अकेली बहु ने घर के सभी लंड संभाले – 2

कहानी का पिछला भाग: अकेली बहु ने घर के सभी लंड संभाले 1

ससुर जी पायल के ऊपर चढ़े हुए थे, उनका भारी बदन पायल को बिस्तर में दबा रहा था। उनका झड़ा हुआ लंड फिर से पायल की चूत में धक्के मार रहा था, जैसे उनकी हवस का कोई अंत न हो। पायल की साँसें उखड़ रही थीं, उसका बदन पसीने से तर था, और कमरे में चूत और लंड के रस की गंध फैली हुई थी।

“ओफ्फ… कब से चोद रहे हो आप लोग… कम से कम एक बार बाथरूम तो जाने दो, ससुर जी… पेशाब आया है!” पायल ने सिसकारते हुए कहा, ससुर जी के हर धक्के से उसका बदन हिल रहा था।

“तुम्हें कहीं जाने की ज़रूरत नहीं, बहु। हम हैं ना,” ससुर जी ने हाँफते हुए जवाब दिया, उनके माथे पर पसीना चमक रहा था। फिर उन्होंने रोहित की ओर देखकर कहा, “रोहित बेटा, जा ज़रा बाल्टी ले आ।”

रोहित पलंग से उतरा, उसके नंगे बदन पर चुदाई की थकान साफ दिख रही थी। वो बाथरूम में गया और एक नीली प्लास्टिक की नहाने वाली बाल्टी उठा लाया। उसने बाल्टी को पलंग के बगल में ज़मीन पर रख दिया और पायल की ओर देखकर मुस्कुराया।

इधर, ससुर जी ज़ोर-ज़ोर से पायल को पेल रहे थे। अचानक उनका बदन अकड़ गया। उन्होंने अपना लंड पायल की चूत से बाहर खींचा, उसे उसकी फूली हुई चूत पर रखा, और उसके बदन पर गिरकर लिपट गए। उनके लंड से इस बार सिर्फ़ तीन-चार बूँद गाढ़ा वीर्य निकला, जो पायल की चूत पर फैल गया। पायल ने ससुर जी के बालों को सहलाया, उनकी साँसें अभी भी तेज़ थीं।

पायल ने ससुर जी के भारी बदन को धीरे से अपने ऊपर से हटाया। वो लेटे हुए नीरज के ऊपर से होती हुई पलंग से उतरी। ज़मीन पर रखी बाल्टी के ऊपर वो ऐसे बैठ गई, जैसे वेस्टर्न टॉयलेट पर बैठते हैं। उसकी टाँगें फैली हुई थीं, और उसकी चूत अभी भी गीली थी।

रोहित ने पास खड़े होकर पायल को सहारा दिया, ताकि वो असंतुलित होकर न गिरे। पायल को इतनी ज़ोर से सुसु लगी थी कि बाल्टी पर बैठते ही उसकी चूत से छर-छर की आवाज़ के साथ पेशाब की धार निकल पड़ी। गर्म पेशाब बाल्टी में गिर रहा था, और उसकी आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। पायल ने आँखें बंद कर लीं, जैसे उसे सुकून मिल रहा हो।

पेशाब करने के बाद पायल उठी। रोहित तुरंत बाल्टी के पास खड़ा हो गया, अपना लंड पकड़कर पेशाब करने की कोशिश करने लगा। पायल ने देखा कि रोहित का लंड अभी-अभी झड़ने के बाद फिर से ठनक गया था, जिससे उसका पेशाब नहीं निकल रहा था। पायल को हँसी आ गई।

“देवर जी, लगता है तुम्हारा माल ठीक से नहीं गिरा। आओ, और थोड़ा चोद लो!” पायल ने शरारती अंदाज़ में कहा। वो पलंग के किनारे पर अपनी गाँड़ टिकाकर बैठ गई और अपनी मोटी जाँघें खोल दीं। उसकी चूत पर पेशाब की बूँदें मोतियों की तरह चमक रही थीं।

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रोहित खुशी से पायल की जाँघों के बीच घुस गया। उसने पायल की करधनी को दोनों हाथों से पकड़ा, जैसे वो उसका सहारा हो। बिना चूत को साफ किए, उसने अपना लंड पायल की गीली चूत में पेल दिया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। पायल की सिसकारियाँ फिर से कमरे में गूँजने लगीं।

इधर, नीरज और ससुर जी उठे। दोनों ने बारी-बारी बाल्टी में पेशाब किया। ससुर जी का लंड अभी भी हल्का सख्त था, जबकि नीरज का पूरी तरह ढीला पड़ चुका था। पेशाब करने के बाद दोनों वापस पलंग पर लेट गए, जैसे उनकी सारी ताकत चुदाई में निकल गई हो।

रोहित करीब छह मिनट तक पायल को पेलता रहा। उसकी साँसें तेज़ हो गईं, और उसे अपने लंड में वीर्य का उबाल महसूस हुआ। उसने अपना लंड बाहर निकाला और बाल्टी के ऊपर मूठ मारकर अपना गाढ़ा माल गिरा दिया। उसका लंड जल्दी ही ढीला पड़ गया, और अब उसने बाल्टी में पेशाब भी कर लिया। फिर वो पलंग पर चढ़कर नीरज और ससुर जी के पास लेट गया।

पायल अब बाल्टी के ऊपर खड़ी हो गई, उसकी टाँगें फैली थीं। उसने अपना हल्का उभरा हुआ पेट दबाया, तो उसकी चूत से थोड़ा सा पानी टपका, लेकिन ज़्यादा नहीं निकला। उसने अपनी चूत को बिस्तर की चादर के कोने से पोंछा और फिर पलंग पर चढ़कर तीनों मर्दों के बीच लेट गई।

देवर जी, जेठ जी, और ससुर जी को नींद आ गई। कमरा पेशाब, चूत, और लंड के रस की मिली-जुली गंध से भरा था। पायल की आवाज़ से उनकी नींद टूटी। वो ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी थी, अपने लंबे काले बालों को कंघी से सँवार रही थी। उसका नंगा बदन अब भी उत्तेजक लग रहा था, लेकिन उसकी आँखों में थकान थी।

“लंच नहीं करना क्या? चलिए, उठिए,” पायल ने कहा, उसकी आवाज़ में हल्की सख्ती थी।

“यहीं ला दो ना, बहु,” ससुर जी ने आलसी अंदाज़ में कहा, अभी भी पलंग पर पड़े हुए।

“बिल्कुल नहीं। खाना तो डाइनिंग टेबल पर ही मिलेगा,” पायल ने तपाक से जवाब दिया। “आप लोग चलिए, मैं आती हूँ।”

तीनों मर्द ड्रॉइंग रूम में आए। उन्होंने वॉश बेसिन में हाथ धोए और डाइनिंग टेबल पर बैठ गए। पायल किचन से खाना लेकर आई, जो मालती ने सुबह बनाकर छोड़ दिया था। चारों उसी तरह नंगे बैठकर खाना खाने लगे, जैसे ये उनका रोज़ का रुटीन हो।

“बहुत भूख लगी है। आज थोड़ी ज़्यादा मेहनत हो गई,” नीरज ने पायल की चूत में उँगली डालते हुए कहा। फिर उसने अपनी उँगलियाँ सूँघीं और उसी हाथ से रोटी तोड़कर खाने लगा।

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“छी! तंग मत करो, जेठ जी। खाना खाओ,” पायल ने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा। उसने अपनी टाँगें क्रॉस करके चूत छुपा ली और खाने में ध्यान दिया।

लंच खत्म होने तक दोपहर के तीन बज गए। माहौल हल्का था, लेकिन हवा में अभी भी हवस की गर्मी थी।

“यार, ये सामूहिक संभोग का मज़ा ही अलग है। नशा सा लग गया,” ससुर जी ने खाने के बाद सिगरेट सुलगाते हुए कहा। “एक बार और करें, क्या कहते हो?”

“सामूहिक संभोग? अच्छा शब्द निकाला, ससुर जी,” पायल ने हँसते हुए कहा। फिर नाटकीय ढंग से रोने वाला चेहरा बनाकर बोली, “आप लोग मुझे दोपहर को सोने भी नहीं देंगे क्या?”

“रात को सो लेना, पायल। वैसे भी रात को पराग तुम्हें हमारी तरह तंग नहीं करेगा,” नीरज ने मज़ाक किया। रोहित और ससुर जी हँस पड़े।

“धत्त! उनके बारे में कुछ मत बोलो। मैं कहे देती हूँ,” पायल झेंप गई। वो उठी और जूठे बर्तन उठाने लगी।

“चलो, भाभी। मैं मदद करता हूँ,” रोहित ने कहा और पायल के साथ बर्तन किचन तक ले गया।

किचन में दोनों ने बर्तन सिंक में रखे। पायल ने वॉश बेसिन से पानी लिया और अपनी चूत धो ली, जैसे ये उसका रोज़ का काम हो। कमरे में वापस आने पर उसने देखा कि ससुर जी और नीरज सोफे पर बैठे सिगरेट पी रहे थे।

“सोफे पर नहीं। गंदा हो जाएगा। बिस्तर तो गंदा कर ही दिया आप लोगों ने,” पायल ने डाँटते हुए कहा। उसे शक हुआ कि वो उसे सोफे पर चोदने की प्लानिंग कर रहे हैं।

“गंदा नहीं होगा। रिलैक्स,” नीरज ने कहा। वो उठा, पलंग से चादर खींच लाया, और ससुर जी की मदद से उसे सोफे पर बिछा दिया, ताकि सोफा पूरी तरह ढक जाए। फिर दोनों सोफे पर अगल-बगल बैठ गए।

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“लीजिए, भाभी। आपकी प्रॉब्लम सॉल्व। आज कोई बहाना नहीं चलेगा,” रोहित ने पायल की गाँड़ पर ज़ोर से चपत मारते हुए कहा। पायल ने गुस्से से उसकी ओर देखा, फिर मुस्कुराई और सोफे की ओर बढ़ चली।

“इतना टॉर्चर मत करो अपने लंड को। कहीं हार्ट अटैक न आ जाए!” पायल ने हँसते हुए कहा। वो ससुर जी और नीरज के सामने कमर पर हाथ रखकर खड़ी हो गई। दोनों के लंड ढीले लटक रहे थे, लेकिन उनकी आँखों में हवस अभी बाकी थी।

ससुर जी ने सिगरेट ज़मीन पर फेंक दी और पायल को उसकी कमर से पकड़कर अपनी ओर खींच लिया। पायल की चूत अब उनके चेहरे के सामने थी। ससुर जी ने अपना मुँह उसकी जाँघों के बीच घुसा दिया और उसकी चूत को चूमने-चाटने लगे। साथ ही, वो अपने लंड को मूठ मारकर खड़ा करने की कोशिश करने लगे।

रोहित ने देखा कि पलंग से चादर खींचते वक्त पायल की लाल पैंटी ज़मीन पर गिर गई थी। उसने पैंटी उठाई, उसे सूँघते हुए मूठ मारना शुरू कर दिया। उसका लंड धीरे-धीरे सख्त होने लगा।

“हमारे हार्ट अटैक की फ़िक्र मत करो, बहुरानी। बस ध्यान रखो कि कहीं तुम हम तीनों से प्रेग्नेंट न हो जाओ!” नीरज ने हँसते हुए कहा, वो भी अपने लंड को रगड़कर खड़ा करने की कोशिश में था।

“राजेश, ये क्या बदतमीज़ी है? अपने भाई की पत्नी को प्रेग्नेंट करोगे?” ससुर जी ने पायल की चूत से मुँह निकालकर नीरज को डाँटा।

नीरज को अपनी गलती का अहसास हुआ। उसने सिर झुका लिया।

“इट्स ओके, बाबू जी। उनका वो मतलब नहीं था। मज़ाक कर रहे थे,” पायल ने माहौल हल्का करते हुए कहा। उसने ससुर जी का सिर पकड़कर उनका मुँह फिर से अपनी चूत में घुसा लिया।

“रोहित, पैंटी दे ज़रा,” नीरज ने कहा। रोहित ने पैंटी उसकी ओर फेंक दी और पायल के पीछे खड़ा होकर उसकी गाँड़ सहलाने लगा।

नीरज पैंटी को सूँघते हुए अपने लंड को हिलाने लगा। ससुर जी ने पायल की चूत चाटते-चाटते अपना लंड खड़ा कर लिया। पायल ने नीचे देखा, उनका मोटा लंड अब पूरी तरह तैयार था। वो अपनी टाँग उठाकर ससुर जी की गोद में बैठ गई और उनकी अंडकोष को अपनी चूत से रगड़ने लगी।

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दो-तीन मिनट में ससुर जी का सुपाड़ा पायल के पेट में चुभने लगा। उनका लौड़ा चुदाई के लिए तैयार था। पायल ने उनके लंड पर थूक दिया। थूक सुपाड़े से फिसलकर पूरे लंड पर फैल गया। उसने अपनी गाँड़ उठाई, अपनी चूत की फाँक को लंड पर सेट किया, और एक ही बार में नीचे बैठ गई। लंड उसकी चूत में पूरा धंस गया। पायल ससुर जी की गोद में उछल-उछलकर चुदने लगी। उसकी सिसकारियाँ और पायल की छन-छन कमरे में गूँज रही थी।

रोहित पायल की हिलती हुई गाँड़ को सहलाते हुए मूठ मार रहा था। नीरज ने पायल की पैंटी अपने लंड पर लपेटकर मूठ मारना शुरू किया, उसकी नज़रें पायल की चुदाई पर टिकी थीं। पायल को पता था कि उसे तीनों मर्दों का ध्यान रखना है। वो ससुर जी से पेलवाते हुए बीच-बीच में नीरज और रोहित को देख लेती थी, ताकि पता चले कि किसका लंड खड़ा हो रहा है।

पाँच-सात मिनट बाद पायल ने देखा कि नीरज का लंड खड़ा हो गया है। नीरज ने पैंटी अपने लंड से हटाकर सोफे पर रख दी। उसने अपने हाथ में थूक लिया और उसे अपने लंड पर मलने लगा। पायल उसका इशारा समझ गई। वो ससुर जी की गोद से उतरी और नीरज की गोद में जा बैठी। नीरज का लंड उसकी चूत में आसानी से घुस गया, और वो उससे चुदने लगी।

कुछ ही देर में रोहित ने भी मूठ मारकर अपना लंड खड़ा कर लिया। पायल ने ये देख लिया था। अब उसे तीनों लंडों को एक साथ शांत करना था। वो नीरज की गोद से उतरी और सोफे पर ससुर जी और नीरज के बीच कुतिया बन गई।

“आप गाँड़ में डालो, देवर जी। चूत की हालत खराब है, बहुत दुख रही है!” पायल ने पीछे रोहित को देखते हुए अपनी गाँड़ बाहर निकालकर कहा।

रोहित ने पायल की गाँड़ के छेद पर थूक दिया, थोड़ा थूक अपने लंड पर लगाया, सुपाड़ा खोला, और उसकी गाँड़ में पेल दिया। पायल की गाँड़ टाइट थी, लेकिन वो गुदा मैथुन की आदी थी। लंड आसानी से अंदर चला गया। अब पायल तीनों मर्दों से बारी-बारी पेलवाने लगी।

वो ससुर जी की गोद में चुदती, फिर कुतिया बनकर रोहित से गाँड़ मरवाती, फिर नीरज की गोद में जा बैठती। हर मर्द को वो एक मिनट तक चोदने देती, फिर अगले की बारी आती। इससे चुदाई का फ्लो बना रहा, और किसी को ज़्यादा इंतज़ार नहीं करना पड़ा। ये सिलसिला करीब 20 मिनट तक चला।

इस वक्त पायल ससुर जी की गोद में थी। अचानक ससुर जी उसे अपनी बाहों में भरकर खड़े हो गए और खड़े-खड़े उसे चोदने लगे। पायल समझ गई कि उनकी पिचकारी निकलने वाली है। उसने ससुर जी की कमर पर अपनी टाँगें लपेट दीं और उन्हें कसकर पकड़ लिया। ससुर जी के पैर लड़खड़ाए, और उनके लंड ने पायल की चूत को वीर्य से भर दिया।

“पायल… आह्ह… ज़ल्दी आओ… मेरा लंड!” तभी नीरज ने अपने लंड का सुपाड़ा मुट्ठी में भींचते हुए कहा।

पायल समझ गई कि नीरज का माल भी निकलने वाला है। वो झट से ससुर जी की गोद से उतरी और उन्हें झड़ता छोड़कर नीरज की गोद में जा बैठी। ससुर जी का लंड अभी पूरी तरह झड़ा भी नहीं था। वो बाकी का माल मूठ मारकर पेशाब से भरी बाल्टी में गिराने लगे।

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पायल ने नीरज की गोद में तीन-चार बार उछला ही था कि उनका बदन सख्त हो गया। उनका लंड पायल की चूत में मलाई फेंकने लगा।

“भाभी… मैं भी… आह्ह, भाभी!” रोहित भी झड़ने की कगार पर था।

“ज़ल्दी आओ… चोदो!” पायल नीरज को बीच में नहीं छोड़ सकती थी। उसने नीरज की गोद से उठे बिना रोहित को अपनी गाँड़ की ओर इशारा किया।

रोहित पीछे से पायल की गाँड़ पर चढ़ गया और उसे चोदने लगा। नीचे नीरज अभी भी पायल की चūt में झड़ रहे थे। 10-12 ताबड़तोड़ धक्कों के बाद रोहित ने पायल की गाँड़ में अपना वीर्य छोड़ दिया। पायल नीरज पर निढ़ाल होकर गिर गई, और रोहित पायल पर।

पाँच मिनट बाद रोहित पायल से अलग हुआ। पायल भी नीरज की गोद से उठी और सोफे पर बैठ गई। उसका पानी भी गिर गया था, जो नीरज की जाँघों, ज़मीन, और सोफे की चादर पर फैल गया। पायल सोफे पर नीरज और रोहित के साथ पड़ी रही, जबकि ससुर जी पलंग पर लेट गए।

“4:45 हो रहे हैं। उनके आने का टाइम हो गया। उससे पहले मैं थोड़ी देर सोना चाहती हूँ, ताकि फ्रेश दिखूँ,” पायल ने थकान भरे स्वर में कहा। “आप लोग एक-एक बार ज़ल्दी से चोद लो।”

सोफे की चादर चूत और लंड के रस से गीली हो चुकी थी। पायल को चुदाई के दौरान पता चला कि उसकी करधनी टूट गई थी। वो अब उसकी कमर से नीचे झूल रही थी, बस एक-दो धागों पर टिकी थी। पायल ड्रेसिंग टेबल से पॉन्ड्स क्रीम का डिब्बा ले आई। उसने ढेर सारी क्रीम अपनी चūt में लगाई और बाकी मर्दों को देते हुए बोली, “इसे लंड पर लगा लो। माल गिरने में आसानी होगी।”

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तीनों मर्द अपने लंड पर क्रीम मलने लगे। चुदाई के लिए अब कोई जगह नहीं बची थी—न सोफा, न पलंग। पायल पेशाब से भरी बाल्टी के ऊपर टाँगें फैलाकर खड़ी हो गई, उसकी गाँड़ पीछे उठी हुई थी।

ससुर जी सबसे पहले आए। उन्होंने पायल की कमर पकड़ी और पॉन्ड्स क्रीम लगी चūt को पाँच-छह मिनट तक मारा। फिर उन्होंने लंड बाहर निकाला। बड़ी मुश्किल से उनके लंड से दो-तीन बूँद वीर्य निकला, जो बाल्टी में गिर गया। वो वापस पलंग पर लेट गए। फिर रोहित और नीरज ने बारी-बारी पायल की स्टैंडिंग डॉगी चुदाई की। उनका भी ज़्यादा माल नहीं निकला। जितना निकला, वो बाल्टी में गिरा दिया।

चुदाई के दौरान पायल की करधनी पूरी तरह टूट गई और बाल्टी में गिर पड़ी। पायल ने तीनों मर्दों को शांत करने के लिए अपनी चुचियाँ उनके मुँह में दीं और दूध पिलाया। तीनों के लंड मुर्झाकर ढीले लटक रहे थे।

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“सॉरी, बहु। तुम्हारी पवित्र करधनी टूट गई,” ससुर जी ने पायल की कमर सहलाते हुए कहा।

“कोई बात नहीं, बाबू जी। इस बार मायके जाऊँगी, तो मम्मी से नई बनवा लूँगी,” पायल ने मुस्कुराकर जवाब दिया। “अब आप लोग जाइए। मुझे घर साफ करके नहाना है।”

ससुर जी, नीरज, और रोहित ने पायल को चूमा और अपने कमरों में चले गए। पायल ने सबसे पहले सोफे की चादर उठाई। उसने कमरे में जहाँ-जहाँ वीर्य और चūt का पानी गिरा था, उसे रगड़-रगड़कर पोंछा। फिर चादर, नाइटी, और पैंटी को पेशाब और माल से भरी बाल्टी में डालकर बाथरूम चली गई।

नहाकर साफ-सुथरी होकर पायल कमरे में लौटी। उसने एक सुंदर सी नीली साड़ी पहनी, कमरे में रूम फ्रेशनर छिड़का, पलंग पर नई चादर बिछाई, और थकान के मारे सो गई। उसे नहीं पता कि वो कितनी देर सोती रही। अचानक टीवी की आवाज़ से उसकी नींद खुली। उसने देखा कि पराग सोफे पर बैठा टीवी देख रहा था।

“अरे, आप कब आए?” पायल उठकर बैठ गई। “सॉरी, मेरी आँख लग गई थी। मैं आपके लिए चाय लाती हूँ।”

“मालती ने दे दिया,” पराग ने टीवी से नज़रें हटाए बिना कहा।

“मालती आ गई? कितने बज गए?” पायल ने घड़ी की ओर देखते हुए पूछा।

“रात के 8 बज रहे हैं, मैडम जी,” पराग ने हँसते हुए कहा। “किसके सपनों में खोकर इतनी देर सोई रही मेरी बीवी?”

“मेरी ज्वेलरी लाए?” पायल ने शक भरी नज़रों से पूछा। उसे यकीन था कि पराग भूल गया होगा।

“लाया हूँ, बाबा,” पराग ने जेब से एक छोटा सा डिब्बा निकालकर दिखाया।

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पायल और पराग ने कुछ देर साथ बैठकर टीवी देखा, फिर इधर-उधर की बातें कीं। रात को ससुर जी, नीरज, और रोहित के साथ सबने एक सामान्य परिवार की तरह डिनर किया। खाने के बाद सभी अपने कमरों में सोने चले गए।

रात को पायल ड्रेसिंग टेबल पर बैठी थी। उसने हल्की गुलाबी नाइटी पहनी थी और अपनी टाँगों पर बॉडी लोशन लगा रही थी। “आपके प्रमोशन का क्या हुआ?” उसने पराग से पूछा।

“ऐप्रेजल अभी डिले हो गया है। देखते हैं,” पराग ने पलंग पर लेटे हुए, टीवी पर न्यूज़ देखते हुए जवाब दिया।

कुछ देर बाद पायल पलंग पर आ गई। पराग ने उसके गाल को चूमा और पूछा, “आज मेन्यू में क्या है?”

“एक सरप्राइज़!” पायल ने शरारती अंदाज़ में कहा। उसने पराग के हाथ से रिमोट छीना और उसे उसके पजामे के ऊपर से लंड पर रगड़ते हुए टीवी को वीडियो मोड पर किया। एक वीडियो शुरू हो गया।

“वाह! ये क्या है? यू सीरियस, बेबी?” पराग की आँखें फटी की फटी रह गईं। टीवी पर उनके अपने बेडरूम का वीडियो चल रहा था, जिसमें आठ अलग-अलग कैमरों के एंगल थे। हर एंगल में वही सीन था—पायल नंगी खड़ी थी, और ससुर जी, नीरज, और रोहित उसके बदन के साथ खेल रहे थे। किसी के बदन पर एक कपड़ा भी नहीं था।

पायल पराग के नंगे सीने को चूमते हुए उसके लंड को पजामे के ऊपर से सहलाने लगी। पराग बिना पलक झपकाए वीडियो देख रहा था। उसका लंड तनाव के चरम पर था। पायल के हाथों के घर्षण से उसका सुपाड़ा खुल गया, और जल्दी ही उसका पजामा वीर्य से गीला हो गया।

“मम्म… इतना पसंद आया आपको?” पायल ने पराग की उत्तेजना पर हँसते हुए कहा। उसने उसका झड़ा हुआ लंड पजामे से बाहर निकाला और सुपाड़े को अपनी नरम उँगलियों से छेड़ने लगी।

“लव यू, बेबी,” पराग ने पायल के होंठ चूमे, और दोनों एक लंबे, गहरे चुम्बन में डूब गए।

पायल को याद था, एक साल तीन महीने पहले जब वो दुल्हन बनकर इस घर में आई थी, तो उसे यकीन नहीं था कि उसे पराग जैसा हैंडसम और सक्सेसफुल पति मिलेगा। वो उन लड़कियों में से थी, जिन्हें आज की मॉडर्न सोसाइटी में दकियानूसी और बहनजी टाइप कहा जाता है। उसने अपनी इज़्ज़त अपने पति के लिए संभालकर रखी थी। और फिर उसे पराग जैसा पति मिला, जो उसकी हर ख्वाहिश से बढ़कर था।

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सुहागरात को पायल अपने पति पर सारा प्यार लुटाने को तैयार थी। उसे अब भी याद है, जब पराग ने अपनी शेरवानी उतारी और अपना 8.5 इंच लंबा, 3 इंच मोटा लंड बाहर निकाला था। गुलाबी, चिकना सुपाड़ा खुला हुआ, और लंड एकदम टाइट खड़ा था। पायल शर्म से लाल हो गई थी।

उसने बिना नज़रें मिलाए खुद को पराग को सौंप दिया। पराग इतना बेकाबू था कि उसने पायल की साड़ी तक नहीं उतारी। साड़ी उठाकर वो उसके ऊपर चढ़ गया। उस रात पराग ने उसे आधा घंटा चोदा, लेकिन उसका वीर्य नहीं निकला। आखिरकार उसका लंड ढीला पड़ गया, और वो पायल से अलग हो गया। पायल को लगा कि पहली रात का टेंशन होगा। उसने पराग का साथ दिया और उसकी बाहों में सो गई।

लेकिन अगले तीन-चार दिन भी यही हुआ। दो हफ्ते बीत गए, और कोई सुधार नहीं हुआ। पायल की चिंता बढ़ने लगी। आखिरकार, उसने हिम्मत करके पराग से पूछ लिया, “बुरा मत मानिए, जी। क्या मैं आपको पसंद नहीं?”

पराग पहले टालता रहा, लेकिन पायल के ज़ोर देने पर उसने सच बताया, बशर्ते पायल उसे गलत न समझे। “मुझे कोई बीमारी नहीं, न मैं नामर्द हूँ। बात सिंपल है, पायल। जब मैं तुम्हारे साथ सेक्स करता हूँ, तो सोचता हूँ कि कोई गैर मर्द तुम्हें चोद रहा है, तो कैसा लगेगा। इस फंतासी से मैं बहुत उत्तेजित होता हूँ, लेकिन रियलिटी में ढीला पड़ जाता हूँ। इसीलिए मैं झड़ नहीं पाता। लेकिन मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।”

पायल पढ़ी-लिखी थी, लेकिन ये सुनकर वो स्तब्ध रह गई। उसने भावनाओं पर काबू पाते हुए कहा, “मुझे आपके प्यार पर शक नहीं। लेकिन आपकी बात समझ नहीं आई। आप मुझसे क्या चाहते हो? ग्रुप सेक्स या वाइफ स्वैपिंग?”

“नहीं, छी! कैसी बात कर रही हो? मुझे किसी और औरत में इंटरेस्ट नहीं। मैं सारी ज़िंदगी तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूँ। बस तुम्हें किसी और मर्द के साथ देखना चाहता हूँ, वो भी तुम्हारी मर्ज़ी से,” पराग ने कहा।

“मुझे भी किसी गैर मर्द में इंटरेस्ट नहीं,” पायल ने गुस्से में जवाब दिया और चुप हो गई।

कई दिन तक इस बारे में कोई बात नहीं हुई। फिर एक दिन पराग ने कहा, “बेबी, आज जब रोहित तुमसे मज़ाक कर रहा था, तो मैं उत्तेजित हो गया। जब तुम मेरे भैया या पापा के पास जाती हो, तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है। मुझे लगता है, मुझे समझ आ गया कि मुझे क्या चाहिए।”

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“छी! आप ऐसा सोच भी कैसे सकते हो? अपने परिवार के लोगों के साथ?” पायल समझ गई कि पराग क्या कहना चाहता है।

“एग्ज़ैक्टली, बेबी। अपना परिवार!” पराग ने उत्साह से कहा। “कम से कम जो कुछ करोगी, अपने परिवार में करोगी। जो लोग अपनी बीवी को दोस्तों के साथ शेयर करते हैं, उनसे ज़्यादा घटिया कोई नहीं। लेकिन परिवार के अंदर सेक्स को तो दुनिया में मान्यता है, पायल!”

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पायल को पराग की बातों में कोई लॉजिक नहीं दिखा। लेकिन उसे सच स्वीकार करना पड़ा—पराग तभी पूरी तरह सेक्स कर पाएगा, जब वो उसके सामने किसी और से चुदवाएगी। अपनी शादी बचाने के लिए उसे ये करना था। उसने कोई जवाब नहीं दिया और चुप रही।

पायल ने पराग की फंतासी को पूरा करने की ठान ली। सबसे आसान था रोहित को पटाना। रोहित वैसे भी उससे मज़ाक करता था, हालाँकि उसके मन में कोई गंदी भावना नहीं थी। पराग को नहीं पता था कि पायल उसकी खुशी के लिए क्या-क्या कर रही है। एक रात पायल ने उसे बताया, “पता है, आज मैंने साड़ी थोड़ी नीचे पहनी थी, तो देवर जी ने मेरी नाभी को घूरा। मुझे यकीन है, वो आज रात मेरे बारे में सोचकर मूठ मारेंगे।”

पायल की ये बात सुनकर पराग इतना उत्तेजित हुआ कि उसने सुबह चार बजे तक उसे पेला। वो झड़ा नहीं, लेकिन पायल को उसकी प्रोग्रेस से खुशी हुई। एक हफ्ते में पायल ने रोहित को रिझा लिया। उसने रोहित को यकीन दिलाया कि वो उसे पराग से ज़्यादा जवान और रोमांटिक लगता है। जल्दी ही रोहित ने पायल के साथ नाजायज़ सम्बन्ध बना लिए।

जब पायल ने पराग को बताया कि रोहित ने उसे बाथरूम में चोदा, तो पराग की खुशी का ठिकाना न रहा। लेकिन वो ये सब अपनी आँखों से देखना चाहता था। पराग के सुझाव पर पायल ने रोहित के साथ सेक्स करते हुए चुपके से मोबाइल पर वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। ये उनकी शादी का टर्निंग पॉइंट था।

उस रात जब पायल ने वो एमएमएस पराग को दिखाया, तो पराग की उत्तेजना का ठिकाना न रहा। उसका पजामा बिना छुए गीला हो गया। उस रात उसने पायल को तीन बार चोदा, और हर बार झड़ा। पायल खुशी से रो पड़ी।

सब ठीक चल रहा था। पराग को उसकी फंतासी के लिए इतना काफी था। लेकिन गलत बात ज़्यादा दिन छुप नहीं सकती। एक दिन नीरज ने रोहित को पायल के साथ चोदते हुए देख लिया और ससुर जी को बता दिया। दोनों ने रोहित को खूब डाँटा और पायल को धमकी दी कि वो पराग को उसकी बदचलनी बताएँगे।

पायल को अपनी शादी बचानी थी। उसने एक झूठी कहानी बनाई कि पराग नामर्द है, और शारीरिक सुख के लिए वो रोहित के साथ ये कुकर्म कर रही है। उसने कहा कि अगर पराग को पता चला, तो वो आत्महत्या कर लेगा। पायल ने रो-धोकर तीनों मर्दों को यकीन दिलाया कि वो एक बेबस औरत है, जिसे वैवाहिक सुख नहीं मिल रहा।

तीनों को पायल की कहानी पर भरोसा हो गया। उन्हें उससे हमदर्दी हो गई। शुरू में पायल का इरादा ससुर जी और नीरज के साथ सम्बन्ध बनाने का नहीं था। लेकिन नीरज ने शादी नहीं की थी, और ससुर जी की पत्नी का देहांत हो चुका था। दोनों को औरत की ज़रूरत थी। पायल की सच्चाई जानकर वो उसके प्रति आकर्षित हो गए।

जब दोनों पायल के पीछे पड़ गए, तो पायल उनके साथ भी सोने लगी। अब ससुर जी, नीरज, और रोहित तीनों पायल को चोद रहे थे, और सबको इसकी खबर थी। उन्हें लगता था कि पराग को कुछ नहीं पता।

जो खेल मजबूरी में शुरू हुआ था, उसमें पायल को मज़ा आने लगा। वो दिन में तीनों मर्दों से चुदवाती और रात में पराग को कहानियाँ सुनाकर या वीडियो दिखाकर उसे गरम करती। मालती को वो सुबह काम करके चले जाने को कहती, ताकि दिन भर चुदाई हो सके। धीरे-धीरे पायल घर में सारा दिन नंगी रहने लगी।

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पराग का मन मोबाइल वीडियो से नहीं भर रहा था। उसने बेडरूम में हिडन कैमरा लगाया। फिर उसने आठ कैमरे अलग-अलग एंगल्स पर लगा दिए। इसीलिए पायल हमेशा इसी कमरे में चुदवाती, ताकि पराग के लिए हॉट वीडियो बन सके। हर रात नई वीडियो देखकर पराग पायल को बेतहाशा चोदता।

पायल को सिर्फ़ एक बात बुरी लगती थी—उसने पराग को नामर्द बताकर उसकी इज़्ज़त दाँव पर लगाई थी। लेकिन सच ये था कि पराग से बड़ा चुदक्कड़ मर्द कोई नहीं था।

कहानी के दो पहलू थे—पहला, ससुर जी, नीरज, और रोहित हमेशा मानेंगे कि पराग नामर्द है। दूसरा, पायल उनकी हमदर्दी का इस्तेमाल करके पराग की फंतासी पूरी करती रहेगी, ताकि उसकी शादी बचे। और पायल को इसमें कोई दिक्कत नहीं थी।

आज पायल ने पराग को सरप्राइज़ देने के लिए ससुर जी, नीरज, और रोहित के साथ सामूहिक संभोग का प्लॉट रचा था। टीवी पर वीडियो में चारों धमाचौकड़ी मचा रहे थे।

“तुम्हें नहीं पता, तुम्हारा ये गैंगबैंग आइडिया कितना हॉट है, बेबी! अब से यही करना। थैंक यू!” पराग ने अपना गीला पजामा उतार फेंका। उसका लंड फिर से खड़ा हो गया।

“आपकी बीवी हूँ। मुझे नहीं पता कि आपको क्या चाहिए, तो किसे पता होगा?” पायल ने पराग की उत्तेजना पर खुश होकर कहा। “वैसे, मुझे नहीं पता था कि मेरा सरप्राइज़ इतना पसंद आएगा।” वो टीवी की ओर सिर करके लेट गई, ताकि पराग उसे चोदते वक्त वीडियो देख सके। उसने नाइटी पेट तक उठा ली। अंदर उसने पैंटी नहीं पहनी थी।

पराग पायल के ऊपर चढ़ गया और वीडियो देखते हुए उसे पेलने लगा।

“आपसे एक बात कहनी थी,” पायल ने धक्के खाते हुए कहा।

“बोलो, बेबी। आज तुम्हारी हर बात सिर-आँखों पर,” पराग ने टीवी से नज़रें हटाए बिना कहा।

“हमारी शादी को एक साल से ज़्यादा हो गया। अब हमें प्रेग्नेंसी के लिए ट्राई करना चाहिए,” पायल ने चुदते हुए कहा।

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पराग चुप रहा और 15 मिनट तक पायल को चोदता रहा।

“ज़रूर, बेबी,” आखिरकार उसने कहा। उसका बदन अकड़ गया। टीवी पर पायल ससुर जी की गोद में चुद रही थी। पराग ने झटके से अपना लंड पायल की चūt से बाहर निकाला और उसके पेट और नाइटी पर माल गिरा दिया।

पायल को समझ नहीं आया कि जब पराग ने प्रेग्नेंसी के लिए “ज़रूर” कहा, तो चūt में क्यों नहीं झड़ा?

सरप्राइज़ देने की बारी अब पराग की थी।

वो पायल के बदन पर निढ़ाल होकर बोला, “तुम्हें क्या लगता है, बेबी? तुम्हारी प्रेग्नेंसी के लिए कौन ठीक रहेगा—बड़े भैया, रोहित, या पापा?”

पायल की आँखें छत के पंखे पर टिकी थीं। वो पराग की पीठ सहलाते हुए सोचने लगी कि इस नई फंतासी के लिए अब वो क्या करे? टीवी स्क्रीन नीली हो चुकी थी।

 

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