बेटी ने बाप के लण्ड का माल चखा

Dad Daughter Sex Story: यह कहानी फ्री सेक्स कहानी डॉट इन के माध्यम से पाठकों तक पहुंचाई जा रही है। यह कहानी सिया और उसके सौतेले पिता राहुल के बीच के रिश्ते की है। इसे पढ़कर पाठकों को मजा जरूर आएगा, यह गारंटी से कहा जा सकता है।

सिया देहरादून में रहती थी। वह बचपन से ही बहुत खूबसूरत थी। उस समय उसकी उम्र 21 साल थी। उसकी माँ भी सिया से कुछ कम नहीं थी। वह भी खूबसूरती की मिशाल थी। सिया के पिता का एक्सीडेंट तब हो गया था, जब वह छोटी थी। बचपन से ही वह बिना पिता के थी। उसकी माँ किसी धनवान मर्द से शादी की सोच रही थी। एक दिन राहुल नाम के एक लंबे-चौड़े आदमी ने उसकी कुछ मदद कर दी। उसी दिन से वह उसकी दीवानी हो गई। सिया की माँ ने राहुल से शादी कर ली। सिया को एक नया पिता मिल गया था। सिया ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसका सौतेला पिता इतना कमीना होगा। उस दिन राहुल ने सिया की माँ की खूबसूरती को देखकर उसकी मदद करके उसके दिल में जगह बना ली थी। सिया उस समय 20 साल की थी। उसका बचपन बीत चुका था। उसकी जवानी आ गई थी।

सिया बचपन से ही ज्यादा खूबसूरत लगने लगी थी। उसका गदराया बदन देखकर राहुल भी उसकी जवानी के मजे लूटना चाहता था। सिया भी अपनी माँ की तरह माल हो गई थी। राहुल उसे देखकर हमेशा घूरता रहता था। हर रात वह अपनी पत्नी के साथ संभोग करता था। सिया आज भी उनके पास सोती थी। हर रात चुदाई की आवाज सुनती थी। कभी-कभी तो कोई सीन भी देख लेती थी। यह काम अक्सर रात के अंधेरे में लाइट बंद करके होता था। जब उन्हें लगता था कि सिया सो गई है, तो वे लोग शुरू हो जाते थे। करीब एक घंटे तक सिया की माँ चीखती रहती थी। राहुल उसके ऊपर उछलता रहता था। रोज रात को पूरा बिस्तर हिलता रहता था। सिया को यह सब देखकर चुदने को मन करता था, लेकिन वह किसके साथ करती। वह किसी तरह देख-देख कर ही मजा ले रही थी। एक दिन सिया की माँ राहुल के साथ लेटी हुई थी। रोज की तरह आज भी उनका काम लगने वाला था।

सिया की माँ: जवान बेटी बगल में लेटी है। आपको अब ऐसा नहीं करना चाहिए।

राहुल: हां, उसकी भी शादी कर दूंगा। नहीं तो उसकी जवानी का सारा मजा बेकार हो जाएगा।

सिया की माँ: हाँ, इस उम्र में तो मुझे लंड खाने को मिल गया था।

सिया भी उनकी बातों को सुनकर बहुत खुश हो रही थी। उसे लंड से खेलने की तड़प हो गई थी। वह चुदने के सपने देखने लगी। लेकिन जो उसके साथ हुआ, उसे उसने सपने में भी नहीं सोचा था। सिया की शादी से पहले ही राहुल ने अपना लंड खिला दिया। उसकी चूत में सबसे पहला लंड राहुल ने ही घुसाया। दोस्तों, सिया राहुल और उसकी माँ के बीच की दरार बन गई थी। वह रात में देर से सोती थी। राहुल को अपनी हवस को शांत करने का मौका भी नहीं मिल पाता था। वह तो उसका सौतेला पिता था। एक दिन राहुल ने सिया के सामने ही उसकी माँ के साथ खेलना शुरू कर दिया। पहले तो सिया को लगा कि वह नॉर्मली प्यार कर रहा है। लेकिन राहुल का प्यार धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा था। वह सिया की माँ के फूले हुए दोनों चूचों को पकड़कर मसल रहा था।

सिया की माँ ने सिया को यह नजारा देखते हुए देख लिया। उसने तुरंत ही राहुल को धकेल दिया। वह सिया की सगी माँ थी। इन सब चीजों से उसे दूर रखना चाहती थी। राहुल पागल सा हो गया था। सिया की माँ से प्यार करते-करते वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गया था। सिया चुपचाप लेटी थी। उसकी माँ ने सिया को बीच में कर दिया। राहुल और सिया की माँ उसके दोनों बगल में लेट गए। राहुल ने सिया को प्यार से सहलाकर चिपका लिया। उसका लंड सिया की कमर पर स्पर्श कर रहा था। सिया अपने कमर पर राहुल के लंड की गर्माहट का एहसास कर रही थी। सर्दियों का मौसम था। सभी लोग रजाई ओढ़कर लेटे थे। राहुल तो उस दिन सो गया, लेकिन सिया के अंदर लंड को देखने की तड़प छोड़ दी। वह देखने को व्याकुल हो चुकी थी। उस रात उसने राहुल के लंड को हाथों से भी छुआ था। वह रात भर अपनी चूत खुजाती रही।

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एक दिन सिया की माँ उसे लेकर मामा के यहाँ जाने की बात करने लगी। राहुल ने सिया को रोक लिया। सिया की माँ सुबह-सुबह ही मामा के घर चली गई। घर पर राहुल सिया के साथ बैठा हुआ था। सिया को उसकी नजर बहुत अजीब लग रही थी। राहुल उसे घूरते हुए उसके मम्मों को ताड़ रहा था।

राहुल: तुम्हारा फिगर 34-30-32 होगा!

सिया: पता नहीं, मैंने कभी नोटिस नहीं किया।

राहुल: ब्रा की साइज क्या है तुम्हारी?

सिया (शरमाते हुए): 34B

राहुल: मतलब तू अपनी माँ के करीब पहुंचने वाली है।

सिया: पापा, आज आप ये कैसी बहकी-बहकी बातें कर रहे हैं?

राहुल: तेरे को बता रहा हूँ, मेरी जान, तुम अब जवान हो चुकी हो।

तभी राहुल को कोई काम याद आ गया और वह अपने काम पर चला गया। सिया के अंदर चुदने की प्यास बढ़ती ही जा रही थी। शाम को राहुल वापस आ गया। सिया ने खाना बनाया और उन्होंने एक साथ खाना खाया। रात के करीब 10 बजे वे लोग सोने चले गए। बिस्तर पर एक किनारे राहुल और एक किनारे सिया लेटी हुई थी। अचानक राहुल धीरे-धीरे सिया की तरफ बढ़ने लगा। उसके पास आकर वह प्यार करने लगा। सिया मदहोश होने लगी। इस तरह का प्यार तो राहुल अपनी पत्नी के साथ करता था। सिया को उसके प्यार करने का स्टाइल बहुत ही अच्छा लगा। वह बिना कुछ रिएक्शन किए हुए सब करवा रही थी। राहुल का मौसम बन गया था।

सिया: पापा, ये क्या कर रहे हो?

राहुल: बेटा, तेरे को प्यार कर रहा हूँ।

सिया: रहने दो, मुझे कुछ होने लगता है। जब आप अपना हाथ मेरे बदन पर लगाते हो।

राहुल: यही तो है, जो तेरी जवानी में एहसास करा रहा हूँ। मैं जैसा करता हूँ, मुझे करने दो।

फिर मजा देखना, इतना कहकर राहुल ने उसके बदन को मसलते हुए सहलाना शुरू कर दिया। सिया भी धीरे-धीरे राहुल की तरफ आकर्षित होने लगी। वह उसकी तरफ जाकर उससे लिपटने लगी। राहुल ने उसे अपने बाहों में जकड़कर प्यार से किस करना शुरू कर दिया।

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राहुल: कैसा लग रहा है मेरा प्यार?

सिया: बहुत अच्छा लग रहा है।

राहुल: और मजा दे सकता हूँ, लेकिन कभी मम्मी को बताना मत!

सिया: वही तो नहीं, जो आप रोज मम्मी को देते हो।

राहुल: हाँ बेटा, तेरे को तो उससे भी ज्यादा मजा आएगा।

सिया: क्यों?

राहुल: तेरा अभी पहली बार है।

सिया ने ठीक है बोलकर राहुल को सिग्नल दे दिया। राहुल तो पहले से ही उसके हुस्न का पागल था। शादी उसने अपनी पत्नी के साथ ही की थी, लेकिन सुहागरात वह सिया के साथ मनाना चाहता था। आज वह उसके साथ सुहागरात का मजा लेना चाहता था।

राहुल: मम्मी की तरह मजा लेना चाहती हो तो मम्मी की तरह बन भी जाओ।

सिया: मतलब?

राहुल: मतलब मम्मी की तरह साड़ी पहनकर आ जाओ!

सिया मम्मी की तरह साड़ी पहनकर आ गई। राहुल उसकी तारीफों पर तारीफ करता जा रहा था। वह बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रही थी।

राहुल: क्या मस्त माल लग रही हो। आज तो तुम अपनी मम्मी से भी ज्यादा खूबसूरत लग रही हो।

सिया: पापा, मुझे अपने साथ बिस्तर पर बिठाकर मजे लेने लगे।

सिया राहुल के सामने दुल्हन की तरह सजी हुई बैठी थी। राहुल उसके इर्द-गिर्द भौंरे की तरह घूम रहा था। उसने उसे ऊपर से नीचे तक देखते हुए अपने बाहों में कसकर जकड़ लिया। राहुल अपनी पत्नी की अनुपस्थिति का भरपूर फायदा उठा रहा था। आज सिया का लंड खाने का सपना पूरा होने वाला था। सिया ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि राहुल उसे लंड खिलाएगा। राहुल ने दरवाजा बंद किया और अपना कुर्ता निकालने लगा। सुहागरात के सीन का पूरा माहौल बना हुआ था। कुर्ते के साथ अपनी बनियान को भी निकाल दिया। जोश में उसे सर्दियों के मौसम में भी ठंड नहीं लग रही थी। उसने सिया को बिस्तर पर लिटाकर खुद भी उसके ऊपर चढ़ गया। उसके भारी-भरकम शरीर के नीचे सिया दबी हुई थी।

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राहुल ने उसकी गुलाबी होंठों को जोर-जोर से चूसकर उसके अंदर के हवस को जगाया। सिया सिसकती हुई अपने होंठों को चुसवा रही थी। राहुल जितनी ही तेज उसकी होंठ चूसता, उतना ही सिया को मजा आता था। राहुल ने होंठ का रस पीकर मजे उड़ाए। सिया ने भी उसका भरपूर साथ देकर इस काम का मजा दुगना कर दिया था। राहुल ने उसके गले पर किस करना शुरू कर दिया। सिया को गले पर किस करना बहुत ही अच्छा लगा।

राहुल ने उसे मदमस्त कर दिया था। अब वह उसके पूरे बदन पर कहीं भी हाथ लगाता। सिया कोई रिएक्शन नहीं करती थी। राहुल ने उसकी ब्लाउज को खोल दिया। सिया ने अपनी माँ की तरह ही उसका सब कपड़ा और श्रृंगार किया हुआ था। वह ब्रा में राहुल के सामने बिस्तर पर पड़ी हुई थी। उसे थोड़ी सी भी शर्म नहीं आ रही थी। बिल्कुल अपनी माँ की तरह वह राहुल से लिपट रही थी। राहुल उसके मक्खन की तरह मुलायम दूध के साथ खेलने लगा। उसकी ब्रा को खोलकर उसने उसके बूब्स को चूसने के लिए अपना मुंह उसकी तरफ बढ़ाने लगा। बूब्स के उभरे हुए भाग पर अपना मुंह लगाकर चूसने लगा। उसके निप्पल को अपने होंठों से खींच-खींच कर पीने लगा। सिया को दर्द सा महसूस होने लगा। फिर भी उसे मजा आ रहा था।

सिया: आराम से चूसो पापा! दर्द होने लगता है।

राहुल: बड़े दिनों से इसे देखता आ रहा था बेटा! आज इसे पीकर मेरे को अपनी प्यास बुझाने दे।

इतना कहते हुए वह दांतों से काट-काट कर उसके निप्पल को खींचने लगा। सिया जोर-जोर से “……अई…अई….अ ई……अई….इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की आवाज निकालने लगी। राहुल अपना पैजामा निकाल कर खड़ा था। सिया बिस्तर पर चित्त पड़ी हुई थी। वह उसके दोनों हाथ फैला कर उसके ऊपर घुटने रख कर उसके सीने पर बैठ गया।

राहुल: चल बेटा, अब जल्दी से मेरा लंड लॉलीपॉप की तरह चूसो!

सिया ने राहुल का लंड पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया। वह अपना लंड उसके बूब्स में लगाते हुए उसके मुंह में घुसाने लगा। उसका मोटा साँड़ जैसा लंड देखकर सिया की आँखें चौंधिया गईं। उसकी चूत में कीड़े काटने लगे। वह जोश में थी। राहुल का लंड अपने मुंह में आधे से ज्यादा अंदर लेकर चूसने लगी। राहुल तो अपना पूरा लंड उसके मुंह में घुसाने को परेशान था। वह अपना लंड उसके गले तक डालने लगा। सिया की सांसें फूलने लगीं। उसे राहुल का लंड खाना भारी पड़ रहा था। उसकी आँखें लाल-लाल हो गई थीं। वह आँखों ही आँखों से उससे रिक्वेस्ट करने लगी। कुछ देर बाद उसके मुंह से राहुल ने अपना लंड निकाल लिया। अब जाकर सिया ने चैन की सांस ली ही थी कि उसने उसकी नाभि को पीना शुरू कर दिया। उसकी नाभि के भीतर अपनी जीभ डालकर वह चाटने लगा।

राहुल के इस तरह करने पर सिया चुदने को तड़प उठी। उसकी चूत उसका लंड खाने को बेकरार हो गई। उसने कुछ देर तक उसकी नाभि को पीकर उसकी साड़ी उठाकर कमर पर रख दी। उसकी पैंटी को निकाल कर उसकी टांगों को फैला दिया। उसकी टांगों को खींचकर उसने उसे बिस्तर पर एक साइड में करके चूत का दर्शन किया।

राहुल: वाह बेटा, क्या मस्त चूत है तेरी! अभी तक इसका रस का एक बूंद नहीं किसी ने नहीं छुआ है। आज मैं इस रस को पीकर इसका भरपूर आनंद लेता हूँ।

सिया: पापा, आराम से कुछ भी करना। मेरे को दर्द होने लगता है। मेरी सांसें अटकने लगती हैं।

राहुल तो आज हवस के शैतान बने हुए थे। वह कहाँ कुछ सुनने वाला था। वह तो अपने धुन में मस्त होकर उसकी चूत पर अपना मुंह लगाकर चाटने लगा। उसने सबसे पहले उसकी चूत पर अपनी जीभ लगाकर चाटना शुरू किया। उसके बाद उसने उसकी चूत की दीवार को खींच-खींच कर पीने लगा। सिया जोर-जोर से “..अहहह्ह्ह्हहस्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” की सिसकारियां भरने लगी। राहुल ने उसकी चूत का सारा रस पीकर अपनी प्यास को बुझा ली। अब वह अपने हवस की प्यास को बुझाने के लिए उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा। उसकी चूत लाल-लाल हो गई। साड़ी कमर से खिसक कर चूत पर आ जाती थी। सिया की माँ को तो वह साड़ी कमर पर खिसकाकर चोद देता था। लेकिन सिया के कमर से साड़ी को हटाकर उसने पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया।

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साड़ी और पेटीकोट दोनों को निकाल कर उसके बदन में एक भी कपड़ा नहीं छोड़ा। राहुल ने एक-दो बार अपना लंड उसकी चूत पर रगड़कर छेद में घुसाने लगा। उसकी चूत में उसका लंड बहुत ही मेहनत के बाद घुसा था। उसकी चूत में उसका लंड घुसते ही सिया “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की जोर की चीखें निकालने लगी। उसकी चूत को फाड़ कर उसकी फाड़ू चुदाई कर रहा था। बुर में राहुल का लंड अंदर-बाहर हो रहा था। पहली बार उसकी चूत में राहुल ने अपना लंड घुसाकर दर्द का एहसास करा दिया था। सिया को दर्द में भी मजा आ रहा था। चूत में राहुल का लंड धमाल मचाए हुए था। कुछ देर बाद सिया को दर्द से राहत मिलने लगी। वह भी अपनी गांड उठाकर चुदवाने लगी। राहुल को पता चल गया कि उसकी बेटी भी मूड में हो गई है। वह जोर-जोर से अपना लंड उसकी चूत में टांगों को पकड़ कर चोदने लगा। सिया “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई …अई…अई…..” की चीखों के साथ उसका साथ निभा रही थी। राहुल ने उसकी चूत को फाड़कर उसका बुरा हाल कर दिया था।

आज सिया को पता चल गया था कि दर्द में भी सब कैसे चुदवा लेती हैं। वह भी बड़े मजे से चुदवा रही थी। तभी उसकी चूत में से माल निकलने लगा। राहुल ने उसकी चूत के रस को पी लिया। उसने उसकी ठुकाई बंद कर दी। उसका लंड अब भी बहुत कठोर था। उसने उसे झुकाकर उसकी गांड की छेद पर अपना निशाना लगा लिया। उसकी टाइट गांड को भी वह फाड़ दिया। सिया एक बार फिर जोर-जोर से “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की चीखें निकालने लगी। वह जोर के झटके उसकी गांड में लगाने लगा। उसका लंड भी कुछ शॉट लगाने के बाद स्खलित होने की स्थिति में आ गया। राहुल ने उसकी चुदाई को और भी ज्यादा तेज कर दिया। उसकी गांड में कुछ ही पलों में बहुत ही ज्यादा शॉट लगा दिए। आखिरकार वह भी झड़ ही गया।

उसकी गांड में ही सारा माल गिराने लगा। उसके लंड का माल गिरते ही सिया को अपनी गांड में कुछ गरमा-गरम महसूस हुआ। उसका लंड धीरे-धीरे सिकुड़ने लगा। उसने लंड को उसकी गांड से निकालकर उसके मुंह के सामने कर दिया। सिया को समझ में ही नहीं आ रहा था। वह अब क्या करे!

राहुल: बेटा, आज अब तुम मेरा लंड चाट कर साफ करो। इस पर लगे माल को चखो!

सिया ने वैसे ही किया। उस पर लगा गाढ़ा सफेद माल बहुत ही अच्छा लग रहा था। उसने चाट कर साफ कर दिया। धीरे-धीरे करके राहुल का लंड कठोर से मुलायम हो गया। उसका मौसम बनते ही उसने उस रात कई बार चुदाई की। उस दिन से आज तक सिया मौका पाते ही रोज राहुल का लंड खाती है।

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