Ganne khet chudai sex story – Padosan Virgin tight chut sex story: हैलो दोस्तों, मेरा नाम विक्रांत है, दोस्तों मैंने निष्ठा नाम की एक लड़की को चोदा था और वो भी एक गन्ने के खेत में, क्योंकि वो मेरी खेत वाली पड़ोसन थी और मुझे अपना भाई मानती थी, हर रक्षाबंधन पर वो मुझे राखी बांधती थी और प्यार से भाईया कहकर बुलाती थी, यह बात उस दिन की है जब वो खेत पर अपने घर से बिल्कुल अकेली आई हुई थी, मैंने देखा कि वो थोड़ी दूरी पर आगे की तरफ अपने खेत में ही झुककर सरसों का साग तोड़ रही थी, उसे इस तरह झुका हुआ देखकर मेरा लंड अकड़ रहा था, मैंने पीछे से उसे आवाज देकर पूछा कि आज अकेले कैसे निष्ठा, वो बोली कि मेरे सभी घर वाले बुआ की लड़की की शादी में गए हुए हैं और इसलिए आज मैं घर पर अकेली हूं।
दोस्तों उसके मुंह से यह बात सुनकर मेरा दिमाग बिल्कुल शैतान हो गया, मैं मन ही मन सोचने लगा कि आज तो मौका बहुत अच्छा है, ऊपर से वो मुझे कुछ ज्यादा ही स्माइल दे रही थी, मैंने उससे पूछा कि निष्ठा क्या तेरे पास दराती है, वो बोली कि मेरे पास तो नहीं है लेकिन वो कुएं पर रखी हुई है, मैंने कहा कि मेरा ट्रैक्टर स्टार्ट नहीं हो रहा है तो तू ट्रैक्टर के पास ले आ, वो बोली कि मैं अभी लाती हूं, उसने मुझसे पूछा कि वहां पर कौन कौन है, मैंने कहा कि मैं भी आज एकदम अकेला हूं, वो बोली कि ठीक है मैं अभी लाती हूं तुम चलो।
दोस्तों सही में मुझे आज ऐसा लग रहा था जैसे सारा भगवान मेरा साथ दे रहा था, क्योंकि आज पास के खेतों में भी कोई नहीं नजर आ रहा था, मैं ट्रैक्टर के पास आग के पास खड़ा था जहां पर मेरा दूध भी गर्म हो रहा था जो मैंने अभी तक नहीं पिया था, वो आई और मुझसे बोली कि ये ले लो दराती इसका क्या करना है, मैंने उससे कहा कि यह तुम यहीं पर रख दो और मुझे तुम्हें कुछ दिखाना भी है, वहीं पास में ही एक गन्ने का खेत था तो मैंने उससे कहा कि तुम मेरे साथ आओ गन्ने के खेत में वहां कुछ है, वो भी बिना किसी दिक्कत के मेरे साथ चल पड़ी।
जैसे ही वो गन्ने के खेत में घुसी और थोड़ा सा अंदर जाते ही मैंने उसे पीछे से कसकर पकड़ लिया, वो बोली कि यह क्या कर रहे हो विक्रांत पागल हो गए हो क्या, मैं अपने भैया से बोल दूंगी, लेकिन वो मुझे भाईया कहकर चिढ़ाती थी क्योंकि राखी बांधती थी, मैंने कहा कि यार मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूं और तुम बड़ी सेक्सी और हॉट हो, वो मुझसे बोली कि पसंद तो मैं भी तुम्हें करती हूं लेकिन यह कोई तरीका थोड़ी है यार, मैंने कहा कि आज मत रोको मुझे कब से पागल हो रहा हूं तुम्हारे लिए, वो बोली कि तुम सही में पागल हो और किसी ने हमें यहां पर ऐसे देख लिया ना तो हम दोनों की पूरे गांव में इज्जत उछल जाएगी, मैंने कहा कि कुछ नहीं होगा और आज वैसे भी तुम्हारे घरवाले कोई नहीं हैं और मेरे घर वाले कोई आएंगे भी नहीं।
मैंने उसे इतना कहने के बाद किस करना शुरू कर दिया, उसके कान के पीछे जो हल्के हल्के बाल थे कसम से उन्हें देखकर मेरा लंड और भी पागल हो रहा था, मैं उसके बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगा, वो बोली कि मुझे दर्द हो रहा है जाने दो मुझे क्या तुम्हें बिल्कुल भी शर्म नहीं आती एक अकेली लड़की देखी और बस टूट पड़े उस पर, मैंने इतनी ही देर में उसे नीचे लेटा दिया और लगातार किस करने लगा, हम दोनों की इस हलचल से गन्ने भी हिल रहे थे और जिनसे आवाजें आ रही थीं, मैं उसके गले होंठ गाल और जांघों पर किस करने लगा, उसे भी अब बहुत अच्छा लग रहा था और वो अब मुझे कुछ भी नहीं कह रही थी बस मेरे साथ मजे ले रही थी, आह्ह इह्ह वो धीरे से सिसक रही थी।
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कुछ देर के बाद वो डरती घबराती हुई मुझसे बोली कि हम दोनों इस समय बिल्कुल किनारे पर ही हैं और इस वजह से हमारी आवाज बाहर तक जा रही है और कोई हमें सुन लेगा तो हम दोनों के लिए बहुत बड़ी दिक्कत हो सकती है, मैंने उससे कहा कि क्यों तुम मुझे पसंद करती हो ना, वो बोली कि हां, मैंने कहा कि तो भाग मत जाना मैं अभी वहां से एक बोरी लेकर आता हूं, हम गन्ने के खेत में बहुत अंदर तक जाएंगे, मैंने उससे इतना कहकर जल्दी से भागकर ट्रैक्टर के पास चला गया और वहां से जूट की एक बोरी ली और जल्दी से गरमागरम दूध का डब्बा उठाया और तेजी से भागकर वापस खेत में आ गया, वहां पर पहुंचकर देखा तो वो वहीं खड़ी हुई थी, मुझे देखकर वो बोली कि तू बड़ा जल्दी आ गया हां तुझे लग रहा होगा कि मैं कहीं भाग ना जाऊं और इसलिए भागता हुआ आ रहा है।
मैंने कहा कि अब ज्यादा बकवास मत कर हम अब अंदर चलते हैं, हम दोनों अंदर गन्ने के खेत में जा रहे थे तो तभी वो बोली कि इस डब्बे में क्या है, मैंने कहा कि इसमें दूध है मेरा छोटा भाई नवीन देकर गया था, अब हम दोनों खेत में बहुत अंदर तक आ गए थे तो वहां से आवाज बाहर जाने का मतलब ही नहीं बनता था, मैंने जल्दी से पैरों से आस पास के गन्ने के पेड़ तोड़े और उन पर बोरी डाल दी और दूध का डब्बा वहीं रख दिया, वो खड़ी खड़ी यह सब देख रही थी।
अब मैंने उसे जल्दी से अपनी गोद में उठाया और बोरी पर लेटा दिया, उसका चेहरा एकदम सुर्ख लाल था साली पटाखा लग रही थी, मेरा लंड तो पिछले बहुत देर से फूलकर मोटा हो रहा था, अब मैं भी उसके पास लेट गया और अपना एक पैर उसके ऊपर रखकर उसे किस कर रहा था और साथ साथ उसके बूब्स भी दबा रहा था, अब वो भी मुझे किस रही थी, दोस्तों वो साली एक बहुत छोटे से गांव की होने के बाद भी मुझे ऐसे किस कर रही थी जैसे वो दुबई में रहती हो, मैंने उससे कहा कि क्यों तुझे बहुत अच्छा किस करना आता है, वो बोली कि तुझे क्या मैं चूतिया लगती हूं, मैं बोला कि वाह बड़ा दम लग रहा है मैडम में, वो बोली कि लड़ के देख ले कौन जीतेगा, बस फिर तो मैं उस पर टूट पड़ा।
उसने सलवार सूट पहना हुआ था और मैंने भी सलवार सूट पहना हुआ था, अब मैं उसके ऊपर आ गया और उसे किस करते हुए उसकी चूत पर कपड़ों के ऊपर से ही अपना लंड रगड़ने लगा, अब तक उसके बाल भी खुलकर बिखर गए थे और उसने भी मुझे कसकर पकड़ लिया, मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोलना चाहा तो उसने मेरे हाथ पकड़ लिए और बड़ी सेक्सी सी आवाज में बोली कि विक्रांत मुझे बहुत डर लग रहा है और मैंने आज तक यह सब किसी के साथ नहीं किया है, मैंने उससे कहा कि ले तू तो अभी से ही हार मान गई, वो बोली कि साले मैं अभी हारी नहीं हूं और जब टाइम आएगा तो तू ही रोकर भागेगा, यह सब पहली बार हो रहा है तो इसलिए मैं डर रही हूं और एक दिन वैसे मेरी भाभी ने मुझसे कहा था कि इन सब में पहली पहली बार में बहुत दर्द होता है।
मैंने उससे कहा कि तू बिल्कुल भी मत डर क्योंकि मैं बहुत आराम से करूंगा, मैंने उसका नाड़ा खोला और उसे थोड़ा नीचे सरकाकर देखा, मैंने देखा कि उसने सलवार के नीचे कुछ नहीं पहना हुआ था लेकिन उसने अपनी चूत के बाल साफ किए हुए थे, दोस्तों उसकी चूत बहुत गोरी थी और जिसे देखते ही मेरा मन ललचाने लगा, मैंने अब उसकी चूत के दाने को सहलाना शुरू कर दिया और फिर उसे किस करने लगा, वो तो अब समझो एकदम पागल सी हो गई, आह्ह ह्ह्ह इह्ह वो सिसकारियां भर रही थी, मैंने उसकी पूरी सलवार को उतार दिया और उसकी चूत में एक उंगली डाली लेकिन मैंने अब महसूस किया कि मेरी उंगली भी बहुत आसानी से चूत के अंदर नहीं जा रही थी क्योंकि उसकी चूत बहुत टाइट थी और वो अभी तक वर्जिन थी, मैं समझ गया कि अगर मैंने इसे अभी अपना लंड दिखाया तो यह मेरे लंड का आकार देखकर भाग जाएगी।
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मेरे सर पर जो कपड़ा बंधा हुआ था वो मैंने उतारा और उसकी आंखों पर बांध दिया, वो बोली कि अब यह सब किसके लिए, मैंने कहा कि किसके लिए क्या मेरी जान बहुत हॉट है और यह सब तो इसलिए कि जिससे तुम्हें और भी मजा आए, मैंने धीरे धीरे उसकी चूत में अपनी उंगली को डालकर अंदर बाहर करना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से बहुत हल्का हल्का पानी भी बाहर आ रहा था और उसकी चूत थोड़ी गीली भी हो रही थी, एक उंगली बहुत आराम से अंदर बाहर आने जाने लगी थी, उसे भी बड़ा मजा आ रहा था और उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं, ओह्ह आह्ह ह्हीईई वो पैर फैला रही थी, उसने अपने दोनों पैरों को पूरा खोल दिया जिसकी वजह से उसकी चूत का छेद और थोड़ा साफ दिख रहा था।
मैंने उसकी चूत के मुंह पर जल्दी से अपना लंड रखा और थोड़ा घिसने के बाद दूर हटा लिया, वो बोली कि यह क्या था, मैंने कहा कि कुछ नहीं मेरा हाथ था, मैंने एक हाथ उसके पेट पर रखा और एक बीच की उंगली को उसकी चूत में तेजी से आगे पीछे करने लगा, वो तभी मैंने महसूस किया कि अब उसका पेट भी कांप रहा था, आह्ह्ह ह्ह्ह आऊ ऊउइ वो कांपते हुए बोली, मैंने उसे बैठाया और उसका सूट भी उतार दिया, उसने अंदर काली कलर की ब्रा पहनी हुई थी, ब्रा उतारकर मैंने उसे एक बार फिर से नीचे लेटा लिया और अब वो बस पैंटी में थी और ऊपर से पूरी नंगी थी, मैंने भी अपनी जैकेट को उतारा और साथ ही साथ सेंडो बनियान भी और उसके बूब्स से अपनी गरम गरम छाती लगा दी, जैसे ही मेरी छाती उससे छुई तो वो मुझसे बोली कि विक्रांत मुझे आज पहली बार बड़ा अच्छा लग रहा है यार क्या तुम मुझे बिना तरस खाए कुतिया की तरह चोद सकते हो, गौर से देखो कि मुझे मेरी शक्ल कुतिया से कितनी मिलती जुलती है और अगर तुम कहो तो मैं भौंककर भी दिखाऊं।
मैंने उसके दोनों कंधों से उसकी ब्रा को भी नीचे किया और एक बूब्स को चूसने लगा, ग्ग्ग्ग गी गी वो मेरे सर पर अपनी उंगलियां फेरने लगी, मैंने उसकी ब्रा को पूरी उतार दिया और अपना भी लोअर निकाला और साथ ही अंडरवियर भी निकाल दी क्योंकि अब मुझसे भी रुका नहीं जा रहा था, दोस्तों मेरा लंड ज्यादा बड़ा नहीं है लेकिन हां एक प्यासी तड़पती हुई बेचैन लड़की की चूत को चोदकर संतुष्ट करने के लिए एकदम फिट है और वो अब पूरी गरम हो चुकी थी, तभी मेरे दिमाग में आया कि यार डब्बे में गरमागरम दूध भी तो रखा है।
मैंने दूध पिया और उसे भी पिलाया, दोस्तों अब गांव में शुद्ध ताजा दूध होता है तो उसे पीने के बाद डब्बे में बहुत सारी मलाई बच गई थी तो वो मैंने नहीं खाई थी, मैंने उसकी चूत पर मलाई रखी और उसे चाटने लगा, गों गों गोग गी गी मैं कुत्ते की तरह चाट रहा था, अब उसे और भी मजा आ रहा था, अब तो मानो वो पूरी ही कांप रही थी और सिसकारियां भर रही थी, आह्ह्ह्ह ह्ह्हीईई ओह्ह ऊईईई वो चिल्ला रही थी, अब कुत्ते का खिताब तो मुझे पहले ही मिल चुका था, मैंने कुत्ते की तरह सारी दूध की मलाई उसकी चूत से चाट ली और वो बार बार बोल रही थी विक्रांत यार अब जल्दी से मुझे चोद दो मैं अब और इंतजार नहीं कर सकती और थोड़ा जल्दी करो।
मैं उसके ऊपर चढ़ गया तो उसने मेरी छाती पर काटना शुरू कर दिया और वो बिल्कुल पागल सी हो गई थी, उसने अपनी आंखों से वो पट्टी भी निकाल दी थी और मेरा लंड उसकी चूत पर लगा था, वो नीचे से धक्के मार रही थी और वो बेसुध होकर पागलों की तरह मुझे किस कर रही थी, उसके बाल भी बिखरे हुए थे और आंखों से आंसू बाहर आ रहे थे, इतनी गरम इतनी गरम सच में दोस्तों, अब मैंने उसके दोनों हाथ फैलाए और कसकर पकड़ लिए और अपने दोनों पैरों से उसके दोनों पैरों को खोल दिया और अब मैं लंड डालने के लिए पूरी तरह से तैयार था।
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मैंने लंड को उसकी चूत के मुंह पर रखा और थोड़ा सा दबाव दिया तो वो मुझसे पहले तैयार थी, वो मुझे नीचे से धक्के मार रही थी और पूरी चुद्दो लग रही थी जबकि सच यह था कि वो अब तक वर्जिन थी, मैंने जब थोड़ा सा लंड अंदर डाला तो वो कसकर मुझसे चिपक गई और मैंने नीचे देखा तो लंड अभी पूरा अंदर भी नहीं गया था और उसकी चूत से खून बाहर आ रहा था लेकिन वो फिर भी इन सब बातों से बेखबर होकर मजे कर रही थी, मैंने भी एक अच्छा मौका देखकर एक ही झटके में अपना सारा लंड उसकी चूत में डाल दिया तो वो एकदम जोर से चिल्ला उठी और मुझसे बोली कि अह्ह्ह्ह्ह्ह्हह्ह आईईईईइ बाहर निकाल ले यार उह्ह्हह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है आह्ह्ह्हह्ह मां मेरी चूत फट गई अब तो इसे बाहर निकाल ले उह्ह्हह्ह मैं अब इस दर्द को ज्यादा देर नहीं सह सकती तू अभी इसे मेरी चूत से बाहर निकाल उह्ह्ह अह्ह्ह्हह।
दोस्तों मैंने उसकी एक ना सुनी और मैंने लगातार धीरे धीरे धक्के मारने शुरू कर दिए और उसके पूरे जिस्म को सहलाने लगा, वो थोड़ी देर चीखती चिल्लाती रही, आह्ह्ह ह्ह्ह ओह्ह ऊईईई दर्द से कराह रही थी, कुछ देर के बाद उसे दर्द होना बंद हो गया तो वो भी अब अपनी चूत की चुदाई के मजे अपनी चूतड़ को ऊपर नीचे करके लेने लगी और मुझसे जोर जोर से धक्के देकर चोदने का इशारा करने लगी, आह इह्ह ओह्ह ह्ह्ह भाईया वो अब मजा लेते हुए बोली, भाईया जोर से भाईया आह्ह्ह भाईया मेरी चूत भाईया, दोस्तों मुझे गरम गरम दूध पीने से और भी ज्यादा मजा आ रहा था, मैंने उसको हर एक तरीके से चोदा कभी उसे कुतिया बनाकर चोदा तो कभी नीचे लेटाकर तो कभी खड़े खड़े धक्के देकर बहुत देर तक लगातार चोदता ही रहा, आह्ह ह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह्व ऊऊ ऊउइ ऊई उईईई भाईया भाईया भाईया हम दोनों की सिसकारियां गन्ने के खेत में गूंज रही थीं, करीब तीस मिनट चली इस चुदाई में उसकी और मेरी हालत बहुत खराब हो चुकी थी।
मैंने अपना गरम गरम वीर्य उसकी चूत में डालकर उसकी चुदाई को पूरा किया और जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो मैंने देखा कि उसकी चूत का खून मेरे लंड को पूरी तरह लाल कर चुका था, दोस्तों जब हम उस गन्ने के खेत से बाहर निकले तो उसने मुझे कसकर अपनी बाहों में भर लिया और फिर वो अपने खेत में चली गई, मैंने उसे पीछे से जाते हुए देखा कि उसे अब चलने में भी बहुत दिक्कत हो रही थी और शायद उसकी चूत में कुछ ज्यादा ही दर्द था, दोस्तों फिर मुझे उसे देखकर लगा कि मैंने सही मायने में बहुत गलत कर दिया लेकिन उसके दूसरे दिन उसने मुझे मेरी चुदाई के लिए धन्यवाद कहा और उसने मुझसे कहा कि तुम अब जब भी चाहो मुझे चोद सकते हो क्योंकि अब मेरे दिल और दिमाग से मेरी भाभी का दिया हुआ डर का भूत बाहर निकल चुका है और मैं अब चुदाई के नाम से कभी भी नहीं डरूंगी, उसके बाद मैंने उसको उसकी मर्जी से बहुत बार चोदा और बहुत मजे किए क्योंकि वो अब हमेशा बिल्कुल बिंदास होकर मुझसे चुदवाने के लिए तैयार खड़ी रहती थी और मैं उसका एक इशारा पाकर उसकी चुदाई करने चला जाता था।