोट लगने के बाद वह बच नहीं पाये। पापा की मृत्यु के बाद अब घर की जिम्मेदारी मेरी थी। मेरी बहन मुझसे छोटी थी और ही मुझे घर चलाना था।

अब मुझे घर चलाने के लिए पैसे कमाना था। मैं अपनी पढ़ाई छोड़कर नौकरी करने लगा। अब घर का सारा वातावरण बदल गया था। घर में आमदनी कम थी, लेकिन पिता का डर अब नहीं था।

अब घर की पूरी जिम्मेदारी मेरे ऊपर आने के बाद मुझसे ही सभी छोटे-बड़े निर्णय किए जाते थे। अब मेरी मां मेरे साथ रहती है जैसे मैं उनका पति हूँ। हर बात में वह मुझसे ही पूछती थी।

हम तीनों ने एक छोटा और सस्ता घर किराये पर लेने का विचार किया क्योंकि हम बड़े घर का किराया नहीं दे सकते थे क्योंकि हमें पैसे की कमी थी। उस बड़े घर का खर्च अब भी हम नहीं उठा सकते थे।

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हम जल्दी से एक छोटा घर खोज निकाले। वह घर बहुत छोटा था, बस एक कमरा था। हम तीनों एक छोटे घर में शिफ्ट होने के बाद एक ही कमरे में सोते थे। मैं पलंग पर सो गया। मां मेरी बगल में सोती थी और दीदी नीचे सोती थी।

मैं अब आसानी से अपनी मां के बदन के मजे ले सकता था क्योंकि अब वह मेरी बगल में सोती थी। उनके शरीर को मैं देखता रहता था। एक रात मैं लेटा हुआ था। मुझे अभी गहरी नींद नहीं आई।

कुछ देर बाद मुझे कुछ हलचल हुई। मैंने मुंडी घुमाकर देखा कि मां का हाथ हिल रहा था। ध्यान से देखने पर मां का हाथ सामने था।

उनका हाथ लगातार चल रहा था और उनकी पीठ मेरी तरफ थी। मैंने देखा कि मां अपनी चूत में उंगली डाल रही है। मेरा लंड इसे देखते ही खड़ा हो गया। क्योंकि उनका मुंह दूसरी ओर था, मां को पता नहीं चल रहा था कि मैं ये सब देख रहा हूँ।

मैं भी अपने कच्छे से अपना लंड निकालकर उसकी मुठ मारने लगा। मां की हरकत देखकर मेरा लंड पूरी तरह उत्साहित हो गया। मैंने सोचा कि आज मुझे मां की चूत चोदने का एक अच्छा अवसर मिल गया है।

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मैं नियंत्रण खो रहा था और मां की चूत में लंड डालने का विचार कर रहा था। मैंने मां का हाथ पकड़ लिया जब वह अपनी चूत को सहला रही थी।

वह चौंक गई जब मैंने उनके हाथ पकड़ा। मेरे हाथ को तुरंत झटक दिया। जब वे मेरी तरफ घूमी और अपनी साड़ी को नीचे किया, उनका हाथ गलती से मेरे खड़े हुए लंड पर पड़ा।

उन्होंने मेरे लिंग को गलती से पकड़ लिया। जब वे जानती थी कि मेरा लंड उनके हाथ में था, उन्होंने उसे तुरंत ऐसे छोड़ दिया जैसे हाथ में सांप हो।

धीमी आवाज में उन्होंने मुझसे पूछा, “यह क्या है? क्या कर रहा था तू?”

मैंने कहा कि मैं भी वही कर रहा हूँ जो आप कर रहे हैं।

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मेरा लंड झटके दे रहा था जब माँ ने मेरा लंड देखा।

“हरामी, इसे ढक ले।”

मैं लंड को हिलाता रहा और उनकी बात नहीं सुनी। आज तो मैं मां के सामने मुठ मारने में खुश था। मैं उनको गर्म करना चाह रहा था, लेकिन मेरे लंड से वीर्य छूट गया।

मैं मां की ओर देख रहा था। जैसे ही मेरे लंड से वीर्य छूटा, पिचकारी सीधे मां के हाथ और पेट पर गिरी।

वह क्रोधित होकर पूछा: “हो गया नालायक?” मैं तुम्हारी माता हूँ। तुम्हारे मन में कोई शर्म नहीं है।

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मैंने वीर्य निकाल दिया था, लेकिन अब मुझे अपने आप पर शर्म आ रही थी। मैं अपनी पैंट उठाने लगा।

धीरे-धीरे मां ने बाथरूम की ओर इशारा किया और कहा, जाकर धो ले।

मैं पैंट पहने हुए उठकर बाथरूम की ओर भागा। अब मुझे बहुत सॉरी लग रहा था। मैं मां का सामना कैसे करूँ? मैंने अंदर जाकर अपना लंड धोया और सोचा कि मां के सामने कैसे जाऊँ।

मैं किसी तरह बाहर आया और चुपचाप आकर बेड पर लेट गया। उसने अपने हाथ और पेट भी धोया।

“कोई बात नहीं, तुम्हारी उम्र में ये सब हो जाता है,” उन्होंने कहा और मेरे कंधे पर हाथ रखा।

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फिर उन्होंने मेरे बालों में हाथ फिराने लगी और मेरे सिर को अपनी गोद में पकड़ा।

“देख बेटा, ये सब अभी तुम्हारे लिए अच्छा नहीं है,”माँ ने कहा। हम लोगों के पास अभी भी बहुत सी समस्याएं हैं। मैंने यह सब तुम्हारे पिता के साथ किया था। तुम्हारे पिता ने मुझे ये आदत दी थी। तुम्हारी मां हूँ, ऐसा करना ठीक नहीं है। पाप की तरह लगता है। लेकिन आगे से इसका ध्यान रखना। अब सो जाओ।

मैं उनकी गोद में सिर डालकर उनकी धड़कन भी सुन सकता था। उनके मांसल बूब्स मेरे चेहरे से टकरा रहे थे। यह सब सुनकर मेरा लिंग फिर से खड़ा हो गया। शायद मां को भी पता चला था कि मेरा लंड खड़ा है। लेकिन उसने कुछ नहीं कहा और सो गई।

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उस दिन से सब कुछ बदल गया था। मैं अब माँ से दूर रहने लगा। रात को सोने का स्थान भी बदल गया था। अब मैं अकेले पलंग पर सोने लगा। मां नीचे सोती थी और दीदी उनके बाजू में सोती थी। रोज रात को मैं अपनी मां को देखकर मुठ मारता था।

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एक रात मां बहुत गहरी नींद में सो गई। उनकी गहरी नींद के कारण उनकी साड़ी का भी ध्यान नहीं था। उसकी साड़ी घुटनों तक ऊपर सरक गई।

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मेरा लंड खड़ा हो गया जब मैंने देखा कि माँ की साड़ी उठी हुई है। मैं ऐसे ही लेटे हुए एक हाथ नीचे लटका रहा था। मैं अपने लंड को एक हाथ से मुठ मार रहा था। मैंने उनकी साड़ी को नीचे वाले हाथ से धीरे-धीरे ऊपर तक उठाया।

मेरी उत्तेजना बढ़ती गई जैसे-जैसे साड़ी उठती गई। जैसे ही मां की साड़ी उनके पेट पर पहुंच गई, मैंने मां की चूत को देखा। यह पहली बार था कि मैं अपनी मां की चूत को इतने करीब से देखा था।

मैं तेजी से मुठ मारने लगा। फिर मुझे लगता था कि मैं वीर्यहीन हो जाऊँगा। मैं अभी भी अपनी मां के सुंदर शरीर का आनंद लेना चाहता था। मैं मुठ मारना छोड़ दिया। धीरे-धीरे मैंने उनकी चूत को छूकर देखा, जो बहुत मुलायम थी।

मैंने हल्के हाथ से मां की चूत को सहलाना शुरू किया। मैं साथ में इस बात का भी ध्यान रख रहा था कि कहीं मां की नींद न टूट जाए और सारा मनोरंजन व्यर्थ न हो जाए। मैं उनकी चूत को आहिस्ता से छेड़ता रहा। मेरा लंड फटने को था।

मैं अब नहीं रुका। मैंने हाथ फेरते हुए अपनी बड़ी उंगली उनकी चूत में डालने का प्रयास किया। धीरे-धीरे मैंने मां की चूत में उंगली डाली।

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मैं अब और अधिक साहस से उनकी चूत में उंगली चलाने लगा। चूत में उंगली चलाना बहुत अच्छा लगा। जैसे मैं किसी मक्खन से भरी कटोरी में हाथ डाल रहा हूँ। मैं एक या दो मिनट तक उनकी चूत में उंगली डालता रहा।

फिर मैंने देखा कि उसकी चूत से कुछ गीला निकलने लगा। मेरा उत्साह इसे देखकर बढ़ गया। मैंने भी धीरे-धीरे अपनी दूसरी उंगली उसकी चूत में डाली। मैंने उनकी चूत में बहुत सावधानी से उंगली चलाना शुरू किया।

इस समय मां की सांसें बहुत तेजी से चलने लगीं। मैं जानता था कि शायद मां कोई सपना देख रही है। वह शायद सपने में किसी से चुदवा रही होगी। इसलिए दो बार चूत में उंगली डालने पर भी वह जाग नहीं रही थी। अब मैं काफी साहसी हो गया था।

मैंने अब मां के पैरों को फैलाना शुरू किया। धीरे-धीरे मैं नीचे उतर गया। मैंने अपने लंड को हाथ में लेकर उनकी चूत पर लगाकर उनके पैरों को फैला कर देखा।

मैं पागल हो गया जब माँ की चूत पर लंड लगाया। मुझे इतना मजा आया कि मैं इसे आपको बता नहीं सकता। मैंने उनकी चूत पर अपने फनफनाते लंड को और अधिक दबाया। मैं और अधिक खुश हुआ। ऐसे ही मैं उनकी चूत पर अपना लंड रगड़ता रहा।

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मां की चूत का चिपचिपा पानी मेरे लंड पर भी लगा। मैं अब अपने आप को अपनी मां की चूत में लंड डालने से नहीं रोक सका। मैं अपने लंड को उनकी चूत में किसी भी कीमत पर डाल देना चाहता था। मैंने हिम्मत करके लंड को अंदर डाल दिया।

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लंड में घुसते ही मुझे इतना मजा आया कि मैं हवा में उड़ने लगा। उसकी चूत बहुत गर्म थी। लंड अंदर जाने पर मुझे बहुत खुशी हुई।

मैं जिस चूत से जन्म लिया था, उसी चूत में लंड डालकर मजा लेने का अनुभव निराला था। अब मैं धीरे-धीरे अपने लंड को अपनी मां की चूत में घुसाने लगा, बहुत आराम से। लंड को बाहर निकालने में इतना मज़ा आ रहा था कि लिखने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं।

यह मेरी सगी मां के साथ मेरा पहला यौन संबंध था। अब मेरी स्पीड बढ़ने लगी। मैं अब अधिक देर नहीं टिक सकता था। उत्तेजना से मैं झड़ने के करीब पहुंच गया।

मेरे लंड ने फनफनाते हुए इतनी जोर से पिचकारी छोड़ी कि मां की चूत में वीर्य की धार अंदर तक जा लगी। जब मैं मुठ मारता था, तो मेरे लंड से 1-2 पिचकारी ही जोर से निकलती थी। जब मां की चुत में वीर्य निकला तो लंड ने पांच-छह पिचकारी जोर से मारी। मैं बहुत खुश था।

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मैंने अपनी मां की चूत से अपना सारा माल निकाल दिया। उनका चेहरा देखते हुए मुझे बहुत मजा आ रहा था, मेरे लंड में झटके लग रहे थे, और मैंने अपनी मां की चूत में पूरा माल निचोड़ दिया।

मां का चेहरा अद्भुत था। मैं उनके होंठों को चूसने की इच्छा कर रहा था। लेकिन जब मैं ऐसा करता तो वह जाग जाती। बगल में भी दीदी सो रही थी। मैं इसलिए ऐसा नहीं कर सकता था।

तब मैं उठकर बेड पर लेट गया। जब मैंने नीचे झांककर देखा तो मैंने देखा कि मेरी मां की चूत से मेरा वीर्य टपक रहा था। ये देखकर मुझे बहुत खुशी हुई।

उसके बाद मैं लेट गया और अपनी सफलता से खुश होकर सो गया। जब मैंने मां की ओर देखा, तो उनके चेहरे पर हल्की मुस्कान आ गई। माँ के चेहरे पर मुस्कान देखकर मैं फिर सो गया।

प्रिय, कृपया अपने विचार मुझे बताएं कि आपको मेरी Apni Maa Ki Chudai Kahani कैसी लगी। मेरे विचार इस घटना के बाद बदल गए। अब मैं अपनी मां से प्यार करने लगा। आपके साथ ऐसा कभी हुआ है तो मुझे अपने मैसेज से बताएं। नीचे दी गई ईमेल आईडी पर भी मुझे मेल कर सकते हैं।

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