भाभी की चूत का भोग पति और देवर ने लगाया

Pati Devar threesome sex story – Bhabhi ki chudai sex story – Wife Sharing Sex Story: हेलो दोस्तों, मैं आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत करती हूं, मैं पिछले कई सालों से सेक्सी स्टोरीज की नियमित पाठिका रही हूं, ऐसी कोई रात नहीं जाती जब मैं इन कहानियों को न पढ़ती हूं, आज मैं आपको अपनी कहानी सुनाने जा रही हूं, आशा है कि ये आपको बहुत पसंद आएगी

मेरा नाम अवनी है, मेरी उम्र 29 साल है, मैं फैजाबाद में रहती हूं, मैं देखने में बहुत ही जबरदस्त माल दिखती हूं, मेरा रंग खूब गोरा है, मेरी खूबसूरती पर सारे लोग फिदा हैं, मेरा अंग-अंग रस भरा है, मेरे चुच्चे बहुत ही सॉलिड लगते हैं, मेरा फिगर 36-30-36 है, जितनी पीछे मेरी गांड निकली हुई है उतनी ही आगे मेरी चूंचियां निकली हुई हैं, 36 इंच के इन मम्मों को पीने को बहुत लोग परेशान रहते हैं, मुझे भी चुदवाने में बहुत मजा आता है, बड़े-बड़े लंड मुझे बहुत पसंद हैं, उनसे खेलकर चूसना मुझे बहुत अच्छा लगता है, मैं चुदाई का खेल बहुत दिनों से खेलती आ रही हूं, मुझे अपनी चूत चटवाने में बहुत मजा आता है, दोस्तों अब मैं अपनी कहानी पर आती हूं, किस तरह से मेरी चूत का भोग लगाया मेरे पति और नागेन्द्र ने

मैं एक शादीशुदा औरत हूं, घरवालों ने मेरी शादी पड़ोस के ही एक गांव बौनापुर में कर दी थी, मुझे एक हट्टे-कट्टे शरीर वाला पति मिला था, जिंदगी खूब मजे में कट रही थी, मेरे पति का नाम अश्वनी है, वो सिर्फ दो भाई हैं, अश्वनी जी बड़े हैं, दूसरे भाई साहब उनसे सिर्फ 2 साल छोटे हैं, उसका नाम नागेन्द्र है, वो भी उनसे ज्यादा खूबसूरत और गजब की पर्सनैलिटी का मालिक है, दोनों का अंग बहुत गठीला है, दोनों बहुत प्यारे हैं, वो हमेशा मुझे भाभी-भाभी कहता रहता है, पूरा मजा लेता है, जब भी मौका मिलता है मजा लेने में कोई कसर नहीं छोड़ता, जब भी मैं चलती हूं तो वो मेरी मटकती गांड पर ही नजर गड़ाए रहता है

ये बात एक रात की है जब मैं बिस्तर पर लेटी थी, तो सारा हाल अपने पति को सुनाने लगी, उन्होंने कुछ न कहकर टाल दिया, मेरी रात भर चुदाई करते रहते थे, वो अपना 8 इंच का लंड मेरी चूत में डाले रात भर बिस्तर पर पड़े रहते थे, मैं भी उस लंड से चुद-चुद कर बोर हो चुकी थी, मुझे किसी नए लंड की जरूरत महसूस होने लगी, कुछ दिनों से मैं अपनी ब्रा पर कुछ लगा हुआ पाती थी, मैंने उसे सूंघा, हाथ से छूकर देखा तो वो लंड का माल निकला, मुझे तुरंत पता चल गया ये काम कौन करता है, घर में अश्वनी और नागेन्द्र के अलावा कोई नहीं रहता, वो तो मेरी रात भर चुदाई करते हैं तो वो ऐसा क्यों करेंगे, बचा था नागेन्द्र, उसकी ही ये सारी करतूतें थीं, मैं उसे अपनी ब्रा में मुठ मारते पकड़ना चाहती थी, अब पति अश्वनी के काम पर जाते ही मैं नागेन्द्र के पीछे लग जाती थी, वो भी अपने काम पर लग गया, मैंने अपनी ब्रा और पैंटी को उसके आगे टांग दिया, नागेन्द्र ने जैसे ही देखा उसे उठाकर अपने रूम में ले गया, मैंने घर का काम करने का नाटक करने लगी

उसे लगा कि मैं बाहर का बरामदा साफ कर रही हूं, लेकिन मैं चुपचाप खिड़की पर खड़ी थी, सारा नजारा देखने लगी, वो मेरी ब्रा पर अपना 12 इंच का लंड निकालकर फेंटने लगा, उसका इतना बड़ा लंड देखकर मुंह में पानी आने लगा, मैं उसे खाने को बेकरार हो गई, कुछ ही दिनों बाद मेरे घर के पास भंडारा था, मेरे पति अश्वनी के खास मित्र के यहां रहते थे तो रात को वो देर तक वहां रहते थे, नागेन्द्र सिर्फ एक दिन ही गया था, अभी तक वो कुंवारा ही था, ये बात एक साल पहले की है, जब भंडारा चल रहा था वो एक दिन मेरी ब्रा हाथ में लेकर अपने रूम में बैठा मुठ मार रहा था, मुझसे रहा नहीं गया, मैंने पीछे से जाकर उसे पकड़ लिया, वो अपना लंड पकड़े हुए था, उसका लंड बहुत मोटा लग रहा था, वो चौंककर अपना लंड ढकने लगा, मैंने बताया कि मैंने सब कुछ देख लिया है

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वो शर्माने लगा, उसे डर था कि मैं उसके बड़े भाई साहब से न बता दूं, लेकिन मुझे तो नागेन्द्र का लंड खाना था, उसके लंड की तरफ मैं बार-बार देख रही थी, वो डर के मारे माफी मांगने लगा, ढंग से बोल ही नहीं पा रहा था, मैं उसके पास बैठ गई, उससे चिपककर कहने लगी, घबराओ नहीं मैं किसी से कुछ नहीं कहूंगी, मुझे पता है इस उम्र में हर कोई अकेला कैसे रहता है

वो नीचे सर झुकाए बोला, भाभी किसी से कहना मत, आज के बाद ऐसा नहीं करूंगा

मैं बोली, मुझे पहले नहीं पता था, नहीं तो तुम्हें ये सब करने की नौबत ही न आती

नागेन्द्र बोला, आपका मतलब नहीं समझ आया भाभी जी

मैं बोली, नागेन्द्र जी मुझे पता होता तो तुम्हारे लिए कहीं जुगाड़ कर देती

नागेन्द्र बोला, किस चीज का जुगाड़

नागेन्द्र जी बहुत भोले बनने लगे

मैं बोली, ज्यादा भोला बनने का नाटक न करो, मुझे सब पता है, तुम कितने भोले हो

नागेन्द्र बोला, सही भाभी कहीं कर दो उसका जुगाड़, अब रहा नहीं जाता उसके बिना

मैं बोली, मैं तुम्हारी मदद कर सकती हूं, लेकिन किसी से कहना मत

नागेन्द्र बोला, नहीं कहूंगा

मैं बोली, जब तक मैं जुगाड़ करती हूं, तब तक तुम मुझसे ही काम चला लो

नागेन्द्र हक्का-बक्का रह गया, वो समझ ही नहीं पा रहा था क्या बोलूं, इतना कहकर मैं उससे और अच्छे से चिपक गई, नागेन्द्र कहने लगा, सच में भाभी तुम मुझसे चुदोगी

मैं बोली, हां लेकिन ये किसी को पता नहीं चलना चाहिए

मेरे इतना कहते ही वो जोर-जोर से मेरे होंठों पर किस करने लगा, उसके बाद धीरे-धीरे मेरे मम्मों को दबाने लगा, मम्मों को दबाते ही मैं गर्म होने लगी, आह्ह ह्ह्ह इह्ह, मैं बार-बार उसका खड़ा लंड छूकर मजा ले रही थी, मेरे पति अश्वनी को इस बात का पता नहीं था, उस दिन तो मैंने अपने देवर नागेन्द्र को खूब दूध पिलाया अपना, उन्होंने मेरी चूत चाटी, ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गी गी गों गों, मैंने भी उनका लंड चूसा, ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गी गी गोग गोग, उसके बाद उन्होंने मुझे चोदकर अपनी प्यास बुझाई, मेरी बुर को उनके बड़े मोटे लंड ने अच्छे से फाड़ डाला था, आह इह्ह ओह्ह ओह, आह ह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह्व, रात को जब अश्वनी घर आया तो उसने फिर मुझे चुदने के लिए जगाया, लेकिन मैं पहले ही चुदवा कर थक चुकी थी, मैंने अपना सारा कपड़ा उतार दिया, लेकिन उनके साथ सेक्स न कर सकी, वही कुछ देर तक चूंचियों को दबाकर चूत में लंड डालकर चुदाई करके झड़ गए, आज उन्हें भी कुछ ज्यादा मजा नहीं आया, दूसरे दिन फिर वो चले गए, मुझे लगा आज भी वो देर से आएंगे

मेरे पति अश्वनी के वीर्य में पता नहीं किस चीज की कमी थी, जिससे मुझे आज तक बच्चा नहीं हो पा रहा था, वो भी अपनी मर्दानगी पर शर्मिंदा हो रहे थे, उस दिन वो जल्दी घर आ गए, घर आते ही उन्होंने मुझे देवर नागेन्द्र की बाहों में पड़ी देखकर गुस्से से लाल-पीले होने लगे, मैं देखते ही वहां से उठ गई, नागेन्द्र भी डर से चुपचाप वहीं बैठा था, वो मुझे पकड़कर अपने रूम में ले गए, मुठ मारकर अपना लंड खड़ा करके मेरी जोर-जोर से चुदाई करने लगे, गुस्से में मेरी चूत को वो अपने लंड से फाड़े जा रहे थे, मैं जोर-जोर से ओह्ह माँ ओह्ह माँ उ उ उ उ उ अ अ अ अ अ आ आ आ आ चिल्ला रही थी, उसके बाद वो थककर लेट गए, वो मुझे गाल पर चांटे मारने लगे, कुतिया हरामजादी छिनाल अपने देवर से फंसी हुई है, अपनी मां चुदाले रंडी कहने लगे और मुझे गालियां देने लगे, मैंने भी उनकी मर्दानगी के बारे में बता दिया कि तुम बाप बनने लायक नहीं हो, वो कुछ न बोल सके, बाहर तुम्हें क्या कहते होंगे सब, फिर मैंने बच्चे का लालच देकर उन्हें मना लिया, उन्होंने दूसरे दिन नागेन्द्र जी को बुलाया, वो रात को मेरे कमरे में डरते-डरते आया, उन्होंने कमरे का दरवाजा बंद किया, कहने लगे, चलो भाई आज हम मिल-बांटकर खाते हैं इसको

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वो फिर से भौचक्का रह गया, मैंने अपना सारा प्लान पहले ही उसे समझा दिया था, दोनों मुझे सहलाने लगे, मैं गर्म होने लगी, आह्ह ह्ह्ह इह्ह, दोनों मुझे आगे-पीछे होकर छू-छूकर गर्म कर रहे थे, धीरे-धीरे पति और देवर दोनों ने मेरी साड़ी उतार दी, फिर मेरा ब्लाउज, पेटीकोट, ब्रा और पैंटी सब कुछ एक-एक करके उतार दी, नागेन्द्र आगे मेरी चूत में उंगली कर रहा था, उह्ह्ह ओह्ह आह इह्ह, मैं जोश में आकर गर्म-गर्म सांसें छोड़ने लगी, पहले नागेन्द्र ने मेरा काम लगाने के लिए अपना पैंट निकाला, उसका लंड मैं हाथ में लेकर चूसने लगी, ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गी गी गों गों गोग गोग, मुझे उसका लंड चूसने में मजा आ रहा था, पति अश्वनी भी अपना लंड निकालने के लिए पैंट खोलने लगे, मैंने उनका भी लंड पकड़कर दोनों का साथ में चूसने लगी, ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गी गी गों गों

दोनों के लंड को एक साथ पाकर मुझे जन्नत मिल गई, दोनों के साथ फेंट रही थी, मैं बहुत खुश हो रही थी, दोनों के लंड की गोलियां मैं रसगुल्ले की तरह चूस रही थी, ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गी गी, दोनों अपना-अपना मेरे मुंह में डाल रहे थे, चूत-गांड की तो बात छोड़ो, दोनों जोश में आकर मेरा मुंह फाड़ रहे थे, आपको तो पता ही होगा कि मुंह में एक साथ कितना लंड डाला जा सकता है, दोनों ने मिलकर मेरी साड़ी उतारी, ब्लाउज के ऊपर से ही चूंचियों को मसलकर उसे भी निकाल दिया, मुझे ब्रा में देखकर दोनों पागलों की तरह उस पर झपटकर निकाल दिया, पेटीकोट का नाड़ा खोलकर उसे भी निकाल दिया, नागेन्द्र ने मेरी चूंचियों को हाथों में लेकर खेलने लगा, वो उसे उछाल-उछालकर मजा ले रहा था, उसे ऐसा करते देख अश्वनी से भी रहा नहीं गया, उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटाकर मेरी एक चूंची को मुंह में भरकर पीने लगे, आह्ह ह्ह्ह इह्ह, दोनों मुझ पर कुत्ते की तरह टूटकर मजा ले रहे थे, दोनों का लंड खड़ा हो गया, नागेन्द्र जी मेरी चूत की तरफ बढ़कर मेरी पैंटी निकाल दिया

उन्होंने मेरी चूत पर अपना मुंह लगाकर पीने लगे, चूत की दोनों पंखुड़ियों को होंठों से पकड़कर खींच-खींचकर पीने लगे, ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गी गी गों गों, मैं अई अई अई अहह्ह्ह्ह सी सी सी सी हा हा हा की सिसकारी भरने लगी, अश्वनी ने वो भी बंद करवा दिया, उसने अपना होंठ मेरे होंठ से लगाकर पीने लगा, मेरी नाजुक नर्म होंठों को वो बहुत कम चूसता था, लेकिन आज वो ये भी कर रहा था, दोनों मुझे दुगनी स्पीड से गर्म कर रहे थे, आह्ह ह्ह्ह इह्ह ओह्ह, मुझे नहीं पता था कि दोनों को सहने में बहुत मुश्किल होगी, एक-एक करके मेरा काम लगाना शुरू किया, अश्वनी ने मेरी चूत में अंदर तक जीभ डालकर चाट रहा था, ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गी गी

वो मेरी चूत के दाने को काट-काटकर मुझे तड़पा रहा था, मैं अई अई अई अई इसस्स्स्स्स् उहह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह की सिसकारी भर रही थी, फिर नागेन्द्र जी ने मेरी दोनों टांगों को खोलकर मेरी चूत के दर्शन किए, उसके बाद उन्होंने मेरी चूत पर लंड रगड़कर मुझे चुदने को बेकरार करने लगे, धीरे-धीरे रगड़कर चूत के छेद पर निशाना साधने लगे, छेद का मुंह लंड पर लगते ही उन्होंने धक्का मार दिया, आधा लंड मेरी चूत में घुसा दिया, मैं जोर-जोर से आआआअह्हह्हह ईईईईईईई ओह्ह्ह् अई अई अई अई मम्मी की आवाज निकालने लगी, आज तो वो कुछ ज्यादा जोश में लग रहा था

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उसने तुरंत फिर जोर का झटका मारकर पूरा लंड घुसा दिया, पति अश्वनी आज पत्नी की चुदाई देख रहे थे, वो मुंह बनाए बैठे थे, मैं उनका लंड पकड़कर मुठ मारने लगी, वो भी जोश में आने लगे, उधर मेरा देवर नागेन्द्र 12 इंच का लंड डाले मेरी चूत की फड़ाई कर रहा था, मेरी चूत को फाड़कर उसका भरता बना रहा था, आह इह्ह ओह्ह ओह, आह ह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह्व, इधर पति मेरी मुंह में अपना लंड डालकर मुंह को ही चूत की तरह चोदने लगे, मेरा दम घुटने लगा, मैंने उनका लंड मुंह से निकालकर चैन की सांस ली, उधर नागेन्द्र भी अपना लंड निकालकर मुझे चुसवाने लगा, ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गी गी गोग गोग, मौका मिलते ही अश्वनी मेरी चूत चोदने में मर्दानगी दिखा रहे थे, वो अपना लंड डाले खूब जोर की चुदाई करके मेरी चीखें निकलवा दी, मैं जोर से हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ऊँ ऊँ ऊँ सी सी सी सी हा हा हा ओ हो हो से चिल्लाने लगी, आवाज के साथ मेरी चुदाई भी बड़ी तीव्र गति से होने लगी, मैंने नागेन्द्र के लंड पर लगा अपनी चूत का माल चाटकर उसे फिर चुदने को तैयार कर दी

वो लंड हिलाते हुए अश्वनी के पास पहुंचा, दोनों एक साथ मेरी चुदाई करना चाहते थे, पति अश्वनी ने जाकर सोफे पर अपना आसन जमा लिया, मैं ब्लू फिल्म की पोर्न स्टारों की तरह उनके लंड पर जाकर बैठ गई, लंड के अंदर गांड में घुसते ही मैं धीरे-धीरे उई उई उई माँ ओह्ह्ह माँ अहह्ह्ह्हह की आवाज निकालकर पूरा लंड अपनी चूत में घुसा ली, उसके बाद मैं उछल-उछलकर अपनी गांड चुदवाने लगी, आऊ आऊ हमममम अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी हा हा हा, नागेन्द्र भी मुठ मारते हुए आकर मेरी चूत में अपना लंड घुसाने लगा, एक लंड गांड को फाड़ ही रहा था कि दूसरा भी आकर मेरी चूत को फाड़ने में लगा हुआ था, मेरी चूत में लंड घुसाकर वो भी आगे-पीछे होकर चोदने लगा, मुझे बहुत दर्द हो रहा था, पता नहीं कैसे लड़कियां ब्लू फिल्मों में चुदाई करवा लेती हैं, मेरी चूत और गांड दोनों दर्द से दप-दपाने लगी, उसके लंड ने मेरी हालत खराब कर दी, दोनों चुदाई की धुन में मस्त थे

अश्वनी अपनी गांड उठा-उठाकर मेरी गांड चुदाई कर रहे थे, नागेन्द्र भी अपनी कमर मटका-मटका कर चूत को फाड़ने में तुला हुआ था, दोनों को सेक्स करने में भरपूर मजा आ रहा था, मैं भी आऊ आऊ हमममम अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी हा हा हा की जोशीली आवाज निकालकर चुदवाने में मस्त थी, पति और देवर ने करीब 15 मिनट तक इसी तरह मुझे चोद डाला, दोनों थक-थककर खड़े हो गए, नागेन्द्र मेरी टांग उठाकर चोदने लगा, आह्ह ह्ह्ह इह्ह ओह्ह ऊउइ ऊई उईईई, अश्वनी ने मेरे मुंह में लंड डालकर मुठ मारने लगा, मैं उसके माल का बेसबरी से इंतजार कर रही थी, नागेन्द्र जी की चोदने की टाइमिंग भी ज्यादा थी, लेकिन पति अश्वनी तो मेरी मुंह में झड़ गए, मैंने उनका सारा माल पी लिया

वो थककर लेट गए, मेरी चूंचियों को सहला-सहला कर मजा लेने लगे, मेरे देवर नागेन्द्र जी का लंड अब भी मेरी चूत की चटनी बना रहा था, उसने मुझे उठाकर गोद में ले लिया, मुझे झूला झुलाकर चोदने लगे, इतना मजा तो मुझे आज तक नहीं आया था, मैं ही ही ही अ अ अ अ अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह उ उ उ की आवाज के साथ उछल-उछलकर चुदवा रही थी, वो भी ज्यादा देर तक नहीं रुक सका, उसने अपना माल निकालकर मेरी चूत में झड़ने को कहा, सारा माल मेरी चूत में डालकर मुझे मां बनाने की तैयारी करने लगा, मुझे नीचे उतारकर उसने बिस्तर पर मेरे साथ खूब मजा लिया, दोनों आगे-पीछे लेटकर रात भर मुझे परेशान करते रहते हैं, जब भी रात में किसी का लंड खड़ा होता है मेरा काम लगा देता है, कहानी आपको कैसे लगी अपनी कमेंट्स जरूर दें

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