अब्बू ने मेरी कुंवारी बाजी की चुदाई कर डाली

Abbu ne seal todi sex story – Beti ki pahli chudai sex story: मेरी बाजी आफरीन बहुत सेक्सी है, उसकी उम्र 21 साल है, फिगर 32-28-32 का कमाल का, हमेशा टाइट कमीज और लोअर पहनती है, मूड हमेशा शरारती सा रहता है। उसे चूत में उंगली करते हुए मैंने कई बार चुपके से देखा है, वो अपनी कमीज ऊपर चढ़ाकर लोअर में हाथ डाल लेती है और धीरे-धीरे उंगलियां अंदर-बाहर करती रहती है। एक रात अब्बू शराब के नशे और हवस में मेरी बाजी की कुंवारी चूत चोद डाली, वो सीन इतना गर्म था कि मैं छिपकर देखता रहा। पढ़ें कि कैसे हुआ ये सब।

हैलो फ्रेंड्स, मेरी पिछली कहानी अब्बू ने चाची की चूत की प्यास बुझाई अन्तर्वासना पर छपी थी, जिसे आपने बहुत प्यार दिया, उसके लिए सबका धन्यवाद। उसी सिलसिले में आज अपनी नई कहानी लेकर आया हूं।

असल में ये कहानी मेरे दोस्त नियाज की है, मैं उसी के शब्दों में लिख रहा हूं, जैसे उसने मुझे बताया वैसा ही शब्दों में पिरोया है।

मेरे परिवार में छह लोग हैं – अम्मी, अब्बू, हम दो भाई और दो बहनें। मेरी दोनों बहनें हम भाइयों से बड़ी हैं। सबसे बड़ी बहन का नाम आफरीन है, मैं नाम बदलकर लिख रहा हूं।

ये बात तब की है जब मेरी बाजी कॉलेज में पढ़ रही थी। गांव से 40 किलोमीटर दूर छोटे शहर में रहते थे, वहां सबकी पढ़ाई चल रही थी।

उन दिनों मामूजान के लड़के की सगाई फिक्स हो गई थी, घर में तैयारियां जोरों पर थीं, हम सब जाने वाले थे।

लेकिन बड़ी बाजी के इम्तिहान नजदीक थे, उसने मना कर दिया। इधर अब्बू को भी कारोबार के काम से बाहर जाना पड़ा।

अम्मी ने मुझसे कहा – नियाज, तू अपनी बाजी के साथ यहीं रुक जा, अब्बू तो बाहर जा रहे हैं, बाजी अकेली रह जाएगी।

मैं अम्मी की बात मानकर रुक गया, बाकी सब मामूजान के घर चले गए।

पहले दिन हम भाई-बहन ने खूब मस्ती की, घर में खेला-कूदा, खाना बनाया, हंसे-बोले, सब आराम से बीता।

अगले दिन सुबह हम पढ़ने चले गए, दोपहर में घर लौटे, खाना खाकर सो गए। शाम को उठा तो बाजी किचन में काम कर रही थी, मैं बाहर खेलने चला गया।

फिर घर लौटकर टीवी देखने लगा, बाजी ने खाना तैयार कर दिया, हम दोनों ने साथ मिलकर रात का खाना खाया, फिर थोड़ी देर टीवी देखा और सो गए।

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रात के करीब 12 बजे डोरबेल बजी, मेरी आंख खुल गई, मैंने बाजी को जगाया, घर में अकेले थे तो डर भी लगा, दरवाजे पर जाकर पूछा – कौन है बाहर?

बाहर अब्बू की आवाज आई, बाजी ने दरवाजा खोला, अब्बू अंदर आए।

बाजी ने उनके लिए खाना गर्म करने को कहा तो अब्बू ने मना कर दिया, बोले – क्लाइंट के साथ बाहर खा लिया है।

फिर अब्बू ने बाजी से कहा – मेरे रात के कपड़े निकाल दे।

अब्बू वॉशरूम में नहाने चले गए, मैंने देखा उनकी चाल लड़खड़ा रही थी, पैर ठीक से नहीं उठ रहे, लगा शायद शराब पीकर आए हैं। बाजी उनके कपड़े लेकर बाथरूम के पास गई, पूछा – कपड़े कहां रखूं?

तभी अब्बू तौलिया लपेटे बाहर आए, बाजी के हाथ से कपड़े लिए, बेड के पास खड़े होकर लोअर पहनने लगे।

जैसे ही एक टांग ऊपर की तो पैर फिसला, वो कमर के बल गिर पड़े, तौलिया ऊपर सरक गया।

बाजी के सामने ही अब्बू का लंड नंगा हो गया, नीचे अंडरवियर नहीं पहना था। मैं अपने कमरे के दरवाजे से ये सब देख रहा था।

मुझे शर्म आई, बाजी ने भी मुंह फेर लिया। बाजी ने मुझसे कहा – अब्बू को उठाने में मदद कर।

मैं पास गया, अब्बू को उठाया, तौलिया लपेटा, बेड की तरफ ले जाने लगा, लेकिन वो भारी थे, संभल नहीं रहे।

मैंने बाजी को बुलाया, हम दोनों ने मिलकर अब्बू को बेड पर लिटा दिया।

अब्बू बोले – मेरा सिर फट रहा है।

बाजी ने कहा – तू अपने कमरे में जा, मैं संभाल लूंगी। मैं चला गया लेकिन चौखट से झांकने लगा।

बाजी किचन गई, चाय बनाने लगी, पांच मिनट बाद चाय लेकर आई, अब्बू को दी।

अब्बू ने चाय ली लेकिन पीते ही हाथ कांपा, गर्म चाय तौलिए पर गिर गई, जांघ पर लगी तो जोर से चीखे।

नशा उड़ गया, तौलिया खोला, नीचे नंगे हो गए। अब्बू का लंड पहली बार देखा, काला, 7 इंच लंबा, 3 इंच मोटा।

जांघ लाल हो गई, बाजी दौड़कर किचन से नारियल तेल की शीशी लाई, जांघ पर तेल लगाने लगी, अब्बू को राहत मिली।

तेल लगाते हुए अब्बू का लंड धीरे-धीरे तनने लगा, बाजी के बदन को घूर रहे थे, जल्दी ही पूरा खड़ा हो गया। बाजी शर्म से नजरें फेर रही थी।

अब्बू बोले – आफरीन, सिर दबा दे थोड़ा, दर्द बहुत है।

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अब्बू ने जांघों पर चादर डाली, बाजी सिरहाने बैठी, सिर मालिश करने लगी।

मैंने देखा चादर के नीचे लंड का तंबू सा बन गया था। दोस्तों, अब्बू बड़े चोदू हैं, पड़ोस की औरतों से चुदाई के किस्से सुन रखे हैं।

बाजी का फिगर कमाल का, 32-28-32, कोई भी लंड खड़ा कर दे। वो भी कामुक है, रातों में चूत में उंगली करती देखा है।

अब्बू ने बाजी की चुचियों की तरफ हाथ बढ़ाया, बाजी ने हटा दिया, लेकिन दोबारा हाथ गया।

बाजी बोली – क्या कर रहे हो अब्बू?

अब्बू नशे में बोले – तू मेरी बेटी है न, प्यार कर रहा हूं।

फिर लाइट बंद कर दी। अंधेरे में ज्यादा दिखा नहीं लेकिन आवाजें सुनाई दीं।

अब्बू बाजी को छेड़ रहे थे, बाजी हंस रही थी, बुरा नहीं मान रही।

अचानक आवाजें बंद, पुच-पुच की किसिंग साउंड आने लगी। समझ गया, दोनों होंठ चूस रहे हैं। मेरा लंड खड़ा हो गया।

मैं झांक रहा था, कुछ देर बाद लाइट जली, मैं छिप गया।

झांका तो अब्बू ने बाजी की कमीज उतार दी थी, चुचियां पी रहे थे। बाजी मजे से चुचियां मुंह में दे रही थी, सिसकारियां ले रही थी – उम्म्म… आह्ह…।

अब्बू ने धीरे से बाजी को बेड पर लिटाया, लोअर की नाड़ी खींची, जांघें नंगी हो गईं। मेरी चुचियां देखकर मेरा लंड उछल रहा था।

अब्बू ने जांघों को चूमना शुरू किया, जीभ से चाटने लगे, बाजी की चुचियां टाइट हो गईं।

मैंने पहले अंधेरे में उंगली देखी थी लेकिन उजाले में पहली बार नंगा बदन देखा। अब्बू ने पैंटी खींची, चूत नंगी हो गई।

टांगें फैलाईं, चूत में उंगली डाली, बाजी चिहुंक गई – आह्ह! मैं पीछे हटा।

दोबारा देखा, अब्बू चूत सहला रहे थे, बाजी खुद चुचियां दबा रही थी।

अब्बू नंगे हो गए, चूत चाटने लगे, जीभ अंदर डालकर तेज चाटा। बाजी बोली – नहीं अब्बू, रहने दो… लेकिन मुंह दबा रही थी, गर्म हो गई – ओओओह्ह… हां…।

अब्बू शैतान जागा, चुचियां जोर से मसला, बाजी चिल्लाई – आआआह्ह! पीछे हटाने लगी लेकिन मसलते रहे। हटे तो चुचियां लाल हो गईं।

टांगें फैलाईं, लंड चूत पर रगड़ा। बाजी आंखें बंद, मजा ले रही – उउउफ्फ…। लंड 7 इंच लंबा, 3 इंच मोटा।

गांड पकड़ी, तकिया नीचे, चूत ऊपर, लंड लगाया, दबाव दिया लेकिन न घुसा। बाजी दर्द से चीखी।

मुंह पर हाथ रखा, चुप रहो बोले, होंठ चूसे, धीरे-धीरे लंड अंदर सरकाया, बाजी बांहों में जकड़ ली – आह्ह… हां…।

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दो मिनट बाद स्पीड तेज, जोर-जोर धक्के, गपागप आवाज, होंठ हटे तो बाजी सिसकी – उउउ… आआआ… ईईई… उम्म्ह… अह्ह…।

सील टूट गई, खून निकला, लेकिन मजा ले रही। मैं छिपा मुठ मार रहा, लंड बाहर निकाला।

बाजी कमर उठाकर ले रही – हाय… याह… आई! गालियां – साले ठरकी अब्बू… हरामी… खाला को भी चोदा था।

अब्बू चोद रहे, चुचियां दबा रहे – आह्ह… साली रंडी… सील पैक चूत… तेरी अम्मी का भोसड़ा बन गया… तेरी भी बना दूंगा कुतिया।

बाजी झड़ी, बदन में झटके – आआआआह्ह्ह! अब्बू अभी पेल रहे।

बाजी बोली – बस अब्बू, जलन हो रही।

अब्बू बोले – तेरा हो गया छिनाल, मेरा नहीं। तेज धक्के, पच-पच आवाज, दो मिनट बाद झड़ गए।

थककर बाजी के पास गिरे। बाजी बाथरूम गई, नंगी लौटी, कमीज-लोअर पहनी, चादर डाली, अब्बू सो गए। मैं सोने चला गया।

सुबह बाजी सो रही, कमरे गई तो बोली – कॉलेज नहीं जाऊंगी, पेट दर्द है।

मैं बोला – मैं भी नहीं जाऊंगा। उठी तो लंगड़ाई।

पूछा – क्या हुआ दीदी? बोली – पेट दर्द से। फ्रेश होने गई।

अब्बू ऑफिस गए। मैंने पेनकिलर दी, चूत का दर्द था, खाई तो नॉर्मल हो गई।

दिन ठीक बीता। शाम अब्बू आए, बाजी ने खाना लगाया। मैं सो गया।

रात आंख खुली, बाजी कमरे में नहीं। अब्बू के कमरे की लाइट जल रही, चुदाई की आवाजें।

खिड़की से देखा, बाजी लंड पर बैठी उछल रही, चुचियां दबा रही – ओओओह्ह… थाप-थाप।

अब्बू ने घोड़ी बनाया, चूत खिड़की की तरफ, फूली हुई। पीछे से लंड पेला, पक-पक-पक, गांड पर चांटे।

मैं मुठ मार रहा। अब्बू ने गांड में उंगली डाली, चिहुंक – आह्ह! सरसों का तेल लगाया, गांड चुदाई शुरू।

गांड पकड़ी, धक्का, चीखी लेकिन मुंह बंद। चुचियां दबाते लंड उतारा, जोर-जोर थाप-थाप, कराह रही।

20-25 झटके बाद अब्बू गांड में झड़े। मैं मुठ मार झड़ा। फिर सोचा, दोबारा मुठ मारी, कच्छे में वीर्य, लंड दर्द करने लगा। सो गया।

सुबह अम्मी आ चुकी। बाजी नॉर्मल, कॉलेज चली गई, मैं भी।

इस तरह अब्बू ने अम्मी की गैरमौजूदगी में बाजी की सील तोड़ी, चुदक्कड़ रंडी बना दिया। बाद में मैंने भी बहन की चूत चोदी, मेरा लंड लेने लगी। कॉलेज में बॉयफ्रेंड से चुदवाती है।

तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरे दोस्त नियाज की कहानी? इस कहानी के बारे में अपनी राय से मुझे अवगत करायें।

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